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26 हजार शिक्षाकर्मियों का संविलियन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 11 जुलाई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आकाशवाणी से प्रत्येक माह प्रसारित होने वाली ‘लोकवाणी‘ की 19वीं कड़ी में श्रोताओं से बातचीत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के हर क्षेत्र में भरपूर विकास हमारी सरकार की प्राथमिकता में है। यही वजह है कि प्रदेश में ढाई वर्ष में विकास का एक नया स्वरूप नजर आ रहा है। यहां हर छत्तीसगढिय़ा के सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने का कार्य हो रहा है। इस तरह से ये बात है अभिमान की, छत्तीसगढिय़ा स्वाभिमान की के महत्वपूर्ण संकल्प के साथ हम ‘नवा छत्तीसगढ़‘ गढ़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल आज लोकवाणी में ‘विकास का नया दौर‘ विषय पर प्रदेशवासियों से बात-चीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास के लिए पुरखों से लेकर नई पीढ़ी तक सबका भरपूर उत्साह है। यह खुशी की बात है कि इसे पूरा करने और उनके सपनों में रंग भरने का अवसर हमें मिला है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि आदिवासियों से जुड़ी हुई बात, कोई भी विषय, कोई भी समस्या को हम छोटा नहीं मानते और आदिवासी अंचलों में आम जनता की सहूलियत के नए-नए उपाय करने के लिए प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। पिछले ढाई सालों में ऐसे अनेक छोटे-बड़े नवाचार हुए हैं, जिसका लाभ मिल रहा है। डेनेक्स कपड़ा फैक्ट्री से लेकर वनोपज संग्रह में महिला स्व-सहायता की भूमिका, देवगुड़ी के विकास से लेकर स्थानीय उपजों के वेल्यूएडिशन तक बहुत से काम किए गए हैं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि मैंने डीएमएफ के उपयोग के लिए नई गाइड लाइन बनवाई थी, जिसके कारण बस्तर में कुपोषण मुक्ति से लेकर मलेरिया उन्मूलन तक सफलता का नया कीर्तिमान रचा गया है। मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना 11 लाख मरीजों तक पहुंचती है तो मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना और दाई-दीदी मोबाइल क्लीनिक जैसी पहल का लाभ 5 लाख लोगों को मिलता है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि प्रदेश के औद्योगिक विकास का लाभ प्रदेश की जनता को दिलाने के लिए नई औद्योगिक नीति बनाई गई है, जिसके कारण प्रदेश में 47 हजार करोड़ रुपये का पूंजी निवेश होगा और 67 हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। अप्रत्यक्ष रूप से इसमें लाखों लोगों को लाभ मिलेगा। हर विकासखंड में फूडपार्क स्थापित करने की दिशा में कार्यवाही शुरू की है।
सुकमा में फूडपार्क की स्थापना हेतु अधोसंरचना विकास का कार्य शुरू कर दिया गया है।
दुर्ग जिले में 78 करोड़ रुपये लागत के वनोपज प्रसंस्करण के लिए वृहद इकाई स्थापित करने की दिशा में भी काम शुरू हो गया है। ऐसी ही दर्जन भर अन्य इकाइयां, विभिन्न स्थानों पर लगाने के लिए निजी संस्थाओं से करार किए गए हैं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमने सरकार में आते ही सबसे पहले शिक्षकों को सम्मान दिलाने का अभियान शुरू किया। क्योंकि जिस समाज में शिक्षक-शिक्षिकाओं का सम्मान होता है। उसी समाज में नए ज्ञान के अंकुर फूटते हैं, सबसे पहले तो अपना वादा निभाया और 26 हजार शिक्षाकर्मियों का संविलियन किया, जिससे उन्हें नियमित वेतनमान, पदोन्नति, स्थानांतरण जैसी तमाम सुविधाएं मिलने लगीं। अभी तक प्रदेश में 2 हजार 8 सौ व्याख्याताओं की भर्ती का काम पूरा हो चुका है।
उन्होंने ज्वाइन भी कर लिया है। 10 हजार से अधिक पदों पर शिक्षकों तथा सहायक शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया पूरी हो गई है। अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के बच्चों को छात्रवृत्ति तथा भोजन सहाय राशि में वृद्धि की गई। देश में पहली बार शिक्षा के अधिकार के तहत 12वीं तक नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था की गई है। ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन करने वाली बेटियों की नि:शुल्क पढ़ाई की व्यवस्था की गई है।
रायपुर, 11 जुलाई। छत्तीसगढ़ जैन युवा मोर्चा की हाल ही में हुई बैठक में मोर्चा की नई कार्यकारिणी के लिए चुनाव हुआ. जिसमें मोर्चा के संस्थापक व प्रचार-प्रसार प्रभारी मनीष लोढ़ा को प्रदेश महासचिव एवं युवा समाजसेवी तरुण कोचर को प्रदेश कोषाध्यक्ष मनोनीत किया गया।
इस दौरान मोर्चा के संस्थापक अध्यक्ष रहे जितेंद्र गोलछा ने कहा कि कोरोना के गंभीर संक्रमण के बाद उत्पन्न चुनौतियों से निपटने मोर्चा की जिम्मेदारी व भूमिका अधिक महत्व की हो जाती है. इसके लिए पूरे प्रदेश स्तर पर मोर्चा को सक्रिय कर नए सिरे से भागीदारी तय की जाएगी. ‘सेवा, सुरक्षा व स्वाभिमान रक्षा’ के ध्येय को लेकर वर्ष 2013 में जैन युवा मोर्चा का गठन किया गया था। तब से लेकर अब तक समाज के लोगों को लाभ देने के उद्देश्य से धार्मिक, सांस्कृतिक कार्यक्रम व स्वास्थ्य शिविर सहित व्यावसायिक-सामाजिक आयोजन निरंतर किए जाते रहे हैं। बढ़ती सामाजिक चिंता और चुनौतियों के मद्देनजर मोर्चा नई तैयारियों में जुट गया है तथा चुनाव कर संगठन के कार्यों में तेजी लाई जा रही है।
रायपुर, 11 जुलाई। नगरीय प्रशासन एवं विकास तथा श्रम मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया ने आरंग विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम रसनी और बोडरा में मुख्यमंत्री सुगम सडक़ योजना अंतर्गत सडक़ निर्माण कार्य और सामुदायिक भवन निर्माण सहित अन्य कार्यों का भूमिपूजन किया। इस अवसर पर मंत्री डॉ. डहरिया ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जनता की आकांक्षाओं और उम्मीदों को छत्तीसगढ़ की सरकार पूरा कर रही है। गाँव, गरीब किसानों और मजदूरों के हित में सरकार द्वारा लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। मंत्री डॉ डहरिया ने कहा कि प्रदेश के लोगों ने छत्तीसगढ़ राज्य के विकास का जो सपना देखा था वह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में पूरा हो रहा है। विकास कार्यों से प्रदेश की नई तस्वीर गढ़ी जा रही है। नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी और गौठान के माध्यम से गांव की पुरानी संस्कृति को पुनर्जीवित किया गया। महिला स्व सहायता समूहों को गौठान के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।
