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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 12 जून। मरीज सीने और पीठ में अचानक दर्द से पीड़ित के शरीर में आर्च वेसल्स में दरार पैदा हो गई। जिसेे शरीर की बड़ी रक्तनली भी कहा जाता है। जो मस्तिष्क समेत सभी अंगों को रक्त प्रदान करता है। इस गंभीर स्थिति से निजात दिलाने एनएच एमएमआई नारायणा सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल, में आपातकालीन जटिल हाइब्रिड प्रक्रिया से इलाज कर मरीज की जान बचाई।
डॉ.पीके हरि कुमार- सीनियर कार्डियकसर्जन, डॉ. सुनील गौनियाल- इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट के ने बताया कि आर्च वेसल्स के दरार को ठीक करने के लिए डिब्रांचिंग और टीएवीआर (थोरेसिक एंडोवास्कुलर एआर्टिक रिपेयर) की तकनीक का उपयोग किया गया। जिसमें मरीज के दिल में आर्च वेसल्स में एक स्टेंट स्थापित किया गया। जिससे उसके शरीर के रक्तनली की दरार को बंद किया जा सके। हाइब्रिड प्रक्रिया छत्तीसगढ़ में होने वाले सबसे दुर्लब और जटिल प्रक्रिया में से एक है।
जिसे डॉ.पीके हरि कुमार वरिष्ठ हृदय शल्य चिकित्सक, और डॉ. सुमित गुप्ता, हृदय शल्य चिकित्सक,ने सफल सर्जरी की। इस सर्जरी में डॉ. राकेश चंद, डॉ. अरुण अंदप्पन और डॉ. धर्मेश लाड जैसे कार्डिएक अनेस्थिशिया टीम की प्रमुख भूमिका रही
एनएच एमएमआई नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, रायपुर के फैसिलिटी डायरेक्टर, तापनी घोष, ने टीम को बधाई दी और कहा कि जटिल हृदय प्रक्रियाएं एनएच एमएमआई नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, रायपुर में नियमित रूप से की जाती हैं।
हमारी कार्डिएक साइंसेज के टीम की परिपूर्णता के कई उदाहरण हाली के ही देखे जा सकतें हैं। हमारा अस्पताल अत्यधिक कार्डिएक तकनीकों को सफल बनाने के लिए पूर्ण रूप के सुसज्जित है।