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हिना ख़ान को हुआ ब्रेस्ट कैंसर, कम उम्र की लड़कियों में क्यों बढ़ रही ये बीमारी
29-Jun-2024 9:24 AM
हिना ख़ान को हुआ ब्रेस्ट कैंसर, कम उम्र की लड़कियों में क्यों बढ़ रही ये बीमारी

-सुशीला सिंह

बीबीसी की सहयोगी पत्रकार मधु पाल ने बताया कि हिना ख़ान को स्टेज तीन का ब्रेस्ट कैंसर हुआ है.

एक्ट्रेस हिना ख़ान ने भी सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी है.

उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा है,"इस चुनौतीपूर्ण बीमारी के बावजूद मैं सबको आश्वस्त करना चाहती हूं कि मैं अच्छी हूं. मैं मज़बूती से डटी हूं और इस बीमारी से लड़ने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हूं. मेरा इलाज शुरू हो चुका है और इससे बाहर निकलने के लिए जो भी ज़रूरी होगा मैं वह सब करने को तैयार हूं."

36 साल की हिना ख़ान 'ये रिश्ता क्या कहलाता है' और 'कसौटी ज़िंदगी की' जैसे चर्चित टेलीविज़न शो में अहम रोल अदा कर चुकी हैं. वह रिएलिटी शो बिग बॉस के ग्यारहवें सीज़न का भी हिस्सा रह चुकी हैं.

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग में प्रोफ़ेसर डॉक्टर एसवीएस देव ने बीबीसी को बताया था कि पिछले दस से पंद्रह साल में युवा महिलाओं में कैंसर के मामले ज़्यादा सामने आ रहे हैं.

उनकी राय में "युवा महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में वे महिलाएं शामिल हैं जिनकी उम्र 40 साल से कम हैं. इनमे सबसे कम उम्र की महिलाएं 20 से 30 साल की हैं जिनमें कैंसर पाया जाता है."

बीबीसी से बातचीत में उन्होंने कहा, "सबसे कम उम्र की श्रेणी की बात करें तो इनमें दो से तीन प्रतिशत कैंसर के मामले आते हैं और अगर युवा श्रेणी की बात करें तो ये मामले 15 प्रतिशत हैं. 40-45 साल की उम्र की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले बढ़कर 30 फीसदी तक पहुंच जाते हैं और 44 से 50 साल की महिलाओं में ऐसे मामले 16 प्रतिशत पाए जाते हैं."

उनका कहना है कि पश्चिमी देशों में महिलाओं में 40 की उम्र के बाद ब्रेस्ट कैंसर के मामले सामने आते हैं और 50-60 साल की उम्र की महिलाओं में कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी दिखाई देती है.

डॉक्टर देव अपनी बात आगे बढ़ाते हुए एक मां और बेटी के मामले का जिक्र करते हुए बताया कि उन्होंने दोनों मरीज़ों के ब्रेस्ट कैंसर की सर्जरी की जिसमें मां की उम्र 55 साल है और बेटी की 22 है और इन दोनों में ब्रेस्ट कैंसर होने का पता एक ही तारीख़ को चला.

कैंसर स्पेशलिस्ट डॉक्टर देवव्रत आर्य का भी कहना है कि ब्रेस्ट कैंसर के मामले पहले 50 से 60 साल की उम्र में ज़्यादा आते थे लेकिन हम इस बात को लेकर आश्चर्यचकित हैं कि 20 साल से ऊपर की लड़कियों में भी काफ़ी मामले आ रहे हैं जो कि बहुत ही असामान्य बात है.

डॉक्टर देवव्रत आर्य ने बताया कि उनकी थीसिस का विषय ब्रेस्ट कैंसर ही था.

वो बीबीसी से बातचीत में कहते हैं, "आंकड़ों पर नज़र डालें तो 20-30 साल की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के 5 से 10 फ़ीसदी मामले सामने आ रहे हैं. और ये प्रतिशत बहुत बड़ा है."