मंत्री डॉ डहरिया ने आगे कहा कि राज्य सरकार द्वारा कोविड के रोकथाम के लिए सराहनीय कार्य किया गया। कोविड के समय में भी प्रदेश में विकास कार्यों की लगातार सौगात दी गई। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राजीव गांधी किसान न्याय योजना से किसानों को लाभान्वित किया जा रहा है। सरकार द्वारा धान के बदले अन्य फसल और वृक्षारोपण करने वालों को प्रति एकड़ 10 हजार की राशि देकर प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों का कर्ज माफ करने के साथ बिजली बिल हाफ कर लोगों को राहत पहुचाया गया है। मंत्री डॉ.डहरिया ने कहा कि कोविड के समय में आर्थिक मंदी का असर राज्य में देखने को नहीं मिला। हमारे राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत रही। हमारी सरकार प्रदेश के लोगों के साथ मिलकर विकास के कार्यों को पूरा कर रही है। लोगों को अच्छी सडक़ मिले, घर में नल कनेक्शन से पानी मिले इसके लिए भी सरकार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि आरंग विधानसभा क्षेत्र में सामुदायिक भवन, सडक़,सीसी रोड़ निर्माण सहित अन्य कार्य लगातार स्वीकृत कर विकास की धारा बहाई जा रही है। मंत्री ने ग्राम रसनी और बोडरा में लगभग 62 लाख रुपए से अधिक के विभिन्न विकास कार्यों का भूमिपूजन किया।जिसमें शासकीय भवन से मुख्य मार्ग तक मुख्यमंत्री सुगम सडक़ निर्माण और सामुदायिक भवन, सीसी रोड़ निर्माण जैसे कार्य शामिल है। इस अवसर पर जनपद पंचायत आरंग के अध्यक्ष खिलेश्वर देवांगन, चंद्रशेखर चंद्राकर, हेमलता साहू, अनिता थानसिंह साहू, कोमल साहू सहित अन्य जनप्रतिनिधि और ग्रामीणजन उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 11 जुलाई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव रविवार को साथ-साथ दिल्ली से लौटे हैं। श्री बघेल ने कहा कि निगम मंडलों को लेकर पार्टी हाईकमान से चर्चा हुई है, और जब भी निर्देश होगा सूची जारी कर दिया जाएगा।
विमानतल पर मीडिया से चर्चा में ढाई-ढाई साल सीएम के कार्यकाल पर श्री बघेल ने कहा कि हाईकमान के कहने पर ये जिम्मेदारी ली है, और जब कहा जाएगा हट जाएंगे। प्रदेश में तीन चौथाई बहुमत की सरकार है। ऐसे में समझौता नहीं होता है।
उन्होंने बताया कि पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी से चर्चा हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएल पुनिया से भी बात हुई है और निगम मंडलों पर चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि जब भी निर्देश होगा सूची जारी कर दी जाएगी। मीडिया से चर्चा के दौरान स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव भी मौजूद थे।
रायपुर, 11 जुलाई। हाजी मोहम्मद असलम भाई (स्मार्ट डोला ग्रुप) के संचालक को मुस्लिम वेलफेयर फाउंडेशन रायपुर के जिला अध्यक्ष मनोनित किया गया। इस मुबारक मौके पर छत्तीसगढ़ प्रदेश मुस्लिम फोरम, रायपुर के प्रदेश अध्यक्ष हाजी मोहम्मद अनवर रिजवी, अब्दुल वाजिद साबिक मुतवली गौसिया मस्जिद, नियाज कुरैशी, भोला भाई, रियाज खान, मोहम्मद राशिद आदि सभी भाईयों ने छत्तीसगढ़ प्रदेश मुस्लिम फोरम के प्रदेश कार्यालय रायपुर में सभी ने मिलकर मुबारकबाद दी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 10 जुलाई। एक ओर जहां समय के साथ टेक्नोलॉजी बढ़ती जा रही है, वहीं सायबर क्राईम में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है, इन नए टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए ठग नए-नए तरीकों से अब लोगों को अपना शिकार बनाते हुए उनसे पैसे लूट रहे है,ं अब देखा जाए तो ठगों ने लूट का नया जरिया वीडियो कॉल को बनाया है, जहाँ अनजान वीडियो कॉल उठाते ही ये ठग न्यूड वीडियो बनाकर ठगी कर रहे हैं। सायबर सेल ने ऐसे वीडियो कॉल रिसीव ना करने और सतर्क रहने की अपील करते हुए वाट्सएप ग्रुप के अलावा अन्य माध्यमों से लोगों को सतर्क रहने की बात कही है।
इस मामले में सायबर सेल प्रभारी अरुण नामदेव ने बताया कि सायबर अपराध में एक नए तरीके का केस लगातार सामने आ रहा है। किसी के पास व्हाट्सअप या फेसबुक पर अनजान नंबर से वीडियो कॉल आता है। वह कॉल रिसीव करते ही दूसरी तरफ किसी महिला/पुरुष का न्यूड वीडियो दिखता है। कॉल खत्म होने पर एक स्क्रीन-रिकार्डेड वीडियो भेज कर ब्लैकमेल कर पैसे की मांग की जाती है। इस स्क्रीन रिकार्डेड वीडियो में साथ में न्यूड लडक़ी/लडक़ा देखकर कोई भी गलत मेसेज निकाल सकता है। घबराहट में कई लोग दिए एकाउंट में पैसे डाल देते हैं और कई लोग और गहरे जाल में फंस रहे हैं। ऐसी घटना आपके साथ या किसी भी परिचित के साथ ऐसा होने पर तुरंत पुलिस को सूचना दें और दूसरों को भी सावधान करें। ट्रू कॉलर जैसे एप में भी फ्रॉड नम्बर नाम से सेव करें ताकि दूसरे भी सावधानी रखें। अपरिचित से वीडियो कॉल आने पर उसे ना उठाने की अपील भी किया गया है।
रायपुर, 10 जुलाई। राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक 1 जून 2021 से अब तक राज्य में 340.4 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून से आज 10 जुलाई तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार सुकमा जिलें में सर्वाधिक 579.4 मिमी और दंतेवाड़ा जिले में सबसे कम 214.6 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है।
राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सरगुजा में 275.7 मिमी, सूरजपुर में 379.0 मिमी, बलरामपुर में 312.2 मिमी, जशपुर में 366.7 मिमी, कोरिया में 302.3 मिमी, रायपुर में 331.5 मिमी, बलौदाबाजार में 443.0 मिमी, गरियाबंद में 370.6 मिमी, महासमुंद में 315.7 मिमी, धमतरी में 323.7 मिमी, बिलासपुर में 353.1 मिमी, मुंगेली में 253.2 मिमी, रायगढ़ में 294.0 मिमी, जांजगीर चांपा में 365.6 मिमी, कोरबा में 527.7 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 348.4 मिमी, और बीजापुर में 342.9 मिमी औसत वर्षा रिकार्ड की गई।
बस्तर के नेताओं की पवन साय-शिवरतन के साथ बैठक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 10 जुलाई। भाजपा में छोटे-बड़े नेताओं की शिकवा-शिकायतें थमने का नाम नहीं ले रही है। इस कड़ी में बस्तर दौरे पर गए महामंत्री (संगठन) पवन साय, और शिवरतन शर्मा को हर जगह शिकायतें सुनने मिली। जगदलपुर में तो झल्लाकर शिवरतन शर्मा ने कह दिया कि सोनिया, राहुल, और भूपेश बघेल को गाली देने से वोट नहीं मिलेंगे। एक-दूसरे की शिकायतों के बजाए आदिवासी हितों के लिए जमीनी लड़ाई लडऩी होगी। तभी पार्टी मजबूत होगी।
भाटापारा विधायक शिवरतन शर्मा बस्तर संभाग के प्रभारी हैं। वे महामंत्री (संगठन) पवन साय के साथ पांच दिन बस्तर के जिलों के दौरे पर गए थे। उन्होंने कांकेर, नारायणपुर, कोंडागांव, जगदलपुर, और दंतेवाड़ा में पदाधिकारियों से चर्चा भी की, और संगठन की गतिविधियों का हाल जाना। कांकेर में तो स्थानीय नेता प्रदेश नेतृत्व से काफी खिन्न रहे।
एक-दो नेताओं ने तो यहां तक कह दिया कि पार्टी की दशा यहां काफी बुरी है। पिछले दो विधानसभा चुनाव में जिले की सीटों से पार्टी प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ रहा है। पंचायत, और नगरीय निकायों में भी कमोवेश यही स्थिति है। पार्टी नेताओं ने जिले में गैर आदिवासी नेताओं की उपेक्षा का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया।
