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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भी कार्रवाई नहीं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 जुलाई। यह एक ऐसा मामला है जिसमें तीन सगे भाई आजीवन कैद की सजा पूरी होने के बाद भी 9 साल से जेल में हैं। सुप्रीम कोर्ट ने तीन माह के भीतर प्रकरण के निपटारे के आदेश दिए हैं। बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। इस पूरे मामले पर विधि मंत्री मोहम्मद अकबर को ज्ञापन भी दिया गया है।
डीकेएस भवन के पास रहने वाले तीन सगे भाई मोहन राव, शंकर राव, और कृष्णा राव, हत्या के एक मामले में दोषी पाए गए थे। इन तीनों को अदालत में विशेष न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। ये सभी 14 साल की सजा पूरी कर चुके हैं। सजा पूरी होने के बाद भी इनकी रिहाई नहीं हो पा रही है।
बताया गया कि मोहन राव अंबिकापुर, और शंकर राव, कृष्णा राव दुर्ग जेल में बंद हैं। सजा पूरी होने के बाद रिहाई न होने पर इन कैदियों की माता जी. राजेश्वरी ने अलग-अलग स्तरों पर गुहार लगाई, लेकिन कुछ नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट ने 12 मार्च 2021 को अपने आदेश में तीन माह के भीतर तीनों की क्षमा याचिका पर विचार करने के निर्देश दिए हैं। बावजूद इसके सरकार ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। इसके बाद पीडि़त पक्ष के लोगों ने विधि मंत्री मोहम्मद अकबर से मुलाकात की, और उन्हें विस्तार से मामले की जानकारी दी।
कैदियों के परिजनों ने बताया कि आजीवन कारावास 14 साल में पूरा हो जाता है, लेकिन ये तीनों को 19 साल हो चुके हैं। यही नहीं, क्षमा की अवधि को जोड़ दिया जाए, तो 25 साल हो जाते हैं। यानी 9 साल अतिरिक्त हो गए हैं। श्री अकबर ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रकरण पर जेल विभाग को तुरंत कदम उठाने के लिए लिखा है। परन्तु अभी तक कैदियों की रिहाई की दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 जुलाई। देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर मनरेगा के माध्यम से आजादी का अमृत महोत्सव के तहत आज प्रदेश भर में विशेष पौधरोपण अभियान की शुरूआत की गई।
अभियान के तहत मनरेगा श्रमिकों, स्वसहायता समूहों के सदस्यों, दिव्यांगजनों, त्रिस्तरीय पंचायतीराज संस्थाओं के पदाधिकारियों एवं महिलाओं द्वारा 19 जुलाई से 1 अगस्त तक गांवों में पौधरोपण किया जाएगा।
इस दौरान सडक़ों के किनारे, ग्राम पंचायतों, शासकीय स्कूलों व आंगनबाड़ी परिसरों तथा डबरी व तालाब की मेड़ों पर वृक्षारोपण के साथ ही सामुदायिक भूमि पर ब्लॉक प्लांटेशन किया जाएगा। राज्य मनरेगा कार्यालय ने पौधरोपण के दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव के सभी उपायों और दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश मैदानी अमले को दिए हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 जुलाई। महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डॉ. खूबचंद बघेल के जयंती के अवसर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने स्व. खूबचंद बघेल जी को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि स्वर्गीय डॉ. बघेल हमारे छत्तीसगढ़ के पुरोधा पुरुष है।
डॉ. महंत ने कहा कि डॉ. बघेल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी से प्रभावित थे, वे अपनी शासकीय सेवा से त्यागपत्र देकर 1930 में गांधी जी के आंदोलन में शामिल हो गये, वर्ष 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही, पश्चात संपूर्ण जीवन उन्होंने छत्तीसगढ़ की अस्मिता और सम्मान के लिए संघर्ष किया, उनके इसी योगदान को दृष्टिगत रखते हुए, उन्हें छत्तीसगढ़ का प्रथम स्वप्नदृष्टा कहा जाता है ।
डॉ. महंत ने कहा कि डॉ. खूबचंद बघेल ने छत्तीसगढ़, छत्तीसगढ़ी और छत्तीसगढिय़ों के स्वाभिमान को स्वर दिया, हमारी लोक संस्कृति, लोककला और लोक परंपराओं को उन्होंने अपने प्रयासों से राष्ट्रीय पटल पर स्थापित किया, उनके इस योगदान के लिए छत्तीसगढ़ का जन-जन अनंत काल तक कृतज्ञ रहेगा और छत्तीसगढ़ की भावी पीढ़ी के हृदय में उनके प्रति सम्मान का भाव सदैव शाश्वत और जागृत बना रहेगा ।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 जुलाई। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायपुर के मेडिसिन विभाग में आने वाले गंभीर रोगियों को अब विभाग में ही आईसीयू की सुविधा उपलब्ध होगी। विभाग के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए आईसीयू का प्रयोग प्रारंभ कर दिया गया है। इसमें दो आइसोलेशन बैड भी बनाए गए हैं जिन्हें संक्रामक रोगियों के लिए सुरक्षित रखा जाएगा। नए आईसीयू बैड मिल जाने से विभाग में प्रतिदिन आने वाले लगभग 350 रोगियों को काफी राहत मिलेगी।
आईसीयू बैड का उद्घाटन करने के बाद निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने बताया कि अभी तक जनरल मेडिसिन वार्ड में 60 बैड सामान्य रोगियों के लिए और 20 बैड का एचडीयू उपलब्ध है। अब यहां 10 बैड का आईसीयू भी पृथक रूप से बना दिया गया है। एम्स के अंदर सबसे अधिक रोगी जनरल मेडिसिन विभाग में आते हैं। पृथक आईसीयू बन जाने से गंभीर रोगियों को तुरंत आईसीयू की सुविधा प्रदान की जा सकेगी। इसके अलावा दो अलग बैड संक्रामक रोगों से पीडि़त रोगियों के लिए सुरक्षित रखे गए हैं।
विभागाध्यक्ष प्रो. विनय पंडित ने बताया कि आईसीयू में सभी आवश्यक सुविधाएं और रोगियों के लिए हाई एंड मॉनीटरिंग की सुविधा दी गई है। विभाग में पहले से ही एबीजी, डॉप्लर, डीफेब्रीलेटर, ईसीजी और सोनोग्राफी की सुविधाएं प्रदान की जा रही है। इसके साथ ही यहां प्राइमरी डायग्नोस्टिक की सारी सुविधाएं भी दी गई हैं। विभाग में विशेष रूप से प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टॉफ को तैनात किया गया है। यहां सभी जरूरी दवाइयां भी उपलब्ध होंगी। नए आईसीयू के बाद विभाग में किसी भी गंभीर बीमारी की चुनौती का मुकाबला करने के लिए आवश्यक बुनियादी सेवाएं उपलब्ध हो गई हैं।
