राष्ट्रीय
भोपाल, 21 जुलाई (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश में पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को दिए जाने वाले आरक्षण को 14 से 27 प्रतिशत करने के फैसले पर उच्च न्यायालय द्वारा दिया गया स्थगन जारी रहेगा। इस तरह राज्य में अभी पिछड़ा वर्ग को 14 प्रतिशत आरक्षण ही मिलेगा। न्यायालयीन सूत्रों ने बताया है कि राज्य सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 14 से 27 फीसदी किए जाने के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में दायर की गई याचिका पर पिछले साल स्थगन दिया गया था। इस स्थगन को हटाने के लिए राज्य सरकार द्वारा अपील की गई। इस अपील पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश संजय यादव व न्यायाधीश वी.के. श्रीवास्तव की युगलपीठ ने सरकार की तरफ से दायर अपील तथा दो अन्य याचिकाओं की सुनवाई करते हुए स्थगन आदेश वापस लेने से इनकार कर दिया।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किए जाने के विरोध में अशिता दुबे सहित एक दर्जन याचिकाएं हाईकोर्ट में दायर की गई थी। याचिकाकर्ता अशिता दुबे की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में ओबीसी वर्ग को 14 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के अंतरिम आदेश 19 मार्च 2019 को जारी किए थे।
युगलपीठ ने पीएससी द्वारा विभिन्न पदों पर ली गई परीक्षाओं की चयन सूची में भी ओबीसी वर्ग को 14 फीसदी आरक्षण दिए जाने का अंतरिम आदेश पारित किए थे।
बताया गया है कि प्रदेश सरकार तथा कलेक्टर रायसेन ने पूर्व में जारी स्थगन आदेश वापस लेने तथा ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के संबंध में अपील दायर की थी। हाईकोर्ट की युगलपीठ ने अपील और दायर अन्य याचिकाओं की सुनवाई करते हुए पूर्व में पारित स्थगन आदेश वापस लेने से इनकार कर दिया। अपील पर नोटिस जारी करते हुए युगलपीठ ने अनावेदकों से जवाब मांगा है।
याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से उप-अधिवक्ता आशीष आनंद बर्नाड तथा सरकार की तरफ से अधिवक्ता आदित्य संघी ने पैरवी की।
रांची, 20 जुलाई (आईएएनएस)| झारखंड के कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने पार्टी नेता राहुल गांधी से उत्त प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए फंड जुटाने की अगुवाई करने की अपील की है। यादव ने राहुल को एक पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने कहा है, "अगर कोई विशेष राजनीतिक दल राम मंदिर निर्माण का आगे बढ़कर नेतृत्व करेगा तो वह राजनीतिक लाभ प्राप्त करने की कोशिश करेगा। मेरा अनुरोध देश की एकता और धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को मजबूत करेगा। यह किसी भी विशेष पार्टी को मंदिर निर्माण पर अपनी इच्छा को लागू नहीं करने देगा।"
यादव ने झारखंड विकास मोर्चा-प्रजातांत्रिक (जेवीएम-पी) के टिकट पर 2019 विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी। जेवीएम-पी के भाजपा में विलय के बाद, उन्होंने कांग्रेस में शामिल होना पसंद किया। इसके पहले 2006 में यादव भाजपा से जेवीएम-पी में शामिल हुए थे।
पत्र की प्रतियां कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बसपा अध्यक्ष मायावती, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और अन्य मुख्यमंत्रियों को भी भेजी गई हैं।
लखनऊ, 20 जुलाई (आइएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बड़ी संख्या में कोविड-19 के लक्षणरहित संक्रमित लोग बीमारी को छुपा रहे हैं, जिससे संक्रमण बढ़ सकता है। इसे देखते हुए राज्य सरकार एक निर्धारित प्रोटोकॉल के अधीन शर्तों के साथ होम आइसोलेशन की अनुमति देगी। मुख्यमंत्री योगी सोमवार को यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के लक्षणरहित संक्रमित लोग बीमारी को छुपा रहे हैं, जिससे संक्रमण बढ़ सकता है। इसलिये राज्य सरकार एक निर्धारित प्रोटोकॉल के अधीन शर्तों के साथ होम आइसोलेशन की अनुमति देगी। रोगी और उसके परिवार को होम आइसोलेशन के प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य होगा। यद्यपि राज्य सरकार के पास कोविड हॉस्पिटल में पर्याप्त संख्या में कोविड बेड्स मौजूद हैं।
उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था को लागू करने के साथ-साथ लोगों को कोविड-19 से बचाव के बारे में सतत जागरूक किया जाए। इस सम्बन्ध में एक व्यापक जागरूकता अभियान संचालित किया जाए। जागरूकता अभियान में प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया सहित बैनर, होर्डिंग, पोस्टर तथा पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग किया जाए। उन्होंने मास्क के अनिवार्य रूप से उपयोग तथा सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन कराए जाने के निर्देश भी दिए।
योगी ने कहा कि बेहतर इम्युनिटी कोविड-19 से बचाव के लिए जरूरी है। इस सम्बन्ध में भी जनता को जागरूक किए जाने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि लोगों को ‘आरोग्य सेतु’ एप तथा ‘आयुष कवच-कोविड’ एप को डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
योगी ने कहा कि डोर-टू-डोर सर्वे एक आवश्यक प्रक्रिया है, जिसके अन्तर्गत मेडिकल स्क्रीनिंग के माध्यम से कोविड-19 के रोगियों को चिन्हित करने में बड़ी सहायता मिल रही है। उन्होंने इस कार्य को सतत जारी रखे जाने के निर्देश देते हुए कहा कि कोरोना की दृष्टि से संदिग्ध पाए गए व्यक्तियों की रैपिड एन्टीजन टेस्ट के द्वारा जांच की जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कोविड-19 से होने वाली मृत्यु की दर को न्यूनतम स्तर पर लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग प्रभावी कार्यवाही करें। संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग प्रत्येक दशा में की जाए। उन्होंने जनपद लखनऊ , कानपुर नगर, बस्ती, प्रयागराज, बरेली, गोरखपुर, बलिया, झांसी, मुरादाबाद एवं वाराणसी में चिकित्सकों की विशेष टीम भेजने के लिए स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि इन जनपदों के नोडल अधिकारी भी टीम के साथ रहेंगे।
नई दिल्ली, 20 जुलाई (आईएएनएस)| जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर इस बार स्वतंत्रता दिवस से पहले मोदी सरकार का रुख स्पष्ट हो सकता है। भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर 14 अगस्त को केंद्र सरकार जवाब दाखिल करेगी। देश मे लंबे समय से उठ रही जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग के मद्देनजर सरकार के रुख पर अब सभी की निगाहें हैं। पिछले वर्ष 15 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी ने भी जनसंख्या विस्फोट पर चिंता जताते हुए कहा था कि इससे अनेक संकट पैदा होते हैं। सीमित परिवार रखने को उन्होंने देशभक्ति से जोड़ा था। ऐसे में एक बार फिर 15 अगस्त से पहले इस मुद्दे पर हो रही सुनवाई को लेकर हलचल है।
दरअसल, भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय की दाखिल याचिका पर बीते 10 जनवरी को ही सुप्रीम कोर्ट ने गृह मंत्रालय के साथ विधि एवं न्याय मंत्रालय को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा था। मगर, छह महीने तक केंद्र सरकार ने जवाब नहीं दाखिल किया तो याचिकाकर्ता ने सवाल उठाए। याचिकाकर्ता ने साइलेंस इज ऐक्सेप्टेंस की बात कहते हुए कहा कि सरकार के जवाब न दाखिल करने का मतलब है कि वह इसे स्वीकार कर रही है।
