कारोबार
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर | दुनियाभर में अपने यूजर्स के लिए मैसेजिंग के अनुभव को और बेहतर बनाने की दिशा में काम शुरू करते हुए फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा है कि कंपनी मैसेंजर, इंस्टाग्राम और व्हाट्सअप को मिलाने का भरसक प्रयास कर रही है ताकि लोग एक में ही संगठित रूप से इनका उपयोग कर सके। फेसबुक की तरफ से कथित तौर पर इंस्टाग्राम और मैसेंजर को एक में मिलाने का काम शुरू हो चुका है। कंपनी की तरफ से पहले ही व्हाटसअप में मैंसेजर रूम को शामिल किया जा चुका है।
जुकरबर्ग ने गुरुवार को कंपनी की अर्निग कॉल के दौरान विश्लेषकों को बताया, "यहां अभी और काम किया जाना है। हम व्हाट्सअप को भी इस साझाकरण का हिस्सा बनाना चाहते हैं। हम मैंसजर और इंस्टाग्राम के इस साझाकरण में भी कई और फीचर्स शामिल करना चाहते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "यह एक बड़े पैमाने पर किया जाने वाला काम है, जिसकी शुरुआत होते देख अच्छा लग रहा है। हम इस अपडेट पर काम करने के लिए काफी लंबे समय से कड़ी मेहनत करते आ रहे हैं और अब इंस्टाग्राम पर मैंसेजर का एक फीचर भी दिखने लगा है। ऐसे में आप एक ही जगह से दोनों ऐप्स के मैसेजिंग का भरपूर लाभ उठा पाएंगे।"
--आईएएनएस
रायपुर, 30 अक्टूबर। सिंघानिया बिल्डकॉन के प्रबंध संचालक सुबोध सिंघानिया ने बताया कि एक घर हो खुद का यह हर परिवार का सपना होता है लेकिन घर खरीदने के बाद सपने उसके आगे भी होते हैं, घर में फर्निचर एवं इंटीरियर करवाने का सपना, सपना ही रह जाता है। आपके सपने को हकीकत का रूप देने वाला ऑफर लेकर आया है सिंघानिया बिल्डकॉन।
श्री सिंघानिया ने बताया कि हर्षित नियो सिटी में प्रत्येक मकान की बुकिंग पर पाये होम फर्नीशिंग और इंटीरियर के 100 से अधिक समान, रजिस्ट्री, बिजली कनेक्शन एवं पानी कनेक्शन, सिंकिंग फण्ड और इन सब पर लगने वाले जीएसटी भी फ्री तो ‘यह हुआ न सोने पर सुहागा’? इसके अतिरिक्त यदि आप सिर्फ प्लाट लेना चाहे तो उसकी बुकिंग पर पाये बिजली कनेक्शन एवं पानी कनेक्शन , सिंकिंग फण्ड और इन सब में लगने वाले जीएसटी, साथ ही पाएं आधा किलो तक चांदी फ्री।
श्री सिंघानिया ने बताया कि इस दीवाली लक्ष्मी पूजन करें अपने खुद के घर पर सिंघानिया बिल्डकॉन लाया है ऐसी सौगात कि किराये के घर को अलविदा कर हर्षित नियो सिटी में बुक करे अपना घर और पाये 100 से अधिक उपहार मुफ्त।
फरसगांव, 30 अक्टूबर। देश की प्रतिष्ठित हिन्दी न्यूज वेबसाईट प्रभासाक्षी के 19वें स्थापना दिवस के अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार व राज्यसभा के पूर्व सांसद तरूण विजय ने डॉ.परवीन अख्तर को हिन्दी भाषा के प्रोत्साहन के लिए हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया। उनके नाम की घोषणा भारतीय जनसंचार संस्थान दिल्ली के महानिर्देशक संजय द्विवेदी ने की। बस्तर के फरसगांव के आदर्श विद्यालय में पदस्थ डॉ.परवीन अख्तर सामाजिक मुद्दों पर नियमित लेखन में सक्रिय हैं। उन्होंने समकालीन हिंदी रंग परिदृश्य और डॉ. सुरेश शुक्ल चन्द्र पर शोध किया है। साथ ही समकालीन हिंदी नाट्य परिदृश्य पर किताब लिख चुकी हैं।
रायपुर, 30 अक्टूबर। मैट्स विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित वास्तु के एक ऑनलाइन सेशन में विशेषज्ञ वसुधा ने वास्तु शास्त्र और दैनिक जीवन में उसके उपयोग से संबंधित जानकारी दी तथा जीवन में दिशाओं का प्रभाव स्पस्ट किया। उन्होंने कार्यालय के वास्तु को ठीक करने सहित मुख्य दिशाओं की भी जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि हम आठ दिशाओं के बारे में जानते हैं किन्तु वास्तुशास्त्र किसी भी स्थान को सोलह भागों में बॉंट कर डिग्री के अनुसार उस कोण या दिशा को ठीक करता है।
विशेषज्ञ वसुधा ने बताया कि वास्तु का हमारे जीवन में विशेष महत्व है जिसका उपयोग करके हम अपने जीवन को अच्छी दिशा प्रदान कर सकते हैं। वास्तु शास्त्र हमें नकारात्मक ऊर्जा से दूर रखकर सकारात्मक वातावरण में सुरक्षित रखता है। वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों एवं नियमों को अपनाकर जीवन को सफल बनाने की अनेक संभावनाएँ हैं। यह बातें प्रसिद्ध वास्तु शास्त्री वसुधा शुक्ला ने मैट्स विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित आनलाइन इंटरएक्टिव सेशन में कहीं।
विशेषज्ञ वसुधा ने यह भी बताया कि जल की दिशा के संबंध में पानी का स्त्रोत ईशान कोण होना चाहिए। उन्होंने जल तत्व एवं अग्नि तत्व का रंगों के साथ संबंध को भी स्पष्ट किया एवं सटीक प्रयोगों की जानकारी प्रदन की। उन्होंने दैनिक जीवन में वास्तु के अनेक महत्वपूर्ण टिप्स दिये।
इस अवसर पर मैट्स विशवविद्यालय के कुलाधिपति गजराज पगारिया, उपकुलपति डॉ. दीपिका ढांढ, महानिदेशक प्रियेश पगारिया, कुलसचिव गोकुलानंदा पंडा ने आभार व्यक्त करते हुए इस ज्ञानवर्धक सत्र के आयोजन की सराहना की।
रायपुर, 30 अक्टूबर। केंद्रीय सतर्कता आयोग के दिशा निर्देशानुसार प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी सतर्कता जागरूकता सप्ताह का आयोजन 27 अक्टूबर से 2 नवंबर तक किया जा रहा है।
प्रथम दिवस समस्त स्टाफ ने प्रधान कार्यालय परिसर में सत्य निष्ठ प्रतिज्ञा ग्रहण किया। इस अवसर पर बैंक द्वारा सतर्क भारत समृद्ध भारत विषय पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया है। इसी प्रकार समस्त स्टाफ के लिए 20-20 ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता भी आयोजित कराई जा रही है। यह आयोजन बैंक के सभी क्षेत्रीय कार्यालयों और शाखाओं में भी किया गया है। कार्यक्रम में बैंक के अध्यक्ष आई के गोहिल महाप्रबंधक गण ष्टङ्कह्र गुरदीप सिंह, बेहरा साहब, के पद्मिनी, सहायक महाप्रबंधक मेश्राम, मुख्य प्रबंधक सतर्कता, एनके अग्रवाल सहित बैंक के वरिष्ठ एवं अन्य स्टाफ भाग लिया।
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर| देश की संसदीय पैनल ने गूगल और डिजिटल पेमेंट दिग्गज पेटीएम से डेटा निजता और चीनी लिंक से जुड़े मुद्दों के बारे में पूछताछ की। निजी डाटा संरक्षण कानून पर संयुक्त संसदीय समिति ने गुरुवार को दोनों कंपनियों को संरचना, डाटा प्रक्रिया और संरक्षण, निजता और कराधान इत्यादि मामलों पर लिखित प्रतिक्रिया दाखिल करने के लिए समय दिया।
गूगल के एक प्रतिनिधि ने बयान में कहा, "हम नीति निर्माताओं की ओर से हमारे व्यापार को समझने के लिए अवसर प्रदान करने का स्वागत करते हैं।"
बयान के अनुसार, "हम विश्वास करते हैं कि रेगूलेशन सभी प्रकार और आकार के व्यापार के लिए एक गतिशील बाजार को सपोर्ट करते हैं। हमें पूरी उम्मीद है कि यह परामर्श प्रक्रिया समिति को नागरिकों के हितों की रक्षा और नवाचार को बढ़ावा देने के अपने उद्देश्य को प्राप्त करने में मदद करेगी।"
पेटीएम से भी डेटा निजता और चीनी निवेश के बारे में सवाल पूछे गए।
सूत्रों के अनुसार, सामान्य तौर पर प्रश्न निजी डेटा संरक्षण कानून को मजबूत करने के लिए और पेटीएम की ओर से डेटा को संरक्षित करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में सवाल पूछे गए। साथ में यह भी पूछा गया कि धोखाधड़ी रोकथाम के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं और यह कैसे भारत के डिजिटल इकोसिस्टम को सपोर्ट करता है।
कांग्रेस ने निजी डेटा सरंक्षण कानून, 2019 को लेकर चिंता दिखाई थी, जिसको देखते हुए भाजपा की नेता मीनाक्षा लेखी की अगुवाई में संसदीय समिति ने दिग्गज टेक कंपनियों से सवाल किए। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर| रियलमी पर शुक्रवार को सामने आई एक नई रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि बीते नौ तिमाहियों (साल 2018 की तीसरी तिमाही से लेकर साल 2020 की पहली तिमाही तक) में 5 करोड़ स्मार्टफोन बेचकर यह मार्केट में एक उभरते हुए ब्रांड के रूप में सामने आया है। कांउटर पॉइंट की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, तिमाही स्तर पर 1.48 करोड़ स्मार्टफोन की बिक्री के साथ रियलमी ने इतिहास रचा है और साथ ही तीसरी तिमाही में यह दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाला स्मार्टफोन ब्रांड बनकर उभरा है क्योंकि बीते तिमाहियों के दौरान इसमें 132 फीसदी तक की बढ़त देखी गई है।
रियलीमी इंडिया के सीईओ माधव सेठ ने अपने दिए एक बयान में कहा, "इस उपलब्धि से साबित होता है कि ग्राहकों द्वारा बड़े स्तर पर हमारे प्रोडक्ट को सराहा और अपनाया गया है और नए लॉन्च हुए उत्पादों को भी अच्छी प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। इंसान की जीवनशैली से जुड़ी एक बेहतर तकनीकि कंपनी बनने के अपने सफर में यह यकीनन एक मील का पत्थर है। इस वक्त भारत में हमारे तीन करोड़ यूजर्स हैं।" (आईएएनएस)
कोरोना से लड़ाई में भारत के लोग अपने तरीके आजमा रहे हैं. कहीं हल्दी वाला दूध है तो कहीं तुलसी वाला पानी और कहीं गौमूत्र. वैज्ञानिक आधार ना होने के बावजूद भारत में इसका एक बड़ा बाजार बन गया है.