उन्होंने कहा कि लोकसभा, विधानसभा के अलावा निकाय, और पंचायत की ज्यादातर सीटें आरक्षित रहती हैं। ऐसे में गैर आदिवासी चुनाव नहीं लड़ सकते। संगठन में पद देकर उन्हें काम में लगाया जा सकता है, लेकिन संगठन में भी गैर आदिवासी नेताओं प्रतिनिधित्व नहीं दिया जा रहा है। विधानसभा चुनाव में हारे सतीश लाठिया को जिलाध्यक्ष बनाया गया है। इन सब वजहों से गैर आदिवासी नेता पार्टी से दूर हो रहे हैं।
शिवरतन शर्मा ने माना कि गैर आदिवासी नेताओं को भी महत्व दिया जाना चाहिए। नारायणपुर, दंतेवाड़ा में भी शिकवा-शिकायतों का क्रम जारी रहा। स्थानीय नेता, एक-दूसरे के खिलाफ शिकायतें करते रहे। जगदलपुर में पवन साय, और शिवरतन शर्मा ने एक-दूसरे के खिलाफ शिकवा-शिकायतों की प्रवृत्ति से दूर रहने की सलाह दी। पवन साय का कहना था कि यहां से शिकायत लेकर ही रायपुर आते हैं।
शिवरतन शर्मा ने साफ तौर पर कह दिया कि सोनिया, राहुल गांधी, और भूपेश बघेल को गाली देने के वोट नहीं मिलेंगे। इसके लिए आदिवासी, और आम लोगों की समस्याओं के निराकरण के लिए जमीनी संघर्ष करना होगा। इसके लिए उन्होंने स्थानीय नेताओं को आपसी मतभेद को भुलाकर काम करने पर जरूरत पर बल दिया। दोनों नेता प्रदेश प्रभारी को बस्तर के दौरे की रिपोर्ट देंगे। माना जा रहा है कि इसके बाद कुछ फेरबदल और नियुक्तियां भी हो सकती हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 10 जुलाई। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के अंतर्गत संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र, राष्ट्रीय मत्स्य कृषक दिवस के अवसर पर शनिवार को यहां पांच दिवसीय ‘गुणवत्तापूर्ण मत्स्य बीज उत्पादन प्रशिक्षण कार्यक्रम’ का शुभारंभ किया गया। शुभारंभ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एसके पाटील थे।
विशिष्ट अतिथि के रूप में कलेक्टर रायपुर सौरभ कुमार, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रायपुर मयंक चतुर्वेदी तथा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय प्रबंध मण्डल के सदस्य आनंद मिश्रा उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. एस.सी. मुखर्जी ने की। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के मत्स्य कृषक शामिल हुए हैं।
शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि डॉ. एस.के. पाटील ने कहा कि बदलते परिवेश में कृषि व्यवसाय अधिक चुनौतीपूर्ण होने के साथ ही अधिक महत्वपूर्ण बन गया है।
आज के समय में केवल परंपरागत खेती से काम नहीं चलेगा बल्कि किसानों को खेती के साथ ही कृषि से संबद्ध अन्य व्यवसायों जैसे पशुपालन, मछली पालन, डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण आदि को भी अपनाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सहायक व्यवसाय के रूप में मछली पालन किसानों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। छत्तीसगढ़ में मछली पालन की असीम व्यवसायिक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि बायोफ्लॉक तकनीक के द्वारा किसान एवं अन्य युवा उद्यमी कम स्थान, कम लागत तथा नियंत्रित परिस्थितियों में टंकियों में मछली पालन कर सकते हैं। इस विधि में मत्स्य बीज भी कम लगता है और अधिक उत्पादन प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र रायपुर सहित अन्य कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से इस तकनीक का प्रसार किसानों तक किया जा रहा है। उन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्र रायपुर को जिला प्रशासन की विभिन्न योजनाओं के तहत सहयोग प्रदान करने के लिए कलेक्टर श्री सौरभ कुमार तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री मयंक चतुर्वेदी के प्रति आभार व्यक्त किया।
कलेक्टर श्री सौरभ कुमार ने इस अवसर पर कहा कि रायपुर जिले में कृषि तथा संबद्ध व्यवसायों विशेषकर मछली पालन के विकास की व्यापक संभावनाएं है। उन्होंने युवाओं से कृषि के क्षेत्र में नवाचार करने का आव्हान किया। उन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्र रायपुर को विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए जिला प्रशासन की ओर से हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया। जिला पंचायत रायपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री मयंक चतुर्वेदी ने कहा कि जिला पंचायत रायपुर द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र रायपुर के साथ मिलकर पांच तालाबों में मछली पालन का कार्य प्रारंभ किया गया है।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के प्रबंध मण्डल सदस्य श्री आनंद मिश्रा ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में गांवों और कृषि का महत्व स्थापित हुआ है। लॉकडाउन के दौरान जब सारे उद्योग, व्यवसाय और सेवाएं बंद थी उस समय केवल कृषि तथा सहायक व्यवसाय ही संचालित हो रहे थे। उन्होंने छत्तीसगढ़ में मछली पालन की व्यापक संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए मत्स्य उत्पादन बढ़ाने तथा मछली के उत्पाद तैयार करने पर जोर दिया। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक विस्तार डॉ. एस.सी. मुखर्जी ने बताया कि 10 जुलाई 1957 को मत्स्य वैज्ञानिक डॉ. हीरालाल चैधरी ने पहली बार मछलियों की सफल ब्रीडिंग की थी तब से इस दिन को मत्स्य कृषक दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने विभिन्न कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा संचालित योजनाओं एवं गतिविधियों की जानकारी दी। कृषि विज्ञान केन्द्र रायपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. गौतम रॉय ने कृषि विज्ञान केन्द्र रायपुर की योजनाओं एवं गतिविधियों की जानकारी दी। मत्स्य वैज्ञानिक डॉ. सौगत ससमल ने मत्स्य बीज उत्पादन, रंगीन मछली पालन एवं बायोफ्लॉक तकनीक के बारे में जानकारी दी। कलेक्टर श्री सौरभ कुमार एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री मयंक चतुर्वेदी ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय एवं कृषि विज्ञान केन्द्र, रायपुर द्वारा क्रियान्वित विभिन्न योजनाओं जैसे बायोफ्लॉक मछली उत्पादन तकनीक, रंगीन मछली पालन, मखाना उत्पादन आदि का अवलोकन भी किया। इस अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अनेक वरिष्ठ वैज्ञानिक उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 10 जुलाई। वन विभाग द्वारा राज्य स्तर पर एक साथ एक ही तिथि 11 जुलाई को फलदार पौधों के बीज और सीड बॉल की बुआई के कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इसके तहत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप राज्य के वन तथा वनेत्तर क्षेत्रों में 50 हजार किलोग्राम फलदार पौधों के बीज सहित 25 लाख सीड बॉल की बुआई होगी।
