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भोपाल, 22 जनवरी। जीवाश्म विज्ञानियों ने मध्य प्रदेश की नर्मदा घाटी में डायनासोर की मांद और शाकाहारी टाइटनोसॉरस के 256 अंडों की दुर्लभ खोज की सूचना दी है।
दिल्ली विश्वविद्यालय और मोहनपुर-कोलकाता एवं भोपाल में भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान के शोधकर्ताओं ने भी मध्य प्रदेश के धार जिले के बाग और कुक्षी क्षेत्रों में ‘ओवम-इन-ओवो या मल्टी-शेल अंडे’ की खोज की सूचना दी है।
हर्ष धीमान, विशाल वर्मा, और गुंटुपल्ली प्रसाद सहित अन्य द्वारा की गई इस खोज को इस सप्ताह ‘पीएलओएस वन’ शोध पत्रिका में जगह दी गई है।
मांदों और अंडों की इस खोज से करीब 6.6 करोड़ वर्ष पहले यहां से पलायन कर चुके लंबी गर्दन वाले सौरोपोड के जीवन के बारे में जानकारी मिली।
धार जिला के बांकेर में एक उच्च माध्यमिक स्कूल में कार्यरत वर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘अंडे उस मुहाने से मिले जहां टेथिस सागर का नर्मदा नदी में विलय हुआ था, जब सेशेल्स भारतीय प्लेट से अलग हो गया था। सेशेल्स के अलग होने के कारण नर्मदा घाटी में 400 किलोमीटर अंदर टेथिस सागर घुस आया था।’’
टेथीस सागर गोंडवाना लैंड और लौरेशिया के मध्य स्थित एक सागर के रूप में कल्पित किया जाता है जो एक छिछला और संकरा सागर था और इसी में जमे अवसादों के प्लेट संरचना के परिणामस्वरूप अफ्रीकी और भारतीय प्लेटों के यूरेशियन प्लेट से टकराने के कारण हिमालय और आल्प्स जैसे पहाड़ों की रचना हुई।
उन्होंने कहा कि नर्मदा घाटी में पाई गई मांद एक-दूसरे के करीब थी। आम तौर पर डायनासोर की मांद एक दूसरे से कुछ दूरी पर स्थित होती हैं।
वर्मा को नर्मदा में डायनासोर के जीवाश्मों की एक श्रृंखला की खोज के पीछे प्रेरक शक्ति माना जाता है। अंडे का व्यास 15 सेंटीमीटर और 17 सेंटीमीटर के बीच हैं, जो संभवतः कई टाइटनोसॉर प्रजातियों के हैं। प्रत्येक मांद में अंडों की संख्या एक से लेकर 20 तक होती है।
सोनू जायसवाल के पिता राजेंद्र प्रसाद जायसवाल शव लेने के लिए त्रिभुवन विश्वविद्यालय शिक्षण अस्पताल में इंतजार कर रहे रिश्तेदारों में शामिल थे।
अस्पताल सूत्रों ने बताया कि शनिवार को विशाल शर्मा के शव की शिनाख्त हुई। अस्पताल ने शुक्रवार को 49 शवों का पोस्टमॉर्टम किया। पोखरा में 22 नेपाली नागरिकों के शव उनके परिजनों को सौंपे गए हैं। (भाषा)
आलोक प्रकाश पुतुल
भारत में अब धर्म सेंसर बोर्ड का गठन किया जा चुका है, जो फ़िल्मों में धार्मिक पहलू को सेंसर करने का काम करेगा.
इस बोर्ड के मुखिया ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने शनिवार को छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में पत्रकारों से यह जानकारी साझा की.
उन्होंने कहा कि भारत में सेंसर बोर्ड अपना काम कर रहा है. सेंसर बोर्ड अगर न होता तो जाने कितनी मनमानी हो जाती.
"चूंकि उसमें कोई धार्मिक विशेषज्ञ नहीं है, इसलिए धार्मिक विषय कहां तक चुभ जाएंगे किसके हृदय में, वो नहीं जान पा रहा है कोई. तो उस कमी की पूर्ति करने के लिए हमने धर्म सेंसर बोर्ड बनाया है."
इस धर्म सेंसर बोर्ड में धर्म, इतिहास और पुरातत्व से जुड़े 10 लोगों को शामिल किया गया है. हालांकि शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने इस बात पर चिंता जताई कि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर कोई लगाम नहीं है और उस पर भी सेंसर की दिशा में विचार करना चाहिए.
बागेश्वर धाम पर क्या बोले?
उन्होंने रायपुर में दरबार लगा कर चमत्कार दिखा रहे बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में कहा कि चमत्कार दिखाने वाले उनके जोशीमठ के मकानों में आ गई दरारों को चमत्कार से भर दें तो वो उनका स्वागत करेंगे.
उन्होंने कहा, "हम उनके लिए फूल बिछाएंगे कि आओ, ये जो हमारे मकान में दरार आ गई है, हमारे मठ में आ गई है, उसे जोड़ दो."
उन्होंने कहा, "सारे देश की जनता चमत्कार चाहती है कि कोई चमत्कार हो जाए. कहां हो रहा है चमत्कार. जो चमत्कार हो रहे हैं, अगर जनता की भलाई में उनका कोई विनियोग हो तो हम उनकी जय-जयकार करेंगे, नमस्कार करेंगे. नहीं तो ये चमत्कार छलावा है, इससे ज्यादा कुछ नहीं है."
उन्होंने कहा कि अगर किसी के पास कोई अलौकिक शक्ति आ गई है और जादूगर की तरह छड़ी घुमा कर अचानक कुछ कर सकते हैं तो उन्हें यह करना चाहिए. हम लोग तो ऐसा चमत्कार नहीं जानते.
शंकराचार्य ने कहा, "कोई ऐसा चमत्कारी पुरुष है तो धर्मांतरण रोक दे. लोगों की आत्महत्या रोक दे. लोगों के घरों में झगड़े हो रहे हैं, फसाद हो रहे हैं, सुमति ला दे. पूरा देश आकर एक-दूसरे से प्यार करने लग जाए. जो वर्गों में विद्वेष हो रहे हैं, उन वर्गों के विद्वेष को रोक दे. ऐसा कुछ जनता और राष्ट्र के लिए उपयोगी चमत्कार कर के दिखाए, तब हम उसको चमत्कारी पुरुष कह सकते हैं."
'धर्मांतरण पर हो रही है राजनीति'
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण से जुड़े मुद्दों पर कहा कि धर्मांतरण का विरोध हो रहा है, वो भी धार्मिक कारणों से नहीं हो रहा है. वो भी राजनीतिक कारणों से हो रहा है कि हम जब धर्मांतरण का विरोध करेंगे तो कुछ लोगों को ये बातें अच्छी लगेंगी तो कुछ लोग हमारे वोटर बढ़ जाएंगे.
उन्होंने कहा, "जो धर्मांतरण हो रहा है, वो धार्मिक कारणों से तो हो ही नहीं रहा है. धर्मांतरण कराने वाले भी राजनीतिक हैं और धर्मांतरण को रोकने की बात करने वाले भी राजनीतिक हैं."
उन्होंने कहा कि धर्म और राजनीति सर्वथा अलग-अलग विषय हैं. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में परंपरा है कि धर्म गुरु अलग होते हैं और शासक अलग.
'मुसलमानों के लिए पाकिस्तान बना'
उन्होंने मुसलमानों को लेकर कहा कि उनके लिए पाकिस्तान बनाया गया था.
उन्होंने कहा, "75 साल हो गए. बहुत लंबा समय हो गया. अब आपको इस बारे में निर्णय करना चाहिए कि मुसलमान एक जगह रहे, हिंदू एक साथ रहे, इसलिए बंटवारा हुआ था. अगर साथ ही साथ रहना है तो फिर पाकिस्तान अलग क्यों? पाकिस्तान को भारत में फिर से मिला दिया जाए और हम लोग साथ रहें, जैसा कि रह रहे हैं."
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि मीडिया को लेकर कहा कि पहले अखबारों में जनता की बात शीर्षक में होती थी और सरकार का पक्ष, एक बॉक्स में होता था. अब सरकार का पक्ष शीर्षक में होता है और जनता का पक्ष है या नहीं, उसकी चिंता ही नहीं है.
उन्होंने कहा, "आज परिस्थिति ये है कि जनता की आवाज़ मीडिया द्वारा नहीं उठाई जा रही है. जो संवाददाता हैं, उनसे हमारी खूब बातचीत है. वो कहते हैं कि हम तो ग्राउंड से स्टोरी बना कर, स्वामी जी फाइल करते हैं, ऊपर जा कर एडिट हो जाती है, खत्म हो जाती है."
