सामान्य ज्ञान
साहित्य की दुनिया में मील का पत्थर साबित होने के साथ-साथ लोकप्रियता के झंडे गाडऩे वाला एक उपन्यास फणीश्वरनाथ रेणु का मैला आंचल भी है। रेणुजी ने भारत के स्वाधीनता आंदोलन में भाग लिया था और नेपाल की राणाशाही विरोधी क्रांति में भी एक योद्धा के रूप में सक्रिय रहे थे। फिर उन्हें लंबी बीमारी झेलनी पड़ी। शायद इन्हीं कारणों से उनका लेखन बाधित रहा। बीमारी से उबरने के बाद उन्होंने इस उपन्यास की रचना की, लेकिन एक बिल्कुल नए और अनजान लेखक की रचना लेने के लिए कोई प्रकाशक तैयार नहीं हुआ। नतीजतन इसका पहला संस्करण रेणुजी को अपनी जेब से पैसे लगाकर 1954 में खुद प्रकाशित करना पड़ा था।
वह समय ऐसा था जब किसी नए रचनाकार की अच्छी रचना को भी बड़े लेखक और आलोचक गंभीरता से लेते थे। इलाहाबाद के कॉफी हाउस की एक गोष्ठी में जब इस उपन्यास पर चर्चा हो रही थी, तो संयोग से वहां राजकमल प्रकाशन के संचालक ओमप्रकाश भी मौजूद थे। उपन्यास की प्रशंसा सुनकर उन्होंने उसकी एक प्रति हासिल की, उसे रातों-रात पढ़ डाला और उससे इतने प्रभावित हुए कि तुरंत टिकट कटा कर पटना पहुंच गए। फिर तो वे रेणुजी के साथ मैला आंचल के प्रकाशन का अनुबंध करके ही लौटे और इस तरह एक सशक्त उपन्यास को हिंदी में उस समय का सर्वश्रेष्ठ प्रकाशक मिल गया।
जैसा कि हर अच्छी रचना के साथ होता है, मैला आंचल के खिलाफ भी बहुत कुछ लिखा गया। उसकी आंचलिकता को लेकर कटु आलोचनाएं की गईं। उसे बंगाली उपन्यास ढोंढाई चरित का अनुवाद बताकर ध्वस्त करने की कोशिश की गई। लेकिन इन सबसे बेखबर मैला आंचल मस्त हाथी की तरह चलता रहा। 1954 से अब तक इसके 20 हार्डबाउंड संस्करण हो चुके हैं। 1984 में पहली बार यह पेपरबैक में आया और इस रूप में भी इसके 26 संस्करण हो चुके हैं।
गिलोय का वैज्ञानिक नाम है--तिनोस्पोरा कार्डीफोलिया । इसे अंग्रेजी में गुलंच कहते हैं। कन्नड़ में अमरदवल्ली , गुजराती में गालो , मराठी में गुलबेल , तेलगू में गोधुची ,तिप्प्तिगा , फारसी में गिलाई,तमिल में शिन्दिल्कोदी आदि नामों से जाना जाता है।
गिलोय में ग्लुकोसाइन ,गिलो इन , गिलोइनिन , गिलोस्तेराल तथा बर्बेरिन नामक एल्केलाइड पाए जाते हैं। ज्यादातर नीम के पेड़ के साथ इसकी बेल को चढ़ाया जाता है, जिससे गिलोय के गुण और बढ़ जाते हैं। नीम पर चढ़ी हुई गिलोय उसी का गुड अवशोषित कर लेती है ,इस कारण आयुर्वेद में वही गिलोय श्रेष्ठ मानी गई है जिसकी बेल नीम पर चढ़ी हुई हो। गिलोय को अमृता भी कहा जाता है क्योंकि यह स्वयं भी नहीं मरती है और उसे भी मरने से बचाती है , जो इसका प्रयोग करे। कहा जाता है की देव दानवों के युद्ध में अमृत कलश की बूंदें जहां -जहां पड़ी , वहां वहां गिलोय उग गई । इसकी बेल बड़ी तेजी से बढ़ती है। इसके पत्ते पान की तरह बड़े आकार के हरे रंग के होते हैं। गर्मी के मौसम में आने वाले इसके फूल छोटे गुच्छों में होते हैं और इसके फल मटर जैसे अण्डाकार, चिकने गुच्छों में लगते हैं जो बाद में पकने पर लाल रंग के हो जाते हैं। गिलोय के बीज सफेद रंग के होते हैं। जमीन या गमले में इसकी बेल का एक छोटा सा टुकड़ा लगाने पर भी यह उग जाती है और बड़ी तेज गति से स्वछन्द रूप से बढ़ती जाती है और जल्दी ही बहुत लम्बी हो जाती है।
कुछ तीखे कड़वे स्वाद वाली गिलोय देशभर में पाई जाती है। आयुर्वेद में इसका महत्वपूर्ण स्थान है। आचार्य चरक ने गिलोय को वात दोष हरने वाली श्रेष्ठ औषधि माना है। वैसे इसका त्रिदोष हरने वाली, रक्तशोधक, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली, ज्वर नाशक, खांसी मिटाने वाली प्राकृतिक औषधि के रूप में खूब उपयोग किया जाता है। यह एक झाड़ीदार लता है। इसकी बेल की मोटाई एक अंगुली के बराबर होती है इसी को सुखाकर चूर्ण के रूप में दवा के तौर पर प्रयोग करते हैं।
टाइफायड, मलेरिया, कालाजार, डेंगू, एलीफेंटिएसिस, विषम ज्वर, उल्टी, बेहोशी, कफ, पीलिया, धातु विकार, यकृत निष्क्रियता, तिल्ली बढऩा, सिफलिस, एलर्जी सहित अन्य त्वचा विकार, झाइयां, झुर्रियां, कुष्ठ आदि में गिलोय का सेवन आश्चर्यजनक परिणाम देता है। यह शरीर में इंसुलिन उत्पादन क्षमता बढ़ाती है। रोगों से लडऩे, उन्हें मिटाने और रोगी में शक्ति के संचरण में यह अपनी विशिष्ट भूमिका निभाती है। सचमुच यह प्राकृतिक ‘कुनैन’ है। इसका नियमित प्रयोग सभी प्रकार के बुखार, फ्लू, पेट कृमि, रक्त विकार, निम्न रक्तचाप, हृदय दौर्बल्य, क्षय (टीबी), मूत्र रोग, एलर्जी, उदर रोग, मधुमेह, चर्म रोग आदि अनेक व्याधियों से बचाता है। गिलोय भूख भी बढ़ाती है। इसकी तासीर गर्म होती है। एक बार में गिलोय की लगभग 20 ग्राम मात्रा ली जा सकती है। इसमें प्रचुर मात्रा में एन्टी आक्सीडेन्ट होते हैं। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर सर्दी, जुकाम, बुखार से लेकर कैंसर तक में लाभकारी है।
1. इंद्रधनुष कितने रंग का दिखाई देता है?
(अ) 7 (ब) 10 (स) 12 (द) 3
2. इंद्रधनुष किसके कारण होता है?
(अ)परावर्तन (ब)अपवर्तन (स)प्रकीर्णन (द)परावर्तन एवं अपवर्तन
3. आकाश का रंग नीला दिखाई देता है, क्योंकि?
(अ) सूर्य के प्रकाश में अन्य रंगों की अपेक्षा नीला रंग अधिक है (ब) छोटी तरंगदैध्र्य वाला प्रकाश बड़ी तरंगदैध्र्य वाले प्रकाश की अपेक्षा वायुमंडल के द्वारा अधिक प्रकीर्णित होता है (स) नेत्र नीले रंग के लिए अधिक संवेदनशील है (द) वायुमंडल लंबी तरंगों को छोटी तरंगों की अपेक्षा अधिक अवशोषित करता है
4. उगते एवं डूबते समय सूर्य लाल प्रतीत होता है, क्यों?
(अ) लाल रंग का प्रकीर्णन सबसे अधिक होता है (ब) लाल रंग का प्रकीर्णन सबसे कम होता है (स) लाल रंग का प्रकीर्णन नहीं होता है (द) उगते व डूबते समय सूर्य का ताप अधिक होता है
5. अस्त होते समय सूर्य लाल किस कारण दिखाई देता है?
(अ) परावर्तन (ब) प्रकीर्णन (स) अपवर्तन (द) विवर्तन
6. अभिसारी लेंस वह होता है, जो-
(अ) किरणें फैलाता है (ब) किरणें एकत्रित करता है (स) काल्पनिक प्रतिबिम्ब बनाता है (द) वास्तविक प्रतिबिम्ब बनाता है
7. सबसे कम तरंगदैध्र्य वाला प्रकाश कौन से रंग का होता है?
(अ) लाल (ब) पीला (स) नीला (द) बैंगनी
8. मानव की आंख वस्तु का प्रतिबिम्ब निम्नलिखित में से किस भाग पर बनाती है?
(अ) कॉर्निया (ब) परितारिका (स) पुतली (द) रेटिना
9. प्रकाश की गति किसके बीच से जाते हुए न्यूनतम होती है?
(अ) कांच (ब) निर्वात (स) जल (द) वायु
10. किसी तारे के रंग से पता चलता है, उसके?
(अ) भार का (ब) आकार का (स) ताप का (द) दूरी का
11. निम्नलिखित में से नक्षत्र किसे माना जाता है?
(अ) सूर्य (ब) मंगल (स) बृहस्पति (द) चंद्रमा
12. सूर्य से सबसे अधिक दूरी पर कौन सा गृह स्थित है?
(अ) शुक्र (ब) मंगल (स) शनि (द) यम (प्लूटो)
13. जैन धर्म श्वेतांबर एवं दिगंबर संप्रदायों में कब विभाजित हुआ?
(अ) चंद्रगुप्त मौर्य के समय में (ब)अशोक के समय में (स) कनिष्क के समय में (द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
14. भारत में सर्वाधिक कोयला भंडार किस राज्य में पाए जाते हैं?
(अ)छत्तीसगढ़ में (ब)झारखंड में(स)मध्य प्रदेश (द) उड़ीसा में
15. राजस्थान भारत मेें निम्न में से किसका सर्वाधिक उत्पादक राज्य है?
(अ)ग्रेनाइट (ब) कपास (स) ऊन (द) मसाले
16. किसने सहिष्णुता,उदारता और करूणा के त्रिविध आधार पर राजधर्म की स्थापना की?
(अ) अशोक (ब) अकबर (स)रणजीत सिंह (द) शिवाजी
17. एशिया का सबसे बड़ा नगर कौन सा है?
(अ) शंघाई (ब) मुंबई (स) ओसाका (द) टोकियो
18. विद्युत फिटिंग्स में एक तार को भू-संपर्कित किया जाता है, इसका क्या कारण है?
(अ) यदि लघु पथन हो जाए तो धारा भूमि में चली जाएगी (ब) इससे विद्युत का क्षय नहीं होता है (स) यह विद्युत परिपथ को पूर्ण करता है (द) इससे विद्युत का उच्चावचन दूर हो जाता है
19. एक कार बैटरी में प्रयुक्त विद्युत अपघट्य होता है?