श्री अकबर ने इसके सफल आयोजन के लिए वन विभाग के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए है। इसके तहत राज्य के वन तथा वनेत्तर क्षेत्रों में बेर, जामुन, बेल, सीताफल, करौंदा तथा मुनगा आदि फलदार प्रजातियों के बीज की बुआई अथवा छिडक़ाव और सीड बॉल डिब्लिंब का कार्य किया जाएगा। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि इनमें वनमण्डलवार बलौदाबाजार में 3 हजार किलोग्राम फलदार बीज तथा एक लाख सीड बॉल की बुआई का लक्ष्य है। इसी तरह गरियाबंद में 2 हजार किलोग्राम फलदार बीज तथा एक लाख सीड बॉल, धमतरी में 3 हजार किलोग्राम फलदार बीज तथा एक लाख सीड बॉल, महासमुंद में एक हजार किलोग्राम फलदार बीज तथा एक लाख सीड बॉल तथा कवर्धा में 3 हजार किलोग्राम फलदार बीज तथा एक लाख सीड बॉल की बुआई होगी।
वनमण्डवार खैरागढ़ में 1500 किलोग्राम फलदार बीज तथा एक लाख सीड बॉल, राजनांदगांव में 1500 किलोग्राम फलदार बीज तथा एक लाख सीड बॉल, बालोद में एक हजार किलोग्राम फलदार बीज तथा 50 हजार सीड बॉल, सूरजपुर में 1500 किलोग्राम फलदार बीज तथा एक लाख सीड बॉल, कोरिया में 1500 किलोग्राम फलदार बीज तथा एक लाख सीड बॉल तथा सरगुजा में 2 हजार किलोग्राम फलदार बीज तथा एक लाख सीड बॉल की बुआई की जाएगी।
वनमण्डलवार मनेन्द्रगढ़ में 1500 किलोग्राम फलदार बीज तथा एक लाख सीड बॉल, बलरामपुर में 3 हजार किलोग्राम फलदार बीज तथा एक लाख सीड बॉल, जशपुर में 1500 किलोग्राम फलदार बीज तथा एक लाख सीड बॉल, रायगढ़ में 1500 किलोग्राम फलदार बीज तथा एक लाख सीड बॉल की बुआई होगी। कटघोरा में 3 हजार किलोग्राम फलदार बीज तथा एक लाख सीड बॉल, बिलासपुर में 500 किलोग्राम फलदार बीज तथा 50 हजार सीड बॉल, मरवाही में 3 हजार किलोग्राम फलदार बीज तथा एक लाख सीड बॉल, धरमजयगढ़ में एक हजार किलोग्राम फलदार बीज तथा एक लाख सीड बॉल, जांजगीर-चांपा में 500 किलोग्राम फलदार बीज तथा 50 हजार सीड बॉल की बुआई की जाएगी। कोरबा में 1500 किलोग्राम फलदार बीज तथा 50 हजार सीड बॉल, मुंगेली में 500 किलोग्राम फलदार बीज तथा 50 हजार सीड बॉल, बस्तर में 1500 किलोग्राम फलदार बीज तथा एक लाख सीड बॉल, सुकमा में एक हजार किलोग्राम फलदार बीज तथा 50 हजार सीड बॉल की बुआई की जाएगी।
वनमण्डलवार बीजापुर में एक हजार किलोग्राम फलदार बीज तथा 50 हजार सीड बॉल, दंतेवाड़ा में एक हजार किलोग्राम फलदार बीज तथा 50 हजार सीड बॉल, दक्षिण कोण्डागांव 1500 किलोग्राम फलदार बीज तथा 50 हजार सीड बॉल, केशकाल में 1500 हजार किलोग्राम फलदार बीज 50 हजार सीड बॉल की बुआई की जाएगी। पश्चिम भानुप्रतापपुर में एक हजार किलोग्राम फलदार बीज तथा 50 हजार सीड बॉल, नारायणपुर में एक हजार किलोग्राम फलदार बीज तथा 50 हजार सीड बॉल, पूर्व भानुप्रतापपुर में एक हजार किलोग्राम फलदार बीज तथा 50 हजार सीड बॉल तथा कांकेर में एक हजार किलोग्राम फलदार बीज तथा 50 हजार सीड बॉल की बुआई होगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 10 जुलाई। नगरीय प्रशासन एवं विकास तथा श्रम मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया आरंग विकासखंड के ग्राम कुकरा में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित वजन त्यौहार कार्यक्रम में शामिल हुए।
उन्होंने यहां बच्चों का वजन कराया और किशोरी बालिकाओं को सुपोषण किट सहित अन्य सामग्री बांटी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री डॉ डहरिया ने कहा कि जिस तरह मजबूत भवन बनाने के लिए मजबूत नीव तैयार की जाती है, उसी तरह देश का बेहतर भविष्य तैयार करने के लिए सबसे पहले स्वस्थ और सुपोषित बच्चे तैयार किया जाना जरूरी है।
आज के बच्चे ही कल के भविष्य है, इसलिए इन्हें स्वस्थ और सुपोषित बनाने में किसी तरह की कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने सभी ग्रामीणों को वजन त्यौहार के विषय में बताते हुए अपने घर और आसपास के बच्चों का वजन कराने की अपील की।
मंत्री डॉ डहरिया ने कहा कि बच्चों के पोषण स्तर के आंकलन के लिए वजन करना आवश्यक होता है। वजन कराने से बच्चों के विकास की सही जानकारी मिल पाती है। उन्होंने अभिभावकों से कहा है कि बच्चों के सुपोषण पर विशेष ध्यान दें और उन्हें पौष्टिक आहार जरूर दें। पौष्टिक आहार से बच्चों में शारिरिक और मानसिक विकास होता है।
उन्होंने कहा कि उम्र के साथ बच्चों के विकास का पता लगाने उसकी ऊंचाई और वजन लिया जाता है। इससे सुपोषण और कुपोषण की जानकारी मिल पाती है।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में एनीमिया से पीडि़त महिलाओं और किशोरी बालिकाओं के लिए भी योजनाएं चलाई जा रही है। आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों और महिलाओं को सुपोषित बनाने के लिए लगातार पौष्टिक आहार दिया जा रहा है।
गर्भवती महिलाओं का भी विशेष ख्याल रखा जा रहा है। विगत ढाई साल में प्रदेश के अधिकांश जिलों में कुपोषण की दर में कमी आई है। दूरस्थ आदिवासी क्षेत्रों में भी सुपोषण का स्तर बढ़ा है। उन्होंने सभी अभिभावकों से आंगनबाड़ी केन्द्रों में जाकर वजन त्यौहार में शामिल होने का आग्रह भी किया। मंत्री डॉ डहरिया ने महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चिन्हित किशोरी बालिकाओं और बच्चों को सुपोषण किट तथा स्वच्छता सामग्री भी वितरित किया। इस अवसर पर जनपद अध्यक्ष श्री खिलेश्वर देवांगन, उपाध्यक्ष श्रीमती हेमलता साहू, श्री कोमल साहू सहित जिला और जनपद पंचायत के सदस्य, विभाग के अधिकारी कर्मचारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका सहित बच्चों के साथ उनकी माताएं उपस्थित थीं।
रायपुर, 10 जुलाई। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के मीडिया प्रमुख व वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री का ध्यान आकर्षित कर कहा है कि प्रदेश के किसी भी शासकीय एवं निजी विश्वविद्यालयों में संस्कृत एवं उर्दू जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर उच्च शिक्षा ग्रहण करने का रास्ता बंद है जो वाजिब नहीं है।
संस्कृत देश की प्राचीनतम भाषा है तथा भारतीयों की धरोहर भी है। प्राचीन एवं धार्मिक ग्रंथों के समुचित अध्ययन एवं जानकारी प्राप्त करने संस्कृत का ज्ञान आवश्यक है। उसी प्रकार उर्दू भाषा भी भारतीय है जिसे गैर मुस्लिम भी पढऩे के इच्छुक पाए जाते हैं। बोलचाल के लिए हिन्दी भाषी भारतीय जनता में उर्दू भाषा का इस्तेमाल प्राय: देखा जा सकता है। संस्कृत एवं उर्दू भाषाओं का जनक भारतवर्ष ही है जो केवल हमारे देश की ही उपज है।
रिजवी ने कहा है कि संस्कृत एवं उर्दू विषयों के महत्व को देखते हुए प्रदेश के सभी शासकीय एवं निजी विश्वविद्यालयों में इन दोनों भाषाओं के विभाग का गठन किया जाए जो वक्त का तकाजा है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सभी विश्वविद्यालयों एवं कालेजों में संस्कृत एवं उर्दू दोनों भाषाओं के विभाग प्रारंभ किए जाए। कांग्रेस के ही प्रथम मुख्यमंत्री स्व. श्री अजीत जोगी ने पहल करते हुए 473 उर्दू शिक्षकों के पद शिक्षा विभाग के सर्वेक्षण उपरांत स्वीकृत किए थे जिसे भाजपा ने 15 साल तक रोके रखा तथा ढाई साल से कांग्रेस सरकार भी मौन साधे हुए है। ढाई साल में एक भी उर्दू शिक्षक की नियुक्ति नहीं की गई जो उर्दू भाषा एवं उर्दू भाषा के जानकार लोगों की उपेक्षा को दर्शाता है।