बीते 13 जुलाई को सुनवाई के दौरान जब सुप्रीम कोर्ट ने फिर केंद्र सरकार से इस मसले पर जवाब-तलब किया तो सरकार ने कहा है कि उसे चार हफ्ते का वक्त चाहिए। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त तक समय दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए यह तिथि तय की है।
भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने आईएएनएसस से कहा, "14 अगस्त तक केंद्र सरकार को जनसंख्या नियंत्रण कानून पर जवाब दाखिल करना है। जवाब से ही पता चल जाएगा कि सरकार इस कानून पर क्या सोचती है? हम दो हमारे दो कानून के जरिए देश की करीब 50 फीसदी समस्याओं का समाधान हो जाएगा।"
भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय के मुताबिक, वाजपेयी सरकार में जस्टिस वेंकट चलैया की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय संविधान समीक्षा आयोग गठित हुआ था। दो साल तक संविधान की समीक्षा के बाद वेंकटचलैया कमीशन ने संविधान में अनुच्छेद 47 ए जोड़ने और जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने का सुझाव दिया था। कमीशन ने यह भी कहा था कि जनसंख्या नियंत्रण कानून मानवाधिकार या किसी अंतरराष्ट्रीय संधि का उल्लंघन नहीं करता।
अश्विनी उपाध्याय ने आईएएनएस से कहा, "वेंकटचलैया कमीशन ने केंद्र सरकार को 31 मार्च 2002 को रिपोर्ट सौंपी थी। इस रिपोर्ट की सिफारिशों के आधार पर आरटीआई, राईट टू फूड और राईट टू एजुकेशन, जैसे अहम कानून देश में आगे चलकर बने। मगर, जनसंख्या नियंत्रण कानून की सिफारिशों पर सरकारों ने ध्यान नहीं दिया।"
नई दिल्ली, 20 जुलाई। चीनी स्मार्टफोन निर्माण कंपनी ओप्पो ने सोमवार को ऐलान किया है कि कंपनी कव्र्ड 3 डी बॉर्डरलेस सेंस स्क्रीन के साथ 31 जुलाई को भारत में अगले रेनो डिवाइस रेनो 4 प्रो को लॉन्च करने के लिए बिल्कुल तैयार है। इस स्मार्टफोन को हाल ही में चीन में 3,799 रेनमिनबी में लॉन्च किया गया जो रुपये के हिसाब से लगभग 40,500 के आसपास है ।
डिवाइस के स्पेसिफिकेशन की बात करें, तो स्मार्टफोन में 6.5 इंच का कव्र्ड एमोलेड डिस्प्ले 90 हट्र्ज रिफ्रेश रेट के साथ है।
यह स्मार्टफोन क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 765जी सिस्टम-ऑन-चिप द्वारा संचालित है, जिसमें 12जीबी रैम और 256जीबी इंटरनल स्टोरेज है। इसे एंड्रॉइड 10 ऑपरेटिंग सिस्टम-आधारित कलरओएस 7.2 यूजर इंटरफेस के साथ उपलब्ध कराया जाएगा।
डिवाइस में पीछे की तरफ एक ट्रिपल कैमरा सेट-अप है, जिसमें ऑप्टिकल इमेज स्टेबिलाइजेशन के साथ 48एमपी का प्राइमरी सेंसर, 12एमपी का अल्ट्रा वाइड सेंसर और 13एमपी का टेलीफोटो सेंसर मौजूद है। फोन में आगे की तरफ 32एमपी का सेल्फी कैमरा है।
स्मार्टफोन में 2000 एमएएच क्षमता वाली दो बैटरी (कुल 4000एमएएच) दी गई है, जिसमें ओप्पो की 65 वॉट के सुपर वीओओसी चाजिर्ंग की सुविधा मिलती है और इसके साथ बॉक्स में एक चार्जर भी दी जाएगी। (IANS)
नई दिल्ली, 20 जुलाई। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि वह इस बात से चकित है कि गैंगस्टर विकास दुबे के खिलाफ इतने सारे मामले दर्ज होने के बावजूद वह जमानत पर रिहा कर दिया गया था। कोर्ट ने आगे कहा कि इससे उसके (विकास) जैसे किसी व्यक्ति को सलाखों के पीछे रखने में 'संस्थागत विफलता' जाहिर होती है। प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे ने कहा, "हम सभी आदेशों पर एक सही रिपोर्ट चाहते हैं। दांव पर सिर्फ उत्तर प्रदेश में घटी एक घटना भर नहीं है। पूरा सिस्टम दांव पर है। इसे याद रखिए ।"
अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पैरवी कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को विकास दुबे मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके डिप्टी द्वारा दिए गए बयानों पर गौर करने का भी निर्देश दिया।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, "यदि उन्होंने खास बयान दिए हैं और उसके बाद कुछ हुआ है, तो आपको इस पर गौर करना चाहिए।"
शीर्ष अदालत अब बुधवार को इस मामले की सुनवाई करेगी, और उस दौरान राज्य सरकार न्यायिक जांच पर जारी की गई अधिसूचना के मसौदा को प्रस्तुत करेगी, जिसमें उसने तीन जुलाई को बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या और उसके बाद के घटनाक्रम के विभिन्न पहलुओं की जांच के आदेश दिए थे।
जब उत्तर प्रदेश पुलिस का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि "हम पुलिस फोर्स का मनोबल नहीं गिरा सकते" तो प्रधान न्यायाधीश ने कहा, "कानून के शासन को मजबूत कीजिए, पुलिस बल का मनोबल कभी नहीं गिरेगा।" (IANS)
भोपाल, 20 जुलाई। देश में राम मंदिर निर्माण की तैयारियों को लेकर हलचल तेज हो गई है। 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन में शामिल हो सकते हैं। इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, "हर कोई चाहता है कि भव्य राम मंदिर बने। लेकिन उन्होंने (केंद्र) न्यास में शंकराचार्यों को जगह नहीं दी, इसके बजाय वीएचपी और बीजेपी नेताओं को इसका सदस्य बनाया गया है। हमें इस पर आपत्ति है।"
मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा कि अगर पीएम मोदी 5 अगस्त को मंदिर का शिलान्यास करते हैं, तो रामनंदी संप्रदाय के सभी शंकराचार्य और स्वामी रामनरेशाचार्य जी को समारोह में आमंत्रित किया जाना चाहिए और न्यास का सदस्य बनाना चाहिए।
मोदी आएंगे क्या?
मणिराम छावनी मठ के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने कहा कि अब मंदिर निर्माण जल्द शुरू होगा। महंत नृत्यगोपाल दास ने पीएम को मंदिर की आधारशिला रखने के लिए निमंत्रण पत्र भेजा है। संतों की मांग है कि वे जल्द यहां आकर मंदिर का निर्माण शुरू करवाएं। पीएम पहले ही आने वाले थे लेकिन कोरोना संकट से मामला टल गया। अब प्रधानमंत्री के 3 या 5 अगस्त को अयोध्या आने की संभावना जताई जा रही है लेकिन ट्रस्ट की ओर से इस तिथि को अभी फाइनल नहीं किया गया है।
भूमि पूजन में पीएम को बुलाने की थी डिमांड
ट्रस्टी नृत्यगोपाल दास ने पीएम मोदी से भूमि पूजन में शामिल होने का निवेदन किया था। रामलला मंदिर के प्रधान पुजारी सत्येंद्र दास मांग करते रहे थे कि ट्रस्ट की बैठक में पीएम का कार्यक्रम तय किया जाए, जिससे मंदिर का निर्माण जल्द शुरू हो सके। वहीं जगद्गुरू राम दिनेशाचार्य ने कहा कि संत चाहते हैं कि पीएम मंदिर निर्माण जल्द शुरू करवाएं। दूसरी ओर, बाबरी मंस्जिद के पक्षकार रहे इक़बाल अंसारी ने भी कहा कि वे पीएम मोदी का अयोध्या में स्वागत करना चाहते हैं। (NBT)
जयपुर, 20 जुलाई। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से जारी आयोग्यता के नोटिस के खिलाफ कांग्रेस के बागी सचिन पायलट और 18 कांग्रेस विधायकों द्वारा दाखिल एक याचिका पर राजस्थान हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान विधानसभा अध्यक्ष की ओर से पेश हुए अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सोमवार को कहा कि पायलट खेमे की याचिका प्री-मेच्योर है और इसलिए उसे खारिज किया जाना चाहिए ।
सचिन पायलट खेमे की याचिका की सुनवाई राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह मोहंती और न्यायमूर्ति प्रकाश गुप्ता की पीठ कर रही है।
सिंघवी ने मामले पर बहस करते हुए कहा, "विधानसभा अध्यक्ष ने मात्र नोटिस दिया है, विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराया है। विधानसभा अध्यक्ष के आदेश को मात्र सीमित आधार पर चुनौती दी जा सकती है, पायलट खेमे द्वारा दायर याचिका में ऐसा कोई आधार नहीं है।"
सिंघवी ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने 21 जनवरी के अपने फैसले में कहा था कि कोर्ट विधानसभा अध्यक्ष के अधिकारों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती, फिर ये बहस क्यों हो रही?"