(अ) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (ब) सल्फ्यरिक अम्ल (स) नाइट्रिक अम्ल (द) आसुत जल
20. एक विद्युत सर्किट में एक फ्यूज तार का उपयोग किया जाता है?
(अ) संचारण में विद्युत ऊर्जा के खर्च को कम करने के लिए (ब) वोल्टेज के स्तर को स्थिर रखने के लिए (स) सर्किट में प्रवाहित होने वाले अधिक विद्युत धारा को रोकने के लिए (द) विद्युत तार को अधिक गर्म होने से बचाने के लिए
21. फ्यूज का सिद्धांत क्या है?
(अ) विद्युत का रासानिक प्रभाव (ब) विद्युत का यांत्रिक प्रभाव (स) विद्युत का ऊष्मीय प्रभाव (द) विद्युत का चुंबकीय प्रभाव
22. तडि़त चालक का आविष्कार किसने किया?
(अ) ग्राहम बेल ने (ब) बेंजामिन फ्रेंकलिन ने (स) लॉर्ड लिस्टर ने (द) आइंस्टीन ने
23. तडि़त चालक किससे बनाए जाते हैं?
(अ) लोहे के (ब) एल्युमीनियम के (स) तांबे के (द) इस्पात के
24. भारत में उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या बढ़ाने का अधिकार किसके पास होता है?
(अ) भारत की संसद (ब) भारत का राष्ट्रपति (स) केंद्रीय विधि मंत्रालय (द) भारत का मुख्य न्यायाधीश
25. सर्वोच्च न्यायालय के जजों का वेतन किससे आहरित होता है?
(अ) सहायक अनुदान (ब) आकस्मिता निधि (स) संचित निधि (द) लोकलेखा
26. तारकुंडे समिति तथा गोस्वामी समिति का संबंध है?
(अ) चुनाव व्यवस्था में आमूल सुधार (ब) चुनाव में अपराधी तत्वों की वृद्धि पर प्रतिबंध (स) राज्य द्वारा निर्वाचन के लिए वित्तीय सहायता (द) चुनाव में काला धन के बढ़े प्रभाव पर रोक
27. हड़प्पाकालीन समाज किन वर्गों में विभक्त था?
(अ) शिकारी, पुजारी, किसान और क्षत्रिय (ब) विद्वान, योद्धा, व्यापारी और श्रमिक (स) ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र (द) राजा, पुरोहित, सैनिक और शूद्र
28. सिंधु घाटी सभ्यता के लोगों के संबंध में क्या सत्य है?
(अ) ये मूर्तियों का निर्माण करते थे, मंदिरों का नहीं (ब) ये मूर्तियों और मंदिरों दोनों का निर्माण करते थे (स) केवल मंदिरों का निर्माण करते थे, मूर्तियों का नहीं (द) ये मूर्तियों और मंदिरों दोनों का निर्माण नहीं करते थे
सही जवाब-1.(अ) 7, 2.(द) परावर्तन एवं अपवर्तन, 3.(ब) छोटी तरंगदैध्र्य वाला प्रकाश बड़ी तरंगदैध्र्य वाले प्रकाश की अपेक्षा वायुमंडल के द्वारा अधिक प्रकीर्णित होता है, 4.(ब)लाल रंग का प्रकीर्णन सबसे कम होता है, 5.(ब) प्रकीर्णन, 6.(ब) किरणें एकत्रित करता है, 7.(द)बैंगनी, 8.(द)रेटिना, 9.(द) वायु, 10.(अ) भार का, 11.(अ) सूर्य, 12.(द) यम (प्लूटो), 13.(अ) चंद्रगुप्त मौर्य के समय में, 14.(ब) झारखंड में, 15.(अ)ग्रेनाइट, 16.(अ)अशोक, 17.(द) टोकियो, 18. (अ) यदि लघु पथन हो जाए तो धारा भूमि में चली जाएगी, 19.(ब) सल्फ्यरिक अम्ल, 20.(स) सर्किट में प्रवाहित होने वाले अधिक विद्युत धारा को रोकने के लिए, 21.(स) विद्युत का ऊष्मीय प्रभाव, 22.(ब) बेंजामिन फ्रेंकलिन ने, 23.(स) तांबे के, 24.(अ) भारत की संसद, 25.(स) संचित निधि, 26.(अ) चुनाव व्यवस्था में आमूल सुधार, 27.(ब) विद्वान, योद्धा, व्यापारी और श्रमिक, 28.(अ) ये मूर्तियों का निर्माण करते थे, मंदिरों का नहीं।
साहित्य अकादमी की स्थापना 12 मार्च 1954 में की गई। साहित्य अकादमी के प्रथम अध्यक्ष प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और उपाध्यक्ष डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन थे। जवाहरलाल नेहरू वर्ष 1954 से 1964 तक और डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन वर्ष 1954 से 1960 तक इन पदों पर रहे।
भारत की साहित्य अकादमी भारतीय साहित्य के विकास के लिये सक्रिय कार्य करने वाली राष्ट्रीय संस्था है। इसके गठन का उद्देश्य उच्च साहित्यिक मानदंड स्थापित करना, भारतीय भाषाओं और भारत में होने वाली साहित्यिक गतिविधियों का पोषण और समन्वय करना है। साहित्य अकादमी प्रतिवर्ष भारत की अपने द्वारा मान्यता प्रदत्त प्रमुख भाषाओं में से प्रत्येक में प्रकाशित सर्वोत्कृष्ट साहित्यिक कृति को पुरस्कार प्रदान करती है। पहली बार ये पुरस्कार सन् 1955 में दिए गए।
हिन्दी के आलोचक और कवि डॉ. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी को साहित्य अकादमी का अध्यक्ष 18 फरवरी 2013 को निर्वाचित किया गया। वह साहित्य अकादमी के अध्यक्ष बनने वाले हिन्दी के पहले साहित्यकार हैं। विश्वनाथ प्रसाद तिवारी साहित्य अकादमी के 12वें अध्यक्ष हैं। इनका कार्यकाल 5 वर्ष निर्धारित है। विश्वनाथ प्रसाद तिवारी ने सुनील गंगोपाध्याय का स्थान लिया। सुनील गंगोपाध्याय का वर्ष 2012 में निधन हो गया था।
जीरो बजट प्राकृतिक खेती देसी गाय के गोबर एवं गौमूत्र पर आधारित है । एक देसी गाय के गोबर एवं गौमूत्र से एक किसान तीस एकड़ जमीन पर जीरो बजट खेती कर सकता है । देसी प्रजाति के गौवंश के गोबर एवं मूत्र से जीवामृत, घनजीवामृत तथा जामन बीजामृत बनाया जाता है । इनका खेत में उपयोग करने से मिट्टी में पोषक तत्वों की वृद्धि के साथ-साथ जैविक गतिविधियों का विस्तार होता है । जीवामृत का महीने में एक अथवा दो बार खेत में छिडक़ाव किया जा सकता है । जबकि बीजामृत का इस्तेमाल बीजों को उपचारित करने में किया जाता है । इस विधि से खेती करने वाले किसान को बाजार से किसी प्रकार की खाद और कीटनाशक रसायन खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती है। फसलों की सिंचाई के लिये पानी एवं बिजली भी मौजूदा खेती-बाड़ी की तुलना में दस प्रतिशत ही खर्च होती है ।
गाय से प्राप्त सप्ताह भर के गोबर एवं गौमूत्र से निर्मित घोल का खेत में छिडक़ाव खाद का काम करता है और भूमि की उर्वरकता का ह्रास भी नहीं होता है। इसके इस्तेमाल से एक ओर जहां गुणवत्तापूर्ण उपज होती है, वहीं दूसरी ओर उत्पादन लागत लगभग शून्य रहती है ।
जीरो बजट प्राकृतिक खेती जैविक खेती से भिन्न है तथा ग्लोबल वार्मिंग और वायुमंडल में आने वाले बदलाव का मुकाबला एवं उसे रोकने में सक्षम है। इस तकनीक का इस्तेमाल करने वाला किसान कर्ज के झंझट से भी मुक्त रहता है। आंकड़ों के अनुसार अब तक देश में करीब 40 लाख किसान इस विधि से जुड़े हुए हंै ।
उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन लम्बे पेड़ों, उष्ण जलवायु़ और भारी वर्षा से युक्त वन है। कुछ वर्षा वनों में प्रतिदिन एक इंच से अधिक वर्षा होती है।
वर्षा वन अफ्रीका, एशिया , आस्ट्रेलिया और मध्य और दक्षिणी अमेरिका में पाए जाते हैं। विश्व में सबसे बड़ा वर्षावन अमेजऩ वर्षावन है।
वर्षावन वे जंगल हैं, जिनमें प्रचुर मात्रा में वर्षा होती है अर्थात जहां न्यूनतम सामान्य वार्षिक वर्षा 1750-2000 मिमी (68-78 इंच) के बीच है। मानसूनी कम दबाव का क्षेत्र जिसे वैकल्पिक रूप से अंतर-उष्णकटिबंधीय संसृति क्षेत्र के नाम से जाना जाता है, की पृथ्वी पर वर्षावनों के निर्माण में उल्लेखनीय भूमिका है।
विश्व के पशु-पौधों की सभी प्रजातियों का कुल 40 से 75 प्रतिशत इन्हीं वर्षावनों का मूल प्रवासी है। यह अनुमान लगाया गया है कि पौधों, कीटों और सूक्ष्मजीवों की कई लाख प्रजातियां अभी तक खोजी नहीं गई हैं। उष्णकटिबंधीय वर्षावनों को पृथ्वी के आभूषण और संसार की सबसे बड़ी औषधशाला कहा गया है, क्योंकि एक चौथाई प्राकृतिक औषधियों की खोज यहीं हुई है। विश्व के कुल ऑक्सीजन प्राप्ति का 28 प्रतिशत वर्षावनों से ही मिलता है, इसे अक्सर कार्बन डाई ऑक्साइड से प्रकाश संश्लेषण के द्वारा प्रसंस्करण कर जैविक अधिग्रहण के माध्यम से कार्बन के रूप में भंडारण करने वाले ऑक्सीजन उत्पादन के रूप में गलत समझ लिया जाता है।
भूमि स्तर पर सूर्य का प्रकाश न पहुंच पाने के कारण वर्षावनों के कई क्षेत्रों में बड़े वृक्षों के नीचे छोटे पौधे और झाडिय़ां बहुत कम उग पाती हैं। इस से जंगल में चल पाना संभव हो जाता है। यदि पत्तों को काट दिया जाए या हलका कर दिया जाए, तो नीचे की जमीन जल्दी ही घनी उलझी हुई बेलों, झाडिय़ों और छोटे-छोटे पेड़ों से भर जाएगी, जिसे जंगल कहा जाता है। दो प्रकार के वर्षावन होते हैं, उष्णकटिबंधीय वर्षावन तथा समशीतोष्ण वर्षावन।
विश्व के अनेक वर्षावन मानसून के कम दबाव के क्षेत्र वाले स्थानों से संबद्ध हैं, जिन्हें अंतर-उष्णकटिबंधीय संसृति क्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है। उष्णकटिबंधीय वर्षावन वे वर्षावन हैं, जो उष्ण कटिबंधों में स्थित हैं और जमैका के पास (कर्क रेखा एवं मकर रेखा के बीच) पाए जाते हैं और दक्षिण पूर्व एशिया (म्यांमार से फिलीपींस, इंडोनेशिया, पापुआ न्यू गिनी और पूर्वोत्तर ऑस्ट्रेलिया), श्रीलंका, कैमरून से कांगो (कांगो वर्षावन) तक उप-सहारा अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका (जैसे अमेजन वर्षावन), मध्य अमेरिका (जैसे बोसावास, दक्षिणी युकाटेन प्रायद्वीप - एल-पेटेन-बेलीज-कैलैकमुल) और कई प्रशांत द्वीप समूह (जैसे हवाई) में मौजूद हैं।
पोजोलाना क्या है ?