पालकों की सहमति से मोहल्ला क्लास संचालित
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 10 जुलाई। कोरोना संक्रमण के रोकथाम एवं नियंत्रण तथा बच्चों की पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए रायपुर जिले में 1 हजार से अधिक स्थानों पर मोहल्ला कक्षाएं संचालित किया जा रहा है।मोहल्ला कक्षा का संचालन पालको की सहमति व सहयोग से सामुदायिक भवन परिसर,रंगमंच, हाल, सेड, वृक्षों के नीचे चबूतरा आदि स्थानों में किया जा रहा है।
जिला शिक्षा अधिकारी एएन बंजारा ने बताया कि गत वर्ष पहली से आठवीं तक ही के बच्चों के लिए पढ़ाई तुहर दुवार के अंतर्गत मोहल्ला कक्षा संचालित की जा रही थी।इस वर्ष कक्षा नवमी से बारहवीं के लिए भी मोहल्ला कक्षा प्रारंभ कर दी गई है। हाई एवं हायर सैकेंड्री स्कूल के प्राचार्यों द्वारा विषयावर मोहल्ला क्लास की समय सारणी बनाकर मोहल्ला कक्षा संचालित किया जा रहा है। मोहल्ला कक्षा में शिक्षकों के द्वारा आमा राईट प्रोजेक्ट, बच्चों से जमा कराया जा रहा है तथा उनसे फिडबेक लिया जा रहा है। साथ ही सेतु अभियान अंतर्गत पूर्व कक्षा के 30 प्रतिशत विषयवस्तु का अध्यापान कराया जा रहा है।
इसी तारतम्य में आज जिला शिक्षा अधिकारी श्री बंजारा ने पचेड़ा, गोढ़ी, चंदखुरी, बकतरा, परसूलीडीह, भरेंगा, खोरपा आदि ग्रामों के मोहल्ले में चल रहे कक्षाओं का औचक निरीक्षण किया।निरीक्षण के दौरान उन्होंने शिक्षको एवं बच्चों का हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा मोहल्ला कक्षा का संचालन किया जाएगा। मोहल्ला कक्षा के अलावा उन्होंने आनलाईन कक्षा ले रहे शिक्षकों के कार्य को भी सराहा। जिला शिक्षा अधिकारी के अतिरिक्त, जिला मिशन समन्वयक, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक, सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
श्री बंजारा ने बताया कि वर्तमान में नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकों को बच्चों के घर पहुंचाया जा रहा है, वहीं हाई-हायर सेकेण्डरी स्कूलों में प्रवेश का काम भी चल रहा है।
रायपुर, 10 जुलाई। राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) रायपुर एवं बाढ़ आपदा बचाव दल बलौदाबाजार द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से आज पलारी के बालसमुंद तालाब में बाढ़ बचाव का द्वितीय मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। इस दौरान बाढ़ बचाव दल के जवानों ने मोटर बोट चालन, आपदा के समय पीडि़तों को पानी के भीतर खोजने एवं उन्हें सुरक्षापूर्वक लाइफ बोर्ड तक लाने, सही तरीके से लाइफ जैकेट, लाइफ बॉय का प्रयोग करने, डूबते व्यक्ति को बचाव दल द्वारा मोटर बोट, पीपा, ट्यूब, पानी बोतल से बने पउचतवअपेम उपकरणों से बचाव का भी प्रदर्शन किया गया।
रायपुर, 9 जुलाई। खरीफ वर्ष 2021-22 में रायपुर जिले के सभी बीज, उर्वरक ,कीटनाशक विक्रेताओं के विक्रय परिसर एवं गोदामों का सतत् निरीक्षण किया जा रहा है। निरीक्षण में नियमों का उल्लंघन करते पाये जाने पर संबंधित को कारण बताओ नोटिस जारी कर समय-सीमा में स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है।
कृषि विभाग रायपुर के उप संचालक ने बताया कि कृषि मंत्री रविंद्र चौबे के दिए निर्देशानुसार गत दिवस जिला स्तरीय निरीक्षण दल के द्वारा अलग-अलग जगहों में एक साथ औचक निरीक्षण किया गया, जिसमें मेसर्स नरेश बीज भंडार, गोबरा-नवापारा के उर्वरक परिसर पर उपलब्ध उर्वरक-जिंक सल्फेट मोनोहाईड्रेट (क्रियेटिन) मात्रा 8.25 क्वि. के विक्रय पर प्रतिबंध लगाया गया। साथ ही मेसर्स किसान संसार, गोबरा-नवापारा के विक्रय परिसर का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान बिना उर्वरक लाइसेंस के विक्रय किया जाना पाया गया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 9 जुलाई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को यहां कहा कि भाजपा शासनकाल की तुलना में पिछले एक साल में अपराध कम हुए हैं, पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई की है।
शिमला रवाना होने से पहले श्री बघेल ने समीक्षा बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि सब पैसा किसानों को दे दिया है। इंफ्रास्ट्रक्चर पर पूरा ध्यान दे रही है। सरकार में सभी कामों के लिए टाइम लिमिट फिक्स की है ताकि सभी काम समय पर संपादित हो सके।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के द्वारा किसानों के लिए जारी की जाने वाली राशि पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पिछली राशि का क्या हुआ पता नहीं, आगे वाली राशि आप खुद समझ लीजिए कि क्या होगा। इतने समय से किसान धरने में बैठे हैं उनसे बात तक नहीं की जा रही है। पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी पर श्री बघेल ने कहा तेंदुलकर की सेंचुरी के समान पेट्रोल का रेट बढ़ता जा रहा है प्रधानमंत्री की उम्र से डेढ़ गुना पेट्रोल बढ़ गया है।
राम वन गमन परिपथ पर उन्होंने कहा कि 1985 के बाद भाजपा ने राम जन्मभूमि के मुद्दे को उठाया है। भाजपा उसके पहले जानते तक नहीं थे। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जो हर समय भजन गाया करते थे रघुपति राघव राजा राम तब से कांग्रेस के लोग राम का भजन गाकर प्रभात फेरी करते हैं राम हमारे थे हैं और रहेंगे। भाजपा नफा नुकसान के नाम से राम का नाम लेती है। गांव में सैकड़ों साल से रामायण गाया जा रहा है हमारी परंपरा है हम अपनी संस्कृति बढ़ाने के लिए काम कर रहे तो भाजपा पेट में क्यों दर्द हो रहा है। भारतीय जनता पार्टी को लग रहा है कि राम उनसे छीन रहा है।
श्री बघेल ने कहा कि विधानसभा सत्र के बाद हर जिलों का दौरा होगा भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में कितने अपराध हुए हमारे शासनकाल में कितने हुए हैं आप 1 साल का निकाल लीजिए हमारे समय में अपराध कम हुए हैं हमारी पुलिस का तत्काल कार्रवाई की है एक्शन में आई है और सफलता मिली है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 9 जुलाई। कोरोना से बचाव के लिए छत्तीसगढ़ में अब तक (8 जुलाई तक) एक करोड़ तीन लाख 84 हजार टीके लगाए गए हैं। आबादी के हिसाब से टीकाकरण कवरेज के मामले में छत्तीसगढ़ देश के कई बड़े राज्यों से आगे है।