उन्होंने कहा, "जनता की आवाज़ उठाने के लिए कोई माध्यम नहीं है. मीडिया एक माध्यम है और मीडिया अब कॉरपोरेट घरानों के हाथ में है. कॉरपोरेट घराने अपने हिसाब से उसको चला रहे हैं और जनता की आवाज़ दब जा रही है." (bbc.com/hindi)
छत्तीसगढ़' संवाददाता
रायपुर, 22 जनवरी। फूल चौक के पास रविवार की सुबह एक के बाद एक तीन दूकानों में आग लग गई। आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की टीम पहुँच गई, और कोशिशें जारी है।
दूकान के संचालकों बुलाया गया है।
भोपाल, 21 जनवरी। भारत बायोटेक द्वारा देश में ही विकसित पहले इंट्रानेसल कोविड-19 टीके ‘इनकोवैक’ को 26 जनवरी से लोगों को देने की शुरुआत की जाएगी। कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कृष्णा इल्ला ने शनिवार को यह जानकारी दी।
भोपाल में आयोजित भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ)में विद्यार्थियों के साथ संवाद करते हुए इल्ला ने बताया कि मवेशियों को लम्पी त्वचा बीमारी से बचाने के लिए देश में ही विकसित टीके लम्पी प्रोवैकइंड की अगले महीने शुरुआत की जाएगी।
मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) में आयोजित आईआईएसएफ के ‘‘विज्ञान में फेस टू फेस विथ न्यू फ्रंटियर में हिस्सा लेते हुए इल्ला ने कहा, ‘‘ हमारा नेसल टीका (नाक के जरिये दिया जाने वाला टीका) आधिकारिक रूप से 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर लॉन्च किया जाएगा।’’
उल्लेखनीय है कि भारत बायोटेक ने पिछले साल दिसंबर में घोषणा की थी कि वह इंट्रानेसल टीके को सरकार को 325 रुपये प्रति खुराक की दर से बेचेगा जबकि निजी टीकाकरण केंद्रों के लिए इसकी कीमत 800 रुपये प्रति खुराक होगी। (भाषा)
कोलकाता, 21 जनवरी। मध्य कोलकाता के एस्प्लेनेड इलाके में प्रदर्शन कर रहे इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के सदस्यों की शनिवार को पुलिस के साथ जोरदार झड़प हुई। ये लोग तृणमूल कांग्रेस द्वारा दक्षिण 24 परगना जिले में आईएसएफ कार्यकर्ताओं पर कथित हमले का विरोध कर रहे थे।
प्रदर्शन से महत्वपूर्ण जवाहरलाल नेहरू रोड क्रॉसिंग के आसपास यातायात प्रभावित हुआ।
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे एकमात्र आईएसएफ विधायक नौशाद सिद्दीकी को हिरासत में ले लिया गया, वहीं कई पुलिसकर्मी और प्रदर्शनकारी घायल हो गए।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आईएसएफ कार्यकर्ताओं ने शहर के मध्य में एक मुख्य सड़क को अवरुद्ध कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने उनसे जवाहरलाल नेहरू रोड को खाली करने और यातायात की अनुमति देने का अनुरोध किया।
हालांकि, पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सड़क खाली करने से इनकार कर दिया और मांग की कि भांगर में उसके कार्यकर्ताओं पर हमले में शामिल अपराधियों को पहले गिरफ्तार किया जाए। पार्टी का गठन 2021 में राज्य विधानसभा चुनाव से पहले हुआ था।
जैसे ही पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे लगभग 500 की संख्या में मौजूद प्रदर्शनकारी पीछे हट गए, लेकिन पास की गलियों से पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिससे कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
अधिकारी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के कियोस्क और रेलिंग को भी क्षतिग्रस्त कर दिया, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
इलाके में आरएएफ और सशस्त्र पुलिसकर्मियों सहित बड़ी तादाद में पुलिस बल को तैनात किया गया है।
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कई आला पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे।
करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस ने सड़क को खाली कराया और प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा, लेकिन कुछ देर तक पथराव की छिटपुट घटनाएं होती रहीं।
दुकानों के शटर नीचे कर छिपे हुए राहगीर हाथ उठाकर बाहर निकले।
सिद्दीकी ने अपनी नजरबंदी से पहले भांगर में पुलिस की ‘‘निष्क्रियता’’ और एस्प्लेनेड में ‘‘शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर लोगों पर बलप्रयोग’’ की निंदा की।
एक दिन पहले टीएमसी कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर भांगर में आईएसएफ के पार्टी कार्यालयों में आग लगा दी थी। हालांकि, सत्तारूढ़ दल ने दावा किया कि आईएसएफ ने पिछले कुछ दिनों से हथियारबंद लोगों को लाकर और उनके समर्थकों पर हमला करके क्षेत्र में माहौल बिगाड़ने का काम किया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अलावा आईएसएफ एकमात्र विपक्षी पार्टी है, जिसने 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में एक सीट जीती है। इसके सहयोगी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाले वाम मोर्चा और कांग्रेस एक भी सीट हासिल करने में नाकाम रहे।
उसी वर्ष फरवरी में हुगली जिले के फुरफुरा शरीफ के एक प्रभावशाली मौलवी अब्बास सिद्दीकी ने पार्टी का गठन किया था। (भाषा)
नयी दिल्ली, 21 जनवरी। पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव और विभिन्न उपचुनावों से पहले निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को चुनाव में राजनीतिक लाभ के लिए धार्मिक संस्थाओं के इस्तेमाल पर रोक लगाने संबंधी कानून की याद दिलाई है।
आयोग ने राजनीतिक दलों को उस कानून और आचार संहिता के प्रावधानों से अवगत कराया है जो धार्मिक संस्थाओं को ‘किसी भी तरह से चुनाव संबंधी दुष्प्रचार का मंच बनाने पर रोक लगाता है।’
सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को 19 जनवरी को भेजे गये एक पत्र में निर्वाचन आयोग ने उन्हें अपने वर्ष 2012 के उन निर्देशों की याद दिलाई जिनमें कहा गया है कि आदर्श आचार संहिता के मौजूदा प्रावधान धार्मिक स्थलों का ‘किसी भी तरह से चुनाव दुष्प्रचार का मंच बनाने पर रोक लगाता है।’
पत्र में लिखा गया है कि धार्मिक संस्थान (दुरुपयोग की रोकथाम) अधिनियम-1988 की धाराओं 3, 5 और 6 किसी भी राजनीतिक गतिविधि के प्रचार-प्रसार के लिए या किसी राजनीतिक दल के लाभ के वास्ते धार्मिक संस्थानों के इस्तेमाल पर रोक लगाती है।
इसमें कहा गया कि इन धाराओं का उल्लंघन दंडनीय अपराध है और पांच साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है। इस पत्र की प्रति सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तर के दलों के नेताओं का भेजी गई है।
त्रिपुरा विधानसभा 16 फरवरी को और नगालैंड एवं मेघालय विधानसभा के लिए चुनाव 27 फरवरी को होगा जबकि मतगणना दो मार्च को होगी। (भाषा)
नयी दिल्ली, 21 जनवरी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि 'तेजी से बदल रहे वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य' के कारण उत्पन्न होने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार देश को तैयार करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
यहां बड़ी संख्या में गणतंत्र दिवस एनसीसी शिविर में भाग ले रहे कैडेट को संबोधित करते हुए सिंह ने देश के पुख्ता सुरक्षा ढांचे को ‘टीमवर्क’ के सर्वश्रेष्ठ उदाहरणों में से एक बताया और जोर देकर कहा कि "अगर कभी युद्ध लड़ने की जरूरत पड़ी, तो पूरा देश हमारे सशस्त्र बलों के पीछे होगा"।
सिंह ने कहा, ‘‘यह ‘टीम वर्क’ का नतीजा है कि भारत ने अतीत में अपने दुश्मनों को हराया है और कई युद्ध जीते हैं।’’
उन्होंने यह भी कहा कि जहां सशस्त्र बल सभी प्रकार के खतरों से देश की रक्षा कर रहे हैं, वहीं वैज्ञानिक, इंजीनियर, सिविल अधिकारी और अन्य उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा, "अगर कभी युद्ध लड़ने की जरूरत पड़ी तो पूरा देश हमारे सशस्त्र बलों के पीछे होगा। यह टीम वर्क का नतीजा है कि भारत ने अतीत में अपने दुश्मनों को हराया है और कई युद्ध जीते हैं।"
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, अपने संबोधन में सिंह ने युवाओं से "इस्तेमाल करो और फेंको" की अवधारणा को खत्म करने का भी आह्वान किया, क्योंकि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से समाज और पर्यावरण को इस प्रथा के कारण सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ता है।
सिंह ने बदलते समय के अनुसार खुद को ढालने की जरूरत पर भी जोर दिया।
बयान में उनके हवाले से कहा गया, "तेजी से बदल रहे वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य के कारण उत्पन्न होने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए देश को तैयार करने के लिए सरकार द्वारा कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है।"
उन्होंने यह भी कहा कि जहां समय के साथ बदलाव जरूरी है, वहीं देश के गौरवशाली अतीत से जुड़े रहना भी उतना ही जरूरी है।
सिंह ने कहा, "उद्देश्य अपनी संस्कृति और परंपराओं में निहित एक मजबूत और समृद्ध भारत का निर्माण करना है।"
उन्होंने दिल्ली छावनी में एनसीसी गणतंत्र दिवस शिविर के अपने दौरे के दौरान कैडेट को संबोधित किया और कई कैडेट को उनके अनुकरणीय प्रदर्शन एवं कर्तव्य के प्रति समर्पण के लिए रक्षा मंत्री पदक तथा प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किए।
