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अरूण भद्रा ने पद लौटाने की घोषणा की
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 जुलाई। निगम-मंडलों की दूसरी सूची में जिलेवार प्रतिनिधित्व देने की भरपूर कोशिश की गई। किन्तु कई नेता अभी भी असंतुष्ट हैं। कुछ ने तो सोशल मीडिया, और फेसबुक के जरिए अपनी भावनाओं का इजहार कर दिया। प्रदेश कांग्रेस के सचिव अरूण भद्रा ने तो वाट्सएप मैसेज भेजकर अपना पद लौटाने की घोषणा भी कर दी है।
भद्रा को आरडीए के संचालक मंडल का सदस्य बनाया गया है। इससे वे संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने वाट्सएप मैसेज में सभी सदस्यों को बधाई दी है। उन्होंने अपने मैसेज में लिखा कि सीएम चुनाव के पहले प्रदेश अध्यक्ष के रूप में प्रदेश स्तरीय काम सौंपते थे, और उसी दमदारी से पार्टी हित में काम को सफल बनाने का प्रयास करता था, जो कि जग जाहिर है।
सरकार बनने के बाद कांग्रेस ने जो भी मुझे काम सौंपे हैं, उसे निभाया है। उन्होंने आगे लिखा कि नए सरकारी पद, और सुविधा को स्वीकार नहीं कर रहा हूं। यह किसी समर्पित साथी को देना ही सार्थक होगा। इसी तरह कोरबा के पार्षद रहे महेन्द्र सिंह चौहान ने अर्चना उपाध्याय को राज्य महिला आयोग का सदस्य बनाने का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि महापौर चुनाव के दौरान रेणु अग्रवाल का खुलकर विरोध किया था। बहुत सारे अपशब्दों का प्रयोग किया था। यदि इसी तरीके से कांग्रेस में सदस्यों की नियुक्ति होती है, तो कांग्रेस को राम-राम।
दूसरी तरफ, कई बड़े नेता भी सूची में जगह नहीं मिलने से मायूस हैं। पूर्व विधायक रमेश वल्र्यानी, दीपक दुबे, सुभाष शर्मा सहित कई नेताओं का नाम चर्चा में था, लेकिन उन्हें जगह नहीं मिल पाई। दूसरी सूची में नाम नहीं आने से कई और नेता खफा हैं, और सोशल मीडिया में अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। हालांकि अभी भी दर्जनभर से अधिक निगम-मंडलों में नियुक्तियां होनी बाकी है। जिन निगम-मंडलों में अभी नियुक्तियां नहीं हुई है उनमें सीएसआईडीसी, मार्कफेड, मंडी बोर्ड, ब्रेवरेज कॉर्पोरेशन, पर्यटन बोर्ड, उर्दु अकादमी, सिंधी अकादमी, राजभाषा आयोग, मदरसा बोर्ड सहित कई अन्य हैं।
समन्वय में सिर्फ अफसरों के तबादले हो रहे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 जुलाई। प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने सीएम भूपेश बघेल के तबादले पर प्रतिबंध संबंधी विचार का समर्थन करते हुए तबादले पर प्रतिबंध हटने से व्यापक स्तर पर कर्मचारी परेशान होते है, लेकिन समन्वय में सीएम तक तबादला प्रकरण केवल अफसरों के ज्यादा जा पाते है। वर्तमान में बड़े अफसरों के तबादले प्रतिदिन हो रहे है, तृतीय चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों को अनेक समस्याएं है।
संघ के प्रांतीय अध्यक्ष विजय कुमार झा, जिला शाखा अध्यक्ष इदरीश खॉन ने बताया कि कोरोना काल में विगत् दो वर्षो से तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों के लिए तबादले पर प्रतिबंध है। अत्यंत जरूरी व मुख्यमंत्री के समन्वय तक पहुंचने वाले इक्का दुक्का प्रकरणों में तबादला हो पाया है। किंतु कोरोना काल में दिवंगत पति की पत्नी अथवा दिवंगत पत्नी के पति, बुजुर्ग दिवंगत माता पिता या गंभीर बीमारी यथा केंसर, किडनी, ब्रेन हेम्रेज जैसे प्रकरणों के परिजन प्रतिबंध होने के कारण परेशान है।
शासन के तबादले नीति में पति-पत्नी को एक स्थान पर, बुजुर्ग माता पिता की वृद्वावस्था में सेवा करने उनके पास स्थानांतरित होने जैसे प्रकरणों में अल्प वेतन भोंगी निचले स्तर के मैदानी तृतीय व चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों को समन्वय से अपेक्षित लाभ नहीं पा रहा है। अनेक स्वास्थ, पुलिस व राजस्व के कर्मचारी कोरोना काल में पति-पत्नी पृथक पृथक सिानों में तथा बच्चे व वृद्व माता पिता दूसरे स्थान में रहने के लिए विगत् 2 वर्ष से मजबूर है।
जहां तक तबादला में आर्थिक व्यय बजट भार का प्रश्न है, तो सरकार तबादले के इच्छुक कर्मचारियों से कोरोना संक्रमण संबंधी व निधन संबंधी प्रमाण पत्र प्राप्त कर उन्हें प्राथमिकता के आधार पर स्वेच्छा से तबादला करने की व्यवस्था करें। ऐसे कर्मचारियों से लिखित में वचन पत्र ले लिया जावे कि वे स्थानांतरण उपरांत तबादला यात्रा भत्ता, लोडिंग अनलोडिंग आदि के देयक प्रस्तुत कर राशि की मांग नहीं करेगें। संघ ने कुल मिलाकर कोरोना पीडि़त तृतीय चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों का स्वेच्छा से तबादले की व्यवस्था किए जाने की मांग की है, चाहे समन्वय के माध्यम से हो या अन्य व्यवस्था जो शासन व कर्मचारी के हित में है, सरकार कर सकती है। प्रतिबंध हटने से ‘तबादला उद्योग‘ का खतरा बना रहता है।
संघ के प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष अजय तिवारी, महामत्री उमेश मुदलियार, संभागीय अध्यक्ष संजय शर्मा, प्रांतीय सचिव रामचद्र ताण्डी, सुरेन्द्र त्रिपाठी, विमलचंद्र कुण्डू विश्वनाथ ध्रुव, संजय झड़बड़े, मनोहर लोचन, आलोक जाधव, राजू मुदलियार, रविराज पिल्ले, सुंदर यादव, प्रदीप उपाध्याय, प्रकाश ठाकुर, सुनील शर्मा, कुंदन साहू, डॉ. अरूंधति परिहार, एजे नायक, राजकुमार देशलहरे, संतोष धनगर आदि नेताओं ने तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के स्वेच्छिक स्थानांतरण, आपसी स्थानांतरण, की व्यवस्था करने की मांग मुख्यमंत्री से की है।
रायपुर, 16 जुलाई। छतीसगढ़ विंधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व भाजपा के वरिष्ठ नेता धरम लाल कौशिक ने कोरोना पर छतीसगढ़ सरकार के रवैये पर भारी निराशा जताई है ।
श्री कौशिक ने कहा जहां देश भर में कोरोना के मामले कम हो चुके है वहीं छतीसगढ़ में सुकमा, कोंडागाँव और कबीरधाम से राजनांदगांव पहुँचे 35 जवानों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने से सरकार के सारे दावों की पोल खोल गयी है।
श्री कौशिक ने कहा आखिर इतनी बड़ी संख्या में संक्रमण कैसे फैला? सरकार अपनी गहरी निंद्रा से क्यों नही जागती?इस घटना के बाद अगर राजनांदगांव में मामले बढ़ जाये तो वहाँ की जनता बिना किसी गलती के क्यों भुगते? श्री कौशिक ने कहा सुदूर बस्तर के इलाकों में सरकार ने कोरोना फैला ही रखा है परंतु राजधानी रायपुर का भी बुरा हाल है। रायपुर के डीडी नगर रोहिनीपुरम में 7 दिन पहले हुई शादी में 22 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए है जिसमे दूल्हा भी संक्रमित हुआ।
श्री कौशिक ने कहा आखिर ऐसे ही चलेगा तो तीसरी लहर को कौन रोक पायेगा। पिछले दिनों प्रदेश ने एक ऐसा दौर देखा है जिसमे हर घर मे मातम था लोग अस्पताल, दवाईया हर चीज़ के लिए दर दर की ठोकरे खा रहे थे इलाज के अभाव में कई लोगो की जान गई क्या सरकार को इस बात का दुख नही, तो क्यों फिर से सरकार कुम्भकर्णी नींद में सो गई है और कोरोना के प्रति लापरवाही बरत रही है।