नई दिल्ली में रहने वाली गृहिणी शशि कोविड-19 "इम्युनिटी पाउडर" का एक बड़ा चम्मच जग भर पानी में घोल कर हर सुबह अपने परिवार को पिलाती हैं. वो भारत के उन लोगों की बढ़ती जमात में शामिल हैं जो मानते हैं कि पारंपरिक नुस्खे उन्हें महामारी से बचा लेंगे.
भारत में कोरोना पीड़ितों की संख्या 80 लाख को पार कर गई और इस मामले में उससे आगे सिर्फ अमेरिका है. कोरोना की चपेट में आकर मरने वालों की तादाद 1,20,000 से ज्यादा है. इस बीच बड़ी संख्या में लोग प्राचीन "आयुर्वेदिक" दवाओं का रुख कर रहे हैं. आधुनिक भारत की कंपनियां लोगों की वैकल्पिक तरीकों की मांग पूरी करने में जुटी हुई हैं. हल्दी वाला दूध और तुलसी की बूंदों जैसे घरेलू नुस्खे आकर्षक पैकेटों में बिक्री के लिए स्टोर की शेल्फ तक पहुंच रहे हैं.
50 साल की शशी ने टीवी पर एक हर्बल ड्रिंक का विज्ञापन देखा जो आयुर्वेद और योग के दिग्गज बाबा रामदेव की कंपनी बेच रही है. उनका कहना है, "यह मेरे परिवार को कोरोनावायर से सुरक्षित रख सकता है, मैंने सोचा कि टीवी पर दिखा रहे हैं, तो यह अच्छा ही होगा." महामारी ने भारत की पहले से ही कमजोर स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में लोगों की व्याकुलता बढ़ा दी है. जानकारों का मानना है कि कम टेस्ट और कम रिपोर्ट होने के कारण भारत में असल मरीजों और बीमारी से मरने वालों की संख्या आधिकारिक आंकड़ों से बहुत ज्यादा हो सकती है.
आयुर्वेदिक दवाएं कोरोना को रोकने में कितनी कारगर हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण फिलहाल नहीं है. हालांकि आयुर्वेद का कारोबार महामारी के पहले ही काफी बड़ा हो चुका है. लोग मान रहे हैं कि प्राकृतिक इलाज कैंसर से लेकर सर्दी जुकाम तक सब ठीक कर सकता है. भारतीय कारोबार संघ सीआईआई के मुताबिक इस समय यह उद्योग 10 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच चुका है.
आयुर्वेद उपचार बताने वाली भास्वती भट्टाचार्या का कहना है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन और दूसरे पारंपरिक इलाजों की कमी ने लोगों को प्राकृतिक उपचारों की तरफ जाने पर मजबूर किया है. भट्टाचार्या ने कहा, "आयुर्वेद 5,000 साल पहले लिखा गया और उसके कम से कम दो गुना समय पहले से हमारे आस पास मौजूद है. इसने प्लेग से लेकर चेचक और दूसरी कई महामारियां देखी हैं, इसलिए लोग कह रहे हैं - चलो देखते हैं, शायद यह काम कर जाए."
आयुर्वेद यानी "जीवन का विज्ञान" और दूसरे इलाजों को सरकार भी खूब बढ़ावा दे रही है. 2014 में सत्ता में आने के बाद केंद्र सरकार में इसके लिए बकायदा अलग से आयुष मंत्रालय का गठन किया गया. आयुष मंत्रालय के अंतर्गत आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्धा, सोवा रिग्पा और होम्योपैथी को शामिल किया गया है. जनवरी में आयुष मंत्रालय ने पारंपरिक इलाजों को कोरोना वायरस से लड़ने का उपाय बताया. हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने बिना लक्षण वाले कोविड के हल्के संक्रमण से पीड़ितों का इलाज आयुर्वेद और योग से करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए.
केमिस्ट की दुकानों में अब आयुर्वेद की दवाएं अंग्रेजी दवाओं के साथ ही प्रमुखता से रखी जा रही हैं. दिल्ली में दूध बेचने वाली मदर डेयरी का कहना है कि उसके नए प्रॉडक्ट बच्चों के लिए "हल्दी वाला दूध" को भरपूर खरीदार मिले हैं. मदर डेयरी के प्रॉडक्ट चीफ संजय शर्मा ने बताया, "मांग बहुत, बहुत ज्यादा है तो हम इसके प्रोडक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन को बढ़ा रहे हैं."
संजय शर्मा कहते हैं, "सेहत और प्रतिरक्षक क्षमता को बढ़ाने वाले सामान एक नई घटना हैं. यह एक मौका है ग्राहकों को सावधानी वाली स्वास्थ्यवर्धक चीजें किफायती दामों पर मुहैया कराने का."
हर्बल दवाइयां और क्रीम बनाने वाली प्रमुख कंपनी हिमालया ड्रग कंपनी के सीईओ फिलिप हेडन भी मान रहे हैं कि महामारी से पहले की तुलना में अब इन चीजों की मांग 10 गुना बढ़ गई है. हालांकि वैकल्पिक इलाज की भूख ने विवादित और छद्मविज्ञानी दावों का भी अंबार लगा दिया है जो कोविड-19 का "इलाज" करने की बात कह रहे हैं.
कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं होने के बाद भी भारतीय जनता पार्टी के कई नेता गाय के गोबर और गौमूत्र से कोरोना वायरस का इलाज करने की हिमायत कर रहे हैं. जून में आयुष मंत्रालय ने योग गुरु रामदेव को"कोरोनिल" नाम की हर्बल दवा की मार्केटिंग बंद करने का आदेश दिया. स्वास्थ्य मंत्रील खुद भी एक डॉक्टर रहे हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी उनसे कहा कि वो कोरोना वायरस के इलाज में आयुर्वेद और योग के असरदार होने का सबूत दें. दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में कम्युनिटी मेडिसिन प्रोफेसर आनंद कृष्णन कहते हैं, "इनमें से कोई भी कोविड-19 से आपका खास बचाव नहीं कर सकता. लोगों के लिए जरूरी यह है कि वो सामाजिक दूरी को अपनाएं, मास्क पहनें और हाथ धोएं."
एनआर/आईबी (एएफपी)
दुनिया के सबसे बड़े अमीर और भारत के सबसे बड़े अमीर आमने-सामने हैं और बीच में हैं 'भारत के रिटेल किंग' किशोर बियानी और उनका बिग बाज़ार.
बिग बाज़ार इसलिए, क्योंकि वही उनका सबसे मशहूर ब्रांड है. हालाँकि सौदा इससे बड़ा है और दाँव पर जो लगा है, वो तो उससे भी कहीं बड़ा है.
दुनिया के सबसे अमीर आदमी हैं अमेज़ॉन के जेफ़ बेज़ोस. इस बार उनकी जिससे ठनी है, वो हैं रिलायंस के मुकेश अंबानी, भारत के सबसे बड़े और दुनिया में चौथे नंबर के अमीर आदमी. दोनों के बीच तकरार की वजह हैं किशोर बियानी और उनका फ़्यूचर ग्रुप.
बीते रविवार को अमेज़ॉन ने सिंगापुर के अंतरराष्ट्रीय पंचाट सिंगापुर इंटरनेशल आर्बिट्रेशन सेंटर से एक अंतरिम आदेश जारी करवा लिया कि फ़्यूचर ग्रुप अपना कारोबार रिलायंस ग्रुप को नहीं बेच सकता. क्यों और कैसे पर आएँ, इससे पहले समझना ज़रूरी है कि यह सौदा है क्या.
बियानी का फ़्यूचर ग्रुप अपने सारे रिटेल और होलसेल कारोबार को रिलायंस समूह की कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड को बेचने के क़रार पर दस्तख़त कर चुका है.
अगस्त में दोनों कंपनियों ने एलान किया था कि इसके लिए रिलायंस क़रीब 24,700 करोड़ रुपये चुकाएगा.
दुनिया के सारे बड़े रिटेलरों की नज़र फ़्यूचर ग्रुप पर
तब भी इस बात पर सवाल उठ रहे थे कि आख़िर किशोर बियानी ऐसा सौदा क्यों कर रहे हैं, जिसमें उनका सबसे प्रिय ब्रांड बिग बाज़ार ही नहीं, पूरा रिटेल और होलसेल कारोबार बिक जाएगा और फिर भी कंपनी का या प्रोमोटर का पूरा क़र्ज़ उतर नहीं पाएगा.
यह बात समझना बहुत मुश्किल भी नहीं था. कंपनी ने पिछले कुछ सालों में नए कारोबार खड़े करने में काफ़ी रुपये ख़र्च किये थे और इसके लिए प्रोमोटर यानी बियानी परिवार ने अपने ख़ुद के शेयर भी गिरवी रखे हुए थे. उन्हें उम्मीद थी कि जल्दी ही बाज़ार सुधरेगा, कमाई बढ़ेगी और वो यह सारा क़र्ज़ उतारकर शेयर छुड़ा लेंगे.
किशोर बियानी काफ़ी समय से दुनिया के किसी बड़े रिटेलर से हाथ मिलाने की कोशिश में भी थे. वॉलमार्ट से भी उनकी लंबी बातचीत चली और दुनिया के कई और दिग्गजों से भी. फ़्रांस की कारफ़ुअर के साथ उनके समझौते की ख़बरें तो 10 साल पहले सुर्खियों में थीं.
संक्षेप में कहा जा सकता है कि दुनिया के सारे बड़े रिटेलर्स की नज़र फ़्यूचर ग्रुप पर थी, क्योंकि तब तक वो देश की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी थी. फ़्यूचर ग्रुप का मैनेजमेंट भी यह समझ रहा था कि आने-वाले वक़्त में टाटा, बिड़ला और रिलायंस जैसी कंपनियों के साथ मुक़ाबले में रहने के लिए उसे कोई बड़ा साझेदार तो चाहिए ही होगा.