बयान में कहा गया, "इस साल, रक्षा मंत्री पदक पूर्वोत्तर क्षेत्र निदेशालय के अवर अधिकारी टिंगगुचिले नरीमे और राजस्थान निदेशालय के कैडेट अविनाश जांगिड़ को प्रदान किया गया।"
इसमें कहा गया, ‘‘रक्षा मंत्री प्रशस्ति पत्र ओडिशा निदेशालय के कैप्टन प्रताप केशरी हरिचंदन, तमिलनाडु, पुडुचेरी और अंडमान और निकोबार निदेशालय से संबद्ध कैडेट अवर ऑफिसर जेनी फ्रांसिना विक्टर आनंद, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख निदेशालय से संबद्ध कैडेट फिजा शफी और उत्तराखंड निदेशालय के कैडेट सहवाग राणा को प्रदान किए गए।’’
शिविर में भाग ले रहे लगभग 2,000 कैडेट को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने उनसे कहा कि वे नए तरीकों की पहचान करें और देश को तेज गति के साथ विकास पथ पर आगे बढ़ाने में मदद करने का प्रयास करें।
हालांकि, उन्होंने उनसे देश के सदियों पुराने मूल्यों और परंपराओं से जुड़े रहने तथा अपनी पसंद के क्षेत्र में विनम्रता के साथ काम करने का आग्रह किया।
इस बात पर जोर देते हुए कि पर्यावरण के विनाश का अर्थ जीवन का विनाश है, उन्होंने युवाओं और राष्ट्र से बड़े पैमाने पर वस्तुओं का यथासंभव पुन: उपयोग करने और प्रकृति के संरक्षण के लिए काम करने की अपील की।
सिंह ने युवाओं को 'इस्तेमाल करो और फेंको' की अवधारणा को अपने निजी जीवन में प्रवेश नहीं करने देने के लिए प्रोत्साहित किया और उनसे बड़ों, परिवार तथा दोस्तों का सम्मान करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि जहां ज्ञान और शिक्षा महत्वपूर्ण हैं, वहीं जीवन मूल्य समान प्रासंगिकता रखते हैं।
मंत्री ने कैडेट से आग्रह किया कि वे ज्ञान प्राप्त करने और धन कमाने पर जितना ध्यान दें, उतना ही चरित्र निर्माण पर भी ध्यान दें। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि कैडेट अपनी कड़ी मेहनत, समर्पण और मूल्यों के साथ सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचेंगे और देश का नाम रोशन करेंगे।
उन्होंने कहा, "भारत की प्रगति का मार्ग युवाओं से होकर जाता है। हमारे युवा जितने मजबूत होंगे, हमारा देश उतना ही मजबूत होगा।"
सिंह ने कैडेट को एक नेता, सैनिक, कलाकार और सबसे बढ़कर एक अच्छे इंसान के रूप में विकसित कर एक पूर्ण व्यक्तित्व में बदलने के लिए एनसीसी की सराहना की।
उन्होंने कहा, "एनसीसी कैडेट को कभी भी अहंकार को अपने व्यक्तित्व का हिस्सा नहीं बनने देना चाहिए और हमेशा राष्ट्र तथा समाज के प्रति कृतज्ञ रहना चाहिए।"
कार्यक्रम के तहत एनसीसी कैडेट ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
सिंह ने एनसीसी की थलसेना, नौसेना और वायुसेना इकाइयों से लिए गए कैडेट के एक दल द्वारा प्रस्तुत ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ का भी निरीक्षण किया। उन्होंने देश के सभी 17 निदेशालयों से लिए गए कैडेट की उनके प्रदर्शन के लिए सराहना करते हुए इसे विविधता में भारत की एकता का प्रतीक बताया।
सिंह ने विभिन्न सामाजिक जागरूकता विषयों को दर्शाते हुए कैडेट द्वारा तैयार किए गए 'फ्लैग एरिया' का भी दौरा किया। विभिन्न निदेशालयों के कैडेट ने उन्हें अपने-अपने मॉडल के बारे में जानकारी दी। इसके बाद, उन्होंने ‘हॉल ऑफ फेम’ का दौरा किया, जिसमें पिछले 75 वर्षों में एनसीसी के पूर्व कैडेट की तस्वीरों, मॉडल और अन्य उपलब्धियों का एक प्रभावशाली संग्रह है।
इस अवसर पर रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने, एनसीसी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीरपाल सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। (भाषा)
(मनीष सैन)
जयपुर, 21 जनवरी। पूर्व थल सेना प्रमुख जे जे सिंह ने शनिवार को यहां चीन के साथ संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए वार्ता और रचनात्मक साझेदारी को एकमात्र रास्ता बताया, लेकिन साथ ही कहा कि यदि चीन ने और दुस्साहस किया, तो भारतीय रक्षा बल उसे 'सबक सिखाने' में पूरी तरह सक्षम हैं।
सिंह ने जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में ' द ऐलीफेंट एंड द ड्रेगन : ए कनेक्टिड हिस्ट्री' सत्र में इतिहासकार तानसेन सेन और पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन के साथ चर्चा में यह बात कही।
'अपने वादों को तोड़ने' के चीन के पिछले इतिहास के बारे में अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल रह चुके सिंह ने कहा कि देश को उस पर भरोसा नहीं करना चाहिए, क्योंकि वह '‘कहता कुछ है ओैर करता कुछ है’’।
उन्होंने कहा, “1993 और 1996 में समझौते हो चुके हैं। ये समझौते सीमा पर शांति और समरसता की बात करते हैं और भरोसा निर्मित करने के उपायों की भी बात करते हैं।
सिंह ने कहा, "ये समझौते यह भी कहते हैं कि आप अपने सीमा क्षेत्र में 20,000 से अधिक सैनिक नहीं बढ़ा सकते, लेकिन उन्होंने गलवान में जो किया, वे दो-तीन डिविजन ले आए। वे स्मार्ट हैं, हमें उनसे ज्यादा स्मार्ट होना होगा।" उन्होंने साथ ही कहा “अगर वे अब कोई और दुस्साहस करने की कोशिश करते हैं, तो हमारे सशस्त्र बल उन्हें सबक सिखाने में सक्षम हैं। गलवान में उन्हें सबक सिखाया, उन्हें डोकलाम में आगे बढ़ने से रोक दिया गया। उन्हें इसी तरह तवांग से भी वापस जाने के लिए कहा गया।” भारत पर चीन की तकनीकी श्रेष्ठता के बारे में पूछे जाने पर, सिंह ने दावा किया कि भारतीय सेना तिब्बती क्षेत्र में लड़ने के लिए उनसे बेहतर सुसज्जित है।
उन्होंने कहा, "चीनी युद्ध के मैदान तिब्बत में लड़ने के आदी नहीं हैं। हमारे हवाई जहाज पूरा भार लेकर चीन या तिब्बत पर बमबारी कर सकते हैं। उनके सैनिक ऐसे दुर्गम माहौल के आदी नहीं हैं, वे ऑक्सीजन की बोतलें लेकर चलते हैं।
पूर्व थल सेना प्रमुख जेजे सिंह ने कहा, 'मुख्य भूमि चीन 1000-2000 किमी दूर है, हमारी मुख्य भूमि 400 किमी दूर है। इसलिए मैं कहूंगा कि हम हर तरह से चीन के बराबर हैं। हम अपने देश की रक्षा करेंगे।' इतिहासकार विलियम डेलरिम्पल द्वारा संचालित सत्र में भारत और चीन के सामूहिक इतिहास को मुख्य रूप से तीन कालखंडों में विभाजित करके देखा गया: चीन में बौद्ध धर्म का उदय, 1949 से 1962 तक दोनों देशों के बीच संबंध, और वर्तमान में दोनों पड़ोसी कहां खड़े हैं और आगे का रास्ता क्या है ।
सिंह ने कहा कि वार्ता और विचार-विमर्श ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है।
उन्होंने कहा, ' यदि भारत और चीन रचनात्मक संबंध बनाते हैं, तो मेरा मानना है कि आगे बढ़ने का यही एकमात्र तरीका है।' उन्होंने कहा, 'संवाद, चर्चा और रचनात्मक संबंध, शक्ति के विश्व समीकरणों की रूपरेखा को फिर से परिभाषित कर सकते हैं, क्योंकि यह भारत और चीन की सदी है।" (भाषा)
भुवनेश्वर, 21 जनवरी। मौजूदा एफआईएच पुरूष विश्व कप चरण सबसे ज्यादा गोल करने वाला टूर्नामेंट भी साबित हो रहा है जिसमें यहां अभी तक 24 पूल मैचों में 130 गोल हो चुके हैं।
इससे यहां चल रहे विश्व कप के प्रत्येक मैच का औसत लगभग 5.41 गोल का है।
नयी दिल्ली में 2010 में हुए विश्व कप में 12 टीमों ने शिरकत की थी जिसमें 38 मैचों में 5.24 प्रति मुकाबले से 199 गोल दागे गये थे।
इस मौजूदा चरण में अभी 20 मैच और खेले जाने बाकी हैं और अगर गोल करने की यही गति बरकरार रही तो यह हॉकी विश्व कप के इतिहास में सबसे ज्यादा गोल करने वाला टूर्नामेंट साबित हो सकता है।
अभी तक इस चरण में हुए 130 गोल में से 80 गोल मैदानी हैं जबकि 43 पेनल्टी कॉर्नर पर दागे गये हैं। सात इसमें से पेनल्टी स्ट्रोक्स से आये हैं।
पूल सी में शीर्ष पर रहकर सीधे क्वार्टरफाइनल में पहुंचने वाली नीदरलैंड ने अभी तक सबसे ज्यादा 22 गोल किये हैं जो तीन पूल मैच में हुए हैं। आस्ट्रेलिया ने सबसे ज्यादा पेनल्टी कॉर्नर से सात गोल दागे हैं जबकि फ्रांस पेनल्टी स्ट्रोक से सबसे ज्यादा दो गोल कर चुका है।
अभी तक टूर्नामेंट में खिलाड़ियों को चार हरे और 15 पीले कार्ड दिखाये जा चुके हैं।
विश्व कप के पिछले 15 चरण में यह तीसरी बार है जब 16 टीमों ने टूर्नामेंट में हिस्सा लिया है। इससे पहले 2002 और 2018 में ऐसा हुआ था।
जर्मनी में 2002 में 72 मैचों में 300 गोल हुए थे जिसमें प्रत्येक मैच का औसत 4.17 रहा था। लेकिन तब यह अलग प्रारूप में खेला गया था जिसमें 16 टीमों को केवल दो पूल में बांटा गया था और प्रत्येक पूल से शीर्ष दो टीमों ने सेमीफाइनल में प्रवेश किया था। (भाषा)
जम्मू, 21 जनवरी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अगुवाई वाली ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ के जम्मू पहुंचने से दो दिन पहले शहर के बाहरी हिस्से के एक व्यस्त इलाके में शनिवार दो विस्फोट हुए जिनमें नौ लोग जख्मी हो गए।
पुलिस को संदेह है कि नरवाल के ट्रांसपोर्ट नगर इलाके में एक मरम्मत की दुकान में खड़ी एसयूवी कार और पास के कबाड़खाने में एक वाहन में दो विस्फोट करने के लिए आईईडी का इस्तेमाल किया गया था।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस घटना की कड़ी निंदा की और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुकेश सिंह ने घटनास्थल के पास पत्रकारों से कहा, “खड़ी हुई एक पुरानी बोलेरो (स्पोर्ट्स यूटिलिटि व्हिकल) में सुबह करीब 11 बजे विस्फोट हुआ जिससे आसपास खड़े पांच लोग जख्मी हो गए। उन्हें अस्पताल ले जाया गया और उनकी स्थिति स्थिर है।”