पोजोलाना एक प्राकृतिक अथवा कृत्रिम सामग्री है जिसमें सिलिका अभिक्रियाशील रूप में पाई जाती है । पोजोलाना एक सिलीसियस अथवा सिलिसियस एवं एलूमिनियस सामग्री है जिसमें इसके अपने बहुत कम अथवा नगण्य संयोजी गुणधर्म होते हैं परन्तु महीन रूप से विभावित रूप में। आर्द्रता की उपस्थिति में यह रासायनिक रूप से प्रतिक्रिया करती है जिससे कांक्रीट के विशिष्ट गुणधर्म आ जाते हैं । फ्लाईऐश, माइक्रोसिलिका, राइस-हस्क, जीजीबीएस, मेटाकोलाइन पोजोलोनिक सामग्रियों के कुछ उदाहरण हैं ।
टैन या कर कटौती और संग्रहण खाता संख्या एक 10 अंकीय वर्णात्मक संख्या है जिसको प्राप्त करने की आवश्यकता सभी व्यक्तियों को होती है जो कर कटौती करने या स्रोत पर आयकर विभाग की ओर से संग्रहण करने की आवश्यकता है उन्हें टैन के लिए आवेदन करने एवं प्राप्त करने की आवश्यकता है उन्हें टैन के लिए आवेदन करने एवं प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।
टैन आय कर विभाग द्वारा टिन सुविधा केंद्रों, जिसका प्रबंधन नेशनल सिक्युरिटी डिपोजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल).द्वारा किया जाता है, को प्रस्तुत आवेदन के आधार पर आबंटित किया जाता है। एनएसडीएल टैन को सूचित करेगा जिसे सभी टीडीएस/टीसीएस संबंधी भावी पत्राचार में उल्लेख करने की आवश्यकता होगी। आयकर अधिनियम सभी टीडीएल/टीसीएस विवरणियों, सभी टीडीएस / टीसीएस भुगतान चालानों और सभी टीडीएस/टीसीएस जारी किए जाने वाले प्रमाणपत्रों में इसका उल्लेख करना अनिवार्य बनाता है। टैन के लिए आवेदन न करने या अधिनियम के किसी भी प्रावधान का अनुपालन न करने से दण्ड दिया जा सकता है। टीडीएस/टीसीएस विवरणियां स्वीकार नहीं की जाएंगी यदि टैन का उल्लेख न किया गया हो और टीडीएस/टीसीएस भुगतान के लिए चालान बैंकों द्वारा स्वीकार नहीं किया जाएगा।
बेंवर खेती , कृषि का ही एक पारंपरिक तरीका है। शोध बताते हैं कि इस प्रकार की खेती करने से मिट्टी-पानी के संरक्षण होता है। साथ ही इससे जैव विविधता बनी रहती है और पर्यावरण का संरक्षण होता है। यह पूरी तरह प्राकृतिक, जैविक व पर्यावरण को सुरक्षित रखने का एक उपाय है।
बेंवर खेती बिना जुताई की जाती है। गर्मी के मौसम में पेड़ों की छोटी-छोटी टहनियों, पत्ते, घास और छोटी झाडिय़ों को एकत्र कर उनमें आग लगा दी जाती है और फिर उसकी राख की पतली परत पर बीजों को बिखेर दिया जाता है जब बारिश होती है तो उन बीजों में अंकुरण हो जाता है।
एक जगह पर केवल एक फसल ली जाती है। अगले साल दूसरी जगह पर फसल उगाई जाती है। इस खेती को स्थानांतरित खेती भी कहते हैं। इस प्रकार की खेती के अंतर्गत कोदो, कुटकी, ज्वार,सलहार (बाजरा) मक्का, सांवा, कांग, कुरथी, राहर, उड़द, कुरेली, बरबटी, तिली जैसे अनाज की फसल ली जाती है। अध्ययन बताते हैं कि बेंवर खेती से जंगल को नुकसान नहीं पहुंचता है। इसमें बड़े लकड़ी पेड़ों को नहीं जलाया जाता। बल्कि इससे जैव विविधता कायम रहती है, जो कार्बन उत्सर्जन के नुकसान को नियंत्रित करती है।
1. डाउ जोन्स इनमें से स्टॉक एक्सचेंज का इंडेक्स है?
(अ) फैं्रकफर्ट (ब) टोक्यो (स) हांगकांग (द) न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज
2. वर्ष 1932 में भारतीय सांख्यिकीय संस्थान की स्थापना किसने की थी?
(अ) वी.के. आर. वी. राव (ब) पी.सी. महालानोबीस (स) डी.आर. गाडगिल (द) दादा भाई नौरोजी
3. किस देश में एडिलेड चिडिय़ाघर स्थित है?
(अ) भारत (ब) ऑस्ट्रेलिया (स) पुर्तगाल (द) साइप्रस
4. ग्रहों के गति का नियम किसने प्रतिपादित किया?
(अ) न्यूटन (ब) केप्लर (स) गैलीलियो (द) कापरनिकस
5. कक्षा में उपग्रह का वेग निर्भर करता है?
(अ) कक्षा की त्रिज्या पर (ब) गुरुत्व के कारण त्वरण पर (स) त्रिज्या तथा गुरुत्व के कारण त्वरण की उत्पत्ति पर (द) त्रिज्या एवं गुरत्वीय नियतांक की उत्पत्ति पर
6. राज्यपाल का वेतन किस कोष से आता है?
(अ) भारत की संचित निधि से (ब) राज्य की संचित निधि से (स) राज्य की आकस्मिक निधि से (द) राज्य और केंद्र की संचित निधि से 50 : 50 के अनुपात में
7. स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत में सर्वप्रथम कौन सी बहुउद्देशीय परियोजना प्रारंभ की गई थी?
(अ) कोसी परियोजना (ब) भाखड़ा-नांगल परियोजना (स) दामोदर घाटी परियोजना (द) चंबल परियोजना
8. रावी नदी पर जो योजना क्रियान्वित की गई है, उसे क्या कहते हैं?
(अ) टिहरी बांध योजना (ब) थीन बांध योजना (स) पोंग बांध योजना (द) माही बांध योजना
9. भारत में नमक की प्राप्ति का मुख्य रूप से किस स्रोत से होती है?
(अ) सागरीय जल (ब) झील एवं मृदा जल (स) चट्टानी नमक की परतें (द) उपरोक्त सभी
10. हड़प्पा सभ्यता के विलुप्त हो जाने का क्या कारण माना जा सकता है?
(अ) हड़प्पा सभ्यता के विस्तार के साथ भूमि की उर्वरता का निरंतर कम हेना (ब) बाढ़ों का आना (स) विजातियों का आक्रमण (द) उपर्युक्त सभी कारण
11. आखेट एवं पशुपालन का कार्य सर्वप्रथम किस काल में शुरू हुआ?
(अ) पाषाण काल (ब) मध्य पाषाण काल (स) नव पाषाण काल (द) पाषण काल और मध्य पाषाण काल
12. भूगर्भ में उत्पन्न होने वाली प्रक्रियाओं को निम्नलिखित में से क्या कहते हैं?
(अ) विवर्तनिक संरचरण (ब) पर्वत निर्माण प्रक्रिया (स) मंद संरचण (द) इनमें से कोई नहीं
13. किस देश में भूकंप से उत्पन्न विनाशकारी समुद्री तरंगों को सुनामी कहते हैं?
(अ) मेक्सिको (ब) जापान (स) ब्रिटेन (द) न्यूजीलैंड
14. निम्नलिखित खनिजों में से किसके लिए राजस्थान को देश में एकाधिकार प्राप्त है?
(अ) सीसा-जस्ता (ब) अभ्रक (स) मैंगनीज (द) तांबा
15. राज्य विधान मंडल का ऊपरी सदन कौन सा कहलाता है?
(अ) विधान परिषद (ब) विधानसभा (स) राज्यसभा (द) लोकसभा
16. भारत में राष्ट्रीय आय का अनुमान लगाने में सबसे बड़ी कठिनाई क्या है?
(अ) बचतों की न्यूनता (ब) मुद्रा स्फीति (स) अल्प रोजगार (द) अमौद्रिक उपभोग
17. जवाहर रोजगार योजना का आरंभ कब हुआ?
(अ) छठी योजना में (ब) पांचवीं योजना में (स) सातवीं योजना में (द) आठवीं योजना में
18. स्थलमंडल के संदर्भ में एशिया का क्षेत्रफल कुल क्षेत्रफल का कितना प्रतिशत है?
(अ) 20 प्रतिशत (ब) 30 प्रतिशत (स) 40 प्रतिशत (द) 60 प्रतिशत
19. निम्नांकित में से कौन दैनिक पवन तंत्र है?
(अ) मानसून पवन (ब) स्थल एवं सागर समीर (स) धु्रवीय पवन (द) चिनूक पवन
20. आईटीसी जेड की गतिविधि प्रमुखतया वर्षा की अवधि निर्धारित करती है?
(अ) भारत में (ब)चीन में (स) जापान में (द)इंडोनेशिया में
21. भारत में प्रथम महिला मुख्यमंत्री कौन थी और किस राज्य में चुनी गई?
(अ) वसुंधरा राजे, राजस्थान (ब) ममता बनर्जी, पश्चिम बंगाल (स) मायावती, उत्तरप्रदेश (द) सुचेता कृपलानी, उत्तरप्रदेश
22. निम्नलिखित में से कौन सा ग्रह सबसे कम समय में सूर्य का चक्कर लगता है?
(अ) प्लूटो (ब) बुध (स) पृथ्वी (द) शनि
23. विज्ञान के किस क्षेत्र में ह्वाइट ड्वार्फ के बारे में सीखेंगे?
(अ) खगोलशास्त्र (ब) कृषि (स) जेनेटिक्स (द) एंथ्रोपोलॉजी
24. चंद्रमा पृथ्वी का एक चक्कर लगभग कितने दिनों में लगाता है?
