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कलिंगा में शिक्षक-शिक्षिकाओं के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम
22-Jun-2023 3:24 PM
कलिंगा में शिक्षक-शिक्षिकाओं  के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम

रायपुर, 22 जून। कलिंगा यूनिवर्सिटी के कॉरपोरेट ट्रेनिंग एंड कंसल्टेंसी डिवीजन  ने 12 जून से 17 जून तक कलिंगा यूनिवर्सिटी ऑडिटोरियम में आदर्श विद्यालय समूह के शिक्षकों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम का सफल आयोजन किया। शिक्षकों के लिए विभिन्न सत्रों का आयोजन किया गया और उसके बाद प्रमाण पत्र वितरण समारोह आयोजित किया गया।

डॉ जैसमीन जोशी, एसोसिएट प्रोफेसर और छात्र कल्याण अधिष्ठाता के मार्गदर्शन में टीम ने कार्यक्रम का समन्वय किया। सत्र की शुरुआत देवी सरस्वती के समक्ष पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई और कलिंगा विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ संदीप गांधी ने स्वागत भाषण दिया।

पहले दिनउद्घाटन भाषण केरल समाजम के अध्यक्ष श्री विनोद पिल्लई द्वारा दिया गया और उसके बाद केरल समाजम के सचिव डॉ जैकब सकारिया ने संबोधित किया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम का परिचय श्री पंकज तिवारी, निदेशक सीसीआरसी ने दिया। कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आर श्रीधर ने प्रभावी शिक्षण के परिचय के साथ प्राथमिक विद्यालय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम के सत्र-1 का संचालन किया।

दिन के दूसरे सत्र को डॉ संदीप गांधी ने एक सकारात्मक कक्षा और कक्षा प्रबंधन रणनीति बनाने पर संबोधित किया। शिक्षा विभाग की डीन डॉ. श्रद्धा वर्मा ने सत्र-3 में लेसन प्लानिंग और करिकुलम डिजाइन पर चर्चा की। डॉ. आशा अम्भईकर, सहायक प्राध्यापक कंप्यूटर विज्ञान ने सत्र-4 के दौरान प्रभावी निर्देशात्मक रणनीति पर व्याख्यान दिया।

डॉ. संयुक्ता गांधी ने सत्र-5 को छात्रों के सीखने के आकलन पर संबोधित किया और सत्र-6 को भी उनके द्वारा विभेदित निर्देश और समावेशी शिक्षा पर संबोधित किया। दूसरे दिन के सत्र-7 को डॉ हर्षा पाटिल ने क्रिएटिविटी और क्रिटिकल थिंकिंग को बढ़ावा देने पर संबोधित किया। इसी प्रकार सत्र-8 को डॉ आर उदय कुमार ने एजुकेशनल टेक्नोलॉजी टूल के प्रयोग पर संबोधित किया। सत्र-9 को संचार कौशल बढ़ाने पर डॉ. विजय भूषण ने संबोधित किया।            डॉ आर श्रीधर ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के परिचय पर सत्र -10 लिया। डॉ संयुक्ता गांधी ने प्रभावी मूल्यांकन और फीडबैक प्रथाओं पर सत्र -11 को संबोधित किया। डॉ आर श्रीधर ने चिंतन और कार्य योजना पर सत्र -12 को संबोधित किया।

इसके बाद समापन समारोह व प्रमाण पत्र वितरण किया गया। श्री पंकज तिवारी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। समारोह की संचालन सुश्री श्रेया द्विवेदी ने किया।

