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बारिश में भीग कर दिया गया राहुल का भाषण कर्नाटक में कांग्रेस को कितना फायदा पहुंचाएगा
03-Oct-2022 10:28 PM
बारिश में भीग कर दिया गया राहुल का भाषण कर्नाटक में कांग्रेस को कितना फायदा पहुंचाएगा

इमेज स्रोत,@INCINDIA

-दीपक मंडल

कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी रविवार को मैसूर पहुंचे. मैसूर में कांग्रेस की सभा में जब वो भाषण देने मंच की ओर बढ़ने लगे तो बारिश होने लगी. लेकिन उन्होंने बारिश रुकने का इंतज़ार नहीं किया.

बारिश में अपना भाषण जारी रखते हुए राहुल गांधी ने कर्नाटक की बीजेपी सरकार पर हमले करते हुए कहा कि ये बासवराज बोम्मई की सरकार परियोजनाओं को मंज़ूरी देने के लिए 40 फ़ीसदी कमीशन लेती है. न तो प्रधानमंत्री ने इसके ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई की है और न ही मुख्यमंत्री ने.

बारिश के बावजूद भाषण दे रहे राहुल का वहां मौजूदा लोग हौसला बढ़ा रहे थे.

बारिश के बावजूद राहुल के भाषण के दौरान खासी भीड़ जमा थी. कुछ लोगों ने कुर्सियों को अपने सिर के ऊपर उठा रखा था. बारिश में भीग रही भीड़ को देख कर राहुल ने कहा '' बारिश हो रही है लेकिन हमने यात्रा रोकी नहीं है. चाहे गर्मी हो या तूफान आए या ठंड पड़े हम रुकने वाले नहीं''.

राहुल ने कहा, ''ये यात्रा नदी की तरह बिना रुके कन्याकुमारी से कश्मीर जाएगी. और इस नदी में आपको नफ़रत और हिंसा जैसी चीजें नहीं मिलेंगी. इसमें सिर्फ़ प्यार और भाईचारा मिलेगा जो भारत के इतिहास और डीएन में है. भाजपा और संघ ने चाहे जितनी नफ़रत फैलाई हो, ये यात्रा उसे रोकेगी और लोगों को फिर से जोड़ने में मदद करेगी.''

बारिश मे भीगते हुए राहुल के इस भाषण की काफ़ी चर्चा हो रही है. सोशल मीडिया पर इसे शेयर किया जा रहा है. कांग्रेस के कई नेताओं और ट्विटर यूजर्स ने इसे शेयर किया है. इन ट्वीट्स में राहुल को ज़मीनी नेता बताया गया और उनकी तारीफ़ की जा रही है.

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने शुरू में मैंने उन्हें बारिश से बचाने की कोशिश लेकिन राहुल ने जब देखा तो हज़ारों लोग भीगते हुए उनका इंतज़ार कर रहे हैं तो उन्होंने खुद भीगते हुए भाषण देने का फैसला किया. बारिश में पूरी तरह भीग कर भी वो भाषण देते रहे.

लेकिन कर्नाटक में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा शुरू होते ही बीजेपी हमलावर हो गई है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कांग्रेस पर तंज़ करते हुए कहा, '' गांधी जयंती के दिन नकली गांधी के बारे में बात करने की कोई ज़रूरत नहीं.''

राहुल गांधी के कर्नाटक सरकार को सबसे ज़्यादा भ्रष्ट होने के आरोपों पर उन्होंने कहा '' नकली गांधी के बारे में बात करने की क्या ज़रूरत है. पूरी कांग्रेस पार्टी ज़मानत पर है- राहुल गांधी, सोनिया गांधी और डीके शिवकुमार ज़मानत पर हैं. उन्होंने आगे कहा कि कर्नाटक कांग्रेस पार्टी के लिए एक एटीएम था, वह अब चला गया है.''

कर्नाटक में राहुल की इस यात्रा में साथ देने के लिए छह अक्टूबर को सोनिया गांधी वहां पहुंचेंगीं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा 7 अक्टूबर को इस यात्रा में शिरकत करेंगी. सोनिया गांधी पहली बार इस यात्रा में भाग लेंगी, क्योंकि जब यह यात्रा शुरू हुई थी उस दौरान वह मेडिकल जांच के लिए विदेश गई थीं.

कांग्रेस को कर्नाटक में कितना मज़बूत करेगी ये यात्रा?

