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गुलाम नबी आज़ाद लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे. उनकी पार्टी के कहा था कि वह अनंतनाग-राजौरी सीट से चुनाव लड़ेंगे.
लेकिन अब उनकी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी ने मोहम्मद सलीम पारे को दक्षिण कश्मीर की इस सीट से उम्मीदवार बनाया है.
इस महीने की शुरुआत में ही डीपीएपी ने कहा था कि आज़ाद इस सीट से चुनावी मैदान में उतरेंगे.
मोहम्मद सलीम पारे ने पार्टी की ओर से उम्मीदवार बनाए जाने पर कहा, "अनंतनाग-राजौरी सीट से नामांकन के लिए दो तीन दिन ही बचे थे. दक्षिण कश्मीर के नेताओं ने गुलाम नबी आज़ाद के साथ बैठक की. इस बैठक में मेरा नाम आगे आया. मैं नेतृत्व का, गुलाब नबी आज़ाद जी का शुक्रगुज़ार हूं कि उन्होंने मुझ पर भरोसा किया. मैं कोशिश करूंगा कि मैं पार्टी की उम्मीदों पर खरा करने की पूरी कोशिश करूंगा."
उन्होंने कहा, "इस सीट पर गुलाम नबी आज़ाद साहब का नाम आया था. मैं चाहता था कि वो यहां से लड़ें लेकिन यहां के लोग और हमारे कार्यकर्ता गुलाम नबी आज़ाद को एक मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं. हमारे संसदीय चुनाव खत्म होते ही यहां विधानसभा चुनाव होंगे. इस सारी बातों को ध्यान में रख कर पार्टी ने ये फ़ैसला लिया है."
अनंतनाग-राजौरी सीट से पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस की ओर से पार्टी के वरिष्ठ नेता मियां अल्ताफ़ चुनावी मैदान में हैं.
साल 2022 में कांग्रेस छोड़ने वाले आज़ाद ने नई पार्टी बनायी थी. नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला आरोप लगाते रहे हैं कि आजाद बीजेपी की स्क्रिप्ट पर काम कर रहे हैं. (bbc.com/hindi)