अड़चन सिर्फ़ एक थी. भारत की विदेशी निवेश नीति. ख़ासकर रिटेल व्यापार में विदेशी निवेश को लेकर सभी सरकारें फूँक-फूँककर क़दम रखती रही हैं.
कोई भी विदेशी निवेशक तब तक किसी भारतीय कंपनी में पैसा लगाने से हिचकता रहता है, जब तक कि उसे कंपनी पर नियंत्रण या कम से कम दबाव बनाने लायक हिस्सेदारी न मिले.
रिटेल कारोबार के नियम इसे काफ़ी मुश्किल बना देते थे. हालांकि कुछ शर्तों के साथ अब सिंगल ब्रांड रिटेल में 100 प्रतिशत तक और मल्टी ब्रांड रिटेल में 51 प्रतिशत तक हिस्सेदारी विदेशी कंपनी ले सकती है. लेकिन इसका रास्ता भी आसान नहीं है.
तमाम कंपनियाँ इसकी शर्तों से सहमत नहीं होतीं. और दूसरी बड़ी अड़चन है कि ऑनलाइन रिटेलर यानी ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए नियम बिल्कुल अलग हैं.
यह छूट मिलने के बाद भी कोई ई-कॉमर्स कंपनी भारत में किसी रिटेल कंपनी में 10 प्रतिशत से ऊपर हिस्सा नहीं ले सकती और साथ में शर्त यह भी है कि इन दोनों कंपनियों के ऑनलाइन कारोबार और ऑफ़लाइन यानी दुकान, स्टोर, गोदाम वगैरह का आपस में कोई रिश्ता नहीं रह सकता.
ये नियम अजीब है, क्योंकि एक तरफ तो अमेज़ॉन ख़ुद भारत में जमकर कारोबार कर रहा है, दूसरी तरफ भारत से शुरू हुआ फ़्लिपकार्ट अब वॉलमार्ट के हाथ में पहुँच चुका है. लेकिन अमेज़ॉन के लिए फ़्यूचर ग्रुप या ऐसे किसी दूसरे रिटेलर का हिस्सा ख़रीदना अब भी आसान नहीं है.
दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन रिटेलर अमेज़ॉन
शायद इसीलिए कई रिटेलर अपने-अपने पार्टनर तलाश कर बैठे थे कि जैसे ही क़ानूनों में बदलाव होगा, हम अपना समझौता आगे बढ़ा लेंगे. इस तैयारी की वजह भी थी. वर्ल्ड इकोनॉमिक फ़ोरम का अनुमान था कि 2030 तक भारत, अमरीका और चीन के बाद दुनिया का सबसे बड़ा रिटेल बाज़ार हो जाएगा.
इस साल देश के रिटेल कारोबार का आकार क़रीब 70 हज़ार करोड़ डॉलर है, जिसके 10 साल में बढ़कर क़रीब 1.3 लाख डॉलर हो जाने की आशा है.
ज़ाहिर है दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन रिटेलर अमेज़ॉन इस बाज़ार का बड़ा हिस्सा अपनी झोली में देखना चाहता है. यह उम्मीद भी लगातार बढ़ ही रही थी कि आज नहीं तो कल सरकार इस कारोबार में विदेशी निवेश का रास्ता आसान करेगी.
इसके पीछे बड़ा तर्क भी है. कारोबारियों से लेकर अर्थशास्त्रियों तक की ओर से यह सवाल लगातार उठ रहा है कि सरकार देश के पूरे रिटेल बाज़ार को एक मानकर क्यों नहीं देखती.
ऑफ़लाइन और ऑनलाइन यानी सुपरमार्केट और शॉपिंग पोर्टल के लिए अलग-अलग क़ानून कैसे रह सकते हैं.
शायद इसी पेशबंदी में अमेज़ॉन ने फ़्यूचर ग्रुप के साथ एक सौदा किया. पिछले साल यानी 2019 के अगस्त में अमेज़ॉन ने फ़्यूचर ग्रुप की कंपनी फ़्यूचर कूपन्स लिमिटेड में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी ख़रीदी.
यह कंपनी गिफ़्ट वाउचर, पेमेंट ऐप वगैरह का कारोबार करती है. यानी अगर आप बिग बाज़ार या सेंट्रल का गिफ़्ट वाउचर ख़रीदकर किसी को देते हैं, तो वो वाउचर इस कंपनी से आता है.
लेकिन बड़ी बात यह थी कि इस कंपनी के पास फ़्यूचर रिटेल लिमिटेड में लगभग 10 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी.
तो एक तरह से अमेज़ॉन ने समझा, या उसे समझाया गया कि अब उसने फ़्यूचर रिटेल में पैसा लगाने की शुरुआत कर दी है और जैसे ही नियम बदलेंगे, इस व्यवस्था को आगे बढ़ाया जा सकता है.
इस करार में यह लिखा है कि इससे अमेज़ॉन को यह अधिकार मिल जाता है कि वो फ़्यूचर रिटेल लिमिटेड में प्रोमोटर की पूरी या कुछ हिस्सेदारी ख़रीद सकता है.
इसके लिए उसे कॉल ऑप्शन दिए गए. ये कॉल ऑप्शन समझौते की तारीख़ के तीन साल पूरे होने से लेकर 10 साल ख़त्म होने तक शेयरों में बदले जा सकते थे.
जिस वक़्त इस समझौते का एलान हुआ, तब बाज़ार ने भी इसे यूँ ही पढ़ा कि अमेज़ॉन ने पिछले रास्ते से फ़्यूचर ग्रुप के कारोबार में हिस्सा ख़रीदने की शुरुआत कर दी है.
ध्यान रखना चाहिए कि यह करार अगस्त 2019 में हुआ था. फ़्यूचर ग्रुप उस वक्त फ़ूड हॉल, फ़ैशन एट बिग बाज़ार जैसे नए फॉर्मैट जमाने में और अपने पुराने ब्रांड बिग बाज़ार को बढ़ाने की कोशिश में लगा था.
पिछले छह-सात साल में वो कई दूसरी कंपनियाँ या उनके कारोबार ख़रीदकर लगातार अपना कारोबार बड़ा करने में जुटा था.
कोरोना महामारी से हुई समस्या
इस सबमें पैसे की ज़रूरत उसने कर्ज़ लेकर पूरी की. इसी वक़्त रिलायंस रिटेल का दबदबा बाज़ार में बढ़ रहा था और आईपीओ के बाद डी-मार्ट भी नए जोश से कारोबार फैलाता दिख रहा था.
देश के हालात भी सुधरने वाले हैं, ऐसी हवा चल रही थी, तो क़र्ज़ लेकर कारोबार बढ़ाने में कोई जोख़िम नहीं दिखता था. और यह भी ज़रूरी था कि ग्रुप इस कारोबार में अपना रुतबा बनाए रखे.
क़र्ज़ की ज़रूरत पूरी करने के लिए प्रोमोटर ने भी अपने काफ़ी शेयर गिरवी रखे हुए थे. उस वक़्त फ़्यूचर रिटेल का शेयर क़रीब 380 रुपये का चलता था, लेकिन इस साल फ़रवरी में अचानक इसके शेयरों में तेज़ी से गिरावट आई और कुछ ही समय में यह गिरकर 100 रुपये से नीचे पहुँच गया.
भाव गिरता है, तो क़र्ज़ देने वाले बैंक मार्जिन में और शेयर माँगते हैं. हालात यह हुए कि कुछ ही समय में प्रोमोटरों के क़रीब क़रीब सारे शेयर बैंकों के पास गिरवी हो गए.
यह गिरावट अचानक क्यों आई, इसका कोई तर्क सामने नहीं है. अटकलें बहुत सी हैं. कोई बियर कार्टेल या मंदड़ियों का गिरोह इन्हें पीटने में लगा था. या कोई बड़ी पार्टी भाव गिराकर इन्हें मजबूर कर देना चाहती थी. लेकिन फ़िलहाल यह सब सिर्फ़ सवाल हैं.
सूत्रों से पता चलता है कि इसके बावजूद शायद कारोबार संभल जाता, क्योंकि रोज़ की बिक्री इतनी हो रही थी कि नकदी का चक्र चल रहा था. लेकिन क़रीब क़रीब यही वक़्त था, जब कोरोना का हमला हुआ.
मार्च के महीने में लॉकडाउन एक तरह से मुसीबत का पहाड़ बन गया, क्योंकि अब हर रोज़ स्टोर में सामान बिकना और वहाँ से नकद पैसा आना भी बंद हो गया.
किशोर बियानी ने एक इंटरव्यू में कहा कि देशबंदी के बाद सारे स्टोर बंद हो गए और अगले तीन-चार महीनों में ही कंपनी को सात हज़ार करोड़ रुपये का नुक़सान झेलना पड़ा, जो बर्दाश्त से बाहर था.
आख़िरकार इसीलिए कंपनी को बेचने का फ़ैसला करना पड़ा. उनका कहना है कि इसके अलावा अब कोई चारा नहीं रह गया है.
सिंगापुर की पंचाट में कंपनी के वकील ने भी तर्क रखा है कि अगर यह सौदा नहीं हो पाया, तो कंपनी दीवालिया हो सकती है.
अब सवाल यह है कि अमेज़ॉन इस झगड़े को सिंगापुर क्यों ले गया और क्या यह सौदा अटक जाएगा?
इस पर कोई भी पक्ष कुछ कह नहीं रहा है. सिर्फ़ औपचारिक बयान ही सामने हैं. रविवार को सिंगापुर से निर्देश आने के साथ उसी रात रिलायंस की तरफ से बयान आया कि वो इस सौदे को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
ऐसा ही बयान फ़्यूचर ग्रुप से भी आया. सूत्रों के हवाले से ख़बर आई कि फ़्यूचर ग्रुप इस अंतरिम आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दे सकता है, लेकिन फिर कोई हलचल हुई नहीं.
क़ानून के जानकारों का कहना है कि सिंगापुर की पंचाट का फ़ैसला भारत में सीधे लागू नहीं होता.
अगर विवाद में फँसे दोनों पक्ष उसकी बात मान लेते हैं तब तो कोई बात ही नहीं. लेकिन अब अगर फ़्यूचर ग्रुप सौदा रोकने को तैयार नहीं होता है, तो अमेज़ॉन को भारत की किसी अदालत में जाकर सिंगापुर का फ़ैसला दिखाना होगा और यहाँ से उसका अनुमोदन करवा कर फ़्यूचर ग्रुप को और रिलायंस को निर्देश जारी करवाना होगा. ऐसा नहीं हुआ तो सौदा चलता रहेगा.