सिंघवी ने आगे कहा, "विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस की कोई न्यायिक समीक्षा नहीं हो सकती। नोटिस बोलने की आजादी के खिलाफ नहीं है। पार्टी विरोधी गतिविधियां राजनीतिक पाप है और कानूनी रूप से भी गलत है।"
विधानसभा अध्यक्ष द्वारा नोटिस भेजे जाने के खिलाफ पायलट खेमे द्वारा दायर एक याचिका पर गुरुवार से सुनवाई चल रही है।
बागियों ने गुरुवार को अदालत में कांग्रेस को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा था कि खुलकर बोलने को पार्टी विरोधी गतिविधि नहीं माना जा सकता।
याचिका में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जारी किए गए नोटिस की वैधता पर सवाल उठाया गया है और राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी की ओर से दाखिल शिकायत को प्रेरित बताया गया है।
पायलट खेमे का नेतृत्व देश के दो बड़े वकील मुकुल रोहतगी और हरीश साल्वे कर रहे हैं, दूसरी ओर राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी पैरवी कर रहे हैं।
बागियों का कहना है कि उन्हें इस तरह का नोटिस नहीं दिया जा सकता, क्योंकि राजस्थान विधानसभा सत्र में नहीं है।
वकील हरीश साल्वे ने शुक्रवार को कहा था कि असंतुष्ट विधायक संविधान की 10वीं अनुसूची में मौजूद दल बदल कानून को चुनौती देना चाहते हैं।
इसके बाद सुनवाई सोमवार के लिए स्थगित कर दी गई थी और विधानसभा अध्यक्ष से कहा गया था कि वह मंगलवार तक कोई कार्रवाई न करें। (IANS)
नई दिल्ली, 20 जुलाई। देश भर के एक दर्जन से अधिक छात्रों ने 6 जुलाई को जारी किए गए यूजीसी दिशानिर्देशों को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। यूजीसी के दिशानिर्देशों में, सभी विश्वविद्यालयों / कॉलेजों को 30 सितंबर, 2020 तक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं आयोजित करने का निर्देश दिया गया था। याचिकाकर्ताओं, जिनमें एक COVID पॉजिटिव छात्र भी शामिल है, ने कहा है कि ऐसे कई अंतिम वर्ष के छात्र हैं, जो या तो खुद या उनके परिवार के सदस्य COVID पॉजिटिव हैं।
उनकी दलील है, "ऐसे छात्रों को 30 सितंबर, 2020 तक अंतिम वर्ष की परीक्षाओं में बैठने के लिए मजबूर करना, अनुच्छेद 21 के तहत प्रदत्त जीवन के अधिकार का खुला उल्लंघन है।" केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 6 जुलाई, 2020 को एक अधिसूचना के जरिए विश्वविद्यालयों और संस्थानों को परीक्षा आयोजित करने की अनुमति दी थी, और विश्वविद्यालयों को यूजीसी के दिशानिर्देशों और मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को अनिवार्य रूप से आयोजित करने का आदेश दिया था।
गृह मंत्रालय की अधिसूचना के बाद, यूजीसी ने अंतिम सेमेस्टर के छात्रों की परीक्षा के लिए संशोधित दिशानिर्देश जारी किए, जिसमें विश्वविद्यालयों को ऑफलाइन (पेन और पेपर) / ऑनलाइन / मिश्रित (ऑफलाइन + ऑनलाइन) मोड में परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया गया है। एडवाकेट अलख आलोक श्रीवास्तव के माध्यम से दायर, याचिका में दावा किया गया है कि आमतौर पर 31 जुलाई तक छात्रों को मार्कशीट/ डिग्री प्रदान की जाती है, हालांकि वर्तमान मामले में, परीक्षाएं 30 सितंबर तक समाप्त होंगी।
याचिका में कहा गया है, "मार्कशीट/ डिग्री के विलंब अवार्ड होने के कारण, याचिकाकर्ता और कई अन्य अंतिम वर्ष के छात्र उच्च पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने और / या नौकरी पाने के बहुमूल्य अवसरों से वंचित हों जाएंगे, जो अनुच्छेद 14 का उल्लंघन होगा।" याचिका में दलील दी गई है कि अंतिम वर्ष के छात्रों को भी CBSE, ICSE, ISC, NIOS आदि के छात्रों के बराबर रखा जाना चाहिए, जिन्होंने COVID-19 के कारण अपने 10 वीं / 12 वीं बोर्ड परीक्षाओं को रद्द कर दिया और छात्रों के "पिछले प्रदर्शन/ आंतरिक मूल्यांकन" के आधार पर परिणाम घोषित किया।
याचिका में उन्होंने यूजीसी को आंतरिक मूल्यांकन पूरा कराने का निर्देश देने की मांग की है और 31 जुलाई, 2020 को या उससे पहले अंतिम वर्ष के सफल छात्रों को रिजल्ट/ डिग्री अवार्ड करने का निर्देश देने को कहा है।
याचिका में निम्न शिकायतों को शामिल किया गया है-
-उत्तरदाताओं द्वारा अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित कराने का लिया गया निर्णय, पूरी तरह मनमाना और सनक भरा है। अन्य हितधारकों, जैसे डॉक्टरों, शिक्षकों, छात्रों, विश्वविद्यालयों और कॉलेजों आदि से परामर्श भी नहीं किया गया है। इस प्रकार के निर्णय की पूरी उत्पत्ति त्रुटिपूर्ण और गलत है।
-उत्तरदाताओं ने बिहार, असम और उत्तर पूर्वी राज्यों के लाखों छात्रों की दुर्दशा को नजरअंदाज कर दिया है, जो वर्तमान में लगातार बाढ़ का सामना कर रहे हैं।
-रेलवे की आवाजाही नहीं हो रही है और मात्र कुछ चुनिंदा ट्रेनें ही चल रही हैं। ऐसी स्थिति में, एक छात्र, जिसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट के माध्यम से परीक्षा केंद्र पर जाना है, उसे भारी कठिनाई का सामना करना पड़ेगा।
-COVID-19 के प्रकोप के कारण, पूरे भारत में किराए पर/ पीजी आवास प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि मकान मालिक आवास देने के लिए तैयार नहीं हैं।
-COVID-19 संकट के कारण वित्तीय अवसरों में कमी आई है और प्रभावित छात्रों के माता-पिता अत्यधिक वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में, उन पर, परीक्षा में उपस्थित होने के लिए, संतानों के परिवहन, आवास और चिकित्सा उपचार का बोझ डालना पूरी तरह से अन्यायपूर्ण, अनुचित और अनपेक्षित है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में COVID-19 के कारण अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को रद्द कराने के लिए कानून के छात्र की ओर से दायर जनहित याचिका पर महाराष्ट्र सरकार, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और बार काउंसिल ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया था। (livelaw)
नई दिल्ली, 20 जुलाई। दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को 79 बांग्लादेशी और 42 किर्गिस्तानी नागरिकों पर 5000-5000 रुपये का जुर्माना लगाया। इन विदेशी नागरिकों ने मार्च में तबलीगी जमात में भाग लेने के दौरान विभिन्न उल्लंघनों से जुड़े अपने आरोप कबूल कर लिए थे। विदेशी नागरिकों ने भारत में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों के बाद भी निजामुद्दीन मरकज में हिस्सा लिया। साथ ही भारत सरकार द्वारा जारी वीजा मानदंडों और दिशानिर्देशों का कथित उल्लंघन किया था ।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट जितेन्द्र प्रताप सिंह और रोहित गुलिया ने बांग्लादेशी और किर्गिस्तान के नागरिकों को दोषी ठहराते हुए प्रत्येक पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया।
हालांकि, तीन बांग्लादेशी और आठ किर्गिस्तानी नागरिकों ने मामले में आरोपों को स्वीकार नहीं किया है।
वहीं दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने इस मामले में 900 से अधिक विदेशी नागरिकों को नामजद किया है। बता दें कि तबलीगी जमात प्रमुख मौलाना साद कांधलवी और अन्य के खिलाफ 31 मार्च को प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), महामारी रोग अधिनियम, आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत और आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधात्मक आदेशों के उल्लंघन भी आरोप लगाए गए हैं।(IANS)
भुवनेश्वर, 20 जुलाई। ओडिशा के बालासोर जिले में एक दुर्लभ प्रजाति के पीले रंग के कछुए को देखा गया। स्थानीय लोगों ने उसे सुरक्षित बचाकर वन विभाग के हवाले कर दिया। इसकी जानकारी सोमवार को एक अधिकारी ने दी। सोरो ब्लॉक के सुजानपुर गांव के स्थानीय लोगों ने रविवार को अनोखे पीले रंग के कछुए को बचाया।
कछुआ साजनपुर गांव के वासुदेव महापात्र नामक किसान की खेत में पाया गया है। रविवार को वासुदेव ने अपने खेत में काम करते हुए यह कछुआ देखा था। कछुए को पकड़कर वह अपने घर ले आया। बाद में उसने कछुए को वन अधिकारियों को सौंप दिया।