(अ) लगभग 28.1 दिन (ब) लगभग 30.2 दिन (स) लगभग 27.3 दिन (द) लगभग 28.3 दिन
25. इजमिर की घाटी जो कि अफीम की कृषि के प्रसिद्ध है, किस देश में स्थित है?
(अ) अफगानिस्तान (ब) ईरान (स) तुर्की (द) इराक
26. कनाडियन नेशनल रेलमार्ग कहां से कहां तक जाता है?
(अ) मांट्रियल से टोरंटो (ब) हैलीफैक्स से ओटावा (स) हैलीफैक्स से बैंकूवर (द) चर्चिल से बैंकूवर
27. निम्नलिखित में सबसे हल्का कण कौन सा होता है?
(अ) इलेक्ट्रॉन (ब) प्रोटॉन (स) न्यूट्रॉन (द) हाइड्रोजन
28. निम्नलिखित आलेखों में से कौन सा आलेख गलत नजरबंदी के मामले में जारी किया जाता है?
(अ)परमादेश(ब) निषेध (स) अधिकार पृच्छा (द) बंदी प्रत्यक्षीकरण
29. उदारवाद का प्रतिवाद क्या है?
(अ) नव उदारवाद (ब) गांधीवाद (स) समाजवाद (द) आदर्शवाद
सही जवाब- 1.(द) न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज, 2.(ब) पी.सी. महालानोबीस, 3.(ब) ऑस्ट्रेलिया, 4.(ब) केप्लर, 5.(स) त्रिज्या तथा गुरुत्व के कारण त्वरण की उत्पत्ति पर, 6.(ब) राज्य की संचित निधि से, 7.(ब) भाखड़ा-नांगल परियोजना, 8.(ब) थीन बांध योजना, 9.(द) उपरोक्त सभी, 10.(द) उपर्युक्त सभी कारण,11.(ब) मध्य पाषाण काल, 12.(अ) विवर्तनिक संरचरण, 13.(ब) जापान, 14.(अ) सीसा-जस्ता, 15.(अ) विधान परिषद, 16.(द) अमौद्रिक उपभोग, 17.(द) आठवीं योजना में, 18.(ब) 30 प्रतिशत, 19.(ब) स्थल एवं सागर समीर, 20.(अ) भारत में, 21.(द) सुचेता कृपलानी, उत्तरप्रदेश, 22.(ब) बुध, 23.(अ) खगोलशास्त्र, 24.(स) लगभग 27.3 दिन, 25.(स) तुर्की, 26.(स) हैलीफैक्स से बैंकूवर, 27.(अ) इलेक्ट्रॉन,28.(द) बंदी प्रत्यक्षीकरण, 29.(स) समाजवाद।
भारत में लोकसभा तथा विधानसभाओं के प्रथम आम चुनाव कराने के उद्देश्य से निर्वाचन आयोग के परामर्श तथा संसद की सहमति से राष्ट्रपति द्वारा परिसीमन का पहला आदेश 13 अगस्त, 1951 को जारी किया गया।
चुनाव कराने के उद्देश्य से वैधानिक ढांचा उपलब्ध कराने के लिए संसद ने 12 मई, 1950 को पहला अधिनियम (जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950) पारित किया। इसमें मुख्यत: मतदाता सूचियां तैयार करने का प्रावधान किया गया। दूसरा अधिनियम 17 जुलाई, 1951 (जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951) पारित किया गया और इसमें संसद के दोनों सदनों तथा प्रत्येक राज्य के लिए विधानसभाओं के निर्वाचन की प्रक्रिया तय करने का प्रावधान हुआ।
इन निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतदाता सूचियां सभी राज्यों में 15 नवम्बर, 1951 तक प्रकाशित की गईं। मतदाताओं की कुल संख्या (जम्मू-कश्मीर को छोडक़र) 17 करोड़ 32 लाख 13 हजार 635 थी जबकि 1951 की जनगणना के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या (जम्मू-कश्मीर को छोडक़र) 35 करोड़ 66 लाख 91 हजार 760 थी। लोकसभा तथा विधानसभाओं के पहले आम चुनाव अक्तूबर, 1951 तथा मार्च, 1952 के बीच हुए। 497 सदस्यों वाली पहली लोकसभा 2 अप्रैल, 1952 को गठित की गई। 216 सदस्यों वाली पहली राज्यसभा 3 अप्रैल, 1952 को गठित हुई।
संसद के दोनों सदनों तथा राज्य विधानसभाओं के गठन के बाद मई, 1952 में प्रथम राष्ट्रपति चुनाव हुआ तथा विधि रूप से निर्वाचित पहले राष्ट्रपति ने 13 मई, 1952 को पदभार ग्रहण किया। 1951-52 में पहले आम चुनाव के समय आयोग ने 14 राजनीतिक दलों को बहु-राज्यीय दलों तथा 39 दलों को क्षेत्रीय दलों के रूप में मान्यता दी थी। अभी मान्यता प्राप्त सात राष्ट्रीय दल तथा 40 क्षेत्रीय दल हैं।
1951-52 तथा 1957 में पहले तथा दूसरे आम चुनावों के लिए निर्वाचन आयोग ने मतदान की मतपेटी प्रणाली अपनाई। इस प्रणाली के अंतर्गत प्रत्येक मतदान केन्द्र पर एक कमरे में प्रत्येक उम्मीदवार को एक अलग मतपेटी आवंटित की गई तथा मतदाता से केन्द्रीयकृत पूर्व मुद्रित मतपत्रों को उनकी पसंद के अनुसार उम्मीदवार की मतपेटी में डालने को कहा गया। 1962 में हुए तीसरे आम चुनाव तथा उससे आगे आयोग ने मतदान की मुहर प्रणाली लागू की। इसके अंतर्गत एक पृष्ठ पर चुनाव लड़ रहे सभी उम्मीदवारों के नाम तथा निर्वाचन चिन्ह छपे होते थे जिस पर मतदाता को रबर स्टैंप से अपनी पसंद के उम्मीदवार के निर्वाचन चिन्ह के निकट तीरनुमा मुहर लगानी होती थी। मुहर लगे सभी मतपत्रों को एक समान मतपेटी में डाल दिया जाता था।
इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) का उपयोग प्रायोगिक आधार पर आंशिक रुप से 1982 में केरल के परूर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में किया गया। बाद में 1998 में ईवीएम का व्यापक उपयोग शुरू हुआ। पहली बार 2004 में 14वीं लोकसभा के लिए हुए आम चुनाव में देश के सभी मतदान केन्द्रों पर ईवीएम का इस्तेमाल किया गया। तब से लोकसभा तथा राज्य विधानसभाओं के चुनाव ईवीएम के इस्तेमाल से हुए हैं। 1951-52 से लोकसभा के 15 आम चुनाव तथा विधानसभाओं के 348 आम चुनाव हुए है। देश अब 16वें लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं।
राग दरबारी श्रीलाल शुक्ल का लिखा एक ऐसा उपन्यास है जो गांव की कथा के माध्यम से आधुनिक भारतीय जीवन की मूल्यहीनता को सहजता और निर्ममता से अनावृत करता है। शुरू से आखिर तक इतने निस्संग और सोद्देश्य व्यंग्य के साथ लिखा गया हिंदी का शायद यह पहला वृहत् उपन्यास है। ‘राग दरबारी’ का लेखन 1964 के अंत में शुरू हुआ और अपने अंतिम रूप में 1967 में समाप्त हुआ। 1968 में इसका प्रकाशन हुआ और 1969 में इस पर इसे साहित्य अकादमी का पुरस्कार मिला। तब से अब तक इसके दर्जनों संस्करण और पुनर्मुद्रण हो चुके हैं। रागदरबारी विख्यात लेखक श्रीलाल शुक्ल की प्रसिद्ध व्यंग्य रचना है।
हिंदी का एक और कालजयी उपन्यास है श्रीलाल शुक्ल का राग दरबारी , जिसने लोकप्रियता के नए मानदंड स्थापित किए। इस उपन्यास से पहले श्रीलालजी के दो उपन्यास सूनी घाटी का सूरज (1957) और अज्ञातवास (1962) और एक व्यंग्य-संग्रह अंगद का पांव (1958) आ चुके थे, किंतु उनकी पहचान व्यंग्य-लेखक की ही थी। उनके इसी रूप का विस्तार हुआ राग दरबारी में। एक सरकारी अफसर रहते हुए वे इस उपन्यास को छपा सकते हैं या नहीं, इसको लेकर सरकारी ढांचे में लंबे समय तक जो उधेड़बुन मची रही, उसकी एक रोचक अंतर्कथा स्वयं श्रीलालजी के शब्दों में हिंदी पाठकों के सामने आ चुकी है।
छपते ही शीर्ष पर आखिरकार सरकार इसके लिए राजी हो गई और उपन्यास की पांडुलिपि भगवती बाबू (भगवतीचरण वर्मा) के माध्यम से राजकमल प्रकाशन में आई। वहां से इसको तत्काल प्रकाशित किया गया और प्रकाशित होते ही, यानी इसके ठीक अगले वर्ष 1969 का साहित्य अकादमी पुरस्कार घोषित हो गया। तब से लेकर अब तक राग दरबारी की बिक्री में रुकने या सुस्त पडऩे का कोई क्षण नहीं आया। अब तक इसके 27 सजिल्द संस्करण हो चुके हैं और 1984 में पहला पेपरबैक संस्करण निकलने के बाद से अब तक इस रूप में भी 43 संस्करण निकल चुके हैं।
समान अवसर आयोग
केंद्र सरकार ने समान अवसर आयोग के गठन के मसौदे को 20 फरवरी 2014 को मंजूरी प्रदान की है। यह वैधानिक आयोग नौकरिओं एवं शिक्षा में अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले भेदभाव के मामलों की जांच करेगा। इसके साथ ही साथ समान अवसर आयोग यह भी सुनिश्चित करेगा कि किसी भी अल्पसंख्यक समुदाय के साथ धर्म के आधार पर भेदभाव न हो। समान अवसर आयोग के गठन की सिफारिश जस्टिस सच्चर कमेटी ने की थी।
प्रारंभ में इस आयोग के गठन को लेकर अन्य राष्ट्रीय आयोगों और मंत्रालयों की शिकायत थी की सामान अवसर आयोग को जो अधिकार दिए जाने है, उससे उनके अधिकारों का अतिक्रमण होगा। इस स्थिति को देखते हुए रक्षा मंत्री एके एंटनी की अध्यक्षता में एक मंत्री समूह गठित किया गया था, जिसने यह तय किया कि समान अवसर आयोग सिर्फ अल्पसंख्यकों से जुड़े मामलों को ही देखेगा।