आधुनिक मोबाईल वैन से आंखों और दांतों की जांच, नि:शुल्क दवाएं भी दी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 जुलाई। सिक्ख ऑफिसर्स एसोसियेशन और जेएसआई मेडिको सिटी के संयुक्त आयोजन में आज शासकीय कन्या शाला अमलीडीह में आयोजित नि:शुल्क चिकित्सा शिविर में 190 मरीजों ने विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श कर दवा ली। शिविर में आखों और दांतों की जांच के लिए दो आधुनिक मोबाईल वैन में मरीजों का परीक्षण भी किया गया। शिविर में एलोपैथिक, आयुर्वेदिक, फिजियोथैरेपी और एक्युप्रेशर के चिकित्सकों ने मरीजों को परामर्श, इलाज व दवाएं दी।
छत्तीसगढ़ सिक्ख ऑफिसर्स एसोसियेशन के संयोजक सरदार जी.एस. भामरा और सचिव सरदार दीप सिंह जब्बल ने बताया कि लगभग डेढ़ साल बाद इस आयोजन में लोगों को विशेषज्ञ डॉक्टरों से मिल कर काफी संतोष हुआ। शिविर में कोविड नियमों का पालन करते हुए मरीजों की जांच की गई। शिविर में कमजोरी, सिरदर्द, बैचेनी, कमर व घुटनों के हड्डी दर्द, बुखार, दांतों व आखों के रोगों की जांच की गई।
शिविर में दो मोबाइल वैन भी आई थी। इसमें एक आखों के अस्पताल अरविंदो हॉस्पिटल रायपुर के डॉक्टर आनंद सक्सेना की दूसरी दांतों के डॉक्टर डॉ. जितेन्द्र सराफ के सीता मेमोरियल मल्टीस्पेश्लटी डेन्टल क्लीनिक की आधुनिक मोबाईल लैब थी। मरीजों की इस मोबाईल वैन में बैठा कर जांच की गई। इस नि:शुल्क चिकित्सा शिविर में कोविड से उबरे तीन मरीज भी आए, जिन्हें विशेषज्ञ डॉक्टरों व्दारा आवश्यक सलाह व दवा दी गई।
चिकित्सा शिविर में मेकाहारा के ह्रदृय रोग सर्जन डॉ. के.के. साहू, छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. केदार देवांगन, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. कुलदीप सिंह छाबड़ा, डॉ. अभिषेक सचदेव, डॉ. दीपक अग्रवाल, डॉ. जगदीश ऊराया, दन्त रोग विशेषज्ञ डॉ.जीतेन्द्र सराफ,एक्युप्रेशर थेरपिस्ट गुरदीप सिंह राजपाल, बालाजी हॉस्पिटल के डॉ. देवेन्द्र नायक के दो ड़ॉक्टर और पैरामेडिकल टीम, विनायक नेत्रालय के डॉ. चारुदत कलमकर के डॉक्टरो ने अपनी सेवाएं दी।
रायपुर, 19 जुलाई। छत्तीसगढ़ किसान सभा ने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा भारतीय वन कानून, 1927 में संशोधन मसौदा तैयार करने का ठेका कॉर्पोरेट कंपनियों को देने के लिए रूचि की अभिव्यक्ति आमंत्रित करने की तीखी आलोचना करते हुए इसका विरोध किया है तथा कहा है कि अब यह सरकार के निजीकरण की शुरूआत है, जो कानून बनाने का काम भी कॉर्पोरेट कंपनियों को सौंप रही है। मोदी सरकार के पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने यह आमंत्रण 22 जून को जारी किया है और इसका मुख्य उद्देश्य वन्य-व्यापार को सुगम बनाना है।
किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते तथा महासचिव ऋ षि गुप्ता ने कहा है कि वन और वन संपदा के उपयोग का मामला भारतीय संविधान की समवर्ती सूची का हिस्सा है और यह राज्य के अधिकार क्षेत्र का मामला है। राज्य की स्वीकृति के बिना केंद्र सरकार वन भूमि का अन्य प्रयोजनों के लिए उपयोग तक नहीं कर सकती। इसलिए राज्यों से सलाह-मशविरा किये बिना इस विषय पर कोई भी कानून बनाना संघवाद के खिलाफ होगा।
किसान सभा नेताओं ने कहा कि जिस कॉर्पोरेट क्षेत्र की बुरी नजर इस देश के जल, जंगल, जमीन, खनिज व अन्य प्राकृतिक संपदा पर गड़ी हुई है, उसे ही कानून बनाने के लिए कहा जा रहा है। यह चोरों को ही चौकीदारी का जिम्मा देने के समान है। मोदी सरकार के इस कदम से वन संरक्षण, वनों में रहने वाले समुदायों की आजीविका और उनके अधिकार, जैव-विविधता आदि सभी खतरे में पड़ गए हैं और वास्तव में यह वन संरक्षण कानून को कमजोर करने और राज्यों के अधिकार हड़पने के लिए किया जा रहा है।
किसान सभा नेताओं ने कहा है कि जो लोग और संस्थाएं वनों, वन्य-जीवों और जैव-विविधता के संरक्षण तथा वनों पर निर्भर गरीब समुदायों के अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ रहे है, उन ताकतों को कानून निर्माण की प्रक्रिया से बाहर रखने से ही मोदी सरकार के कॉर्पोरेटपरस्त इरादों का पता चलता है। छत्तीसगढ़ किसान सभा ने कहा है कि किसी कानून का मसौदा तैयार करना राज्य का संप्रभु और सार्वभौमिक अधिकार है और यह काम किसी कॉर्पोरेट कंपनी को नहीं सौंपा जा सकता, इसलिए मोदी सरकार अपनी रूचि की अभिव्यक्ति के आमंत्रण को तुरंत वापस लें।
रायपुर, 19 जुलाई। 28 प्रतिशत महंगाई भत्ता की मांग को लेकर आगामी 20 जलाई को छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन आव्हान पर प्रदर्शन में सभी स्तर पर पेन्शनर शामिल होकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौपे ज्ञापन में सहभागिता करेंगे। पेन्शनर संघ अलग से कोई ज्ञापन नहीं देगा।
इस प्रदर्शन आंदोलन में छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेन्शनर फेडरेशन से जुड़े संगठन क्रमश: पेन्शनर एसोसिएशन छत्तीसगढ़ के प्रांताध्यक्ष यशवन्त देवान धमतरी में छत्तीसगढ़ प्रगतिशील पेन्शनर कल्याण संघ के प्रांताध्यक्ष आर पी शर्मा बिलासपुर में और भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष जयप्रकाश मिश्रा रायपुर में प्रदर्शन में शामिल होंगे।
कार्यक्रम में शामिल होने की सूचना से पेन्शनर फेडरेशन के अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने सभी संगठनों जिम्मेदार पदाधिकारियों और पेन्शनर्स को अवगत करा दिया है और पूरे जोश के साथ आंदोलन में भाग लेने का आव्हान किया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 जुलाई। वरिष्ठ नागरिकों के हित संवर्धन के लिए अखिल भारतीय स्तर पर सक्रिय संगठन वरिष्ठ नागरिक परिसंघ के छत्तीसगढ़ राज्य इकाई का गठन रविवार 18 जुलाई 21 को विभिन्न संगठनों से जुड़े वरिष्ठ नागरिक संघ पूर्व प्रदेश संयोजक वीरेन्द्र नामदेव के सलाह और सानिध्य में सर्वसम्मति से सम्पन्न हुआ।