श्री कौशिक ने मांग की प्रदेश में टेस्टिंग की संख्या को बढ़ाकर ,सार्वजनिक आयोजनों पर कोरोना नियमो के पालन करवाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए,साथ ही बाजारों सहित सभी सार्वजनिक स्थानो पर सामाजिक दूरी व मास्क के नियमो का कड़ाई से पालन हो इसकी चिंता की जाए,छतीसगढ़ के बॉर्डर्स पर कड़ी निगरानी के साथ ,खुद की गाडिय़ों से अन्य प्रदेशों से आने वाले लोगो का पूरा रिकॉर्ड रख उनकी टेस्टिंग हो साथ ही रेलवे स्टेशन,एयरपोर्ट्स सहित सभी जगहों पर 100 प्रतिशत लोगो जांच की जाए ।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 जुलाई। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायपुर में सडक़ दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से घायल रोगियों के लिए स्पेशल क्लीनिक बनाया गया है। यह क्लीनिक बर्न्स एंड प्लास्टिक सर्जरी विभाग द्वारा प्रत्येक गुरुवार को दोपहर दो से चार बजे तक संचालित किया जाएगा। इसमें प्रमुख रूप से ब्रेकियल प्लेक्शस और पेरिफेरल नर्व के रोगियों को विशेष उपचार प्रदान किया जाएगा। इसकी मदद से दुर्घटनाओं में घायलों को दोबारा सामान्य जीवन यापन में काफी मदद मिलेगी। प्रदेश में प्रतिवर्ष लगभग 10 हजार सडक़ दुर्घटनाओं में गंभीर घायलों को इसका लाभ मिल सकेगा।
नेशनल प्लास्टिक सर्जरी दिवस पर विभाग में स्पेशल क्लीनिक का उद्घाटन करने के बाद निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने कहा कि ब्रेकियल प्लेक्शस शरीर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है जिसकी मदद से नर्व के सिग्नल दिमाग से शरीर के विभिन्न हिस्सों तक पहुंचते हैं। प्रदेश में बढ़ती सडक़ दुर्घटनाओं में इस प्रकार के रोगियों की संख्या भी बढ़ रही है। ज्यादातर दो पहिया वाहन चलाने वाले युवा वर्ग के रोगी होते हैं। एक बार दुर्घटना में यह भाग क्षतिग्रस्त होने से शरीर का ऊपरी भाग कार्य करना बंद कर देता है। छत्तीसगढ़ में प्रति वर्ष दस हजार से ज्यादा सडक़ दुर्घटनाएं होती हैं जिन्हें समय पर उपचार न मिलने की वजह से रोगी शारीरिक रूप से अक्षम हो जाते हैं। स्पेशल क्लीनिक ऐसे रोगियों को उपचार प्रदान करेगा।
विभागाध्यक्ष जितेन कुमार मिश्रा ने कहा कि इस प्रकार के दुर्घटनाग्रस्त रोगियों को समयबद्ध तरीके से उपचार प्रदान किए जाने की आवश्यकता होती है। अभी तक इन रोगियों को अन्य प्रदेशों में इलाज के लिए भेजा जाता था मगर विशेष क्लीनिक में इनका उपचार संभव हो सकेगा। यहां सर्जरी के साथ काउंसलिंग और पुनर्वास की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। एम्स में एमआरआई और अल्ट्रासोनोग्राफी की सुविधा पूर्व से उपलब्ध है। अत: उपचार में कोई दिक्कत नहीं आएगी।
इस अवसर पर डीन प्रो. एस.पी. धनेरिया, उप-निदेशक (प्रशासन) अंशुमान गुप्ता, वित्तीय सलाहकार बी.के. अग्रवाल, प्रो. आलोक अग्रवाल, डॉ. शमेंद्र आनंद साहू और डॉ. मोमिता दे भी उपस्थित थी।
रायपुर, 16 जुलाई। छत्तीसगढ़ राज्य, छत्तीसगढ़ी राजभाषा निर्माण के प्रमुख आंदोलनकारी एवं छत्तीसगढ़ी पत्रकारिता के पुरोधा जागेश्वर प्रसाद द्वारा रचित निबंध संग्रह ‘हीरा छत्तीसगढ़’ का विमोचन उनके 76 वें जन्मदिन के अवसर पर आज आनंद समाज वाचनालय सभागार में किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. शिवशंकर पांडेय, अध्यक्षता किए वरिष्ठ कवि, गीतकार रामेश्वर वैष्णव तथा विशेष अतिथि के रूप में वरिष्ठ संस्कृति कर्मी अशोक तिवारी उपस्थित थे।
इस अवसर पर मां शारदा के छायाचित्र में माल्यार्पण कर कार्यक्रम संचालक डॉ. देवधर दास महंत ने छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के प्रमुख आंदोलनकारी एवं छत्तीसगढ़ी पत्रकारिता के पुरोधा जागेश्वर प्रसाद को 76 वें जन्मदिन की बधाई देते हुए अतिथियों के करकमलों द्वारा ‘हीरा छत्तीसगढ़’ का विमोचन कराया गया।
महाकवि रविन्द्र नाथ टैगोर जी से प्रेरित होकर छत्तीसगढ़ राज्य के अनमोल हीरा जागेश्वर प्रसाद जी द्वारा लिखित 23 निबंधों के संग्रह में टैगोर जी की कृति ‘आमार सोनार बांगला’ की तरह ही छत्तीसगढिय़ा समाज को जागृत करने वाले संदेश के साथ ही छत्तीसगढ़ के 16 विभूतियों की जीवन परिचय का भी सामवेश किया गया है।
विमोचन समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. शिवशंकर शुक्ल ने इस अवसर पर जन्मदिन की बधाई देते हुए कहा कि ‘हीरा छत्तीसगढ़’ के लेखक जागेश्वर स्वयं छत्तीसगढ़ के लिए अनमोल हीरा हैं। इस प्रदेश में साहित्य को लेकर बहुत बड़ा काम हुआ है, लेकिन ये हमारी विडंबना रही कि राष्ट्रीय स्तर पर पहचान नहीं मिल पाया। छत्तीसगढ़ में ऐसे अनमोल रत्नों का भंडार है जिसे तरासने की जरूरत है। रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय द्वारा छत्तीसगढ़ी भाषा में एमए कराया जा रहा है, जो भाषा के विकास के लिए एक बड़ा काम है, इसे और आगे बढ़ाना युवा पीढी की जिम्मेदारी है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरिष्ठ संस्कृति कर्मी अशोक तिवारी जी ने कहा कि 50 वर्षों से संस्कृति के क्षेत्र में काम कर रहा हूं और इस दौरान भारत के कई राज्यों की संस्कृति को जानने का मौका मिला है।
छत्तीसगढ़ के संदर्भ में कहा जाए तो यहां अलग राज्य बनने के बाद भी भाषा और संस्कृति को लेकर कोई ठोस कार्य प्रदेश सरकार द्वारा नहीं किया गया है। सन् 1875 के आसपास असम में बसे छत्तीसगढ़ के मूल निवासी हमसे बेहतर अपनी संस्कृति को सहेजने का कार्य कर रहे हैं। वें मीलों दूर असम में बसे होने के बावजूद छत्तीसगढ़ी संस्कृति को बचाने के लिए निरंतर बैठक, विचार संगोष्ठी आदि करते रहते हैं। प्रदेश सरकार में नेता और मंत्री भले ही छत्तीसगढिय़ा है लेकिन जो लोग इस राज्य को चला रहे हैं उन्हे यहां की संस्कृति और भाषा से कोई सरोकार नहीं है। अफसरों की यही सोच छत्तीसगढ़ की संस्कृति की दुर्गति का कारण है।
इस अवसर ‘हीरा छत्तीसगढ़’ के लेखक जागेश्वर प्रसाद जी ने अपनी कृति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ी बोलने मात्र से ही भाषा की सेवा नहीं हो जाती, उसके लिए तड़प होनी चाहिए। आज प्रदेश के मुखिया छत्तीसगढ़ की पृष्ठ भूमि से है लेकिन वें भी अपनी मूल से हटकर, तीज-त्योहारों में संस्कृति को समेट रहे हैं। जबकि पहली प्राथमिकता छत्तीसगढ़ी भाषा का राजकाम में उपयोग करना और प्राथमिक कक्षा तक पढ़ाई कराने की होनी चाहिए, जो अब तक नहीं हो रहा है। पढा़ई के माध्यम और आठवीं अनुसूची के लिए अभी और लड़ाई लडऩे की जरूरत है साथ ही हमें छत्तीसगढिय़ा मुख्यंमंत्री को भी छत्तीसगढ़ी भाषा में काम करने के लिए बाध्य करना होगा। कार्यक्रम में आगे आभार व्यक्तगव्य में देते हुए प्रदेश के वरिष्ठ कवि, गीतकार रामेश्वर वैष्णव ने कहा कि वतर्मान मुख्यमंत्री से बहुत ही ज्यादा आपेक्षा है। कला-साहित्य-संस्कृति की समझ के साथ ही वें छत्तीसगढ़ के राजगीत के रचयिता डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा के परिवार से ताल्लु्क रखते हैं। श्री वैष्णव कहते है कि राजकाज, पढ़ाई और आठवीं अनुसूची से भी ज्यादा जरूरी काम भाषा का मानकीकरण है। छत्तीसगढ़ी लेखन में एकरूपता नहीं है, लेखक अपनी-अपनी आंचलिकता के प्रभाव में शब्दों को विकृत ढंग से लिख रहे हैं। यदि राजभाषा को समृद्ध करना है तो मानक शब्दावली जरूरी है।
विज्ञप्ति के माध्यम से बताया गया कि जागेश्वर प्रसाद जी द्वारा रचित निबंध संग्रह ‘हीरा छत्तीसगढ़’ के विमोचन के अवसर पर साहित्यकार डॉ. पंचराम सोनी, रामेश्वर शर्मा, चंद्रशेखर चकोर, जयंत साहू, गोविंद धनगर, डॉ. पुरूषोत्तम चंद्राकर, मन्नूलाल यदु, विमल कुर्रे, काविश हैदरी, देवेन्द्र कश्यप, सुश्री ममता अहार, डॉ. आर. डी. मानिक, अशोक कश्यप, डॉ. रामलाल वर्मा, रमेश दानी, इंद्रदेव यदु, बंधु राजेश्वर राव खरे, डॉ. सुखदेव राम साहू, डॉ. मुक्ति बैस, इंजी. अशोक ताम्रकार, अनिल दुबे, शीलकांत पाठक एवं डॉ. अर्चना पाठक सहित अन्य कलाकार, गीतकार व बुद्धिजीविगण शामिल थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 जुलाई। आखिरकार सरकार के डेढ़ दर्जन निगम-मंडलों में नियुक्तियां की गई हैं। दूसरी सूची में दिग्गज नेताओं को जगह मिली है। सहकारी बैंकों में भी मनोनयन हुआ है। सूची में क्षेत्रीय संतुलन पर विशेष ध्यान दिया गया है। तीसरी सूची 15 अगस्त के बाद आने की संभावना है।