पद्म संभव तिब्बती में लोब पोन (आचार्य) या पद्म जुड् ने (कमल से उत्पन्न) भी कहलाने वाले एक पौराणिक भारतीय बौद्घ रहस्यवादी हैं, जिन्होंने तिब्बत में तांत्रिक बौद्घवाद की शुरुआत की तथा जिन्हें वहां पहला बौद्घ मठ स्थापित करने का श्रेय दिया जाता है।
परंपरा के अनुसार, पद्मसंभव उद्यान (वर्तमान स्वात, पाकिस्तान) के निवासी थी। यह क्षेत्र अपने तांत्रिकों के लिए विख्यात था। वह एक तांत्रिक और योगाचार पंथ के सदस्य थे तथा भारत के एक बौद्घ अध्ययन केंद्र, नालंदा में पढ़ाते थे। 747 में उन्हें राजा ठी स्त्रोङ् देचन ने तिब्बत में आमंत्रित किया। वहां उन्होंने कथित रूप से तंत्र-मंत्र से उन शैतानों को भगाया, जो भूकंप पैदा कर एक बौद्घ मठ के निर्माण में बाधा उत्पन्न कर रहे थे। उन्होंने 749 में बौद्घ मठ का निर्माण कार्य पूर्ण होने तक उसकी देखरेख की थी। तिब्बती बौद्घ पंथ त्रिङ्मा पा (पुरातन पंथ) के सदस्य पद्मसंभव की तांत्रिक क्रियाओं, पूजा तथा योग की शिक्षा का पालन करने का दावा करते हैं। पंथ की शिक्षा की मौलिक पाठ्य सामग्री, जिसके बारे में कहा जाता है कि पद्मसंभव ने उन्हें दफन कर दिया था, 1125 के आसपास मिलनी आरंभ हुई थी। उन्होंने कई तांत्रिक पुस्तकों का मूल संस्कृत से तिब्बती भाषा में अनुवाद भी कराया था।
ऑस्ट्रेलिया के खगोल विज्ञानियों ने इस बार ब्रह्मांड का सबसे पुराना तारा ढूंढ निकाला है। उम्मीद की जा रही है कि इस खोज से अरबों साल पहले हुए बिग बैंग से जुड़े अवलोकन और भविष्यवाणियों के बीच के अंतर को समझा जा सकेगा।
करीब 11 साल की खोज के बाद जाकर शोधकर्ता समूह ने इस तारे की खोज की। शोधकर्ता साइडिंग स्प्रिंग वेधशाला में स्काईमैपर नाम की दूरबीन का इस्तेमाल कर रहे थ। यह तारा बिग बैंग के लगभग तुरंत बाद यानि करीब 13.7 अरब साल पहले बना था। बिग बैंग की घटना से ही ब्रह्मांड बना था। केलर कहते हैं कि इसका मतलब यह है कि उससे पहले कुछ भी नहीं था।
यह प्राचीन तारा धरती से करीब 6 हजार प्रकाश वर्ष की दूरी पर है। खगोल विज्ञान के दायरे में यह दूरी कम ही मानी जाती है। यह बूढ़ा तारा उन 6 करोड़ तारों में से एक है जिसकी तस्वीर स्काईमैपर ने पहले साल में खींची थी। प्रारंभिक तारे हमारे सूरज से करीब 60 गुना भारी होते थे। पहले यह माना जाता था कि शुरुआती तारे अत्यधिक भीषण विस्फोटों में खत्म हो गए थे। इन विस्फोटों से अंतरिक्ष में भारी मात्रा में लोहा फैल गया था, लेकिन इस सबसे पुराने तारे की खोज से पता चलता है कि अंतरिक्ष में फैला हुआ तत्व लोहा नहीं बल्कि कार्बन और मैग्नीशियम जैसा हल्का तत्व था। शोध से पता चलता है कि एक तारे की रचना बिल्कुल किसी प्याज की तरह होती है। उसकी कई परतें होती हैं और लोहे जैसा सबसे भारी पदार्थ इसके केन्द्र में होता है। इसलिए जो चीजें उस सुपरनोवा से टूट कर बाहर निकल सकीं वो कार्बन और मैग्नीशियम थी। इस खोज को नेचर जर्नल में प्रकाशित किया गया है।
1. विश्व प्रसिद्ध खजुराहो नृत्य महोत्सव का आयोजन किस राज्य में होता है?
(अ) मध्यप्रदेश (ब) राजस्थान (स) महाराष्ट्र (द) उत्तरप्रदेश
2. 20 फरवरी 2014 को केंद्र सरकार ने समान अवसर आयोग के गठन की मंजूरी प्रदान की है? यह आयोग किस समुदाय के साथ होने वाले भेदभाव के मामलों की जांच करेगा?
(अ) हिंदू समुदाय (ब) इस्लाम समुदाय (स) ईसाई समुदाय (द) अल्पसंख्यक समुदाय
3. निम्नलिखित में से कौन सी स्थलाकृति समुद्र नितल से संबंधित है?
(अ) ट्रेंच (ब) स्टैक (स) स्केरी (द) मियांडर
4. भारत के अकालग्रस्त क्षेत्रों में वर्षा की परिवर्तनशीलता पाई जाती है?
(अ) 20 से 25 प्रतिशत (ब) 15 से 20 प्रतिशत (स) 15 प्रतिशत से कम (द) 30 प्रतिशत से अधिक
5. भारत में दक्षिणी-पश्चिमी मानसून की समय सामान्यत: कब से कब तक होता है?
(अ) अक्टूबर से नवंबर (ब) जून से सितंबर (स) मार्च से मई (द) दिसंबर से फरवरी
6. डायोड को वाल्व कहा जाता है, क्योंकि यह धारा को?
(अ) केवल तंतु से प्लेट की ओर बहने देता है (ब) केवल प्लेट से तंतु की ओर बहने देता है (स) दोनों ओर बहने देता है (द) दो वाल्व का कार्य करता है
7. मेरिना किसकी प्रजाति है?
(अ) भेड़ (ब) भैंस (स) सुअर (द) इनमें से कोई नहीं
8. मछलियों का पंख एवं पूछ का सडऩ रोग निम्नलिखित में से किससे होता है?
(अ) कवक (ब) वाइरस (स) जीवाणु (द) प्रोटोजोआ
9. पाश्चुराइजेशन क्रिया क्यों की जाती है?
(अ) इससे दूध को जीवाणु रहित बना दिया जाता है (ब) इससे दूध के जीवाणुओं का कम कर दिया जाता है (स) इससे दूध के जीवाणुओं का निष्क्रिय कर दिया जाता है (द) इनमें से कोई नहीं
10. भारतीय क्रांतिकारी संगठन इंडिया हाउस की स्थापना लंदन में कब की गई?
(अ) 1905 ई. (ब) 1906 ई. (स) 1907 ई. (द) 1914 ई.
11. इंडियन इंडिपेंडेंस लीग के संस्थापक कौन थे?
(अ) वीडी सावरकर (ब) लाला हरदयाल (स) रास बिहारी बोस (द) इनमें से कोई नहीं
12. विश्व में सर्वाधिक कागज उत्पादन करने वाला देश कौन सा है?
(अ) कनाडा (ब) आस्ट्रेलिया (स) यूरोप (द) चीन
13. जस्ते का सर्वाधिक उत्पादन निम्नलिखित में से किस राज्य में होता है?
(अ) झारखंड (ब) राजस्थान (स) उड़ीसा (द) मध्यप्रदेश
14. 1943 ई. में सिंगापुर में स्वतंत्र भारत की अस्थायी सरकार की घोषणा किसने की?
(अ) रास बिहारी बोस ने (ब) कैप्टन मोहन सिंह ने (स) जनरल शाहनवाज ने (द) सुभाषचंद्र बोस ने
15. निम्नलिखित में से कौन कैबिनेट मिशन का सदस्य नहीं था?
(अ) एवी एलेक्जेंडर (ब) पैट्रिक लॉरेंस (स) विल्सन जोन्स (द) स्टैफर्ड क्रिप्स
16. कांची के सुप्रसिद्ध कैलाश नाथ मंदिर या राजसिंहेश्वर मंदिर का निर्माण किस पल्लव नरेश ने करवाया?
(अ) नरसिंहवर्मन प्रथम (ब) महेंद्रवर्मन द्वितीय (स) नरसिंहवर्मन द्वितीय (द) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
17. पल्लव किसके सामंत थे?
(अ) चोलो के (ब) चालुक्यों के (स) सातवाहनों के (द) राष्टï्रकुटों के
18. पल्लव-साम्राज्य के अंतर्गत विद्वता का महान केंद्र था?
(अ) मथुरा (ब) कांची (स) मामल्लपुरम (द) महाबलीपुरम
19. राज्य विधानसभा के निचले सदन को निम्नलिखित में से क्या कहते हैं?
(अ) लोकसभा (ब) राज्यसभा (स) विधानसभा (द) विधान परिषद
20. राज्य मंत्रिमंंडल की बैठकों की अध्यक्षता कौन करता है?
(अ) राज्यपाल (ब) मुख्यमंत्री (स) राज्य का मुख्य सचिव (द) उपराष्ट्रपति
21. किसी मंत्री को अपना त्यागपत्र सौंपने के लिए कहा जा सकता है, यदि उसने किसका विश्वास खो दिया हो?
(अ) राज्यपाल (ब) विधानसभा का अध्यक्ष (स) विधान परिषद का सभापति (द) मुख्यमंत्री
22. निम्नलिखित में से किसे प्रकृति का सुरक्षा वाल्व कहा जाता है?
(अ) भूकंप (ब) ओजोन गैस (स) ज्वालामुखी (द) नदियां
23. स्टाम्बोली किस प्रकार का ज्वालामुखी है?
(अ) जागृत (ब) सुसुप्त (स) मृत या शांत (द) इनमें से कोई नहीं
24. सर्किल ऑफ फायर किसे कहा जाता है?
(अ) अटलांटिक परिमेखला (ब) हिंद परिमेखला (स) प्रशांत परिमेखला (द) आर्कटिक परिमेखला
25. राष्ट्रीय आय की गणना करते समय निम्न क्षेत्रों में से किस क्षेत्र की आय गणना आय विधि से की जाती है?
(अ) बैंकिंग और बीमा (ब) कृषि और संबद्ध गतिविधियां (स) मत्स्यन (द) वानिकी
26. वर्तमान में देश की पूंजी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु म्यूचुअल फंड का तेजी से गठन किया जा रहा है। भारत के किस बैंक ने सर्वप्रथम म्यूचुअल फंड गठित किया?
(अ) पंजाब नेशनल बैंक (ब) कैनरा बैंक (स) बैंक ऑफ बड़ौदा (द) स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
27. ध्वनि का वेग अधिकतम होता है?
(अ) हवा में (ब) पानी में (स) लोहे में (द) निर्वात में
28. आई एम मलाला: मलाला यूसुफजई और क्रिस्टीना लैंब नामक किताब का प्रकाशन किस वर्ष किया गया?