दोनों आमने सामने आए क्यों?
सूत्रों के अनुसार, फ़्यूचर ग्रुप और रिलायंस अब पहल करने के बजाय इंतज़ार कर रहे हैं कि अमेज़ॉन मुक़दमा करे, तो वो जवाबी कार्रवाई करें. यह सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट में हो सकती है क्योंकि फ़्यूचर और अमेज़ॉन के समझौते में विवाद दिल्ली में सुलझाने की बात शामिल है.
जानकारों की राय है कि फ़्यूचर ग्रुप के दो तर्क उसका केस मजबूत बनाते हैं. एक तो यह कि अमेज़ॉन के साथ करार में फ़्यूचर रिटेल कोई पार्टी या पक्ष नहीं था, इसलिए उसे अपना कारोबार बेचने का पूरा हक़ है. और दूसरा यह कि अगर यह सौदा नहीं हो पाया तो फ़्यूचर ग्रुप का दीवाला निकल सकता है. इससे न सिर्फ़ कंपनी बल्कि उसके हज़ारों कर्मचारी भी मुसीबत में आ जाएँगे.
अदालत में तो जो होगा, वो सामने आएगा. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आख़िर मुकेश अंबानी और जेफ़ बेज़ोस इस मसले पर आमने-सामने आए क्यों?
इसका जवाब है कि यह मामला फ़्यूचर ग्रुप या किसी एक कंपनी के सौदे का नहीं है. दोनों को ही दुनिया का सबसे चमकदार बाज़ार, बल्कि बिग बाज़ार दिख रहा है और उसे वो अपनी ही झोली में देखना चाहते हैं.
वो है भारत का रिटेल कारोबार. 10,900 स्टोर्स और एक लाख 30 हज़ार करोड़ रुपये की सालाना बिक्री वाली रिलायंस रिटेल अब देश की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी है और फ़्यूचर ग्रुप के साथ यह सौदा उसे 1700 स्टोर और क़रीब 20 हज़ार करोड़ की आमदनी और देगा.
लेकिन अमेज़ॉन की फ़िक्र इससे बहुत बड़ी है. वो भारत में साढ़े छह अरब डॉलर लगाने की योजना बनाकर बैठा है. उसे यहाँ सबसे बड़ी चुनौती रिलायंस से ही दिख रही है, क्योंकि उसके पास ना सिर्फ़ सबसे बड़ा रिटेल नेटवर्क है, बल्कि जियोमार्ट जैसा ऑनलाइन पोर्टल भी है और रिलायंस जियो जैसे ज़बरदस्त नेटवर्क का साथ भी.
जबकि अमेज़ॉन को सिर्फ़ ऑनलाइन कारोबार के भरोसे ही रहना है. उधर ऑनलाइन बाज़ार में उसके मुक़ाबले खड़े फ़्लिपकार्ट ने आदित्य बिड़ला फ़ैशन रिटेल में हिस्सेदारी ख़रीद ली है.
यही वजह है कि वो इस सौदे को रुकवाने के लिए ज़ोर लगा रहा है. चर्चा है कि सिंगापुर में उसने यह प्रस्ताव भी रखा कि फ़्यूचर ग्रुप यह सौदा तोड़ दे, तो वो नया ख़रीदार लाकर सौदा करवाने की ज़िम्मेदारी लेने को भी तैयार है.
लेकिन इस कारोबार को क़रीब से देख रहे लोगों को शक़ है कि बात सिर्फ़ इतनी नहीं है. यह भी हो सकता है कि अमेज़ॉन और फ़्यूचर ग्रुप के बीच अंदरखाने कोई सहमति बन रही हो.
लेकिन यह भी हो सकता है कि अमेज़ॉन सीधे रिलायंस के साथ कोई समझौता करना चाहता हो और फ़्यूचर के इस सौदे को ट्रंप कार्ड के तौर पर दबाव बनाने के लिए इस्तेमाल कर रहा हो.
अब एक हफ़्ते का समय है. यानी अगले रविवार तक तस्वीर साफ़ होगी कि किसकी अगली चाल क्या होगी. (bbc)
रायपुर, 28 अक्टूबर। रामकृष्ण केयर अस्पताल, रायपुर के हृदय रोग विषेषज्ञ डॉ. जावेद परवेज ने बताया कि अक्टूबर का महीना सडन कार्डियक डेथ अवेयरनेस का माह है। हर वर्ष 10 लाख से भी अधिक भारतीयों की अचानक दिल की धडक़न रूकने से मृत्यु हो जाती है। यह एक विकार है जिसमें हृदय अचानक पंप करना बंद कर देता है और तुरंत मृत्यु हो जाती है। लगभग 80-90 प्रतिशत लोगों की मौत अस्पताल पहुंचने से पहले हो जाती है। इसमें 85 प्रतिशत रोगियों की मृत्यु सही समय और तरीके से बायस्टेन्डर सी.पी.आर. जो कि जीवन रक्षक प्रतिक्रिया है न मिलने की वजह से हो जाती है।
डॉ. परवेज ने बताया कि लोग अक्सर हार्ट अटैक को कार्डियक अरस्े ट समझते है। परंतु हार्ट अटैक ह ृदय की रक्त आपूर्ति में बाधा का परिणाम है जबकि कार्डि यक अरेस्ट एक ऐसी समस्या है जहां या तो दिल बहुत तेजी से धडक़ता है या अचानक पूरी तरह से धड क़ना ब ंद कर देता है। छाती में तकलीफ घबराहट, बार-बार बेहोश होना, सांस लेने में कठिनाई इत्यादि जैसे लक्षण यदि महसूस होते हैं तो इन्हें चेतावनी का संकेत समझ डॉक्टर से तुरंत परामर्र्श लेना चाहिए। यदि आप किसी को अचानक गिरते हुए देखते हैं, पल्स कम है, सांस नहीं ले पा रहा है तो उसे तुरंत सी.पी.आर. देना शुरू करें। सही समय पर बायस्टेन्डर सी.पी.आर. मरीज का जान बचाने की संभावना 3-4 गुना बढ़ जाता है।
प्रारंभिक सी.पी.आर. में छाती को दबाकर म ुंह के द्वारा ऑक्सीजन दिया जाता है जिससे हृदय आम तरीके से पंप कर सके। बायस्टेन्डर सी.पी.आर. में केवल छाती में दबाव दिया जाता है।
रायपुर, 29 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी के कार्यकाल का 2 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने पर मारवाही में केक काटा गया।
कांग्रेस कमेटी के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं खनिज निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन द्वारा बधाई दी एवं राजेंद्र जग्गी के उज्जवल भविष्य कामना करते हुए उन्हें आशीर्वाद दिया। गुंडरदेही के विधायक कुंवर सिंह निषाद ने जग्गी को केक खिलाकर बधाई दी।
इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी व्यापार प्रकोष्ठ के महामंत्री विजय वर्मा, मारवाह ,पेंड्रा , गौरेला के जिलाध्यक्ष मनीष केसरी, प्रदेश सचिव विकी रतनानी, घनश्याम पांडे आदि उपस्थित थे।
रायपुर, 28 अक्टूबर। श्री शिवम जोकि सेंट्रल इंडिया में 3 राज्य 6 शहर और 2.5 लाख स्क्वेयर फिट रिटेल स्पेस के साथ दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर, नागपुर, जबलपुर और भोपाल में मौजूद है। श्री शिवम जिसकी टैगलाइन द टुगेदर्नेस है। इसका मतलब यह है की टीम मेंबर और कस्टमर सबके साथ हम एक फैमिली है।
इस टैगलाइन को ध्यान में रखते हुए श्री शिवम में इस वेडिंग और फेस्टिव सीजन में कपल ड्रेस लॉन्च किया है जिसमें ब्राइड के घाघरे को ग्रुम के शेरवानी या इंडो वेस्टर्न से मैच करके थीम बनाई जाती है।
शादी को लेकर ब्राइड एवं ग्रुम के बहुत बड़े-बड़े सपने होते हैं और यह लाइफ का सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण इवेंट होता है ऐसे टाइम पर हर कपल्स चाहता है की उनकी ड्रेस भी आपस में थीम मैं हो।
इस बार की सबसे अच्छी बात यह है कि इस बार जो डिजाइंस घाघरा चुन्नी में इवनिंग गाउन में और मेंस में शेरवानी में और इंडो वेस्टर्न में आई है वह बिल्कुल नए कलर थीम के साथ और नए पैटर्न के साथ लांच की गई है। यह कैसा समय है की इस समय ब्राइड ग्रूम डिस्प्ले किए गए नए फॉरवर्डिंग कलेक्शन मैं अपने हिसाब से पसंद कर ऑर्डर दे सकते हैं और कस्टमाइज भी करा सकते हैं।
श्रीशिवम के डायरेक्टर गोपाल मंत्री से बात करने पर पता चला अभी पूरा मार्केट जिस चैलेंज को फेस कर रहा वह है कारीगर के कम होने के कारण डिजाइनर स्टॉक नहीं बना पा रहे हैं यह बात हमें पहले ही समझ आ गई थी इसलिए हमने इसकी पूरी तैयारी कर रखी है और हमने 3 महीने पहले से ही स्टॉक बनवाना चालू कर दिया था जिससे ब्राइड एंड ग्रूम को अपना मनचाहा स्टॉक मिल सकता है।
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर | निर्यात मांग बढ़ने और त्योहारी सीजन में खरीददारी बढ़ने की उम्मीदों से गार्मेंट सेक्टर के कामकाज में तेजी आई है, लेकिन पूरे कपड़ा उद्योग में मजदूरों व कारीगरों की कमी अभी भी बरकरार है। कोरोनावायरस संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के कारण उद्योग-धंधा बंद हो जाने पर औद्योगिक नगरों से मजदूर व कारीगर वापस घर लौट गए थे।