पार्टी के सभी दिग्गज नेताओं की सिफारिशों को महत्व दिया गया है। सरकार के मंत्री अपने करीबियों को निगम-मंडल में जगह दिलाने में कामयाब रहे। जिन लोगों को जगह मिली है उनमें ज्यादातर लोग संगठन में काफी सक्रिय रहे हैं, और वे पिछले 15 वर्ष तक संघर्ष करते रहे हैं।
जिनको जगह मिली वे इस प्रकार हैं। अश्विनी साहू, कृषि उपज मंडी दुर्ग, पंकज शर्मा, प्रमोद नायक, नवाज खान, जवाहर वर्मा, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक अध्यक्ष, विजय बघेल, वेदराम मनहरे अंत्यवसायी वित्त विकास निगम सदस्य, विपिन साहू दुग्ध संघ अध्यक्ष, श्रीमती तेजकुंवर नेताम बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष नियुक्त।
इसी प्रकार भानुप्रताप सिंह (अध्यक्ष), गणेश ध्रुव, अमृत टोप्पो, श्रीमती अर्चना पोर्ते अनुसूचित जनजाति आयोग सदस्य, किशन खण्डेलवाल, हेमंत देवांगन, कौशल चंद्राकर, जगदीश मेहर खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड सदस्य, अग्नि चंद्राकर (अध्यक्ष), जालम सिंह पटेल, दिलीप पाण्डे, शंकर बघेल बीज विकास निगम सदस्य, रामकुमार पटेल (अध्यक्ष), दुखुक पटेल, हरी पटेल, अनुराग पटेल, पवन पटेल शाकंभरी बोर्ड सदस्य, मन्नालाल यादव (उपाध्यक्ष), अटल यादव, शेखर त्रिपाठी, नरेन्द्र यादव, पुरूषोत्तम साहू, प्रशांत मिश्रा गौ सेवा आयोग सदस्य, सर्जियस मिंज वित्त आयोग अध्यक्ष, जितेन्द्र मुदलियार(अध्यक्ष), उत्तम वासुदेव, अजय सिंह युवा आयोग सदस्य।
इसी प्रकार नीता विश्वकर्मा, शशिकांता राठौर, अर्चना उपाध्याय, तुलसी साहू, अनिता रावटे राज्य महिला आयोग सदस्य, शारिक रईस खान, नरेश देवांगन, अम्बालिका साहू, सुशाती राय, नवीन सिंह, झुमुक साहू, मनोज ठाकुर श्रम कल्याण मंडल सदस्य, संगीता सिन्हा, अनिता शर्मा, अजय साहू, विनोद तिवारी छग राज्य गृह निर्माण मंडल सदस्य, सूर्यमणि मिश्रा (उपाध्यक्ष), शिव सिंह ठाकुर, राजेन्द्र पप्पू बंजारे, ममता राय, हिरेन्द्र देवांगन, अरूण भद्रा, मुकेश साहू रायपुर विकास प्राधिकरण सदस्य, ज्ञानेश शर्मा (अध्यक्ष), रवि बक्श, रविन्द्र सिंह, गणेश योगी, राजेश नारा योग आयोग सदस्य, संदीप साहू तेलघानी बोर्ड अध्यक्ष, चक्रधर सिंदार, मोहित केरकेट्टा (उपाध्यक्ष), आशीष छाबड़ा, अनुप नाग, ममता चंद्राकर, विनय भगत मुख्यमंत्री अधोसंरचना एवं उन्नयन विकास प्राधिकरण सदस्य, सुशील सन्नी (अध्यक्ष), श्याम जायसवाल, अनिल सिंह, मंजू सिंह, बलराम मौर्य, दुर्गश जायसवाल भवन सन्निर्माण कर्मकार मंडल सदस्य, महेन्द्र चंद्राकर (उपाध्यक्ष), बसंत टाटी, नागेन्द्र नेगी, संजय गुप्ता, भगवान पटेल, जानकीराम सेठिया, नंदकुमार पटेल, डेहराराम साहू, खम्मन पटेल, जगदीश दीपक, शरद यादव, श्रवण चंद्राकर, शशि गौर, चुन्नीलाल वर्मा कृषक कल्याण परिषद सदस्य हैं।
रायपुर, 15 जुलाई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आज शाम यहां उनके निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ जनपद पंचायत अध्यक्ष संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती भूमिका कत्थाकार के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने सौजन्य मुलाकात की।
श्री बघेल से मुलाकात के दौरान जनपद पंचायत अध्यक्ष संघ के प्रतिनिधि मंडल ने क्षेत्र में चलाए जा रहे विकास कार्यों के बारे में उन्हें अवगत कराया और लोगों के उत्थान के लिए इसे महत्वपूर्ण बताया। इस दौरान प्रतिनिधि मंडल ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना सहित नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी आदि अनेक कार्यक्रमों का भी उल्लेख करते हुए कहा कि इससे गांव, गरीब तथा किसान आदि सभी वर्ग के लोगों को आगे बढ़ने के लिए बेहतर अवसर मिला है। इस अवसर पर प्रतिनिधि मंडल में टिकेश साहू, बसंत आडिल, श्रीमती सत्यभामा नाग, जागरूप सोनकर, जगन राम भगत आदि उपस्थित थे।
रायपुर, 15 जुलाई। लड़की के नाम से फ़र्ज़ी फ़ेसबुक आईडी बनाकर लोगों से दोस्ती कर वीडियो कॉल कर अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल कर रकम उगाही करने वाला अलवर राजस्थान का आरोपी लियाकत खान को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी के विरुद्ध थाना आरंग में अपराध क्रमांक 337/21 धारा 384 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विधिवत कार्यवाही किया गया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 जुलाई। छत्तीसगढ़ में डेयरी व्यवसाय को प्रोत्साहित करने तथा स्व-रोजगार में वृद्धि के लिए पशुधन विकास विभाग द्वारा राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना का संचालन राज्य भर में किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत दो पशुओं की इकाई लागत 1 लाख 40 हजार रूपए की राशि पर सामान्य प्रवर्ग के हितग्राहियों को 50 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति प्रवर्ग के हितग्राहियों को 66.6 प्रतिशत की दर से अनुदान का प्रावधान है।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021-22 में इस योजनांतर्गत 950 हितग्राहियों को लाभान्वित किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। जिनमें से 200 हितग्राही अनुसूचित जनजाति वर्ग के तथा 168 हितग्राही अनुसूचित जाति वर्ग के रहेंगे।
योजना के तहत वर्ष 2020-21 में राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना अंतर्गत 310 अनुसूचित जनजाति एवं 36 अनुसूचित जाति सहित 527 हितग्राहियों द्वारा डेयरी इकाई स्थापना पर उन्हें 15 करोड़ 17 लाख रूपए की राशि का अनुदान प्रदाय किया गया है।
संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं से प्राप्त जानकारी के अनुसार योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए हितग्राही छत्तीसगढ़ में कम से कम 5 वर्ष से निवास कर रहा हो। भूमिहीन, लघु एवं सीमांत कृषक, गरीबी रेखा के नीचे के परिवार, दुग्ध सहकारी समिति के सदस्यों, दुग्ध संकलन मार्ग पर स्थित ग्रामो गौठान योजना अंतर्गत चिन्हित ग्रामों के पशुपालकों, महिला स्व-सहायता समूह के सदस्यों एवं पूर्व से दुग्ध उत्पादन में संलग्न परिवार को योजनांतर्गत प्राथमिकता प्रदान की जाती है। हितग्राही डेयरी इकाई की स्थापना बैंक ऋण के माध्यम से (बैंक लिकेज) या स्वयं की पूंजी (स्व-वित्तीय) से कर सकता है। योजना से लाभ लेने के लिए इच्छुक हितग्राही निकटस्थ पशु चिकित्सा संस्था (पशु औषधालय, कृत्रिम गर्भधान उपकेंद्र, मुख्य ग्राम इकाई, पशु चिकित्सालय, कृत्रिम गर्भधान केंद्र, मुख्य ग्राम खण्ड) में निर्धारित प्रपत्र में आवेदन प्रस्तुत कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए पशु चिकित्सा कार्यालय अथवा संस्था में सम्पर्क किया जा सकता हैं।
क्षतिपूर्ति राशि भुगतान करे सरकार-रिजवी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 जुलाई। पिथौरा में दंगे के 15 साल बाद भी पीडि़तों को मुआवजा नहीं मिल पाया है। इस दंगे में असामाजिक तत्वों ने लोगों की दूकानें, धार्मिक स्थल को क्षति पहुंचाई थी। जिला प्रशासन ने करीब 43 लाख मुआवजा का आंकलन किया था, लेकिन यह आज तक नहीं मिल पाया है।
