अंतरराष्ट्रीय
नॉर्वे पेट्रोल और डीजल से ज्यादा इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री देखने वाला पहला देश बन गया है. नॉर्वे ने 2025 तक पेट्रोल और डीजल की गाड़ियों को पूरी तरह से अलविदा कह देने का लक्ष्य तय किया है.
नॉर्वे, 5 जनवरी | नॉर्वे ने पेट्रोल और डीजल पर निर्भरता को अंत करने में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है. पिछले साल नॉर्वे में पहली बार एक साल में खरीदी गई गाड़ियों में से 50 प्रतिशत से भी ज्यादा हिस्सा इलेक्ट्रिक गाड़ियों का रहा. इसका मतलब है देश में पहली बार डीजल और पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों से ज्यादा इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदी गईं.
नॉर्वे ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाला पहला देश बन गया है. नार्वेजियन रोड फेडरेशन (ओएफवी) के आंकड़ों के अनुसार देश में 2020 में जितनी भी नई गाड़ियां बिकीं उनमें बैटरी इलेक्ट्रिक गाड़ियां (बीईवी) का हिंसा 54.3 प्रतिशत था, जो अपने आप में एक विश्व रिकॉर्ड है. इसके मुकाबले 2019 में यह आंकड़ा 42.4 प्रतिशत था और एक दशक पहले तो महज एक प्रतिशत था.
नॉर्वे ने 2025 तक पेट्रोल और डीजल की गाड़ियों की बिक्री बंद कर देने वाला पहला देश बनने का लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए देश में पूरी तरह से इलेक्ट्रिक गाड़ियों को उन करों से छूट मिलती है जो जीवाश्म ईंधन से चलने वाली गाड़ियों पर लगते हैं.
इस नीति की वजह से देश में गाड़ियों का बाजार उन कंपनियों के लिए एक प्रयोगशाला जैसा बन गया है जो इंटरनल कम्बशन वाली इंजनों से मुक्त भविष्य की तरफ बढ़ने का रास्ता तलाश रही हैं. इस वजह से बीते सालों में बेस्टसेलर की सूचियों में नए नए मॉडल और ब्रांड उभर कर आए हैं.
हालांकि इसके पहले भी कुछ महीनों में नॉर्वे में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री 50 प्रतिशत से ऊपर गई है, लेकिन 2020 में ऐसा पहली बार हुआ जब पूरे साल की कुल बिक्री में बीईवी गाड़ियों ने पेट्रोल और डीजल गाड़ियों को पीछे छोड़ दिया. ओएफवी के सीईओ ओयेविन्ड थोर्सन ने एक समाचार वार्ता में कहा, "हम बिल्कुल 2025 के लक्ष्य को हासिल करने की राह पर हैं."
इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री साल के आखिरी महीनों में और तेज हो गई और दिसंबर में तो ये 66.7 प्रतिशत पर पहुंच गई. फोक्सवागन के ऑडी ब्रांड ने 2020 का सर्वप्रथम स्थान हासिल किया. उसकी ई-ट्रोन स्पोर्ट्स यूटिलिटी और स्पोर्ट्सबैक गाड़ियां सबसे ज्यादा बिकीं. 2019 की विजेता टेस्ला की मॉडल थ्री दूसरे नंबर पर खिसक गई.
उद्योग समीक्षक और गाड़ियों के डिस्ट्रीब्यूटरों का कहना है कि 2021 में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री और बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि देश में और भी मॉडल आने वाले हैं. नार्वेजियन ईवी एसोसिएशन की प्रमुख क्रिस्टीना बू का कहना है, "हमारा प्रारंभिक पूर्वानुमान है कि 2021 में इलेक्ट्रिक गाड़ियां बाजार का 65 प्रतिशत हिस्सा हासिल कर लेंगी. अगर हम ऐसा कर पाते हैं तो 2025 में केवल शून्य उत्सर्जन वाली गाड़ियां बेचने का लक्ष्य काफी करीब होगा."
इस साल टेस्ला के स्पोर्ट्स यूटिलिटी गाड़ी मॉडल वाई और इसके अलावा फोर्ड, बीएमडब्ल्यू और फोक्सवागन की पहले एसयूवी के नॉर्वे के बाजार में उतरने की संभावना है. सिर्फ डीजल इंजन वाली गाड़ियों की बिक्री जहां 2011 में 75 प्रतिशत थी वो अब 8.6 प्रतिशत पर आ गई है. नॉर्वे में 2020 में 1,41,412 नई गाड़ियां बिकीं जिनमें से 76,789 पूरी तरह से इलेक्ट्रिक थीं.
लेकिन गाड़ियां आयात करने वाली कंपनी बर्टल ओ स्टीन के सीईओ हेराल्ड फ्रिगस्टाड ने कहा कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों का बाजार में हिस्सा बढ़ता ही रहेगा लेकिन इस बात को लेकर अनिश्चितता है कि गाड़ियां बनाने वाली कंपनियां कितनी गाड़ियां नॉर्वे में भेजेंगी, क्योंकि अब पूरे यूरोप में इनकी मांग बढ़ रही है. उनका अनुमान है कि 2021 में उनकी कंपनी द्वारा बेचे जाने वाली सभी गाड़ियों में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री का हिस्सा लगभग 70 प्रतिशत होगा.
सीके/एए (रायटर्स)
जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल और सभी 16 राज्यों के मुख्यमंत्री लॉकडाउन पर चर्चा के लिए बैठक कर रहे हैं. इस बीच, मीडिया रिपोर्टों का कहना है कि देश में लागू सख्त लॉकडाउन को तीन हफ्ते और बढ़ाकर 31 जनवरी तक किया जा रहा है.
जर्मनी, 5 जनवरी | सोमवार को मिलने वाली बहुत सी मीडिया रिपोर्टों में कहा गया कि जर्मनी की संघीय सरकार और देश के सभी 16 राज्यों की सरकारें 31 जनवरी तक लॉकडाउन को बढ़ाने पर सहमत हो गई हैं ताकि कोरोना महामारी के फैलाव को रोका जा सके. मंगलवार को चांसलर मैर्केल और राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक हो रही है. इसके बाद लॉकडाउन को बढ़ाने का आधिकारिक ऐलान होने की संभावना है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने वार्ताकार टीम के हवाले से रिपोर्ट दी है, "दो राज्यों को छोड़कर बाकी सभी राज्य लॉकडाउन को जनवरी के अंत तक बढ़ाने पर सहमत हैं." वहीं समाचार पत्र समूह आरएनडी का कहना है कि राज्यों के बीच डेकेयर और स्कूलों को बंद रखे जाने के प्रस्ताव पर सबसे ज्यादा विवाद हो रहा है. सरकारी प्रसारक एआरडी की रिपोर्ट के मुताबिक जर्मनी के संस्कृति मंत्रालय ने कहा है कि स्कूलों में बच्चों को एक साथ क्लास में बैठकर पढ़ने की अनुमति तभी दी जा सकेगी जब लॉकडाउन में ढील दी जाए.
नाकाफी पाबंदियां
छह दिसंबर से लागू लॉकडाउन के तहत जर्मनी में शॉपिंग स्टोर, स्कूल और अन्य सेवाओं को बंद रखा गया है. सिर्फ सुपरमार्केट खुले हुए हैं ताकि लोगों को खाना खरीदने में कोई दिक्कत ना आए. मौजूदा लॉकडाउन 10 जनवरी तक है. लेकिन कोरोना के मामले और उससे होने वाली मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है जिसे देखते हुए सरकार लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाने के लिए मजबूर है.
जर्मनी में कोरोना की स्थिति पर नजर रखने वाली संस्था रॉबर्ट कॉख इंस्टीट्यूट का कहना है कि अभी प्रति एक लाख में 139.6 लोग संक्रमित हैं. यह संख्या प्रति एक लाख 50 संक्रमण की उस सीमा से कहीं ज्यादा है जो सरकार ने पाबंदियों में ढील देने के लिए रखी है.