विश्लेषकों के मुताबिक कांग्रेस अपनी इस यात्रा को कर्नाटक में अपनी बुनियाद दोबारा मज़बूत करने के मौके की तरह देख रही है. दक्षिण के राज्यों में यही एक राज्य है, जहां उसका मुकाबला सीधा बीजेपी से है. इसलिए कांग्रेस की यात्रा उन इलाकों से गुज़र रही है, जहां उसका मज़बूत समर्थन है. एक तरह से ये कांग्रेस के लिए अपने वोटरों की गोलबंदी भी है.

राजनीतिक विश्लेषक और जागरण लेकसाइड यूनवर्सिटी, भोपाल के वाइस चासंलर संदीप शास्त्री बीबीसी हिंदी से बातचीत में कहते हैं, '' अगले साल कर्नाटक में चुनाव हैं. कांग्रेस यहां अहम दावेदार है. विपक्ष में होने की वजह से कांग्रेस चाहेगी कि इस यात्रा के ज़रिये उसके कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़े और इसका उसे चुनावी फायदा मिले. ''

यात्रा का राज्य में कांग्रेस की चुनावी संभावनाओं पर क्या असर होगा?

इस सवाल पर शास्त्री कहते हैं, ''1985 के बाद जो भी यहां पार्टी सत्ता में रही है उसे अगले चुनाव में स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है. इसे देखते हुए कांग्रेस ज़ोर लगा रही है. उसका मकसद कि वह ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक जाए और अपना पक्ष रखे. केरल में बीजेपी मज़बूत नहीं है. तमिलनाडु में दो क्षेत्रीय पार्टियों की टक्कर होती है. भारत जोड़ो दक्षिण में पहली बार ऐसे राज्य में आई है, जहां बीजेपी और कांग्रेस की सीधी टक्कर है. यही वजह है कर्नाटक में ये यात्रा इतनी लंबी चल रही है. गौर कीजिये कि ये यात्रा उन इलाकों से गुज़र रही है, जहां कांग्रेस को ज़्यादा सीटें आने की उम्मीद लग रही है. ''

कांग्रेस को कितना चुनावी फायदा?
लेकिन राजनीतिक विश्लेषक मरमकल एमबी कांग्रेस की चुनावी संभावना को ख़ारिज करते हैं. बीबीसी हिंदी से बातचीत में वह कहते हैं, ''कांग्रेस को इस यात्रा से थोड़ी सहानुभूति मिल सकती है लेकिन बहुत ज़्यादा चुनावी फायदा नहीं मिलेगा. जिन इलाकों में जनता दल सेक्यूलर कमज़ोर है या जहां बीजेपी भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अक्षमता की वजह से कमज़ोर पड़ती दिख रही है वहीं कांग्रेस को थोड़ा फायदा मिलता दिख सकता है. उसे मैक्रो लेवल पर थोड़ा फायदा मिल सकता है लेकिन माइक्रो लेवल पर नहीं. ''

विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस को अपनी इस यात्रा का फायदा राज्य में अपने संगठन को मज़बूत करने के मामले में मिल सकता है.

संदीप शास्त्री कहते हैं, '' कर्नाटक में कांग्रेस की यह यात्रा 'भारत जोड़ो' नहीं 'कांग्रेस जोड़ो' यात्रा है. इसके ज़रिये कांग्रेस की लीडरशिप को आपस में जोड़ने की कोशिश हो रही है. ये कोशिश कितनी कामयाब होगी, ये देखने वाली बात होगी. ''

मरमकल एमबी की नजर में कांग्रेस की चुनावी संभावना उतनी मज़बूत नहीं दिखती. उन्होंने कहा,'' कर्नाटक में जब तक लिंगायत वोटों को कांग्रेस अपने साथ करने में कामयाब नहीं होगी तब तक उसके लिए राह मुश्किल है. राज्य में 23 से 24 फीसदी लिंगायत वोट हैं और कांग्रेस के पास इन वोटरों को हासिल करने का सामाजिक आधार नहीं है. ''

दोनों विश्लेषकों का मानना है राज्य में कांग्रेस नेतृत्व में जो अंदरुनी विभाजन है उसे भी पाटना होगा. इसके बगैर कांग्रेस राज्य में कोई बड़ी चुनावी सफलता हासिल नहीं कर पाएगी.(bbc.com/hindi)

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