पिथौरा में वर्ष 2006 में निर्दलीय पार्षद हीरालाल निषाद की हत्या के बाद नगर में तनाव फैल गया था। उस समय हत्या के आरोपियों को तो कुछ समय बाद गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन कुछ उन्मादी तत्वों ने तोडफ़ोड़, और आगजनी की। इस दौरान मस्जिद को भी नुकसान पहुंचाया गया। इस घटना के प्रभावित आज भी मुआवजे के इंतजार में हैं।
जनता कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता, और वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने एक विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि पिथौरा दंगे का हवाला देते हुए कहा है कि उक्त दंगे में उन्मादी असामाजिक तत्वों ने पूरे शहर में आतंक का ताण्डव खेला था जिसमें हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई समाज की दुकानों, घरों तथा मस्जिद को भी क्षति पहुंचाई गई थी।
तत्कालीन कलेक्टर महासमुन्द एसके तिवारी ने शासन के निर्देश पर दंगे में हुई क्षति का ब्यौरा देते हुए लगभग 42 लाख 92 हजार की अनुमानित क्षति का आंकलन किया था। पिथौरा पुलिस थाना में खड़े वाहनों को जला दिया गया था जिसकी नुकसानी राशि 14 लाख 9 हजार रूपए बताई गई थी।
रिजवी ने कहा है कि उस समय कलेक्टर द्वारा तात्कालिक अनुदान सहायता मात्र 1 लाख 8 हजार रूपए प्रभावित व्यक्तियों को दिए गए थे जो ऊंट के मुंह में जीरे के समान था। भाजपा शासनकाल में प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल केएम सेठ एवं मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह का ध्यान कई बार आकर्षित कराया गया था। भाजपा सरकार में कोई सकारात्मक पहल नहीं की और प्रभावितों को दी जाने वाली शेष क्षतिपूर्ति राशि आज तक अप्राप्त है।
रिजवी ने इस संदर्भ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का ध्यान आकर्षित करते कहा है कि विगत 15 वर्षों से क्षतिपूर्ति की शेष राशि का भुगतान कर प्रभावित दंगा पीडि़तों के जख्मों पर मलहम लगाते हुए उक्त शेष राशि का भुगतान अविलम्ब आवंटित करने का आग्रह किया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 जुलाई। निजी स्कूल प्रबंधन एसोसिएशन ने सरकार से मोहल्ला क्लास की अपेक्षा विधिवत कक्षाएं शुरू करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह विद्यार्थियों, शिक्षकों के साथ-साथ शिक्षा के हित में भी होगा।
निजी स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. पे्रमसाय सिंह को ज्ञापन सौंपकर कक्षाएं शुरू करने की मांग की है। ज्ञापन में कहा गया कि प्रदेश में पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी शासकीय तथा अशासकीय विद्यालयों में मोहल्ला क्लास का संचालन किया जा रहा है। प्रदेश में चल रही मोहल्ला क्लास को लेकर बहुत सी बातें मीडिया के माध्यम से भी सामने आ रही है, और इसकी यह शासकीय रिपोर्टों भी है।
उन्होंने कहा कि अधिकांश जगह कक्षाएं स्कूल के भीतर ही संचालित हो रही है। मोहल्ला क्लास जहां सार्वजनिक स्थानों में संचालित है वहां छात्राओं की उपस्थिति लगभग नगण्य है। इसका एक कारण सार्वजनिक स्थानों पर शौचालय की कमी है। सार्वजनिक स्थानों पर बच्चियों की सुरक्षा भी एक कारण है छात्राओं की शिक्षा मोहल्ला क्लास के कारण पिछड़ रही है। मोहल्ला क्लास संचालित होने के कारण सारी कक्षाओं का संचालन भी संभव नहीं हो पा रहा है। मोहल्ला क्लास की अपेक्षा विधिवत कक्षाएं ही प्रारंभ करना विद्यार्थियों, शिक्षकों तथा शिक्षा के हित में होगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 जुलाई। निलंबित एडीजी जीपी सिंह के यहां गुरूवार को सर्च वारंट लेकर पुलिस पहुंची है। पुलिस जीपी सिंह के यहां तलाशी कर रही है।
राजद्रोह के मामले की जांच कर रही पुलिस टीम सर्च वारंट लेकर दोपहर बाद जीपी सिंह के निवास पहुंची। सूत्रों के मुताबिक जीपी सिंह के यहां तलाशी ली जा रही है। कम्प्यूटर, और लैपटॉप खंगाले जा रहे हैं।
दूसरी तरफ, एसीबी की टीम ने पटियाला में जीपी सिंह की प्रापर्टी से जुड़े कई दस्तावेज बरामद किए हैं। इसके अलावा ओडिशा में भी निवेश से जुड़ी कई अहम जानकारियां पाई है। इसकी भी जांच की जा रही है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 जुलाई। अंतरराज्जीय बस स्टैण्ड के समीप सब्जी बेचने वालों पर गुरूवार को नगर निगम का अमला टूट पड़ा, और उन पर भारी भरकम चालान किया गया। सब्जी विक्रेताओं के तराजू, और अन्य सामान जब्त कर लिए। इस पूरे मामले को लेकर सब्जी विक्रेताओं ने कलेक्टर से मुलाकात की, और उन्हें ज्ञापन सौंपा। साथ ही साथ रायपुर दक्षिण के विधायक बृजमोहन अग्रवाल के भी घर जाकर उन्हें समस्याओं से अवगत कराया।
सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि अंतरराज्जीय बस स्टैण्ड के समीप खाली जगह पर कोरोना काल से अप्रैल माह 2021 से दूधाधारी मंदिर ट्रस्ट की जगह पर सब्जी बेचते रहे हैं। आज सुबह पुलिस बल के साथ निगम प्रशासन ने बिना किसी पूर्व सूचना के सब्जी विक्रेताओं को बेदखल किया गया, और उन पर 5 सौ से 5 हजार रूपए तक चालान काटा गया। और सभी व्यापारियों का तराजू, कच्चा माल जब्त कर लिया गया है।
सब्जी विक्रेताओं ने कहा कि रोज खा कमाकर अपनी रोजी रोटी चलाते हैं जिससे परिवार का खर्चा चलता है। इस प्रकार की वसूली होने से हमारी आर्थिक स्थिति पर बूरा असर पड़ रहा है। उन्होंने आग्रह किया कि फुटकर सब्जी व्यापारी को निश्चित जगह आबंटित करें जिससे हमें कही भी बैठने से हमें मुक्ति मिलेगी।
रायपुर, 15 जुलाई। भाजपा कार्यसमिति बैठक वर्चुअल माध्यम से संपन्न हुई। दीप प्रज्ज्वलन व वंदेमातरम गान से जिला कार्यसमिति बैठक प्रारम्भ हुई। बैठक में अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए भाजपा जिला अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी ने कहा कि कांग्रेस सरकार की एक भी योजनाओं में शहरी जनता के लिए कुछ भी नहीं है । इसके विरोध में आज हम सब मिलकर कांग्रेश सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष की आगामी 3 महीने की रूपरेखा तैयार करेंगे।
उन्होंने कहा कि हम मिलकर जनता के हित में आवाज उठाएं और यह ध्यान रखें कि पूरे प्रदेश में आंदोलन की दिशा राजधानी ही तय करता है। जिला कार्यसमिति बैठक में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि भूपेश सरकार की ढाई साल की विफलताओं ने रायपुर के चारों सीट जीतने की जमीन खुद ही तैयार कर दी है।
बस उस पर संयम के साथ योजनाबद्ध तरीके से भुपेश सरकार की एक एक नाकामियों को जनता तक पहुचा कर उनके हक के लिए संघर्ष करके भवन बनाना हम कार्यकर्ताओं का काम है ।
सांसद सुनील सोनी ने कहा कि रायपुर शहर देश का एकमात्र शहर है जहां स्मार्ट सिटी के दो मिशन एक साथ काम कर रहे हैं ।
एक रायपुर शहर के लिए दूसरा नवा रायपुर के लिए और इस हेतु हमने शहर के विकास के लिए, शहर को स्मार्ट सिटी में परिवर्तन करने के लिए केंद्र सरकार से करोडों रुपए का बजट लेकर आये।
परंतु इस सरकार के कूप्रबंधन के कारण विभिन्न योजनाओं में लगे स्मार्ट सिटी के पैसे बर्बाद हो रहे हैं और नवा रायपुर में तो उन्होंने पूर्व आवंटित बजट का इस्तेमाल ही नहीं किया जिसके कारण इस वर्ष नया बजट ही जारी नहीं हुआ है। यह अदूरदर्शी सोच वाली विफल सरकार है।
