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नयी दिल्ली, 28 जून। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों की जासूसी के लिए पाकिस्तान से पैसे लेने के कुछ संदिग्ध लोगों के गुजरात और महाराष्ट्र स्थित ठिकानों पर शुक्रवार को छापेमारी की।
पिछले साल जून में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण ने मामला दर्ज किया था, जिसमें यह छापेमारी की गयी है।
एनआईए ने एक बयान में कहा कि एजेंसी ने जुलाई 2023 में दो आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था, इसमें एक पाकिस्तानी नागरिक शामिल है, जो फरार है। इसके बाद तीन अन्य लोगों के खिलाफ दो और आरोपपत्र दायर किए गए। इनमें भी एक पाकिस्तानी नागरिक शामिल है।
बयान के अनुसार एनआईए की जांच से पता चला है कि पाकिस्तानी नागरिकों ने जासूसी गिरोह के गिरफ्तार आरोपियों के साथ सहयोग किया था, जिसमें भारत में आतंकी हिंसा फैलाने की साजिश के तहत भारतीय नौसेना से संबंधित संवेदनशील/महत्वपूर्ण जानकारी लीक की जा रही थी।
बयान के अनुसार, ‘‘गोपनीय रक्षा जानकारी के लीक होने से संबंधित 2021 के विशाखापत्तनम पाकिस्तानी आईएसआई जासूसी मामले में शामिल संदिग्धों पर कार्रवाई करते हुए, एनआईए ने शुक्रवार को गुजरात और महाराष्ट्र में तीन स्थानों पर व्यापक छापेमारी की।’’
माना जा रहा है कि संदिग्धों ने भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों की जासूसी करने के लिए पाकिस्तान से धन प्राप्त किया। इन संदिग्धों के तीन स्थानों पर स्थित परिसरों की एनआईए के दलों ने गहन तलाशी ली। तलाशी के दौरान मोबाइल फोन और दस्तावेजों सहित कई आपत्तिजनक सामग्रियां जब्त की गईं।
एनआईए मामले में और अधिक कड़ियों का पता लगाने के लिए जब्त की गई सामग्रियों की जांच कर रही है। यह मामला मूल रूप से ‘काउंटर इंटेलिजेंस सेल’, आंध्र प्रदेश द्वारा 12 जनवरी, 2021 को भारतीय दंड संहिता, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और शासकीय गोपनीयता अधिनियम, 1923 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किया गया था। (भाषा)