अवधि पर असहमति
जर्मन अखबार फ्रांकफुर्टर अल्गेमाइने साइटुंग की रिपोर्ट का कहना है कि शनिवार को हुई वीडियो कांफ्रेसिंग के दौरान राज्यों के मुख्यमंत्री लॉकडाउन को बढ़ाने पर राजी थे लेकिन उनके बीच इस बात पर मतभेद है कि इसे कितने समय के लिए बढ़ाया जाए. कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्री लॉकडाउन को तीन हफ्तों तक बढ़ाने के हक में हैं जबकि जिन राज्यों में ज्यादा संक्रमण नहीं हैं, वहां के मुख्यमंत्रियों की दलील है कि दो हफ्ते तक बढ़ाना पर्याप्त होगा.
सेक्सनी राज्य सबसे ज्यादा कोरोना से पीड़ित है. वहां के मुख्यमंत्री मिषाएल क्रेचमर का कहना है कि लॉकडाउन को बढ़ाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है.
एके/आईबी (एएफपी, डीपीए, रॉयटर्स)
वॉशिंगटन, 5 जनवरी | भारतवंशी नीरज अंतानी ने सोमवार को अमेरिका के ओहायो के सीनेटर के तौर पर शपथ ली और इसी के साथ वह राज्य की सीनेट का हिस्सा बनने वाले भारतीय मूल के पहले अमेरिकी बन गए हैं। मीडिया रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है। वह छठे जिले से ओहायो राज्य सीनेट चुने गए हैं। साल 2015 के जनवरी से राज्य प्रतिनिधि के तौर पर काम करने वाले अंतानी ने शपथ ग्रहण करने के तुरंत बाद ट्वीट करते हुए कहा, आज आधिकारिक तौर पर राज्य सीनेटर के रूप में शपथ लेकर वाकई में सम्मानित महसूस कर रहा हूं। आज ओहायो इतिहास में मैं पहला भारतीय-अमेरिकी राज्य सीनेटर बना हूं, इसलिए मैं हर दिन कड़ी मेहनत करने का प्रण लेता हूं ताकि ओहायोवासियों को अपने सपनों को पूरा करने का मौका मिले।
उन्होंने आगे लिखा, "जिस समुदाय में मैं पला-बढ़ा हूं, उसका प्रतिनिधित्व कर पाने के चलते मैं बेहद आभारी हूं। मेरे सभी मतदाताओं, समर्थकों और टीम को धन्यवाद।"
29 वर्षीय एंटनी ने नवंबर 2020 के चुनाव में डेमोक्रेट मार्क फोगेल को हराया है।
अमेरिकन बाजार ने अपनी रिपोर्ट में कहा, छठे राज्य सीनेट में दक्षिणी, पूर्वी और उत्तरी मॉन्टगोमरी काउंटी शामिल हैं, जिसकी भारतीय-अमेरिकी आबादी 87,000 से अधिक है।
अंतानी पहली दफा साल 2014 में 42 जिलों में से ओहायो स्टेटहाउस के लिए निर्वाचित किए गए थे। 23 साल की उम्र में वह हाउस के सबसे युवा सदस्य थे। (आईएएनएस)
पाकिस्तान में लाहौर हाई कोर्ट ने पंजाब प्रांत में बलात्कार पीड़ितों के कौमार्य परिक्षण पर प्रतिबंध लगा दिया है. एक्टिविस्टों को उम्मीद है की जल्द यह प्रतिबंध पूरे देश में लागू होगा और बलात्कार पीड़ितों को थोड़ी राहत मिलेगी.
बलात्कार पीड़ितों का कौमार्य परीक्षण का इस्तेमाल पाकिस्तान में महिला की तथाकथित प्रतिष्ठा के मूल्यांकन के लिए लंबे समय से होता रहा है. इसमें "दो उंगलियों वाला टेस्ट" भी शामिल है. कौमार्य परीक्षण के आलोचकों ने परीक्षण को बैन करवाने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दी थी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन पहले ही कह चुका है कि इस तरह के परीक्षण की कोई वैज्ञानिक उपयोगिता नहीं होती और इससे बलात्कार पीड़ितों के मानवाधिकारों का उल्लंघन होता है. कौमार्य परीक्षण को अवैध बताते हुए लाहौर हाई कोर्ट ने कहा कि यह, "पीड़िता की व्यक्तिगत मर्यादा को चोट पहुंचाता है और इस वजह से यह जीने के अधिकार और मर्यादा के अधिकार के खिलाफ है."
इस तरह के परीक्षण के पैरोकार दावा करते हैं कि इससे महिला की यौन गतिविधियों के इतिहास का पता लगाया जा सकता है. इस तरह के नतीजों का इस्तेमाल अक्सर बलात्कार पीड़ितों को बदनाम करने के लिए किया जाता है. पाकिस्तानी समाज का अधिकांश हिस्सा प्रतिष्ठा की एक दमनकारी व्यवस्था के तहत काम करता है जिसमें बलात्कार पीड़ितों को सामाजिक लांछनों का सामना करना पड़ता है और बड़ी संख्या में महिलाओं पर हिंसक हमलों की पुलिस से शिकायत भी नहीं की जाती.
जिस याचिका पर अदालत ने यह फैसला दिया उसे दायर करने वाले वकीलों ने एक बयान जारी कर कहा कि यह फैसला, "तहकीकात संबंधी और न्यायिक प्रक्रियाओं को सुधारने और उन्हें यौन हमले और बलात्कार के पीड़ितों के प्रति और न्यायपूर्ण बनाने की दिशा में एक अति-आवश्यक कदम है."
इससे पहले पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने दिसंबर में दो उंगलियों वाले टेस्ट पर बैन लगा दिया था. यह कदम एक नए बलात्कार विरोधी कानून के तहत उठाया गया था. इस पर तो इस नए कानून के तहत प्रतिबंध लग गया है लेकिन योनिच्छद या हाइमन में खरोंचें और चोट के निशानों की दृश्य जांच की अनुमति अब भी है.
लाहौर हाई कोर्ट के फैसले से पंजाब प्रांत में हर तरह का कौमार्य परीक्षण प्रतिबंधित हो गया है और यह पाकिस्तान में इस तरह का पहला आदेश है. इसी तरह के एक और मामले पर सिंध हाई कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है और महिला अधिकार एक्टिविस्टों को उम्मीद है कि लाहौर हाई कोर्ट का फैसला देशव्यापी प्रतिबंध के लिए मिसाल बनेगा. भारत में दो उंगलियों वाली जांच को 2013 में ही और बांग्लादेश में 2018 में बैन कर दिया गया था.
सीके/एए (एएफपी)
एक कूटनीतिक सफलता में सऊदी अरब लंबे समय तक चले संकट के बाद कतर के लिए अपनी सीमाओं और हवाई क्षेत्र को खोलने के लिए तैयार हो गया है.
कुवैत के विदेश मंत्री अहमद नसर अल-सबाह ने कहा है कि सऊदी अरब हवाई, समुद्री और जमीनी सीमाओं को कतर के लिए खोलने को सहमत हो गया है. यह एक ऐसा संकेत है जिससे लगता है कि खाड़ी में वर्षों पुराने विवाद का अंत हो रहा है. कुवैत की सरकारी न्यूज एजेंसी केयूएनए पर विदेश मंत्री अल-सबाह ने मंगलवार को सऊदी अरब में खाड़ी देशों के नेताओं की बैठक से पहले यह घोषणा की.
2017 में कतर विरोधी गठजोड़ ने कतर के साथ अपने व्यापार और सभी राजनयिक संपर्क तोड़ लिए थे. इतना ही नहीं, कतर से जुड़ने वाले जमीन, समुद्र और हवाई मार्ग भी बंद कर दिए थे. सऊदी अरब, यूएई, बहरीन और मिस्र ने कतर पर आतंकवादी संगठनों का समर्थन करने का आरोप लगाया था. हालांकि दोहा इन आरोपों से इनकार करता रहा. कुवैत और अमेरिका तब से इस संकट का समाधान करने के लिए मध्यस्थता करने की कोशिश में थे.
