मनोरंजन
-विकास त्रिवेदी
स्टैंडअप कॉमेडियन मुन्नवर फ़ारूकी रियलटी शो लॉकअप के विजेता बन गए हैं. कंगना रनौट के इस शो में मुन्नवर को पहले से ही मज़बूत दावेदार माना जा रहा था.
शनिवार देर रात हुए ग्रैंड फ़िनाले में कंगना रनौट ने विजेता के नाम का एलान किया. मुन्नवर के अलावा अंजलि अरोड़ा, पायल रोहतगी, शिवम फ़िनाले तक पहुंचे थे. हालांकि, मुनव्वर फ़ारूकी का ये सफ़र उतना सीधा नहीं रहा है. लॉकअप शो में भी उन्होंने अपने जीवन के कई भावुक कर देने वाले राज़ सबके सामने रखे.
एक जनवरी, 2021 को जब दुनिया नया साल मना रही थी, तब लाखों लोगों को हँसाने वाला एक गुजराती कॉमेडियन लॉक अप यानी जेल भेजा जा रहा था.
ये साल 2022 है और एक बार फिर यही कॉमेडियन मुनव्वर फ़ारूक़ी 'लॉक अप' के पीछे भेजा गया लेकिन ये 'लॉक अप' साल 2021 वाला नहीं, बल्कि एक रिएलिटी शो है, जिसकी होस्ट एक्ट्रेस कंगना रनौट हैं.
'लॉकअप', 'बिग बॉस' जैसा रिएलिटी शो है, जिसमें कुछ मेहमान कुछ वक़्त के लिए शो में आते हैं और धीरे-धीरे शो से बाहर होते जाते हैं.
लॉक अप शो में एंट्री के बाद मुनव्वर फ़ारूक़ी लगातार चर्चा में रहते हैं. कभी अपनी मां की कहानी सुनाकर तो कभी बचपन में हुए यौन शोषण की कहानी बताकर. सोशल मीडिया पर कई लोगों का अनुमान है कि लॉकअप शो मुनव्वर फ़ारूक़ी जीत सकते हैं.
इस शो के ख़त्म होने से पहले कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावा भी किया जा रहा है कि मुनव्वर फ़ारूक़ी 'ख़तरों के खिलाड़ी' शो में भी नज़र आ सकते हैं.
आइए आपको मुनव्वर फ़ारूक़ी की कहानी बताते हैं कि कैसे यू-ट्यूब वीडियो और स्टेज शो के ज़रिए कॉमेडी करने वाले मुनव्वर बीते डेढ़ साल में चर्चा में हैं और लॉकअप, कॉमेडी से पहले मुनव्वर की क्या कहानी थी? बचपन से जवानी तक.
लॉकअप शो में मुनव्वर अपने बचपन के बारे में कई बातें बताते नज़र आए थे. हालांकि ये बात फ़ारूक़ी ने तब बताई, जब शो के फॉरमेट के हिसाब से अपनी ज़िंदगी से जुड़ा कोई राज़ बताना होता है.
मुनव्वर ने शो में कहा था, "मैं छह या सात साल का था, जब क़रीब चार या पांच साल तक लगातार मेरा यौन शोषण हुआ. कोई क़रीबी रिश्तेदार था और आप कुछ बोल नहीं पाते हैं. आपको कुछ समझ नहीं आता है. चौथे साल उनको शायद महसूस हुआ कि बहुत ज़्यादा हो गया और अब उन्हें रुक जाना चाहिए. तब वो चीज़ बंद हुई. इस बारे में मैंने कभी किसी को नहीं बताया. एक बार मुझे महसूस हुआ कि मेरे पिता को इस बारे में पता चल गया है, तब उन्होंने मुझे डांटा."
मुनव्वर के इस राज़ को बताने के बाद कंगना रनौट ने भी अपने साथ बचपन में हुए यौन शोषण के बारे में बताया था. इसी शो में मुनव्वर ने अपनी मां की मौत से जुड़ा वाकया भी साझा किया था.
मुनव्वर ने कहा था, "एक दिन मुझे पता चला कि मेरी मां की तबीयत ख़राब है. मैं भागकर अस्पताल पहुंचा. मैं जैसे ही अस्पताल पहुंचा तो देखा मां चिल्ला रही थीं. मैंने परिवार के लोगों से पूछा कि मां को क्या हुआ? दवाएं दीं पर फ़र्क़ नहीं पड़ा. तब मेरी एक बड़ी अम्मी ने आकर कहा- तेरी मां ने तेज़ाब पी लिया है. मैंने ये बात अपनी एक रिश्तेदार नर्स को बताई. डॉक्टर आए. मुझे लगा सब ठीक हो जाएगा. फिर एक पल आया कि डॉक्टर बोले- हाथ छोड़ दे. मेरा हाथ छुड़वाया गया तब मुझे पता चला कि अम्मी की मौत हो चुकी है."
मां की मौत पर मुनव्वर अफ़सोस ज़ाहिर करते हैं, "मुझे हमेशा लगता रहा कि अगर उस रात मैं अम्मी के साथ सोया होता तो शायद वो बच जातीं. डॉक्टर्स ने पोस्टमॉर्टम किया तो पता चला कि अम्मी ने सात आठ दिन से कुछ खाया नहीं था. तब जाकर महसूस हुआ कि 22 साल की शादी की ज़िंदग़ी कितनी बुरी थी. मैंने पूरा बचपन अपनी मां को या तो मार खाते हुए देखा या झगड़े देखे."
कई मौक़ों पर मुनव्वर अपने पिता से दूरियों के बारे में बता चुके हैं. इसके साथ ही मुनव्वर अपना बचपन क़र्ज़ की चुनौतियों के बीच गुज़रने की बात भी बताते रहे हैं.
मुनव्वर ने कहा था, "मेरी बहन ने जब शादी की तो उसका सारा कसूर परिवारवालों ने अम्मी पर डाला था. साल 2007 मेरे परिवार के लिए बहुत बुरा था. घर के बर्तन बेचकर खाना आ रहा था. मां पर जो कई बोझ थे, उनमें 3500 रुपये का क़र्ज़ भी था. ये क़र्ज़ भी अम्मी ने घर चलाने के लिए लिया था. आज भी वो चीज़ मुझे छोड़ नहीं पा रही है."
गुजरात के जूनागढ़ से मुंबई के डोंगरी तक
30 साल के मुनव्वर फ़ारूक़ी का जन्म 1992 में गुजरात के जूनागढ़ में हुआ.
मुनव्वर कई वीडियो में ये बताते हैं कि 2002 के गुजरात दंगों में जिन लोगों को घर तबाह हुआ, उनमें उनका घर भी शामिल था.
मुनव्वर 2002 दंगों के बाद मुंबई के डोंगरी आकर अपने परिवार के साथ रहने लगे. ये वही डोंगरी है, जहां का दाऊद इब्राहिम भी था और इस बात पर लोगों के सवाल और शक भरी निगाहों का मुनव्वर भी अपने कई वीडियो में मज़ाक उड़ाते दिखते हैं.
गुजरात से डोंगरी आने के कुछ वक़्त बाद मुनव्वर की मां ने दुनिया को अलविदा कहा था.
कई मीडिया रिपोर्ट्स में मुनव्वर फ़ारूक़ी के बचपन में बर्तन बेचने और ग्राफिक आर्टिस्ट का काम करने जैसी बातें कही गईं हैं.
द प्रिंट में छपी एक रिपोर्ट में मुनव्वर के दोस्त और कॉमेडी शो करवाने वाले 'द हेरीटेज' के फाउंडर बलराज सिंह घई ने इस बारे में बताया था.
बलराज सिंह घई ने कहा था, "एक बार मुनव्वर ने मुझे बताया था कि वो किसी एड की शूटिंग के पास था. वहां किसी स्टैंडअप कॉमेडी के सीन को फिल्माना था. प्रोड्यूसर्स के पास कोई अलग से था नहीं जो जाकर मंच पर कॉमेडी स्टैंडअप करता हुआ दिख सके. तब प्रोड्यूसर्स ने मुनव्वर से कहा कि स्टेज पर जाकर दो लाइनें बोल दे. वो लाइनें बहुत पावरफुल लगीं. ऐसा लगा कि मुनव्वर को ये सब असल में करना चाहिए. इसके बाद वो हमारे कई शो के लिए आया और अचानक हिट हो गया."
इसी रिपोर्ट में मुनव्वर के रिश्तेदार ये बताते हैं कि शुरू में परिवार ने स्टैंडअप कॉमेडी को ख़ारिज करते हुए टाइमपास बताया था. पर जब मुनव्वर की लोकप्रियता बढ़ती गई और लोग आकर मुनव्वर के साथ सेल्फी लेने लगे तब समझ आया कि ये कुछ गंभीर बात है.
मुनव्वर की प्रशंसकों में लड़कियां भी शामिल हैं. सोशल मीडिया पर मुनव्वर के लिए स्नेह का इज़हार देखा जा सकता है. लॉकअप शो में भी मुनव्वर 'कच्चा बादाम' पर डांस करके हिट हुईं अंजलि अरोड़ा के साथ दिखते हैं. इन दोनों की कैमिस्ट्री भी लोगों को भा रही है.
लेकिन इसी शो में एक ऐसा पल भी आया, तब मुनव्वर फ़ारूक़ी के शादीशुदा होने की बात भी पता चली.
शो में ट्विटर पर मुनव्वर की शेयर की जा रही एक तस्वीर को दिखाया गया. इस तस्वीर में मुनव्वर एक महिला और बच्चे के साथ दिख रहे हैं. इस ब्लर तस्वीर के शो में दिखने पर मुनव्वर ने अपने शादीशुदा होने की बात स्वीकार की. साथ ही मुनव्वर ने ये भी बताया, "हम क़रीब डेढ़ साल से अलग रह रहे हैं. कोर्ट की चीज़ें चल रही हैं. ये मेरी एक ऐसी प्राइवेट चीज़ है, जिसके बारे में मैं शो पर बात नहीं करना चाहता हूं."