उद्घाटन सत्र में कार्यकर्ताओं को मार्गदर्शन देते हुए संभाग प्रभारी व भाजपा महामंत्री भूपेंद्र सिंह सवन्नी ने कहा - कार्यसमिति भाजपा की एक सतत प्रक्रिया है जो देश स्तर से लेकर प्रदेश, जिला होते हुए मंडल तक जाता है और इसमें कार्यकर्ता बैठकर पुराने कार्यों की समीक्षा व नए कल की रणनीति बनाते हैं।
रायपुर, 15 जुलाइ। राज्य शासन द्वारा कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण और रोकथाम के लिए किए गए प्रभावी उपायों से संक्रमण की स्थिति में लगातार सुधार आ रहा है। प्रदेश में संक्रमण की दर और गिरकर 0.65 प्रतिशत पर पहुंच गई है। यह इस साल का सबसे कम संक्रमण दर है। इस वर्ष जनवरी में संक्रमण की निम्नतम दर 1.55 प्रतिशत, फरवरी में 0.89 प्रतिशत, मार्च में 0.81 प्रतिशत, अप्रैल में 11.3 प्रतिशत, मई में 3.7 प्रतिशत तथा जून में 0.97 प्रतिशत रही है।
प्रदेश में 14 जुलाई को 38 हजार 731 सैंपलों की जांच में 252 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। राजनांदगांव और बेमेतरा जिले में संक्रमण का कोई नया मामला नहीं आया। प्रदेश के 21 जिलों में संक्रमण की दर अब एक प्रतिशत से भी नीचे पहुंच गई है। शेष सात जिलों में यह दर 1.13 प्रतिशत से लेकर अधिकतम 2.33 प्रतिशत तक है। राज्य में अभी कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 4028 है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 जुलाई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि प्रदेश में मक्का और गन्ना से एथेनॉल तैयार करने के प्लांट की स्थापना के लिए पूंजी निवेश के प्रस्तावों को परीक्षण के बाद जल्द से जल्द स्वीकृति प्रदान की जाए। मुख्यमंत्री गुरूवार को यहां अपने निवास कार्यालय में राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड की 15 वीं बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सभी उद्योगों की समस्याओं को दूर करने के लिए दो समितियों का गठन किया जाए। नीतिगत मामलों के संबंध में उद्योग मंत्री की अध्यक्षता तथा क्रियान्वयन संबंधी मामलों के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाए। उन्होंने कहा कि इन समितियों के माध्यम से कृषि आधारित उद्योगों तथा बस्तर अंचल में लौह खनिज आधारित उद्योगों की स्थापना के कार्य में भी तेजी लाने के प्रयास किए जाएं।
राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड की बैठक में वर्ष 2001-18 और वर्ष 2012 में आयोजित ग्लोबल इंवेस्टर्स मीट के दौरान राज्य में उद्योगों की स्थापना के लिए किए गए एमओयू के क्रियान्वयन की स्थिति की समीक्षा की गई। वर्ष 2001 से 2018 तक के 55 एमओयू तथा वर्ष 2012 में ग्लोबल इंवेस्टर्स मीट के दौरान किए गए 103 एमओयू में निष्क्रियता के चलते किसी भी प्रकार की कार्यवाही प्रारंभ नही होने के कारण इन दोनों को मिलाकर कुल 158 एमओयू निरस्त करने का निर्णय लिया गया।
बैठक में जानकारी दी गई कि वर्ष 2001 से 2018 के बीच 3 लाख 3 हजार 115 करोड़ 70 लाख रूपए के पूंजी निवेश के 211 एमओयू किए गए थे, इनमें वास्तविक पूंजी निवेश 78776.36 करोड़ रूपए का हुआ है। 67 एमओयू में उत्पादन प्रारंभ हो चुका है, 61 एमओयू में क्रियान्वयन प्रारंभ हो गया है, जबकि 55 एमओयू में कार्य प्रारंभ नहीं हुए हैं, जिन्हें निरस्त करने का निर्णय लिया गया। इसी प्रकार ग्लोबल इंवेस्टर्स मीट में 93 हजार 830 करोड़ रूपए 69 लाख रूपए पूंजी निवेश के 275 एमओयू किए गए थे, इनमें से वास्तविक पूंजी निवेश 2003.59 करोड़ रूपए का हुआ है। 6 परियोजनाओं में उत्पादन प्रारंभ हो चुका है। 25 परियोजनाओं में स्थल चयन कर क्रियान्वयन प्रारंभ हो गया है। शेष 103 एमओयू में कोई कार्य प्रारंभ नही हुआ है, जिन्हें निरस्त करने का निर्णय लिया गया। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2019 से अब तक 115 एमओयू प्रभावशील हैं। इनमें प्रस्तावित पूंजी निवेश 46 हजार 937 करोड़ रूपए हैं। 92 परियोजनाओं में क्रियान्वयन प्रारंभ हो चुका है और एक में उत्पादन भी शुरू हो गया है। 23 नवीन एमओयू में कार्य प्रारंभ होना है।
बैठक में उद्योग मंत्री कवासी लखमा, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर, कृषि एवं जलसंसाधन मंत्री रविन्द्र चैबे, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, विशेष सचिव ऊर्जा अंकित आनंद, संचालक उद्योग अनिल टुटेजा और सीएसआईडीसी के प्रबंध संचालक अरुण प्रसाद मुख्यमंत्री निवास में उपस्थित थे। श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग श्रीमती रेणु जी. पिल्ले, आबकारी विभाग के सचिव निरंजन दास, राजस्व सचिव सुश्री रीता शांडिल्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा बैठक में शामिल हुईं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 14 जुलाई। तिल्दा विकासखंड के ग्राम सगुनी में कल फूड प्वाइजनिंग के बाद बीमार हुए नागरिकों के इलाज का कार्य लगातार जारी है। कलेक्टर सौरभ कुमार ने ग्राम सगुनी में बनाए गए चिकित्सा कैंप के साथ-साथ धरसीवां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुंच कर यहां भर्ती मरीजों से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली।
उल्लेखनीय फूड प्वाइजनिंग के बाद 208 मरीजों की ओपीडी जांच की गई और 62 मरीजों को इलाज के लिए विभिन्न चिकित्सालयों में भर्ती किया गया।
ग्राम सुगनी में बनाए गए चिकित्सा कैंप में 22 मरीजों को इलाज के लिए भर्ती किया गया। इसी तरह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धरसीवां में 32 मरीजों ,सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तिल्दा में 3 मरीजों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खैरखूट में 8 मरीजों को भर्ती किया गया। स्वास्थ्य ठीक होने पर खैरखूट के चार मरीजों को चिकित्सालय से छुट्टी दे दी गई है । इन चिकित्सालयों के सभी मरीजों की स्थिति सुधार पर है और सभी खतरे से बाहर है।
कलेक्टर श्री सौरभ कुमार ने मेडिकल कॉलेज रायपुर के विशेषज्ञों को भी इन चिकित्सालयों में पहुंचकर मरीजों के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के निर्देश दिए है । मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की टीम यहां पहुंच रही है। इसके अलावा इन चिकित्सालयों में चिकित्सा विभाग के डॉक्टरों तथा पैरामेडिकल स्टाफ की अतिरिक्त टीम भी लगाई गई है ।
फूड प्वाइजनिंग के संबंध में फूड और पानी का सैंपल भी लिया गया है। कलेक्टर ने अनुविभागीय दंडाधिकारी तथा मुख्य नगरपालिका अधिकारी को भी लगातार स्थिति की निगरानी करने को कहा है । कलेक्टर ने गांव के लोगों से भी अपील की है कि अगर किसी की भी तबीयत खराब होने की जानकारी मिलती है तो उसे तत्काल चिकित्सालय में लाकर दिखाया जाए तथा उसके स्वास्थ्य की देखभाल की जाए ??। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मीरा बघेल के साथ-साथ अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 14 जुलाई। जल-जीवन मिशन योजना के अंतर्गत प्रत्येक ग्रामीण परिवार को शुध्द पेय जल उपलब्ध कराने के लिए घरेलू नल कनेक्शन दिया जाना है। घरेलू नल कनेक्शन के साथ-साथ सार्वजनिक संस्थान जैसे ग्राम पंचायत भवन, स्कूल, आंगनबाड़ी केन्द्र, स्वास्थ्य केन्द्र, कल्याण केन्द्र आदि में भी नल कनेक्शन दिया जाना है। इस योजना का उद्वेश्य पानी की आपूर्ति के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण कर प्रत्येक ग्रामीण परिवार को पर्याप्त मात्रा में पानी नियमित रूप से उपलब्ध कराना है।