अल-सबाह ने अपने बयान में कहा गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (जीसीसी) की बैठक से पहले कुवैत के अमीर नवाफ अल-अहमद अल सबाह ने कतर के अमीर तमीम बिन हमद अल थानी और सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से फोन पर बात की. उन्होंने कहा, "फोन कॉल के दौरान हर किसी ने एकता और दोबारा मिलने के लिए उत्सुकता जताई...और वे सम्मेलन में समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे, जो एक उनके भाईचारे के संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत करेगा." उन्होंने कहा कि सऊदी अरब और कतर ने कुवैती अमीर के उस प्रस्ताव पर सहमति जताई कि हवा, समुद्र और जमीनी सीमाएं सोमवार शाम से खोल दी जाएंगी. 2017 के बाद पहली बार कतर के अमीर जीसीसी की बैठक में शामिल होने जा रहे हैं.
जैरेड कुशनर की जीत?
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के दामाद और सलाहकार जैरेड कुशनर की तारीफ अल थानी ने की है. उन्होंने पिछले साल दिसंबर में उनके मध्य पूर्व के दौरे के दौरान अरब देशों के बीच अंतर को पाटने के प्रयासों के लिए प्रशंसा की है. कुशनर की मंगलवार को होने वाले समझौते के दौरान कार्यक्रम में मौजूद रहने की खबरें हैं. इस समझौते पर व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा, "यह एक बड़ी सफलता है. इससे क्षेत्र में और स्थिरता आएगी."
कुशनर के बारे में यह भी कहा जाता है कि साल 2020 में अरब देशों और इस्राएल के साथ रिश्ते सामान्य करने के समझौतों में उन्होंने अहम भूमिका निभाई है. मध्य पूर्व में नई कूटनीति ईरान के खिलाफ एक संयुक्त मोर्चा बनाने के रूप में देखी जा रही है.
एए/सीके (रॉयटर्स, डीपीए, एपी)
संयुक्त राष्ट्र, 5 जनवरी | भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में एक गैर-स्थायी सदस्य के रूप में अपने दो साल के कार्यकाल का शुभारंभ किया। इसके साथ ही एक विशेष समारोह के दौरान भारत का तिरंगा न्यू यॉर्क सिटी के संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में सोमवार से फहराने लगा। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी.एस. तिरुमूर्ति ने कहा, यह मेरे देश के लिए और मेरे प्रतिनिधिमंडल के लिए गर्व का क्षण है।
उन्होंने कहा, भारत सुरक्षा परिषद में मानवता के छठे हिस्से का प्रतिनिधित्व करने वाले सबसे बड़ा लोकतंत्र है। भारत बहुपक्षवाद, कानून का शासन, एक निष्पक्ष और न्यायसंगत अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली और शांति, सुरक्षा और विकास के लिए प्रतिबद्ध है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक हम लोकतंत्र, बहुलवाद और मौलिक अधिकारों के प्रति प्रतिबद्धता को लेकर एक साथ खड़े हैं।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले साल यूएनजीए में दिए गए भाषण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, भारत विकासशील देशों के लिए एक आवाज बनेगा।
भारत अगस्त 2021 में और फिर 2022 में यूएनएससी की अध्यक्षता करेगा। यूएनएससी की अध्यक्षता प्रत्येक सदस्य द्वारा एक महीने के लिए की जाती है। भारत के अलावा आयरलैंड, केन्या, मैक्सिको और नॉर्वे गैर-स्थायी सदस्य के रूप में यूएनएससी में शामिल हुए।(आईएएनएस)
लंदन, 5 जनवरी | ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कोरोनावायरस के कारण इंग्लैंड में एक और लॉकडाउन की घोषणा कर दी है। महामारी शुरू होने के बाद इंग्लैंड में यह तीसरा लॉकडाउन है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बताया कि लॉकडाउन मंगलवार सुबह 12 बजे से लागू हुआ। सोमवार को टेलिविजन पर दिए गए अपने संबोधन में उन्होंने देश भर के लोगों से आग्रह किया कि केवल उन कारणों के लिए घर से बाहर निकलें, जिनकी अनुमति सरकार ने दी है।
नए लॉकडाउन के तहत केवल उन लोगों को काम पर जाने की अनुमति दी गई है जिनके लिए घर से काम करना असंभव है। जैसे कि निर्माणकार्यों में लगे श्रमिक। इसके अलावा ब्रिटेन के लोगों को भोजन और दवाओं जैसी जरूरी चीजें खरीदने के लिए दिन में एक बार बाहर निकलने की छूट है।
इस बीच सभी स्कूल और कॉलेज मंगलवार से बंद हो जाएंगे और फरवरी के मध्य तक ऑनलाइन पढ़ाई करेंगे।
जॉनसन ने कहा कि स्कूल असुरक्षित नहीं थे और बच्चों के नए कोविड-19 स्ट्रैन से भी प्रभावित होने की बहुत संभावना नहीं है। यह नया स्ट्रैन पिछले महीने देश में मिला है और यह संचरण में 70 फीसदी अधिक तेज है। लेकिन स्कूल इसके ट्रांसमिशन का जरिया बन सकते हैं और वायरस घरों में फैल सकता है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, ब्रिटेन में सोमवार को कोविड-19 के 58,784 नए मामले मिले हैं। जो कि अब तक का सबसे बड़ा दैनिक आंकड़ा है। देश में अब तक कुल 27,21,622 मामले और 75,547 मौतें दर्ज हो चुकी हैं।(आईएएनएस)
लंदन, 5 जनवरी | गायिका गेरी हॉर्नर का कहना है कि जब वह अपनी महिला मित्रों के साथ होती हैं तो वह हमेशा खुद में ज्यादा आत्मविश्वास महसूस करती हैं। फीमेल फर्स्ट डॉट को डॉट यूके की रिपोर्ट के मुताबिक स्पाइस गर्ल्स की सदस्य ने अपनी यूट्यूब सीरीज 'रेनबो वुमन' के एक नए एपिसोड में सिस्टरहुड के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा है, "जब मैं स्पाइस गर्ल्स में थी उस समय मैं छोटी थी और हम एक साथ एक कमरे में प्रवेश करते थे। जब आप एक समूह में होते हैं तो आपको थोड़ा ज्यादा आत्मविश्वास महसूस होता है। यह फीमेल पैक मेंटलिटी है।"
उन्होंने आगे कहा, "मुझे उसी तरह के महिला समर्थन की, उस तरह से मुझे समझने वाले लोगों की, उस संबंध की जरूरत है जो मुझे केवल उन लोगों से ही मिल सकता है। मुझे लगता है कि महिला के रूप में हम एक-दूसरे को अच्छे से समझते हैं और सराहना करते हैं।"
इस एपिसोड में गैरी मादा हाथियों के झुंड के साथ समय बिताते नजर आती हैं और उन चीजों के बारे में बताती हैं जो बीते कई सालों में उन्हें प्रकृति ने सिखाए हैं।
उन्होंने कहा, "मुझे हमेशा दूसरी महिलाओं के आस-पास रहना पसंद है। मेरा अन्य महिलाओं के साथ जो कनेक्शन है, उससे मैं हमेशा उंचा महसूस करती हूं। यह एक अलग ही भाषा है। हम एक-दूसरे की देखभाल कर सकते हैं। आप एक-दूसरे की पीठ ठोक सकते हैं। इनमें एकता है और ये हाथी हमें ये सब सिखाते हैं।"
--आईएएनएस
ढाका, 5 जनवरी | सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा विकसित कोविड-19 वैक्सीन जैसे ही भारत को मिलेगी, लगभग उसी समय यह वैक्सीन बांग्लादेश को भी मिलेगी। इसकी पुष्टि बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए.के.अब्दुल ने सोमवार की रात को की।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैक्सीन देने के लिए अपने पड़ोसी देश बांग्लादेश की प्रधानमंत्री से वादा किया था, जिसे वह निभाने जा रहे हैं। अब्दुल ने आईएएनएस को बताया है कि जब भारत को कोरोनावायरस वैक्सीन मिलेगी, उसी समय सीरम इंस्टीट्यूट बांग्लादेश को भी वैक्सीन देगा।