प्रदेश में तीन लाख नौ हजार स्वास्थ्य कर्मियों, तीन लाख 16 हजार फ्रंटलाइन वर्कर्स, 45 वर्ष से अधिक के 48 लाख 20 हजार और 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के 31 लाख 32 हजार नागरिकों को कोरोना से बचाव का पहला टीका लगाया जा चुका है। वहीं दो लाख 41 हजार स्वास्थ्य कर्मियों, दो लाख 15 हजार फ्रंटलाइन वर्कर्स, 45 वर्ष से अधिक के 12 लाख 68 हजार तथा 18 से 44 आयु वर्ग के 82 हजार 724 लोगों को दोनों टीके लगाए जा चुके हैं। प्रदेश में 91 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों, शत-प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्कर्स, 45 वर्ष से अधिक के 82 प्रतिशत नागरिकों और 18 से 44 आयु वर्ग के 23 प्रतिशत युवाओं ने कोरोना से बचाव का पहला टीका लगवा लिया है। वहीं 71 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों, 73 प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्कर्स और 45 वर्ष से अधिक के 22 प्रतिशत लोगों ने दोनों टीके लगवा लिए हैं।
प्रदेश की करीब 30 प्रतिशत आबादी को कोरोना से बचाव का पहला टीका लगाया जा चुका है। छत्तीसगढ़ इस मामले में देश के कई बड़े राज्यों से आगे है। बिहार, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडू, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, ओडि़शा, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और राजस्थान की तुलना में छत्तीसगढ़ में टीकाकरण का कवरेज ज्यादा है। देश में टीकाकरण का राष्ट्रीय औसत करीब 22 प्रतिशत है। प्रदेश में 8 जुलाई को टीकाकरण के बाद अभी एक लाख 98 हजार 890 टीके उपलब्ध हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 9 जुलाई। संस्कृति संचालनालय जल्द ही नवा रायपुर में शिफ्ट हो जाएगा। संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने शुक्रवार को नवा रायपुर सेक्टर 27 में बने छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के भवन जो संस्कृति परिषद कार्यालय के लिए प्रस्तावित है का निरीक्षण किया।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ की संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के साथ-साथ इस विधा के प्रति लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए छत्तीसगढ़ संस्कृति परिष्द का गठन किया गया है। संस्कृति परिष्द के अंतर्गत साहित्य अकादमी, कला अकादमी, आदिवासी लोक कला अकादमी, छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम, छत्तीसगढ़ सिंधी अकादमी और छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग संचालित होगा। संस्कृति विभाग के अधीन संचालित सभी प्रभागों को एक अम्ब्रेला के नीचे कार्य करने की अवधारणा को लेकर जल्द ही अमल में लाते हुए संस्कृति संचालनालय को पुराना रायपुर से नवा रायपुर में शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है।
श्री भगत ने भवन निरीक्षण के दौरान कहा कि छत्तीसगढ़ी संस्कृति के अनुरूप कार्यालय का सुसज्जित स्वरूप हो। कार्यालय भवन में रिसेप्शन के कर्मचारी और गाइड अपडेटेड हों ताकि अन्य राज्यों व विदेशों से आने वाले पर्यटकों, कलाकारों एवं नागरिकों को छत्तीसगढ़ी, हिन्दी एवं अंग्रेजी में विस्तार से छत्तीसगढ़ी संस्कृति के बारे में जानकारी दे सकें। मंत्री श्री भगत ने कार्यालय भवन में सभी अकादमियों, फिल्म विकास निगम मंडलों के अध्यक्षों एवं सदस्यों के लिए भी बैठक व्यवस्था करने के निर्देश अधिकारियों को दिये।
उन्होंने कहा कि एक अम्ब्रेला के नीचे सभी प्रभागों को लाने की अवधारणा पूर्ण होना चाहिए, जिससे कार्यालय अने वाले नागरिकों, कलाकारों, बुद्धजीवियों को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने आगंतुकों के चाय-नाश्ता, भोजन आदि के लिए गढक़लेवा अथवा कैंटिन संचालित करने पर भी जोर दिया।
श्री भगत ने संस्कृति परिषद् के लिए प्रस्तावित कार्यालय भवन के निरीक्षण के बाद कर्मचारियों, अधिकारियों, अध्यक्षों, उपाध्यक्षों और सदस्यों के लिए टेबल-कुर्सी की व्यवस्था सहित बिजली, पंखा तथा साफ-सफाई व्यवस्था दुरूस्त करने के भी निर्देश दिये। इस अवसर पर संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के सचिव अन्बलगन पी., संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य सहित छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल व संस्कृति विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 9 जुलाई। छत्तीसगढ़ में इस साल भी मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियनम) के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 के शुरूआती तीन महीनों में ही साल भर के लक्ष्य का लगभग आधा काम पूरा कर लिया गया है। केन्द्र सरकार द्वारा इस साल छत्तीसगढ़ के लिए स्वीकृत 13 करोड़ 50 लाख मानव दिवस रोजगार के लक्ष्य के विरूद्ध अप्रैल, मई और जून में कुल छह करोड़ 65 लाख 13 हजार मानव दिवस रोजगार का सृजन किया गया है। यह पूरे वर्ष भर के लक्ष्य का 49.27 प्रतिशत है।
प्रदेश के 21 जिलों में अप्रैल से जून तक के लिए निर्धारित लक्ष्य से ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराया गया है। पूरे प्रदेश में पहली तिमाही के लिए निर्धारित छह करोड़ 21 लाख 94 हजार मानव दिवस लक्ष्य के विरूद्ध छह करोड़ 65 लाख 13 हजार मानव दिवस रोजगार सृजित किया गया है जो लक्ष्य का करीब 107 प्रतिशत है। राष्ट्रीय स्तर पर लक्ष्य के विरूद्ध कार्य पूर्णता में छत्तीसगढ़ देश में छटवें स्थान पर है।
कोरोना संक्रमण के कारण विपरीत परिस्थितियों में भी मनरेगा के माध्यम से प्रदेश में ग्रामीणों को लगातार रोजगार मिलता रहा है। मौजूदा वित्तीय वर्ष के शुरूआती तीन महीनों में प्रदेश में करीब 22 लाख परिवारों के 39 लाख 34 हजार 242 श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराया गया है। इनमें से 20 लाख सात हजार यानि 50 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं। इस दौरान सृजित छह करोड़ 65 लाख 13 हजार मानव दिवस रोजगार में से तीन करोड़ 36 लाख 66 हजार मानव दिवस महिला श्रमिकों द्वारा सृजित किया गया है जो कि कुल सृजित मानव दिवस का 50.62 प्रतिशत है।
वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में राजनांदगांव जिले में सर्वाधिक 71 लाख एक हजार मानव दिवस रोजगार उपलब्ध कराया गया है। इस दौरान कबीरधाम जिले में 60 लाख 57 हजार, बलौदाबाजार-भाटापारा में 47 लाख 29 हजार, महासमुंद में 34 लाख 94 हजार, रायगढ़ में 32 लाख 48 हजार, बिलासपुर में 30 लाख 94 हजार, धमतरी में 30 लाख 78 हजार, जांजगीर-चांपा में 29 लाख 33 हजार, मुंगेली में 27 लाख 66 हजार, गरियाबंद में 24 लाख 53 हजार, कोरिया में 24 लाख 17 हजार, बालोद में 23 लाख 33 हजार, रायपुर में 20 लाख 76 हजार और जशपुर में 20 लाख 38 हजार मानव दिवस रोजगार सृजित किया गया है।
मनरेगा के अंतर्गत इस वर्ष अप्रैल, मई और जून में कांकेर जिले में कुल 19 लाख 40 हजार, बलरामपुर-रामानुजंगज में 18 लाख 56 हजार, बेमेतरा में 17 लाख 48 हजार, सूरजपुर में 16 लाख 79 हजार, कोरबा में 15 लाख चार हजार, सुकमा में 14 लाख 55 हजार, सरगुजा में 14 लाख 17 हजार, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 13 लाख 58 हजार, दुर्ग में 13 लाख 46 हजार, कोंडागांव में 12 लाख 54 हजार, बीजापुर में 11 लाख 63 हजार, बस्तर में नौ लाख 89 हजार, दंतेवाड़ा में सात लाख 27 हजार तथा नारायणपुर में दो लाख 59 हजार मानव दिवस रोजगार दिया गया है।
