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अटल विवि के दीक्षांत समारोह में सुप्रीम कोर्ट जस्टिस मिश्रा को मानद डॉक्टरेट , गवर्नर डेका और सीएम साय भी हुए शामिल
31-Aug-2024 8:21 PM
अटल विवि के दीक्षांत समारोह में सुप्रीम कोर्ट जस्टिस मिश्रा को मानद डॉक्टरेट , गवर्नर डेका और सीएम साय भी हुए शामिल

  विश्वविद्यालय हमारी संस्कृति और सामूहिकता के संरक्षक होते हैं- राज्यपाल  

भारतीय ज्ञान परंपरा को पात्यक्रमों में स्थान देना जरूरी-साय 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बिलासपुर, 31 अगस्त। अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के 5वें दीक्षांत समारोह का आयोजन आज विश्वविद्यालय परिसर में किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शिरकत की। उन्होंने 64 विषयों में 92 गोल्ड मेडल, 48 पी.एच.डी., और 35,291 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान कीं। 

समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा शामिल हुए, जिन्हें भारतीय न्याय व्यवस्था में योगदान के लिए पी.एच.डी. की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। समारोह से पहले दीक्षांत शोभायात्रा निकाली गई। 

इस मौके पर केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास राज्यमंत्री तोखन साहू, उपमुख्यमंत्री अरूण साव, राज्य की प्रथम महिला रानी डेका काकोटी, विधायक अमर अग्रवाल, विधायक धरम लाल कौशिक, विधायक धरमजीत सिंह, विधायक सुशांत शुक्ला, विधायक अटल श्रीवास्तव, और विधायक दिलीप लहरिया विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। 

 

राज्यपाल और मुख्यमंत्री सहित अन्य अतिथियों ने विश्वविद्यालय की त्रैमासिक पत्रिका "कन्हार" और मासिक पत्रिका "अटल दृष्टि" का विमोचन किया। कुलपति अरूण दिवाकर नाथ वाजपेयी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। 

समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि विश्वविद्यालय सिर्फ संस्थान नहीं, बल्कि हमारी सामूहिकता, ज्ञान, और संस्कृति के संरक्षक हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 युवाओं को तेज़ी से बदलते विश्व में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान प्रदान करती है, और यह छत्तीसगढ़ के शैक्षणिक संस्थानों पर गहरा प्रभाव डालेगी। 

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने नवाचारों से एक उदाहरण बनता जा रहा है। उन्होंने बताया कि पीएम उषा योजना के तहत विश्वविद्यालय को 20 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ है, जिससे इसकी अधोसंरचना का विस्तार होगा। मुख्यमंत्री ने भारतीय ज्ञान परंपरा को पाठ्यक्रमों में प्रोत्साहन देने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि हमें विश्वविद्यालयों को विश्वस्तरीय बनाना होगा। 

सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा ने विश्वविद्यालय के तेजी से विकास की प्रशंसा की और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत उच्च शिक्षा और कानूनी क्षेत्र में विकास के अवसरों को रेखांकित किया। समारोह में केंद्रीय मंत्री तोखन साहू और उपमुख्यमंत्री अरूण साव ने भी अपने विचार व्यक्त किए। 

इस अवसर पर उच्च न्यायालय के न्यायमूर्तिगण, पंडित सुंदर लाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति वंश गोपाल, नंद कुमार पटेल विश्वविद्यालय के कुलपति एल.पी. पटेरिया, हेमचंद विश्वविद्यालय दुर्ग की कुलपति डॉ. अरूणा पलटा, भूपेन्द्र सवन्नी, कुलसचिव शैलेन्द्र दुबे, आईजी संजीव शुक्ला, कलेक्टर अवनीश शरण, एसपी रजनेश सिंह सहित विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य, विश्वविद्यालय के प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे। 

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