मुनव्वर के शादी की बात को खुलकर ना बताने को लेकर कंगना रनौट भी सवाल उठा चुकी हैं. साथ ही सोशल मीडिया पर कुछ लोग इसे ग़लत बताते हैं.
मुनव्वर की कमाई और चुटकुलों में ऐसा क्या होता है?
5 मई 2022 तक मुनव्वर फ़ारूक़ी के यू-ट्यूब पर क़रीब 26 लाख फॉलोअर्स हैं और 16 करोड़ से ज़्यादा व्यूज़ हैं.
एक कॉमेडियन ने बीबीसी हिंदी से अनुमान लगाकर बताया, "यू-ट्यूब से होने वाली कमाई से इतर मुनव्वर भारत में एक शो के लगभग एक से डेढ़ लाख रुपये लेते हैं."
कई मीडिया रिपोर्ट्स में भी मुनव्वर की लगभग इतनी ही कमाई का दावा किया गया है. ज़ाहिर है कि मुनव्वर की ओर से इस बारे में कोई जानकारी कभी साझा नहीं की गई है.
मुनव्वर कॉमेडी के अलावा रैप सॉन्गस भी गाते हैं.
अब संभव है कि आप सोच रहे होंगे कि मुनव्वर के चुटकुलों में ऐसा क्या होता है और विवाद क्यों हो जाता है?
यही समझने के लिए आइए आपको मुनव्वर के कुछ चुटकुलों के बारे में बताते हैं. मुनव्वर के यू-ट्यूब पर अपलोड दिख रहे पहले वीडियो की पहली लाइन कुछ यूं है:
"मुझे लगता है कि 'बोलो जुबां केसरी' बीजेपी का इलेक्शन स्लोगन होना चाहिए. क्योंकि विमल हो या बीजेपी... देश के लिए दोनों ही कैंसर हैं."
"आपने देखा होगा कि पैड अखबारों में लपेटकर दिए जाते हैं. क्योंकि भारत में अखबार यही करते हैं- सच्चाई को छिपाते हैं."
"हम आपके हैं कौन फ़िल्म में रेणुका शहाणे सीढ़ियों से होरिजोनटल द्रौपदी बनकर गिरीं. अपने घर की सीढ़ियों से कौन गिरता है?"
"मेरा एक दोस्त है. उसे लगता है कि मदरसे में इस्लामी तालीम में सिखाते होंगे कि गाओ बच्चों, इस्लाम का हीरो- ओसामा बिन लादेन."
"आपमें से किसी का नाम सीता है? किसी का नाम सीता नहीं है. क्योंकि एक समाज के तौर पर हम नहीं चाहते कि औरतें लाइन पार करें."
"विज्ञापन आकर ये कहते हैं कि कपड़े धोने का काम सिर्फ़ औरतों का है. हेमा, रेखा, जया और सुषमा. कभी सुना है कि किसी सौरभ नाम के आदमी को कपड़े धोने के लिए कहा गया हो?"
"मेरी पंजाबी लोगों से गुज़ारिश है कि आपकी गर्लफ्रेंड आपसे कुछ मांगे तो उसे लाकर दे दो. गाना मत बना दो. पंजाबी गानों को सुनो- हर गाने में कोई कुछ मांग रहा है."
"हम मुस्लिम लोग हैं. हम शादी में सेल्फी लेते हैं तो चीज़ की जगह बीफ बोलते हैं. हम मुस्लिमों की सेल्फ़ी में सब बच्चे नहीं आ पाते हैं तो इतने बच्चे पैदा क्यों किए?"
मुनव्वर से जुड़े विवाद और आलोचना
आपने ऊपर मुनव्वर फ़ारूक़ी के जो चुटकुले पढ़े, वो कई वीडियोज़ में सुने जा सकते हैं. मुनव्वर के आलोचक ये कहते हैं कि अपने वीडियोज़ में मुनव्वर क्यों धर्म से जुड़े मज़ाक करते हैं और ज़ाकिर ख़ान भी तो कॉमेडी करते हैं पर वो कभी धर्म या राजनीति पर चुटकुले नहीं बनाते.
'द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज' से लोगों की नज़र में आए कॉमेडियन सुनील पाल भी मुनव्वर की आलोचना कर चुके हैं.
लॉकअप शो के लॉन्च होने पर सुनील पाल ने कहा था, "फ्रीडम ऑफ स्पीच का मतलब ये नहीं है कि आप कुछ भी कहने के लिए आज़ाद हैं. आपके कहे हुए से समाज को अच्छा मैसेज जाना चाहिए. आज लोग इन लोगों की वजह से डरे हुए हैं. ये लोग जनता के सामने जाते हैं तो उनका भी अपमान करते हैं. वल्गर कंटेंट देते हैं ये लोग."
हालांकि मुनव्वर इसका जवाब देते हैं, "जो लोग शो में आते हैं वो ये सब नियम शर्तें पढ़कर अपनी मर्ज़ी से आते हैं, ये कॉमेडी का फॉरमेट है- क्राउड वर्क. जिसमें जनता को ही शामिल करते हैं."
ऐसे ही कॉमेडी वीडियोज़ में हिंदू देवी देवताओं और गृह मंत्री अमित शाह पर कथित अभद्र टिप्पणी करने का मुनव्वर पर आरोप लगा था. इसी आरोप के चलते एक जनवरी 2021 को इंदौर पुलिस ने मुनव्वर समेत चार लोगों को गिरफ़्तार किया था.
क़रीब एक महीने तक मुनव्वर को जेल में रहना पड़ा था. इस दौरान ज़मानत याचिका ख़ारिज करते हुए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बैंच ने कहा था, "ऐसे लोगों को बख़्शा नहीं जाना चाहिए."
मुनव्वर को फरवरी 2021 में सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत मिली थी.
इस रिहाई के बाद मुनव्वर ने मीडिया से दूरी बनाई रखी थी और एक यू-ट्यूब वीडियो 'लीवींग कॉमेडी' अपने चैनल पर पब्लिश किया था.
इस वीडियो में मुनव्वर ने कहा था, "ये जो भेड़ चाल या सियासत है, इसका कोई भी शिकार हो सकता है. मैं इसका शिकार नहीं हुआ, मुझ पर तो बस खरोंच आई और वो भी उस चीज़ की वजह से जो मैंने की तक नहीं. किसी की सियासत के चक्कर में किसी की ज़िंदगी बर्बाद हो सकती है. मैंने कभी नहीं चाहा कि मैं किसी का दिल दुखाऊं और कभी मशहूर होना भी नहीं चाहा. हमने बस लोगों को हँसाना चुना. किसी का पैशन है कि वो गाड़ी में बैठकर गाली दे. हमारा पैशन है कि हम लोगों को हँसाएं. किसी को तकलीफ़ हो, ये मैं कभी नहीं चाहूंगा."
मुनव्वर वीडियो के अंत में कहते हैं, "कॉमेडी तो मैं छोड़ नहीं सकता. क्योंकि कॉमेडी छोड़ने की कई वजह हैं मेरे पास. पर कॉमेडी करने की एक वजह है... वो आवाज़ जो मंच पर बुलाती है."
मुनव्वर के रद्द शो और आगे क्या...
इस वीडियो के सामने आने के बाद मुनव्वर ने कई और वीडियो और कॉमेडी स्टैंडअप किए. लेकिन इसी साल 2021 के अंत आते-आते मुनव्वर के कई कॉमेडी शो रद्द हुए. पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए इन शो की इजाज़त नहीं दी थी.
इसके बाद मुनव्वर ने सोशल मीडिया पर लिखा था- '...अब बस्स हो गया.' बीबीसी ने तब दिसंबर 2021 में मुनव्वर से बात की थी और इसका मतलब पूछा था.
मुनव्वर ने बीबीसी से कहा था, "मुझे मेरी बात कहने को नहीं मिल रही थी. पिछले कुछ दिनों में कुल 15 शो रद्द हुए हैं. मैं सोचता था, चलो ठीक है. लेकिन लोगों को समझ नहीं आ रहा था कि मैं किस दौर से गुजर रहा हूं. मैं कोई ख़तरा नहीं हूं. मेरा शो देखे बिना कैसे कोई कह सकता है कि ये ग़लत है? इसलिए तब ऐसे लगा कि अब बस्स हो गया."
हालांकि इस वाकये के बाद मुनव्वर के कई वीडियो यू-ट्यूब पर अपलोड हुए. इन वीडियोज़ में मुनव्वर कॉमेडी या रैप सॉन्ग गाते हुए दिखते हैं और हर वीडियो के शुरुआत में ये डिस्क्लेमर दिखता है- इस वीडियो का मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है, ये सिर्फ़ चुटकुले हैं. इन्हें देखिए और आनंद लीजिए.
बीबीसी को दिए इंटरव्यू में अपनी आलोचना और समर्थन पर मुनव्वर एक बात कहते हैं, जो रुकावटों के बाद भी जारी मुनव्वर के सफ़र को बयां करता है.