उन्होंने कहा कि इलाके से लोगों को फौरन निकाला गया लेकिन इस बीच 50 मीटर दूर ही एक और विस्फोट हो गया जिसमें एक शख्स मामूली रूप से जख्मी हो गया जिसे भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
अधिकारी ने कहा कि मामले की आगे की जांच जारी है।
हालांकि, विस्फोटों के बाद छर्रे लगने से घायल कुल नौ लोगों को सरकारी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) अस्पताल ले जाया गया।
अस्पताल में एक डॉक्टर ने बताया कि अस्पताल में नौ मरीज लाए गए हैं जिनमें से एक के पेट में चोट लगी है और दो अन्य के पैर में फ्रैक्चर है तथा इन सभी की हालत स्थिर है।
संदिग्ध आतंकवादियों ने विस्फोट ऐसे समय में किए, जब क्षेत्र में सुरक्षा एजेंसियां कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ और आगामी गणतंत्र दिवस समारोह के मद्देनजर उच्च सतर्कता बरत रही हैं।
यात्रा बृहस्पतिवार शाम पंजाब के रास्ते जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में दाखिल हुई और यहां से करीब 70 किलोमीटर दूर चाडवाल में है।
शनिवार को एक दिन के ब्रेक के बाद यात्रा रविवार को हीरानगर से फिर शुरू होकर 23 जनवरी को जम्मू पहुंचेगी।
एक अधिकारी ने घायलों की पहचान जम्मू के निवासी सुहैल इकबाल, विश्व प्रताप, विनोद कुमार, अर्जुन कुमार, अमित कुमार, राजेश कुमार और अनीश और डोडा के सुशील कुमार के रूप में की है।
अधिकारियों ने कहा कि पहले विस्फोट के तुरंत बाद पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त दलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी थी, जिसके 15 मिनट बाद एक और विस्फोट हुआ।
उन्होंने कहा कि सुरागों को तलाशने के लिए फॉरेंसिक विशेषज्ञ, बम निरोधक दस्ते और खोजी कुत्तों को लगाया गया है।
घटना के चश्मदीद जसविंदर सिंह ने बताया कि पहला विस्फोट एक वाहन में हुआ, जिसे मरम्मत के लिए लाया गया था।
मोटर स्पेयर पार्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सिंह के मुताबिक, 15 मिनट बाद पास में एक और विस्फोट हुआ, जिससे क्षेत्र में मोटर वाहन के क्षतिग्रस्त हिस्सों और कचरे का मलबा बिखर गया।
राजकुमार ने कहा कि जब विस्फोट हुआ तो वह दूसरी गाड़ी पर काम कर रहे थे। उन्होंने कहा, “हमें शुरू में लगा कि किसी गाड़ी के पेट्रोल टैंक में विस्फोट हुआ है लेकिन धमाका इतना जोरदार था कि गाड़ी के परखच्चे उड़ गए।”
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने उपराज्यपाल को इस बारे में जानकारी दी।
उपराज्यपाल ने कहा, ‘‘इस तरह के कायरतापूर्ण कृत्य, हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों की हताशा और कायरता को उजागर करते हैं। तत्काल और कड़ी कार्रवाई करें। विस्फोट के गुनाहगारों को इंसाफ के कठघरे में लाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जानी चाहिए। ’’
उन्होंने घायलों को 50 हजार रुपये की मदद देने की भी घोषणा की।
सिन्हा ने कहा कि प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि घायलों का बेहतर इलाज हो और उनके परिवारों को हर संभव मदद मुहैया कराई जाएगी।
कांग्रेस सांसद और जम्मू कश्मीर मामलों की पार्टी प्रभारी रजनी पाटिल ने दोहरे विस्फोटों की कड़ी निंदा की।
आम आदमी पार्टी (आप)की जम्मू कश्मीर राज्य समन्वय समिति के अध्यक्ष हर्ष देव सिंह ने भाजपा पर केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा स्थिति में सुधार करने में पूरी तरह विफल रहने का आरोप लगाया।
सिंह ने आरोप लगाया, “जिस दिन से भाजपा सरकार सत्ता में आई है, जम्मू-कश्मीर में स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। हर गुजरते दिन के साथ आतंकवाद बढ़ता जा रहा है और 1990 के दशक में लौट रहा है।”
उन्होंने पत्रकारों से कहा, “वे कह रहे थे कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद एक चिड़िया नहीं मारी गई बल्कि हकीकत यह है कि निर्दोष पुरुष, महिलाएं और बच्चे मारे जा रहे हैं। भाजपा को न केवल जम्मू-कश्मीर बल्कि पूरे देश को जवाब देना है।’’ (भाषा)
रायपुर, 21 जनवरी (भाषा)। भारत के तेज गेंदबाजी आक्रमण ने शनिवार को यहां दूसरे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में न्यूजीलैंड के कमजोर बल्लेबाजी क्रम को ध्वस्त कर दिया जिससे मेजबान टीम ने आठ विकेट की जीत से तीन मैचों की श्रृंखला में 2-0 से अजेय बढ़त बना ली।
मोहम्मद शमी की अगुआई वाले तेज गेंदबाजी आक्रमण ने मुश्किल पिच पर शानदार प्रदर्शन किया और भारत ने न्यूजीलैंड को 108 रन पर समेट दिया।
इस लक्ष्य का पीछा करने उतरे भारत ने कप्तान रोहित शर्मा के 51 गेंद में 50 रन और शुभमन गिल के नाबाद 40 रन (53 गेंद) से 20.1 ओवर में 111 रन बनाकर जीत दर्ज की।
भारत की यह शानदार जीत रही लेकिन शहीद वीर नारायण सिंह स्टेडियम में मौजूद क्रिकेट के जुनूनी दर्शकों को मैच जल्दी खत्म होने से थोड़ी निराशा रही। रायपुर के इस स्टेडियम ने अपने पहले अंतरराष्ट्रीय मैच में शानदार पदार्पण किया।
न्यूजीलैंड ने 11वें ओवर में 15 रन पर पांच विकेट गंवा दिये थे जिसमें शमी (18 रन देकर तीन विकेट) और मोहम्मद सिराज (10 रन देकर एक विकेट) की भूमिका अहम रही। इन दोनों ने गेंदबाजों के मुफीद पिच पर अपनी बेहतरीन सीम गेंदबाजी से बल्लेबाजों के लिये रन जुटाना मुश्किल कर दिया। गेंद रूककर आ रही थी जिससे बल्लेबाजों के लिये एक एक रन जोड़ना कठिन लग रहा था।
हालांकि भारतीय बल्लेबाज जब शाम को क्रीज पर उतरे तो बल्लेबाजी आसान दिख रही थी।
श्रृंखला का तीसरा और अंतिम वनडे मंगलवार को इंदौर में खेला जायेगा।
न्यूजीलैंड सलामी बल्लेबाज फिल एलेन खाता भी नहीं खोल सके और शमी की फुल लेंथ गेंद को चूक गये जो उनके स्टंप उखाड़ कर चली गयी। फिर सिराज की गेंद तीसरे नंबर के बल्लेबाज हेनरी निकोल्स का बल्ले का किनारा लेकर शुभमन गिल के हाथों में पहुंच गयी।
शमी और हार्दिक पंड्या (16 रन देकर दो विकेट) के शानदार रिटर्न कैच ने फिर न्यूजीलैंड को और परेशानी में डाल दिया। शमी ने डेरिल मिचेल को अपनी ही गेंद पर आउट किया जो उनकी गेंद को फ्लिक करने की कोशिश कर रहे थे।
वहीं हार्दिक का 10वें ओवर में डेवोन कॉनवे का अपनी ही गेंद पर एक हाथ से कैच लपकना बेहतरीन रहा। शार्दुल ठाकुर (26 रन देकर एक विकेट) भी एक विकेट झटकने में सफल रहे जब उनकी गेंद टॉम लॉथम के बल्ले का किनारा लेकर शुभमन गिल के हाथों में चली गयी। न्यूजीलैंड के कप्तान ने लूज शॉट खेला और गिल ने भी स्लिप में आसान कैच लपक लिया।
न्यूजीलैंड की टीम मुश्किल में थी लेकिन पिछले मैच के शतकवीर माइकल ब्रेसवेल (22 रन) क्रीज पर थे तो उम्मीद बंधी हुई थी। उनके साथ उनके जितने ही खतरनाक ग्लेन फिलिप्स (36 रन) भी क्रीज पर थे।
ब्रेसवेल ने शमी पर कवर पर चौका जड़कर इरादे जाहिर कर दिये। उन्होंने 19वें ओवर में लगातार चौके खाने के बाद शमी ने एक तेज बाउंसर फेंका और ब्रेसवेल इसे पुल करने की कोशिश में बल्ला छुआकर विकेटकीपर ईशान किशन को कैच दे बैठे।
हैदराबाद में पहले वनडे में अर्धशतक जड़ने वाले मिचेल सैंटनर (27 रन) फिर फिलिप्स के साथ क्रीज पर थे। इन दोनों ने सातवें विकेट के लिये 47 रन की साझेदारी निभाकर टीम को 100 रन के पार कराया। हालांकि ये दोनों छह गेंद के अंदर आउट हो गये जिससे न्यूजीलैंड की वापसी करने की उम्मीद भी खत्म हो गयी।
सैंटनर हार्दिक की गेंद पर बोल्ड हुए जबकि फिलिप्स ने वाशिंगटन सुंदर (सात रन देकर दो विकेट) की गेंद पर सूर्यकुमार यादव को कैच दे दिया।
कुलदीप यादव (29 रन देकर एक विकेट(ने 11वें नंबर के ब्लेयर टिकनर को आउट कर न्यूजीलैंड की पारी 34.3 ओवर में समाप्त की।
लक्ष्य का पीछा करने उतरे रोहित ने अपने पसंदीदा पुल शॉट्स से दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। इसमें से एक छक्के के लिये गया जो मैच का पहला छक्का भी रहा। उन्होंने लॉकी फर्ग्यूसन पर फाइन लेग में ये छह रन बनाये।
हैदराबाद में पहले वनडे में दोहरा शतक जड़कर आत्मविश्वास से भरे गिल ने भी कुछ शानदार स्ट्रोक लगाये जिसमें फर्ग्यूसन पर लगा कवर ड्राइव शॉट लाजवाब रहा।
न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज भारतीय तेज गेंदबाजों की तरह का ‘सीम मूवमेंट’ हासिल नहीं कर सके जिससे मेजबान टीम के बल्लेबाजों के लिये रन जुटाना आसान रहा।
रोहित ने 13वें ओवर में एक रन लेकर अपना अर्धशतक पूरा किया। पर शिपले ने नीची गेंद पर उन्हें पगबाधा आउट किया।
विराट कोहली जब क्रीज पर उतरे तो दर्शकों ने हमेशा की तरह शानदार तरीके से उनका स्वागत किया लेकिन वह नौ गेंद ही खेल सके थे कि सैंटनर ने उन्हें लगातार दूसरी बार अपना शिकार बनाया।
फिर विकेटकीपर बल्लेबाज किशन (नाबाद आठ रन) ने आकर गिल के साथ मैच खत्म किया।
रायपुर, 21 जनवरी । भारतीय कप्तान रोहित शर्मा अपनी बल्लेबाजी से काफी संतुष्ट है और हाल के दिनों में अपने बल्ले से बड़े शतकों की कमी से चिंतित नहीं हैं।