जिसमें राजेन्द्र नगर रायपुर के वरिष्ठ नागरिक अनूप श्री वास्तव को परिसंघ के प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व देकर अन्य पदों पर क्रमश: उपाध्यक्ष पूरनदास वैष्णव जांजगीर-चाम्पा, श्रीमती प्रमिला देवांगन दुर्ग, सचिव के के निगम रायपुर कोषाध्यक्ष आर के साहू रायपुर, संगठन सचिव सुरेश चिंचोलकर बिलासपुर, सह सचिव एम एल पारीक बिलासपुर, प्रचारसचिव प्रदीप सोनी अम्बिकापुर, को जवाबदारी दी गई।
तथा परिसंघ के छत्तीसगढ़ इकाई में सत्येंद्र दुबे कोरबा, योगेशदत्त मिश्रा राजनांदगांव, बीजी बंग रायपुर, यू के चौरसिया बिलासपुर,अजित गुप्ता दुर्ग,सुहास लांबट रायगढ़, प्रेमचंद गुप्ता कोरिया, योगेन्द्र श्रीवास्तव दुर्ग, अनिल चतुर्वेदी अम्बिकापुर, पीपी पीपरिहा पेण्ड्रा, नरेन्द्र श्रीवास्तव कांकेर, आर सी रैकवार दुर्ग, बी आर नरबरिया बीजापुर, सुभाष चौधरी नगरी धमतरी, गोरेलाल शर्मा कोरबा, रामसिंह कोंडागांव कार्यसमिति के सदस्य घोषित किए गए।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 18 जुलाई। रायपुर से लगभग 65 किमी दूर महासमुंद जिले से लगा मामाभांचा गांव पर जहां शिक्षिका गायत्री कन्नौजे मोहल्ला स्कूल संचालन करते दिखी। सभी पढऩे वाले बच्चे मास्क लगाए रहे। यह मोहल्ला स्कूल गांव मामाभांचा के एक मंच पर संचालित हो रहा है। पढऩे वाले सभी बच्चे 5वीं कक्षा के थे।
शिक्षिका गायत्री से जब पूछा गया कि यहां रोज कितने बच्चे आते हैं तो बताया कि यहां 5वीं क्लास के 30 से 35 बच्चे हैं, लेकिन रोज तो पूरे नहीं आते लेकिन आधे से ज्यादा बच्चे आते हैं। शिक्षिका ने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई भी चालू है, पर आधे से ज्यादा बच्चों के घरों में स्मार्ट फोन नहीं है। ऐसे में पढ़ाई में दिक्कत होती है। इसलिए हम लोग मोहल्ला क्लास का संचालन कर रहे है, ताकि सभी को पढ़ाने का अवसर मिल सके।
गांव के मनोज गिरी ने बताया कि यहां क्लास लगने से बच्चे भी पढ़ाई में रूचि दिखाने लगे हैं। वहीं घर वाले भी अपने बच्चों को यहां पढ़ाने के लिए छोडक़र जाते हैं। गांव के सभी लोगों का कहना है कि मोहल्ला स्कूल खुलने से अब बच्चों को भी सुविधा हो रही है। साथ ही मन लगाकर पढ़ाई कर रहे हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 18 जुलाई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 19 जुलाई को दोपहर 12 बजे अपने निवास कार्यालय से गांधीवादी चिंतक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के प्रथम स्वप्नदृष्टा डॉ. खूबचंद बघेल की जयंती समारोह में वर्चुअल माध्यम से शामिल होंगे।
कार्यक्रम का आयोजन संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग द्वारा महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय रायपुर के सभागार में किया गया है। जयंती समारोह के अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा डॉ. खूबचंद बघेल के परिवारजनों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के उत्तराधिकारियों का सम्मान किया जाएगा। इस मौके पर संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय परिसर में डॉ. बघेल पर केन्द्रित प्रदर्शनी का लोकार्पण करेंगे।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में डॉ. खूबचंद बघेल के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के संबंध में संगोष्ठी आयोजित की जाएगी। पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. केएल वर्मा, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. परदेशीराम वर्मा, जागेश्वर प्रसाद, डॉ. सत्यभामा आडिल, छत्रपाल सिरमौर, राजेन्द्र कुमार वर्मा, अमित बघेल एवं विष्णु बघेल संस्मरण प्रस्तुत करेंगें। इसके बाद डॉ. खूबचंद बघेल पर आधारित गाथा तथा उनके द्वारा लिखित नाटक करम छड़हा का महेश वर्मा एवं साथियों द्वारा मंचन किया जाएगा। समारोह में संसदीय सचिव कुंवरसिंह निषाद भी मौजूद रहेंगे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 18 जुलाई। प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी, और राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश शनिवार को दिग्गज आदिवासी नेता नंदकुमार साय के निवास पर रात्रि भोज में शामिल हुए। इस दौरान पार्टी गतिविधियों पर सामान्य चर्चा हुई।
प्रदेश प्रभारी सुश्री पुरंदेश्वरी के साथ शिवप्रकाश, और प्रभारी सचिव नितिन नबीन भी श्री साय के जेल रोड स्थित निवास पर भोज के लिए पहुंचे। इस दौरान साय के करीबी लोग ही मौजूद थे। तीनों का श्री साय, और अन्य लोगों ने स्वागत किया।
सूत्र बताते हैं कि भोज के बाद श्री साय, और तीनों बड़े नेताओं की पार्टी गतिविधियों को लेकर चर्चा हुई। चर्चा के दौरान श्री साय ने आदिवासी इलाकों में पार्टी के घटते जनाधार की तरफ तीनों का ध्यान आकृष्ट कराया। हालांकि श्री साय ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में कहा कि पार्टी गतिविधियों पर किसी तरह की कोई चर्चा नहीं हुई। काफी समय से मुलाकात नहीं हुई थी। इसलिए तीनों प्रमुख नेताओं ने रात्रि भोज पर आमंत्रित किया था।
रायपुर, 18 जुलाई। जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र, रायपुर द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 19 जुलाई 2021 को स्थान-रोजगार कार्यालय रायपुर, पुराना पुलिस मुख्यालय परिसर, जीई रोड, रायपुर में प्लेसमेंट कैम्प आयोजित होगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 18 जुलाई। चेंबर ऑफ कॉमर्स में विवाद छिड़ गया है। इसी कड़ी में हाल में पदाधिकारियों के मनोनयन पर दो निर्वाचित पदाधिकारियों ने आपत्ति जताई है, और रजिस्ट्रार से इसकी शिकायत की है।
चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी द्वारा विगत दिनों घोषित की गई कार्यकारिणी पर चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रदेश उपाध्यक्ष सुशील रामदास एवं प्रदेश मंत्री शक्ति अग्रवाल ने विरोध दर्ज करते हुए इसे गैर सम्मत एवं चेंबर के संविधान के विपरीत बताते हुए पंजीयक कार्यालय में आपत्ति दर्ज की है ।