(अ) 2013 (ब) 2014 (स) 2004 (द) 2010
सही जवाब-1.(अ) मध्यप्रदेश, 2.(द) अल्पसंख्यक समुदाय, 3.(अ)ट्रेंच, 4.(द) 30 प्रतिशत से अधिक, 5.(ब) जून से सितंबर, 6.(ब) केवल प्लेट से तंतु की ओर बहने देता है, 7.(अ) भेड़, 8.(स) जीवाणु, 9.(ब) इससे दूध के जीवाणुओं का कम कर दिया जाता है, 10.(अ) 1905 ई.,11.(स) रास बिहारी बोस, 12.(अ) कनाडा, 13.(ब) राजस्थान, 14.(द) सुभाषचंद्र बोस ने, 15.(स) विल्सन जोन्स, 16.(स)नरसिंह वर्मन द्वितीय, 17.(स)सातवाहनों के, 18.(स) मामल्लपुरम, 19.(स)विधानसभा, 20.(ब) मुख्यमंत्री, 21.(द) मुख्यमंत्री, 22.(स) ज्वालामुखी, 23.(अ) जागृत, 24.(स)प्रशांत परिमेखला, 25.(अ) बैंकिंग और बीमा, 26.(द) स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, 27.(स) लोहे में, 28. (अ) 2013।
लटेरीस , विदिशा की एक तहसील का मुख्यालय है। एक समय यह स्थान घनघोर जंगलों के महावन से घिरा हुआ था। यहां प्राचीन नंद काल के समय के नंदवंशी अहीर ठाकुर बसे हुए हैं। यहां से 5 मील की दूरी पर जगदग्नि ऋषि का आश्रम है, जो अब एक टूटे हुए प्राचीन मंदिर के रुप में विद्यमान है। वे एक मृगुवंशीय ब्राह्मण थे।
अभी भी इस पूरे क्षेत्र में पचासों मीलों तक भार्गव ब्राह्मïण बहुतायत में बसे हैं। यह स्थान चूंकि प्राकृतिक वन- संपदाओं व झुरमुटों के मध्य स्थित है, अत: देखने में तपोभूमि जैसा लगता है। यहां पहाड़ी निर्झर से एक कुंड बना है, जिसके दो भाग हैं - एक भाग में सफेद दूध- सा पानी भरा है, जिसे दूधिया कुंड कहते हैं तथा दूसरे में साधारण पानी दूधिया कुंड का पानी साबुन के घोल जैसा सफेद दिखता है। इस स्थान को मंदागन कहा जाता है। माना जाता है कि यह सिद्धों का स्थान है। यहां मकर-संक्राति को प्रतिवर्ष मेला लगाता है। लोग कुंड में स्नान करते हैं।
टैबलेट जैसा दिखने वाला ई- बुक रीडर एक इलेक्ट्रॉनिक गैजेट है जिसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि उस पर ई -बुक्स (किताबों का इलेक्ट्रॉनिक रूप) पढऩा आसान हो जाए। ज्यादातर ई-बुक रीडर छह इंच लंबे होते हैं जो एक आम पॉकेट बुक जैसा आकार है। वजन में हल्के इस गैजेट पर किसी भी मुदा में (उठते, बैठते, लेटते) किताबें पढ़ी जा सकती हैं और पॉकेट बुक की ही तरह जेब में रखा जा सकता है। अमेजॉन, सोनी, बान्र्स एंड नोबेल और कोबो इस बाजार की अहम कंपनियां हैं। सभी ने अपने गैजेट्स को प्रिंटेड बुक जैसा बनाने की भरपूर कोशिश की है। स्क्रीन का रंग बिल्कुल किताब जैसा और पन्ने पलटने तथा बुकमार्क करने जैसी सुविधाएं भी।
ई-बुक रीडर बनाने वाली मशहूर कंपनी कोबो ने भारत में भी कदम रख दिए हैं। कोबो ने भारत में अपनी चार डिवाइस लॉन्च कीं, जिनमें तीन ई-बुक रीडर और एक रीडर-कम-टैबलेट है। कोबो टच एंट्री लेवल का ई-रीडर है, जिसमें 6 इंच की स्क्रीन है और यह पर्ल ई-इंक टचस्क्रीन पर काम करता है। स्लीक बॉडी और 185 ग्राम वजन के साथ इसमें एक महीने की बैटरी लाइफ है। 2 जीबी के स्टॉरेज के कारण इसमें करीब एक हजार किताबें सेव कर सकते हैं। मेमरी को 32 जीबी तक बढ़ाने का ऑप्शन है। इसे 7 हजार 999 रुपए की कीमत पर लॉच किया गया है, लेकिन कंपनी दिवाली तक इसे 6 हजार 999 रुपए पर बेचेगी। कोबो ग्लो इसका बेहतर वर्जन है, जिसमें ग्लो लाइट का ऑप्शन है, जिससे अंधेरे में भी रीडिंग की सहूलियत मिल सकेगी। यह 10 हजार 999 रुपए में लॉन्च किया गया है।
अमेजन किंडल की लोकप्रियता कुछ इस तरह की है कि वह ई-बुक्स का ही दूसरा नाम बन गया है। किंडल वाइ-फाइ नेटवर्क से कनेक्ट हो सकता है। 3जी वर्जन के जरिए भी इंटरनेट एक्सेस कर सकते हैं। इस कनेक्टिविटी के जरिए यह गैजेट अमेजन के ई-बुक स्टोर से किसी भी समय ई-बुक्स डाउनलोड कर सकता है। ई-बुक्स को सहेजने के लिए 2 से 4 जीबी की फ्लैश मेमरी (इंटरनल स्टोरेज स्पेस) मौजूद है। इसके अलावा सोनी, बार्न्स एंड नोबेल नुक जैसी कई कंपनियों ने भी ई बुक रीडर निकाला है।
गौत्र शब्द का अर्थ होता है वंश/कुल । गौत्र प्रणाली का मुख्या उद्देश्य किसी व्यक्ति को उसके मूल प्राचीनतम व्यक्ति से जोडऩा है उदहारण के लिए यदि को व्यक्ति कहे की उसका गोत्र भरद्वाज है तो इसका अभिप्राय यह है की उसकी पीढ़ी वैदिक ऋषि भारद्वाज से प्रारंभ होती है।
हिन्दुओं में एक ही गौत्र में विवाह नहीं किए जाते हैं। खाप पंचायत ने तो एक ही गौत्र में विवाह को गैर कानूनी करार दे दिया है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार विश्वामित्र, जमदग्नि, भारद्वाज, गौतम, अत्रि, वशिष्ठ, कश्यप- इन सप्त ऋषियों और आठवें ऋषि अगस्ति की संतान गौत्र कहलाती है। ब्राह्मणों के विवाह में गौत्र-प्रवर का बड़ा महत्व है। पुराणों और स्मृति ग्रंथों में बताया गया है कि यदि कोई कन्या संगौत्र हो, किंतु सप्रवर न हो अथवा सप्रवर हो किंतु संगौत्र न हो, तो ऐसी कन्या के विवाह को अनुमति नहीं दी जाना चाहिए। यानी जिस व्यक्ति का गौत्र भारद्वाज है, उसके पूर्वज ऋषि भारद्वाज थे और वह व्यक्ति इस ऋषि का वंशज है। आगे चलकर गौत्र का संबंध धार्मिक परंपरा से जुड़ गया और विवाह करते समय इसका उपयोग किया जाने लगा।
ऋषियों की संख्या लाख-करोड़ होने के कारण गौत्रों की संख्या भी लाख-करोड़ मानी जाती है, परंतु सामान्यत: आठ ऋषियों के नाम पर मूल आठ गौत्र ऋषि माने जाते हैं, जिनके वंश के पुरुषों के नाम पर अन्य गौत्र बनाए गए। महाभारत के शांतिपर्व (297/17-18) में मूल चार गौत्र बताए गए हैं -अंगिरा, कश्यप, वशिष्ठ और भृगु, जबकि जैन ग्रंथों में 7 गौत्रों का उल्लेख है- कश्यप, गौतम, वत्स्य, कुत्स, कौशिक, मंडव्य और वशिष्ठ। इनमें हर एक के अलग-अलग भेद बताए गए हैं जैसे कौशिक-कौशिक कात्यायन, दर्भ कात्यायन, वल्कलिन, पाक्षिण, लोधाक्ष, लोहितायन। विवाह निश्चित करते समय गौत्र के साथ-साथ प्रवर का भी ख्याल रखा जाता है। प्रवर भी प्राचीन ऋषियों के नाम है पर अंतर यह है कि गौत्र का संबंध रक्त से है, जबकि प्रवर से आध्यात्मिक संबंध है।
मत्स्यपुराण में ब्राह्मण के साथ संगौत्रीय (एक ही गौत्र) शतरूपा के विवाह पर आश्चर्य और खेद प्रकट किया गया है। गौतमधर्म सूत्र में भी असमान प्रवर विवाह का निर्देश दिया गया है। असमान गौत्रीय के साथ विवाह न करने पर भूल पुरुष के ब्राह्मणत्व से च्युत हो जाने तथा चांडाल पुत्र-पुत्री के उत्पन्न होने की बात कही गई। अपर्राक कहता है कि जान-बूझकर संगौत्रीय कन्या से विवाह करने वाला जातिच्युत हो जाता है।
बोधायन के हिसाब से अगर कोई व्यक्ति भूल से भी संगौत्रीय कन्या से विवाह करता है, तो उसे उस कन्या का मातृत्वत् पालन करना चाहिए । गौत्र जन्मना प्राप्त नहीं होता, इसलिए विवाह के पश्चात कन्या का गौत्र बदल जाता है और उसके लिए उसके पति का गौत्र लागू हो जाता है।
विभिन्न समुदायों में गौत्र की संख्या अलग अलग है। प्राय: तीन गौत्र को छोड़ कर ही विवाह किया जाता है एक स्वयं का गौत्र, दूसरा मां का गौत्र (अर्थात मां ने जिस कुल/गौत्र में जन्म लिया हो) और तीसरा दादी का गौत्र। कहीं कहीं नानी के गौत्र को भी माना जाता है और उस गौत्र में भी विवाह नहीं होता। हमारी धार्मिक मान्यता के अनुसार एक ही गौत्र या एक ही कुल में विवाह करना पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया है। यह प्रतिबंध इसलिए लगाया गया क्योंकि एक ही गौत्र या कुल में विवाह होने पर दंपत्ति की संतान अनुवांशिक दोष के साथ उत्पन्न होती है। विज्ञान भी इसकी मान्यता नहीं देता है।
कर्नाटक राज्य के दक्षिणी हिस्से में स्थित करकला नगर मूर्ति निर्माण कला में निपुणता के लिए विश्व विख्यात है। यहां के उत्साही मूर्तिकार पत्थरों में जान डालने की क्षमता रखते हैं। उनकी कला का प्रत्यक्ष प्रमाण यहां देखा जा सकता है।
मंगलौर से 35 किमी दूर स्थित करकला शहर भगवान बाहुबली की विशाल मबर्ति के लिए विशेष रूप से लोकप्रिय है। हाल के वर्षों में प्रसिद्ध मूर्तिकार रंजल गोपाल शर्मा ने मूर्ति निर्माण कला की एक जीवंत पंरपरा यहां विकसित की है। यहां की मूर्तियों की पूरे विश्व में प्रशंसा की जाती है तथा मूर्तियों का निर्यात जापान में किया जाता है।
1. ईरान देश का अहवाज शहर दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में नंबर वन है। यहां पर धुएं का इतना बुरा असर है कि यहां जीवन प्रत्याशा की दर देश में सबसे कम है।
2. चीन के बीजिंग का दम धुएं के बादल में घुट रहा है। यहां प्रति घन मीटर 500 माइक्रोग्राम महीन धुएं और धूल के कण हैं। मास्क के बिना घर से बाहर निकलना दूभर है।
3. मिस्र के काहिरा की हवा इतनी प्रदूषित है कि इससे होने वाली बीमारियों के कारण यहां हर साल 10 से 25 हजार लोग मारे जाते हैं। इस प्रदूषण का कारण बढ़ता यातायात और उद्योग हैं।
4. मंगोलिया की राजधानी उलान बातोर दुनिया का दूसरे नंबर का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है। जमा देने वाली ठंड में यहां गर्मी का एक ही साधन है, लकड़ी जलाना जिसके कारण यहां प्रदूषण बढ़ रहा है।
5. सऊदी अरब के रियाद में धुएं के साथ ही रेतीले तूफान के कण भी मिल जाते हैं, जो हवा में कणों को बढ़ा देते हैं। तेज धूप के कारण परेशानी और बढ़ जाती है।
6. पाकिस्तान के लाहौर शहर में गाडिय़ों की बढ़ती समस्या प्रदूषण का कारण है ही, कचरे को जलाने से होने वाले प्रदूषण में रेगिस्तान से उड़ी प्राकृतिक धूल भी मिल जाती है। जिसके कारण यह शहर दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हो गया है।
7. भारत की राजधानी नई दिल्ली में पिछले 30 साल में गाडिय़ां एक लाख अस्सी हजार से बढक़र पैंतीस लाख पहुंच गई हैं। इसके अलावा कोयले से चलने वाले बिजली घर प्रदूषण को और बढ़ाते हैं।
ऊंचे मकानों पर तडि़त चालक क्यों लगाते हैं
जब आवेशित बादल ऊंची इमारतों पर से होकर गुजरते हैं, तो प्रेरण द्वारा इनका विपरीत आवेश इमारतों के ऊंचे वाले भाग पर आ जाता है। यह आवेशित भाग विपरीत आवेशित बादलों को अपनी ओर आकर्षित करता है, जिससे इमारत पर बिजली गिरने की संभावना रहती है। बिजली गिरने की संभावना से बचने के लिए तडि़त चालक इमारत पर लगाते हैं। तडि़त चालक का एक सिरा नुकीला बनाते हैं तथा दूसरे सिरे का संबंध पृथ्वी से चला जाता है और इमारत की हानि होने से बच जाती है।