डॉक्टर आर्य ज़्यादातर ब्रेस्ट कैंसर, हेड एंड नेक और लंग कैंसर के मामलों को देखते हैं.

इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर)-नेशनल सेंटर फॉर डिज़ीज़ इंफोर्मेटिक्स एंड रिसर्च (एनसीडीआईआर) ने नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम रिपोर्ट 2020 रिलीज़ की थी जिसमें ये आकलन किया गया था कि साल 2020 में कैंसर के 13.9 लाख मामले सामने आएंगे और जो चलन दिख रहा है उसके मुताबिक ये मामले साल 2025 में बढ़कर 15.7 लाख तक पहुंच जाएंगे.

ये आकलन जनसंख्या के आधार पर बनी 28 कैंसर रजिस्ट्रियों और अस्पतालों की 58 कैंसर रजिस्ट्रियों के आधार पर निकाला गया है.

इन रजिस्ट्रियों के मुताबिक महिलाओं में स्तन या ब्रेस्ट कैंसर के 14.8 फ़ीसद यानी 3.7 लाख मामलों का आकलन किया गया है.

आमतौर पर महिलाओं में ब्रेस्ट और सर्विक्स यूटेरी कैंसर के सबसे अधिक मामले सामने आते हैं और ये देखा गया है कि महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं.

लेकिन भारत में क्यों बढ़ रहे हैं कैंसर के मामले? इसके जवाब में डॉक्टर एसवीएस देव का कहना है कि भारत की आबादी बढ़ी है तो मामले भी उसी अनुपात में बढ़े हैं. और युवा आबादी ज़्यादा है तो उनमें मामले सामने आ रहे हैं.

यहां सवाल ये उठता है कि क्या कैंसर और आबादी का सिर्फ़ अनुपातिक रिश्ता है.

इसके जवाब में डॉक्टर देव का कहना था कि सही में ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. आंकड़े बताते हैं कि बीस साल में 20 फ़ीसद बढ़े हैं और इसकी पुष्टि कैंसर रजिस्ट्री करती है.

उनके अनुसार, "हमें ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ने के पीछे बिल्कुल ठोस वजह का पता नहीं है. युवा मामलों में लाइफस्टाइल मुख्य कारण है और दूसरा कारण जेनेटिक है जिसमें परिवार में अगर किसी को कैंसर हुआ हो तो आगे आने वाली पीढ़ी में कैंसर होने की आशंकाएं बढ़ जाती हैं."

इसी बात को आगे बढ़ाते हुए डॉक्टर आर्य कहते हैं कि यंगेस्ट यानी 20-30 साल की उम्र की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले आने का कारण लाइफ़स्टाइल की बजाए जेनेटिक है.

उदाहरण के तौर पर आपको याद होगा हॉलीवुड अभिनेत्री एंजलीना जोली ने स्तन कैंसर से बचने के लिए एक ऑपरेशन कराया था क्योंकि उनकी मां को कैंसर था और उनमें भी उनकी मां का जीन मिला और अनुवांशिक टेस्ट में ये जानकारी सामने आने के बाद उन्होंने अपने दोनों स्तन हटवाने का फैसला किया था.

अगर 20-30 साल की लड़कियों में ब्रेस्ट कैंसर के मामले सामने आते हैं तो उनके शरीर पर क्या असर पड़ सकता है?

डॉक्टरों का कहना है कि कैंसर के इलाज के समय चलने वाली कीमोथेरेपी का असर महिलाओं की फर्टिलीटी यानी प्रजनन क्षमता पर पड़ सकता है.

इसलिए इलाज के दौरान ये देखा जाता है कि महिलाएं अगर बच्चे पैदा कर सकती हैं तो कितने साल बाद प्रेग्नेंट होना सुरक्षित हो सकता है.