इस सिलसिले में चेम्बर के पूर्व पदाधिकारी, और शिकायतकर्ताओं से जुड़े राजकुमार राठी ने जानकारी देते हुए बताया कि चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अमर पारवानी ने अपने मूल संविधान के साथ खिलवाड़ किया है, उन्होंने कहा कि चेंबर पारदर्शिता पूर्ण एवं लोकतांत्रिक तरीके से चलता है और संस्था के विनियम एवं उप निधि के अधीन आवश्यक नियुक्ति करने का अधिकार देता है जो कि निर्वाचित अध्यक्ष का दायित्व भी है परंतु संस्था द्वारा बनाए गए नियमों से बाहर जाकर अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल कर, मनमाने ढंग से नियुक्तियों का हम विरोध करते हैं,जोकि नियमों के विपरीत है।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों को उन्होंने सलाहकार समिति में बनाया है उन लोगों ने हमेशा चेंबर के की गरिमा खराब करने में सबसे बड़ा योगदान रहा है। राजकुमार राठी ने कहा कि अध्यक्ष ने मनमाने ढंग से तुष्टीकरण की नीति का अवलंबन लेकर निर्धारित संख्या से अधिक मनोनयन कर स्वयं को संस्था से ऊपर करने का प्रयास तो किया ही है, साथ ही अध्यक्ष ने ऐसे लोगों को महत्वपूर्ण पद से नवाजा है जो संस्था के सदस्य भी नहीं है ।
इस तरह से सीधे मनोनयन कर निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का अपमान किया गया है, जिसका रायगढ़ के प्रदेश उपाध्यक्ष सुशील रामदास और प्रदेश मंत्री शक्ति अग्रवाल विरोध करते हुए अपनी बातें पंजीयक को लिखित में दे दी है और जरूरी कार्यवाही हेतु आपत्ति प्रेषित कर दी है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 18 जुलाई। केन्द्र सरकार द्वारा केन्द्रीय सेवा से रिटायर अधिकारियों एवं कर्मचारियों को 11 प्रतिशत महंगाई राहत राशि देने का निर्णय केबिनेट से घोषित होने के बाद अब केन्द्र के आदेश से राज्य कोष से छत्तीसगढ़ राज्य में सेवारत भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों क्रमश: आईएएस आईएफएस, आईआरएस आदि को 17 फीसदी से बढक़र 11 फीसदी जोडक़र कुल 28 फीसदी महंगाई राहत 1 जुलाई 21 से लाभ मिलेगा।
इस पर वीरेन्द्र नामदेव ने राज्य के लोकप्रिय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आग्रह किया है कि अगर सचमुच में राज्य में पेंशनरों और कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देने सम्बन्धी आदेश जारी होने से आर्थिक संकट में होगा तो छत्तीसगढ़ में सेवारत भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को भी राज्य सरकार के कोष से डी ए के भुगतान पर तुरन्त रोक लगाया जाना चाहिए। वैसे भी वे सभी जुलाई 19 से राज्य सेवा के पेंशनरो और कर्मचारियों-अधिकारियों से 5त्नप्रतिशत अधिक महंगाई भत्ता राज्य के खजाने से प्राप्त कर रहें हैं।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार के सलाहकार के भूमिका निभाने वाले आईएएस अधिकारियों के द्वारा वित्तीय संकट का भय दिखाकर राज्य सेवा के लोगों के आर्थिक लाभ प्रकरणो को लंबित रखने का सलाह देते हैं जिसमें महंगाई भत्ता भी शामिल है और स्वयं केन्द्र के आदेश के हवाले से राज्य कोष से अधिक भुगतान लेकर सरकार को वित्तीय हानि पहुंचा रहे हैं।
जारी विज्ञप्ति में आगे बताया है कि मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 धारा 49 के 6 वीं अनुसूची के प्रावधानों के अनुरूप दोंनो राज्यों के बीच पेंशनरी दायित्वों विभाजन लंबित रहने के कारण पेंशनरो को कोई भी आर्थिक लाभ देने के लिये दोनों राज्यों के आपसी सहमति अनिवार्य है।
जिसके तहत लगभग 6लाख से ऊपर मध्यप्रदेश के पेंशनरों को छत्तीसगढ़ सरकार के कोष से 26 प्रतिशत राशि और छत्तीसगढ़ के लगभग 1लाख से अधिक पेंशनरों को मध्यप्रदेश के कोष से 74 फीसदी राशि का भुगतान करना होता हैं। इसलिए दोनों राज्यो के बीच इस हेतु सहमति की अनिवार्यता होती है। आकड़ो के हिसाब से छत्तीसगढ़ सरकार सन 2000 से अब तक अरबो की आर्थिक हानि हो चुकी हैं फिर भी व्यूरोक्रेट आंख बंद किये हुए हैं,इन 20 वर्षो में पेंशनरों के आर्थिक भुगतान में अरबों के हानि के लिये राज्य के व्यूरोक्रेट को जिम्मेदार ठहराया है।
जारी विज्ञप्ति में छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर फेडरेशन के अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव और फेडरेशन से जुड़े संगठन भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के प्रांताध्यक्ष जे पी मिश्रा, पेंशनर्स एसोसिएशन छत्तीसगढ़ के प्रांताध्यक्ष यसवंत देवान, छत्तीसगढ़ प्रगतिशील पेंशनर्स कल्याण संघ के प्रांताध्यक्ष आर पी शर्मा आदि ने केन्द्र द्वारा जारी महंगाई राहत का स्वागत करते हुए छत्तीसगढ़ सरकार से राजस्थान सरकार की भांति सभी बकाया को जोडक़र तुरन्त कुल 28 प्रतिशत महंगाई राहत के आदेश प्रसारित करने की मांग की है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 18 जुलाई। शदाणी दरबार में सभी भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारी गण संत युधिष्ठिर लाल से आशीर्वाद लेने पहुंचे। जिसमे राष्ट्रीय संगठन महामंत्री शिव प्रकाश,राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमती डी पुन्देश्वरी जी,राष्ट्रीय सचिव नितिन नबीन,प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय, महामंत्री पवन साय, नारायण चंदेल,भूपेंद्र सवन्नी,रायपुर जिला अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी, उदय शदाणी जिला उपाध्यक्ष ललित जैसिंघ, अमित चिमनानी, अमित जीवन, नंदलाल साहित्य ।
रायपुर, 18 जुलाई। पं. जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय-डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय, रायपुर से संबद्ध एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट के हार्ट, चेस्ट एवं वैस्कुलर सर्जरी विभाग में डॉक्टरों ने इन्फ्रारीनल एओर्टिक डायसेक्शन नामक बीमारी का सफल ऑपरेशन कर रायपुर निवासी 40 वर्षीय मरीज को नई जिंदगी दी। इस बीमारी में मरीज के धमनी की आंतरिक दीवार क्षतिग्रस्त हो गई थी और रक्त का प्रवाह धमनी के बाहर होने लगा था, जिसे एओर्टिक डायसेक्शन या महाधमनी विच्छेदन कहते हैं।