बालासोर के वरिष्ठ आईएफएस और चिल्का डेवलपमेंट अथॉरिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुशांत नंदा ने अपने ट्विटर हैंडल से कछुए का वीडियो साझा किया।
उन्होंने ट्वीट कर बताया कि पीले रंग का एक कछुआ बालासोर में देखा गया और उसे रेस्क्यू कर लाया गया है। यह संभवत: अल्बिनो है। इस तरह का एक और कछुआ कुछ साल पहले सिंध में पाया गया था। कछुए की आंखें गुलाबी रंग की दिखाई दे रही हैं। (IANS)
नैनीताल, 20 जुलाई (वार्ता)। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में रविवार रात को अतिवृष्टि के कारण हुए भूस्खलन से दो गांवों में तीन लोगों की मौत हो गयी है और अन्य 11 लापता हो गए तथा पांच लोग घायल हो गये हैं। अतिवृष्टि के कारण भूस्खलन से मदकोट और सिरतौला में कई मकान क्षतिग्रस्त हो गये हैं। मौके पर युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य चलाया जा रहा है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पिथौरागढ़ की घटनाओं पर दुख जताते हुए जिलाधिकारी को राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए है। उन्होंने पीडि़त लोगों को सहायता राशि प्रदान करने के लिए निर्देश दिए है।
पिथौरागढ़ के बंगापानी तहसील में पिछले दो दिनों में यह दूसरी बड़ी घटना है। प्रशासनिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मल्ला गैला और टांगा ग्राम पंचायतों में कल रात भारी बारिश के कारण भूस्खलन के मलबे की चपेट में कई घर आ गये हैं। मल्ला गैला गांव में एक मकान के मलबे में दब कर एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गयी है। तीनों के शव को बरामद कर लिया गया है। मृतकों की पहचान शेर सिंह, पत्नी गोविंदी देवी और पुत्री ममता के रूप में हुई है। जबकि पांच लोग घायल हो गए हैं। घायलों में शेर सिंह, रूक्मणी देवी, प्रियंका देवी, शीला देवी एवं ढाई साल का बच्चा मंकू शामिल है। मल्ला गैला में भूस्खलन की चपेट में आकर शेर सिंह, महेन्द्र सिंह और मान सिंह के मकान भी क्षतिग्रस्त हो गये हैं। मदकोट और मुनस्यारी से राज्य आपदा प्रबंधन बल (एसडीआरएफ) एवं राजस्व विभाग की टीम को आज सुबह ही प्रभावित गांव के लिये रवाना किया गया। टीम ने स्थानीय ग्रामीणों के साथ मिलकर मौके पर राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया है।
दूसरी घटना बंगापानी तहसील के ही मुनियाल ग्राम सभा के टांगा तोक की है। यहां भी कल रात तेज बारिश के कारण हुए भूस्खलन की चपेट में आने से कई घरों को नुकसान पहुंचा है। भूस्खलन की चपेट में आए 11 लोग लापता हैं। एक घायल व्यक्ति को मलबे से जिंदा निकाला गया है। घायल व्यक्ति को उपचार के लिये अस्पताल ले जाया गया है। यहां भी दो मकान क्षतिग्रस्त हो गये हैं। घटनास्थल की ओर एसडीआरएफ, राजस्व एवं पुलिस की टीम को रवाना किया गया है। विस्तृत रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है।
जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे एवं अपर जिलाधिकारी आर के पालीवाल खुद हालात का जायजा ले रहे हैं। उपजिलाधिकारी बंगापानी अनिल शुक्ला खुद मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य संचालित कर रहे हैं।
इसी प्रकार बाता मदकोट में भी अतिवृष्टि के चलते दो मकान क्षतिग्रस्त हो गये हैं जबकि कुछ मवेशियों के बहने की सूचना है। सिरतोला में भी भारी बारिश व भूस्खलन व तीन मकानों में मलबा घुस गया है। जिलाधिकारी जोगदंडे ने भी मल्ला गैला एवं टांगा में हुई घटनाओं की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में कई मोटर मार्ग एवं सडक़ों भी नुकसान हुआ है। प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत क्षतिग्रस्त सडक़ों एवं मार्गों को दुरूस्त करने का काम किया जा रहा है।
इससे पहले रविवार को भी भारी बारिश के कारण पिथौरागढ़ के बंगापानी गांव में पांच मकान गोरी नदी में समा गये थे जबकि शेरा सुरई, धापा एवं फलौटा गांव में 30 परिवारों को विस्थापित किया गया था।
विजयपुरा, 20 जुलाई। कर्नाटक के विजयपुरा में एक दलित और उसके परिवार के सदस्यों की भीड़ द्वारा बेरहमी से पिटाई किए जाने की खबर है। शनिवार को यहां गुस्साई भीड़ ने इस शख्स को निर्वस्त्र कर दिया और उसके परिवार वालों को भी पीटा।
पुलिस ने बताया कि भीड़ को गुस्सा इसलिए आया था क्योंकि इस शख्स ने कथित तौर ऊंची जाति से आने वाले एक शख्स की बाइक को छू दिया था। घटना का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें दिख रहा है कि पीडि़त को कुछ लोगों ने जमीन पर दबोच रखा है और उसकी डंडों और जूतों से पिटाई कर रहे हैं।
यह घटना बेंगलुरु से 530 किलोमीटर दूर विजयपुरा की है। जानकारी है कि पिटाई के बाद पीडि़त पुलिस स्टेशन पहुंचा और पुलिस के अपने ऊपर हुए हमले की घटना बताई। सीनियर पुलिस अफसर अनुपम अग्रवाल ने बताया, तालीकोट में कल एक मीनाजी गांव के दलित शख्स की कू्ररता से पिटाई की खबर आई थी। आरोप था कि उसने गलती से किसी ऊंची जाति वाले शख्स की बाइक को छू दिया था। जिसके बाद कुछ 13 लोगों ने उसकी और उसके परिवारवालों की पिटाई कर दी।
इस मामले में शिकायत दर्ज की गई है और इसमें 13 लोगों के नाम दर्ज किए गए हैं। कुछ आरोपियों से पूछताछ चल रही है। वीडियो क्लिप में देखा जा सकता है कि कोरोनावायरस के वक्त में-जब लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम लागू हैं, गुस्साई भीड़ इस परिवार को पीटने में जुटी पड़ी है। ये सभी आरोपी एक दूसरे के करीब खड़े हैं- इनमें से कुछ ने पीडि़त को जमीनपर पकडक़र दबा रखा है, वहीं कुछ लोग उसे पीट रहे हैं। सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के बीच ये आरोपी इसका उल्लंघन तो कर ही रहे हैं, उनमें से अधिकतर ने मास्क भी नहीं पहन रखा है।
नई दिल्ली, 20 जुलाई (आईएएनएस)। कानपुर में एनकाउंटर में मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे के बारे में सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे ने इस बात पर हैरानी जताई कि विकास दुबे के खिलाफ ढेर सारे मामले दर्ज होने के बावजूद उसे जमानत पर रिहा कैसे कर दिया गया था।
अयोध्या, 20 जुलाई (आईएएनएस)। अयोध्या में राममंदिर का निर्माण के लिए भूमि पूजन 5 अगस्त को प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में यह कार्यक्रम आयोजित किया जाना है। इसके लिए तैयारियां शुरू हो गयी हैं। ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर उत्साहित है। उन्होंने बताया कि 40 किलो की चांदी की ईंट रखकर प्रधानमंत्री इसका शुभारंभ करेंगे। जमीन से साढ़े तीन फिट अंदर रखी जाने वाली ईंट में नक्षत्रों का प्रतीक होगा।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने कहा कि भूमि पूजन के अनुष्ठान 3 अगस्त से ही शुरू हो जाएंगे। इसके लिए काशी के विद्वान पंडितों को बुलाया जाएगा। कोरोना महामारी को देखते हुए इसमें सीमित संख्या में लोग मौजूद रहेंगे।
सूत्रों के अनुसार इस दौरान अयोध्या को भव्य तरीके सजाया जाएगा। इस दौरान रामजन्मभूमि आंदोलन से जुड़े तमाम लोगों को बुलाए जाने की चर्चा हो रही है। बताया जा रहा है कार्यक्रम में लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशाी के अलावा ऐसे नेताओं को भी बुलाया जा सकता है, जो कभी राममंदिर के पक्ष में दबे स्वर में ही बोलते रहे हो।
ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय को एक औपचारिक निमंत्रण भेजा गया है, लेकिन अभी तक उनके कार्यक्रम की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, हालांकि एक अस्थायी कार्यक्रम तय किया है।
मिश्रा ने यह भी कहा कि प्रस्तावित मंदिर में एक विश्व स्तरीय संग्रहालय भी होगा जहां लोग राम जन्मभूमि स्थल से खुदाई में निकली पुरातात्विक कलाकृतियों को देख सकेंगे।
