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रायपुर, 24 सितंबर। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, एवं कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया।
कैट ने बताया कि सरकार के डिजिटल पेमेंट को ज़्यादा से ज़्यादा करने के आह्वान तथा जी 20 द्वारा एमएसएमई सेक्टर को डिजिटल अर्थव्यवस्था से जोडऩे के निर्णय को अमली जामा पहनाने की दृष्टि से कन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज केंद्रीय आई टी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव तथा वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीथारमन से पुरज़ोर आग्रह किया है।
कैट ने बताया कि भारत को कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था बनाने तथा व्यापार द्वारा बड़े पैमाने पर लोगों द्वारा डिजिटल भुगतान को तेजी से अपनाने के लिए केंद्र सरकार को तुरंत एक डिजिटल पेमेंट प्रमोशन बोर्ड गठित करना चाहिए तथा डिजिटल भुगतान पर लेनदेन शुल्क को सरकार द्वारा सीधे बैंकों को सब्सिडी दी जाये जिससे व्यापारियों और उपभोक्ताओं पर बैंक चार्ज का आर्थिक भार न पड़े।
कैट ने बताया कि कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने यह कहते हुए सरकार से यह भी आग्रह किया की नेशनल पेमेंट कॉउंसिल ऑफ़ इंडिया (एनपीसीआई) को यूपीआई, भीम आदि को ही चलाना चाहिए और पेमेंट इंडस्ट्री को मॉनिटर तथा रेगुलेट करने के लिए पृथक रूप से एक रेगुलेटरी अथॉरिटी बनाई जाए। उन्होंने यह भी कहा कि जब सरकार द्वारा नीति के रूप में अनेक क्षेत्रों में खुला नेटवर्क बनाया जा रहा है तो पेमेंट इंडस्ट्री को भी खुला नेटवर्क दिया जाना चाहिए ताकि उपयोगकर्ताओं को सर्वोत्तम सेवाएं मिल सके ।
कैट के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी ने कहा कि देश में डिजिटल भुगतान को अपनाने और स्वीकार करने में लेन-देन शुल्क का वित्तीय बोझ डिजिटल पेमेंट को अपनाने में एक बहुत बड़ी बाधा है इस दृष्टि से सरकार ट्रांसक्शन शुल्क को सब्सिडी के माध्यम से सीधे बैंकों को दे दे तो देश में डिजिटल पेमेंट अप्रत्याशित रूप से बढ़ेगा।
कैट ने बताया कि दूसरी तरफ यह अनौपचारिक अर्थव्यवस्था को औपचारिक अर्थव्यवस्था में परिवर्तित करने में बड़ा सहायक होगा जिससे सरकार को आय कर एवं अन्य करों में भी बड़ी वृद्धि होगी। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि एक महीने में तीन बार से अधिक एटीएम के उपयोग से अधिक इस्तेमाल करने पर एटीएम से नकद राशि निकालने पर एक सामान्य शुल्क लगाया जा सकता है।