रायपुर
रायपुर, 6 जनवरी। बारदाने की कमी के लिए भाजपा के आंदोलन को मोदी सरकार के खिलाफ आंदोलन निरूपित करते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के लिए बारदानों की अद्यतन स्थिति की जानकारी देते हुए कहा कि बारदानों की भाजपा की मोदी सरकार निर्मित कमी की स्थिति से निपटने के लिये छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार सतत् काम कर रही है। बारदानों की जो भी बची हुयी कमी है मोदी सरकार द्वारा ही जूट बारदानों की गठानें न देने के कारण है। इसलिए भाजपा का यह आंदोलन मोदी सरकार के ही खिलाफ है। धान खरीदी के लिये बारदाना की कमी के लिये मोदी सरकार ही जिम्मेदार है। छत्तीसगढ़ सरकार ने तो युद्ध स्तर पर बारदानों की सप्लाई सुनिश्चित की है।
मरकाम ने कहा है कि इस वर्ष अब तक धान खरीदी में बाधा डालने की तमाम कोशिशों के बावजूद अब तक 12.42 लाख किसानों से 57.37 लाख टन धान खरीदा जा चुका है। समर्थन मूल्य की राशि 9122 करोड़ रूपयें किसानों में वितरित भी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि बारदानों की संभावित कमी की प्रतिपूर्ति हेतु नये जूट बारदानों की अतिरिक्त मांग के साथ अन्य वैकल्पित प्रयास भी छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा निरंतर किए जा रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि पुराने इण्डेण्ट के विरूद्ध जूट कमिश्नर से 36 हजार गठान से अधिक नये जूट बारदाने की आपूर्ति अप्राप्त है। भारत सरकार से माह जनवरी 2021 में 35000 गठान नये जूट बारदानों की अतिरिक्त आपूर्ति की अनुमति मांगी गई है।
छत्तीसगढ़ सरकार तो बारदाना आपूर्ति को उच्च प्राथमिकता देते हुये जिला प्रशासन के माध्यम से पीडीएस बारदानों एवं मिलर के पुराने बारदानों के शत प्रतिशत संग्रहण हेतु निरंतर काम कर रही हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार ने तो एचडीपीई, पीपी बारदानों की आपूर्ति में कमी को दृष्टिगत रखते हुए 30 हजार गठान एचडीपीई, पीपी बारदानों के पुन: उपयोग की अनुमति प्रदान की गई है। बरदानों की संभावित कमी को देखते हुये किसान बारदानों के साथ समिति के पुराने जूट बारदानों में भी खरीदी हेतु भी किसान हितैषी छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रावधान किए हैं। अब तक लगभग 16 हजार गठान किसान बारदानों में एवं 114 गठान समिति बारदानों में खरीदी की जा चुकी है। किसान बारदानों हेतु कृषकों को 15 रू. प्रति बारदाना की दर से भुगतान किया जा रहा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में अनुमानित धान उपार्जन 89.00 लाख मे. टन हेतु लगभग 4.45 लाख गठान बारदानों की आवश्यकता है और बारदाना आपूर्ति की वर्तमान स्थिति इस प्रकार है-