"जब तक देश में प्यार, शांति और कॉमेडी पसंद करनेवाले समझदार लोग तुम्हारी तरफ़ हैं, तुम्हें सपोर्ट कर रहे हैं तो नफ़रत ज़्यादा दिन जीत नहीं सकती." (bbc.com)
नयी दिल्ली, 6 मई। फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री ने बृहस्पतिवार को कहा कि विदेशी मीडिया संस्थानों द्वारा उनके और उनकी फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' के खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक अभियान चलाया गया था, जिसके कारण विदेशी संवाददाता क्लब और प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द कर दी थी।
इसके बजाय, निर्देशक अग्निहोत्री (48) ने पीसीआई से एक किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित एक पांच सितारा होटल में अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
अग्निहोत्री के अनुसार, प्रेस कॉन्फ्रेंस के पीछे उनका उद्देश्य 'द कश्मीर फाइल्स' के मिथकों, आरोपों और प्रभाव को खत्म करना था।
उन्होंने कहा, “यह वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह स्वतंत्र अभिव्यक्ति व सच्चाई के खिलाफ यह गतिविधि एक भव्य सरकारी बंगले या जो भी यह जगह है, वहां हुई। यह संपत्ति उच्चतम न्यायालय के ठीक सामने है, जो न्याय का सर्वोच्च मंदिर है...मेरी फिल्म को संवाददाता सम्मेलन करने से रोका गया जिसकी शुरुआत फॉरेन कॉरेस्पॉन्डेंट्स क्लब द्वारा की गई, वह भी विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर हुआ।”
अग्निहोत्री ने कहा, ' उसी दिन उन्होंने भारत का प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक कैसे नीचे जा रहा है, इस पर बहुत सारी रिपोर्टें प्रकाशित कीं। इससे मुझे यह मानने का कारण मिला कि यह एक प्रचार है। वास्तव में, प्रेस की स्वतंत्रता पर अंतरराष्ट्रीय प्रेस द्वारा अंकुश लगाया जाता है, कम से कम मेरे मामले में।”
अग्निहोत्री ने कहा कि उनके पास यह मानने के कारण हैं कि 'कुछ एजेंडा संचालित अंतरराष्ट्रीय मीडिया घराने, जो वास्तव में राजनीतिक कार्यकर्ता हैं' भारत की राजनीति में हस्तक्षेप करने और इसकी संप्रभुता को खतरे में डालने की कोशिश कर रहे हैं।
फिल्मकार ने दावा किया कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने शुरू में फिल्म से किनारा कर लिया था, लेकिन जब यह हिट हो गई तो वे इसके बारे में बात करने के लिए उनसे संपर्क करने लगे हैं।'
उन्होंने कहा, उनके (विदेशी मीडिया) पास केवल दो शब्द थे- मुस्लिम और (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी। और, जो मुझे यह मानने का कारण देता है कि वे एजेंडा संचालित हैं।' (भाषा)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 5 मई। स्थानीय महासमुंद निवासी पूर्वा तिवारी द्वारा डिजाइन किए हुए कपड़ों को टाइम्स फैशन वीक में स्थान मिला। उन डिजाइनों को दर्शकों व आयोजकों की खूब सराहना मिली। जानकारी के मुताबिक मुंबई में माडलों ने महासमुंद की बेटी के डिजाइन किए कपड़े पहने थे। पूर्वा इन दिनों मुंबई में फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर रही है। बाम्बे टाइम्स फैशन शो वीक मुंबई में उनके बनाए ड्रेस डिजाइन का चयन हुआ है। यह शो 28 अप्रैल से एक मई तक होटल सेंनट्रेगिंस मुंबई में हुआ।
पूर्वा तिवारी नवी मुंबई के आइएनआई एफडी कालेज में फैशन डिजाइनिंग की सेकेंड ईयर की छात्रा है। इस शो में दो ड्रेस का चयन हुआ। वह पढाई के साथ साथ द आर्ट वील के नाम से स्वयं का ब्रांड चला रही है।
पूर्वा डाक्टर मालती भुवनेश्वर तिवारी की पुत्री है। पूर्वा की उपलब्धि पर डाक्टर जया ठाकुर, डाक्टर रीता पांडेय, सरस्वती सेठ, राशि महिंलांग, तारिणी चंद्राकार, उत्तरा विधानी, रेणुका चंद्रकारए, शीतल देवदास, सविता चंद्राकर, उमा शर्मा, नंदा साहूए, सीमा खुटेल ने बधाई दी है।
'बूहे बारियां... ' यानी 'दरवाज़े, खिड़कियाँ और दीवारें लाँघ कर...आऊंगी हवा बनकर'
पाकिस्तानी सिंगर हदिक़ा कियानी का ये गाना साल 1999 के बाद से काफी लोगों ने सुना. इस 'बूहे बारियां' गाने की लय से मिलते-जुलते कुछ गाने भारत की हिंदी फ़िल्मों में भी सुनाई दिए.
जैसे साल 2002 में प्रीति जिंटा, जिम्मी शेरगिल और अर्जुन रामपाल की फ़िल्म 'दिल है तुम्हारा' का गाना- दिल लगा लिया मैंने तुमसे प्यार करके... या फिर 2002 में ही शाहरुख, सलमान और माधुरी दीक्षित की फ़िल्म 'हम तुम्हारे हैं... तुम्हारे सनम' का टाइटल ट्रैक.
लेकिन अब यही गाना लय और अपने शुरुआती कुछ शब्दों के साथ एक नए रिलीज़ गाने में सुनाई दिया है. इस गाने को भारतीय सिंगर कनिका कपूर की आवाज़ में 'सारेगामा म्यूज़िक' कंपनी ने 'ओरिजिनल' बताकर पेश किया है. गाने के बोल हैं, ''बूहे बारिया ते नाले कंदा टप्प के...आवांगी हवा बनके बूहे बारिया.''
गाने में सुनाई दिए बाक़ी बोल अलग हैं लेकिन लय और बूहे बारियां वाली लाइन के इस्तेमाल पर पाकिस्तानी सिंगर हदिक़ा कियानी ने इंस्टाग्राम स्टोरीज़ में अपनी बात लिखकर आपत्ति जताई है. इस आपत्ति पर कनिका कपूर की भी प्रतिक्रिया आई है. साथ ही जानिए अतीत के वो कुछ मौक़े जब भारत और पाकिस्तान के सिंगर्स के गानों के चोरी या प्रेरित होने के चर्चे हुए.
हदिक़ा ने क्या लिखा?
हदिक़ा ने लिखा, ''बूहे बारियां और मेरी अलबम रौशनी के सारे गानों के कॉपीराइट्स मेरे पास हैं. बूहे बारियां कविता मेरी मां ने लिखी थी. अगर कोई ये कह रहा है कि मेरे पास इसके अधिकार हैं तो ये ग़ैर-क़ानूनी है और मेरी टीम एक्शन ले रही है. हमारे पास रौशनी एलबम आने से पहले के कॉपीराइट्स के दस्तावेज हैं. किसी कंपनी को इसके अधिकार नहीं दिए गए हैं. किसी कंपनी के पास मेरे साइन वाले या गाने का अधिकार देते दस्तावेज़ नहीं हैं. मैं लंबे वक़्त तक इस मसले पर चुप रही.''
हदिक़ा जिस रौशनी अलबम की बात कर रही हैं, वो साल 1999 में आई थी. इस अलबम में 14 गाने थे. अलबम की रिलीज़ के बाद हदिक़ा को काफ़ी लोकप्रियता नसीब हुई थी.
एआरवाई न्यूज़ की ख़बर में इस्तेमाल हुए इंस्टाग्राम स्टोरीज़ के स्क्रीनशॉट में हदिक़ा की प्रतिक्रिया विस्तार से पढ़ने को मिलती है.
हदिक़ा के मुताबिक़, ''एक और दिन और एक और बार मां के लिखे गाने की बेशर्मी से नकल. ना किसी ने राइट्स मांगे, न ही किसी ने रॉयल्टी दी. उन्होंने बस मेरी मां के लिखे गाने को दोबारा रिकॉर्ड किया ताकि आसानी से पैसे कमा सकें. शाहरुख़, प्रीति ज़िंटा जैसे सितारों की कई बॉलीवुड फ़िल्मों में ये कई बार चोरी हुआ है. ये गाना लगभग हर दूसरे सिंगर ने स्टेज पर पैसा कमाने के लिए गाया है. कई वीडियो के यू-ट्यूब व्यूज़ 20 करोड़ से ज़्यादा होते हैं. मुझे बस 'ओरिजनल सॉन्ग- बूहे बारियां हदीक़ा क़यानी' लिखकर क्रेडिट दे देते हैं.''
हदिक़ा लिखती हैं, ''मैं अभी ज़िंदा हूं और अगर आप मेरे गाने इस्तेमाल करना चाहते हैं तो मुझसे इजाज़त लीजिए. किसी और के गाए गाने से पैसे कमाना अच्छी बात नहीं. मैं ये साफ़ कर देना चाहती हूं कि मैं किसी सिंगर के ख़िलाफ़ नहीं हूं. मैं बस इस पूरी प्रक्रिया से निराश हूं. ख़ैर पाकिस्तानी संगीत की चोरी जारी है.''
बीबीसी हिंदी ने इस मसले पर हदिक़ा से बात करने की कोशिश की लेकिन ख़बर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं आया है.
हदिक़ा के इन आरोपों पर कनिका कपूर की भी प्रतिक्रिया आई है.
कनिका ने कहा, ''इस गाने को सुनने वाला हर इंसान ये जान जाएगा कि ये ओरिजिनल गाना है. अंतरे से लेकर पूरे गाने तक. हमने बस हुक लाइन (बूहे बारिया) का इस्तेमाल किया है. हमने एक पुराने लोकगीत की हुक लाइन को उठाया. मेरे और कंपनी के मुताबिक़, ये एक लोकगीत है.''
कनिका कहती हैं, ''हमने इस गाने के कई वर्जन सुने हैं और कभी किसी ने इस बारे में कुछ नहीं कहा है. हमने लोकगीत को कॉपी पेस्ट नहीं किया है. हमने बस दो पंक्तियों से प्रेरणा ली. गाने लिखने और कंपोज़ करने वाले कुंवर जुनेजा और श्रुति राणे के साथ ये नाइंसाफ़ी है. अगर कोई ये कहे कि मैं किसी का काम चुरा रही हूं तो ये ग़लत बात है.''