जल-जीवन मिशन के अंतर्गत पानी की निरन्तर पूर्ति के लिए पेयजल स्रोतो का विकास और मौजूदा स्रोतो का संवर्धन किया जाना है। पहले से स्थापित ग्रामीण क्षेत्रों की जल गुणवत्ता की निगरानी के लिए प्रयोगशाला की सुविधा का उपयोग किया जाएगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 14 जुलाई। छत्तीसगढ़ के एकमात्र कुशाभाऊ पत्रकारिता विश्वविद्यालय में पीएचडी में गड़बड़ी की शिकायत सामने आई है। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके और कुलपति से इसकी जांच की मांग की गई है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशों की अवहेलना कर विश्वविद्यालय में शोधकार्य करवाया जा रहा है। यूजीसी के अनुसार शोधार्थी की पीएचडी कोर्स वर्क में उपस्थिति अनिवार्य है, जबकि पत्रकारिता विश्वविद्यालय द्वारा उपस्थिति व प्लैगेरिजम प्रमाणीकरण पीएचडी की डिग्री पीएचडी बांट दी गई।
राजधानी निवासी ब्रम्हा सोनकर ने अपनी लिखित शिकायत में पत्रकारिता विवि में हो रही गड़बडिय़ों की ओर राजभवन का ध्यान आकर्षित कराया है। उन्होंने शिकायत में कहा है कि यूजीसी के एमफिल/ पीएचडी अधिनियम 2009 नियमानुसार कोई भी नियमित शोधार्थी अपने शोध कार्य के दौरान किसी अन्य संस्था चाहें वह सरकारी हो या गैर सरकारी का नियमित वेतन भोगी नहीं हो सकता, किन्तु विश्वविद्यालय के सत्र 2010 में पंजीकृत शोधार्थियों द्वारा यूजीसी के इस नियम को भी पूरी तरह अनदेखा किया गया। नियमित शोधकार्य के साथ उम्मीदवार प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों के मुख्य पदों में नियमित वेतनभोगी रहें हैं। जिसकी जानकारी शोध निर्देशक को भी रही, किन्तु उनके द्वारा शोधार्थियों को विशेष छुट प्रदान करते हुए पीएचडी अवार्ड करवा दी गईं।
इसी तरह यूजीसी के नियमों की अनदेखी का सिलसिला केवल पीएचडी तक नहीं रहा बल्कि विश्वविद्यालय में होने वाले एमफिल पाठ्यक्रम में भी अधिनियम 2009 की धज्जियां उड़ाई गई जिसमें नियमों को मजाक बनाते हुए सत्र- 2015-16 में एक साथ 30 छात्रों को एक एसोसिएट प्रोफेसर एवं एक सहायक प्रोफेसर द्वारा एमफिल कराई गई। शिकायतकर्ता का आरोप है कि वर्तमान में सत्र-2013 में पंजीकृत 06 शोधार्थियों को इन्हीं विसंगतियों के साथ पीएचडी अवार्ड करने की तैयारी की जा रही है।
उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा पूर्व व वर्तमान में किए जा रहे शोध कार्यों एमफिल/पीएचडी में यूजीसी नियमों द्वारा प्रवेश में आरक्षण नियमों का पालन, कोर्स वर्क में उपस्थिति, कार्यरत उम्मीदवारों से अनापत्ति प्रमाणपत्र, प्लैगेरिजम से सम्बंधित प्रमाण पत्र, शोध डिग्रीयों के यूजीसी नियमानुसार जारी होने का प्रमाण पत्र, पंजीयन व पुनर पंजीयन में अनियमितता, शोध निदेशक के साथ 200 दिनों की उपस्थिति, छमाहि प्रगति प्रतिवेदन, शोध पत्र प्रकाशन जैसे नियमों की जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 14 जुलाई। संसदीय सचिव विकास उपाध्याय बुधवार को संसदीय सचिव के रूप में उनके कार्यकाल का एक वर्ष पूर्ण होने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार व्यक्त किया है जो उन्हें योग्य समझ सरकार के सहभागी होने में सम्मिलित किया। उन्होंने कहा, वे इस एक वर्ष में प्रदेश के कई क्षेत्रों का दौरा किया और सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को कांग्रेस कार्यकर्ताओं के माध्यम से लोगों तक पहुँचाने प्रयास किया। आगे का दौरा वे विधानसभा चुनाव 2023 को दृष्टिगत रखते हुए करने जा रहे हैं और महंगाई इसमें मुख्य मुद्दा होगा। विकास उपाध्याय ने कहा, भूपेश बघेल देश के सफलतम मुख्यमंत्रियों में से एक हैं, जिनके कामकाज की चर्चा छत्तीसगढ़ के अन्तिम व्यक्ति तक हो रही है और आगे चलकर हमारी सरकार की कोशिश होगी कि बचे ढाई साल युवाओं को लेकर केन्द्रित रहें।
विकास उपाध्याय आज संसदीय सचिव के रूप में एक वर्ष पूर्ण होने पर पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा, इस दौरान उनके पास नीतिगत निर्णय लेने का अधिकार न होने के बावजूद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने व्यवहारिक तौर पर जो अधिकार दिए उससे वे सरकार की योजनाओं को आमजन तक पहुँचाने काफी हद तक सफल रहे। उन्होंने कहा, बीते एक साल में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा करने से एक बात जो समझ में आई है, प्रदेश की जनता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कार्यप्रणाली से पूरी तरह संतुष्ट हैं। कांग्रेस की सरकार में ग्रामीण अर्थव्यवस्था में तेजी आई है। अब हमारा ध्यान विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर केन्द्रित होगा, जिसके लिए मैं स्वयं पूरे प्रदेश का दौरा कर नये युवा पीढ़ी को कांग्रेस की मुख्य धारा में जोडऩे मुहिम चलाउंगा।
मुख्यमंत्री ने संसदीय सचिव के रूप में जो सम्मान दिया उसके लिए आभार
विकास उपाध्याय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने उन्हें संसदीय सचिव के योग्य समझ यह जिम्मेदारी दी। इस दौरान दो बार राष्ट्रीय ध्वज फहराने का मौका मिला, जो उनके लिए बड़े सम्मान की बात है। उन्होंने विभाग से संबंधित कामकाज को लेकर मॉनिटरिंग की और पाया कि सरकार के द्वारा चलाई जा रही योजनाएँ निश्चित तौर पर जनहित से जुड़ी योजनाएँ हैं। संसदीय सचिव के तौर पर पूर प्रदेश का कार्यक्षेत्र होने की वजह से सरकार की योजनाओं को पूरे प्रदेश में प्रचारित करने उन्हें एक माध्यम मिला है और वे इस दौरान प्रदेश में विभिन्न जगहों पर जाकर सरकार की योजनाओं को अपने तरीके से लगातार प्रचारित कर रहे हैं।
बचे ढाई साल में प्रदेश के ब्लॉक स्तर तक दौरा कर युवाओं को कांग्रेस से जोडऩे का लक्ष्य
उन्होंने बताया कि भूपेश सरकार के बचे ढाई साल अब विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर कांग्रेस का लक्ष्य होगा। उसके लिए उन्होंने एक रोड मैप तैयार कर रखा है जिसके तहत वे पूरे प्रदेश का दौरा कर ब्लॉक स्तर तक जाएँगे एवं प्रदेश की नये युवा पीढ़ी को कांग्रेस की मुख्य धारा से जोड़ेंगे। इस दौरान वे बताएँगे कि भूपेश की कांग्रेेस सरकार युवाओं के लिए कृतसंकल्पित है। जिसमें छ.ग. के उन्नति में युवाओं का योगदान बहुत जरूरी है, साथ ही इस बात को लेकर भी पड़ताल करेंगे कि छ.ग. की उन्नति में युवाओं की क्या सोच है। जिसे वे एक रिपोर्ट बनाकर मुख्यमंत्री तक पहुँचाएंगे।
विधानसभा चुनाव 2023 का मुख्य मुद्दा बढ़ती महंगाई होगा
विकास उपाध्याय ने कहा, आज देश में बढ़ती महंगाई एक घरेलु समस्या बन गई है। रिजर्व बैंक में महंगाई के लिए जो लक्ष्य रखा हुआ है उस दायरे से यह अब भी ऊपर है। जून महिने का यदि आप महंगाई दर देखेंगे तो 6.26 प्रतिशत दर्ज की गई है और संभावना यह है कि जिस तरह से तेल के दामों में केन्द्र की मोदी सरकार अंकुश लगाने विफल साबित हो रही है, उससे महंगाई में और तेज उछाल की आशंका है। खाद्य पदार्थों की खुदरा महंगाई का आँकड़ा इस महिने में भी बढ़ा है और यह 5.01 प्रतिशत से बढक़र 5.15 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने बताया फलों में 11.82 प्रतिशत, खाने के तेलों में 34.78 प्रतिशत की महंगाई दर खतरे के निशान से बहुत ऊपर दिखाई पड़ रहा है। इन महंगाई दरों की बढ़ोतरी को लेकर ऐसा नहीं है कि मोदी सरकार को इसकी खबर नहीं है या सरकार को चेताया नहीं गया है। परन्तु इसके बाद भी पेट्रोल-डीजल के दाम जिस अंदाज में बढ़ रहे हैं, आने वाले महिनों में महंगाई की तस्वीर किस हद तक जा सकती है, समझा जा सकता है। जिस महंगाई को लेकर भाजपा सत्ता में आई आज कांग्रेस के लिए वही सबसे बड़ा मुद्दा है और महंगाई के मुद्दे को एक-एक वोटर तक ले जाना हमारा लक्ष्य है जो आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्य मुद्दा होगा।