कारोबारी बताते हैं कि कपड़ा उद्योग में काम करने वाले करीब 40 फीसदी मजदूर अब तक वापस काम पर नहीं लौटे हैं।
अनलॉक के विभिन्न चरणों में जैसे-जैसे बाजार व दुकानें खुलने लगी और कपड़ों की खरीददारी बढ़ने लगी गार्मेंट सेक्टर का कामकाज पटरी पर लौटने लगा। अब यूरोपीय देश और अमेरिका समेत अन्य देशों से भारतीय कपड़ों की मांग बढ़ने लगी है। इसके अलावा कारोबारी आगे त्योहारी सीजन और सर्दियों के कपड़ों की घरेलू खरीददारी बढ़ने की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
लुधियाना नीटर्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट अजित लाकड़ा ने आईएएनएस बताया कि गार्मेंट की निर्यात मांग लॉकडाउन के दौरान जो ठप पड़ गई थी उसमें सुधार हुआ है और विदेशों से ऑर्डर आने लगे हैं, मगर पिछले साल की तुलना में अभी भी करीब 40 फीसदी निर्यात मांग कम है। हालांकि किसान आंदोलन से रेल यातायात प्रभावित होने से कारोबार पर असर पड़ने को लेकर उन्होंने चिंता जाहिर की। लाकड़ा ने कहा कि रेल यातायात प्रभावित होने से कपड़ों का निर्यात समय पर नहीं होने से ऑर्डर रद्द होने की चिंता सता रही है।
मजदूर व कारीगरों की कमी को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान जो मजदूर व कारीगर घर वापस हो गए थे उनमें से सारे लोग अभी तक नहीं लौटे हैं इसलिए मजदूरों की कमी तो बरकरार है, लेकिन पहले कामकाज भी उतना नहीं था इसलिए ज्यादा दिक्कत नहीं आई। कपड़ा उद्योग में जैसे-जैसे कामकाज बढ़ रहा है मजदूरों और कारीगरों की कमी महसूस की जा रही है।
कारोबारी बताते हैं कि अन्य उद्योगों में काम करने वाले ज्यादातर मजदूरों की वापसी हो चुकी है, लेकिन कपड़ा उद्योग में रिकवरी देर से शुरू हुई इसलिए घर लौटे मजदूरों की वापसी की दर कम है।
देश का कपड़ा उद्योग प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से 10 करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार देता है और यह कृषि के बाद रोजगार देने वाला दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है, जो कोरोना काल में काफी प्रभावित रहा है। हालांकि अब कपड़ों की घरेलू खरीददारी भी धीरे-धीरे बढ़ने लगी है जिससे इस उद्योग में रिकवरी की दर तेज हो गई।
निटवेअर एंड अपेरल मन्युफैक्च र्स एसोसिएशन ऑफ लुधियाना के प्रेसीडेंट सुदर्शन जैन ने बताया कि दशहरे के दौरान कपड़ों की घरेलू खरीदारी में थोड़ी तेजी आई और आगे दिवाली व अन्य त्योहार है जिसमें कपड़ों की मांग बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि सर्दियों में घरेलू बाजारों में ऊनी कपड़ों की खरीददारी बढ़ने की उम्मीद है, जिसे लेकर गार्मेंट सेक्टर के कामकाज में सुधार हुआ है, लेकिन पिछले साल के मुकाबले उत्पादन महज 40-50 फीसदी ही है।
उन्होंने बताया कि गार्मेंट सेक्टर में पिछले साल के मुकाबले अभी करीब 60 फीसदी मजदूर हैं और 40 फीसदी मजदूर नहीं लौटे हैं। जैन ने भी कहा कि लॉकडाउन के दौरान जितने मजदूर घर लौटे थे वे सारे अब तक वापस नहीं लौटे हैं। रेडीमेड गार्मेंट के एशिया के सबसे बड़े बाजार में शुमार दिल्ली के गांधीनगर मार्केट में भी त्योहारी सीजन में रौनक लौटी है, मगर कारोबारियों के सामने मजदूरों व कारीगरों की किल्लत की समस्या बनी हुई है।
गांधीनगर के कपड़ा कारोबारी हरीश कुमार ने बताया कि ऑर्डर तो अब मिलने लगे हैं लेकिन मजदूरों की समस्या अभी भी बनी हुई है। उन्होंने कहा, ''हमें इस समय 50-60 फीसदी मजदूरों से अपना काम चलाना पड़ा है।'' हरीश कुमार ने बताया कि मजदूरों की समस्या के साथ-साथ पूंजी का अभाव भी छोटे उद्योगों के लिए बड़ी समस्या है।
--आईएएनएस
LG Wing दुनिया का पहला रोटेटिंग स्मार्टफोन है और आप इसमें एक साथ दो ऐप्स को इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके अलावा आपको गिंबल जैसी कैमरा स्टेबिलिटी भी मिल सकती है.
दक्षिण कोरियाई टेक कम्पनी LG ने अपना रोटेटिंग स्मार्टफोन LG Wing को आज भारत में लॉन्च कर दिया है. यह दुनिया का पहला रोटेटिंग स्मार्टफोन है. भारत में फोन की कीमत 69,990 रुपये रखी गई है और 9 नवंबर से यह सेल के लिए उपलब्ध होगा. इस फोन में आप एक साथ दो ऐप्स को इस्तेमाल कर सकते हैं इसके अलावा आपको गिंबल जैसी कैमरा स्टेबिलिटी भी मिल सकती है.
LG Wing के फीचर्स
इस फोन में 6.8 इंच का कर्व्ड P-OLED Full HD+ डिस्प्ले दिया गया है जिसका आस्पेक्ट रेशियो 20.5:9 है. इसका सेकेंड्री स्क्रीन 3.9 इंच का है जिसका पैनल G-OLED है और आस्पेक्ट रेशियो 1.15:1 है. इसके अलावा इसमें क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 765 5जी चिपसेट के साथ 8 जीबी रैम और 256जीबी का स्टोरेज मिलेगा. इस फोन में 4000mAh की बैटरी दी गई है और इसमें वायरलेस चार्जिंग का भी सपोर्ट दिया गया है.
LG Wing में आपको 32 मेगापिक्सल का पॉप-अप सेल्फी कैमरा मिलेगा जो कि फॉल डिटेक्शन फीचर के साथ आता है जिससे फोन गिरने पर इसका पॉप-अप कैमरा अपने आप अंदर चला जाएगा. वहीं बैक में ट्रिपल रियर कैमरा सेटअप दिया गया है जिसमें प्राइमरी लेंस 64 मेगापिक्सल, 12 मेगापिक्सल का अल्ट्रावाइड कैमरा जो कि स्विवल (घूमने) मोड के साथ आता है. इसके अलावा 13 मेगापिक्सल एक और अल्ट्रावाइड कैमरा मिलेगा.
स्विवल मोड के जरिए आप स्पेशल कैमरा ट्रिक्स कर सकते हैं. इसमें आपको एक पैन फॉलोइंग मोड, लॉक मोड, रियर कैमरे से साइमलटेनियस रिकॉर्डिंग और सेल्फी कैमरा से लेकर गिंबल मोड तक मिलेगा. गिंबल मोड की फीड मेन स्क्रीन पर दिखेगी वहीं सेकेंडरी पर वर्चुअल जॉयस्टिक मिलेगी. इसके अलावा इसमें 6 मोशन सेंसर्स दिए गए हैं जो वीडियो को स्टेबल रखने के लिए स्टेबलाइजेशन सॉफ्टवेयर के साथ काम करते हैं. (tv9bharatvarsh.com)
नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)| हार्ले-डेविडसन इंक और दुनिया की सबसे बड़ी मोटरसाइकिल (बाइक) और स्कूटर बनाने वाली कंपनी हीरो मोटोकॉर्प ने अपने उत्पादन को बेचने के लिए हाथ मिलाया है। दोनों कंपनियों ने एक समझौते का एलान किया है। इसके मुताबिक हीरो मोटोकॉर्प हार्ले-डेविडसन मोटरसाइकिलों की बिक्री और सर्विस करेगा।
एक वितरण समझौते (डिस्ट्रिब्यूशन एग्रीमेंट) के अनुसार, यह काम देश में हार्ले-डेविडसन के एक्सक्लूसिव डीलरों और हीरो के मौजूदा डीलरशिप नेटवर्क दोनो के माध्यम किया जाएगा। इसके अलावा बाइक्स के पार्ट्स, एक्सेसरीज, जनरल मर्चेंडाइज और राइडिंग गियर भी इसी तरह बेचे जाएंगे।
लाइसेंसिंग समझौते के तहत, हीरो मोटोकॉर्प हार्ले-डेविडसन ब्रांड नाम के तहत प्रीमियम मोटरसाइकिलों को बनाकर उनकी बिक्री भी करेगा।
हार्ले-डेविडसन ने सितंबर में रीवायर नीति को अपनाते हुए भारत में अपने बिजनेस मॉडल को बदलने की घोषणा की थी।
एक बयान में कहा गया है कि यह व्यवस्था भारत में कंपनियों और राइडर्स दोनों के लिए पारस्परिक रूप से फायदेमंद है, क्योंकि अब हीरो मोटोकॉर्प के मजबूत वितरण नेटवर्क और ग्राहक सेवा के साथ प्रतिष्ठित हार्ले-डेविडसन ब्रांड एक साथ आ गई हैं।