1. Whatsapp को किस कंपनी ने 19 अरब डॉलर में खरीद लिया है?
(अ) फेसबुक (ब) ट्विटर (स) गूगल (द) माइक्रोसॉफ्ट
2. आंध्र प्रदेश राज्य के किस शहर को 2012-13 में सर्वश्रेष्ठ हेरिटेज सिटी के लिए चुना गया है?
(अ) हैदराबाद (ब)तिरुपति (स) कुरनूल (द)विशाखापट्टनम
3. किसी पारितंत्र में निम्नलिखित में से कौन प्राथमिक उत्पादक होते हैं?
(अ) अपघटक (ब) प्राणी (स) हरे पौधे अथवा वनस्पतियां (द) उपर्युक्त सभी
4. एचआईवी एक जैव वाइरस कहलाता है, क्योंकि?
(अ) इसमें स्वचालित उत्पादन क्षमता होती है (ब) कोशिकाद्रों में प्रवेश कर उन्हें नष्ट कर देता है (स) इन्हें उबालने पर भी नष्ट नहीं किया जा सकता (द) इनमें से कोई नहीं
5. यदि सडक़ पर खड़े हुए व्यक्ति को अपने सामने लगी हुई शीशे की खिडक़ी में अपना प्रतिबिम्ब बड़ा दिखाई देता है, तो वह शीशा?
(अ) समतल है (ब) बाहर की ओर उत्तल है (स) अंदर की ओर उत्तल है (द) बाहर की ओर बेलनाकार है
6. इनमें से कौन सा कथन सही है- एक व्यक्ति?
(अ) एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव नहीं लड़ सकता है (ब) दो से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव नहीं लड़ सकता है (स) तीन से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव नहीं लड़ सकता है (द) चार से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव नहीं लड़ सकता है
7. किस प्रधानमंत्री के कार्यकाल में अंतरराज्यीय परिषद का प्रथम बार गठन किया गया?
(अ) राजीव गांधी (ब) वी.पी. सिंह (स) चंद्रशेखर (द) पी.वी. नरसिंह राव
8. कुषाण वंश का सबसे प्रतापी शासक कनिष्क इस वंश का कौन से नंबर का शासक था?
(अ) दूसरा (ब) तीसरा (स) चौथा (द) पांचवा
9. भारत में कुषाणकालीन मूर्तियों का सबसे बड़ा संग्रहालय निम्न में से कहां पर है?
(अ) कोलकाता में (ब) मुंबई में (स) दिल्ली में (द) मथुरा में
10. सर्वाधिक बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार किसको मिला है?
(अ) स्मिता पाटिल को (ब) शबाना आजमी को (स) मीना कुमारी को (द) नरगिस को
11. कलिंग पुरस्कार किसके द्वारा दिया जाता है?
(अ) यूनीसेफ द्वारा (ब) यूनेस्को द्वारा (स) विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा (द) अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक कोष द्वारा
12. भारत में स्थायी बंदोबस्त व्यवस्था किस वर्ष में लागू की गई थी?
(अ)1790 (ब)1793 (स)1799 (द)1858
13. निम्रलिखित में से डलहौजी की सबसे गंभीर राजनीतिक भूल कौन सी थी?
(अ) गोद लेने की प्रथा का निषेध (ब)रेल सेवा का प्रारम्भ (स)बर्मा पर अधिकार का प्रयास (द)अवध का अधिग्रहण
14.निम्नलिखित में से कौन सा एक कथन ब्रिटिश आर्थिक नीतियों का प्रभाव नहीं था?
(अ) कुटीर उद्योगों का पतन (ब)कृषि की दुर्दशा (स)भारतीय का विद्रोह (द) रेल का विस्तार
15. नेशनल मंडेला का संबंध किस देश से है?
(अ) दक्षिण अफ्रीका (ब) नाइजीरिया, (स) आस्ट्रेलिया (द) पाकिस्तान
16. जर्मनी के एकीकरण में बिस्मार्क ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, वहीं भारत के एकीकरण में निम्रलिखित में से किस राजनेता की भूमिका सबसे ज्यादा प्रभावशाली रही?
(अ) महात्मा गांधी (ब) सरदार वल्लभ भाई पटेल (स) मौलाना अबुल कलाम आजाद (द) पंडित जवाहर लाल नेहरू
17. भारत में आठवां विधि विश्वविद्यालय - चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी कहां स्थापित किया गया है?
(अ) पटना (ब) अहमदाबाद (स) चेन्नर्ई (द ) भोपाल
18. देवदार वृक्ष निम्न में से किस क्षेत्र में पाया जाता है?
(अ) छोटा नागपुर क्षेत्र (ब) हिमालयन क्षेत्र (स) प्रायद्वीपीय पठार (द) इनमें से कोई नहीं
19. कैक्रेज और साहीवाल किस पशु की नस्ल है?
(अ) भेड़ की (ब) गाय की (स) बकरी की (द) भैंस की
20. निम्नलिखित में से किस अम्ल के द्वारा स्याही के दाग हटाए जा सकते हैं?
(अ) टार्टरिक अम्ल (ब) ऑक्जेलिक अम्ल (स) साइट्रिक अम्ल (द) फॉर्मिक अम्ल
21. भारत में उगाई जाने वाली उस एक फसल का नाम क्या है, जिसके लिए काली मिट्टी सर्वाधिक उपयोगी मानी जाती है?
(अ) कपास (ब) गेहूं (स) चावल (द) जौ
22. गन्ने की फसल तैयार होने में कितना समय लगता है?
(अ) लगभग एक वर्ष (ब) लगभग छह माह (स) लगभग दो वर्ष (द) लगभग चार वर्ष
23. प्राकृतिक रेशम, कीड़ों से प्राप्त किया जाता है, तो शहतूत की पत्तियों पर पलता है। इसका उत्पादन सर्वाधिक किस राज्य में होता है?
(अ) मध्यप्रदेश (ब) कर्नाटक (स) मणिपुर (द) नागालैंड
24. भारत के किस राज्य को गरम मसालों तथा नारियल का प्रदेश कहा जाता है?
(अ) केरल (ब) कर्नाटक (स) तमिलनाडु (द) गुजरात
25. हमारे देश के निम्नलिखित में से किस क्षेत्र में अच्छी ऊन वाली भेड़ें पायी जाती हैं?
(अ) उत्तर-पश्चिमी (ब) पूर्वी (स) पश्चिमी (द) पश्चिमी-दक्षिणी
26. भारत में सिंचाई कार्य के लिए निम्नलिखित किन साधनों का प्रयोग किया जाता है?