एकदिवसीय मैचों में तीन दोहरे शतक लगाने वाले रोहित ने आखिरी बार जनवरी 2020 में इस प्रारूप में शतक बनाया था। इस दौरान अर्धशतक को शतक में बदलने की उनकी दर में काफी कमी आयी है।
शनिवार को यहां न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे वनडे में इस सलामी बल्लेबाज ने 50 गेंदों में सात चौकों और दो छक्कों की मदद से 51 रन की शानदार पारी खेलकर भारत को आठ विकेट से मैच और श्रृंखला को जिताने में मदद की।
रोहित ने मैच के बाद पुरस्कार समारोह में कहा, ‘‘मैं अब अपने खेल को थोड़ा बदलने की कोशिश कर रहा हूं, गेंदबाजों के खिलाफ आक्रामक रूख अपनाने की कोशिश कर रहा हूं और मुझे लगता है कि गेंदबाजों पर दबाव बनाने की कोशिश करना जरूरी है। मुझे पता है कि बड़े स्कोर नहीं आए हैं, लेकिन मैं इसके बारे में बहुत चिंतित नहीं हूं।’’
भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘मैं अपनी बल्लेबाजी से खुश हूं। मेरी सोच काफी स्पष्ठ है। मैं जिस तरह से खेल रहा हूं उससे खुश हूं। मुझे पता है कि जल्द ही एक बड़ा स्कोर बनने वाला है।’’
इस साल के आखिर में भारतीय टीम को घरेलू सरजमीं पर 50 ओवर के विश्व कप में खेलना है। रोहित ने कहा कि टीम इस महत्वपूर्ण प्रतियोगिता में जाने से पहले हर तरह की चीजें (प्रयोग) करना चाहती है।
भारत के तेज गेंदबाजी आक्रमण ने शनिवार को यहां दूसरे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में न्यूजीलैंड के कमजोर बल्लेबाजी क्रम को ध्वस्त कर दिया जिससे मेजबान टीम ने आठ विकेट की जीत से तीन मैचों की श्रृंखला में 2-0 से अजेय बढ़त बना ली।
मोहम्मद शमी की अगुआई वाले तेज गेंदबाजी आक्रमण ने मुश्किल पिच पर शानदार प्रदर्शन किया और भारत ने न्यूजीलैंड को 108 रन पर समेट कर आठ विकेट से जीत दर्ज की।
न्यूजीलैंड ने 11वें ओवर में 15 रन पर पांच विकेट गंवा दिये थे जिसमें शमी (18 रन देकर तीन विकेट) और मोहम्मद सिराज (10 रन देकर एक विकेट) की भूमिका अहम रही। हार्दिक पंड्या (16 रन पर दो विकेट) ने भी प्रभावित किया।
रोहित ने कहा, ‘‘ मुझे लगा कि पिछले पांच मैचों में गेंदबाजों ने वास्तव में जिम्मेदारी उठायी। हमने उनसे जैसा भी कहा उन्होंने वैसा ही किया। खासकर भारत में ऐसा करना मुश्किल है। आप विदेशों में ऐसे प्रदर्शन की उम्मीद करते है लेकिन भारत में ऐसे प्रदर्शन के लिए वास्तविक कौशल की जरूरत है।’’
न्यूजीलैंड के कप्तान टॉम लैथम ने कहा कि साझेदारी बनाने में नाकाम रहने से उनकी टीम को नुकसान हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘ शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों के लिए अच्छा दिन नहीं था। भारत ने शुरुआत से अच्छी गेंदबाजी की और हमें रन बनाने का मौका नहीं दिया। पिच से गेंदबाजों को मदद मिल रही थी।’’
लैथम ने कहा, "दुर्भाग्य से हम साझेदारी बनाने में असमर्थ रहे। हर बार आप शानदार प्रदर्शन करना चाहते हैं लेकिन हम परिस्थितियों के अनुकूल नहीं हो पाए।’’
मैन ऑफ द मैच शमी ने कहा कि वह हमेशा सही लाइन और लेंथ बनाए रखने पर ध्यान देते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं हमेशा अच्छी लय और लाइन और लेंथ गेंदबाजी करने की कोशिश करता हूं। गेंद को हवा में लहराते देखना पसंद है। मैं बस सीम का सही इस्तेमाल करने की कोशिश करता हूं।’’ (भाषा)
भिलाई नगर, 21 जनवरी। दुर्ग जिले के कुम्हारी थाना क्षेत्र में शौच के लिए गई नाबालिग लड़की से युवक ने दुष्कर्म की शर्मनाक वारदात को अंजाम दिया है। घटना की शिकायत के बाद आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
मिली जानकारी के मुताबिक कुम्हारी थाना क्षेत्र में 15 वर्षीय बालिका शौच के लिए गई थी। इसी दौरान ग्राम ढाबा निवासी आरोपी रोहित ने बालिका का रास्ता रोका और उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। घटना के बाद आरोपी फरार हो गया। इधर पीड़िता ने रोते हुए अपने परिजनों को इसकी जानकारी दी।
सीएसपी प्रभात कुमार छावनी ने जानकारी दी कि थाना कुम्हारी क्षेत्र के ग्राम ढाबा में एक नाबालिग बालिका शौच के लिए मैदान गई थी जहा गांव का रोहित उर्फ पुरोहित साहू (35 वर्ष) द्वारा बालिका का रास्ता रोक कर दुष्कर्म करने की सूचना पर आरोपी को हिरासत में लिया गया और थाना कुम्हारी मैं अग्रिम कार्यवाही की जा रही है!
रायपुर, 21 जनवरी। सांस्कृतिक-साहित्यिक महोत्सव जश्न ए ज़बाँ का रंगारंग आगाज़
कलमकार की खोज के विजेताओं का सम्मान
विविध कार्यक्रमों की रंगारंग प्रस्तुति के साथ हुआ।
श्रीसाईंनाथ फाउंडेशन का यह 3 का तीन दिवसीय आयोजन वीरांगना ऑडिटोरियम चौबे कालोनी में हुआ।
प्रथम दिवस का प्रारंभ कनिष्क एवं वरिष्ठ कलमकार की खोज के ग्रैंड फिनाले के साथ हुआ। गौरतलब है कि विगत दिनों ऑनलाइन ऑडिशन के माध्यम से प्रदेश भर के लगभग 200 कलमकारों ने ऑडिशन में हिस्सा लिया था इनमें से चयनित श्रेष्ठ 10 प्रतिभागियों ने ग्रैंड फिनाले में अपनी प्रस्तुति दी। ततपश्चात पूरे महोत्सव का विधिवत शुभारंभ पद्मश्री भारती बंधु, वरिष्ठ साहित्यकार गिरीश पंकज व रश्मिलता मिश्रा ने दीप प्रज्वलित कर किया । संस्था के अध्यक्ष आशीष राज सिंघानिया ने प्रदेश में संस्था द्वारा कला, संस्कृति, साहित्य एवं संगीत के क्षेत्र में किये जा रहे उल्लेखनीय कार्यों की जानकारी दी।
इस दौरान ग्रैंड फिनाले के निर्णायक प्रसिद्ध शायर डॉ सूफ़ी शाद बिलासपुरी, उर्मिला देवी उर्मि व डॉ रूपेंद्र राज और दोनो वर्ग के विजेताओं क्रमशः पुष्पराज केशरवानी, गीतांजलि सिन्हा व प्रिंस सोनी एवं रोशनी दीक्षित, पंखुरी मिश्रा व राकेश अग्रवाल को विजेता ट्रॉफी एवं सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया।
विभिन्न सत्रों में आयोजित कार्यक्रमों में बिलासपुर की युवा नृत्यांगना राधिका पाखी ने शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुति दी । इसके बाद पुणे के युवा संगीतकार सुमेध बगाईतकर ने इलेक्ट्रिक पियानो में शास्त्रीय व फ्यूजन की प्रस्तुति दी। उनके साथ तबले में रामचन्द्र सरपे एवं आक्टोपेड में दीपक सिन्हा ने संगत किया।
चौथे सत्र में प्रदेश एवं देश के सुप्रसिद्ध युवा कवियों मुरैना से शिवांगी शर्मा प्रेरणा, कटनी से प्रियंका मिश्रा, रायपुर से रिक्की बिंदास व इमरान अब्बास, खैरागढ़ से भावेश देशमुख, कवर्धा से अभिषेक पांडेय व बीजापुर से पुरुषोत्तम चंद्राकर ने अपनी कविताओं से स्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कवि सम्मेलन का संचालन अभिषेक पांडेय ने किया।
अंतिम सत्र में सुप्रसिद्ध सूफी गायक नरिंदर पाल सिंह निन्दर बिलासपुर ने सूफी संगीत से शानदार समां बांधते हुए श्रोताओं को देर रात तक झूमने में मजबूर कर दिया।
विदित हो कि जश्न-ए ज़बाँ के इस तीसरे संस्करण में अविनाश भट्ट, साहिल मोटवानी, ममता धुरडे एवं नौसिखिया आर्ट्स कम्युनिटी द्वारा चित्र व फ़ोटो प्रदर्शनी भी लगाई गई है।
रायपुर, 21 जनवरी। पलाश चंदेल पर आदिवासी बेटी के साथ दुराचार का अपराध दर्ज होने के बाद कांग्रेस ने पूरे प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल का पुतला दहन किया। रायपुर शहर से लेकर सूरजपुर और सुकमा तक हर शहर, कस्बे,गांव में चंदेल का पुतला दहन किया।
प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि छत्तीसगढ़ हो या झारखंड भाजपा आदिवासी बेटियों के साथ दुराचार करने वाले अपराधी के पक्ष में ही खड़ी नजर आ रही है। भाजपा नेताओं का चरित्र ही बलात्कारियों को बचाना है। इसीलिए नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल आदिवासी बेटी से दुराचार के आरोपी अपने पुत्र को संरक्षण दे रहे हैं। दंतेवाड़ा के उपचुनाव के दौरान पूरा प्रदेश ने देखा है किस प्रकार भाजपा झारखंड में हुई आदिवासी बेटी के साथ गैंग रेप, रेप और पॉक्सो एक्ट के आरोपी को बचाने के लिए सड़कों पर संघर्ष कर रही थी उसके लिए वोट मांग रही थी नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल नैतिक धर्म का पालन करे। उन्हें आदिवासी बेटी को न्याय दिलाने के लिए अपने पुत्र को पुलिस के हवाले करना चाहिए और अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।
इरोड, 21 जनवरी। तमिलनाडु की इरोड पूर्वी विधानसभा सीट पर 27 फरवरी को होने वाले उपचुनाव में दिलचस्प राजनीतिक स्थिति बनती नजर आ रही है। वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव में द्रमुक नीत गठबंधन के जीतने के बाद तमिलनाडु में यह पहला उपचुनाव होगा।
कांग्रेस के पूर्व नेता और तमिल मनीला कांग्रेस (टीएमसी) के संस्थापक जी के वासन अन्नाद्रमुक के समर्थन में चुनावी दौड़ से पीछे हट गए हैं जिससे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए यह उलझन पैदा हो गई है कि या तो वह सहयोगी अन्नाद्रमुक का समर्थन करे या फिर अकेले लड़े।
वासन की पार्टी इस निर्वाचन क्षेत्र से 2021 के विधानसभा चुनाव में उपविजेता रही थी।
अन्नाद्रमुक के अंतरिम महासचिव के. पलानीस्वामी ने बृहस्पतिवार को वासन का समर्थन सुनिश्चित किया और उसी दिन भाजपा से संपर्क कर उपचुनाव में अपनी पार्टी के उम्मीदवार के लिए समर्थन मांगा।