हार्ट, चेस्ट एवं वैस्कुलर सर्जरी के विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्णकांत साहू एवं टीम ने ने इस दुर्लभ बीमारी का सफल ऑपरेशन करते हुए क्षतिग्रस्त महाधमनी के हिस्से को काटकर शरीर से अलग करते हुए महाधमनी की जगह में 7&14 साइज का कृत्रिम नस (आर्टिफिशियल ग्राफ्ट) लगाकर उसे दोनों पैरों की नसों से जोड़ दिया जिससे दोनों पैरों में पुन: रक्त संचार प्रारंभ हो गया। ऑपरेशन होने के पांच दिन बाद मरीज स्वस्थ है और डिस्चार्ज होकर घर जाने को तैयार है।
हार्ट, चेस्ट एवं वैस्कुलर सर्जन डॉ. कृष्णकांत साहू के अनुसार इन्फ्रारीनल एओर्टिक डायसेक्शन का यह राज्य में प्रथम तथा किसी भी शासकीय संस्थान में पहला ऑपरेशन है। यह डीबेकी टाइप 3 या स्टेनफोर्ड टाइप बी एओर्टिक डायसेक्शन है। यह दुर्लभ बीमारी तीस लाख लोगों में से एक को होती है तथा समय पर इलाज न मिलने से 50 प्रतिशत मरीज की मृत्यु 24 से 48 घंटे में हो जाती है। डॉ. साहू के अनुसार वर्तमान में राज्य के लगभग 90 प्रतिशत थोरेसिक एवं वैस्कुलर सर्जरी के केस एसीआई के कार्डियक सर्जरी विभाग में हो रहे हैं।
मरीज के बड़े भाई टी. अरैया के अनुसार मेरा 40 वर्षीय भाई तीन महीनों से पेट और कमर दर्द की समस्या से परेषान था। स्थानीय डॉक्टरों को दिखाने के बाद उसे किडनी की पथरी समझकर उसका उपचार किया। ओडि़शा के अस्पतालों में दिखाया। उसके बाद वहां पर भी कोई डायग्नोसिस नहीं पता चल पाया। अंतत: थक हारकर हम एक बड़े हायर सेंटर में गये जहां पर उसके पेट की महाधमनी की एंजियोग्राफी (एओर्टोग्राम) की गई तो पता चला कि पेट के अंदर स्थित महाधमनी (एब्डामिनल एओर्टा) में किडनी के ठीक नीचे स्थित महाधमनी (इन्फ्रारीनल एओर्टा) की आंतरिक दीवार के फट जाने के कारण रक्त आंतरिक एवं मध्य दीवार के बीच भर रहा था जिसके कारण पेट से नीचे अंगों में रक्त पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पा रहा था जिसके कारण उसके पैरों एवं पेट में दर्द रहता था। हायर सेंटर से हम अपनी पूरी रिपोर्ट लेकर एसीआई के कार्डियक थोरेसिक एवं वैस्कुलर सर्जरी विभाग में विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्णकांत साहू के पास पहुंचे। डॉ. साहू ने एंजियोग्राफी फिल्म को देखकर सर्जरी प्लान की। भर्ती होने के पांच दिन बाद मेरे भाई का ऑपरेशन हुआ और अब हम डिस्चार्ज लेकर घर जाने को तैयार है।
क्या है एओर्टिक डायसेक्शन
महाधमनी मानव शरीर की सबसे बड़ी और मुख्य धमनी होती होती है जो पूरे शरीर में रक्त का संचार करती है। कई बार धमनी की आंतरिक परत से रक्त का रिसाव (लीक) होने लगता है जिसे एओर्टिक डायसेक्शन या महाधमनी विच्छेदन के नाम से जाना जाता है। एओर्टिक डायसेक्षन एक गंभीर स्थिति है जिसमें धमनी की आंतरिक परत एंटाइमा (द्बठ्ठह्लद्बद्वड्ड) में छेद होने के कारण रक्त का रिसाव आंतरिक परत एंटाइमा (द्बठ्ठह्लद्बद्वड्ड) और मध्य परत मीडिया ( रूद्गस्रद्बड्ड) के बीच होने लगता है। यही रक्त अगर महाधमनी के बाहरी दीवार से भी बाहर निकलने लगता है तो जानलेवा हो जाता है।
यह बीमारी 60 या 70 साल की अधिक उम्र में कोलेस्ट्रॉल जमने से या फिर नसों की जन्मजात बीमारी (मार्फेन सिंड्रोम) में भी कम उम्र के लोगों में होता है या फिर आंतरिक चोट लगने के कारण होता है। अत्यधिक ब्लड प्रेशर की समस्या होने के कारण भी होता है परंतु किडनी के ठीक नीचे महाधमनी में डायसेक्शन बहुत ही दुर्लभ है। इस बीमारी में सबसे बड़ी समस्या इस बीमारी का पता लगाना होता है और इसका समय पर इलाज भी जरूरी है।
ऐसे हुआ ऑपरेशन
डॉ. कृष्णकांत साहू के अनुसार, मरीज को इस बीमारी के हाई रिस्क होने के बारे में समझा दिया गया था। इसमें किडनी खराब होने और पैर के काले पड़ जाने का तथा पेट से नीचे लकवा का बहुत ही ज्यादा रिस्क होता है। मरीज को बेहोश किया गया, पेट को खोला गया पेट खोलने के बाद किडनी के ऊपर महाधमनी (सुप्रारीनल एओर्टा) को लूप किया गया जिससे आवश्यकता पडऩे पर ब्लड सप्लाई को कंट्रोल किया जा सके। खून पतला करने की इंजेक्शन देने के बाद किडनी के नीचे महाधमनी में क्लैम्प लगाकर रक्त प्रवाह को पूरा रोक दिया गया और बीमारी वाले महाधमनी के हिस्से को काटकर शरीर से अलग कर दिया गया तथा टियर को रिपेयर किया गया। निकाले गये महाधमनी की जगह में 7&14 साइज का कृत्रिम नस ( आर्टिफिशियल ग्राफ्ट) जिसे वाई ग्रॉफ्ट कहते हैं, लगाया गया एवं दोनों पैरों की नसों से जोड़ दिया गया जिससे कि दोनों पैरों में पुन: रक्त संचार प्रारंभ हो गया। ऑपरेशन के दौरान रक्त प्रवाह को लगभग 18 मिनट के लिए रोका गया, इस बीच किडनी एवं अन्य अंगों की रक्षा के लिए विशेष प्रकार की दवाई दी गई। कृत्रिम ग्राफ्ट लगाते समय यह ध्यान दिया गया कि पेट में स्थित अन्य अंगों को कोई नुकसान न हो। ऑपरेशन के बाद मरीज को 24 घंटे वेंटिलेटर में रखा गया तथा खून पतला करने की दवाएं दी गई तथा चार दिन तक केवल आईवी फ्लूड पर रखा गया। आज मरीज डिस्चार्ज होकर घर जाने को तैयार है। मरीज का इलाज स्वास्थ्य सहायता योजनांतर्गत हुआ।
इलाज से लेकर ऑपरेशन तक इन लोगों की रही मुख्य भूमिका
ऑपरेशन में विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्णकांत साहू तथा डॉ. निशांत सिंह चंदेल, एनेस्थेटिस्ट डॉ. अनिषा नागरिया एवं डॉ. अनिल गुप्ता, नर्सिंग स्टाफ में राजेन्द्र, चोवा राम व मुनेश तथा टेक्नीशियन के रूप
रायपुर, 18 जुलाई। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के मीडिया प्रमुख, मध्यप्रदेश पाठ्यपुस्तक निगम के पूर्व अध्यक्ष, पूर्व उपमहापौर तथा वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने छत्तीसगढ़ में बढ़ते गांजा तस्करी के मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि जिस रफ्तार से गांजा के प्रकरण प्रदेश में पुलिस द्वारा पकड़े जा रहे हैं उससे प्रतीत होता है कि गांजे का प्रजनन केन्द्र बन चुका है छत्तीसगढ़। पुलिस द्वारा केवल गांजे के वाहक पेडलर ही पकड़े जा रहे हैं परन्तु गांजा की खेप रूकने का नाम नहीं ले रही है। रोजाना अखबारों में ज्यादातर गांजा तस्करी के प्रकरण पढ़ने को मिल रहे हैं। पुलिस भी इस दिशा में खामोश है कि आखिर गांजा आता कहां से है तथा उसका प्रजनन केन्द्र कहां है?