उन्होंने बताया कि भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने सूचित किया है कि यह वादा उंचे राजनीतिक स्तर पर की गई है और इसे पूरा किया जाएगा।
इससे पहले ढाका में भारत के उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी ने कहा था कि भारत द्वारा विकसित किए गए नए टीके को अभी तक विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंजूरी नहीं दी है।
उन्होंने कहा, "भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी कहा है कि वैक्सीन को बांग्लादेश से रेगुलेटरी अप्रूवल मिलना बाकी है। इसमें कुछ समय लगेगा। हमें भारतीय विदेश मंत्रालय ने सूचना दी है कि दोनों देशों के बीच हुए द्विपक्षीय समझौते का पालन किया जाएगा।"
मोमेन ने आश्वासन दिया है, "टीका समय पर आएगा। इसके लिए चिंतित होने की जरूरत नहीं है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि यह इस महीने के आखिर तक आ सकता है।"
--आईएएनएस
वॉशिंगटन, 5 जनवरी | जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार दुनिया में कोरोनावायरस मामलों की कुल संख्या 8.56 करोड़ हो गई है। वहीं मरने वालों की संख्या 18.5 लाख से अधिक हो गई है। यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) के नए आंकड़ों से पता चलता है कि अब दुनिया में मामलों की संख्या 8,56,37,904 और मरने वालों की संख्या 18,52,079 हो गई है।
दुनिया में सबसे अधिक 2,08,05,262 मामले और 3,53,371 मौतें अमेरिका में दर्ज हुईं हैं। इसके बाद दूसरे नंबर पर भारत में 1,03,40,469 मामले सामने आ चुके हैं। यहां अब तक 1,49,649 मौतें हो चुकी हैं। मामलों की तीसरी सबसे बड़ी संख्या और मौतों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या ब्राजील की है। यहां 77,53,752 मामले और 1,96,561 मौतें दर्ज हो चुकी हैं।
ऐसे देश जिनमें 10 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं, उनमें रूस (32,26,758), ब्रिटेन (27,21,622), फ्रांस (27,17,059), तुर्की (22,55,607), इटली (21,66,244), स्पेन (19,58,844), जर्मनी (19,58,844), जर्मनी (17,98,844), कोलम्बिया (16,86,131), अर्जेंटीना (16,48,940), मेक्सिको (14,55,219), पोलैंड (13,22,947), ईरान (12,49,507), यूक्रेन (11,13,349), दक्षिण अफ्रीका (11,11,631) और पेरू (10,19,475) शामिल हैं।
20 हजार से ज्यादा मौतों वाले देशों में मेक्सिको (1,27,757), इटली (75,680), ब्रिटेन (75,547), फ्रांस (65,549), रूस (58,203), ईरान (55,650), स्पेन (51,078), कोलंबिया (44,187), अर्जेंटीना (43,634), पेरू (37,830), जर्मनी (34,969), दक्षिण अफ्रीका (30,011), पोलैंड (29,161), इंडोनेशिया (22,911) और तुर्की (21,685) हैं।
--आईएएनएस
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए देश में लॉकडाउन की घोषणा की है.
बोरिस जॉनसन ने इस घोषणा के साथ ही लोगों से घर में रहने की अपील की. मंगलवार से स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी, रिमोट स्टडी माध्यम से ही चलेंगे.
बीबीसी संवाददाता गगन सभरवाल ने बताया कि लॉकडाउन की घोषणा के साथ अब लोगों का घर से बाहर निकलना लगभग बंद हो जाएगा और सिर्फ़ ज़रूरी काम से ही लोग बाहर निकल सकेंगे. अनुमान लगाया जा रहा है कि ये प्रतिबंध फरवरी के मध्य तक लागू रह सकते हैं.
प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित करते हुए कहा, ''जिस तरह संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, यह स्पष्ट हो गया है कि हमें और मेहनत करने की ज़रूरत है. इसलिए हमें देशव्यापी लॉकडाउन लागू कर देना चाहिए.''
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि लोग ज़रूरी कामों के लिए घर से बाहर निकल सकते हैं. जैसे- ज़रूरी सामान, ऑफ़िस जाने के लिए, अगर वर्क फ़्रॉम होम नहीं कर पा रहे हैं तो, एक्सरसाइज़, मेडिकल सहायता और घरेलू हिंसा से बचने के लिए बाहर निकल सकते हैं.
प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ब्रिटेन के चीफ़ मेडिकल ऑफिसर्स को सुझाव दिया है कि देश में कोविड अलर्ट लेवल-पांच पर कर दिया जाए. इसका मतलब है कि अगर तुरंत एक्शन नहीं लिया गया तो एनएचएस की क्षमता से अधिक मामले आ सकते हैं.
उन्होंने बताया कि ब्रिटेन में टीकाकरण का सबसे बड़ा प्रोग्राम शुरू हो चुका है और बाकी यूरोप के मुकाबले ज़्यादा लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है.
उन्होंने कहा कि टीकाकरण में तेज़ी आ रही है. इसकी वजह ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन है, जिसका टीकाकरण आज से ही शुरू किया गया है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि ''अगर सब ठीक रहा तो'' फरवरी के मध्य तक सरकार को उम्मीद है कि चार प्राथमिकता वाले समूहों में सभी को वैक्सीन मिल जाएगी.
उन्होंने कहा, ''अगर इन समूहों में हम सभी को वैक्सीन देने में कामयाब रहे तो एक बड़ी आबादी को वायरस के रास्ते से हटा पाएंगे.'' (बीबीसी)
बीजिंग/नई दिल्ली, 4 जनवरी | एशिया के सबसे अमीर शख्सियतों में से एक अलीबाबा ग्रुप के मालिक जैक मा पिछले दो महीने से लापता हैं। उन्हें इस बीच किसी सार्वजनिक समारोह में भी नहीं देखा गया है। उन्होंने अक्टूबर के महीने में चीन के वित्तीय नियामकों और सरकारी बैंकों की आलोचना की थी। द फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, टीवी शो अफ्रीकाज बिजनेस हीरोज के फिनाले में एक जज के तौर पर मा को हाल ही में रिप्लेस भी किया गया था।
इस रिपोर्ट में दावा किया गया, जजिंग वेबपेज से मा की तस्वीर को हटा दिया गया है और शो के प्रोमोश्नल वीडियो में भी वह नहीं दिखाई दिए हैं।
फिनाले को नवंबर में आयोजित किया गया, जबकि इसके कुछ समय पहले ही अक्टूबर में मा ने शंघाई में दिए अपने एक भाषण में चीन के वित्तीय नियामकों और सरकारी बैंकों की आलोचना की थी।
इस रिपोर्ट में आगे कहा गया, मा के दिए इस भाषण के बाद चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी उन पर बिगड़ गई और इसी के एक नतीजे के रूप में उनके एंट ग्रुप के 37 अरब डॉलर के सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को निलंबित कर दिया।
अलीबाबा के एक प्रवक्ता के हवाले से कहा गया कि अपने शेड्यूल में से वक्त न निकाल पाने के चलते मा अफ्रीकाज बिजनेस हीरोज के फिनाले में शामिल नहीं हो सके।
पिछले महीने ही चीन के शीर्ष बाजार नियामक ने जैक मा द्वारा प्रतिस्पर्धा विरोधी तरीकों में शामिल होने के आरोपों के चलते अलीबाबा के खिलाफ जांच शुरू कर दी और उनसे तब तब देश से बाहर न जाने को कहा गया, जब तक कि जांच को पूरा नहीं कर लिया जाता। (आईएएनएस)
जूलियान असांज मामले में ब्रिटेन में जज ने अमेरिका की प्रत्यर्पण की मांग ठुकरा दी. जज ने कहा, असांज की मानसिक स्थिति को देखते हुए इसे "उत्पीड़न" माना जाएगा.