भाजपा के झूठ के खिलाफ जब तक जन आन्दोलन नहीं होगा इसे रोका नहीं जा सकता
विकास उपाध्याय ने कहा, भाजपा के शीर्ष नेता पूरे देश में झूठ को सच प्रचारित करने सफल साबित हो रहे हैं। देश के आर्थिक हालात दिन ब दिन बत्तर होती जा रही है। रोजगार के अवसर छीने जा रहे हैं। जिस कालाधन को लेकर प्रधानमंत्री मोदी विदेशों से लाकर भारत के लोगों के खाते में सीधे 15 लाख देने की बात करते थे उन बैंकों में कालाधन बीते 07 सालों में 50 प्रतिशत तक बढ़ गया है। यूपीए शासनकाल के ऑयल बॉन्ड के 1.31 लाख करोड़ रूपये में से मोदी सरकार ने मात्र 3,500 करोड़ रूपये ही चुकाये, पर उनके मंत्री यह प्रचारित कर रहे हैं कि बॉन्ड के पूरे पैसे चुकाने की वजह से तेल के दाम बढ़ाने पड़ रहे हैं। वैक्सीन को लेकर बड़े-बड़े दावे किए गए परन्तु आज केन्द्र सरकार वैक्सीन की पूर्ति करने अपने अधिकार क्षेत्र में लेने के बावजूद छत्तीसगढ़ को वैक्सीन नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार जब खरीद रही थी तो भाजपा के नेता रोज बयानबाजी करते थे, पर अब वैक्सीन की पूर्ति को लेकर भाजपा के लोग चुप्पी साध लिए हैं।
कांग्रेस में राहुल गांधी की पूर्णकालिक अध्यक्ष के रूप में जल्द ताजपोशी हो
विकास उपाध्याय ने कहा, कांग्रेस पार्टी में एक मात्र नेता राहुल गांधी ही हैं जो देश के बिगड़ते हालात व भाजपा की गलत कार्यप्रणाली को लेकर मुखर रहते हैं। राहुल गांधी द्वारा उठाये गए मुद्दों को देश भर में प्रचारित करना कांग्रेस के एक-एक व्यक्ति का उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने कहा, देश में परिवर्तन लाने राहुल गांधी की कांग्रेस पार्टी में पूर्णकालिक अध्यक्ष के रूप में जल्द ताजपोशी की जरूरत है। जब तक वे अध्यक्ष के तौर पर पूरे देश का दौरा नहीं करेंगे भाजपा अपने गलत ईरादों को जनता पर थोपने सफल होते रहेगी। विकास उपाध्याय ने कहा, देश में कांग्रेस की जड़ें आज भी मजबूत हैं, जिसे संगठनात्मक रूप से मजबूत करने की जरूरत है। कांग्रेस को कमजोर करने वाली शक्तियों को पहचानने की जरूरत है। जो लोग क्षणिक लाभ के लिए पार्टी विरोधी कार्य कर रहे हैं उनसे सचेत रहना चाहिये। तभी कांग्रेस की वापसी संभव है।
छत्तीसगढ़ में फिर से कांग्रेस की वापसी होगी
विकास उपाध्याय ने कहा, भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार जिस तरह से अन्तिम व्यक्ति तक उनकी हितों को लेकर कार्य कर रही है। निश्चित तौर पर फिर से भारी बहुमत के साथ छत्तीसगढ़ में वापसी करेगी। छ.ग. में भारतीय जनता पार्टी शून्य हो चुका है, वहीं क्षेत्रीय पार्टीयों का कोई अस्तित्व नहीं है। प्रदेश की जनता अब समझ चुकी है कि प्रदेश किस पार्टी व किसके हांथों सुरक्षित है। कांग्रेस सरकार जिस तरह से शहर से लेकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ की है ऐसा छ.ग. के इतिहास में कभी नहीं हुआ। आगे चलकर यह सरकार उन योजनाओं को लेकर कार्य करेगी जिसमें सिर्फ छ.ग. की उन्नति सम्मिलित हो।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 14 जुलाई। केन्द्र सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाने की घोषणा के बाद यहां भी महंगाई भत्ता बढ़ाने की मांग हो रही है। तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने राज्य सरकार से लंबित 16 फीसदी महंगाई भत्ता तत्काल जारी करने की मांग की है।
कोरोना की वजह से बढ़ते खर्चों के चलते केन्द्र, और राज्य सरकार अपने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को स्थगित रखा था। अब इसको जारी करने की मांग हो रही है। केन्द्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते की एक किश्त जारी करने की घोषणा की है।
प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों का 11 फीसदी महंगाई भत्ता बढऩे का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री श्रीमती सीता रमैया का आभार व्यक्त किया है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार झा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्यमंत्री से 16 फीसदी लंबित महंगाई भत्ता को तत्काल देने की मांग किया है। यदि जुलाई माह में जारी आंदोलन के बाद भी महंगाई भत्ता नहीं मिलता तो अगस्त माह में आंदोलन का विस्तार किया जाएगा।
रायपुर, 14 जुलाई। राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक 1 जून 2021 से अब तक राज्य में 366.4 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून से आज 14 जुलाई तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार सुकमा जिलें में सर्वाधिक 699.3 मिमी और मुगेली जिले में सबसे कम 257.9 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है।
राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सरगुजा में 285.7 मिमी, सूरजपुर में 396.7 मिमी, बलरामपुर में 322.1 मिमी, जशपुर में 375.5 मिमी, कोरिया में 312.8 मिमी, रायपुर में 335.3 मिमी, बलौदाबाजार में 445.5 मिमी, गरियाबंद में 382.1 मिमी, महासमुंद में 323.9 मिमी, धमतरी में 346.1 मिमी,और बीजापुर में 418.7 मिमी औसत वर्षा रिकार्ड की गई।
रायपुर, 14 जुलाई, 2021। छत्तीसगढ़ में किसानों की आय बढ़ाने हेतु विभिन्न फसलों के प्रसंस्करण एवं विपणन को बढ़ावा देने के लिए इस वर्ष 20 कृषक उत्पादक कम्पनी तथा 600 खाद्य प्रसंस्करण इकाईयां स्थापित की जाएंगी। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य स्तरीय तकनीकी संस्था इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के सहयोग से चालू वित्तीय वर्ष हेतु यह लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न कृषि विज्ञान केन्द्रों को अपने-अपने जिले में कृषक उत्पादक कम्पनी गठित करने के निर्देश दिये गये हैं। इन कम्पनियों को नाबार्ड एवं लघु कृषक कृषि व्यवसाय संघ की ओर से शेयर पूंजी अनुदान एवं ऋण गारंटी प्रदान की जाएगी। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.के. पाटील ने आज यहां विश्वविद्यालय प्रसाशन के वरिष्ठ अधिकारियों, विभागाध्यक्षों एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों के प्रमुखों के साथ वर्चुअल बैठक कर योजना के क्रियान्वयन के संबंध में व्यापक विचार-विमर्श किया।
बैठक में बताया गया कि कृषि विज्ञान केन्द्र कोरिया, कांकेर और गरियाबंद द्वारा कृषक कम्पनियों की स्थापना की गई है जहां विभिन्न कृषि उत्पादों का निर्माण किया जा रहा है। कृषि विज्ञान केन्द्र कोरिया द्वारा कोरिया एग्रोप्रोड्यूसर नामक कम्पनी बनाई गई है जो 22 कृषि आधारित उत्पादों का निर्माण, प्रसंस्करण एवं विपण कर रही है। 573 कृषक सदस्यों वाली इस कम्पनी ने इस वर्ष 42 लाख रूपये का व्यवसाय किया है। इसी प्रकार कृषि विज्ञान केन्द्र, अम्बिकापुर, महासमुंद, राजनांदगांव, कबीरधाम, गरियाबंद तथा कांकेर ने कृषक कम्पनी, स्व-सहायता समूह, सहकारी समिति आदि का गठन किया गया है जहां किसान अपनी फसलों एवं अन्य उत्पादों का प्रसंस्करण एवं विपण कर अधिक लाभ प्राप्त कर सकेंगे। कुलपति डॉ. पाटील ने समस्त कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रमुखों को निर्देश दिए कि वे जिले के प्रमुख कृषि उत्पादन को ध्यान में रखते हुए प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने हेतु कार्य करें।