इरोड लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मोदककुरिची विधानसभा क्षेत्र से जीतने वाली भाजपा अपनी चुनावी किस्मत को समृद्ध करने के लिए उत्सुक है और थिरुमहान एवरा की जगह भरने के लिए किसी मजबूत व्यक्ति को नामित करने के कांग्रेस के प्रयासों पर पानी फेरना चाहती है।
एवरा के आकस्मिक निधन से इस सीट पर उपचुनाव आवश्यक हो गया है।
भाजपा के पास अन्नाद्रमुक का समर्थन करने या अपने बल पर अकेले चुनाव लड़ने के अलावा बहुत कम विकल्प हैं।
गत 18 जनवरी को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के तुरंत बाद भाजपा ने निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव संबंधी कार्य करने के लिए एक चुनाव इकाई नामित की और संकेत दिया कि पार्टी इरोड पूर्वी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की इच्छा रखती है।
भाजपा के एक नेता ने कहा, "हमारी पार्टी सदस्य सी सरस्वती मोदककुरिची से जीतीं और इससे द्रमुक गठबंधन को हराने के लिए हमारी पार्टी द्वारा किए गए जबरदस्त कार्य की झलक दिखी।"
यह स्वीकार करते हुए कि अन्नाद्रमुक के अंतरिम महासचिव पलानीस्वामी और टीएमसी नेता वासन दोनों ने उपचुनाव के बारे में फोन पर बात की, भाजपा के प्रदेश प्रमुख के. अन्नामलाई ने कहा, "मैंने अपने पार्टी आलाकमान को उनके विचारों से अवगत करा दिया है। मैं नयी दिल्ली से जवाब मिलने पर इस संबंध में कोई घोषणा करूंगा।"
उपचुनाव के लिए कांग्रेस एक-दो दिन में अपने उम्मीदवार की घोषणा कर सकती है।
इस बीच, अन्नाद्रमुक के नेता एवं तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने इरोड पूर्वी विधानसभा क्षेत्र के लिए होने वाले उपचुनाव में अपना उम्मीदवार खड़ा करने की घोषणा की।
हालांकि, उन्होंने कहा कि अगर भाजपा इरोड पूर्वी सीट पर उपचुनाव लड़ना चाहती है, तो उनका धड़ा भाजपा उम्मीदवार को समर्थन देने के लिए तैयार है।
उल्लेखनीय है कि पनीरसेल्वम और पूर्व मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी के बीच पार्टी नेतृत्व को लेकर विवाद चल रहा है।
पनीरसेल्वम से चेन्नई में उनके आवास पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में सवाल किया गया कि उनकी इस घोषणा से क्या पार्टी सदस्यों एवं मतदाताओं के बीच भ्रम की स्थिति पैदा नहीं होगी, जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि यह स्थिति पलानीस्वामी ने पैदा की है।
उन्होंने दावा किया कि पार्टी का दो पत्तियों का चुनाव चिह्न उनके पास है, क्योंकि भारत निर्वाचन आयोग अब भी उन्हें ही अन्नाद्रमुक के समन्वयक के रूप में मान्यता देता है।
पनीरसेल्वम ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि यदि उनकी पार्टी का चिह्न बरकरार नहीं रखा जा सकता, तो उनकी पार्टी आयोग द्वारा आवंटित किसी भी चिह्न को स्वीकार कर लेगी।
उन्होंने कहा कि वह भाजपा जैसे मित्रवत दलों के संपर्क में हैं और अपनी पार्टी के उम्मीदवार के लिए उनसे समर्थन मांगेंगे। (भाषा)
देहरादून, 21 जनवरी। उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने की घटना के कारण 'असुरक्षित' इमारतों को गिराने का काम शनिवार को मौसम में सुधार के साथ शुरू हो गया।
उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में शुक्रवार को हुई बर्फबारी और बारिश के कारण ठंड बढ़ गयी है, जिससे अस्थायी राहत शिविरों में रह रहे जोशीमठ के लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने कहा था, ‘‘जोशीमठ में असुरक्षित होटलों और घरों को खराब मौसम के कारण अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।’’
अधिकारियों के अनुसार, जोशीमठ में भूमि धंसने के बाद 849 घरों में दरारें आ गई हैं और 269 परिवारों को अस्थायी राहत केंद्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है।
शनिवार सुबह मौसम साफ होने के साथ ही होटलों- मलारी इन और माउंट व्यू- तथा पीडब्ल्यूडी के निरीक्षण बंगले को ध्वस्त करने में ड्रिलिंग मशीन और बुलडोजर लगा दिये गये।
यहां एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘जोशीमठ में प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करना वर्तमान में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की शीर्ष प्राथमिकताओं में है।’’
बयान में कहा गया है कि प्रभावित लोगों को ठंड से बचाने के लिए अस्थाई राहत केंद्रों पर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
विज्ञप्ति के अनुसार, 76 परिवारों को हीटर और ब्लोअर, 110 लोगों को गरम पोशाकें, 175 को गर्म पानी की बोतलें, 516 को ऊनी टोपी, 280 को गर्म मोजे और 196 लोगों को शॉल की आपूर्ति की गई है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि 771 लोगों को खाद्यान्न, 601 को कंबल और 114 को दैनिक इस्तेमाल की चीजों की आपूर्ति की गई है।
बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे प्रसिद्ध तीर्थस्थलों तथा अंतरराष्ट्रीय स्कीइंग के लिए मशहूर औली के लिए प्रवेश द्वार कहलाने वाला जोशीमठ इमारतों, सड़कों और सार्वजनिक सुविधाओं में दिखाई देने वाली दरारों के कारण संकट में दिखाई दे रहा है।
भीषण सर्दी में प्रभावित परिवारों को राहत और पुनर्वास प्रदान करने को लेकर राज्य सरकार को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। (भाषा)
चंडीगढ़ 21 जनवरी। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह 40 दिन की पैरोल पर हरियाणा के रोहतक की सुनारिया जेल से शनिवार को रिहा किया गया।
रोहतक पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सिंह को दोपहर में जेल से रिहा किया गया।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश के बागपत में बरनावा स्थित डेरा सच्चा सौदा आश्रम जाएगा।
डेरा प्रमुख अपनी दो शिष्याओं से बलात्कार के जुर्म में 20 साल जेल की सज़ा काट रहा है। उसे तीन महीने पहले भी 40 दिन की पैरोल दी गई थी।
रोहतक के संभागीय आयुक्त संजीव वर्मा ने शुक्रवार को बताया था, “पैरोल 40 दिनों के लिए प्रदान की गई है। यह नियमानुसार है।’’
डेरा प्रमुख की आखिरी 40 दिन की पैरोल पिछले साल 25 नवंबर को खत्म हुई थी। वह 14 अक्टूबर को रिहा होने के बाद उत्तर प्रदेश में अपने बरनावा आश्रम गया था।
सूत्रों ने बताया कि अपनी पैरोल अवधि के दौरान डेरा प्रमुख के 25 जनवरी को पूर्व डेरा प्रमुख शाह सतनाम सिंह की जयंती कार्यक्रम में भी शामिल होने की संभावना है।
अक्टूबर-नवंबर में अपनी पिछली पैरोल अवधि के दौरान, 55 वर्षीय सिरसा डेरा प्रमुख ने बरनावा आश्रम में "सत्संग" के कई ऑनलाइन सत्र आयोजित किए थे। इनमें से कुछ सत्रों में हरियाणा के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने भाग लिया था।
अक्टूबर की पैरोल से पहले डेरा प्रमुख जून में एक महीने की पैरोल पर जेल से बाहर आया था। इसके अलावा, उसे पंजाब विधानसभा चुनाव से बमुश्किल दो सप्ताह पहले सात फरवरी 2022 से तीन सप्ताह की फरलो दी गई थी। (भाषा)
नयी दिल्ली, 21 जनवरी। कांग्रेस ने शनिवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी नीत सरकार के खिलाफ एक आरोप पत्र जारी किया, जिसमें उसने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को ‘भ्रष्ट जुमला पार्टी’ करार दिया और आरोप लगाया कि इसका मंत्र ‘कुछ का साथ, खुद का विकास, सबके साथ विश्वासघात’ है।
विपक्षी दल कांग्रेस ने यह भी कहा कि भारत जोड़ो यात्रा का नेतृत्व कर रहे राहुल गांधी श्रीनगर के लाल चौक इलाके स्थित प्रदेश कांग्रेस के कार्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे तथा शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में एक जनसभा करेंगे। कांग्रेस ने कहा कि इसके साथ ही कन्याकुमारी से कश्मीर तक की यात्रा का समापन हो जाएगा।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश और पार्टी के महासचिव (संगठन) के सी वेणुगोपाल ने यहां कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में यात्रा के बाद आयोजित होने वाले कार्यक्रम - ‘हाथ से हाथ जोड़ो अभियान’ का लोगो भी जारी किया।
रमेश ने कहा कि इसका लोगो ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की तरह ही है, लेकिन अंतर केवल इतना है कि इस पर कांग्रेस के हाथ का चिह्न है। उन्होंने कहा कि यह दर्शाता है कि यह 100 प्रतिशत राजनीतिक अभियान होगा, जो पदयात्रा के बारे में नहीं कहा जा सकता है।
वेणुगोपाल ने कहा कि 26 जनवरी से शुरू होने वाले कांग्रेस के अभियान के तहत पार्टी 'आरोप पत्र' और राहुल गांधी के पत्र को यात्रा के संदेश के साथ घर-घर ले जाएगी।
दोनों नेताओं द्वारा जारी आरोप पत्र में भाजपा को 'भ्रष्ट जुमला पार्टी' करार दिया गया है और आरोप लगाया गया है कि इसका मंत्र "कुछ का साथ, खुद का विकास, सबके साथ विश्वासघात’’ है। यह परोक्ष तौर पर सरकार के ‘सबका-साथ-सबका-विकास-सबका-विश्वास-सबका-प्रयास’ नारे पर एक निशाना है।
कांग्रेस द्वारा साझा किये गए एक पन्ने के आरोप पत्र को तीन खंडों में बांटा गया है - 'कुछ का साथ', 'खुद का विकास' और 'सबके साथ विश्वासघात'। आरोप पत्र के 'कुछ का साथ' खंड के तहत, पार्टी ने कुछ चुनिंदा व्यापारियों के लिए ऋण माफी, 10 प्रतिशत अमीरों के पास भारत की 64 प्रतिशत संपत्ति होने और प्रधानमंत्री के "करीबी दोस्तों" को "उपहार" स्वरूप बंदरगाह एवं हवाई अड्डे देने का आरोप लगाया गया है।
