रायपुर

गौठानों में उत्पादित वर्मी और सुपर कम्पोस्ट खाद विक्रय के लिए उपलब्ध
08-Jul-2021 5:43 PM
गौठानों में उत्पादित वर्मी और सुपर कम्पोस्ट खाद विक्रय के लिए उपलब्ध

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 8 जुलाई। छत्तीसगढ़ शासन की गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालकों से दो रूपए प्रति किलोग्राम की दर से शासन द्वारा गौठानों में गोबर खरीदा जा रहा है। इस योजना से पशुपालकों को दोहरा लाभ मिल रहा है। गाय, भेैंस से दुग्ध उत्पादन कर पशुपालक अच्छी कमाई कर ही रहे हैं। अब गोबर बेचकर उन्हें अतिरिक्त आमदमी होने लगी है। गौठान समितियां खरीदे गये गोबर से अच्छी किस्म का वर्मी और सुपर कम्पोस्ट खाद तैयार किया जा रहा है। गौठानों में अब विक्रय के लिए यह उपलब्ध है। कोई भी व्यक्ति अपने शहर या गांव के गौठान में अपनी जरूरत के हिसाब से साग-सब्जी और अनाज की फसलों के लिए वर्मी खाद 10 रूपए प्रति किलों तथा सुरप कम्पोस्ट 6 रूपए प्रति किलो की दर से खरीद सकता है।

प्रदेश के विभिन्न जिलों में वर्मी और सुपर कम्पोस्ट को खरीदने किसान आगे  आ रहे हैं। बिलासपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र में स्थित 86 गौठान व शहरी क्षेत्रों के 7 गौठानों में गौठान समितियों के माध्यम से खरीदे गये गोबर से वर्मी और सुपर कम्पोस्ट खाद तैयार किये जा रहे है।

ग्रामीण क्षेत्र के गौठानों में 6240.60 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट और 6377.50 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट खाद विक्रय के लिए उपलब्ध है। इसी तरह शहरी क्षेत्र के गौठानों में 514.14 क्विंटल वर्मी और 1996.08 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट खाद उपलब्ध है। वर्मी खाद 10 रूपये प्रतिकिलो और सुपर कम्पोस्ट खाद 6 रूपये प्रतिकिलों की दर से मिल रहा है।

उप संचालक कृषि बिलासपुर ने बताया कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय बिलासपुर द्वारा अनुशंसित मात्रा अनुसार वर्मी कम्पोस्ट खाद ढाई क्विंटल और सुपर कम्पोस्ट खाद 5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से खेतों में उपयोग करना चाहिए। सुपर कम्पोस्ट खाद की अपेक्षा वर्मी खाद में नाईट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश की मात्रा ज्यादा होती है। जो किसान पूर्ण रूप से जैविक खेती करना चाहते हैं, वे शतप्रतिशत जैविक खाद का ही उपयोग करें, लेकिन जो किसान प्रारंभिक रूप से जैविक खेती कर रहे हैं, उन्हें 75 प्रतिशत रासायनिक खाद व 25 प्रतिशत जैविक का उपयोग करना चाहिए।

गौठानों में उत्पादित जैविक खाद मिट्टी को हल्का और उपजाउ बनाती है तथा पोषण क्षमता व जलधारण क्षमता में वृद्धि करती है। किसान जैविक खाद के संबंध में ज्यादा जानकारी के लिए उप संचालक कृषि कार्यालय में या ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।

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