अमेरिका, 4 जनवरी | अमेरिका ने ब्रिटेन से मांग की थी कि असांज को अमेरिका के हवाले किया जाए, ताकि वहां उन पर मुकदमा चल सके. दोषी साबित होने पर असांज को अमेरिका में 175 साल तक की सजा हो सकती है. लेकिन ब्रिटिश जज ने इस मांग के खिलाफ फैसला देते हुए कहा है कि असांज की मानसिक स्थिति देखते हुए ऐसा करना उनका उत्पीड़न करना होगा. उन्होंने कहा, "अमेरिका ने कार्यवाई की जो प्रक्रिया बताई है, उसे देखते हुए मुझे यकीन है कि मिस्टर असांज को आत्महत्या की कोशिश से नहीं रोका जा सकेगा और इस वजह से मैंने फैसला किया है कि मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह उत्पीड़न होगा."
यूं हुई विकीलीक्स की शुरुआत
विकीलीक्स नाम से वेबसाइट 2006 में रजिस्टर की गई थी लेकिन इस पर काम 2007 में शुरू हुआ. इसके संस्थापक जूलियान असांज का दावा था कि वे सेंसरशिप के खिलाफ काम कर रहे हैं और अपने सूत्रों को सुरक्षित रखते हुए वे सरकारों की गुप्त जानकारियों को जनता के सामने लेकर आएंगे. अमेरिकी जेल ग्वांतानामो बे से जुड़े दस्तावेज लीक करके असांज दुनिया की नजरों में आए. लेकिन 2010 में उन्होंने तहलका मचा दिया जब दुनिया भर के अखबारों के साथ मिल कर उन्होंने सरकारों और नेताओं से जुड़ी गुप्त जानकारी सार्वजनिक की.
विकीलीक्स ने द न्यूयॉर्क टाइम्स, द गार्डियन, डेय श्पीगल, ले मोंडे और एल पाएस जैसे अखबारों के साथ मिलकर काम किया और एक करोड़ से ज्यादा दस्तावेज लीक किए. इनमें अमेरिका से लेकर यूरोप, चीन, अफ्रीका और मध्य पूर्व तक की सरकारों से जुड़े डॉक्यूमेंट शामिल थे. लेकिन वक्त के साथ साथ विकीलीक्स ने अपना सारा ध्यान अमेरिका पर केंद्रित कर दिया. इस वजह से अमेरिका असांज पर रूस के साथ मिले होने का आरोप लगाने लगा लेकिन जूलियान असांज ने हमेशा इससे इनकार किया.
जुलाई 2016 में विकीलीक्स ने ऐसे कई ईमेल लीक किए जो दिखाते थे कि अमेरिका की डेमोक्रेटिक पार्टी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर बर्नी सैंडर्स की जगह हिलेरी क्लिंटन को तवज्जो दे रही थी. इसके बाद पार्टी के कई वरिष्ठ सदस्यों को इस्तीफा भी देना पड़ा था.
जूलियान असांज: हीरो या विलन?
पिछले एक दशक में विकीलीक्स कई विवादों में घिरा रहा लेकिन इसका सबसे बड़ा विवाद खुद असांज के इर्दगिर्द ही रहा. असांज पर एक के बाद एक बलात्कार और उत्पीड़न के मामले दर्ज होने लगे. असांज के समर्थकों ने इसे उन्हें फंसाए जाने की साजिश बताया, तो आलोचकों ने उन्हें अपने फायदे के लिए हेरफेर करने वाला व्यक्ति कहा. इन मामलों के चलते कहीं उन्हें अपने देश स्वीडन ना भेज दिया जाए, इस डर से वह 2012 से 2019 तक लंदन स्थित इक्वाडोर के दूतावास में रहे. वैसे मई 2017 में ही स्वीडन ने उनके खिलाफ जांच बंद कर दी थी लेकिन असांज ने दूतावास में शरण जारी रखी. 2019 में जब इक्वाडोर में सरकार बदली तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. तब से वह ब्रिटेन की उच्च सुरक्षा वाली बेलमार्श जेल में हैं. 2020 में इस जेल में कोरोना के कुछ मामले भी सामने आए थे.
यहां असांज को बिलकुल अकेले रखा गया है जिस कारण उनकी मानसिक स्थिति बिगड़ती बताई जा रही है. उनके दोस्तों का कहना है कि वह अपनी जान लेने की कोशिश भी कर चुके हैं. ब्रिटिश जज ने भी इसी बात का हवाला देते हुए असांज को अमेरिका के हवाले ना करने का फैसला सुनाया है.
आईबी/एके (एपी, रॉयटर्स)
2020 में दक्षिण कोरिया में पहली बार जनसंख्या बढ़ने की जगह घट गई. देश में जितने बच्चे पैदा हो रहे हैं उससे ज्यादा लोग मर रहे हैं और सरकार ने चेतावनी दी है कि गरीब इलाकों में पूरे के पूरे नगर लुप्त हो सकते हैं.
दक्षिण कोरिया, 4 जनवरी | दक्षिण कोरिया दुनिया की बारहवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के साथ साथ सबसे लंबी आयु-संभाविता और सबसे कम जन्म-दर वाले देशों में से है. लेकिन यह मिश्रण देश के लिए एक जनसांख्यिकीय मुसीबत बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है. गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 31 दिसंबर, 2020 को देश की आबादी 51,82,9023 थी, जो एक साल पहले के मुकाबले 20,838 कम थी.
पिछले कई सालों से देश में सालाना दर्ज होने वाले जन्म के आंकड़े गिर रहे हैं लेकिन मंत्रालय ने बताया कि ऐसा पहली बार हुआ है जब जन्म से ज्यादा मृत्यु के आंकड़े दर्ज किए गए हैं. 2,75,815 बच्चों के जन्म के मुकाबले 3,07,764 लोगों की मृत्यु हो गई. मंत्रालय ने कहा, "ऐसे प्रांत जहां पर्याप्त आर्थिक, स्वास्थ-संबंधी और शिक्षा-संबंधी सुविधाएं नहीं हैं, ऐसे नगरों के लुप्त होने का खतरा बढ़ रहा है."
मंत्रालय ने कहा कि सरकार की नीतियों में "मूलभूत बदलाव" की जरूरत है, विशेष रूप से कल्याण और शिक्षा के क्षेत्रों में. विशेषज्ञों के अनुसार दक्षिण कोरिया जिन हालात में पहुंच गया है उसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे बच्चों को पालने का खर्च और मकानों के किराये में बढ़ोतरी. इसके अलावा देश अपने प्रतिस्पर्धा प्रेम के लिए भी बदनाम है जिसकी वजह से अच्छे वेतन वाली नौकरियां मिलनी मुश्किल हो जाती है.
कामकाजी महिलाओं के सामने एक और संकट है. उन्हें अपना करियर संभालने के साथ साथ घर के काम और बच्चों का ख्याल रखने का दोहरा बोझ उठाना पड़ता है. 2006 से अभी तक जन्म दर को ऊपर उठाने के लिए देश ने अब तक 166 अरब डॉलर से भी ज्यादा खर्च कर दिए हैं लेकिन अभी भी पूर्वानुमान यह है कि 2067 में जनसंख्या गिर कर 3.9 करोड़ हो जाएगी और औसत उम्र 62 हो जाएगी.
देश के लोगों के बीच इस घटना को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखी गई. एक व्यक्ति ने ट्विटर पर लिखा, "यह स्थिति तब तक ऐसी ही रहेगी जब तक कमाई के दो साधनों वाले सारे परिवार बिना किसी चिंता के अपने बच्चों को पाल ना सकें." लेकिन एक और व्यक्ति ने लिखा कि गिरती जनसंख्या की वजह से देश अपना कार्बन उत्सर्जन घटा सकता है और लोगों के बीच धन-दौलत के अंतर को भी कम कर सकता है.
वैश्विक स्तर पर आबादी के लिहाज से दक्षिण कोरिया 27वें स्थान पर है और उसके पड़ोसी देशों चीन और जापान में भी जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है.