'खुद का विकास' खंड में, कांग्रेस ने भाजपा पर दुष्प्रचार पर करोड़ों रुपये खर्च करने और भाई-भतीजावाद में लिप्त होने का आरोप लगाया है। तीसरे खंड में, पार्टी ने बेरोजगारी, खाद्य सुरक्षा, महिला सुरक्षा, किसानों की दुर्दशा, नफरती भाषा, निर्वाचित सरकारों को "गिराने" और विभिन्न क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय सूचकांकों में भारत की रैंकिंग जैसे कई मुद्दों को उठाया।
वेणुगोपाल ने कहा कि इस आरोप पत्र के साथ ही पार्टी की संबंधित राज्य इकाइयां राज्य सरकारों के खिलाफ भी 'चार्जशीट' तैयार करेंगी।
रमेश ने कहा, ‘‘यह 100 प्रतिशत राजनीतिक अभियान है। यह यात्रा के बारे में नहीं कहा जा सकता। यह यात्रा का दूसरा चरण भी है। हम 10 लाख मतदान केंद्रों, छह लाख गांवों और 2.5 लाख ग्राम पंचायतों तक पहुंच बनाने का प्रयास करेंगे।’’
यह पूछे जाने पर कि गांधी लाल चौक पर तिरंगा क्यों नहीं फहरा रहे, रमेश ने कहा कि इस बारे में सही तरीके से खबर नहीं दी जा रही है क्योंकि प्रदेश कांग्रेस का कार्यालय लाल चौक में स्थित है और यह स्वाभाविक है कि पार्टी के पूर्व प्रमुख और भारत जोड़ो यात्रा का प्रमुख चेहरा राहुल गांधी पार्टी कार्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहरायें।
वेणुगोपाल ने कहा कि भविष्य की पीढ़ियों के देखने के लिए एक "स्थायी ढांचा" रखने पर विचार किया गया था और इसलिए कांग्रेस की अपनी संपत्ति को चुना गया।
उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा अपने अंतिम चरण में है तथा 27, 28 और 29 जनवरी को कश्मीर घाटी में रहेगी।
वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘इस यात्रा का पदयात्रा हिस्सा 29 जनवरी को समाप्त होगा। 30 जनवरी को पूर्वाह्न 10 बजे राहुल गांधी प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे। पूर्वाह्न 11 बजे श्रीनगर में शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में जनसभा होगी।’’ उन्होंने कहा कि इसके लिए कई विपक्षी नेताओं को आमंत्रित किया गया है।
उन्होंने कहा कि जिस समय राहुल गांधी राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे, उस समय सभी जिला कांग्रेस प्रमुख भी अपने-अपने कार्यालयों में तिरंगा फहराएंगे।
वेणुगोपाल ने पदयात्रा की सराहना करते हुए कहा कि यह ‘‘काफी सफल’’ रही और देश में ‘‘एक बड़ा आंदोलन’’ बन गयी। उन्होंने कहा कि इसके बाद के कार्यक्रम 'हाथ से हाथ जोड़ो अभियान' को दो महीने तक संचालित करने की योजना बनाई गई है, लेकिन इसे बढ़ाया जा सकता है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 21 जनवरी। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने अपने अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न सहित सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि खेल निकाय में ‘मनमानेपन और कुप्रबंधन की कोई गुंजाइश नहीं है’।
डब्ल्यूएफआई ने खेल मंत्रालय को अपने जवाब में कहा, ‘‘डब्ल्यूएफआई का प्रबंधन उसके संविधान के अनुसार एक निर्वाचित निकाय द्वारा किया जाता है, ऐसे में डब्ल्यूएफआई में अध्यक्ष सहित किसी एक द्वारा व्यक्तिगत रूप से मनमानी और कुप्रबंधन की कोई गुंजाइश नहीं है।’’
इसमें कहा गया, ‘‘ डब्ल्यूएफआई ने विशेष रूप से, मौजूदा अध्यक्ष की देखरेख में हमेशा पहलवानों के सर्वोत्तम हितों को ध्यान में रखते हुए काम किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘डब्ल्यूएफआई ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुश्ती खेल की छवि को बढ़ाया है और इस मंत्रालय के रिकॉर्ड के लिए यह बताना जरूरी है कि यह डब्ल्यूएफआई के निष्पक्ष, सहायक, स्वच्छ और सख्त प्रबंधन के बिना यह संभव नहीं है।’’
विनेश फोगट, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और रवि दहिया जैसे प्रसिद्ध पहलवानों के आरोप लगाने के बाद खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई से 72 घंटे के अंदर जवाब मांगा था। (भाषा)
नयी दिल्ली, 21 जनवरी। उच्चतम न्यायालय ने ‘‘एक व्यक्ति, एक कार’’ का नियम लागू करने के अनुरोध वाली याचिका खारिज कर दी है।
याचिका में एक व्यक्ति के दूसरा वाहन खरीदने की सूरत में पर्यावरण कर वसूले जाने की भी मांग की गई थी।
प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि याचिका में उठाए गए मुद्दे नीति से संबंधित हैं।
पीठ ने कहा, ‘‘वर्तमान मामले में भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत याचिका में जो मुद्दे उठाए गए हैं, वे नीति से संबंधित हैं। इसलिए, हम याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं।’’
अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता संबंधित अधिकारियों के समक्ष अपनी शिकायतों को रखने के लिए स्वतंत्र हैं।
उच्चतम न्यायालय गैर-सरकारी संगठन ‘सुनामी ऑन रोड्स’ की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें वायु प्रदूषण के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर प्रभावी पहल के लिए आवश्यक निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। (भाषा)
(प्रदीप्त तापदार)
कोलकाता, 21 जनवरी। शहर में 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाने की आरएसएस की योजना को लेकर हो रही चर्चा के बीच उनकी बेटी अनीता बोस-फाफ ने कहा है कि ऐसा उनके पिता की विरासत का ‘‘आंशिक फायदा’’ उठाने के लिए किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा और नेताजी के धर्मनिरपेक्षता एवं समावेशिता के विचार "अलग-अलग ध्रुव हैं तथा आपस में मेल नहीं खाते हैं"।
अनीता ने कहा कि जहां तक विचारधारा का संबंध है, तो देश में किसी भी अन्य पार्टी की तुलना में कांग्रेस में नेताजी से मिलती बहुत अधिक समानताएं हैं।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के उपलक्ष्य में शहर के शहीद मीनार मैदान में एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करेंगे।
अनीता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आरएसएस नेताजी की तरह सभी धर्मों का सम्मान करने के विचार को प्रतिबिंबित नहीं करते।
उन्होंने कहा कि नेताजी एक कट्टर हिंदू थे, लेकिन अन्य धर्मों का सम्मान करने में विश्वास करते थे और वह विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच सार्थक सहयोग के पक्ष में थे।
जर्मनी में रहने वाली अनीता बोस ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘आरएसएस और भाजपा इस रवैये को प्रतिबिंबित नहीं करते... यदि आप एक साधारण छाप लगाना चाहें, तो वे दक्षिणपंथी हैं और नेताजी वामपंथी थे।’’
उन्होंने कहा, "आरएसएस की विचारधारा के बारे में मैंने जो सुना है, उससे मुझे लगता है कि यह और नेताजी की विचारधारा अलग-अलग हैं। दोनों मूल्य प्रणालियां मेल नहीं खाती हैं। यदि आरएसएस को लगता है कि वह नेताजी के आदर्शों और विचारों को अपनाना चाहता है, तो यह निश्चित रूप से अच्छा होगा। कई अलग-अलग समूह नेताजी के जन्मदिन को अलग-अलग तरीकों से मनाना चाहते हैं और उनमें से कई आवश्यक रूप से उनके विचारों से सहमत हैं।’’
अनीता ने कहा कि उनके पिता की जयंती के जश्न पर धूमधाम "उनकी विरासत का आंशिक रूप से फायदा उठाने" के लिए है।
यह पूछे जाने पर कि क्या नेताजी आरएसएस के आलोचक थे, उन्होंने कहा, "मुझे (नेताजी का) कोई उद्धरण नहीं पता, जो मैं आपको दे सकूं। उन्होंने आरएसएस के सदस्यों के बारे में आलोचनात्मक बयान दिया हो सकता है। मुझे पता है कि उनके (नेताजी के) विचार क्या हैं और आरएसएस के विचार क्या हैं। दोनों मूल्य प्रणालियां मेल नहीं खातीं। आरएसएस और नेताजी की धर्मनिरपेक्षता की विचारधारा एक-दूसरे के साथ मेल नहीं खाती।"
नेताजी की जयंती समारोह के बारे में बात करते हुए उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक के सम्मान में "कई पहल" करने को लेकर भाजपा नीत केंद्र सरकार की सराहना भी की। (भाषा)
रायपुर, 21 जनवरी। महज पांच घंटे में मैच का लुत्फ उठाने के बाद राजधानी और आसपास के हजारों दर्शक तीन घंटे से अधिक समय तक जाम में फंसे रहे। पहले तो दो, ढाई किमी दूर पार्किंग से गाड़ी निकालने में जूझना पड़ा और फिर रास्ते में आए तो दो किलोमीटर से अधिक लंबी कतार में कार, एसयूवी और बाईक मानो रेंगते चल रहे थे। इस दौरान धुल, धुएं की परेशानी अलग। इसके अलावा टंकी फुल वाले तो मज़े में रहे लेकिन दो से पांच लीटर वाले भी परेशानी में रहे और पेट्रोल पंप ढूंढते रहे। वो तो अच्छा रहा कि मैच जल्द खत्म हो गया वरना सारी रात गाड़ी घसीटने में ही गुजर जाती।
कहा- आदिवासियों के साथ जो शोषण हो रहा है आंदोलन और तेज करने की जरूरत
