रायपुर
![बहिष्कार के हजारों मामले, सक्षम कानून बने-डॉ. मिश्र बहिष्कार के हजारों मामले, सक्षम कानून बने-डॉ. मिश्र](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1612958941enesh-misr.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 10 फरवरी। अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ. दिनेश मिश्र ने बताया कि सामाजिक बहिष्कार के मामलों पर समिति के अभियान और पहल पर जशपुर एवं राजिम में दो परिवारों के सामाजिक बहिष्कार को खत्म करने में सफलता मिली है जबकि प्रदेश में अब भी हजारों परिवार बहिष्कार के दंश से प्रभावित हैं,जिनके लिए सक्षम कानून बनाये जाने की आवश्यकता है।
डॉ. दिनेश मिश्र ने बताया, जशपुर के पंडरी पानी, फरसाबहार ग्राम से सामाजिक बहिष्कार का एक मामला सामने आया था, जिसमे प्रवीण बंजारा ने जानकारी दी थी कि गांव के कुछ लोगों जिसमें सामाजिक पदाधिकारी शामिल ने सामाजिक बैठक बुलाकर उसमें उस का सार्वजनिक अपमान किया गया और बैठक में ही उसके सामाजिक बहिष्कार कर हुक्का पानी बन्द करने की घोषणा कर दी। उस बैठक में उसके परिजनों से पांच हजार रुपए जुर्माना भी लिया गया।
उक्त प्रवीण बंजारा नामक युवक ने कुछ समय पहले समाज से बाहर प्रेम विवाह किया था जिस के लिये उक्त युवक को दोषी मानकर सामाजिक पंचायत ने उक्त परिवार को बहिष्कार की सजा दी। उक्त युवक ने डॉ. दिनेश मिश्र को पत्र लिख कर अपनी परेशानियों व्यक्त की थी तथा बहिष्कार को खत्म करने में सहायता मांगी थी जिस पर कार्यवाही करते हुए डॉ. मिश्र ने युवक ,उसके परिजनों, समाज के पदाधिकारियों से, प्रशासन से भी सम्पर्क किया तथा चर्चा की जिस पर अंतत: उक्त परिवार का बहिष्कार वापस हुआ।
कुछ समय पूर्व राजिम के एक साहू परिवार ने समिति से अपने परिवार का बहिष्कार करने में मदद मांगी थी जिस पर उक्त परिवार के ग्राम जाकर समाज के पदाधिकारियों से चर्चा की, उन्हें समझ बुझा कर उक्त परिवार का बहिष्कार वापस हुआ। डॉ. मिश्र ने कहा किसी भी व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक रूप से प्रताडऩा देना,उस का समाज से बहिष्कार करना अनैतिक एवं गम्भीर अपराध है। इस मामले में स्थानीय प्रशासन, शासन को त्वरित कार्यवाही करनी चाहिए, वही सरकार को सामाजिक बहिष्कार के खिलाफ सक्षम कानून बनाना चाहिए ताकि प्रदेश के हजारों बहिष्कृत परिवारों को न केवल न्याय मिल सके बल्कि वे समाज में सम्मानजनक ढंग से रह सकें।