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रायपुर, 22 अगस्त। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में अब एंडोनेसल एंडोस्कोपिक स्कल बेस सर्जरी से गंभीर रोगियों की न्यूरोसर्जरी की जा रही है। इसकी मदद से रोगियों के चेहरे पर कोई निशान भी नहीं बनता है और उनके शीघ्र ठीक होकर जल्द डिस्चार्ज होने की संभावना बढ़ जाती है।
अब इस तकनीक को अन्य संस्थानों के न्यूरोसर्जन को भी सिखाया जा रहा है जिससे न्यूरोसर्जरी को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके। इस संबंध में नए चिकित्सकों को क्षेत्र में उपलब्ध नवीनतम तकनीक की जानकारी और प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से एम्स के न्यूरोसर्जरी, एनाटॉमी और ईएनटी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में एडवांस्ड एंडोस्कोपिक एंड माइक्रोस्कोपिक स्कल बेस सर्जरी विषयक दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई।
विशेषज्ञों का कहना था कि इस सर्जरी की मदद से मस्तिष्क की सर्जरी करने के लिए ओपन सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती है। इसमें नाक के ऊपरी हिस्से से खोपड़ी तक एंडोस्कोपी की मदद से ऑपरेशन किया जा सकता है।
एम्स में न्यूरोसर्जरी विभागाध्यक्ष और कार्यशाला के आयोजक डॉ. अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि इसमें एक फ्लेक्सीबल ट्यूब पर कैमरा लगा होता है जिसकी मदद से स्कल बेस सर्जरी आसानी से की जा सकती है।