जनजाति महासम्मेलन में उमड़ी हजारों आदिवासियों की भीड़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर, 21 जनवरी। केंद्रीय ग्रामीण विकास और इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि पिछले 15 वर्ष में भाजपा की पूर्ववर्ती रमन सरकार व केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार को देखें तो उन्होंने आदिवासियों के कल्याण के लिए तरह-तरह के प्रावधान किए, परंतु आज देखिए भूपेश बघेल की सरकार छत्तीसगढ़ में क्या कर रही है। आदिवासियों के लिए केंद्र व रमन सरकार ने जो कार्य किए हैं, उसे याद करने की जरूरत है। इसे याद कर लिया तो 2023 का चुनाव भाजपा का होगा। श्री कुलस्ते ने हजारों आदिवासियों से 2023 के चुनाव के लिए उनसे आशीर्वाद मांगा।
जनजातीय महासम्मेलन में सरगुजा अंबिकापुर पहुंचे केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कला केंद्र मैदान में आम सभा को संबोधित करते हुए प्रदेश में कांग्रेस की भूपेश सरकार पर जमकर बरसे। श्री कुलस्ते ने आगे कहा कि अगर आज भूपेश बघेल की सरकार के बारे में कहेंगे उनके काम को देखेंगे तो दिखेगा कि इन्होंने किस तरह से आदिवासियों का शोषण किया, मजदूरों के साथ कैसा व्यवहार है उन्हें काम करने के बाद अपनी मजदूरी राशि के लिए किस प्रकार जूझना पड़ रहा है यह सब बहुत ही कष्टदायक है।
श्री कुलस्ते ने कहा कि आदिवासियों के साथ जो शोषण हो रहा है आंदोलन को और तेज करने की जरूरत है ताकि 2023 के चुनाव में कांग्रेस को पूरी तरह से उखाड़ फेंके और इसका संकल्प उन्होंने सरगुजा से लेने की बात कही।
श्री कुलस्ते ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अमृत महोत्सव पर जनजाति समाज के मान प्रतिष्ठा को बढ़ाया है,केंद्र सरकार ने बिरसा मुंडा जयंती मनाने का निर्णय लिया,वीर नारायण सिंह जी को क्या स्थान देना चाहिए इसके लिए भाजपा के पूर्व सरकार ने करोड़ो रुपए खर्च किए। आदिवासी समाज की प्रतिष्ठा के लिए प्रधानमंत्री ने आदिवासी समुदाय की महिला को राष्ट्रपति बनाया।
श्री कुलस्ते ने कहा कि आदिवासियों का कल्याण छत्तीसगढ़ की धरती से हुआ है और इसकी शुरुआत अटल बिहारी वाजपयी ने की है। जब वह प्रधानमंत्री थे तो उन्होंने एकलव्य विद्यालय प्रारंभ किया लेकिन उसके बाद कांग्रेस सरकार केंद्र मे 10 वर्षों तक रही, जिस पर ब्रेक लग गया। 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार बनी तो पुन: यह एकलव्य विद्यालय प्रारंभ हो गए। अटल जी ने प्रधानमंत्री सडक़ योजना चालू किया तो कांग्रेसी पूछते थे पैसा कहा से लाएंगे। आज सभी गांव को पीएम सडक़ योजना से जोड़ा गया। कांग्रेस ने कभी पक्के सडक़ से किसी गांव को नहीं जोडऩे का काम किया। श्री कुलस्ते ने कहा कि अटल बिहारी वाजपयी ने आदिवासियों के लिए कई क्रांतिकारी निर्णय लिया उन्होंने अलग से जनजाति मंत्रालय खोला, जिसकी आज सरगुजा की बेटी रेणुका सिंह केंद्रीय राज्य मंत्री हैं।
आवास, चरण पादुका, कन्यादान योजना चाहिए तो भूपेश सरकार को बदलना पड़ेगा-रमन
जनजाति सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने भी भूपेश सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब वह मुख्यमंत्री बने थे तो बस्तर और सरगुजा में क्या स्थिति थी, किसी से छिपी नहीं है। यहां के लोग कनकी और खांडी खाते थे यहां के लोगों ने मुझे मुख्यमंत्री बनाया। मैंने सीएम बनने के बाद पहले एक रुपए किलो चावल की शुरुआत की ताकि इन गरीब तबके के लोगों का पेट भर सके। सरगुजा में नक्सलियों के बंदूक के भय से लोग घर से बाहर नहीं निकलते थे।
उन्होंने कहा कि जब मैं सीएम बना तो सबसे पहले सरगुजा में नक्सलवाद को खत्म किया,यहां सडक़ों का जाल बिछाया,बिजली बहाली कराई। भूपेश सरकार में सरगुजा का विकास बंद है।
रमन सिंह ने आगे कहा कि दिल्ली से केंद्र की सरकार ने 16 लाख आवास छत्तीसगढ़ को भेजा पर उसे भूपेश सरकार खा गए। रमन सिंह ने लोगों से कहा कि अगर उन्हें आवास चाहिए, चरण पादुका चाहिए, पुन: कन्यादान योजना लागू चाहिए तो उन्हें भूपेश बघेल की सरकार को बदलना पड़ेगा।
रमन सिंह ने कहा कि उल्टी गिनती शुरू हो गई है तैयार रहना है पिछले बार आप लोग धोखा खा गए थे पर इस बार कमल खिलाना है, तभी विकास की गंगा बहेगी।
सिंहदेव पर रमन सिंह ने ली चुटकी, कहा न ठीक से विधायक बन पाए न सीएम
सम्मेलन में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अंबिकापुर विधायक व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव पर चुटकी लेते हुए कहा कि वह ठीक से न विधायक बन पाए न तो छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बन पाए। उन्होंने कहा कि जब वह उनसे पूछे तो ढाई ढाई साल का बात होना बताया।
रमन सिंह ने कहा कि क्षेत्र की जनता को मुख्यमंत्री का लालच देकर सरगुजा की पूरी सीट ले लिया गया, अब जनता को इस अपमान का बदला लेना चाहिए। श्री सिंह ने कहा कि 5 साल आपने बैठा दिया कोई बात नहीं फिर से कमल खिलाना है। रमन सिंह ने कहा कि 2023 के चुनाव में पूरी की पूरी सीट पर कमल खिलेगा।
जनजाति सम्मेलन को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह सहित भाजपा के दिग्गज नेता रामविचार नेताम सहित अन्य लोगों ने संबोधित किया।
जनजाति सम्मेलन में पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष भाजपा अजजा मोर्चा राम विचार नेताम, सांसद गोमती साय, पूर्व मंत्री केदार कश्यप, महेश गागड़ा, ननकीराम कंवर, प्रबल प्रताप, विष्णु देव साय, अनुराग सिंह देव, ज्योति नंद, राम किशुन सिंह, सिद्धनाथ पैकरा, सहित हजारों की संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग मौजूद थे।
कहा धान खरीदी का ज्यादातर पैसा केंद्र देती है, भूपेश सरकार थपथपा रही अपनी पीठ
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 21 जनवरी। प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक आज संपन्न हुई। इस बैठक में राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा दिल्ली के राष्ट्रीय कार्यसमिति में लिए गए निर्णय के अनुरूप प्रदेश के लिए रणनीति तय की गई।
बैठक के समापन उपरांत प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा कि 2 दिनों में विभिन्न सत्रों में अलग-अलग विषयों पर बातचीत की गई। इस दौरान सामाजिक आर्थिक संकल्प व राजनीतिक प्रस्ताव पास किए गए। देश प्रदेश के प्रमुख पदाधिकारी जिनका निधन हुआ, उनका शोक प्रस्ताव पास किया गया। कांग्रेस की विफलता पर भी चर्चा की गई।
श्री साव ने कहा कि निश्चित रूप से यह बैठक पार्टी को मजबूत व हमारे कार्यक्रम को गति देने वाली होगी। उन्होंने कहा कि 8 वर्षों से देश में मोदी सरकार ने जो काम किया है, वह इस बात को बताता है कि देश आगे बढ़ा है। छत्तीसगढ़ राज्य व केंद्र में भी जब हमारी सरकार थी तो दोनों ने मिलकर आम लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने का काम किया था। उस दौरान सभी योजनाओं का क्रियान्वयन भी हो रहा था। पीएम आवास योजना के लिए देश में हमारा छत्तीसगढ़ पहले नंबर पर था। जब से काग्रेस कि सरकार छत्तीसगढ़ में आई है, एक भी काम स्वीकृत नहीं हुए। यहां तक कि 11 लाख से अधिक परिवार पीएम आवास योजना से वंचित है। जल जीवन मिशन योजना के तहत हर गरीब से गरीब लोगों के घर तक शुद्ध पानी नल के जरिए पहुंचाने की योजना थी। छत्तीसगढ़ में व्यापक तौर पर भ्रष्टाचार किए जाने से इस योजना से भी लोग वंचित हैं। गरीब कल्याण अनाज योजना में भी छत्तीसगढ़ सरकार ने डाका डालने का काम किया है।
कोरोना काल में जब टीका बना तो सभी को सुरक्षित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभियान चलाया। श्री साव ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री पर उंगली उठाते हुए कहा कि कोरोना के टीके पर भी छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री व मुख्यमंत्री के द्वारा प्रश्न उठाकर अन्याय किया गया ताकि लोग टीका से वंचित हो जाए।
श्री साव ने कहा कि डबल इंजन की सरकार से ही छत्तीसगढ़ का विकास संभव होगा। केंद्र में भारतीय जनता पार्टी युवा छत्तीसगढ़ में भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी तो गरीब कल्याण के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की तरक्की का काम हम कर सकेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हर वर्ग को धोखा देने का काम किया है। एक भी वायदे कांग्रेस सरकार ने पूरे नहीं किए। दिया है तो सिर्फ धर्मांतरण। इस माध्यम से हमारी संस्कृति व सभ्यता को चौपट करने का काम हो रहा है। आज पूरे छत्तीसगढ़ में रेत, कोयला, शराब व भू माफियाओं का बोलबाला है। नशे व भ्रष्टाचार का गढ़ छत्तीसगढ़ बन चुका है। विकास के सारे काम ठप है।
उन्होंने कहा कि धान खरीदी में ज्यादातर पैसे केंद्र सरकार देती है, वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार सिर्फ अपनी पीठ थपथपाने का काम कर रही है। वहीं कांग्रेस सरकार आरक्षण के नाम पर भ्रम फैलाकर राजनीति कर रही है। यह आरक्षण देने वाली नहीं छीनने वाली सरकार है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की इस बार पूरी तैयारी है।
सभी कार्यकर्ता 90 विधानसभा में जाएंगे और घर-घर जाकर केंद्र की उपलब्धियों व छत्तीसगढ़ की नाकामी को गिनाएंगे। उन्होंने कहा कि इस बार सरगुजा के सभी 12 सीटों में कमल खिलेगा।
प्रेस वार्ता के दौरान प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप, पूर्व मंत्री व विधायक कृष्णमूर्ति बांधी मौजूद थे।