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रायपुर, 08 मई। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय ने बताया कि चौबे कॉलोनी में आयोजित समर कैम्प में यातायात नियमों की जानकारी देेते हुए यातायात प्रशिक्षक टी. के. भोई ने कहा कि हमें यातायात के सारे नियमों का पालन जरूर करना चाहिए क्योंकि यह हमारी ही जीवन रक्षा के लिए बनाए गए हैं। कभी भी शार्ट कट के चक्कर में अपनी जान को जोखिम में नहीं डालना चाहिए।
विश्वविद्यालय ने बताया कि देश में सबसे पहली सडक़ चन्द्रगुप्त मौर्य ने बनायी थी जो कि चार देशों से होकर गुजरती थी। उसका नाम था उत्तर पथ। फिर अंग्रेजों ने सडक़ बनायी उसे ग्रैण्ड ट्रंक रोड (जी.टी. रोड) कहा जाता था। जब देश आजाद हुआ तब इसी जी.टी. रोड को विभाजित कर नेशनल हाईवे बना। देश का सबसे लम्बा हाईवे एन.एच. 4 है जो कि 3400 किलोमीटर लम्बी है।
विश्वविद्यालय ने बताया कि ज्यादातर दुर्घटनाएं चालक की लापरवाही से होती है। यदि चालक अच्छा हो और वह यातायात नियमों का पालन करता हो तो दुर्घटनाओं की संभावना कम हो जाती है। दुर्घटनाओं से बचने के लिए हमें यातायात संकेतों का भी ज्ञान होना जरूरी है। उन्होंने विस्तार से बच्चों को प्रोजेक्टर के माध्यम से यातायात संकेतों का परिचय दिया तथा उनका पालन करने की नसीहत दी।
विश्वविद्यालय ने बताया कि सडक़ पार करने के लिए जेब्रा कासिंग का ही उपयोग करना चाहिए। इसी प्रकार आधी सडक़ दाँयी ओर देखते हुए और शेष आधी सडक़ बाँयी ओर देखते हुए पार करना चाहिए। लोगों की मृत्यु का पांचवा सबसे बड़ा कारण सडक़ दुर्घटना है। मरने वालों में 80 प्रतिशत संख्या युवाओं की होती है। इन दुर्घटनाओं से देश को प्रतिवर्ष लगभग अस्सी हजार करोड़ रूपयों का नुकसान होता है जो कि सकल विकास दर (जीडीपी) के दो प्रतिशत के बराबर है।