हिंदुस्तान टाइम्स से कनिका ने कहा, ''ये बात मुझे निराश करती हैं कि मैंने उनका गाना चुराया या हम उन्हें क्रेडिट नहीं दे रहे हैं. मुझे लगता है कि इस मामले पर नकरात्मक होने की बजाय हमें एक दूसरे का साथ देना चाहिए. मुझे काफ़ी नफरती मैसेज मिल रहे हैं. ये बात निराश करती है कि लोग कितनी जल्दी निष्कर्ष पर पहुंच जाते हैं.''
2020 में लॉकडाउन के दौर में कोरोना पॉजिटिव होने के बाद लखनऊ की एक पार्टी में जाने और संक्रमण फैलाने के आरोपों को लेकर कनिका कपूर चर्चा में रही थीं.
कनिका के गानों की लिस्ट में बेबी डॉल, देसी लुक, सुपर गर्ल, पुष्पा फ़िल्म का- ओ बोलेगा या ओ ओ बोलेगा, चिट्टियां कलाइयां वे जैसे कई गाने शामिल हैं. कनिका मूल रूप से लखनऊ की हैं.
बीबीसी को 2014 में दिए इंटरव्यू में कनिका ने बताया था, ''मैं लखनऊ में पैदा हुई, वहीं स्कूल गई. पंडित गणेश प्रसाद मिश्रा जी से 12 साल तक शास्त्रीय संगीत सीखा है, मैंने संगीत में मास्टर्स किया है. 17 साल की उम्र में मैं लंदन आ गई. पूरी तरह से गाना नहीं छोड़ा कभी. लेकिन ये सोचा नहीं था कि संगीत इस तरह मेरी ज़िंदगी में वापस आ जाएगा. ''
वहीं, हदिक़ा कियानी पाकिस्तान की सिंगर हैं. हदिक़ा कोक स्टूडियो के कई सीज़न में गाने गा चुकी हैं.
हदिक़ा का आतिफ असलम के साथ गाया एक गाना 'होना था प्यार, हुआ मेरे यार' भारत में भी काफी सुना जाता रहा है. इसके अलावा भारत में भी फवाद ख़ान के मशहूर सीरियल रहे 'ज़िंदगी गुलज़ार है' में भी हदिक़ा ने एक गाना गाया था.
'द न्यूज़ डॉट कॉम' को एक इंटरव्यू में हदिक़ा ने बताया था, ''आमिर ख़ान की 'थ्री इडियट्स' फ़िल्म मेरी पसंदीदा है और साथ ही टॉम हैंक्स की 'कास्ट अवे' फ़िल्म मुझे पसंद है. '' हदिका के पसंदीदा पाकिस्तानी सिंगर नुसरत फतेह अली खां हैं. बूहे बारियां के अलावा मन दी मौज और जानां जैसे गाने हदिक़ा के हिट गाने रहे हैं.
हदिक़ा पाकिस्तान के रावलपिंडी की रहने वाली हैं. कुछ बरस पहले ही हदिक़ा का अपने पति से तलाक हुआ था.
भारत बनाम पाकिस्तान: गानों की नकल का अतीत
ये पहला मौक़ा नहीं है, जब भारत और पाकिस्तान के सिंगर्स गाने या लय चोरी के आरोपों को लेकर आमने-सामने हैं.
साथ ही एक मुल्क़ में गाए गाने का दूसरे मुल्क़ में दोबारा गाकर भी इस्तेमाल हुआ है. इसका सबसे ताज़ा उदाहरण मनोज मुंतशिर का 'लिखा' हुआ हाल ही में रिलीज़ गाना 'दिल ग़लती कर बैठा है, ग़लती कर बैठा है दिल...बोल हमारा क्या होगा' है. इस गाने को जुबिन नौटियाल ने गाया है.
पर असल में ये कव्वाली बरसों पहले नुसरत फतेह अली ख़ान समेत कई पाकिस्तानी सिंगर्स गा चुके हैं. इस कव्वाली के बोल थे, 'दिल ग़लती कर बैठा है, ग़लती कर बैठा है दिल... बोल कफारा क्या होगा?'
आइए आपको ऐसे ही गानों की लंबी लिस्ट में से 5 गानों के बारे में बताते हैं.
1. साल 1991 की फ़िल्म- सड़क. गाना- तुम्हें अपना बनाने की कसम खाई है...
इस गाने की लय मुस्तफ़ा ज़ैदी की ग़ज़ल और सिंगर मुसर्रत नज़ीर के गाए 'चले तो कट ही जाएगा सफ़र आहिस्ता..' से उठाई हुई मालूम होती है.
2. साल 1994 की फ़िल्म- इंसाफ़ अपने लहू से. गाना- हवा हवा ये हवा और 2017 में मुबारक़ां फ़िल्म का गाना- हवा हवा
इन दोनों गानों की लय और शब्द असल में 80 के दशक में पाकिस्तानी सिंगर हसन जहांगीर के गाए गाने से मिलती जुलती है.
3.साल 2010 की फ़िल्म दबंग. गाना- मुन्नी बदनाम हुई डार्लिंग तेरे लिए...
ऐसा ही एक गाना 1993 में उमर शरीफ़ की आई फ़िल्म मिस्टर चार्ली में भी था. गाने के बोल थे- ''लड़का बदनाम हुआ..हसीना तेरे लिए.'' इसी शैली और शब्द का एक गाना बप्पी लाहिड़ी ने भी गाया था.
4. साल 1995 में आई फ़िल्म बेवफा सनम. गाना- अच्छा सिला दिया तूने मेरे प्यार का...
साल 1970 में आई पाकिस्तानी विछोरा फ़िल्म में नूरजहां का गाया गीत- कोई नवा लारा लाके मैनू बोल जा, झूठयां वे एक और झूठ बोल जा... इस गाने की लय सुनने पर समझ आता है कि बेवफाई को बयां करता और भारत के कस्बों में चलते ऑटो में सुनाई देता ये गाना मूल रूप से कहां से आया है.
5. साल 1996 की फ़िल्म- राजा हिंदुस्तानी. गाना- कितना प्यारा तुझे रब ने बनाया...
1997 में दुनिया छोड़ चुके नुसरत फतेह अली ख़ान ने भी मौत से काफी साल पहले तक एक कव्वाली गाई- किन्ना सोहणा तेनू रब ने बनाया, दिल करे देखता रहूं.
नुसरत फतेह अली के गाने और बॉलीवुड
सोशल मीडिया पर एक ऐसा भी वीडियो देखा जा सकता है, जिसमें एक एंकर नुसरत साहेब से पूछती हैं कि आपको सबसे अच्छा कॉपी किसने किया? इस पर नुसरत जवाब देते हैं- विजु शाह और अनु मलिक ने भी अच्छा कॉपी किया.
म्यूज़िक डायरेक्टर विजु शाह ने मोहरा फ़िल्म में संगीत दिया था. इस फ़िल्म का एक मशहूर गाना है- तू चीज़ बड़ी है मस्त मस्त...
साल 1994 में आई फ़िल्म से कुछ साल पहले नुसरत भी एक कव्वाली गा चुके थे. जिसके बोल थे- दम मस्त कलंदर मस्त, मस्त....सखी लाल कलंदर मस्त मस्त.
ऐसा ही एक गाना साल 1995 में आई फ़िल्म याराना का है. गाने का नाम था- मेरा पिया घर आया...
इस फ़िल्म की रिलीज़ से पहले नुसरत फतेह अली ख़ान की गाई एक कव्वाली आज भी यू-ट्यूब पर सुनी जा सकती है. इस कव्वाली के बोल हैं- मेरा पिया घर आया...
भारतीय फ़िल्मों के भी कई गाने विदेशियों ने कॉपी किए हैं.
2012 में 'एक था टाइगर' फ़िल्म के गाने 'सैयारा' की लय 2013 में माइल किटिक सिंगर ने रकीजा गाने में कॉपी की थी.
2011 में 'रा वन' फ़िल्म के गाने छमक्कछल्लो की लय 2013 में डारा बुबामारा में इस्तेमाल की गई थी.
अब अगर आप कहानी पढ़ते पढ़ते यहां तक आ गए हैं तो आप भी बताइए कोई गाना, जिसकी लय या बोल किसी दूसरे सिंगर ने कॉपी की या यूं कहें कि प्रेरित हुए. (bbc.com)
शाहरुख खान और काजोल की ऑनस्क्रीन जोड़ी बॉलीवुड की सबसे फेवरेट जोड़ियों में से एक है, जिसका क्रेज दर्शकों के दिलो-दिमाग से उतरा नहीं है. दोनों की ही फिल्मों पर फैंस की कड़ी नजर रहती है. सालों तक अपना जलवा बिखेरने वाली इस जोड़ी को सिल्वर स्क्रीन पर देखे हुए कई साल बीत चुके हैं. इस बीच खबर है कि शाहरुख-काजोल की ये ऑल-टाइम फेवरेट जोड़ी एक बार फिर बड़े पर्दे पर नजर आने वाली है. और दोनों को साथ फिर साथ लाने का काम कोई और नहीं, करण जौहर ही करने वाले हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो करण जौहर की अगली फिल्म ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ में शाहरुख खान और काजोल एक छोटी सी भूमिका में साथ नजर आ सकते हैं. फिल्म में दोनों का कोई स्पेशल गाना हो सकता है या फिर कोई खास सीन. इस फिल्म में आलिया भट्ट और रणवीर सिंह मुख्य भूमिकाओं में हैं. फिल्म में धर्मेंद्र, शबाना आजमी और जया बच्चन भी हैं. कहा जा रहा है कि अब शाहरुख-काजोल को भी लाइन-अप में जोड़ा जाएगा.
