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सैकड़ों करोड़ के फंड वाले बाघ संरक्षण योजना में खाल बरामद कर रहा वन विभाग
रायपुर, 9 जून। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर छत्तीसगढ़ की एक खबर ट्रेंड कर रही है। बीबीसी संवाददाता आलोक पुतुल ने प्रदेश के जंगलों में बाघों की कम होती संख्या को लेकर ट्वीट किया है। केंद्रीय वन मंत्रालय, बाघ संरक्षण अथारिटी को टैग कर पुतुल ने बताया कि छत्तीसगढ़ में 2014 में 46 बाघ थे।2018 में यह संख्या घट कर 19 रह गई ।2019 से अब तक राज्य में 10 बाघों के खाल बरामद किए चुके हैं।क्या अनुमान है, राज्य में कितने बाघ बचे होंगे ?
इस पर एक यूजरभानु प्रताप सिंह मरकाम ने रिट्वीट किया कि कभी कभी मप्र से बाघ छग घूमे आ जाते होंगे। जंगल मे जानवर तेजी से खत्म हो रहे हैं, माइनिंग,अवैध कटाई और बिना सोचें समझे वन अधिकार पट्टा देना,बाहरी लोग द्वारा अवैध कब्जा,शिकार और द्वारा फसल सुरक्षा के लिए सामान्य बिजली के तारों का प्रयोग प्रमुख वजह है। अशोक पटेल ने लिखा कि कम से कम दो तो बचे ही होंगे।वरूण आदित्य पोस्ट किया कि बाघों के संरक्षण को लेकर हमारी व्यवस्था जितनी लचर है उसकी जितनी निंदा की जाय कम है. इसमें साफ नियत और मंशा की कमी हो या फिर लापरवाही दोनों स्थिति ठीक नहीं.
46 से संख्या घटकर 1-5(अनुमानित) के बीच आ जाय तो हमें अपने आप को इंसान कहने का कोई हक नहीं।