बस्तर
संक्रमण काल में धनपुंजी ओडिशा बार्डर का हाल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 22 अप्रैल। प्रदेश सहित बस्तर जिले में भी कोरोना ने अपना कहर बरसा रखा है, लगातार बढ़ रहे कोरोना के संक्रमण को देखते हुए कलेक्टर रजत बंसल ने एक हफ्ते का लॉकडाउन लगाने का आदेश जारी किया है, जो कि 15 से 22 अप्रैल तक लगाया गया था। लेकिन संक्रमण में हो रही वृद्धि को देखते हुए जिलाधीश ने लॉकडाउन को 26 अप्रैल तक बढ़ाने का आदेश जारी किया है। साथ ही शहर के सभी चौराहों पर पुलिस सहित राजपत्रित अधिकारियों को भी तैनात किया गया है। जो लोग अनावश्यक घर से बाहर निकल रहे हैं, अब उन्हें समझाइश देने के साथ ही उनका कोरोना टेस्ट भी किया जा रहा है।
अगर बात की जाए जिले के धनपुंजी ओडिशा बॉर्डर की तो जब ‘छत्तीसगढ़’ यहां पहुंचे और मौके का जायजा लिया तो पाया कि यहाँ पर सुरक्षा की दृष्टि से जो इंतेजाम किये जाने चाहिए, उसमें कमी नजऱ आ रही है। शिफ्ट के तहत अलग-अलग विभाग के कर्मचारियों की तैनाती तो की गई है लेकिन आने जाने वाले वाहन चालकों की कोरोना जाँच नहीं करना और बीते अ_ारह दिन में एक भी पॉजिटिव केस न आना यह भी समझ से परे है।
जब ‘छत्तीसगढ़’ ने इसकी पड़ताल की तो पाया कि जिले के बॉर्डर में सभी की कोरोना टेस्ट नहीं की जा रही है। बल्कि थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही टेम्परेचर के हिसाब से लोगों का कोविड टेस्ट किया जा रहा है। जिससे अब तक 86 लोगों के टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आये है। मौके पर हमने पाया कि कई गाडिय़ां ऐसी भी थी, जो बिना थर्मल स्कैनिंग के भी बार्डर से जिले में प्रवेश हो गई, लेकिन जिला प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि जो लोग अंदरूनी रास्तों से जिले की सीमा में प्रवेश कर रहे हैं, उन पर किस तरह से रोक लगाई जा सकती है क्योंकि सडक़ पर चेक पोस्ट लगाने से लोग अंदरूनी रास्तों से जिले में प्रवेश कर रहे हैं। जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है।
ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी ने बताया कि जाने वाले सभी लोगों की थर्मल स्कैनिंग के बाद टेम्परेचर ज्यादा होने पर ही उनका कोविड टेस्ट किया जा रहा है। उन्हीं लोगों पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है जो लोग ओडिशा में कुछ दिन बिता कर यहा प्रवेश कर रहे हैं और ऐसे लोगों को होम क्वारंटीन होने समझाइश भी दी जा रही है।