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युवाओं को रोजगार से जोडऩा प्राथमिकता-भूपेश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 31 जुलाई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि यह खुशी की बात है कि प्रदेश में युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जा रहा है और लगातार युवाओं को नौकरियां भी मिल रही है। आज जिन युवाओं को नियुक्ति पत्र मिले हैं। उन्हें शुभकामनाएं देता हूं। यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। जैसे-जैसे युवा प्रशिक्षित होंगे, उन्हें कौशल अनुरूप रोजगार से जोडऩे का कार्य भी चलता रहेगा। मुख्यमंत्री बेरोजगारी भत्ता की चौथी किश्त के ऑनलाईन अंतरण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
सीएम श्री बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में बेरोजगारी भत्ता योजना के तहत चौथी किश्त के रूप में प्रदेश के 1 लाख 22 हजार 625 हितग्राहियों को 31 करोड़ 71 लाख रूपए की राशि सीधे उनके खाते में अंतरित की। सीएम ने कार्यक्रम के दौरान प्रतीक स्वरूप बेरोजगारी भत्ता के प्रशिक्षित हितग्राहियों को नौकरी का ऑफर लेटर प्रदान किया।
श्री बघेल ने कहा कि युवाओं को रोजगार से जोडऩा हमारी प्राथमिकता है और इसके लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 36 आईटीआई के आधुनिकरण के लिए 1188.36 करोड़ परियोजना के लिए एमओयू भी किया गया है। जिससे युवाओं को 06 नवीन तकनीकी ट्रेड के साथ ही 23 शॉट टर्म कोर्स में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे लगभग प्रति वर्ष 10 हजार युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन युवाओं को विभिन्न उद्योगों में नियोजित कराया जाएगा। युवाओं को अपनी तरक्की के राह में आर्थिक परेशानियों का सामना न करना पड़े, इसलिए हमने बेरोजगारी भत्ता देने और पीएससी व व्यापम की प्रतियोगी परीक्षाओं में शुल्क माफ कर उन्हें बड़ी राहत देने का काम किया है।
श्री बघेल ने आगे कहा कि युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 41 हजार शासकीय पदों पर भर्तियां चल रही है। हमने युवाओं से जो बात कही थी उसे पूरा किया है। भर्तियों पर लगी रोक हटते ही हमने सरकारी नौकरियों के लिए विज्ञापन निकाल दिए हैं। इसके साथ ही साथ युवाओं को रोजगार और स्व-रोजगार के लिए तैयार करने के उद्देश्य से कौशल विकास का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार से जोडऩे का काम भी साथ-साथ चल रहा है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने 13-14 वर्षों में 98 करोड़ रूपए बेरोजगारी भत्ते के रूप में बांटे थे। हमने चार माह में ही 112 करोड़ से अधिक की राशि बेरोजगारी भत्ते के रूप में वितरित की है।