सीके/एए (एएफपी)
क्वेटा, 4 जनवरी | पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में एक कोयले की खान में काम करने वाले 11 श्रमिकों की हत्या के खिलाफ क्वेटा में विरोध प्रदर्शन किया गया। मीडिया को यह जानकारी सोमवार को दी गई। बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा से करीब 100 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित बोलान जिले के मछ इलाके में रविवार की सुबह कोयले की खदान में काम करने वाले कम से कम 11 कामगारों का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी गई।
पुलिस के मुताबिक, हमलावरों द्वारा पहले इनका अपहरण कर इन्हें पास स्थित एक पहाड़ी पर ले जाया गया, जहां इन पर गोलीबारी की गई।
जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, मजलिस वाहद-ए-मुस्लीमीन (एमडब्ल्यूएम) नामक राजनीतिक संगठन ने इस हमले के खिलाफ क्वेटा के पश्चिमी बाईपास पर धरना प्रदर्शन किया, जिसमें सरकार से अपराधियों को गिरफ्तार करने या पद से इस्तीफा देने की मांग की गई।
संगठन के नेता सैयद मुहम्मद आगा रजा ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान को पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए क्वेटा आना चाहिए और उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन देना चाहिए।
इनके अलावा, और भी कई अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों ने पश्चिमी बाईपास पर हमले को लेकर अपना विरोध जताया। (आईएएनएस)
अबू धाबी, 4 जनवरी | अबू धाबी में आयोजित एक बिग टिकट लॉटरी रैफल में एक प्रवासी भारतीय ने दो करोड़ दिरहम (5,445,169 डॉलर) जीते। मीडिया को यह जानकारी दी गई। सोमवार को गल्फ न्यूज के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, मूल रूप से केरल के रहने वाले अब्दुस्सलाम एनवी फिलहाल मस्कट में रहते हैं। उन्होंने 29 दिसंबर, 2020 को लॉटरी का टिकट ऑनलाइन खरीदा था।
बिग टिकट के अधिकारी शुरुआत में विजेता का पता लगाने में नाकामयाब रहे, जिसके बाद उन्होंने मदद के लिए एक नोटिस निकाला।
अब्दुस्सलाम ने सोमवार को गल्फ न्यूज से बात करते हुए कहा, "आयोजकों द्वारा एक अलग तरह के इंटरनेशनल कोड का इस्तेमाल किया जा रहा था और शायद इसीलिए वे मुझ तक नहीं पहुंच पा रहे थे।"
अब्दुस्सलाम के दो बच्चे हैं, इसलिए वह अपनी जीती हुई रकम का एक बड़ा हिस्सा अपने बच्चों के भविष्य के लिए सुरक्षित रखना चाहते हैं।
अब्दुस्सलाम के अलावा बिग टिकट रैफल में एक और प्रवासी भारतीय साजू थॉमस ने भी 30 लाख दिरहम जीते।
रैफल के एक टिकट की कीमत 500 दिरहम है, लेकिन दो के साथ एक फ्री के ऑफर में 1,000 दिरहम में तीन टिकट मिलते हैं।
इसके आधिकारिक वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यू डॉट बिगटिकट डॉट एई पर जाकर या तो इन्हें खरीदा जा सकता है या फिर अबू धाबी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे के आगमन हॉल काउंटर और अल ऐन अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर बिग टिकट के दुकानों से ये खरीदे जा सकते हैं। (आईएएनएस)
बैंकॉक, 4 जनवरी | थाईलैंड में सोमवार को कोरोनावायरस से संक्रमण के 745 नए मामले दर्ज हुए हैं, जोकि दिन के सर्वाधिक मामले हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, अब यहां संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 8,439 हो गई है। इसकी जानकारी सेंटर फॉर कोविड-19 सिचुएशन एडमिनिस्ट्रेशन (सीसीएसए) ने दी।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, नए मामलों में 729 मामले स्थानीय संक्रमण के हैं, जिसमें से 577 मामले म्यांमार के प्रवासी श्रमिकों के हैं जो बैंकॉक के निकट प्रांत सामुत सखोन में रहते हैं। जहां पिछले महीने से कोरोना मामले बढ़े हैं। बचे हुए 16 मामले क्वारंटीन सुविधा में पाए गए हैं।
थाईलैंड में कोरोना के कुल 8,439 मामलों में से 6,379 मामले स्थानीय प्रसारण से हुए हैं।
अब तक यहां कुल 4,352 लोग पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं, थाईलैंड में कोरोनावायरस से अब तक 65 मौतें हो चुकी हैं। (आईएएनएस)
जर्मनी ने 2020 में मध्य पूर्व में 1 अरब यूरो से ज्यादा के हथियारों के समझौतों को मंजूरी दी. ऐसे देशों को भी हथियार बेचे गए जो लीबिया और यमन यद्धों में उलझे हैं. जर्मनी दुनिया के पांच सबसे बड़े हथियार निर्यातकों शामिल है.
डॉयचे वैले पर मार्टिन मिषाएल का लिखा -
जर्मन समाचार एजेंसी डीपीए ने आर्थिक मंत्रालय का हवाला देते हुए मध्य पूर्व के देशों को होने वाले जर्मन हथियारों के निर्यात पर रिपोर्ट दी है. इसके मुताबिक 17 दिसंबर तक मिस्र को 75.2 करोड़ के हथियार और सैन्य उपकरण निर्यात करने की अनुमति दी गई. इसी तरह कतर को 30.5 करोड़ यूरो, संयुक्त अरब अमीरात को 5.1 करोड़ यूरो, कुवैत को 2.34 करोड़ यूरो और तुर्की को 2.29 करोड़ यूरो के हथियार निर्यात करने की अनुमति दी गई.
इसके अलावा जॉर्डन को 17 लाख यूरो और बहरीन को 15 लाख यूरो लाइसेंस दिए गए. हथियारों के निर्यात से जुड़ा यह ब्यौरा ग्रीन पार्टी के सांसद ओमिद नोरोपुर की तरफ से पूछे गए सवाल के जवाब में आर्थिक मंत्रालय ने दिया है.
यमन और लीबिया से संबंध
मध्य पूर्व के जिन देशों को जर्मनी ने हथियार निर्यात करने की मंजूरी दी है, उनमें से सभी के तार किसी ना किसी तरह यमन और लीबिया के युद्धों से जुड़े हैं. यमन में सऊदी अरब के नेतृत्व वाला सैन्य गठबंधन शिया हूथी बागियों के खिलाफ लड़ रहा है जिन्हें ईरान का समर्थन मिल रहा है. यह लड़ाई 2014 से चल रही है. सऊदी अरब के गठबंधन में संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र, कुवैत, जॉर्डन और बहरीन शामिल हैं.
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता कार्यालय के आंकड़े बताते हैं कि यमन में छह साल से चल रहे युद्ध में अब तक लगभग 2.33 लाख लोग मारे गए हैं. इनमें वे 1.31 लाख लोग भी शामिल हैं जो युद्ध से होने वाली खाने की किल्लत, स्वास्थ्य देखभाल का आभाव और बुनियादी ढांचे की कमी जैसी समस्याओं के कारण मारे गए हैं.
उधर लीबिया में भी 2014 से जारी युद्ध में हजारों लोग मारे जा चुके हैं. इस युद्ध में तुर्की और कतर त्रिपोली से चलने वाले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त संगठन प्रधानमंत्री फयाज अल सराज सरकार का साथ दे रहे हैं. वहीं जनरल खलीफा हफ्तार के नेतृत्व वाले बागी खेमे को संयुक्त अरब अमीरात और मिस्र का समर्थन प्राप्त है. अभी लीबिया में युद्ध विराम है, जिससे संकट खत्म होने की उम्मीद बढ़ती है.
हथियारों की होड़
दुनिया भर में हथियारों की खरीद फरोख्त पर नजर रखने वाली संस्था स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) का कहना है कि जर्मनी हथियारों का निर्यात करने वाले पांच सबसे बड़े देशों में शामिल हैं. उसके अलावा इस फेहरिस्त में अमेरिका, रूस फ्रांस और चीन शामिल हैं.