आखिरी बार ‘दिलवाले’ में आए थे नजर
फिल्म की शूटिंग अभी जारी है. कहा जा रहा है कि काजोल और शाहरुख फिल्म में कैमियो करते नजर आ सकते हैं. दोनों जल्द मुंबई में ही फिल्म में अपने हिस्से की शूटिंग करेंगे. यह फिल्म फरवरी 2023 में सिनेमाघरों में दस्तक देगी. फिलहाल शाहरुख खान और काजोल में से किसी ने भी इस खबर की पुष्टि नहीं की है, लेकिन अगर यह खबर सच है, तो ये दोनों कलाकार 7 साल बाद बड़े पर्दे पर फिर साथ नजर आएंगे. इससे पहले दोनों को आखिरी बार ‘दिलवाले’ में देखा गया था.
शाहरुख और काजोल की आने वाली फिल्में
शाहरुख खान अपनी आने वाली फिल्म ‘पठान में दीपिका पादुकोण और जॉन अब्राहम के साथ नजर आने वाले हैं. इसी के साथ वह ‘3 इडियट्स’ के डायरेक्टर राजकुमार हिरानी की ‘डंकी में तापसी पन्नू के साथ भी जुड़े हुए हैं. शाहरुख इस साल अप्रैल में फिल्म सिटी में बनाए गए सेट पर इस प्रोजेक्ट की शूटिंग भी शुरू कर चुके हैं. शाहरुख ने हाल में तमिल एक्ट्रेस नयनतारा के साथ एटली की फिल्म के लिए शूटिंग की. इस बीच, काजोल रेवती द्वारा निर्देशित ‘द लास्ट हुर्रे’ में दिखाई देंगी.
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने जेल में बंद अपराधी सुकेश चंद्रशेखर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में बॉलीवुड अभिनेत्री जैकलिन फर्नांडिस की 7.27 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की है. यह संपत्ति एक फिक्स्ड डिपॉजिट है. आपको बता दें कि करीब 200 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय ने एक्ट्रेस जैकलिन फर्नांडिस के खिलाफ इस कार्रवाई को अंजाम दिया है.
इससे पहले 5 दिसंबर 2021 को देश से बाहर जाने का प्रयास कर रही एक्ट्रेस को मुंबई एयरपोर्ट पर रोक लिया गया था. उनके खिलाफ ED ने लुकआउट नोटिस भी जारी कर रखा है. एक्ट्रेस से ईडी की टीम इस केस में 3 बार पूछताछ कर चुकी है. तिहाड़ जेल में बंद ठग सुकेश चंद्रशेखर के साथ संबंधों को लेकर भी जैकलिन फर्नांडिस से प्रवर्तन निदेशालय ने पूछताछ की है.
प्रवर्तन निदेशालय से जुड़े करीबी सूत्रों की मानें तो एक्ट्रेस जैकलिन और कॉनमैन सुकेश चंद्रशेखर के बीच करीबी रिश्ते थे और वह एक्ट्रेस पर पानी की तरह पैसे लुटाता था. सुकेश चंद्रशेखर ने एक्ट्रेस को गोल्ड और डायमंड जूलरी, इंपोर्टेड क्रॉकरी खरीदकर दी थीं. इनके अलावा 52 लाख रुपए का एक घोड़ा और 9-9 लाख की 4 पर्शियन बिल्लियां भी गिफ्ट की थीं. जैकलिन के लिए सुकेश ने कई चार्टर्ड फ्लाइट्स बुक की थीं. ईडी सूत्रों के मुताबिक सुकेश ने अभिनेत्री पर करीब 10 करोड़ रुपए खर्च किए थे.
सुकेश जमानत पर जेल से बाहर आया, जैकलिन 3 बार मिली थीं
ईडी की जांच में यह भी सामने आया है कि सुकेश ने जैकलिन के लिए दिल्ली से मुंबई और फिर यहां से चेन्नई जाने की चार्टर्ड फ्लाइट बुक की थी. इसके अलावा एक्ट्रेस के फाइव स्टार होटल्स में रुकने का खर्च भी सुकेश चंक्रशेखर ने ही उठाया था. ईडी के पास दोनों के बीच 3 बार हुई मुलाकात की पुख्ता जानकारी है, जिसको लेकर अभिनेत्री से पूछताछ हो चुकी है. दोनों की यह मुलाकात सुकेश के अंतरिम जमानत पर जेल से रिहा होने के बाद हुई थी. वह अभी तिहाड़ जेल में बंद है.
सुकेश ने किया था जैकलिन के साथ रिलेशनशिप में होने का दावा
प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ में सुकेश चंद्रशेखर ने दावा किया था कि वह जैकलिन फर्नांडिस के साथ रिलेशनशिप में रहा है. उसके इस दावे की पुष्टि दोनों की कुछ तस्वीरें करती हैं, जो इंटरनेट पर मौजूद हैं. इनमें एक्ट्रेस और चंद्रशेखर बेहद करीब नजर आ रहे हैं. ईडी के मुताबिक, ये तस्वीरें एक फाइव स्टार होटल की हैं. दूसरी ओर जैकलिन ने सुकेश के साथ किसी तरह के संबंध से इनकार किया है. ईडी की जांच में यह भी सामने आया है कि एक्ट्रेस से सुकेश ने तिहाड़ जेल में रहने के दौरान कई बार फोन पर बात की. (bbc.com)
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में बॉलीवुड अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडिस के ख़िलाफ़ कार्रवाई की है. ईडी ने जैकलीन की 7.27 करोड़ की संपत्ति को ज़ब्त कर लिया है.
बता दें कि सुकेश चंद्रशेखर और अन्य के ख़िलाफ़ चल रहे आपराधिक मामलों में जैकलीन फर्नांडिस का नाम भी सामने आया था. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, श्रीलंकाई नागरिक जैकलीन फर्नांडिस से इस मामले में कई बार प्रवर्तन निदेशालय पूछताछ कर चुका है.
ऐसा आरोप है कि चंद्रशेखर ने जैकलीन फर्नांडिस को उपहार देने के लिए धोखाधड़ी से जुटाए गए अवैध धन का इस्तेमाल किया था.
सुकेश चंद्रशेखर पर फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर शिविंदर मोहन सिंह की पत्नी अदिति सिंह समेत कई हाई प्रोफाइल लोगों से धोखाधड़ी का आरोप है.
जैकलीन फर्नांडीस ने पिछले साल अगस्त और अक्टूबर में ईडी को दिए गए अपने बयान में माना था कि उन्हें महंगे बैग्स, ईयर रिंग्स, जूते, ब्रेसलेट समेत कई गिफ्ट सुकेश चंद्रशेखर से मिले थे.
ईडी ने पाया था कि जैकलीन पिछले साल फरवरी से अगस्त में सुकेश की गिरफ्तारी तक उनसे लगातार संपर्क में थीं. (bbc.com)
मुंबई, 22 अप्रैल । सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय सिनेमा देश की सॉफ्ट पावर है जो दुनियाभर में लाखों लोगों के दिलों पर राज करता है।
उन्होंने यहां फिल्म डिवीजन कॉम्प्लैक्स में भारतीय सिनेमा के राष्ट्रीय संग्रहालय (एनएमआईसी) का दौरा करने के बाद यह बात कही।
उन्होंने कहा कि भारतीय सिनेमा ने मनोरंजन के माध्यम से दुनियाभर में भारत की पहचान बनाई है। ठाकुर ने कहा कि दुनिया में सबसे ज्यादा फिल्में भारत में बनती हैं।(भाषा)
मुंबई, 21 अप्रैल। बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार ने एक पान मसाला ब्रांड का विज्ञापन करने के लिए बृहस्पतिवार को अपने प्रशंसकों से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि वह इस ब्रांड के प्रचार से खुद को अलग कर रहे हैं।
अक्षय, पान मसाला ब्रांड के प्रचार को लेकर सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के निशाने पर आ गए थे। उपयोगकर्ताओं ने अभिनेता का एक पुराना वीडियो साझा किया था, जिसमें वह जीवन में कभी भी तंबाकू का प्रचार न करने की बात कहते नजर आ रहे थे।
अभिनेता (54) ने ट्वीट किया, ‘‘ मैं माफी चाहता हूं।’’ उन्होंने बताया कि वह पान मसाला ब्रांड से खुद को अलग कर रहे हैं और इससे अर्जित पूरी राशि किसी ‘‘नेक कार्य’’ के लिए दान करेंगे।
अक्षय ने ट्वीट किया, ‘‘ मैं अपने सभी प्रशंसकों और शुभचिंतकों से माफी मांगना चाहता हूं। पिछले कुछ दिनों में आपकी प्रतिक्रिया ने मुझे बहुत प्रभावित किया है। मैंने तंबाकू का प्रचार न तो किया है और न ही करूंगा, मैं इस संबंध में आपकी प्रतिक्रिया का सम्मान करता हूं...’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं पूरी विनम्रता के साथ इस ब्रांड से अलग होता हूं। मैंने इससे अर्जित पूरी रकम को किसी नेक कार्य के लिए दान करने का फैसला किया है।’’
अक्षय ने कहा कि संबंधित ब्रांड ‘‘मेरे लिए बाध्यकारी अनुबंध की कानूनी अवधि’’ तक विज्ञापन का प्रसारण जारी रख सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हालांकि, मैं भविष्य में विज्ञापनों के चयन में बेहद सावधानी बरतने का वादा करता हूं। इसके बदले में, मैं आपका प्यार और शुभकामनाएं चाहूंगा।’’
इससे पहले, मेगास्टार अमिताभ बच्चन ने भी खुद को एक पान मसाला ब्रांड के विज्ञापन से अलग कर लिया था। उन्होंने इसके प्रचार से अर्जित धनराशि को वापस करने की जानकारी भी दी थी। (भाषा)
-सुशीला सिंह
''मैं सोशल मीडिया पर अपनी क्लीवेज को दिखाकर फ़ोटो पोस्ट करती हूं. मैं राजनीति पर भी अपनी राय खुलकर रखती हूं. कॉमेंट में मुझे लोगों की परेशानी साफ़ दिखाई देती है कि ये लड़की ऐसे कैसे कर सकती है.''
