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![संस्कृति विभाग में सात अफसरों की भर्ती प्रक्रिया में धांधली, जांच होगी संस्कृति विभाग में सात अफसरों की भर्ती प्रक्रिया में धांधली, जांच होगी](https://dailychhattisgarh.com/uploads/article/1719507323G_LOGO-001.jpg)
सीएम ने कर्मचारी संगठन को भरोसा दिलाया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 27 जून। संस्कृति विभाग में द्वितीय श्रेणी के सात पदों में भर्ती में गड़बड़ी मामले की शिकायत सीएम विष्णुदेव साय तक पहुंची है। तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने इस सिलसिले में साय को गड़बड़ी से अवगत कराया है। यह बताया गया कि विभाग के अफसरों ने पीएससी से मिलीभगत अपने ही रिश्तेदारों और करीबियों को चयनित करवा लिया। सीएम ने पूरे मामले पर जांच के बाद कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
शिकायत में बताया गया कि छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग द्वारा संस्कृति विभाग के लिए पांच अलग-अलग विषय के विशेषता वाले साल पदों के लिए आवेदन मांगा गया था, जिसके परिपालन में गंभीर विसंगति हुई है। भर्ती के लिए विज्ञापन पिछली सरकार में जारी हुए थे।
उन्होंने बताया कि पांच अलग अलग विशेषज्ञता, जिनकी कार्यशैली भी अलग-अलग है। ऐसे पांच पदों के लिए वांछनीय योग्यता और कार्य अनुभव का विज्ञापन में स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं किया गया है और सभी पदों के लिए पास ही अनुभव मांगा गया है जो कि तर्कसंगत नहीं है।
शिकायत में यह भी कहा गया कि सभी पदों की विषय विशेषज्ञता अलग-अलग होनी चाहिए थी जबकि इसमें सभी पदों के लिए एक ही तरह की योग्यता मांगी गई है। प्रस्तुत पद के लिए जरूरी दस्तावेजों का परिक्षण किसी विषय विशेषज्ञ से न करा ताकर, प्रमाण पत्र देने वाले विभागीय अधिकारियों से करवाया गया है जिनके जानकारी के अभाव से कई अभ्यर्थियों की इस पाह के लिए अयोग्य घोषित किया गया है और अयोग्य लोगों को योग्य बताकर साक्षात्कार के लिए चयनित किया गया है।
शिकायत में यह बताया गया कि द्वितीय वर्ग अधिकारी के इन जिम्मेदार पदों के दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया में द्वितीय वर्ग के अधिकारियों को ही नियुक्त किया गया था जबकि इसमें प्रथम श्रेणी के अधिकारीयों को नियुक्त करना चाहिए था। यह भी जांच का विषय है। दस्तावेज परिक्षण में भी अधिकारियों द्वारा अपने सगे-संबंधियों एवं रिश्तेदारी का स्वयं के द्वारा परीक्षण कर उन्हें पात्र घोषित किया गया है, साथ ही विभाग के अधिकारियों द्वारा ही अपने अधीनस्थ कार्य कर रहे कर्मचारियों का दस्तावेज सत्यापन कर उन्हें सुनियोजित तरीके से इस पद के लिए योग्य घोषित किया गया है जो कि नियम के विरुद्ध है।
शिकायत में यह कहा गया कि इस चयन प्रक्रिया में दीप्ति गोस्वामी नामक एक अधिकारी द्वारा अपने रिश्तेदार का दस्तावेज सत्यापन स्वयं करना और अपने रिश्तेदार को जो की इस पद की अहर्ता पूर्ण नहीं करती उसे योग्य बताकर इस पद में चयनित कर लेना यह संस्कृति विभाग के अफसरों की मनमानी को दर्शाता है। यह किसी सोची-समझी षडय़ंत्र की पुष्टि करता है। शिकायत करने वालों में रामचन्द्र तांडी जिलाध्यक्ष तृतीय वर्ग कर्मचारी संगठन हैं।