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वन टाईम प्रमोशन इंस्पेक्टर रामेश्वर देशमुख ने दूसरे छोर से मुस्तैद रहकर मारे नामी नक्सली
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 18 अप्रैल। एक ही झटके में कांकेर के कलपर के जंगल में नक्सलियों के एक बड़े कैडर का सफाया करने वाले ऑपरेशन में राजनांदगांव शहर से सटे दुर्ग जिले के तिरगा के रहने वाले पुलिस निरीक्षक रामेश्वर देशमुख के साहस को लोग सलाम कर रहे हैं।
वन टाईम प्रमोशन से निरीक्षक बने रामेश्वर ने दूसरे छोर से सुरक्षा बलों के साथ कलपर के जंगल में स्थित तीन पहाड़ों को लांघकर नक्सलियों को घेरा। दो छोर से पुलिस की ओर से हुए गोलीबारी में 29 नक्सली मारे गए। छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए यह सफलता इतिहास बनाने वाली रही।
रामेश्वर देशमुख के गांव में भी नक्सली सफलता से खुशी का माहौल है। तिरगा जैसे छोटे गांव से निकले रामेश्वर ने अपनी सर्विस का एक बड़ा वक्त बस्तर के बीजापुर के अलावा कांकेर में गुजारा है। नक्सलियों को ठिकाने लगाने की मुहिम में रामेश्वर अक्सर आगे रहे हैं। राजनंादगांव जिले में वह गातापार जैसे चुनौतीपूर्ण वाले नक्सल थाने की जिम्मेदारी बखूबी निभा चुके हैं।
बताया जा रहा है कि दूसरे छोर से रामेश्वर देशमुख ने सर्चिंग अभियान के दौरान आधा-आधा किमी की तीन पहाडिय़ों की चढ़ाई की। उस दौरान चूभती धूप और गर्म हवाएं जवानों पर भारी पड़ रही थी।
सर्चिंग के दौरान नक्सलियों की खोज में सफलता नहीं मिलने पर कांकेर एसपी आईके एलेसेला ने वापस लौटने के लिए भी जवानों को कहा। काफी तलाश के बाद नक्सली तीसरे पहाड़ में डेरा जमाए नजर आए। पुलिस को देखकर नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में नक्सली जवानों के गोली के शिकार बने।
वर्तमान में बांदे में पदस्थ रामेश्वर देशमुख ने नक्सलियों के बड़े कैडर को मार गिराया। देशमुख को पूर्व में दो बार नक्सल मोर्चे में कामयाबी के लिए वीरता पुरस्कार मिला है। नक्सलियों के साथ लड़ते हुए रामेश्वर देशमुख ने अपने अदम्य साहस का परिचय दिया।
बताया जा रहा है कि नक्सल ऑपरेशन की सफलता से छत्तीसगढ़ पुलिस की ताकत जाहिर हुई है। ऐसे में नक्सली अभियान में शामिल अफसर और जवानों को ईनाम भी महकमे की ओर से दिया जा सकता है।