नई दिल्ली/मुंबई, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)| प्याज के भंडारण की सीमा निर्धारित होने से आसमान छूते दाम पर तत्काल लगाम लग गई है, लेकिन उपभोक्ता को सस्ता प्याज तभी मिल पाएगा, जब घरेलू उत्पाद की आवक बढ़ेगी, क्योंकि आयातित प्याज भी ऊंचे भाव पर ही आ रहा है। हालांकि, भाव ऊंचा होने से आयात धीरे-धीरे जोर पकड़ता जा रहा है। कारोबारियों से मिली जानकारी के अनुसार, नवंबर के पहले सप्ताह में 8000 टन आयातित प्याज भारत पहुंचेगा। केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों और विदेशी प्याज के घरेलू बाजार में उतरने से प्याज की महंगाई पर लगाम लगी है और अगले महीने कीमतों में कुछ और नरमी की उम्मीद की जा रही है, हालांकि कारोबारी बताते हैं कि विदेशों से जो प्याज आ रहा है उसकी लागत 40 रुपये प्रति किलो से उपर पड़ रही है, ऐसे में उपभोक्ताओं को बहुत राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।
मुंबई के कारोबारी और हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूस एक्सपोटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजित शाह ने आईएएनएस को बताया, "प्याज आयात की लागत इस समय 40 रुपये प्रति रुपये किलो से उपर आ रही है। इस भाव पर आयात अभी बढ़ेगा, क्योंकि देश के किसानों को भी फिलहाल आयात से कोई नुकसान नहीं है। अगर, प्याज का आयात नहीं होता तो दाम और बढ़ जाता क्योंकि घरेलू आपूर्ति का टोटा बना हुआ है।"
अजित शाह ने बताया, "देशभर में इस समय अच्छी क्वालिटी के प्याज का थोक भाव करीब 55 रुपये से 65 रुपये प्रति किलो चल रहा है। अगले महीने के पहले सप्ताह में करीब 8000 टन प्याज विदेशों से आने वाला है। भारत इस समय ईरान, हॉलैंड, मिश्र और टर्की से प्याज मंगा रहा है। इसके अलावा, अफगानिस्तान से पंजाब के रास्ते प्याज आ रहा है।"
उधर, बाजार सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्याज का भाव उंचा होने से किसान खेतों से अपनी फसल समय से पहले निकालने लगे हैं जिससे नवंबर में घरेलू आवक भी बढ़ जाएगी।
एशिया में फलों और सब्जियों की सबसे बड़ी मंडी में शुमार दिल्ली की आजादपुर मंडी स्थित कृषि उपज विपणन समिति यानी एपीएमसी की कीमत सूची के अनुसार, "मंगलवार को लगातार तीसरे दिन प्याज का थोक भाव 12.50 रुपये 35 रुपये प्रति किलो पर स्थिर रहा। इससे पहले 22 अक्टूबर को आजादपुर मंडी में प्याज का भाव 40 रुपये प्रति किलो तक चला गया था, लेकिन 23 अक्टूबर को केंद्र सरकार द्वारा प्याज भंडारण की सीमा तय करने के बाद कीमत में थोड़ी नरमी आई है। हालांकि देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाके में प्याज का खुदरा भाव अभी भी 70 रुपये से 90 रुपये प्रति किलो है।"
हालांकि, आजादपुर मंडी पोटैटो ऑनियन मर्चेंट एसोसिएशन यानी पोमा के जनरल सेक्रेटरी राजेंद्र शर्मा का कहना है कि प्याज के दाम में नरमी तभी आएगी, जब घरेलू आवक बढ़ेगी। सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से कीमतों में हो रही वृद्धि थम गई है, लेकिन अभी भाव घटा नहीं है। इस समय आयातित पीला प्याज 40 रुपये से 45 रुपये प्रति किलो जबकि लाल प्याज 50 रुपये से 55 रुपये प्रति किलो थोक में बिक रहा है।"
महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश के कई प्याज उत्पादक जिलों में भारी वर्षा के चलते प्याज की खरीफ फसल खराब हो जाने से देश में प्याज की कीमतों में हो रही वृद्धि को देखते हुए केंद्र सरकार ने पहले 14 सितंबर को प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया। उसके बाद 23 अक्टूबर को प्याज भंडारण की सीमा तय कर दी गई। इस सीमा के मुताबिक 31 दिसंबर तक थोक विक्रेता के लिए अधिकतम 25 टन और खुदरा विक्रेता अधिकतम दो टन प्याज का स्टॉक रखने की इजाजत दी गई है।
केंद्र सरकार ने कहा कि आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 में यह प्रावधान है कि कुछ खास परिस्थितियों में जब कीमतें सामान्य से ज्यादा बढ़ जाएं तो सरकार स्टॉक लिमिट लगा सकती है।
केंद्र सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, देश में प्याज की औसत खुदरा कीमतों में 21 अक्टूबर तक विविधता देखी गई है जो कि पिछले साल की तुलना में 22.12 प्रतिशत (45.33 रूपए से 55.60 रूपए प्रति किलो) और पिछले पांच सालों की तुलना में 114.16 प्रतिशत (25.87 से 55.60 रूपए प्रति किलो) रही है। इस तरह पिछले पांच साल की कीमतों से तुलना में प्याज की कीमतों में 100 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है और आवश्यक वस्तु अधिनियम के मुताबिक ये कीमतों में वृद्धि को छू गई है। इसलिए प्याज पर आज से स्टॉक लिमिट लगाई गई है।
इसके अलावा, नेफेड के पास पड़े बफर स्टॉक से भी प्याज निकाला जा रहा है। नेफेड ने बीते फसल वर्ष में एक लाख टन प्याज का बफर स्टॉक रखा था, लेकिन बताया जा रहा है कि उसमें से करीब 25 फीसदी प्याज खराब हो गया।
रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर के दूसरे हफ्ते से प्याज को देश की बड़ी मंडियों के साथ-साथ खुदरा वितरण केंद्रों जैसे सफल, केंद्रीय भंडार, एनसीसीएफ, टीएएनएचओडीए एवं टीएएनएफईडी (तमिलनाडु सरकार), और बड़े शहरों में और राज्यों में एनएएफईडी केंद्रों तक तेजी से पहुंचाया जा रहा है।
प्याज के आयात के लिए निजी आयातकों को बढ़ावा देने के लिए यह भी तय किया गया कि एमएमटीसी लाल प्याज का आयात करेगा, ताकि आपूर्ति में आ रही कमी को पूरा किया जा सके।
रायपुर, 27 अक्टूबर। बलदेव फर्नीचर के संचालक जसविंदर सिंह ने बताया कि इस दीवाली में ग्राहकों के लिए विशेष तैयारी की है। हमारी संस्था 38 वर्ष पुरानी है, हमारे यहां सभी प्रकार के स्टील फर्नीचर, मोल्डेड फर्नीचर, होम फर्नीचर, कंप्यूटर फर्नीचर एवं ऑफिस फर्नीचर, बैडरूम सेट, सोफे सेट, डाइनिंग सेट, रैक लाइनर आउटडोर फर्नीचर, शो केश सोफे कम बेड, लॉबी सेट,सेंटर टेबल उपलब्ध है। हमारे यहाँ क्वालिटी का विशेष ध्यान रखा जाता है। इसके अलावा विभिन्न कंपनियों जैसे-गोदरेज के सेफ (लॉकर)फर्नीचर, नीलकमल के फर्नीचर, नीलकमल के गड्ढे, पूजा आदि के फर्नीचर भी रखे जाते हैं। समय के साथ-साथ ,नए-नए डिज़ाइन लोगो की रुचि अनुसार उपलब्ध कराए जाते हैं। गुणवत्ता व सर्विस का विशेष ध्यान रखा जाता है। इस त्योहारों में हमारे यहाँ सभी उत्पादों पर डिस्काउंट के अलावा विशेष उपहार भी दिया जा रहा है।
रायपुर, 27 अक्टूबर। फैशन डिजाइनिंग आज के समय में अधिकतर युवाओं की पहली पसंद बनता जा रहा है। यह एक क्रिएटिव क्षेत्र होने के कारण आप यहां पर अपने नए-नए आईडियाज को आसानी से एक्सप्लोर कर सकते हैं। इतना ही नहीं, यह क्षेत्र में आपको सफलता के साथ नाम व शोहरत भी दिलाता है। हालांकि इस क्षेत्र में कदम रखने के लिए व्यक्ति में कुछ खास गुण होने चाहिए, जैसे आपका क्रिएटिव होने के साथ सिलाई की बारीकियां और कपड़ों की बेहतर समझ ताकि आप अपने आईडियाज को बेहतर तरीके से पेश कर सकें। अगर आपमें भी यह गुण है तो आप इस क्षेत्र में कदम रखने के बारे में सोच सकते हैं। पर इस क्षेत्र में कदम रखने के लिए आपकी मूलभूत पढ़ाई बहुत जरूरी है।
तो आपके इसी सपने को हकीकत में बदलने के लिए कृति ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स के अंतर्गत कृति इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन एंड इंटीरियर डिजाइनिंग का विभाग संचालित किया जाता है, जिसमें विभिन्न प्रकार के फैशन से जुड़े कोर्स की शिक्षा दी जाती है। और मौजूदा समय को देखते हुए ऑनलाइन क्लासेस की भी उत्तम सुविधा का भी उत्तम प्रबंध है। फैशन डिजाइनिंग एक ऐसा पाठ्यक्रम है जहाँ शिक्षा लिख के कम, वास्तिवकता में ज्यादा दी जाती है। तो एक बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या फैशन डिजाइनिंग की पढ़ाई ऑनलाइन माध्यम से संभव है?