डॉक्टर बताते हैं कि 20-30 साल की उम्र ऐसी होती है जब या तो लड़कियों की शादी होने वाली होती है या हो चुकी होती है. जिनकी शादी हो चुकी होती है उनके छोटे बच्चे या कपल (वैवाहिक जोड़ा) बच्चा प्लान कर रहा होता है. तो ऐसे में उनकी फर्टिलीटी पर असर हो सकता है.

डॉक्टर कहते हैं कि ऐसे में इलाज शुरू करने से पहले मरीज़ से विस्तार से बात की जाती है और पूरी प्रक्रिया को समझाया जाता है क्योंकि कई मामलों में कीमोथेरेपी का ओवरिज़ या अंडाशय पर भी असर हो सकता है तो हम उन्हें ओवरिएन प्रिज़रवेशन या ओवरिज़ को संरक्षित करने की सलाह भी देते हैं. और जब मरीज़ दो-तीन साल में ठीक होने लगती है तब वे बच्चा प्लान कर सकते हैं.

साथ ही महिलाएं बहुत युवा होती हैं तो हम ब्रेस्ट कंज़रवेशन सर्जरी या रिकन्स्ट्रक्शन करने की कोशिश करते हैं. हम कोशिश करते हैं कि पूरी तरह से ब्रेस्ट को हटाने की प्रक्रिया ना हो.

जेनेटिक टेस्ट में अगर वे पॉज़िटिव पाई जाती हैं और अगर ब्रेस्ट का दूसरा हिस्सा सामान्य भी हो तो हम उसे हटा देते हैं क्योंकि जीन म्यूटेशन हो रहा हो तो इन मामलों में उसके आगे बढ़ने की संभावना ज़्यादा होती है. तो ऐसे में महिलाएं दोनों ही ब्रेस्ट हटवा लेती हैं.

स्तन में गांठ या लंप होना ये ब्रेस्ट कैंसर के आम लक्षणों में से एक है. डॉक्टर सलाह देते हैं कि अगर ब्रेस्ट में किसी प्रकार की गांठ महसूस होती है तो तुरंत मेडिकल जांच करवानी चाहिए.

अगर ब्रेस्ट में किसी प्रकार की सूजन दिखाई देती है तो उसके प्रति लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. ये सूजन ब्रेस्ट के एक हिस्से या पूरे ब्रेस्ट में हो तो सचेत हो जाना चाहिए.

ब्रेस्ट की त्वचा में किसी प्रकार का परिवर्तन दिखाई दे मसलन वहां जलन, लाल पड़ना या त्वचा का सख्त़ होना, त्वचा की बनावट में बदलाव दिखना. ऐसा महसूस करना जैसे त्वचा गीली हो.

अगर निप्पल से रिसाव होता पदार्थ निकलता दिखे, अंदर की तरफ़ धंसता दिखे या दर्द हो रहा हो तो डॉक्टर की सलाह ली जानी चाहिए.

डॉक्टर कहते हैं कि कई बार युवा महिलाओं में कैंसर के ये लक्षण पहचानने में चुनौतियां भी पेश आती हैं जैसे लक्षण ठीक से महसूस नहीं हो पाते, छोटे ट्यूमर का पता नहीं चल पाता और कई बार मेमोग्राफी में भी पता नहीं चल पाता. लेकिन अगर किसी तरह के बदलाव या ऊपर दिए गए कोई भी लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.

इस उम्र में स्क्रीनिंग की बात से डॉक्टर देव इनकार करते हैं लेकिन वे ये ज़रूर कहते हैं कि इसके बारे में जागरूकता जितनी फैलाई जाए उतनी कम है. अगर किसी भी प्रकार के लक्षण दिखें तो डॉक्टर को दिखाएं और अगर जिनके घर में कैंसर की हिस्ट्री रही हो उन मामलों में हम 25 साल की उम्र के बाद स्क्रीनिंग और जेनेटिक टेस्टिंग की सलाह भी देते हैं. (bbc.com/hindi)

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