अयोध्या, 20 जुलाई (आईएएनएस)। अयोध्या में राममंदिर का निर्माण के लिए भूमि पूजन 5 अगस्त को प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में यह कार्यक्रम आयोजित किया जाना है। इसके लिए तैयारियां शुरू हो गयी हैं। ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर उत्साहित है। उन्होंने बताया कि 40 किलो की चांदी की ईंट रखकर प्रधानमंत्री इसका शुभारंभ करेंगे। जमीन से साढ़े तीन फिट अंदर रखी जाने वाली ईंट में नक्षत्रों का प्रतीक होगा।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने कहा कि भूमि पूजन के अनुष्ठान 3 अगस्त से ही शुरू हो जाएंगे। इसके लिए काशी के विद्वान पंडितों को बुलाया जाएगा। कोरोना महामारी को देखते हुए इसमें सीमित संख्या में लोग मौजूद रहेंगे।
सूत्रों के अनुसार इस दौरान अयोध्या को भव्य तरीके सजाया जाएगा। इस दौरान रामजन्मभूमि आंदोलन से जुड़े तमाम लोगों को बुलाए जाने की चर्चा हो रही है। बताया जा रहा है कार्यक्रम में लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशाी के अलावा ऐसे नेताओं को भी बुलाया जा सकता है, जो कभी राममंदिर के पक्ष में दबे स्वर में ही बोलते रहे हो।
ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय को एक औपचारिक निमंत्रण भेजा गया है, लेकिन अभी तक उनके कार्यक्रम की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, हालांकि एक अस्थायी कार्यक्रम तय किया है।
मिश्रा ने यह भी कहा कि प्रस्तावित मंदिर में एक विश्व स्तरीय संग्रहालय भी होगा जहां लोग राम जन्मभूमि स्थल से खुदाई में निकली पुरातात्विक कलाकृतियों को देख सकेंगे।
पटना, 20 जुलाई (आईएएनएस)। बिहार और नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही बारिश के बाद राज्य की सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्घि हुई है। राज्य के कई नए क्षेत्रों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। राज्य की कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं जिससे आठ जिलों की करीब तीन लाख की आबादी प्रभावित हुई है।
बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य चलाए जा रहे हैं। इधर, विपक्ष का आरोप है कि बाढ़ के नाम पर राहत रामभरोसे और प्रभावित लोग भगवान भरोसे हो गए हैं। बिहार जल संसाधन विभाग के अनुसार, सोमवार को बागमती नदी सीतामढ़ी के ढेंग, सोनाखान, डूबाधार तथा कटौंझा और मुजफ्फरपुर के बेनीबाद और दरभंगा के हायाघाट में खतरे के निशान के ऊपर बह रही है, जबकि बूढ़ी गंडक समस्तीपुर के रोसरा रेल पुल के पास खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इधर, कमला बलान झंझारपुर में तथा महानंदा पूर्णिया के ढेंगराघाट में खतरे के निशान के ऊपर बह रही है।
कोसी का जलस्तर स्थिर बना हुआ है लेकिन गंडक नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। कोसी का जलस्तर वीरपुर बैराज के पास सोमवार सुबह छह बजे 1.39 लाख क्यूसेक था, जो आठ बजे बढक़र 1.41 लाख क्यूसेक हो गया। गंडक नदी का जलस्राव बाल्मीकिनगर बैराज के पास सुबह आठ बजे 2.06 लाख क्यूसेक था तथा इसके और बढऩे का अनुमान है।
जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने बताया कि भारतीय मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, अगले 72 घंटे में राज्य की लगभग सभी प्रमुख नदियां राइजिंग ट्रेंड में रहेंगी, नदियों के कैचमेंट क्षेत्र में बिहार और नेपाल साइड में बारिश होने की संभावना व्यक्त की गई है।
उन्होंने कहा, बाढ़ सुरक्षात्मक तटबंध सभी सुरक्षित हैं और जहां-जहां जमींदारी बांध या रिंग बांध के क्षतिग्रस्त होने की सूचना प्राप्त होती है, तत्काल उनका मरम्मत किया जाता है। आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि बिहार की विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है। नदियों का जलस्तर बढऩे से अभी बिहार के 8 जिले सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फपुर, गोपालगंज एवं पूर्वी चम्पारण के कुल 31 प्रखंडों की 153 पंचायतें आंशिक रूप से प्रभावित हुई हैं। सुपौल व दरभंगा में दो-दो और गोपालगंज में तीन राहत शिविर चलाए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि गोपालगंज व पूर्वी चंपारण में नौ-नौ, सुपौल में दो और दरभंगा में सात सामुदायिक रसोई घर चलाए जा रहे हैं, जिनमें प्रतिदिन लगभग 21,000 लोग भोजन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक 153 ग्राम पंचायतों की 2.92 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है।
इधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह ने बिहार सरकार को कोरोना और बाढ़ दोनों में असफल बताया। उन्होंने कहा कि बाढ़ के नाम पर राहत रामभरोसे और प्रभावित लोग भगवान भरोसे हो गए हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में इच्छाशक्ति का अभाव होने का आरोप लगाते हुए कहा कि जोड़तोड़ कर बनी सरकार में ना इच्छाशक्ति है और ना ही काम करने की शक्ति है। उन्होंने कहा कि भले ही सरकार बाढ़ प्रभावितों को राहत देने की बात कर रही हो, लेकिन बाढ़ पीडि़त परेशान हैं और दाने-दाने को मोहताज हैं। उन्होंने आशंका जताते हुए कहा कि अगर सरकार नहीं सचेत हुई तो अभी और बदतर हालत होगी।
नई दिल्ली, 20 जुलाई (आईएएनएस)। कांग्रेस के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी ने सोमवार को एक बार फिर भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला। राहुल ने कहा कि उन्होंने सत्ता में आने के लिए एक ‘नकली’ मजबूत छवि गढ़ी है और अब उनकी सबसे बड़ी ताकत ही भारत की सबसे बड़ी कमजोरी है। राहुल गांधी ने ट्वीट की श्रृंखला में अपने दूसरे वीडियो में कहा, प्रधानमंत्री ने सत्ता में आने के लिए एक नकली मजबूत छवि तैयार की। यह उनकी सबसे बड़ी ताकत थी और अब यह भारत की सबसे बड़ी कमजोरी है।
राहुल गांधी ने कहा, यह केवल एक सीमा का मुद्दा नहीं है। उन्होंने कहा, मुझे चिंता इस बात की है कि चीनी आज हमारे क्षेत्र में बैठे हैं। चीनी अपनी रणनीतियों के बारे में सोचे बिना कुछ भी नहीं करते हैं। अपने दिमाग में उन्होंने एक दुनिया को मैप किया है और वे उस दुनिया को आकार देने की कोशिश कर रहे हैं। यही वह पैमाना है कि वे क्या कर रहे हैं, ग्वादर क्या है और एक बेल्ट और सडक़ क्या है। यह इस ग्रह का पुनर्गठन है। इसलिए यदि आप चीनियों के बारे में सोच रहे हैं तो आपको यह बातें समझनी होंगी।
इससे पहले राहुल गांधी ने शुक्रवार को अपना पहला वीडियो जारी कर सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाया था। उन्होंने लद्दाख में चीन के साथ हुए संघर्ष पर नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला था।
राहुल गांधी ने हमारी भूमि में घुसपैठ करने के लिए इस समय का चयन करने के पीछे के चीन के कारणों को समझाते हुए एक वीडियो जारी किया।
नई दिल्ली, 20 जुलाई (वार्ता)। पेट्रोल की कीमत आज लगातार 21वें दिन स्थिर रही जबकि रविवार को स्थिर रहने के बाद डीजल के दाम फिर बढ़ गए।
देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के अनुसार, दिल्ली और मुंबई में आज डीजल के मूल्य 12-12 पैसे बढक़र क्रमश: 81.64 रुपये और 79.83 रुपये प्रति लीटर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गये। कोलकाता में डीजल 10 पैसे महंगा होकर 76.77 रुपये और चेन्नई में 10 पैसे महंगा होकर 78.60 रुपये प्रति लीटर बिका जो अक्टूबर 2018 के बाद का उच्चतम स्तर है।
दिल्ली में पेट्रोल का मूल्य 80.43 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर रहा जो 27 अक्टूबर 2018 के बाद का उच्चतम स्तर है। कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में भी पेट्रोल की कीमत क्रमश: 82.10 रुपये, 87.19 रुपये और 83.63 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर रही।