इसी प्रशन का उत्तर लेकर 28 तारिक को कृति समूह एक डेमो क्लास संचालित कर रहा है, जिसके अंतर्गत आप निम्न गूगल लिंक से जुड़ कर सीधे क्लास में प्रवेश कर सकते है। इस डेमो क्लास का मुख्य उदेश्य ये सार्थक करना है कि आप इस मुश्किल की घड़ी में ऑनलाइन मध्यम से भी फैशन की पढ़ाई कर सकते है। इस डेमो क्लास के संचालक फैशन एवं इंटीरियर डिजाइनिंग विभाग के विभागाध्यक्ष श्री राजा गोस्वामी रहेंगे साथ ही विषयों की बारीकी समझानें हेतु अस्सिस्टेंट प्रोफेसर चेतना जोशी भी मैजूद रहेंगी। डेमो क्लास से सीधे जुडऩे के लिए गूगल मीट अप्प पर द्धह्लह्लश्चह्य://द्वद्गद्गह्ल.द्दशशद्दद्यद्ग.ष्शद्व/द्मद्मड्ढ-5ष्द्मह्म्-द्बद्घद्घ यह लिंक डालें या 87701 23657 कॉल कर सीधा क्लास में शामिल हो जाये।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 27 अक्टूबर। जिले के उद्यानिकी विभाग द्वारा रायगढ़ के किसानों को आत्मनिर्भर बनने और उनकी आय में बढ़ोतरी के लिए आगामी कार्ययोजना को मूर्तरूप देने कमर कस ली है। जिला रायगढ़ के विकासखंड रायगढ़,बरमकेला, तमनार, खरसिया, घरघोड़ा एवं धरमजयगढ़ में लगभग 50 हेक्टेयर में ग्राम के स्व सहायता समूहों द्वारा सामुदायिक बाडिय़ों में सस्ती व अन्य उद्यानकी फसलों की खेती की जाएगी। जिसके माध्यम से आगामी 03 वर्षों में 64983 मानव दिवस तथा राशि 1,23,46770 रुपए के रोजगार का सृजन किया जाएगा। साथ ही प्रति वर्ष खरीफ ,रबी एवं जायद में लगभग 10,000 -12,000 क्विंटल के साग सब्जी का उत्पादन कर विपणन भी किया जायेगा । जिससे स्थानीय स्वयं सहायता समूहों के महिलाओ की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके।
राज्य शासन एवं जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में अबतक कुल 5663 निजी बाडिय़ों का निर्माण किया गया है जिनमें उद्यानकी विभाग द्वारा फलदार पौधे एवं सब्जी बीज का वितरण किया गया है इसके अतिरिक्त जिला प्रशासन द्वारा डीएमएफ मद से भी 4100 सब्जी मिनी किट का वितरण विकासखण्डों में किया गया है। जिससे हितग्राही साग सब्जी का उत्पादन कर स्वयं एवं परिवार हेतु उपयोग कर अतिरिक्त शेष सब्जियों को बेचकर आमदनी प्राप्त कर रहे है।
डॉ. कमलेश दीवान सहायक संचालक उद्यान का कहना है कि इसी सकारात्मक दिशा में इस वर्ष भी 7000 बाडिय़ों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है
रायपुर, 27 अक्टूबर। नॉर्थ अमेरिका छत्तीसगढ़ एसोसिएशन के अध्यक्ष गणेश कर ने बताया कि दुनिया भर में रह रहे छत्तीसगढ़ के एनआरआई समुदाय के एसोसिएशन नाचा द्वारा 1 नवंबर, 2020 को अमेरिका में 20 वें छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस का समारोह आयोजित किया जाएगा। नाचा अपने गठन के कारण- छत्तीसगढ़ी संस्कृति, भाषा और साहित्य को बढ़ावा देने के साथ-साथ अपने राज्य को सर्वोच्च संभव सम्मान देने का प्रयास कर रहा है। इसको नाचा के यूट्यूब चैनल और फ़ेसबुक पेज के माध्यम से भारत समय के अनुसार 2 नवंबर को सुबह साढ़े 6 बजे प्रसारित किया जाएगा।
श्री कर ने बताया कि उनकी टीम एक भव्य आयोजन कर रही है जो छत्तीसगढ़ के गौरव को कई गुना बढ़ा देगा। छत्तीसगढ़ की सभी प्रमुख हस्तियां जैसे राज्यपाल सुश्री अनुसूया उइके, सांस्कृतिक मंत्री अमरजीत भगत, सैन फ्रांसिस्को के कौंसल डॉ.टीवी नागेंद्र प्रसाद, नेपरविले (शिकागो)- मेयर-स्टीव कीरिको, अंतर्राष्ट्रीय कवि पद्मश्री सुरेन्द्र दुबे, छत्तीसगढ़ी अभिनेता-गायक पद्मश्री अनुज शर्मा, भारत सरकार जी.एस.टी.न आयुक्त अजय पांडे, भारत सरकार जी.एस.टी.न संयुक्त आयुक्त राजेश सिंह, लोकप्रिय अभिनेता-गायक सुनिक मानिकपुरी, लोकप्रिय छत्तीसगढ़ी गायिका अरु साहू और अंतर्राष्ट्रीय गायन संवेदना वंदना विश्वास आदि।
श्री कर ने बताया कि यह कार्यक्रम प्रमुख छत्तीसगढ़ी लोगों की नृत्य शैली जैसे सुआ नृत्य, कर्मा नृत्य, शैला, भयिर को उजागर करेगा। पद्मश्री सुरेंद्र दुबे, पद्मश्री अनुज शर्मा उनके ग्रुप आरूग, सुनील मानिकपुरी, और कई अन्य से सांस्कृतिक प्रदर्शन होंगे। कार्यक्रम में संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर में नाचा के विभिन्न अध्यायों के विभिन्न प्रदर्शन भी शामिल होंगे।
श्री कर ने बताया कि नाचा ने इस अवसर के लिए एक गीत तैयार किया है, जो कि निश्चित रूप से पूरे छत्तीसगढ़ का सबसे लोकप्रिय गीत बन जाएगा। इस गीत को लोकप्रिय छत्तीसगढ़ी गायक-आरू साहू ने आवाज़ दी है और इसमें छत्तीसगढ़ के सभी प्रमुख स्थान शामिल हैं। टीम नाचा बहुत आश्वस्त है कि यह गीत इतना आकर्षक है कि आप दुनिया में जहां भी रहते हैं, आप इस गीत को सिर्फ एक बार नहीं सुन सकते। इस कार्यक्रम में नाचा लोकप्रिय गीत अरपा जोड़ी के ढार को एक नया रुख़ देगा।
श्री कर ने बताया कि इस कार्यक्रम में नाचा 3 एन.जी.ओ को सामुदायिक पुरस्कार प्रदान करेगा जो छत्तीसगढ़ में महत्वपूर्ण परोपकारी कार्य कर रहे हैं। इस संदर्भ में, नाचा ने पूरे छत्तीसगढ़ से नामांकन आमंत्रित किया था और 2 सप्ताह की अवधि में 15 से अधिक नामांकन प्राप्त किए। टीम उन सभी गैर-सरकारी संगठनों द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करती है, जो छत्तीसगढ़ को एक बेहतर स्थान बनाने के लिए बहुत मेहनत कर रहे हैं। नाचा छत्तीसगढ़ से मितवा किन्नर समुदाय का नृत्य प्रदर्शन भी करेगा। टीम नाचा की छत्तीसगढ़ में भी नई पहल शुरू करने की योजना है, जो भविष्य में किन्नर समुदाय के जीवन को आसान बनाने की दिशा में काम करेगी।
नई दिल्ली, 27 अक्टूबर| एक बार फिर स्मार्टफोन्स ने किफायती कीमतों और नए लॉन्च हुए मॉडलों के कारण 7 दिन की अवधि (15-21 अक्टूबर) में कुल फेस्टिव सेल के 47 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा जमाया। बेंगलुरु स्थित मार्केट रिसर्च फर्म रेडसीर के अनुसार, फेस्टिव सेल के पहले सप्ताह में ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों पर हर मिनट 1.5 करोड़ रुपये मूल्य के स्मार्टफोन बेचे गए।
रेडसीर कंसल्टिंग के निदेशक मृगांक गुटगुटिया ने कहा, "कई पहलुओं में यह वास्तव में भारतीय ई-कामर्स के लिए एक फेस्टिवल ऑफ फर्स्ट है जो इसके भविष्य के लिए एक मजबूत आधार तैयार करेगा।"
पिछले साल की तरह फैशन श्रेणी को इस बार में सेल में बड़ा योगदान नहीं रहा, इसकी सेल 14 फीसदी ही रही। रिपोर्ट में कहा गया है, "घर और होम फर्निशिंग्स वाली श्रेणियों में नतीजे अच्छे रहे। इसमें वर्क-फ्रॉम-होम और स्टडी-फ्रॉम-होम के लिए बुनियादी चीजों की मांग ज्यादा रही।"
फोन को लेकर बात करें तो स्मार्टफोन ब्रांड एमआई इंडिया ने पिछले हफ्ते कहा था कि उसने एमेजॉन, फ्लिपकार्ट और एमआई डॉट कॉम प्लेटफार्मों पर 7 दिन की फेस्टिवल सेल में 50 लाख हैंडसेट बेचे। वहीं चीनी स्मार्टफोन ब्रांड पोको ने फ्लिपकार्ट पर इसी अवधि में 10 लाख से अधिक स्मार्टफोन बेचे। फ्लिपकार्ट ने पहले कहा था कि मोबाइल श्रेणी में प्लेटफॉर्म ने ग्राहकों की संख्या में दोगुनी वृद्धि दर्ज की है।
स्मार्टफोन के प्रीमियम सेगमेंट में 3.2 गुना की वृद्धि देखी गई, जिसमें मुख्य रूप से एप्पल, गूगल और सैगसंग के फोन शामिल हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 26 अक्टूबर | दूरसंचार क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एयरटेल ने सोमवार को 'एयरटेल आईक्यू' नामक एक नए प्लेटफॉर्म को जारी किया है और इसी के साथ देश में क्लाउड संचार मार्केट में अपनी पारी की शुरुआत कर दी है, जिसकी कीमत 100 करोड़ डॉलर के आसपास है। क्लाउड आधारित ओम्नी चैनल संचार प्लेटफॉर्म एयरटेल आईक्यू को समय पर और सुरक्षित संचार के माध्यम से ग्राहकों संग बेहतर संबंध बनाने के मद्देनजर डिजाइन किया गया है।
कंपनी ने अपने एक बयान में कहा है कि भारत में स्विगी, जस्टडायल, अर्बन कंपनी, हेवेल्स, डॉ. लाल पैथलैब्स और रैपिडो जैसी कई बड़ी कंपनियां ग्राहक के तौर पर एयरटेल आईक्यू का इसके बीटा चरण के दौरान से उपयोग कर रही है।
भारती एयरटेल के चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर आदर्श नायर ने इस बीच कहा, "उपभोक्ताओं के साथ जुड़ने के लिए व्यवसाय तेजी से क्लाउड-आधारित डिजिटल प्लेटफार्मो की ओर बढ़ रहे हैं और बात जब किसी ब्रांड द्वारा ग्राहकों को खुश करने की आती है, तो एयरटेल आईक्यू इस दिशा में और बेहतर साबित होगी।"
उन्होंने आगे कहा, "तो अगली बार से जब आप ऑनलाइन शॉपिंग, अपने किसी पसंदीदा रेस्तरां से खाना ऑर्डर करने या किसी राइड का आनंद लेंगे, तो याद रखिएगा कि इसे और बेहतर और सुरक्षित बनाने में एयरटेल आईक्यू की एक छोटी सी भूमिका रही है।"
एयरटेल आईक्यू को अपनाने के चलते व्यवसायियों व उद्यमियों को अपने कई अलग-अलग चैनलों के लिए भिन्न संचार मंचों की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसमें महज एक कोड के जरिए वॉयस, एसएमएस, आईवीआर जैसे संचार सेवाओं का संचालन किया जा सकता है। इसकी मदद से एक एकीकृत प्लेटफॉर्म के माध्यम से डेस्कटॉप और मोबाइल पर डिजिटल लेनदेन को सुलभ बनाया जा सकेगा।
--आईएएनएस
रायपुर, 26 अक्टूबर। रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के मेडिकल व मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. संदीप दवे ने बताया कि डॉ. प्रवाश चौधरी, नेफ्रोलॉजिस्ट व टीम द्वारा किडनी ट्रांसप्लांटेशन सफलतापूर्वक किया गया। सीओओ संदीप रूपरिया ने कोरोना के विश्वव्यापी संक्रमण के समय इस सफलता के लिए बधाई दी।
डॉ. दवे ने बताया कि हॉस्पिटल में मरीजों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता होती है इसलिए यहां सभी आवश्यक सावधानियों 3 लेवर स्क्रीनिंग, सेनीटाइजर, पीपीई का प्रयोग, हॉस्पिटल को सेनीटाइज करना आदि का इस्तेमाल किया जा रहा है, और उनकी 24 घंटे देखभाल की जाती है। उन्होंने कहा कि हृदय, लीवर व किडनी आदि की समस्याओं से पीडि़त मरीजों को डॉक्टर्स से तुरंत सलाह लेकर सही समय पर इलाज कराना जरूरी है।
रायपुर, 26 अक्टूबर। भारतीय मोबाइल एसेसरीज ब्रांड एम्ब्रेन ने ऑडियो सेगमेंट में अपनी मौजूदगी को बढ़ाते हुए इन.ईयर कॉलर ने कबैंड इयरफोन वेव को लॉन्च करने की घोषणा की। यह ईयरफोन सिरी/गूगल असिस्टेंट और ब्लूटूथ 5.0 कनेक्टिविटी सर्विस से लैस है। इस प्रोडक्ट की कीमत 1, 999 रुपये है और यह 365 दिनों की वारंटी के साथ उपलब्ध है। यह इन.ईयर इयरफोन आरामदायक और वर्सेटाइल ढंग से डिज़ाइन किया गया हैए जो यूजर को बेहतर सुविधा प्रदान करेगा। इसका व्यालपक पहनने योग्य डिज़ाइन हल्का होने के साथ-साथ स्टाइलिश भी है और उपयोग में नहीं होने पर आपके गले में बिना किसी परेशानी के आसानी से फिट रहता है।
दुनिया के सबसे बड़े मोटर साइकिल बाज़ार में अपने पांव जमाने के उद्देश्य से रॉयल एनफ़ील्ड ब्रैंड तेज़ी से अपना विस्तार कर रही है.