सिपरी की रिपोर्ट कहती है कि 2015 से 2019 के बीच दुनिया भर में होने वाले हथियार के निर्यात में 76 फीसदी इन्हीं पांच देशों ने किया है.(dw.com)
पश्चिमोत्तर पाकिस्तान में पिछले दिनों जिस हिंदू मंदिर को मुस्लिम दंगाइयों ने तबाह कर दिया था, प्रांतीय सरकार उसे फिर से बनवाएगी. मंदिर पर हमले के सिलसिले में 45 लोग गिरफ्तार किए गए हैं.
पाकिस्तान,04 जनवरी | पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत में एक दूर दराज के गांव में स्थित मंदिर पर पिछले दिनों हमला किया गया था. मंदिर पर हमला करने वाले उसके विस्तार का विरोध कर रहे थे. मंदिर को आग लगाने से पहले उन्होंने हथौड़ों से उसकी दीवारों को तोड़ा.
प्रांतीय सरकार के सूचना मंत्री कामरान बंगश ने बताया, "हमले से जो भी नुकसान हुआ, उसका हमें अफसोस है. मुख्यमंत्री ने मंदिर और उसके पास के मकान को फिर से बनाने का आदेश दिया है." उन्होंने कहा कि हिंदू समुदाय से बात कर मंदिर के निर्माण का काम जल्द से जल्द शुरू किया जाएगा. उन्होंने मंदिर की सुरक्षा का वादा भी किया.
पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने मंदिर पर हमले के सिलसिले में अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है. पेशावर से 160 किलोमीटर दूर स्थित इस मंदिर को 1997 में भी इस तरह निशाना बनाया गया था. उस वक्त भी इसका दोबारा निर्माण कराया गया था. इस इलाके में हिंदू नहीं रहते, लेकिन समय समय पर यहां बहुत से श्रद्धालु आते हैं.
पाकिस्तान की आबादी में हिंदुओं की हिस्सेदारी सिर्फ दो फीसदी है जबकि वहां 97 फीसदी मुसलमान हैं. पाकिस्तान का हिंदू समुदाय अकसर अपने साथ धार्मिक आधार पर भेदभाव का आरोप लगाता है. उनके पूजा स्थलों को भी निशाना बनाया जाता है. मंदिर पर हमले के विरोध में पिछले दिनों देश के सबसे बड़े शहर कराची में हिंदू समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन भी किया. इनमें राष्ट्रीय असेंबली के सदस्य रमेश कुमार और प्रांतीय असेंबली की सदस्य मंगला शर्मा भी शामिल थीं. प्रदर्शनकारी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा दिए जाने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि अब इस तरह की घटनाएं बंद होनी चाहिए.
इस बीच पुलिस ने हमले के सिलसिले में 45 लोगों को हिरासत में लिया है. जिला पुलिस प्रमुख इराफनुल्लाह खान ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि इनमें स्थानीय मौलवी मौलाना शरीफ भी शामिल है, जिस पर भीड़ को भड़काने का आरोप है. खान ने बताया कि पुलिस को मौलाना मिर्जा अकीम की भी तलाश है जो जमीयत उलेमा ए इस्लाम (जेयूआई-एफ) का जिला प्रमुख है. जेयूआई-एफ पाकिस्तान की सबसे बड़ी इस्लामी पार्टियों में से एक है.
उधर, पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के मंत्री नूरुल हक कादरी ने मंदिर पर हमले को "सांप्रदायिक सौहार्द्र के लिए खिलाफ साजिश" बताया. उन्होंने ट्वीट किया कि धार्मिक अल्पसंख्यकों के पूजा स्थलों पर हमलों की इस्लाम में इजाजत नहीं है और "अल्पसंख्यकों की धार्मिक आजादी की रक्षा करना हमारी धार्मिक, संवैधानिक, नैतिक और राष्ट्रीय जिम्मेदारी है." पिछले साल अमेरिका ने पाकिस्तान को उन देशों की सूची में रखा जहां धार्मिक आजादी के उल्लंघन की स्थिति गंभीर है.
वॉशिंगटन, 4 जनवरी| अमेरिकी रक्षा मुख्यालय-पेंटागन ने कहा है कि अमेरिकी विमानवाहक पोत यूएसएस निमित्ज मध्य पूर्व के सागर में बना रहेगा क्योंकि अमेरिका को ईरान से हमला का सम्भावित खतरा है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने तीन दिन पहले कहा था कि 10 महीने से मध्य पूर्व के समंदर में तैनात यूएसएस निमित्ज को हटा लिया जाएगा लेकिन अब अमेरिका ने अपना रुख बदल लिया है।
पेंटागन के एक्टिंग डिफेंस सेकेरेट्री क्रिस मिलर ने कहा कि यूएसएस निमित्ज अब ऑपरेशन के एरिया में कायम रहेगा। अमेरिकी सरकार ने यह फैसला काफी सोच-विचार के बाद लिया है।
अमेरिका का यह कदम ईरान द्वारा अपने मरहूम सैन्य प्रमुख कासेम सुलेमानी की पहली वर्षगांठ मनाने के बाद सामने आया है। 3 जनवरी, 2020 को सुलेमानी की हत्या बगदाद हवाई अड्डे के पास एक ड्रोन हमले से हुई थी। (आईएएनएस)
पाकिस्तान के बलोचिस्तान में शिया हजारा समुदाय के 11 लोगों की हत्या की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने ली है. आईएस के सदस्य सुन्नी होते हैं और संगठन ने बीते कुछ सालों में पाकिस्तान के शियाओं पर कई हमले किए हैं.
एक पाकिस्तान अधिकारी के मुताबिक 11 बंदूकधारियों ने रविवार को कोयले की खदान में काम करने वाले अल्पसंख्यक शिया हजारा समुदाय के 11 लोगों को पहले अगवा कर लिया और फिर उन्हें जान से मार दिया. बाद में इस्लामिक स्टेट ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान छापा, जिसमें उसने इस हमले की जिम्मेदारी ली.
सुरक्षाकर्मी मोअज्जम अली जतोई ने बताया कि हमलावरों ने उन 11 लोगों की ही शिया हजारा के रूप में पहचान की और फिर बाकियों को छोड़ कर सिर्फ उन्हीं लोगों को जान से मारने के लिए पास के पहाड़ों में ले गए. मोअज्जम अली लेविस फोर्स के सदस्य हैं जो इस इलाके में पुलिस और अर्ध-सैनिक बल के तौर पर तैनात है.
उन्होंने बताया कि उनमें से छह ने तो वहीं दम तोड़ दिया और बाकी पांच की अस्पताल के रास्ते में मौत हो गई. पुलिस द्वारा जारी किए गए वीडियो से पता चला कि सभी मृतकों की आंखों पर पट्टी बंधी हुई थी और उनके हाथ पीछे की तरफ बंधे थे. हमला प्रांत की राजधानी क्वेट्टा से करीब 48 किलोमीटर दूर मच्छ कोयला क्षेत्र के पास हुआ.
हमले की खबर हजारा समुदाय में तुरंत फैल गई जिसके बाद समुदाय के लोग विरोध में शहर की सड़कों और आस-पास के इलाकों में सड़कों पर उतर आए. उन्होंने जलते हुए टायरों और पेड़ों के तनों से राज्यमार्गों को जाम भी कर दिया. अधिकारियों ने प्रभावित सड़कों पर यातायात बंद कर किया.
बलूचिस्तान में 2016 में हुए इस्लामिक स्टेट के एक हमले में क्षतिग्रस्त हुई रेल लाइन.
आतंकी घटना की पूरे देश में निंदा की गई. प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि हमलावरों को बक्शा नहीं जाएगा और पीड़ित परिवारों की मदद की जाएगी. शिया धार्मिक नेता नासिर अब्बास ने कहा कि घटना के खिलाफ प्रदर्शन पूरे देश में आयोजित किए जाएंगे. दूसरे समुदायों के नेताओं ने भी हत्याओं पर दुख प्रकट किया है.