रायपुर, 9 जुलाई। किसान सभा ने केंद्र की मोदी सरकार पर आदिवासी मंत्रालय तथा वन व पर्यावरण मंत्रालय के साझा कम्युनिकेशन के जरिए आदिवासी वनाधिकार कानून को कमजोर करने का आरोप लगाया है। किसान सभा ने इस कम्युनिकेशन को वापस लेने तथा वनाधिकार कानून के प्रावधानों के अनुसार इसके क्रियान्वयन के लिए पूर्व की तरह ही आदिवासी मंत्रालय को नोडल एजेंसी बनाने की मांग की है।
जारी एक बयान में छग किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते और महासचिव ऋषि गुप्ता ने कहा है कि सत्ता में आने के बाद से ही मोदी सरकार वनाधिकार कानून को कमजोर व निष्प्रभावी करने की कोशिश कर रही है। इसी कोशिश का नतीजा हाल ही में आदिवासी और वन व पर्यावरण मंत्रालय द्वारा जारी साझा कम्युनिकेशन है, जो पूरी तरह वनाधिकार कानून के प्रावधानों का उल्लंघन करता है और आदिवासी मंत्रालय को शक्तिहीन बनाते हुए उसे वन व पर्यावरण मंत्रालय के मातहत करता है।
किसान सभा नेताओं ने कहा कि वनाधिकार कानून में आदिवासियों के साथ जारी ऐतिहासिक अन्याय के लिए वन विभाग को जिम्मेदार ठहराया गया है और इस कानून को क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी आदिवासी मंत्रालय को सौंपी है। इसके बावजूद यह कम्युनिकेशन सामुदायिक वन प्रबंधन में, गैर-इमारती वनोत्पादों के उपयोग में आदिवासी समुदायों की भागीदारी को सीमित करता है तथा नीति निर्धारण के क्षेत्र में वन मंत्रालय को महत्वपूर्ण स्थान देता है, जो पूरी तरह से वनाधिकार कानून की भावना के ही खिलाफ है।
किसान सभा नेताओं ने कहा कि वनाधिकार कानून बनने के बाद भी वन मंत्रालय वनों पर अपने आधिपत्य को छोडऩे के लिए तैयार नहीं है। यही कारण है कि उसने वन अधिनियम में आदिवासी विरोधी संशोधनों को प्रस्तावित किया था, वनों को निजी हाथों में सौंपने की वकालत करती है तथा विकास के नाम पर आदिवासियों को विस्थापित करने की योजना बनाती है।
रायपुर, 9 जुलाई। भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री एवं छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेशनर्स फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं छत्तीसगढ़ विभागीय कार्यालय इन्द्रावती भवन अटलनगर नवा रायपुर से 5 से 21 जुलाई को जारी निर्देश जिसमें निवास के निकट के स्वास्थ्य केन्द्रों से आवश्यक दवा उपलब्ध कराने को कहा गया है, इस निर्देश का पेंशनर्स फेडरेशन स्वागत किया है।
जारी विज्ञप्ति में उन्होंने आगे बताया है कि संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं ने राज्य के द्वारा सभी मुख्यचिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को कोविड19 के कहर के कारण जो सेवानिवृत्त बीमार शासकीय सेवक वर्षो से हर माह चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल(मेकाहारा)जाकर दवा प्राप्त करते हैं, उन्हें निवास स्थान के निकट प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, जिला अस्पतालों या जिनका जहाँ से नजदीक हो से हर माहदवा प्रदाय करने के व्यवस्था देने के सम्बंध में निर्देश जारी किया है। जारी में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को निशुल्क प्रदान करने और दवा की समुचित आपूर्ति बनाये रखने को कहा गया है।
जारी विज्ञप्ति में छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर फेडरेशन के अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव और फेडरेशन से जुड़े संगठन क्रमश: भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के प्रांताध्यक्ष जे पी मिश्रा, पेंशनर्स एसोसिएशन छत्तीसगढ़ के प्रांताध्यक्ष यसवंत देवान, छत्तीसगढ़ प्रगतिशील पेंशनर्स कल्याण संघ के प्रांताध्यक्ष आर पी शर्मा, तथा गंगाप्रसाद साहू , डॉ व्ही व्ही भसीन, सी एस पांडेय,डॉ पी आर धृतलहरे, व्ही टी कराडे,लोचन पांडेय, डॉ वाई सी शर्मा,विद्या देवी साहू , यू के चौरसिया,डी के त्रिपाठी, सी एल दुबे,शरद अग्रवाल,गायत्री गोस्वामी, जे पी धुरन्धर, डॉ एस पी वैश्य, उर्मिला शुक्ला, ज्ञानचंद पारपियानी, बी डी उपाध्याय, राकेश श्री वास्तव, एन एच खान,द्रोपदी यादव,डॉ एस पी वैश्य,आर के नारद,पी एल सिंह,एम एन पाठक,डॉ ज्ञानेश चौबे, एस पी एस श्रीवास्तव, विष्णु तिवारी,शांति किशोर माझी ,कलावती पाण्डे,सी एल चन्द्रवंशी, इंदु तिवारी, तीरथ यादव,रमेश नन्दे, प्रदीप सोनी, असीमा कुंडू , आशा वैष्णव,पी एल टण्डन,रोजलिया लकड़ा,एल एन साहू, अशोक जैन,अरुण दुबे,र ाजेश्वर राव भोसले,वन्दना दत्ता,श्रीमती बसन्त नामदेव,अनूपनाथ योगी,गिरीश उपाध्याय, जे आर सोनी, सुरेन्द्र नामदेव,अनिल शर्मा,आलोक पांडेय,व्ही एस जादौन,बी एल पटले,,बी डी यादव,वीरेन्द्र थवानी, डी के पाण्डे,आदि ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी इस निर्देश का स्वागत करते हुए सम्बन्धितों से जनसेवा कार्य को ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ निभाने का आग्रह किया है।
आनन्द भदौरिया,बी के सिन्हा, एस डी बंजारे,गुलाब राव पवार,भूषण लाल देवांगन, खेमिचन्द मिश्रा,एस के चिलमवार,बिक्रम लाल साहू, एस डी वैष्णव,हीरालाल नामदेव,अजीत गुप्ता,द्वारका सिन्हा,ओ पी भट्ट,विजय शंकर दुबे,सुभाष गायकवाड़,प्रभुदयाल पटवा,रामकुमार थवाईत,रमेश कुमार शर्मा, डी आर लांझेकर,के एन कश्यप,के के बंछोर,मोहन अग्रवाल, श्यामलाल चौहान,प्रेमचन्द जैरथ,भागीरथी डनसेना,टीकम मिश्रा, महावीर प्रसाद राठौर, बी एस नागेश,पालूराम सारथी,दुलीचन्द देवांगन,शिवशंकर यादव,अक्षय मिश्रा,डीआर साहू,जे डी महंत,के पी पटेल, हीरालाल हरदिहा आदि ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी इस निर्देश का स्वागत करते हुए सम्बन्धितों से जनसेवा कार्य को ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ निभाने का आग्रह किया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 9 जुलाई। कुम्हारी के ब्रह्मलोक आश्रम में गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर सुधांशु महाराज द्वारा ऑनलाइन भक्ति सत्संग का आयोजन किया जा रहा है।