ये हैं ख़्याति श्री के शब्द जो दिल्ली में रहती हैं.
ख़्याति कहती हैं, ''जो मुझे ट्रोल करते हैं मैं उनका वहीं पर कसकर जवाब देती हूं. जब मैं अपने माता पिता को जवाब देती हूं तो जब मुझे कोई ट्रोल करेगा तो उसे मैं क्यों नहीं जवाब दूंगी. इन सब चीजों को भावनात्मक, मानसिक असर पड़ता है लेकिन जब क़ानून व्यवस्था है तो मुझे शर्माने या डरने की क्या ज़रूरत है.''
हाल ही में अभिनेत्री निमरत कौर भी इन ट्रोलर का निशाना बनीं. निमरत कौर को डीप नेकलाइन यानी गहरे गले की ड्रेस पहनने के लिए सोशल मीडिया पर काफ़ी ट्रोल किया गया.
ट्रोल हुईं निमरत
निमरत 'दि कपिल शर्मा शो' में मेहमान के तौर पर आई थीं. अभिनेता अभिषेक बच्चन और निमरत कौर की फ़िल्म दसवीं हाल ही रिलीज़ हुई है.
ट्वविटर पर Dewang@RetardedHurt लिखते हैं, "लेडिज़, मैं वाकई ये जानना चाहता हूं कि इस तरह के आउटफिट को पहनने का क्या मक़सद है, अगर मर्दों को आकर्षित करना है तो क्यों? अगर मर्दों को आकर्षित करना नहीं है तो क्यों?"
सोशल मीडिया पर राय
सोशल मीडिया एक ऐसा ज़रिया है जहां कोई भी अपनी राय रख सकता है लेकिन अपनी राय रखते हुए क्या कोई सीमा होनी चाहिए, वो कैसे और कौन तय करेगा?
पंजाब यूनिवर्सिटी में डिपार्टमेंट ऑफ़ विमेन स्टडीज़ में प्राध्यापिका डॉक्टर अमीर सुल्ताना इस मुद्दे पर कहती हैं, ''हमारा संविधान हमें पूरी आज़ादी देता कि हम स्वतंत्र देश में पूरी आज़ादी और समानता के साथ रहें. अगर निमरत को ड्रेस पसंद है तो किसी को कोई अधिकार नहीं है कि वो इसे लेकर टिप्पणी करे या रोक लगाए.''
उनका कहना हैं, ''जो लोग निमरत को ट्रोल कर रहे हैं उन्हें इस बात पर भी गौर करना चाहिए कि भारत में कई रीति-रिवाज ऐसे हैं जहां विधवा महिलाओं को ब्लाउज़ पहनने की आज़ादी नहीं है और उसे सारी जिंदगी सफे़द साड़ी में काट देनी होती है, तब इस संस्कृति को क्यों भुला दिया जाता है और तब कोई कॉमेंट क्यों नहीं करता? कभी उनके लिए आवाज़ क्यों नहीं उठाई जाती कि इन महिलाओं को भी पूरे कपड़े , ब्रा या ब्लाउज़ पहनने का अधिकार होना चाहिए और ये ग़लत है?''
हिंदी और मराठी अभिनेत्री प्रिया बापट बीबीसी के साथ अपनी कहानी बयान करते हुए कहती हैं कि उन्होंने इंस्टाग्राम पर छह किलोमीटर भागने के बाद एक तस्वीर डाली थी लेकिन वो इस तस्वीर पर ट्रोल हो जाएंगी उन्हें इसका ज़रा सा भी अंदाज़ा नहीं था.
वे बताती हैं, ''छह किलोमीटर भागने के बाद मेरे चेहरे पर छाया गुलाबी रंग मुझे बहुत अच्छा लगा. वो बड़ा ही प्राकृतिक था क्योंकि भागने के बाद ख़ून सर्कूलेट होता है. वो मुझे अच्छा लगा तो मैंने उसे पोस्ट कर दिया. मुझे लोगों ने ये कह कर ट्रोल करना शुरू कर दिया कि तुम कितनी बुढ़ी लग रही हो, तुम्हें बोटोक्स करा लेना चाहिए, फ़ेस अपलिफ्टमेंट कराना चाहिए.''
वो आगे बताती हैं , ''इस घटना ने मुझे बहुत प्रभावित किया लेकिन फिर मैंने इसे दरकिनार कर केवल अपने काम पर फोकस किया. जब मेरा परिवार मुझ से सवाल पूछेगा कि मैं ये क्या कर रही हूं उस दिन मैं सोचूगीं कि शायद मैं कहीं ग़लत कर रही हूं.''
प्रिया सिटी ऑफ़ ड्रीम्स, वज़नदार, टाइम प्लीज़, आणि काय हवं? जैसी फिल्मों और सीरिज़ में काम कर चुकी हैं. सीटी ऑफ़ ड्रीम्स में उन्होंने समलैंगिक का किरदार निभाया था. जहां एक शॉट की सीन लीक हो गया था जिसके बाद उन्हें काफ़ी ट्रोल किया गया था.
महिलाएं ही क्यों निशाना
प्रिया बापट मानती हैं कि सोशल मीडिया पर महिलाओं को ज्यादा ट्रोल किया जाता है और ये पता होता कि लोग कॉमेंट करेंगें, जिसमें मिलीजुली प्रतिक्रियाएं होंगी और लोग ट्रोल भी करेंगे.
वे सलाह देती हैं कि अगर प्रतिक्रियाएं बुरी मिलती हैं तो अपना ध्यान वहां से हटा लेना चाहिए.
डॉ अमीर सुल्ताना मानती हैं कि ऐसे ट्रोल को दरकिनार करना चाहिए लेकिन वे ये सवाल भी उठाती हैं कि वेशभूषा को लेकर महिलाओं पर ही क्यों निशाना साधा जाता है?
वे कहती हैं ,''अगर कोई पुरुष पारदर्शी कपड़े पहने ,अंडरवियर में दिखे या शरीर के ऊपरी हिस्से पर कुछ ना पहने दिखे तो वहां ये कहा जाता है कि वो सिक्स-पैक ऐब, मैस्कुलैनिटी या मसल पावर दिखा रहा है वहां कोई उसे ट्रोल नहीं करेगा. वहां केवल तारीफ़ होगी कि वाह क्या बॉडी है, सिक्स-पैक ऐब हैं आदि. लेकिन ये कोई नहीं कहता कि आप क्यों एक्सपोज़ कर रहे हैं? जो कि एक ग़लत नज़रिया है.''
लेकिन अगर किसी महिला पर जबरन किसी वेशभूषा को पहनने का दबाव डाला जाता है तो उसकी निंदा ज़रूर की जानी चाहिए.
अक्षय कुमार से प्रेरणा लेती हूं: निमरत कौर
कुछ साल पहले अंग्रेजी के अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की एक तस्वीर प्रकाशित की थी और उनके क्लीवेज पर ट्वीट किया था. हालांकि इस ट्वीट को बाद में हटा दिया और अख़बार ने सफ़ाई भी दी थी.
मानसिकता बदलने की ज़रूरत
इस ट्वीट पर दीपिका पादुकोण ने नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए गुस्से में जवाब दिया था और उनके ट्वीट को सात हज़ार से अधिक बार रिट्वीट किया गया था और '#IStandWithDeepikaPadukone' का हैशटैग घंटों तक भारत में ट्रेंड करता रहा था.
एक महिला को उसके स्किल,या विशेषताओं के साथ देखने की बजाए उसके परिधान से जोड़ कर देखा जाना कहीं ना कहीं एक मानसिकता को दर्शाता है.
फेमिनिस्ट फ़िल्म मेकर और लेखिका पारोमिता वोहरा कहती हैं कि जब महिलाएं पब्लिक में होती हैं तो हमेशा उन्हें दबाया जाता है और उसका एक ज़रिया होता है उन पर सेक्शुअली हमला करो. एक महिला की स्वतंत्रता को सेक्शूएल कमेंट और हमला करके नियंत्रित करने की कोशिश होती है.
उनके अनुसार, ''महिला का आदर करना है तो ये मायने नहीं रखता वो क्या पहन रही है. उसके लिए कोई शर्त नहीं रखी जा सकती कि आप ये कपड़े पहनेंगी तो हम आपका आदर करेंगे, वो पहनेंगी तो नहीं करेंगे. आपको एक महिला की निजी पसंद का भी आदर करना होगा.''
हालांकि वे मानती हैं कि समय बदल रहा है और औरतें भी खुलकर सोशल मीडिया पर अपनी राय रख रही हैं लेकिन समाज को भी इस बदलाव को स्वीकार करने के लिए बदलना होगा.(bbc.com)
नयी दिल्ली, 19 अप्रैल। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बॉलीवुड के कई निर्माताओं की ओर से एक मीडिया हाउस के खिलाफ दर्ज कराए गए मामले को बंद कर दिया है। दोनों पक्षों के बीच समझौता होने के कारण ऐसे किया गया।
मीडिया हाउस ने लिखित में दिया कि वह किसी भी ऐसे समाचार को प्रकाशित या प्रसारित नहीं करेगा जो सामूहिक रूप से बॉलीवुड उद्योग के लिए अपमानजनक हो और वह विषय वस्तु नियमों का पालन करेगा।
चार बॉलीवुड उद्योग संघों और 34 प्रमुख निर्माताओं ने कई समाचार चैनलों और मीडिया घरानों को फिल्म उद्योग के खिलाफ कथित रूप से गैर-जिम्मेदार, अपमानजनक टिप्पणी करने और विभिन्न मुद्दों पर अपने सदस्यों के खिलाफ मीडिया ट्रायल करने से रोकने के लिए 2020 में मामला दायर किया था।
न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने एक प्रतिवादी मीडिया हाउस द्वारा दिए गए हलफनामे को स्वीकार कर लिया। (भाषा)
क़रीब चार साल से शाहरुख़ ख़ान के फैंस जिन पलों का इंतज़ार कर रहे थे, वो अब पूरे होने जा रहे हैं - कि शाहरुख़ ख़ान की अगली फ़िल्म कब आएगी?