पाकिस्तान के हजारा समुदाय को इस्लामिक स्टेट जैसे सुन्नी आतंकी संगठन कई बार निशाना बना चुके हैं. आईएस ने पड़ोसी देश अफगानिस्तान में भी अल्पसंख्यक शियाओं के खिलाफ जंग छेड़ी हुई है और 2014 में वहां सक्रिय होने के बाद कई घातक हमलों की जिम्मेदारी ली है. क्वेट्टा में ही अप्रैल 2019 में एक खुले बाजार में एक आत्मघाती बम हमले में 20 लोग मारे गए थे. उस समय आईएस ने कहा था कि उसने शियाओं और पाकिस्तानी सेना के कुछ लोगों को निशाना बनाया था.
पिछले साल जनवरी में क्वेट्टा में ही एक मस्जिद में हुए शक्तिशाली विस्फोट की जिम्मेदारी भी आईएस ने ही ली थी. विस्फोट में एक वरिष्ठ पुलिस अफसर और 13 अन्य लोग मारे गए थे और 20 श्रद्धालु घायल हो गए थे. बलूचिस्तान में बलोच अलगाववादी समूहों द्वारा एक विद्रोह आंदोलन भी चलाया जा रहा है. वो भी गैर-बलोच श्रमिकों को निशाना बनाते हैं लेकिन उन्होंने अल्पसंख्यक शिया समुदाय के लोगों पर कभी हमला नहीं किया.
सीके/एए (एपी)
लंदन. ब्रिटेन में कोरोना महामारी के खिलाफ इमरजेंसी मास वैक्सीनेशन को दो हफ्ते पहले ही मंजूरी मिल चुकी है. हालांकि अभी तक सिर्फ इसके लिए फाइजर वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा था. सोमवार को ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को भी इस अभियान में शामिल कर लिया गया और 82 साल के ब्रायन पिंकर को इसका पहला टीका लगाया गया. ब्रायन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में ही मेंटेंनेंस मैनेजर रह चुके हैं और क्लिनिकल ट्रायल के अलावा ऑक्सफ़ोर्ड वैक्सीन लेने वाले दुनिया के पहले शख्स हैं.
गार्जियन की खबर के मुताबिक ब्रायन फिलहाल केयर होम में रहते हैं और डायलासिस पर हैं. उन्हें सोमवार सुबह 7:30 बजे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के चर्चिल हॉस्पिटल में एडमिट हैं. उन्हें यह टीका NHS की नर्स सैम फ़ॉस्टर ने लगाया. ब्रायन के मुताबिक ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में ही उनका पूरा जीवन व्यतीत हुआ है. उन्होंने कहा कि मैं यहां बनी कोरोना वैक्सीन का टीका लेकर बेहद खुश हूं और अब फरवरी में अपनी शादी की 48वीं सालगिरह मनाने की तैयारियां करूंगा. ब्रायन ने कहा कि ये गर्व की बात है कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में कोरोना के टीके की खोज की गयी है. अस्पताल के नर्स और डॉक्टर मेरा काफी ख्याल रखते हैं मैं सभी के स्वस्थ रहने की कामना करता हूं.
टीका देने वाली नर्स फ़ॉस्टर ने कहा- ये बेहद गर्व की बात है कि मुझे ऑक्सफ़ोर्ड में बनी वैक्सीन का पहला टीका देने का अवसर मिला है. पहला टीका चर्चिल अस्पताल में दिया गया और ये वैक्सीन बस कुछ ही मीटर दूर स्थित लैब में तैयार की गयी है. हम आने वाले हफ़्तों में अस्पताल के स्टाफ और अन्य इमरजेंसी मरीजों को ये टीका देना का अभियान चलाएंगे. हम उन कम्युनिटी तक ये टीका पहुंचाने की कोशिश करेंगे जो इस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं.
मियामी, 4 जनवरी | फ्लोरिडा के मियामी-डेड काउंटी में गोलीबारी की अलग-अलग घटनाओं में 12 लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
गोलीबारी की पहली घटना में दो अज्ञात बंदूकधारियों ने रविवार को लिटिल रिवर पार्क के करीब स्थित एक बास्केटबॉल कोर्ट पर गोलीबारी शुरू कर दी। इस घटना में आठ लोग घायल हो गए।
एनबीसी न्यूज की रिपोर्ट में कहा गया है कि आठ में से छह लोगों की हालत गम्भीर है।
दूसरी घटना अलापट्टा की है, जहां चार लोग घायल हुए हैं। घायलों को एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती किया गया है और इनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
अधिकारियों ने अभी यह नहीं बताया है कि दोनों घटनाएं एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं या नहीं। जांच जारी है।(आईएएनएस)
ब्रासीलिया, 4 जनवरी| ब्राजील में कोरोनावायरस के कारण एक दिन में 293 मौतें दर्ज हुईं हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने घोषणा की है कि इन नई मौतों के बाद देश में मरने वालों की संख्या 1,96,018 हो गई है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की खबर के अनुसार, रविवार को हुई करीब 300 मौतों के अलावा मंत्रालय ने 17,341 नए मामलों की भी पुष्टि की है। इसके बाद देश में संक्रमण के मामलों की संख्या 77,33,746 हो गई है।
अमेरिका और भारत के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा मामले ब्राजील में दर्ज हुए हैं। वहीं अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा मौतें ब्राजील में हुईं हैं।
देश में सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य साओ पाउलो में 46,845 मौतें और 14,71,422 मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं मिनस गेरैस राज्य दूसरे नंबर पर है। यहां संक्रमण के लगभग 5.5 लाख मामले और 12,023 मौतें दर्ज हो चुकी हैं। (आईएएनएस)
अदीस अबाबा, 4 जनवरी | अफ्रीकी महाद्वीप में कोविड-19 मामलों की संख्या रविवार को 28,07,864 पर पहुंच गई है। यह बात अफ्रीका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (अफ्रीका सीडीसी) ने कही है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, महाद्वीप की इस एजेंसी ने एक बयान में कहा है कि कोविड-19 महामारी के कारण मरने वालों की संख्या रविवार की दोपहर तक 66,631 हो चुकी थी।
अफ्रीकन यूनियन (एयू) कमीशन की विशेष स्वास्थ्य एजेंसी अफ्रीका सीडीसी ने यह भी कहा कि कोविड-19 से संक्रमित हुए लोगों में से 23,32,063 लोग अब तक इससे उबर चुके हैं।
महामारी के कारण सबसे अधिक प्रभावित अफ्रीकी देश दक्षिण अफ्रीका, मोरक्को, ट्यूनीशिया, मिस्र और इथियोपिया हैं। दक्षिण अफ्रीका में कोविड पॉजिटिव पाए गए लोगों की संख्या सबसे अधिक 10,88,889 है। अफ्रीका सीडीसी के अनुसार यहां वायरस के कारण सबसे ज्यादा 29,175 मौतें हुईं हैं।
इस बीच एयू कमीशन के चेयरपर्सन मौसा फकी महामत ने शुक्रवार को अफ्रीकी महाद्वीप से आह्वान किया था कि नए साल की शुरूआत होते ही कोविड-19 महामारी के कारण आए संकट से उबरने के लिए आर्थिक सुधार सुनिश्चित करें।
पूरे अफ्रीका के 55 सदस्यीय ब्लॉक के चेयरपर्सन मौसा ने एक बयान में कहा था, "साल 2020 खत्म हो रहा है और इसी के साथ हमारी जीवित स्मृति में सबसे असाधारण और चुनौतीपूर्ण वर्षों में से एक का भी अंत हो रहा है।"
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि "नए साल में कदम रखते हुए हमें अर्थव्यवस्थाओं की रिकवरी सुनिश्चित करना है ताकि हमारे स्वास्थ्य और आजीविका की रक्षा करने का चुनौतीपूर्ण कार्य पूरा हो सके।"(आईएएनएस)