रॉयल एनफ़ील्ड दुनिया की सबसे पुराने मोटरसाइकिल ब्रैंड्स में से एक है जो आज भी बेहद पसंद की जाती है.
भारतीय बाज़ार में अच्छी बिक्री दर्ज करने वाली इस कंपनी का मालिकाना हक साल 1994 से भारत के आइशर ग्रुप के पास है.
ये कंपनी अब एशिया में अपनी बिक्री बढ़ाना चाहती है और इसलिए हाल में इसने थाईलैंड में एक नई फैक्ट्री बनाने की योजना का एलान किया है.
रॉयल एनफ़ील्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनोद दसारी ने बीबीसी को बताया कि भारतीय उपभोक्ता इस मोटरसाइकिल का स्टाइल और इसकी विरासत पसंद करते हैं.
वो कहते हैं, "हम बेहतर मोटरसाइकिलें बनाते हैं जिनकी क़ीमत भी अधिक नहीं होती. साथ ही हम केवल भारत के लिए नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए मोटरसाइकिलें बनाते हैं."
उम्मीद की जा रही है कि थाईलैंड में लगने वाली कंपनी की फैक्ट्री में बारह महीनों के भीतर काम शुरू हो जाएगा. माना जा रहा है कि भारत के बाद ये कंपनी की दूसरी सबसे बड़ी फैक्ट्री होगी.
वियतनाम, मलेशिया और चीन जैसे दक्षिणपूर्व एशिया के देशों को मोटरसाइकिल निर्यात करने के लिए कंपनी इस फैक्ट्री को एक्सपोर्ट हब बनाना चाहती है.
इसके लिए विनोद दसारी की बड़ी योजनाएं हैं. वो अगले तीन से पांच सालों तक हर तिमाही में एक नई मोटरसाइकिल लॉन्च करना चाहते हैं.
वो कहते हैं, "हमारे लिए एशिया प्रशांत बेहद अहम बाज़ार है और हमारे उपभोक्ता महत्वाकांक्षी हैं और उन्हें हमसे कुछ बेहतर की अपेक्षा है."
आगे बढ़ने की लड़ाई
मोटरसाइकिल सवारी की एशिया में एक मजबूत परंपरा है. मोटरसाइकिल की बिक्री के मामले में भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है. इसके बाद इस मामले में थाईलैंड, इंडोनेशिया और वियतनाम आगे हैं.
इन देशों की भीड़भाड़ वाली सड़कों पर, खासकर बड़े शहरों में, ट्रैफ़िक जाम से बच कर आगे जाने का मोटरसाइकिल सबसे आसान तरीक़ा है.
मोटरसाइकिल बिक्री के बीते साल के आंकड़ों को देखें तो रॉयल एनफ़ील्ड की बिक्री इस पूरे इलाक़े में 88 फीसदी बढ़ी है. ये कंपनी केवल 250-750सीसी क्लास के मिड-सेगमेंट मार्केट के लिए मोटरसाइकिल बनाती है.
लेकिन एशिया में सभी मोटरसाइकिल कंपनियां कामयाब नहीं रही हैं.
एक तरफ जहां रॉयल एनफ़ील्ड एशिया के इलाक़े में और विस्तार करने की योजना बना रही है, वहीं दूसरी तरफ हाल में हार्ले-डेविडसन ने इस इलाक़े से अपना काम समेटने की घोषणा की है.
फ्रॉस्ट एंड सुलिवन में ट्रांसपोर्ट एक्सपर्ट विवेक वैद्य बताते हैं, "हार्ले-डेविडसन की मोटरसाइकिलों को भारत में लोग महंगा मानते हैं. यहां की सड़कें, स्पीड और ट्रैफिक को लेकर सरकार के नियम, हाई स्पीड में मोटरसाइकिल चलाने के लिए अनुकूल नहीं हैं."
वो कहते हैं, "कंपनी ने कम ताकत वाले इंजन बनाना शुरू तो किया, लेकिन इस मामले में वो अधिक कामयाब साबित नहीं सकी. इस सेगमेन्ट में रॉयल एनफ़ील्ड को चुनौती देना कतई आसान नहीं था."
जानकार मानते हैं कि हार्ले-डेविडसन के विपरीत एशिया के मोटरसाइकिल उपभोक्ताओं के लिए रॉयल एनफ़ील्ड के उत्पाद बेहतर रहे हैं.
मोटर स्पोर्ट कंसल्टेंट स्कॉट लुकाएटिस कहते हैं, "इस्तेमाल में आसानी, साधारण डिज़ाइन और अपने क्लासिक विंटेज स्टाइल के लिए उपभोक्ता रॉयल एनफ़ील्ड की मोटरसाइकिलें पसंद करते हैं."
"वो कम खर्च पर अपने उपभोक्ताओं को स्पोर्ट्स बाइक खरीदने का मौक़ा देते हैं. साथ ही उनके उपभोक्ताओं को उन मोटरसाइकिलों के बारे में अधिक तकनीकी जानकारी की ज़रूरत नहीं होती, न ही उनके रखरखाव में अधिक खर्च करना पड़ता है."
लेकिन विनोद दसारी मानते हैं कि रॉयल एनफ़ील्ड की विरासत उपभोक्ताओं को आकर्षित करती हैं. वो कहते हैं "कंपनी केवल एक उत्पाद नहीं बेच रही बल्कि उस उत्पाद के साथ उसका सालों का अनुभव है."
लिमिटेड एडिशन रॉयल एनफ़ील्ड क्लासिक 500 पेगासस मोटरसाइकिल जिसे द्वितीय विश्व युद्ध के ख़ास ग्लाइडर 'फ्लाइंग फ्ली' की याद में साल 2018 में बनाया गया था.
रॉयल एनफ़ील्ड का इतिहास
1893 - साइकिल बनाने वाले ये कंपनी पहले एनफ़ील्ड में मौजूद रॉयल स्मॉल आर्म्स फैक्ट्री के लिए कलपुर्जे बनाती थी. बाद में इसने अपना नाम रॉयल एनफ़ील्ड रख लिया.
1901 - ब्रिटेन में कंपनी ने मोटर से चलने वाली अपनी पहली साइकिल बनाई.
1914-18 - प्रथम विश्व युद्ध के दौरान कंपनी ने ब्रितानी सेना के साथ-साथ बेल्जियम, फ्रांस, अमरीका और रूस की सेना को भी मोटरसाइकिल स्पालई की.
1932 - कंपनी ने अपनी पहली "बुलेट" मोटरसाइकिल बनाई जिसमें ख़ास, स्लोपर इंजन का इस्तेमाल किया गया था. इस मॉडल को काफी पसंद किया गया.
1939-1945 - द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान कंपनी ने सेना के लिए मोटरसाइकिल बनाने के साथ-साथ साइकिल, जनरेटर और एंटी-एयरक्राफ्ट गन बनानी शुरू की. पैराशूटिस्ट और ग्लाइडर सैनिकों के इस्तेमाल के लिए कंपनी ने जानेमाने 'फ्लाइंग फ्ली' नाम के ग्लाइडर का भी उत्पादन किया.
1960 - ये पारंपरिक मोटरसाइकिलों का ज़माना था. कई कंपनियों ने इस दौरान मोटरसाइकिल बाज़ार में अपने कदम रखे. इनमें से एक कंपनी रॉयल एनफ़ील्ड थी.
1970 - कंपनी ने ब्रिटेन में अपना काम बंद किया. कंपनी की भारतीय सहायक कंपनी, एनफ़ील्ड इंडिया ने उत्पादन का काम अपने हाथों में लिया.
1994 - भारत की कंपनी आइशर मोटर्स ने एनफ़ील्ड इंडिया को खरीद लिया. कंपनी का दोबारा नामकरण हुआ और इसका नाम रॉयल एनफ़ील्ड मोटर्स लिमिटेड कर दिया गया.
2020 - कंपनी के लिए ब्रिटेन अभी भी महत्वपूर्ण बाज़ार बना हुआ है. मिडिलवेट मोटरसाइकिल कैटगरी में कंपनी की इंटरसेप्टर 650 यहां सबसे अधिक बिकने वाली मोटरसाइकिल है.
अमरीकी चैट शो के प्रस्तुतकर्ता जे लेनो रॉयल एनफ़ील्ड की मोटरसाइकिलें पसंद करते हैं.
अगले साल रॉयल एनफ़ील्ड मोटरसाइकिल बनाने के अपने 120 साल पूरे करने जा रही है. कोरोना महामारी से जूझ रहे भारत में कंपनी ने इस संबंध में किसी ख़ास कार्यक्रम की कोई घोषणा नहीं की है.
जानकारों का मानना है कि कोरोना महामारी के बाद एशिया का मोटरसाइकिल बाज़ार एक बार फिर विकास के रास्ते आगे बढ़ेगा.
विवेक वैद्य कहते हैं, "मिलने जुलने से संक्रमण फैलने के डर से लोग सार्वजनिक परिवहन की बजाय निजी परिवहन पर अधिक ज़ोर देंगे. ऐसे में ग्रामीण इलाक़ों में सस्ते परिवहन के रूप में मोटरसाइकिल बाज़ार का भविष्य बेहतर ही दिखता है."(bbc)