(अ) नहरें (ब) तालाब (स) कुएं (द) उपरोक्त सभी
सही जवाब-1.(अ) फेसबुक, 2.(ब)तिरुपति, 3. (स) हरे पौधे अथवा वनस्पतियां, 4.(स) इन्हें उबालने पर भी नष्ट नहीं किया जा सकता, 5.(स) अंदर की ओर उत्तल है, 6.(ब) दो से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव नहीं लड़ सकता है, 7.(ब) वी.पी. सिंह, 8. (ब) तीसरा, 9. (द) मथुरा में, 10.(ब) शबाना आजमी को, 11. (ब) यूनेस्को द्वारा, 12. (ब) 1793, 13. (अ)गोद लेने की प्रथा का निषेध, 14.(स)भारतीय सैनिकों का विद्रोह, 15.(अ)दक्षिण अफ्रीका, 16.(ब)सरदार वल्लभ भाई पटेल, 17.(अ) पटना, 18.(ब) हिमालयन क्षेत्र, 19.(ब) गाय की, 20.(ब) ऑक्जेलिक अम्ल, 21.(अ) कपास, 22.(ब) लगभग छह माह, 23.(ब) कर्नाटक, 24.(अ) केरल, 25.(अ) उत्तर-पश्चिमी, 26.(द) उपरोक्त सभी।
गुलमोहर एक सुगंधित पुष्प है, जिसे स्वर्ग का फूल भी कहा जाता है। गुलमोहर मैडागास्कर का पेड़ है। सोलहवीं शताब्दी में पुर्तग़ालियों ने मैडागास्कर में इसे देखा था। प्रकृति ने गुलमोहर को बहुत ही सुव्यवस्थित तरीक़े से बनाया है, इसके हरे रंग की फर्न जैसी झिलमिलाती पत्तियों के बीच बड़े-बड़े गुच्छों में खिले फूल इस तरीक़े से शाखाओं पर सजते है कि इसे विश्व के सुंदरतम वृक्षों में से एक माना गया है।
फ्रांसीसियों ने गुलमोहर को सबसे अधिक आकर्षक नाम दिया है। उनकी भाषा में इसे स्वर्ग का फूल कहते हैं। वास्तव में गुलमोहर का सही नाम स्वर्ग का फूल ही है। भारत में इसका इतिहास कऱीब दो सौ वर्ष पुराना है। संस्कृत में इसका नाम राज-आभरण है, जिसका अर्थ राजसी आभूषणों से सज़ा हुआ वृक्ष है। गुलमोहर के फूलों से श्रीकृष्ण भगवान की प्रतिमा के मुकुट का शृंगार किया जाता है। इसलिए संस्कृत में इस वृक्ष को कृष्ण चूड भी कहते हैं।
रगुलमोहर में नारंगी और लाल मुख्यत: दो रंगों के फूल ही होते हैं। परंतु प्राकृतिक रूप से पाई जाने वाली प्रजाति फ्लेविडा पीले रंग के फूलों वाली होती है। मियामी में तो गुलमोहर को इतना पसंद किया जाता है कि वे लोग अपना वार्षिक पर्व भी तभी मनाते है जब गुलमोहर के पेड़ में फूल आते हैं। गुलमोहर के फूल मकरंद के अच्छे स्रोत हैं। इसके बीज भूरे रंग के बहुत सख्त होते हैं। कई जगहों पर इसे ईधन के काम में भी लाया जाता है। जब हवाएं चलती हैं तो इनकी आवाज़ झुनझुने की तरह आती है, तब ऐसा लगता है जैसे कोई बातें कर रहा है इसीलिए इसका एक नाम औरत की जीभ भी है।
गुलमोहर की छाल और बीजों का आयुर्वेदिक महत्व भी हैं। सिरदर्द और हाजमे के लिए आदिवासी लोग इसकी छाल का प्रयोग करते हैं। मधुमेह की कुछ आयुर्वेदिक दवाओं में भी गुलमोहर के बीजों को अन्य जड़ी-बूटियों के साथ मिला कर भी उपयोग किया जा चुका है। गुलमोहर की छाल का उपयोग मलेरिया की दवा में भी किया जाता है। ऐसी बहुत-सी दवाएं आज बाज़ार में उपलब्ध हैं जिनमें गुलमोहर के बीज या छाल को किसी न किसी रूप में डाला गया है। होली के रंग बनाने में गुलमोहर फूलों का प्रयोग किया जाता है।
कोयला नियामक
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने कोयला नियामक की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। कोयला नियामक का गठन एक प्रशासनिक आदेश के द्वारा किया जाएगा।
कोयला नियामक को कच्चे कोयले, धुले हुए कोयले और धुलाई के दौरान मिलने वाले किसी अन्य पदार्थ के मूल्य तय करने के सिद्धान्त और तौर तरीके निर्धारित करने का अधिकार प्राप्त होगा।
यह नियामक कोयले की श्रेणी या किस्म की घोषणा के लिए परीक्षण के तरीकों का नियमन भी करेगा। इसके अलावा वह कोयले के नमूने की कार्यविधि तय करेगा और उसे सम्बद्ध पक्षों के बीच मध्यस्थता करने का अधिकार भी प्राप्त होगा।
उडिय़ा भाषा, ओडि़शा की राजकीय भाषा है, जिसे केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शास्त्रीय भाषा के तौर पर वर्गीकृत करने को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
यह दर्जा मिल जाने के बाद उडिय़ा भाषा में प्रतिष्ठित विद्वानों के लिए प्रतिवर्ष दो बड़े अंतर्राष्ट्रीय सम्मान दिए जाएंगे। साथ ही शास्त्रीय भाषाओं में अध्ययन के लिए उत्कृष्टष्ता केंद्र स्थापित किया जा सकता है। इसके अलावा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से निवेदन किया जा सकता है कि कम से कम केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में संबंधित भाषाओं में विशेषज्ञता प्राप्त शोधार्थियों के लिए शास्त्रीय भाषाओं की कुछ निश्चित सीटें शुरू की जाएं।
उडिय़ा सबसे पुरानी भाषाओं में से एक है और जिसकी हिन्दी, संस्कृत, बंगाली, तेलुगु आदि से कोई समानता नहीं है। इसलिए काफी दिनों से मांग की जा रही थी कि इसे एक शास्त्रीय भाषा घोषित किया जाए। अभी तक संस्कृत, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम को शास्त्रीय भाषाओं का दर्जा दिया गया है।
उडिय़ा इंडो-यूरोपियन कुल की इंडो-आर्यन शाखा से संबंधित एक भारतीय भाषा है। उडिय़ा प्रमुख रूप से भारत के राज्य ओडिशा तथा पश्चिम बंगाल, झारखण्ड, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में बोली जाती है। यह ओडिशा की प्रमुख आधिकारिक तथा झारखण्ड की दूसरी आधिकारिक भाषा है। उडिय़ा शास्त्रीय भाषा के तौर पर वर्गीकृत की जाने वाली छठी भाषा है, जिसके समेत पांच अन्य भाषाएं निम्नलिखित हैं। पिछले साल 2013 में मलयालम भाषा को यह दर्जा दिया गया था। वहीं कन्नड़ और तेलुगू को 2008 , संस्कृत को 2005 और तमिल को वर्ष 2004 में शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया था।
भारत में पन्द्रहवीं लोकसभा का गठन वर्ष 2009 में किया गया था। 2009 में हुए लोकसभा चुनाव के बाद 547 सांसदों को चुना गया। आंकड़ों के अनुसार 15वीं लोकसभा के सदस्यों ने अब तक सबसे कम काम किया है। उन्होंने सबसे कम विधेयक पास किए हैं।
इसी संसद में एक रिकॉर्ड अपराध के नाम भी रहा। संसद में इस बार 162 सांसद आपराधिक पृष्ठभूमि या आपराधिक मुकदमों के साथ लोकतंत्र के मंदिर में आए। दिल्ली स्थित डेमोक्रैटिक रिफॉम्र्स के मुताबिक पिछली बार इनकी संख्या 128 थी। इसी संसद में सांसदों ने कार्यवाही के दौरान मिर्च का स्प्रे किया और चाकू भी लहराया। वहीं तेलंगाना मुद्दे के दौरान संसद की कार्यवाही का सीधा प्रसारण भी रोक दिया गया। इस दौरान खूब हो हल्ला हुआ, कागज फेंके गए और स्पीकर को बोलने नहीं दिया गया।
पिछले पांच साल में भारतीय संसद में अलग-अलग मुद्दों पर विरोध और गतिरोध सामने आया। भारतीय संसद की बैठक हर साल 120-140 दिनों होनी चाहिए। इस बार सिर्फ 60-70 दिन ही हो पाई। इस दौरान सिर्फ 173 बिल ही पास हो पाए, जबकि औसतन हर लोकसभा 317 बिल पास करती है।
कीनियाई भारतीय कीनिया के वो नागरिक हैं जिन के पूर्वज दक्षिण एशियाई राष्ट्र भारत के मूल निवासी थे। शुरुआत में अधिकतर भारतीयों को गिरमिटिया मजदूरों के तौर पर कीनिया लाया गया था। वर्तमान समय में हजारों कीनियावासियों की पैतृक जड़ें भारत से जुड़ी हैं। ये मुख्यत: देश की राजधानी नैरोबी और दूसरे सबसे बड़े शहर मोम्बासा के प्रमुख शहरी क्षेत्रों में और कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं। 1963 में देश को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त हुई, परन्तु इसके पश्चात भारतीयों को वहां नस्लीय उत्पीडऩ का सामना करना पड़ा। राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाने वाले भारतीयों की कानूनी स्थिति में समय के साथ-साथ सुधार आया है।
कीनिया को 1963 में ब्रिटेन से स्वतंत्रता प्राप्त हुई और इसके पश्चात अफ्ऱीकी और भारतीयों के सम्बन्धों में अस्थिरता बढ़ती चली गई। भारतीयों और यूरोपीय लोगों को सरकार द्वारा दो वर्ष का समय दिया गया जिसमें उन से कीनियाई नागरिकता स्वीकार करने और ब्रिटिश पासपोर्ट त्यागने के लिए कहा गया। जिन्होंने कीनियाई नागरिकता स्वीकार नहीं की उन्हें देशद्रोही माना जाने लगा। जिन्होंने कीनियाई नागरिकता ली उन्हें उस समय शासन कर रही सरकार द्वारा भेदभाव का शिकार होना पड़ा। सिविल सेवाओं में भारतीयों को बर्खास्त कर अफ्रीकियों को भर्ती किया जाने लगा। इस प्रकार के उत्पीडऩ के कारण कई भारतीय अपने ब्रिटिश पासपोर्ट के आधार पर यूनाइटेड किंगडम में बस गए। अब लंदन और लेस्टर में अच्छी संख्या में कीनियाई भारतीय रहते हैं।
अहमद शाह दुर्रानी या अब्दाली अफगानिस्तान का शासक था। नादिरशाह की मौत के बाद अहमदशाह अब्दाली सन 1748 में अफग़़ानिस्तान का शासक बना। उसने भारत पर सन 1748 से सन 1758 तक कई बार चढ़ाई की और लूटपाट करता रहा। उसने अपना सबसे बड़ा हमला सन 1757 में जनवरी माह में दिल्ली पर किया। उस समय दिल्ली का शासक आलमगीर (द्वितीय) था। वह बहुत ही कमज़ोर और डरपोक शासक था। उसने अब्दाली से अपमानजनक संधि की जिसमें एक शर्त दिल्ली को लूटने की अनुमति देना था। अहमदशाह एक माह तक दिल्ली में ठहर कर लूटमार करता रहा। वहां की लूट में उसे करोड़ों की संपदा हाथ लगी थी।
दिल्ली लूटने के बाद अब्दाली का लालच बढ़ गया। उसने दिल्ली से सटी जाटों की रियासतों को भी लूटने का मन बनाया। ब्रज पर अधिकार करने के लिए उसने जाटों और मराठों के विवाद की स्थिति का पूरी तरह से फायदा उठाया। अहमदशाह अब्दाली पठानों की सेना के साथ दिल्ली से आगरा की ओर चला। अब्दाली की सेना की पहली मुठभेड़ जाटों के साथ बल्लभगढ़ में हुई। वहां जाट सरदार बालूसिंह और सूरजमल के ज्येष्ठ पुत्र जवाहर सिंह ने सेना की एक छोटी टुकड़ी लेकर अब्दाली की विशाल सेना को रोकने की कोशिश की। उन्होंने बड़ी वीरता से युद्ध किया पर उन्हें शत्रु सेना से पराजित होना पड़ा।
मुसलमान लेखकों ने लिखा है- अब्दाली द्वारा ऐसा भारी विध्वंस किया गया था कि आगरा-दिल्ली सडक़ पर झोपड़ी भी ऐसी नहीं बची थी, जिसमें एक आदमी भी जीवित रहा हो। अब्दाली की सेना के आवागमन के मार्ग में सभी स्थान ऐसे बर्बाद हुए कि वहां दो सेर अन्न तक मिलना कठिन हो गया था।