14 जून को आदर्श विद्यालय समूह के माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्वागत भाषण डॉ संदीप गांधी ने दिया। श्री विनोद पिल्लई ने उद्घाटन भाषण दिया। डॉ पंकज तिवारी ने प्रशिक्षण का परिचय दिया। डॉ आर श्रीधर ने एजुकेशनल फ्रेमवर्क का परिचय पर व्याख्यान दिया। श्री विश्वदीप शुक्ला ने माध्यमिक विद्यालय के छात्रों के लिए आकर्षक शिक्षण तकनीकों पर व्याख्यान दिया। डॉ बायजू जॉन, महानिदेशक ने प्रायोगिक शिक्षा और परियोजना आधारित दृष्टिकोण पर व्याख्यान दिया। एमिटी इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल प्रिया श्रीवास्तव ने इफेक्टिव लेसन प्लानिंग एंड इंस्ट्रक्शनल डिजाइन पर व्याख्यान दिया। सुश्री एल ज्योति रेड्डी ने दृश्य-श्रव्य साधनों के एकीकरण पर सत्र दिया। डॉ बिजी नायर ने समावेशी और सहायक कक्षा बनाने पर सत्र लिया।

सत्र के दूसरे दिन श्री विश्वदीप शुक्ला ने सीसीई में मूल्यांकन और मूल्यांकन पर शिक्षकों को संबोधित किया। श्रीमती प्रिया श्रीवास्तव ने शिक्षण और सीखने के लिए नवीन विचारों पर व्याख्यान दिया। डॉ. शिल्पी भट्टाचार्य ने माता-पिता और सामुदायिक जुड़ाव पर व्याख्यान दिया। डॉ आर श्रीधर ने मूल्यांकन के महत्व पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। डॉ संयुक्ता गांधी ने प्रभावी कक्षा प्रबंधन और व्यवहार प्रबंधन पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। डॉ श्रद्धा वर्मा ने समीक्षा, चिंतन और कार्य योजना पर व्याख्यान दिया। कार्यक्रम के बाद श्री पंकज तिवारी द्वारा प्रस्तावित प्रमाणपत्र वितरण और धन्यवाद प्रस्ताव सहित समापन समारोह आयोजित किया गया। समारोह की अगुआ सुश्री श्रेया द्विवेदी थीं।

आदर्श विद्यालय समूह के उच्च माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम के तीसरे चरण से 16 एवं 17 जून को आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना, दीप प्रज्वलन समारोह, परिचय एवं सभी गणमान्य व्यक्तियों के स्वागत के साथ हुई। स्वागत भाषण डॉ आर श्रीधर ने दिया। श्री पंकज तिवारी ने प्रशिक्षण का परिचय दिया। सत्र की शुरुआत डॉ आर श्रीधर के शिक्षा नीति परिचय पर व्याख्यान से हुई। डॉ श्रद्धा वर्मा ने प्रभावी पाठ योजना और निर्देशात्मक डिजाइन पर व्याख्यान दिया। श्री विश्वदीप शुक्ला ने परिणाम आधारित शिक्षा को लागू करने पर सत्र लिया। डॉ बायजू जॉन ने प्रायोगिक शिक्षा और पूछताछ आधारित दृष्टिकोण पर व्याख्यान दिया। डॉ बिजी नायर ने व्यवहार प्रबंधन और कक्षा अनुशासन पर सत्र लिया। सुश्री एल ज्योति रेड्डी ने करियर काउंसलिंग और विषय चयन पर सत्र लिया।

दूसरे दिन डॉ. आशा अंभईकर ने ऑडियोविजुअल एड्स के प्रभावी उपयोग पर सत्र लिया। डॉ श्रद्धा वर्मा ने अभिनव शिक्षण विचारों और रणनीतियों पर व्याख्यान दिया। श्री विश्वदीप शुक्ला ने प्रभावी मूल्यांकन और फीडबैक प्रथाओं पर व्याख्यान दिया। डॉ शिल्पी भट्टाचार्य ने जीवन कौशल शिक्षा को एकीकृत करने पर सत्र लिया। डॉ संयुक्ता गांधी ने माता-पिता की व्यस्तता और संचार पर सत्र लिया। डॉ आर श्रीधर ने व्यावसायिक विकास और चिंतन पर सत्र लिया।

समापन समारोह के बाद श्री पंकज तिवारी द्वारा प्रमाण पत्र वितरण और धन्यवाद ज्ञापन किया गया। शिक्षक सत्र का हिस्सा बनकर खुश थे और उन्होंने कलिंगा विश्वविद्यालय के बुनियादी ढांचे की सराहना की।

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