'पठान' की रिलीज़ की तारीख़ का ऐलान तो पहले ही हो चुका है. और अब आज एक ऐसी फ़िल्म का ऐलान हुआ है, जो हिन्दी सिनेमा की समझ रखने वाले लोगों में रोमांच भर सकता है.
वजह है, कई शानदार फ़िल्मों के डायरेक्टर राजू हिरानी और शाहरुख़ ख़ान का पर्दे पर पहली बार एक साथ आना. फ़िल्म का नाम होगा- डंकी.
शाहरुख़ ख़ान और राजू हिरानी ने सोशल मीडिया पर इस बारे में जानकारी दी. ये फ़िल्म 22 दिसंबर 2023 को रिलीज़ होगी. और इससे पहले 2023 की 25 जनवरी को पठान रिलीज़ होगी.
तो यक़ीन मानिए आपके मन और शाहरुख़ ख़ान के मन में कुछ समानताएं हैं. क्योंकि फ़िल्म के बारे में जानकारी देते हुए शाहरुख़ ख़ान ने जो वीडियो शेयर किया है, उसमें वो ख़ुद राजू हिरानी से ये सवाल पूछते नज़र आते हैं.
जिसका जवाब राजू हिरानी शाहरुख़ को देते हैं, ''कॉमेडी है. इमोशन है. रोमांस है... पर अपना वो एक्शन (हाथ फैलाने वाला सिग्नेचर पोज़) मत करना.'' शाहरुख़ ख़ान जवाब देते हैं- अरे हाथ ही काट लूंगा मैं सर... आप बोलो तो.
इसी वीडियो के शुरुआती हिस्से में शाहरुख़ की अब तक राजू हिरानी के साथ काम ना करने की कसक भी दिखती है.
फ़िल्म समीक्षक तरण आदर्श ट्वीट करते हैं, ''डंकी की शूटिंग इस महीने शुरू हुई. अगला शेड्यूल पंजाब में शूट किया जा रहा है. फ़िल्म को राजू हिरानी और अभिजात जोशी ने लिखा है. फ़िल्म जियो प्रोडक्शन, रेड चिली इंटरटेंमेंट और राजकुमार हिरानी फ़िल्मस की पेशकश है.''
शाहरुख़, राजू हिरानी ने क्या लिखा?
शाहरुख़ ने फ़िल्म के बारे में जानकारी देते हुए लिखा, ''राज कुमार हिरानी सर, आप तो मेरे सैन्टा क्लॉज़ निकले. आप शुरू करो. मैं वक़्त पर पहुंच जाऊंगा. मैं तो सेट पर ही रहने लगूंगा. आख़िरकार मैं आपके साथ काम करने को लेकर कृतज्ञ और उत्सुक हूं. आप सबके लिए डंकी फ़िल्म 22 दिसंबर 2023 को सिनेमाघरों में हम ला रहे हैं.''
राजू हिरानी ने भी लिखा, ''शाहरुख़ आख़िर हमने एक साथ फ़िल्म बनाने का फ़ैसला ले ही लिया. अगले साल क्रिसमस पर आप सबसे सिनेमाघरों पर मिलते हैं.''
राजू हिरानी ने इस ट्वीट में तापसी पन्नू को भी टैग किया है. फ़िल्म में तापसी पन्नू की अहम रोल में हैं.
तापसी ने भी ट्वीट कर जानकारी दी, ''आख़िरकार ये हो रहा है, मुझे शाहरुख़ और राजू हिरानी के साथ अपनी अगली फ़िल्म डंकी का ऐलान करते हुए मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है.''
फ़िल्म डंकी के वीडियो टीज़र पर सूरज कुमार लिखते हैं- "जब बॉलीवुड की हो महान हस्ती साथ आती हैं तो इंडस्ट्री सुरक्षित है."
हीरा लिखती हैं, ''मेरा सपना सच होने जा रहा है. राजू हिरानी और शाहरुख़ दोनों साथ आ रहे हैं. कई रिकॉर्ड टूटने जा रहे हैं.''
अरुप चटर्जी लिखते हैं, ''इस घड़ी का लंबे वक्त तक इंतज़ार किया.'' कई साल यूज़र्स ने टीज़र पर खुशी ज़ाहिर की और लिखा कि टीज़र ने दिल ही जीत लिया.''
राज कुमार हिरानी ख़ास क्यों?
राजू हिरानी ने अब तक केवल 5 फ़िल्में डायरेक्ट की हैं लेकिन उनकी हर फ़िल्म दर्शकों के दिल और दिमाग में लंबे वक्त तक दर्ज रही हैं.
ये फ़िल्में हैं- मुन्नाभाई एमबीबीएस, लगे रहो मुन्नाभाई, थ्री इडियट्स, पीके और संजू.
ये सारी फ़िल्में न सिर्फ़ बॉक्स ऑफिस पर कमाल कर चुकी हैं बल्कि क्रिटिक्स समेत आम लोगों के बीच भी अपनी ख़ास जगह रखती हैं.
वहीं शाहरुख़ ख़ान की आख़िरी रिलीज़ फ़िल्म ज़ीरो है, जो बॉक्स ऑफिस पर कमाल नहीं कर पाई थी. ये फ़िल्म साल 2018 में रिलीज़ हुई थी.
शाहरुख़ ख़ान बीते कुछ सालों से पर्दे पर सक्रिय नहीं दिखे हैं. कई बार वो ट्विटर और कुछ इंटरव्यू में हल्के अंदाज़ में फ़िल्में फ्लॉप होने या काम ना मिलने जैसी बातें कहके ख़ुद का मज़ाक उड़ा चुके हैं.
बीते साल शाहरुख़ ख़ान अपने बेटे आर्यन ख़ान को हुई जेल को लेकर भी चर्चा में रहे थे. इस पूरे मसले पर शाहरुख़ ने मीडिया और सोशल मीडिया पर चुप्पी बनाए रखी. (bbc.com)
मुंबई, 19 अप्रैल। अनुभव सिन्हा की लघु फिल्मों की श्रृंखला (एंथोलॉजी) के लिए फिल्मकार सुधीर मिश्रा ने तापसी पन्नू के अभिनय वाले छोटे हिस्से की शूटिंग पूरी कर ली है।
लघु फिल्मों की यह श्रृंखला कोविड-19 की पृष्ठिभूमि पर बनी है, जिसमें महामारी के कारण लोगों की जिंदगी में आए बदलाव को दिखाया गया है।
इस एंथोलॉजी का निर्माण अनुभव सिन्हा की बनारस मीडियावर्क्स और भूषण कुमार की टी-सीरीज ने किया है। इसमें सुधीर मिश्रा, हंसल मेहता, केतन मेहता और सुभाष कपूर जैसे दिग्गज फिल्मकार एंथोलॉजी के अलग-अलग हिस्सों का निर्देशन करेंगे।
सुधीर मिश्रा और तापसी पन्नू ने लखनऊ में फिल्म के निर्धारित हिस्से की शूटिंग पूरी की। इसमें परमब्रता चटर्जी भी अहम भूमिका में नजर आएंगे।
तापसी इससे पहले अनुभव सिन्हा के साथ ‘‘थप्पड़’’ (2020) और ‘‘मुल्क’’ (2018) जैसी फिल्मों में काम कर चुकी हैं।
तापसी (34) ने फिल्म की शूटिंग के अपने अनुभव के बारे में कहा, ‘‘हमारे पास सीमित समय था। फिल्म की शूटिंग के दौरान हमने यादगार समय बिताया। सुधीर मिश्रा और अनुभव सिन्हा जैसे फिल्मकार खुद में ऐसे संस्थान हैं जो आपके अभिनय कौशल को बढ़ाते हैं और मेरे लिए, यह हर दिन एक कलाकार के रूप में कुछ सीखने और अपनी प्रतिभा को निखारने का अवसर था।’’ (भाषा)
मुंबई, 18 अप्रैल। अभिनेता आर माधवन का कहना है कि वह कोपेनहेगन में आयोजित डेनिश ओपन तैराकी प्रतियोगिता में अपने बेटे वेदांत के स्वर्ण पदक जीतने से बेहद खुश हैं और इस उपलब्धि से अभिभूत और कृतज्ञ महसूस कर रहे हैं।
भारत के उदीयमान तैराक वेदांत माधवन ने कोपेनहेगन में रविवार रात डेनिश ओपन में पुरूषों की 800 मीटर फ्रीस्टाइल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। वेदांत (16) ने अपना निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 8:17.28 की टाइमिंग निकाली। उन्होंने स्थानीय तैराक अलेक्जेंडर एल ब्योर्न को 0.10 सेकंड से हराया।
वेदांत के पिता अभिनेता आर माधवन ने सोशल मीडिया ऐप इंस्टाग्राम पर पदक समारोह का एक वीडियो पोस्ट कर खुशी जताई।
माधवन (51) ने इंस्टाग्राम पर अपने पोस्ट में लिखा,‘‘आज वेदांत माधवन ने 800 मीटर तैराकी स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। मैं बेहद खुश हूं और अभिभूत तथा कृतज्ञ महसूस कर रहा हूं। कोच प्रदीप सर, भारतीय तैराकी महासंघ और पूरी टीम को धन्यवाद।’’
इससे पहले वेदांत ने शुक्रवार को 1500 मीटर फ्रीस्टाइल में रजत पदक जीता और 200 मीटर फ्रीस्टाइल में अपना टाइमिंग दुरूस्त किया। (भाषा)
भुवनेश्वर, 18 अप्रैल। जाने माने उड़िया गायक एवं संगीतकार प्रफुल्ल कार का बढ़ती आयु संबंधी बीमारियों के कारण यहां उनके आवास पर निधन हो गया। वह 83 वर्ष के थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ओडिशा के राज्यपाल गणेशी लाल, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने कार के निधन पर शोक व्यक्त किया।
प्रफुल्ल कार के परिवार में उनकी पत्नी मनोरमा, बेटे महादीप एवं महाप्रसाद और बेटी संध्यादीपा हैं।
उनके सीने में रविवार रात भोजन करने के बाद दर्द हुआ था और इसके कुछ ही देर बाद उनका उनके सत्य नगर आवास में निधन हो गया। प्रफुल्ल कार ने जब अंतिम सांस ली, उस समय उनके परिजन उनके साथ थे।