रिजवी ने कहा है कि पुलिस द्वारा तफतीश में गांजा उत्पत्ति के केन्द्र बिन्दु तक पहुंचने की आज तक पहल नहीं की गई, जो तफतीश पर प्रश्न चिन्ह लगाती है। पुलिस को इस दिशा में तफतीश करना चाहिए ताकि यह पता चल सके कि गांजा पेडलर्स का आका कौन है? रिजवी ने आगे कहा कि पुलिस द्वारा तफतीश के समय तस्करों या पेडलर्स से दण्ड विधान संहिता के अंतर्गत आरोपी का मेमोरेण्डम गवाहों सहित लेकर गांजा के उद्गम स्थल तक जाकर असली तस्कर को पकड़ा जा सकेगा। मेमोरेण्डम प्रक्रिया से तफतीश की जाए तो यकीनन गांजा तस्करी पर काफी हद तक लगाम लगाया जा सकता है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 17 जुलाई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और छत्तीसगढ़ में किसान सत्याग्रह के प्रणेता बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव की 18 जुलाई को पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया है। बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव के योगदान को याद करते हुए श्री बघेल ने कहा कि ‘बाबू साहेब‘ दृढ़ता और संकल्प के प्रतीक थे।
उन्होंने छत्तीसगढ़ में सामाजिक जन-जागरण और स्वतंत्रता आंदोलन की अलख जगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव के नेतृत्व में शोषण और अन्याय के विरूद्ध किसानों ने ‘कंडेल नहर सत्याग्रह‘ किया।
छत्तीसगढ़ में संगठित जनशक्ति का यह अभूतपूर्व प्रदर्शन था। मुख्यमंत्री ने कहा कि माटीपुत्र बाबू छोटे लाल श्रीवास्तव के विचार मूल्य हमारी धरोहर हैं, जो हमें हमेशा प्रेरित करते रहेंगे।
प्रधानमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 17 जुलाई। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी सचिव डॉ. चंदन यादव, और प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के नेतृत्व में कांग्रेसजनों ने पैदल मार्च किया। उन्होंने पेट्रोलियम के दाम कम करने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया कि देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में तेजी से बढ़ोत्तरी के साथ-साथ आवश्यक वस्तुओं की आसमान छुती कीमतों से आज देश का हर वर्ग प्रभावित है। पिछले कुछ महीने में केन्द्र सरकार द्वारा लगभग 67 बार इंधन की कीमतों में बढ़ोत्तरी की है। देश के समस्त शहरों में पेट्रोल/डीजल के दाम सौ रूपए प्रति लीटर से पार कर गया है, इसी तरह हर घरेलू सामान जैसे-खाद्य तेल, दाल सहित अन्य घरेलू दैनिक उपयोगी सामानों दामों में बेतहाशा वृद्धि देखा जा रहा है।
यह भी कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल व एलपीजी गैस की कीमतों में लगातार कम हो रहा है, किन्तु केन्द्र सरकार पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस इन सबकी मूल्यों में इजाफा कर देश की जनता को लूटने का प्रयास कर रही है। भाजपा के केन्द्र सरकार ने ईंधन व गैस पर अत्याधिक उत्पाद शुल्क लेकर महामारी की इस दौर में देश को आर्थिक मंदी की ओर धकेलते हुए, रोजगार- व्यवसाय को ठप्प कर देश की अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया है, जिससे बेरोजगारी बढ़ रही है।
पार्टी ने पीएम से मांग की है कि देश में ईंधन/गैस पर अत्याधिक उत्पाद शुल्क वापस लेने और महामारी, आर्थिक मंदी और अभूतपूर्व बेरोजगारी के समय में पहले से ही, पीडि़त उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाने का कृपा करेंगे। प्रदेश पदाधिकारी, महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस, सेवादल, एनएसयुआई, सभी जिला अध्यक्षगण, सभी मोर्चा संगठन, प्रकोष्ठ विभाग, वरिष्ठ कांग्रेसजन, कार्यकर्ता शामिल हुए।
सरकार ने दी अनुमति
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 17 जुलाई। राज्य के आम नागरिक, शासकीय, अर्धशासकीय एवं अशासकीय संस्थाएं राज्य शासन के मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) कार्यालय के माध्यम से अपने नवीन भवनों के कांक्रीट की गुणवत्ता की जांच करा सकेंगे। इसके लिए इच्छुक व्यक्ति एवं संस्था को विधिवत आवेदन एवं निर्धारित शुल्क अदा करना होगा। राज्य शासन द्वारा मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) कार्यालय को इसके लिए अनुमति प्रदान की है। नवीन भवनों के कांक्रीट की गुणवत्ता की जांच नॉन डिस्ट्रेक्टिव टेस्टिंग (एनडीटी) उपकरणों के माध्यम से निर्धारित शुल्क देने पर की जाएगी। इससे आम नागरिकों को लागत के अनुरूप गुणवत्तायुक्त भवन की उपलब्धता सुनिश्चित होने के साथ ही भवन संधारण में आने वाले अनावश्यक अतिरिक्त व्यय से मुक्ति मिलेगी।
राज्य शासन द्वारा स्वीकृत निर्माण कार्यों के गुणवत्ता पर नियंत्रण रखा जा सकेगा। निर्माण कार्यों में गुणवत्ता के प्रति आम लोगों में जागरूकता आयेगी एवं राज्य सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी। शासन के द्वारा कार्यालय में उपलब्ध डिजीटल रिबाउंड हैमर हेतु परीक्षण शुल्क 2500 रूपए प्रति रिडिंग एवं अल्ट्रासोनिक पल्स वेलोसिटी उपकरण हेतु शुल्क 3 हजार रूपए प्रति रिडिंग जीएसटी सहित निर्धारित है।
