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यूपी, उरई। 13 जनवरी को जालौन जिले के उरई से 36 बच्चों के साथ हैवानियत करने का मामला सामने आया था। इस मामले की जांच में जुटी पुलिस के सामने और चौंकाने वाले तथ्य सामने आए है। दरअसल, पुलिस और खुफिया एजेंसियों की जांच में यह संख्या 50 से ज्यादा हो गई है। इनमें से 11 बच्चों की शिनाख्त भी पुलिस ने कर ली है। तो वहीं, यौन शोषण के मामले में गिरफ्तार रिटायर्ड लेखपाल राम बिहारी भाजपा का नेता भी था और घर पर भाजपा को ऑफिस भी बना रखा था।
वहीं, जब भाजपा नेता की गिरफ्तारी का मामला पूरे जिले में चर्चा का केंद्र बना तो पार्टी ने तत्काल उसे पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से बर्खास्त कर दिया था। इस बात की जानकारी भाजपा के जालौन जिलाध्यक्ष रामेंद्र सिंह ने दी है। पुलिस ने कई राज अभी नहीं किए सार्वजनिक मामला उजागर होने के बाद कोंच थाने की पुलिस ने रिटायर्ड लेखपाल राम बिहारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया हो, लेकिन उसके लैपटॉप, मोबाइल और हार्ड डिस्क को अपने कब्जे लेकर वापस झांसी चली गई। इनसे जांच में तमामत ऐसी बातें उजागर होने की संभावना है जो सभी के होश उड़ा सकती हैं। सूत्रों का कहना है कि इनमें राम बिहारी की तमाम घिनौनी हरकतें कैद हैं।
एक-एक बच्चे के कई-कई वीडियो होने की तस्दीक हुई है। इससे यह भी साफ हो गया है कि एक बार नशा देने के बाद वह वीडियो की धमकी देकर उन बच्चों को आने पर मजबूर कर देता था। पुलिस को मिले कई सुराग इन वीडियो के जरिए पुलिस रामबिहारी के मददगारों को तलाशने की कोशिश भी कर रही है। इस दिशा में कुछ सुराग मिले हैं। सूत्रों का कहना है कि इस लिस्ट में कुछ ऐसे प्रभावशाली लोग हो सकते हैं, जिन पर पुलिस सीधा हाथ डालने से कतरा रही है। इसलिए अभी तक किसी से पूछताछ नहीं हुई है। तो वहीं, पुलिस अभी तीन नए शिनाख्त वाले बच्चों के साथ कुल 11 बच्चों की पहचान की बात स्वीकार कर रही है। 11 बच्चों तक पहुंच गई पुलिस हैवानियत के शिकार हुए बच्चों में से जिन 11 तक पुलिस अभी पहुंची है, उनमें भी सबके बयान नहीं हुए हैं। शुरुआती शिकायत करने वाले दो के अलावा कुछ बच्चों से पुलिस ने बात की है। उन्होंने रामबिहारी की हैवानियत की पुष्टि की है। बाकी बच्चों से भी पुलिस बयान लेगी।
क्या कहा एसपी जालौन ने... वहीं, जालौन एसपी डॉ यशवीर सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि जांच में पुलिस को रामबिहारी के किसी मददगार का पता नहीं चला है। उसके शिकार बने तीन और बच्चों की पहचान कर ली गई है। बच्चों और उनके घरवालों से पुलिस ने संपर्क किया है। जल्द वह तहरीर देंगे। अगर वह किसी कारणवश तहरीर नहीं देते हैं, तो भी पुलिस के पास पर्याप्त साक्ष्य हैं। मौके से मिले हर सबूत व फुटेज को जांच में शामिल किया जाएगा। अगर कोई इस काम में उसका मददगार पाया गया तो उसे बख्शा नहीं जाएगा, भले ही वह कितना भी रसूखदार हो। (oneindia.com)