नई दिल्ली, 20 जुलाई (वार्ता)। देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना संक्रमण के एक दिन में रिकार्ड 40 हजार से अधिक मामले सामने आये हैं और इसके संक्रमितों की संख्या बढक़र 11.18 लाख हो गयी।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 40,425 मामलों की पुष्टि हुई जिससे संक्रमितों की संख्या 11,18,043 हो गयी जबकि मृतकों की संख्या 681 बढक़र 27,497 हो गयी है। इसी अवधि में 22,664 मरीज स्वस्थ हुए हैं जिसे मिलाकर अब तक 7,00,087 लोग कोरोना से मुक्ति पा चुके हैं। देश में अभी कोरोना संक्रमण के 3,90,459 सक्रिय मामले हैं।
विभिन्न राज्यों में पिछले 24 घंटों के दौरान स्थिति पर नजर डालें तो सर्वाधिक प्रभावित महाराष्ट्र में संंक्रमण के 9518 नये मामले सामने आये और 258 लोगों की मौत हुई। यहां अब संक्रमितों का आंकड़ा 3,10,455 और मृतकों की संख्या 11,854 है, वहीं 1,69,569 लोग संक्रमण मुक्त हुए हैं।
संक्रमण के मामले में दूसरे स्थान पर तमिलनाडु में इस दौरान 4979 नये मामले सामने आये और 78 लोगों की मौत हुई जिससे संक्रमितों की संख्या 1,70,693 और मृतकों का आंकड़ा 2481 हो गया है। राज्य में 1,17,915 लोगों को अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना महामारी की स्थिति अब कुछ नियंत्रण में है और यहां संक्रमण के मामलों में वृद्धि की रफ्तार थोड़ी कम हुई है। राजधानी में अब तक 1,22,793 लोग कोरोना की चपेट में आये हैं तथा इसके कारण मरने वालों की संख्या 3628 हो गयी है। यहां अब तक 1,03,134 मरीज रोगमुक्त हुए हैं।
दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक संक्रमितों की संख्या के मामले में गुजरात को पीछे छोडक़र चौथे स्थान पर पहुंच गया है। राज्य में 63,722 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 1331 लोगों की इससे मौत हुई है, वहीं 23,065 लोग स्वस्थ भी हुए हैं। देश का पश्चिमी राज्य गुजरात संक्रमण के मामले में पांचवें स्थान पर आ गया है, लेकिन मृतकों की संख्या के मामले में यह महाराष्ट्र, दिल्ली और तमिलनाडु के बाद चौथे स्थान पर है। गुजरात में 48,355 लोग वायरस से संक्रमित हुए हैं तथा 2142 लोगों की मौत हुई है। राज्य में 34,901 लोग इस बीमारी से स्वस्थ भी हुए हैं।
आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के अब तक 49,247 मामले सामने आए हैं तथा इस महामारी से 1146 लोगों की मौत हुई है जबकि 29,845 मरीज ठीक हुए हैं।
एक और दक्षिण भारतीय राज्य तेलंगाना में भी कोरोना संक्रमण के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। तेलंगाना में कोरोना संक्रमितों की संख्या 45,076 हो गयी है और 415 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 32,438 लोग अब तक इस महामारी से ठीक हुए हैं। आंध्र प्रदेश में संक्रमितों की संख्या में तेजी से वृद्धि होने के कारण यह सर्वाधिक प्रभावित राज्यों की सूची में पश्चिम बंगाल से ऊपर आ गया है। राज्य में 49,650 लोग संक्रमित हुए हैं तथा मरने वालों की संख्या 642 हो गयी है, जबकि 22,890 लोग स्वस्थ हो चुके हैं।
पश्चिम बंगाल में 42,487 लोग कोरोना वायरस की चपेट में आए हैं तथा 1112 लोगों की मौत हुई है, वहीं अब तक 24,883 लोग स्वस्थ हुए हैं। राजस्थान में भी कोरोना संक्रमितों की संख्या 29,434 हो गयी है और अब तक 559 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 21,730 लोग पूरी तरह ठीक हुए हैं। हरियाणा में 26,164 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं तथा 349 लोगों की मौत हुई है।
कोरोना की महामारी से मध्य प्रदेश में 721, पंजाब में 254, जम्मू-कश्मीर में 244, बिहार में 217, ओडिशा में 91, असम में 57 , उत्तराखंड में 52, झारखंड में 49, केरल में 42, पुड्डुचेरी में 28, छत्तीसगढ़ में 24, गोवा में 22, चंडीगढ़ में 12, हिमाचल प्रदेश 11, त्रिपुरा मे पांच, अरुणाचल प्रदेश में तीन, मेघालय और लद्दाख में दो- दो तथा दादर-नागर हवेली एवं दमन-दीव में दो व्यक्ति की मौत हुई है।
नई दिल्ली, 19 जुलाई। देश में कोरोना वायरस का कहर जारी है। इस बीच सर गंगा राम अस्पताल के डॉक्टर अरविंद कुमार ने दावा किया है कि कोरोना वायरस का सामुदायिक संक्रमण शुरू हो चुका है।
चेस्ट सर्जरी सेंटर के चेयरमैन डॉक्टर अरविंद कुमार ने कहा कि पिछले कुछ समय से सामुदायिक संक्रमण फैल रहा है। मुंबई के धारावी और दिल्ली के कुछ क्षेत्रों में ऐसी स्थिति है। उन्होंने कहा कि वह भारतीय मेडिकल एसोसिएशन से पूरी तरह सहमत हैं कि भारत में सामुदायिक संक्रमण शुरू हो गया है।
बता दें कि इंडियन मेडिकल असोसिएशन का कहना है कि देश में कोरोना का कम्यूनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो चुका है। यानी हालात आगे और बिगड़ सकते हैं। कम्यूनिटी ट्रांसमिशन में संक्रमित शख्स को ये जानकारी नहीं हो पाएगी कि उसे वायरस कहां से मिला। ऐसे में वायरस का सोर्स ढूंढना मुश्किल हो जाता है।
गौरतलब है कि देश में कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, एक बार फिर कोरोना वायरस के आंकड़ों ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 38,902 नए मामले सामने आए हैं और 543 लोगों की मौत हो गई है।
देश में कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 10,77,618 हो गई है। इसमें 3,73,379 केस सक्रिय हैं। 6,77,423 लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है। वहीं, कोरोना की चपेट में आकर देश में अब तक 26,816 लोगों की जान जा चुकी है।(navjivan)
नई दिल्ली, 19 जुलाई. ('छत्तीसगढ़' संवाददाता)। कांग्रेस पार्टी ने आज हिंदुस्तान की जमीन पर चीनी कब्जा जारी रहने का आरोप लगाते हुए सरकार से कड़े सवाल पूछे हैं. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आज मीडिया के सामने पार्टी की बात रखी.
उन्होंने कहा- भारत की सरजमीं पर चीनी कब्ज़े का दुस्साहस लगातार बना है। चीन डेपसाँग प्लेंस तथा पैंगोंग त्सो लेक इलाके में न केवल जबरन कब्ज़ा बनाए है, बल्कि चीन के अतिरिक्त सैन्य निर्माण से साफ तौर पर खतरे का आभास भी है। भारत पर चीनी कब्जा नाकाबिले बर्दाश्त व नामंजूर है। भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा व भूभागीय अखंडता पर कोई समझौता स्वीकार नहीं हो सकता ।
सुरजेवाला ने कहा- खेद की बात यह है कि मोदी सरकार व प्रधानमंत्री चीनी दुस्साहस और कब्ज़े को लेकर केवल मीडिया के माध्यम से भ्रम का जाल पैदा करने में लगे हैं, न कि निर्णायक तौर से पूर्वतया यथास्थिति बनाए रखने का दृढ़ निर्णय लेने के। मोदी सरकार द्वारा फैलाया जा रहा भ्रमजाल न देश सेवा हो सकता और न ही राष्ट्रभक्ति।
उन्होंने कहा- चीनी घुसपैठ के तथ्य इस प्रकार हैं, जो मोदी सरकार के बयानों का झूठ जाहिर करते हैं:-
1. 19 जून, 2020 को प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक में कहा कि - ‘‘न तो हमारी सीमा में कोई घुसा है, न ही कोई घुसा हुआ है, न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्ज़े में है।’’
2. 26 जून, 2020 की शाम को ही चीन में भारत के राजदूत ने भारत की एक न्यूज़ एजेंसी को बयान देते हुए कहा कि ‘चीन अपनी ज़िम्मेदारी समझ लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल में चीन की तरफ अपनी सीमा में पीछे हट जाए।'
3. 17 जून, 2020 को विदेश मंत्री, डॉ. एस. जयशंकर ने लिखित तौर से स्वीकार किया कि चीन ने ‘गलवान घाटी’ में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पार भारतीय क्षेत्र में कब्ज़ा कर रखा है।’
4. 20 जून व 25 जून, 2020 को विदेश मंत्रालय ने दो अलग-अलग लिखित बयानों में ये स्वीकार किया कि चीन ने मई-जून, 2020 में भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की है।
5. 17 और 18 जुलाई, 2020 को रक्षा मंत्री, श्री राजनाथ सिंह के दौरे के बाद 17 जुलाई, 2020 की शाम को उन्होंने एक सनसनीखेज और आश्चर्यचकित ट्वीट किया और कहा कि, ‘‘जो कुछ भी अब तक बातचीत की प्रगति हुई है, उससे मामला हल होना चाहिए। देखिए फिर आगे कहते हैं – “कहां तक हल होगा, इसकी गारंटी नहीं दे सकता।...’’