परीक्षण शुल्क राशि के लिए ऑनलाईन/कार्यालय में सीधे जमा की जा सकती है। शासकीय, अर्द्धशासकीय एवं निजी निर्माण कार्यों के कांकीट की गुणवत्ता परीक्षण हेतु कार्यालय मुख्य तकनीकी परीक्षक (सर्तकता) के वेबसाईट में ई-परीक्षक मेनु में जाकर निर्धारित शुल्क ई-चालान के माध्यम से राजस्व मद 0070-60-800 अन्य प्राप्तियां में भुगतान कर सकेगे अथवा कार्यालय में आवेदक नियम एवं शर्ते स्वीकार करने के उपरांत मनी रीसिप्ट के माध्यम से राशि जमा कर गुणवत्ता परीक्षण कराया जा सकता है। ई-परीक्षक मेनू को उपयोग करने की विधि का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है - मेनू में जाकर ई-परीक्षक लिंक को क्लिक करें। वेब पेज में डिजीटल रिबांऊण्ड हैमर एवं अल्ट्रासोनिक पल्स वेलोसिटी उपकरण का परीक्षण मूल्य प्रदर्शित होगा। आवेदक स्वयं की आवश्यकतानुसार विवरण में क्लिक करेंगे। परीक्षणों की संख्या दर्ज कर, कार्ट में डाले, को क्लिक करेंगे। निरीक्षण स्थल का विवरण भर कर, घोषणा के लिए बनाये गये चेक बॉक्स को क्लिक करने के पश्चात् कुल देय राशि की गणना में क्लिक करें। ओटीपी सत्यापित कर राशि का भुगतान करें, पर क्लिक करें। आवेदक के मोबाईल फोन पर आये ओटीपी नंबर को सत्यापित करना होगा।
आवेदक ई-चालान सेवाओं के माध्यम से परीक्षण शुल्क की राशि सीधे शासन के राजस्व मद में जमा करेंगे। परीक्षण शुल्क राशि प्राप्त करने के पश्चात् कार्यालय मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) की टीम कार्य स्थल पर पहुंचकर कांक्रीट की गुणवत्ता का परीक्षण एनडीटी उपकरण के माध्यम से करेगी। आवेदक को निश्चित समय में परीक्षण परिणाम उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गयी है। तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) श्री आर. पुराम ने बताया कि ई-परीक्षक मॉड्यूल में प्रत्येक जिले के आवेदकों के लिए न्यूनतम परीक्षण निर्धारित किया गया है जिसमें बलरामपुर एवं जशपुर में न्यूनतम 4 परीक्षण कराना अनिवार्य है।
इसी प्रकार बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, कोरिया, सुकमा, सूरजपुर एवं सरगुजा में 3 परीक्षण, जांजगीर-चांपा, कवर्धा, कांकेर, कोण्डागांव, कोरबा, नारायणपुर, रायगढ़ एवं गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 2 परीक्षण एवं बालोद, बलौदाबाजार, बेमेतरा, बिलासपुर, धमतरी, दुर्ग, गरियाबंद, महासमुन्द, मुंगेली, रायपुर एवं राजनांदगांव में 1 परीक्षण किए जाएंगे। न्यूनतम परीक्षण संख्या के अतिरिक्त प्रत्येक परीक्षण में चयनित उपकरण के आधार पर परीक्षण शुल्क में वृद्धि होगी। संगठन के द्वारा निर्माण कार्यों की गुणवत्ता नियंत्रण हेतु 100 बिन्दु चेक लिस्ट पुस्तिका अंग्रेजी एवं हिन्दी संस्करण में तैयार किया गया है, जो कि ई-परीक्षक पोर्टल में उपलब्ध है। प्रत्येक पुस्तिका की कीमत 80 रूपए है, इसको ऑनलाईन भुगतान करने के पश्चात् प्राप्त किया जा सकता है। ई-परीक्षक पोर्टल के संबंध में तकनीकी सहायता हेतु सहायक कम्प्यूटर प्रोग्रामर के मोबाईल नं. 98932-28899 पर संपर्क किया जा सकता है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 17 जुलाई। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से यहां राजभवन में छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग के प्रांतीय अध्यक्ष सुभाष सिंह परते के नेतृत्व में कोयला कर्मचारी गृह निर्माण एवं कल्याण सहकारी समिति लगरा, बिलासपुर के पदाधिकारियों ने सौजन्य भेंट कर उन्हें अपनी समस्याओं के संबंध में ज्ञापन सौंपा। सुश्री उइके ने उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
पदाधिकारियों ने बताया कि कोयला कर्मचारी गृह निर्माण एवं कल्याण सहकारी समिति का विकास कोल इंडिया एवं एसईसीएल द्वारा किया जाना था, किंतु कंपनी द्वारा कोई भी विकास कार्य/आधारभूत संरचना का निर्माण नहीं कराया गया और ना ही कोई राशि आबंटित की गई है। जिसके कारण वहां निवासरत सेवा निवृत्त कर्मचारियों को अत्यंत परेशानी हो रही है। उन्होंने बताया कि समिति द्वारा 150 एकड़ की जमीन क्रय की गई और उसमें 900 सदस्य है।
रायपुर, 17 जुलाई। राधाबाई महिला महाविद्यालय में विगत दिनों जनभागीदारी समिति की बैठक में प्राचार्य विनोद जोशी के मांग पर नगर निगम के अध्यक्ष एवं राधाबाई महाविद्यालय जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष प्रमोद दुबे, सदस्य हीरा गु्रप के विनोद पिल्ले, प्रसिद्ध समाजसेवी अजय दानी, डॉ रुचि वर्मा एवं महाविद्यालय के सभी प्रोफेसर तथा सदस्यों ने राधाबाई महाविद्यालय को उत्कृष्ट महाविद्यालय बनाए जाने की दिशा में विभिन्न मांगे रख।
सभी सदस्यों ने एक स्वर में कहा कि इस महाविद्यालय में मध्यम वर्गीय एवं निम्न मध्यमवर्गीय परिवार के छात्राओं की संख्या बहुतायत में हैं इस दृष्टिकोण से इस महाविद्यालय को सर्व सुसज्जित महाविद्यालय के रूप में विकसित किए जाने के लिए जो भी आवश्यकता है होंगे उन सारे आवश्यकताओं की पूर्ति की जाएगी ।अध्यक्ष प्रमोद दुबे ने महाविद्यालय में सफाई के लिए एवं गार्डन मेंटेन के लिए दो लोगों को भर्ती करने की स्वीकृति दी। साथ ही फिजिक्स तथा केमेस्ट्री जैसे विषयों के प्रेक्टिकल हेतु आधुनिक उपकरण क्रय करने की स्वीकृति दी।