विश्व जागृति मिशन छत्तीसगढ़ द्वारा इस आयोजन के बारे में विस्तार से जानकारी प्रेषित की है जिसका लाभ आम जान और श्रद्धालुगण उठा सकते है कार्यक्रम इस तरह से है 11 से 18 जुलाई 2021 तक आयोजित किये जा रहे है जिसका समय प्रतिदिन - प्रात: 8.00 बजे से 9.00 बजे तक रखा गया है , आयोजन में छत्तीसगढ़ के समस्त जिलो को प्रमुख्ता के साथ शामिल किया गया है और उन्हें आम जनों के इस सत्संग के लाभ अर्जित करने विशेष दिन प्रदान किये गये है जो इस तरह से है 11 जुलाई रविवार - भिलाई दुर्ग मंडल संपर्क मोबाईल नंबर - 9589367428, 9826143835 , 12 जुलाई सोमवार - बालोद सत्संग समिति संपर्क 9691851005 , 13 जुलाई मंगलवार - धमतरी सत्संग समिति संपर्क 9644766914 , 14 जुलाई बुधवार - राजनांदगाव सत्संग समिति संपर्क 9329350520 , 15 जुलाई गुरुवार - बिलासपुर सत्संग समिति संपर्क 7000629070 , 16 जुलाई शुक्रवार - कवर्धा सत्संग समिति संपर्क 9755800102, 9752301789 , 17 जुलाई शनिवार - डोंगरगढ़ मंडल संपर्क 9425560001, 9826193490 , 18 जुलाई रविवार - रायपुर मंडल संपर्क - 9425510571, 9826143231, 7000859792 इस ऑनलाइन सत्संग को श्रद्धालुगण नेटवर्क पर देख सकते है। निम्न चैनल नंबर पर भी देख सकते है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 9 जुलाई। स्कूली शिक्षा से पहले आंगनबाड़ी के नन्हे मुन्ने बच्चे बाल-वाटिकाओं में पढ़ाई करेंगे। बाल-वाटिकाओं में बच्चों को स्कूली शिक्षा के लिए तैयार किया जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत राज्य में बाल वाटिकाएं प्रारंभ करने के संबंध में विस्तृत-विचार विमर्श मंत्रालय में प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा के एकीकरण हेतु गठित विशेष संयुक्त कार्य बल की बैठक किया गया। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रस्तावित नवीन स्ट्रक्चर 5़3़3़4 को लागू करने के लिए सभी व्यवस्थाओं और संसाधनों का आंकलन कर प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. शुक्ला ने संयुक्त कार्य बल की बैठक में बाल-वाटिका एवं कक्षा पहली में बच्चों को सीखने के लिए पाठ्यक्रम, पाठ्य साम्रगी, शाला तैयारी मोड्यूल एवं प्रशिक्षण मोड्यूल तैयार करने कहा है।
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी स्तर पर यू-डाईस डाटा और समग्र शिक्षा को उपयोगी डाटा को मर्ज करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए छोटे-छोटे सब टास्क फोर्स गठित कर आपस में मंत्रणा एवं ब्रेन-स्टोर्मिंग सत्रों का आयोजन करने का सुझाव दिया।
डॉ. शुक्ला ने शिक्षकों के सतत् क्षमता विकास के लिए आदिवासी विकास विभाग में वर्षों से कार्यरत कुशल एवं अनुभवी प्राचार्यों की सेवा लिए जाने का सुझाव भी दिया, उन्होंने इसके लिए कार्ययोजना तैयार करने भी कहा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रस्तावित क्लस्टर स्कूल एप्रोच को प्राथमिकता के तौर पर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में एजुकेशन हब मॉडल के रूप में तैयार किए जाने पर विचार किया जा सकता है। इसी प्रकार उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को विशिष्ट आवश्यकता वाले विद्यार्थी के लिए एक कार्यक्रम तैयार कर प्रस्तावित करने के निर्देश भी दिए।
बैठक में प्राथमिक स्तर पर शिक्षकों में विषयवस्तु को विद्यार्थियों तक पहुंचाने में आ रही समस्या और शिक्षकों के पेशेवर विकास में पूर्ण गुणवत्ता को फोकस कर स्थिति में सुधार किए जाने का सुझाव दिया गया। आदिवासी विकास विभाग द्वारा शुरूआती वर्षों में बच्चों को उनकी मातृभाषा में अध्यापन एवं स्थानीय भाषा में सामग्री बनाने का सुझाव दिया गया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 9 जुलाई। भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा 12 तारीख को निकलेगी। कोरोना संक्रमण के चलते गाइडलाइन का पालन किया जाएगा, और मंदिर के अंदर ही रथयात्रा विधिवत पुजारियों द्वारा संपन्न की जाएगी।
गायत्री नगर जगन्नाथ मंदिर सेवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष पुरन्दर मिश्रा ने रथयात्रा के बारे में विस्तार से बताया कि समूचे ब्रम्हाण्ड में एकमात्र जगन्नाथ महाप्रभु ही ऐसे भगवन हैं, जो वर्ष में एकबार बाहर आकर अपने भक्तों को दर्शन देते हैं, और प्रसाद के रूप में अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं। केवल पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर में जगन्नाथ, बलभद्र, और सुभद्रा के लिए तीन अलग-अलग रथ बनाए जाते हैं, उसके बाद यह गौरव छत्तीसगढ़ की संस्कारधानी रायपुर को प्राप्त है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में आज भी ऐसे लाखों लोग हैं, जो किसी कारणवश पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर के दर्शन नहीं कर पा रहे हैं, ऐसे भक्तजनों के लिए रथयात्रा एक ऐसा स्वर्णिम अवसर रहता है जब भक्त और भगवान के बीच की दूरियां कम हो जाता है। वैसे तो भगवान जगन्नाथ की लीला अपरम्पार है, तथापि रथयात्रा से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण धार्मिक विधियों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि वैसे इस यात्रा का शुभारंभ ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन स्नान पूर्णिमा से हो जाता है, जिसमें भगवान जगन्नाथ मंदिर से बाहर निकलकर भक्तिरस में डूबकर अत्यधिक स्नान कर लेते हैं, और जिसकी वजह से वे बीमार हो जाते हैं। पन्द्रह दिनों तक जगन्नाथ मंदिर में प्रभु की पूजा-अर्चना के स्थान पर दुर्लभ जड़ी बूटियों से बना हुआ काढ़ा तीसरे, पांचवे, सातवें और दसवें दिन पिलाया जाता है।
श्री जगन्नाथ को बीमार अवस्था दर्शन करने पर भक्तजनों को अतिपुण्य का लाभ प्राप्त होता है। स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होने के पश्चात भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलराम एवं बहन सुभद्रा के साथ तीन अलग-अलग रथ पर सवार होकर अपनी मौसी के घर अर्थात गुण्डिचा मंदिर जाते हैं, प्रभु की इस यात्रा को रथयात्रा कहा जाता है।
श्री जगन्नाथ के रथ को नंदी घोष कहते हैं एवं बलराम दाऊ के रथ को तालध्वज कहते हैं, दोनों भाइयों के मध्य भक्तों का आकर्षण केन्द्र बिन्दु रहता है, बहन सुभद्रा देवदलन रथ पर सवार होकर गुण्डिचा मंदिर जाती है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 जुलाई। राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक 1 जून 2021 से अब तक राज्य में 330 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून से आज 8 जुलाई तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार सुकमा जिलें में सर्वाधिक 552.8 मिमी और दंतेवाड़ा जिले में सबसे कम 213.1 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है।
राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सरगुजा में 241.9 मिमी, सूरजपुर में 358.2 मिमी, बलरामपुर में 281.2 मिमी, जशपुर में 348.9 मिमी, कोरिया में 274.1 मिमी, रायपुर में 329 मिमी, बलौदाबाजार में 437 मिमी, गरियाबंद में 369 मिमी, महासमुंद में 301.9 मिमी, धमतरी में 322.7 मिमी, बिलासपुर में 352.7 मिमी, मुंगेली में 244.9 मिमी, रायगढ़ में 286.6 मिमी, जांजगीर चांपा में 363 मिमी, कोरबा में 523.3 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 321.3 मिमी, दुर्ग में 368.6 मिमी, कबीरधाम में 288.5 मिमी, राजनांदगांव में 234.9 मिमी, बालोद में 287.7 मिमी, बेमेतरा में 437 मिमी, बस्तर 265.7 मिमी, कोण्डागांव में 306.4 मिमी, कांकेर में 277.2 मिमी, नारायणपुर में 310 मिमी और बीजापुर में 342.4 मिमी औसत वर्षा रिकार्ड की गई।