सुरजेवाला ने कहा- ताजा तथ्य पांच महत्वपूर्ण बात दर्शाते हैं कि:-
I. सैटेलाइट तस्वीर, जिसकी प्रतिलिपि मैं दे भी रहा हूं, यह साफ है कि चीन ने अब भी डेपसाँग व दौलत बेग ओल्डी इलाके में भारतीय सीमा में ना केवल कब्जा कर रखा है, परंतु लगातार भारत की कब्जा की हुई सरजमीं पर सैन्य निर्माण कर रहा है।
II. यही नहीं, चीन पैट्रोलिंग प्वाइंट 10 से पैट्रोलिंग प्वाइंट 13 तक भारतीय सेना द्वारा भारतीय पैट्रोलिंग में बाधा पैदा कर रहा है।
III. पैंगोंग त्सो लेक इलाके में अभी भी चीन ने फिंगर 8 से फिंगर 4 के बीच पहाड़ियों पर भारतीय सीमा के 8 किलोमीटर अंदर तक कब्जा कर रखा है, जहां 3,000 के करीब चीनी सैनिक मौजूद हैं। इसके विपरीत भारत ने फिंगर 4 पर स्थिति आईटीबीपी के एडमिनिस्ट्रेटिव बेस से पीछे मोदी सरकार ने भारतीय सेना को पीछे हटा फिंगर 3 व 2 के बीच में ले आई है।
IV. चीन ने डेपसाँग के नज़दीक उनके खुद के क्षेत्र में स्थित नारी-गुंसा (Ngari-Gunsa Air Strip), जो एक नागरिक हवाई पट्टी थी, उसे अब एक सैन्य हवाई पट्टी में बदल कर निर्माण कर लिया है, जो भारतीय सीमा के ठीक बिल्कुल ऊपर मौजूद है, जिससे हमें सामरिक खतरा है।
V. चीन ने सैनिकों के दो डिविज़न ( यानी 20,000 सैनिक से ज्यादा) को लद्दाख में भारतीय इलाके के नज़दीक तैनात कर रखा है व बड़ी मात्रा में युद्ध सामग्री जमा कर ली है। अगर ये सब खतरे का एहसास नहीं तो क्या है?
सुरजेवाला ने कहा- इसलिए प्रधानमंत्री और सरकार से हमारे 5 सवाल:-
1. देश के लगभग हर समाचार पत्र, आर्मी जनरल व सैटेलाइट तस्वीरों व अब रक्षा मंत्री के खुद के बयान द्वारा प्रधानमंत्री जी के हमारी सीमा में चीनी घुसपैठ न होने के बयान को साफ तौर से झुठलाया जा रहा है? क्या प्रधानमंत्री जी ने सर्वदलीय बैठक को चीनी घुसपैठ के बारे में सही तथ्य नहीं बताए?
2. देश के रक्षा मंत्री द्वारा दिए गए ट्वीटर पर बयान का मतलब है कि चीन से बातचीत के द्वारा हल निकलने की कोई गारंटी नहीं है? क्या चीनी कब्जे को स्वीकार करते हुए मोदी सरकार ने यह मान लिया है कि वो अब इसका कोई हल नहीं निकाल सकते?
3. क्या चीन अब भी डेपसाँग प्लेन्स व दौलत बेग ओल्डी सेक्टर में सैन्य निर्माण कर रहा है, जैसा सैटेलाइट तस्वीरें दिखा रही हैं? भारत की सीमा में हो रहे, भारत की सरजमीं पर हो रहे इस चीनी निर्माण के बारे, हमारी सरजमीं की रक्षा हेतु मोदी सरकार क्या कदम उठा रही है?
4. क्या चीन ने अब भी फिंगर 4 से फिंगर 8 के बीच पैंगोंग त्सो लेक इलाके में कब्ज़ा बना रखा है? चीनी सेना से यह कब्ज़ा छुड़वाने बारे मोदी सरकार की रणनीति क्या है?
5. मई, 2020 से पहले की यथास्थिति बनाने बारे व चीन को भारतीय सीमा से पीछे धकेलने बारे कितना समय और लगेगा व मोदी सरकार की इस बारे में नीति, रास्ता और दृष्टि
कोरोना वायरस : भारत में कोरोनावायरस का कहर अब काफी तेजी से बढ़ने लगा है। अब हर दिन लगभग 34-35 हजार नए कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं। यहां कुल कोरोना मामले 10 लाख 77 हजार 618 हो चुकी है। कुल एक्टिव केसेज की बात करें तो अभी भी देश में 3 लाख 73 हजार 379 कोरोना के मरीजों का इलाज चल रहा है। मरने वालों की संख्या 26 हजार 816 हो गई है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने कहा है कि देश में कोरोना भयावह रूप ले चुका है और यहां कोरोना का कम्युनिटी स्प्रेड शुरू हो गया है। हालात बद से बदतर हो रहे हैं।
तेजी से बढ़ रहे हैं कोरोना के मरीज
आईएमए के अनुसार, देश में कोरोनावायरस के मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। यह बेहद ही खतरनाक स्थिति है। आलम ये है कि अब हर दिन कोरोना के 34-35 हजार मामले सामने आ रहे हैं। देश में रह रहे हर किसी के लिए यह स्थिति बेहद डराने वाली है। धीरे-धीरे कोरोना शहरों से गांवों की तरफ भी बढ़ रहा है। यह भी एक बुरा संकेत है। इसी वजह से इसे कम्युनिटी स्प्रेड कहना सही है।
केंद्र सरकार ने कहा कम्युनिटी स्प्रेड नहीं
आईएमए के एक बयान के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार यही बात कह रहा है कि अब तक भारत में कोरोनावायरस का कम्युनिटी स्प्रेड शुरू नहीं हुआ है। लेकिन, धीरे-धीरे कोरोनावायरस के मरीजों के बढ़ते मामलों के कारण दुनिया में भारत तीसरे स्थान पर जा पहुंचा है। पहले स्थान पर अमेरिका और दूसरे स्थान पर ब्राजील है। चूंकि, कोरोनावायरस गांवों और कस्बों में फैलने लगा है, ऐसे में यहां के हालात को नियंत्रित करना मुश्किल हो सकता है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, दिल्ली, केरल, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के शहरी इलाकों का हाल तो सब देख ही रहे हैं, दूरवर्ती इलाकों में कोरोना पहुंचा, तो क्या हाल होगा, इसकी कल्पना करना भी भयानक है।
क्या होता है कम्युनिटी स्प्रेड
डब्लूएचओ के अनुसार, कम्युनिटी स्प्रेड कोरोनावायरस के फैलने की तीसरी स्टेज होती है। पहली स्टेज वही होती है, जब कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति आपके इलाके में आता है। दूसरी स्टेज में उस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए लोग कोरोनावायरस से पीड़ित हो जाते हैं और तीसरी स्टेज की शुरुआत तब होती है, जब किसी भी सोर्स के बिना कोई व्यक्ति संक्रमित हो जाए। कहने का मतलब ये है कि आप कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए बिना इससे पीड़ित हो जाएं। इसे आप इस तरह से भी समझ सकते हैं जैसे किसी क्षेत्र या इलाके में लगातार कोरोना के मामले सामने आएं और ये संख्या तेजी से बढ़ने लगे, तो उसे कम्युनिटी ट्रांसमिशन कहा जा सकता है।(thehealthsite)
नई दिल्ली, 19 जुलाई। चीन को लेकर सरकारी दावे कुछ भी हों, लेकिन चीनी सेना से जुड़ी कंपनियों ने भारत के कई बड़े शहरों में निवेश कर रखा है। भारत में चल रही कम से कम कई ऐसी कंपनियों की पहचान की है, जिनका कथित रूप से सीधे तौर पर या फिर अप्रत्यक्ष रूप से चीन की सेना से संबंध है।
भारत और चीन के बीच संबंधों को सामान्य करने के प्रयास जोर शोर से भले ही जारी हैं, लेकिन जमीनी वास्तविकता सामान्य से काफी दूर है। ऐसे समय में जब चीनी आयात घटाने के लिए भारत के सौर विनिर्माण को वीजीएफ सपोर्ट मिलने या केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा सड़क निर्माण अनुबंधों पर चीन की खिंचाई करने की खबरें सुर्खियों में हैं, ठीक वहीं पर भारत की कई परियोजनाएं ऐसी कंपनियों द्वारा चलाई जा रही हैं या उनसे महत्वपूर्ण रूप से जुड़ी हुई हैं, जिनके गहरे जुड़ाव चीन की पीपल्स लिबरेशन ऑर्मी (पीएलए) से हैं।
सरकार के करीबी सूत्रों ने कहा है कि इस तरह की एक शीर्ष परियोजना कर्नाटक में चल रही है। भारत और चीन के बीच एक सबसे बड़ा संयुक्त उद्यम मानी जाने वाली शिंडिया स्टील्स लिमिटेड ने हाल ही में कर्नाटक के कोप्पल जिले में होसपेट के पास 0.8 एमटीपीए लौह अयस्क पैलेट सुविधा का संचालन शुरू कर दिया है, जिसकी लागत 250 करोड़ रुपये से थोड़ी अधिक है।