ताकि छात्राओं को प्रैक्टिकल के लिए दूसरे महाविद्यालयों में ना जाना पड़े,, साथ ही महाविद्यालय में अन्य फैकल्टी के लिए जो भी आवश्यक उपकरण लगेंगे उसकी भी पूर्ति की जाएगी। प्रमोद दुबे के आग्रह पर हीरा ग्रुप के श्री विनोद पिल्ले एवं अजय दानी ने छात्राओं को विभिन्न प्लांटों में ले जाकर उनको ट्रेनिंग दिए जाने तथा महाविद्यालय स्तर पर प्लेसमेंट कराए जाने पर स्वीकृति प्रदान की,,, साथ ही छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु उनके सुरक्षा से संबंधित ट्रेनिंग भी समय-समय पर कराए जाने हेतु स्वीकृति प्रदान की है। प्रमोद दुबे ने कहा कि राधाबाई महाविद्यालय छात्राओं की उत्कृष्ट संस्थान बने इसके लिए वे सरकार से हर स्तर पर जाकर मदद करने की बात कही।।।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 17 जुलाई। राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक 1 जून 2021 से अब तक राज्य में 370.4 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून से आज 17 जुलाई तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार सुकमा जिले में सर्वाधिक 703.3 मिमी और मुंगेली जिले में सबसे कम 259.6 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है।
राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सरगुजा में 287.4 मिमी, सूरजपुर में 397.4 मिमी, बलरामपुर में 322.1 मिमी, जशपुर में 377.2 मिमी, कोरिया में 316.3 मिमी, रायपुर में 339.7 मिमी, बलौदाबाजार में 446.1 मिमी, गरियाबंद में 386.4 मिमी, महासमुंद में 323.9 मिमी, धमतरी में 349.9 मिमी, बिलासपुर में 354.7 मिमी, रायगढ़ में 304.1 मिमी, जांजगीर चांपा में 378.9 मिमी, कोरबा में 575.9 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 352.8 मिमी, दुर्ग में 382.3 मिमी, कबीरधाम में 302.4 मिमी, राजनांदगांव में 281.7 मिमी, बालोद में 313.9 मिमी, बेमेतरा में 473.6 मिमी, बस्तर 307.8 मिमी, कोण्डागांव में 338.9 मिमी, कांकेर में 327.3 मिमी, नारायणपुर में 428.8 मिमी, दंतेवाड़ा में 310.9 और बीजापुर में 429.4 मिमी औसत वर्षा रिकार्ड की गई।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 जुलाई। कोरोना से बचाव के लिए प्रदेश में अब तक (15 जुलाई तक) एक करोड़ नौ लाख सात हजार 690 टीके लगाए गए हैं। प्रदेश के 89 लाख 71 हजार 663 लोगों को इसका पहला टीका और 19 लाख 36 हजार 027 को दोनों टीके लगाए जा चुके हैं। प्रदेश में तीन लाख आठ हजार 846 स्वास्थ्य कर्मियों, तीन लाख 16 हजार 429 फ्रंटलाइन वर्कर्स, 45 वर्ष से अधिक के 49 लाख 96 हजार 912 और 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के 33 लाख 49 हजार 476 नागरिकों को कोरोना से बचाव का पहला टीका लगाया जा चुका है। वहीं दो लाख 42 हजार 188 स्वास्थ्य कर्मियों, दो लाख 17 हजार 891 फ्रंटलाइन वर्कर्स, 45 वर्ष से अधिक के 13 लाख 86 हजार 329 तथा 18 से 44 आयु वर्ग के 89 हजार 619 लोगों को दोनों टीके लगाए जा चुके हैं।
प्रदेश में 91 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों, शत-प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्कर्स, 45 वर्ष से अधिक के 85 प्रतिशत नागरिकों और 18 से 44 आयु वर्ग के 25 प्रतिशत युवाओं ने कोरोना से बचाव का पहला टीका लगवा लिया है। वहीं 71 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों, 74 प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्कर्स और 45 वर्ष से अधिक के 24 प्रतिशत लोगों ने दोनों टीके लगवा लिए हैं। प्रदेश में कुल एक करोड़ 99 लाख 32 हजार 392 लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य है। इनमें तीन लाख 39 हजार 732 स्वास्थ्य कर्मी, दो लाख 93 हजार 040 फ्रंटलाइन वर्कर्स, 45 वर्ष से अधिक के 58 लाख 66 हजार 599 तथा 18 से 44 आयु वर्ग के एक करोड़ 34 लाख 33 हजार 021 नागरिक शामिल हैं।
रायपुर, 16 जुलाई। राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत लिम्फेटिक फाइलेरिया उन्मूलन और कृमि मुक्ति दिवस के लिए 19 जुलाई से 24 जुलाई तक विशेष अभियान चलाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि रायपुर जिले में आरंग, अभनपुर, नायापारा तथा रायपुर शहर की पुरानी बस्ती खपराभ_ी क्षेत्र फाइलेरिया रोग के लिए संवेदनशील क्षेत्र में आते है।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मयंक चतुर्वेदी ने गत् दिवस रेडक्रास सभाकक्ष रायपुर में अंतर्विभागीय जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक रायपुर ली। इसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, नगर निगम, इंडियन मेडिकल एसोशिएन, एन.जी.ओ के प्रतिनिधि, मितानिन, समन्वयक शामिल हुए।
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. विमल किशोर राय ने एम.डी.ए प्रोग्राम एवं लिम्फेटिक फाईलेरिसिस के बारे में बताया कि यह एक परजीवी के द्वारा होने वाला रोग है।
यह लिम्फेटिक फाइलेरिएसिस वाउचेरेरिया बैंक्रपटाई तथा बु्रजिया मलाई नामक निमेटोड के कारण होता है। नर एवं मादा परजीवी मनुष्य के लिम्फनोड में रहते है, जहां पर मादा हजारों की संख्या में माईक्रोफाईलेरिया उत्पन्न करती हैं।
अभियान के तहत् दवा खाने योग्य जनसंख्या को आयु के अनुसार डी.ई.सी. तथा अल्बेन्डाजॉल की दवाई खिलाई जाएगी हैं। आयु के अनुसार 2 से 5 वर्ष के बच्चों को डी.ई.सी की 1 टेबलेट, 6 से 14 वर्ष बच्चों को 2 टेबलेट तथा 15 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को 3 टेबलेट और इन सभी आयु वर्ग के लोगों को अल्बेन्डाजॉल की 1-1 टेबलेट दी जाएगी।
यह टेबलेट गर्भवती महिला, दो वर्ष से छोटे बच्चों और अत्यन्त वृद्ध व्यक्ति, जो गंभीर बीमारी से ग्रस्त है उन्हें नहीं दी जाएगी। रायपुर जिले में दवा खाने योग्य जनसंख्या 2,41,826 का लक्ष्य रखा गया हैं। इसकें लिए 8,124 टीम लगायी गयी है।