बैठक में निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त स्नातकों को कृषि उत्पादक कम्पनी अथवा निजी कम्पनी बनाकर कृषि संबंधित व्यवसाय करने हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि देश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार के खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्रालय द्वारा खाद्य प्रसंस्करण पर आधारित नई इकाईयों की स्थापना एवं पुरानी इकाईयों के सुदृढ़ीकरण हेतु अगले पांच वर्षों के लिए 10 हजार करोड़ रूपए लागत की एक परियोजना प्रारंभ की गई है। इस परियोजना के अन्तर्गत नई खाद्य प्रसंस्करण इकाई की स्थापना अथवा पूर्व से संचालित खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों के विस्तार हेतु भारत सरकार द्वारा लागत की 35 प्रतिशत (अधिकतम 10 लाख रूपए) राशि का अनुदान दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में इस परियोजना के क्रियान्वयन हेतु राज्य सरकार द्वारा राज्य स्तरीय तकनीकी संस्था के रूप में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय को नामित किया गया है। परियोजना के अन्तर्गत इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अन्तर्गत खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय रायपुर एवं कृषि विज्ञान केन्द्र जगदलपुर में खाद्य प्रसंस्करण हेतु पौने तीन करोड़ रूपए लागत वाले इन्क्यूबेशन सेन्टर भी स्थापित किए जाएंगे जहां छोटे व्यवसायियों, उद्यमियों, कृषक संगठनों एवं स्व-सहायता समूहों को खाद्य प्रसंस्करण संबंधित आवश्यक अधोसंरचनाएं, मशीनरी, एवं बुनियादी सुवधिाएं मुहैया कराई जाएंगी।
केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ के सभी 28 जिलों के लिए एक-एक उत्पाद का चयन किया गया है। इनमें चावल के प्रसंस्कृत उत्पाद, फलों एवं सब्जियों के प्रसंस्कृत उत्पाद (आम, पपीता, टमाटर, सीताफल, काजू, लीची), लघु वनोपज, मसाला फसलों के प्रसंस्कृत उत्पाद (अदरक, हल्दी, इमली, कोदो, कुटकी), चाय, गुड़, मछली एवं डेयरी उत्पाद शामिल हैं। इन उत्पादों पर आधारित प्रसंस्करण उद्योग लगाने के हेतु उद्यमियों को अधिकतम 10 लाख रूपए तक (35 प्रतिशत) अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। परियोजना लागत की 10 प्रतिशत राशि उद्यमी को लगानी होगी तथा शेष राशि बैंक लोन के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी। योजना का लाभ निज उद्यमी, समूह, सहकारी संस्थान, कृषक संगठन, स्व-सहायता समूह आदि ले सकते हैं। योजना के तहत उद्यमी जिला उद्योग केन्द्र में आवेदन कर सकेंगे। आवेदनों की जांच के पश्चात उपयुक्त पाए गए आवेदन राज्य स्तरीय नोडल एजेंसी छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम (सी.एस.आई.डी.सी.) को भेजे जाएंगे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 14 जुलाई। नगरीय प्रशासन एवं विकास तथा श्रम मंत्री और आरंग विधानसभा के विधायक डॉ. शिवकुमार डहरिया की पहल से बीते ढ़ाई साल में आरंग क्षेत्र की तस्वीर पहले से बहुत बदली हुई नजर आने लगी है। शहर से लेकर गांव तक एक के बाद एक विकास कार्यों की स्वीकृति और कार्यों की पूर्णता से सभी को अनेक सुविधाएं और राहत मिली है। मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति के साथ स्वास्थ्य, शिक्षा, सडक़ सहित विभिन्न समाजों की आवश्यकताओं को ध्यान रखकर उनके हित में किए जा रहे कार्य से आरंग को एक नई पहचान मिलती जा रही है। मंत्री डॉ. डहरिया के प्रयासों के बाद आरंग विकासखण्ड में नये बने नगर पंचायत समोदा, मंदिर हसौद और चंदखुरी सहित आरंग नगर पालिका परिषद को विकास कार्यों के लिए 10 करोड़ रुपए से अधिक के कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई है। नए नगर पंचायतों में विकासकार्यों के लिए राशि मिलने से इस क्षेत्र का विकास तेजी से हो सकेगा।
मंत्री डॉ. डहरिया ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश भर में विकास कार्यों की सौगात दी जा रही है। आरंग विधानसभा रायपुर का महत्वपूर्ण जिला है। यह सौभाग्य है कि प्रदेश में सिर्फ इस क्षेत्र से ही नगर पंचायत समोदा, मंदिर हसौद और चंदखुरी बना है। उन्होंने कहा कि विगत ढाई साल में विभिन्न योजनाओं से अरबों के कार्य स्वीकृत हुए हैं। आने वाले दिनों में विकास कार्यों के साथ आरंग विधानसभा की पहचान बढ़ेगी।
नये नगर पंचायत और नगर पालिका परिषद आरंग को अधोसंरचना विकास कार्य हेतु राशि प्रदान कर कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई है।
स्वामी आत्मानंद हायर सेकेण्डरी स्कूल सहित कई बड़े कार्य हुए स्वीकृत
नगर पालिका परिषद अंतर्गत स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम हायर सेकडरी स्कूल निर्माण कार्य,गौरवपथ में ट्रैफिक साइन, स्पीड ब्रेकर, स्पीड सेंसर, रोड फर्नीचर एवं सी.सी.टी.व्हीकैमरा लगाने का कार्य,एनएचसे रेल्वे स्टेशन तक एलईडीस्ट्रीट लाइट का कार्य, राजीव गांधी उद्यान से एन.एच.तक विद्युतीकरण , नरसिम्हा पेट्रोल पंप से नाला तक आरसीसी नाला निर्माण कार्य, राजिम तिगड्डा से अकोली रोड तक आरसीसी.नाला निर्माण कार्य, अकोली रोड से एन.एच.नाला तक आर.सी.सी.नाला निर्माण कार्य, बैहार चौक से नरसिम्हा पेट्रोल पंप तक सडक़ के दोनों ओर पाथवे निर्माण कार्य, बैहार चौक से नरसिम्हा पेट्रोल पंप तक सडक़ के दोनों ओर स्थित शासकीय भवनों के बाउण्ड्रीवाल एवं सडक डिवाइडर में सौंदर्यीकरण कार्य, कलई चौक से कलई रोड गार्डन तक विद्युत पोल विस्तार कार्य, कलई रोड गार्डन से न.पा.सीमा तक विद्युत पोल विस्तार कार्य, छ.ग.रा.वि.वि.क.मर्या. के माध्यम से निकाय के विभिन्न स्थानों में पोल विस्तार तथा ट्रांसफार्मर लगाने का कार्य, पानी टैंकर 5000 लीटर (4 व्हील) 02 नग सेक्शन एवं डिलीवरी मोटर सहित कार्यों के लिए कुल 6 करोड़ 90 लाख 18 हजार की राशि स्वीकृत दी गई है। इसी तरह नगर पंचायत समोदा में साहू समाज और सतनामी समाज के सामुदायिक भवन निर्माण कार्य हेतु अलग-अलग 26.19 हजार, नवीन नगर पंचायत कार्यालय भवन हेतु 49.82 लाख, मिनी स्काई लिफ्ट क्रय कार्य हेतु 14 लाख 30 हजार कुल एक करोड़ 16 लाख 50 हजार रुपए की स्वीकृति मिली है।
नगर पंचायत चंदखुरी में नवीन नगर पंचायत कार्यालय भवन निर्माण राशि 49 लाख 99 हजार, मोहन्दी रोड से नाला तक सीसी रोड निर्माण 49.93 लाख, मिनी स्काई लिफ्ट क्रय कार्य हेतु 14.30 लाख कुल एक करोड़ 14 लाख 22 हजार रुपए की स्वीकृति मिली है।
नगर पंचायत मंदिर हसौद अंतर्गत तहसील कार्यालय से व्यवसायिक परिसर तक सी.सी.रोड मरम्मत कार्य हेतु 7.90 लाख, व्यवसायिक परिसर से जयकारा ट्रेडिग तक सी.सी.रोड निर्माण कार्य हेतु 28 लाख 26 हजार, व्यवसायिक परिसर से जयकारा ट्रेडिग तक आर.सी.सी.नाली निर्माण कार्य 15.23 लाख, मेन रोड से बांधे घर तक सी.सी.रोड निर्माण कार्य 20.35 लाख, मेन रोड से बांधे घर तकआर.सी.सी.नाली निर्माण कार्य 15.23 लाख, निकाय में विभिन्न स्थान में विद्युत पोल विस्तार एवं ट्रासफार्मर लगाने का कार्य 30 लाख,मिनी स्काई लिफ्ट क्रय 14.30 लाख, मेहर समाज हेतु सामुदायिक भवन निर्माण कार्य 5 लाख, वर्मा समाज हेतु सामुदायिक भवन निर्माण हेतु 15 लाख रुपए कुल 1 करोड़ 51 लाख 27 हजार की स्वीकृति मंदिर हसौद के लिए स्वीकृत किया गया है।