रायपुर
![विश्वविद्यालयों में संस्कृत, और उर्दू विभाग खोले सरकार-रिजवी विश्वविद्यालयों में संस्कृत, और उर्दू विभाग खोले सरकार-रिजवी](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1625919047611842327G_LOGO-001.jpg)
रायपुर, 10 जुलाई। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के मीडिया प्रमुख व वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री का ध्यान आकर्षित कर कहा है कि प्रदेश के किसी भी शासकीय एवं निजी विश्वविद्यालयों में संस्कृत एवं उर्दू जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर उच्च शिक्षा ग्रहण करने का रास्ता बंद है जो वाजिब नहीं है।
संस्कृत देश की प्राचीनतम भाषा है तथा भारतीयों की धरोहर भी है। प्राचीन एवं धार्मिक ग्रंथों के समुचित अध्ययन एवं जानकारी प्राप्त करने संस्कृत का ज्ञान आवश्यक है। उसी प्रकार उर्दू भाषा भी भारतीय है जिसे गैर मुस्लिम भी पढऩे के इच्छुक पाए जाते हैं। बोलचाल के लिए हिन्दी भाषी भारतीय जनता में उर्दू भाषा का इस्तेमाल प्राय: देखा जा सकता है। संस्कृत एवं उर्दू भाषाओं का जनक भारतवर्ष ही है जो केवल हमारे देश की ही उपज है।
रिजवी ने कहा है कि संस्कृत एवं उर्दू विषयों के महत्व को देखते हुए प्रदेश के सभी शासकीय एवं निजी विश्वविद्यालयों में इन दोनों भाषाओं के विभाग का गठन किया जाए जो वक्त का तकाजा है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सभी विश्वविद्यालयों एवं कालेजों में संस्कृत एवं उर्दू दोनों भाषाओं के विभाग प्रारंभ किए जाए। कांग्रेस के ही प्रथम मुख्यमंत्री स्व. श्री अजीत जोगी ने पहल करते हुए 473 उर्दू शिक्षकों के पद शिक्षा विभाग के सर्वेक्षण उपरांत स्वीकृत किए थे जिसे भाजपा ने 15 साल तक रोके रखा तथा ढाई साल से कांग्रेस सरकार भी मौन साधे हुए है। ढाई साल में एक भी उर्दू शिक्षक की नियुक्ति नहीं की गई जो उर्दू भाषा एवं उर्दू भाषा के जानकार लोगों की उपेक्षा को दर्शाता है।