रायपुर

एम्स में 3 नए स्पेशल क्लीनिक प्रारंभ आर्थराइटिस, डायबिटीज, बुजुर्गों और सिकल सेल रोगियों को मिलेगी राहत
08-Jul-2021 5:51 PM
एम्स में 3 नए स्पेशल क्लीनिक प्रारंभ आर्थराइटिस, डायबिटीज, बुजुर्गों और सिकल सेल रोगियों को मिलेगी राहत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 8 जुलाई। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायपुर ने तीन नए स्पेशल क्लीनिक प्रारंभ किए हैं। इनमें रिम्यूटोलॉजी एंड इम्योनोलॉजी, सिकल सेल क्लीनिक और बुजुर्गों के लिए जिरियाट्रिक स्पेशल क्लीनिक शामिल हैं। यह सभी क्लीनिक मेडिसिन विभाग के निर्देशन में प्रत्येक बुधवार और गुरुवार दोपहर दो से चार बजे तक संचालित होंगे। इनसे मेडिसिन विभाग में आने वाले बड़ी संख्या में रोगियों को काफी राहत मिलेगी और उन्हें इलाज के लिए लंबी लाइन में नहीं लगना पड़ेगा। एम्स ऐसे रोगियों के लिए विशेष व्यवस्था कर रहा है।

निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने बताया कि मेडिसिन विभाग में सबसे अधिक रोगी पहुंचते हैं। प्रतिदिन औसतन 350 से 400 रोगी यहां इलाज के लिए आ रहे हैं। ऐसे में कुछ विशेष बीमारियों के लिए अलग से स्पेशल क्लीनिक बनाए गए हैं। यह सभी क्लीनिक जून के आखिरी सप्ताह से प्रारंभ हो गए हैं। इनमें रिम्यूटोलॉजी और इम्योनोलॉजी क्लीनिक प्रत्येक बुधवार को दोपहर दो से चार बजे तक संचालित होगा। इसमें ऑटो इम्यून डिसऑर्डर्स, आर्थराइटिस, एसएलई, नसों का दर्द और डायबिटीज जैसे रोगियों को विशेष रूप से चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जाएंगी। इसमें डॉ. केशो नागपुरे और डॉ. जसकेतन मेहर रोगियों को परामर्श प्रदान करेंगे।

दूसरा स्पेशल क्लीनिक सिकल सेल से संबंधित होगा जो प्रति सप्ताह गुरुवार को दोपहर दो से चार बजे तक संचालित होगा।

इसमें डॉ. पीएन वासनिक और डॉ. पंकज कुमार कनौजे सिकल सेल के रोगियों को परामर्श देंगे। इसमें सिकल सेल के रोगियों को ब्लड ट्रांसफ्यूजन की सेवाएं शीघ्र प्रदान कर उन्हें राहत देने की कोशिश की जाएगी। प्रो. नागरकर ने बताया कि यदि सिकल सेल की बीमारी को विशेषकर बच्चों और युवाओं में शीघ्र पहचान लिया जाए तो इलाज ज्यादा लाभकारी हो जाता है।

तीसरा क्लीनिक बुजुर्गों के लिए जिरियाट्रिक क्लीनिक होगा। यह भी प्रत्येक गुरुवार को दोपहर दो से चार बजे तक संचालित होगा। इसमें डॉ. प्रणीता, डॉ. पीएन वासनिक और डॉ. गेवेश चंद देवांगन चिकित्सकीय परामर्श प्रदान करेंगे। इसमें 60 वर्ष से अधिक उम्र में होने वाले रोगों के लिए विशेष चिकित्सकीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसमें डिम्नेशिया, पार्किसंन, अल्जाइमर जैसी गंभीर बीमारियां, मांसपेशियों का कमजोर होना, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, पाचन तंत्र का कमजोर होना जैसे प्रमुख बीमारियां शामिल हैं।

प्रो. नागरकर ने बताया कि अब इन सभी रोगियों को इलाज के लिए नियमित लाइन में नहीं लगना पड़ेगा। अलग क्लीनिक होने से इनकी चिकित्सकीय निगरानी प्रभावी हो सकेगी। इनके लिए अलग कार्ड बनाकर डेटा एकत्रित किया जाएगा जो भविष्य़ में चिकित्सकीय शोध में प्रयोग किया जा सकेगा। इन सभी क्लीनिक में मेडिसिन के साथ पीडियाट्रिक, आर्थो, साइकेट्री, फीजियोथैरेपी जैसे विभाग भी अपनी चिकित्सकीय सहायता प्रदान करेंगे।

मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रो. विनय पंडित ने बताया कि मेडिसिन विभाग में प्रतिदिन आने वाले औसतन 350 से 400 रोगियों में 20 प्रतिशत इन्हीं स्पेशल क्लीनिक के रोगी होते हैं। नई व्यवस्था से रूटीन ओपीडी में रोगियों की संख्या कम होगी वहीं स्पेशल क्लीनिक में इन रोगियों पर जल्द और विशेष ध्यान दिया जा सकेगा।

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