हालांकि इसकी मुख्य निवेशक शिनशिंग कैथे इंटरनेशनल ग्रुप कॉ लिमिटेड (चीन) है। इसकी वेबसाइट के अनुसार, यह पीएलए के जनरल लॉजिस्टिक्स डिपार्टमेंट के पूर्व सहायक उद्यमों और संस्थानों और उत्पादन विभाग से अलग होकर पुननिर्मित और पुनर्गठित है। यह वही पीएलए है, जिसके साथ पूर्वी लद्दाख में पिछले महीने संघर्ष के दौरान 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।
होसपेट परियोजना को जो कंपनी संचालित करती है, उसकी निगरानी सरकारी स्वामित्व वाली एसेट्स सुपरविजन एंड एडमिनिस्ट्रेशन कमिशन ऑफ द स्टेट काउंसिल इन चाइना (एसएएसएसी) करती है। और यह तो मात्र नमूना भर है। आंध्र प्रदेश में एक दूसरी परियोजना है, जिसे लेकर भी मौजूदा परिदृश्य में सुरक्षा के मुद्दे खड़े हुए हैं। चाइना इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नॉलॉजी ग्रुप कॉरपोरेशन (सीईटीसी) ने आंध्र प्रदेश के श्री सिटी में 2018 में 200 मेगावाट की पीवी विनिर्माण सुविधा में लाखों डॉलर के निवेश की घोषणा की थी।
सीईटीसी चीन की प्रमुख सैन्य इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माता है और यह हिकविजन सीसीटीवी कैमरे भी बनाती है। इसे चीन के सर्विलांस सीजार के रूप में जाना जाता है, जिसने शिनजियांग के 1.1 करोड़ मुस्लिम उइगरों की फेसियल रिकाग्निशन के जरिए पहचान की और एक राज्य प्रायोजित दमन को अंजाम दिया।
अमेरिका ने लंबे समय से सरकारी एजेंसियों पर हिकविजन के उत्पाद खरीदने पर प्रतिबंध लगा रखा है। अमेरिका सरकार की सूची में सीईटीसी के कई शोध संस्थान और सहयोगी संस्थान शामिल किए गए हैं, जिनसे आयात पर राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर प्रतिबंध है।
भारत 2017 के उस कानून के खतरे की फिर से पड़ताल कर रहा है, जिसे चीन की विधायिका ने पारित किया था। इसे एक नए इंटेलिजेंस कानून के रूप में जाना जाता है, जिसने संदिग्धों पर नजर रखने, परिसरों पर छापे मारने और वाहनों और उपकरणों को जब्त करने के नए अधिकार देता है। 'मिलिट्री एंड सिक्युरिटी डेवलपमेंट्स इनवाल्विंग द पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना 2019' पर अमेरिकी रक्षा मंत्री की वार्षिक रपट के अनुसार, यह कानून चीनी कंपनियों जैसे हुवेई, जेडटीई, टिक टॉक आदि को बाध्य करता है कि वे जहां भी अपना संचालन करें, चीन के राष्ट्रीय इंटेलिजेंस कार्य में मदद, सहायता और सहयोग मुहैया कराएं। इससे स्पष्ट होता है कि भारत सरकार ने अचानक 59 चीनी एप को प्रतिबंधित क्यों किया, जिसमें टिक टॉक भी शामिल है।
कानून के अनुच्छेद 7 में कहा गया है, “कोई भी संगठन या नागरिक कानून के अनुरूप स्टेट इंटेलिजेंस के साथ मदद, सहायता और सहयोग करेगा।” और अब लगता है कि भारत ने उन चीनी कंपनियों की पहचान शुरू कर दी है, जिनके संबंध पीएलए के साथ एक स्टार्टर के रूप में हैं।(navjivan)
‘छत्तीसगढ़’ न्यूज डेस्क
नई दिल्ली, 19 जुलाई। पूर्व केन्द्रीय मंत्री अजय माकन ने राजस्थान में चल रही राजनीतिक अस्थिरता के पीछे भाजपा पर साजिश का आरोप लगाया है, और कहा है कि प्रदेश की 8 करोड़ जनता इस साजिश को कभी माफ नहीं करेगी।
आज दोपहर बाद जारी एक बयान में उन्होंने कहा- जिस प्रकार से कांग्रेस के विधायकों को भाजपा की हरियाणा सरकार की मेहमाननवाजी में मानेसर, गुडग़ांवा के होटल व रिसॉर्ट में रखा गया, यह अपने आप में भाजपाई सांठगांठ को साबित करता है। हरियाणा की खट्टर सरकार द्वारा राजस्थान कांग्रेस विधायकों को अप्रत्याशित सुरक्षा घेरे में रखना इस बात का प्रमाण है कि साजिश के असली सरदार भाजपाई हैं।
उन्होंने कहा- यही नहीं 17 तारीख को संविधान और कानून की धज्जियां उड़ाते हुए भाजपा की हरियाणा सरकार ने पुलिस लगाकर जिस तरीके से ‘राजस्थान स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप’ को भंवर लाल शर्मा, विधायक व विश्वेंदर सिंह, विधायक का वॉईस सैंपल लेने तथा जाँच करने से रोका, यह अपने आप में इस मिलीभगत का जीता जागता सबूत है। और हद तो तब हो गई जब भाजपा की हरियाणा सरकार चोर दरवाजे से कांग्रेस के विधायकों को भगा ले गई ताकि जाँच न हो सके।
उन्होंने आगे कहा- अब सीधे-सीधे खबर आ रही है कि कांग्रेस के विधायकों को अमित शाह द्वारा संचालित दिल्ली पुलिस अलग-अलग 5 सितारा होटल में दिल्ली में रखे है और राजस्थान पुलिस की जाँच को बाधित करते हुए उनकी जगह बार बार बदली जा रही है। कभी खबर आती है कि कांग्रेस विधायकों को भाजपा शासित कर्नाटक ले जाया जाएगा या भाजपा शासित मध्यप्रदेश। यह अपने आप में भाजपाई सांठगांठ, साजिश व षडय़ंत्र का पुख्ता प्रमाण है। अगर तथाकथित ऑडियो टेपकांड में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व, केंद्रीय मंत्री व भंवर लाल शर्मा तथा विश्वेंदर सिंह विधायकों की कोई भूमिका नहीं है, तो फिर वो वॉईस सैंपल देने से गुरेज कर छिपते क्यों घूम रहे हैं? कभी भाजपा सरकार सीबीआई की धमकी देती है, तो कभी ईडी और इंकम टैक्स की फर्जी रेड करवाती है। यह तो ऐसे ही है, जैसे ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’। अब एंटी करप्शन ब्यूरो की एफआईआर में साफ तौर से भ्रष्टाचार निरोधक कानून में गजेंद्र सिंह, भंवर लाल शर्मा व अन्य के खिलाफ नामित कर जाँच शुरू कर दी गई है।
माकन ने भाजपा से कुछ सवाल किए हैं-
1. जब गजेंद्र शेखावत, केंद्रीय मंत्री द्वारा यह कहा गया कि तथाकथित ऑडियो टेप में आवाज उनकी नहीं। तो फिर गजेंद्र सिंह शेखावत सामने आकर अपना वॉईस सैंपल देने से इंकार क्यों कर रहे हैं? ऐसे में भ्रष्टाचार निरोधक कानून में मामला दर्ज होने के बाद, श्री गजेंद्र सिंह शेखावत को अपने पद से बर्खास्त क्यों नहीं किया जा रहा? क्या यह प्रधानमंत्री का राजधर्म नहीं कि जाँच पूरी होने तक गजेंद्र सिंह शेखावत को पदमुक्त करें, ताकि वो जाँच पर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से प्रभाव न डाल पाएं?
2. भाजपा की हरियाणा और दिल्ली की पुलिस, गजेंद्र सिंह शेखावत, भंवर लाल शर्मा व विश्वेंदर सिंह के वॉईस सैंपल लेने से क्यों रोक रही है? अगर ये तीनों दोषी नहीं, तो सामने आकर वॉईस सैंपल देने में क्या खतरा है?
3.क्या केंद्रीय भाजपा सरकार सीबीआई की धमकी इसलिए दे रही है कि विधायक खरीद घोटाले के तार में अन्य कई आला पदों पर बैठे केंद्र सरकार के लोग शामिल हैं व निष्पक्ष जाँच उनका चेहरा बेनकाब कर देगी?
4. क्या देश को विश्वास में नहीं लेना चाहिए कि काला धन कहां से आ रहा है, यह काला धन कौन मुहैया करवा रहा है, हवाला से कैसे ट्रांसफर किया जा रहा है, किस किस को दिया जा रहा है? क्या राजस्थान सरकार गिराने के इस काला धन आदान प्रदान में लोगों का चेहरा बेनकाब नहीं होना चाहिए?
5. अगर भाजपा की कोई भूमिका नहीं, तो केंद्र सरकार से लेकर हरियाणा सरकार, इंकम टैक्स, ईडी, हरियाणा पुलिस, दिल्ली पुलिस कांग्रेस विधायकों को विशेष सुरक्षा चक्र देने तथा राजस्थान पुलिस की जाँच से अलग रखने को इतनी मशक्कत क्यों कर रहे हैं?