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रायपुर, 25 अगस्त। पिछले तीन वर्षों के दौरान, छत्तीसगढ़ में चावल की सरकारी खरीद एफसीआई के माध्यम से काफी बढ़ गया है। नतीजतन, चावल के भंडार को छत्तीसगढ़ से दूसरे राज्यों में ले जाकर जगह बनानी होगी।
एनएफएसए, पीएमजीकेएवाई और भारत सरकार की अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत झारखंड, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु जैसे घाटे वाले राज्यों की आवश्यकता को पूरा करने 2019-20 में 520 रेक (14.23 एलएमटी) से, 2020-21 में आउटफ्लो बढक़र 951 रेक (25.51 एलएमटी), 2021-22 में 985 रेक (26.51 एलएमटी) और 2022-23 में 1473 रेक (42.25 एलएमटी) हो गया है।
रेक आवाजाही के अलावा, चावल के स्टॉक को सडक़ मार्ग से भी झारखंड और महाराष्ट्र राज्यों में ले जाया गया है।
वर्ष 2022-23 में 70,801.46 मीट्रिक टन चावल का स्टॉक इन राज्यों में ले जाया गया है। इतना ही नहीं, जुलाई 2023 से महाराष्ट्र क्षेत्र के डिपो तक कंटेनर की आवाजाही शुरू हो गई है।
इसी प्रकार, भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत छत्तीसगढ़ राज्य की लगभग 28000 मीट्रिक टन की वार्षिक आवश्यकता को पूरा करने के लिए मध्य प्रदेश से गेहूं की रेक प्राप्त की जा रही हैं और ओएमएसएस (डी) की भारत सरकार की योजना के माध्यम से खुले बाजार में गेहूं उतारने के लिए अन्य 10000 मीट्रिक टन गेहूं की रेक प्राप्त की जा रही हैं।