कार का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ पुरी स्थित स्वर्ग द्वार श्मशान घाट में सोमवार को किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कार के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, ‘‘प्रफुल्ल कार जी के निधन से दुखी हूं। उन्हें उड़िया संस्कृति और संगीत में अग्रणी योगदान के लिए याद किया जाएगा। उनका व्यक्तित्व बहुमुखी था और उनकी रचनात्मकता उनके कार्यों में परिलक्षित होती थी। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदना। ओम शांति।’’
पटनायक ने घोषणा की कि कार का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। उन्होंने शिक्षा मंत्री एस आर दास और कानून मंत्री प्रताप जेना को अंतिम संस्कार में शामिल होने को कहा।
कार को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में लोग आए। कार का जन्म 16 फरवरी, 1939 को पुरी में हुआ था। वह एक जाने-माने संगीतकार, गायक, गीतकार, लेखक और स्तंभकार थे। उन्होंने ‘कमला देशा राजकुमारा’ समेत कई लोकप्रिय गीत दिए।
कार को प्रतिष्ठित पद्म श्री पुरस्कार से 2015 में नवाजा गया था। उन्हें 2004 में जयदेव पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। उन्होंने आठ बार राज्य फिल्म पुरस्कार अपने नाम किया, जिसमें से छह बार उन्हें लगातार इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
कार को ऐसे विशिष्ट संगीतकार होने का गौरव प्राप्त है, जिन्होंने उड़िया भागवत और उड़िया छंद का दुर्लभ संग्रह रिकॉर्ड किया था। उनके द्वारा निर्देशित भक्ति संगीत एल्बम ‘प्रभुकृपा’ के 10 लाख से अधिक कैसेट बिके थे। उनकी संगीत रचना ‘गीत गोविंदम का संग्रह’ भी बहुत लोकप्रिय हुआ था। (भाषा)
उषा मंगेशकर, कविता कृष्णमूर्ति, सुरेश वाडेकर, मोहम्मद अजीज, किशोर कुमार, अमित कुमार, वाणी जयराम, एस जानकी, चित्रा, येसुदास और एस पी बालसुब्रमण्यम जैसे कई स्थापित गायकों ने उनके निर्देशन में उड़िया गीतों के लिए अपनी आवाज दी थी।
मुंबई, 17 अप्रैल। अभिनेता सोनू सूद ने कहा है कि फिल्म उद्योग में सफलता पाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है और यह ‘‘पानी के अंदर अपनी सांस रोके रखने’’ जैसी है।
सूद (48) ने कहा, ‘‘जब आप अभिनेता बनना चाहते हैं और मुंबई जैसे शहर में आते हैं तो आपको कई बार खारिज होने के लिए तैयार रहना होता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इंतजार असीमित होता है। उस वक्त आपको अपना अस्तित्व बचाए रखने और उन चुनौतियों का सामना करने की जरूरत होती है। आपको बस वहां रहना होता है, धैर्य के साथ, अपनी किस्मत चमकने का इंतजार करना होता है।’’
अभिनेता आजकल ‘एमटीवी रोडीज’ शो की मेजबानी कर रहे हैं।
सूद ने कहा कि 2020 के कोविड लॉकडाउन के दौरान जब उन्होंने शहरों से अपने मूल निवास की ओर पलायन कर रहे लोगों की मदद की थी, उस वक्त वह इस बात से अनजान थे कि वह अपने सामाजिक कार्य के लिए जाने जाएंगे। (भाषा)
प्रदीप सरदाना
रणबीर कपूर और आलिया भट्ट आख़िरकार विवाह बंधन में बंध ही गए. लोग पिछले क़रीब 4 बरसों से इस शादी का इंतज़ार कर रहे थे.
हालांकि, ऋषि कपूर की अपने बेटे रणबीर का विवाह देखने की तमन्ना पूरी नहीं हो सकी जो अपने बेटे की शादी को लेकर बहुत से सपने संजोए हुए थे.
राज कपूर की पहचान सदा एक बड़े शोमैन की रही है. उनकी फिल्में तो भव्यता की बड़ी मिसाल रही ही हैं. साथ ही उनके यहां आयोजित होने वाले शादी समारोह भी अपनी भव्यता के लिए याद किए जाते हैं.
अपने बेटे ऋषि कपूर की शादी और रिसेप्शन का समारोह उन्होंने इतना शानदार रखा था कि वह आज 42 साल बाद भी भुलाए नहीं भूलता. इसमें पूरे फिल्म उद्योग ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था. इसलिए ऋषि भी चाहते थे कि वह भी अपने बेटे रणबीर की शादी धूमधाम से करें लेकिन उनकी यह इच्छा पूरी नहीं हो सकी.
लेकिन रणबीर-आलिया ने आख़िरकार शादी कर ली. आलिया से पहले रणबीर का नाम कुछ और अभिनेत्रियों से भी जुड़ता रहा. आलिया से पहले यह बात सुर्खियों में थी कि रणबीर जल्द ही कटरीना से शादी कर लेंगे.
देश में ही नहीं विदेशों से भी रणबीर-कटरीना की रोमांटिक तस्वीरें सामने आती रहती थीं. मुंबई में दोनों एक साथ एक घर में भी रहने लगे थे. लेकिन दोनों का ब्रेकअप हो गया.
कटरीना से पहले रणबीर का नाम सोनम कपूर, दीपिका पादुकोण और नर्गिस फाकरी के साथ भी जुड़ा. इनमें से दीपिका के साथ तो बात शादी तक पहुंच ही गई थी. लेकिन शादी हो नहीं सकी.
अब जब 39 साल के रणबीर ने 29 साल की आलिया भट्ट के साथ विवाह रचा लिया है तो कपूर परिवार में बरसों बाद खुशी का कोई बड़ा मौक़ा आया है.
असल में कपूर परिवार की बाकी सभी शादियों को देखें तो कपूर परिवार में लगभग सभी की शादियां कम उम्र में हुई हैं. कुछ की तो बहुत ही छोटी उम्र में. फिर यह भी कि सभी कपूर दंपत्तियों में उम्र का फासला कम रहा है.
जबकि रणबीर कपूर ने जहां शादी इतनी देर से की है. वहां वह ऐसे पहले कपूर दंपत्ति हैं जिनकी उम्र में पूरे 10 साल का फासला है. यूं शम्मी कपूर की जब दूसरी शादी हुई तो उनकी और उनकी पत्नी नीला देवी की आयु में 10 साल का अंतर था. लेकिन उनकी पहली पत्नी गीता बाली और उनमें सिर्फ एक साल का फासला था.
सिर्फ 17 की उम्र में हुई थी पृथ्वीराज कपूर की शादी
फिल्मों में कपूर खानदान के संस्थापक पृथ्वीराज कपूर की शादी तो मात्र 17 बरस की उम्र में हो गई थी. सन 1923 में अपनी उम्र से तीन साल छोटी रामशरणी मेहरा से जब पृथ्वीराज का पेशावर में विवाह हुआ तब वह वहां के एडवर्ड कॉलेज में पढ़ते थे.
रमा (रामशरणी) एक अनाथ लड़की थीं, जिन्हें उनके पड़ोसियों ने पाला था. बेहद खूबसूरत थीं. अपने भरे पूरे परिवार को ही नहीं, पृथ्वीराज की नाटक-फिल्म मंडली के सदस्यों सहित कितने ही मेहमानों की आवाभगत इस एक अकेली जान ने बहुत ही अच्छे ढंग से की.
शादी के एक साल बाद ही पृथ्वीराज के यहां पुत्र राज कपूर का जन्म हो गया. कम उम्र में पृथ्वीराज की शादी होने के कारण ही पिता पृथ्वीराज और पुत्र राज कपूर में सिर्फ 18 बरस का फासला था.
उधर जब राज कपूर का 12 मई 1946 को कृष्णा मल्होत्रा से विवाह हुआ तब राज कपूर 22 साल के थे और कृष्णा उनसे 6 साल छोटी, 16 साल की थीं. कृष्णा मल्होत्रा मध्यप्रदेश के रीवा में रहती थीं. वो असल में राज कपूर की करीबी रिश्तेदार भी थीं. यह शादी पृथ्वीराज ने ही कराई थी.
हालांकि राज कपूर ने शादी से पहले कृष्णा को जब पहली बार सफ़ेद साड़ी में देखा तो वह उनकी सुंदरता पर मुग्ध हो गए थे. राज कपूर इसके बाद अपनी फिल्मों की लगभग सभी अभिनेत्रियों को सफ़ेद साड़ी पहनाकर कृष्णा कपूर की सुंदरता को बार-बार दोहराते रहे.
हालांकि, शादी के कुछ दिन बाद ही वह अपनी नायिका नर्गिस के प्रेम में उलझ गए. लेकिन कृष्णा कपूर सबकुछ देखते हुए भी अपने परिवार के प्रति समर्पित रहीं. नर्गिस की शादी के बाद जब राज कपूर 'संगम' फिल्म के दौरान वैजयंती माला से नज़दीकियां बढ़ाते दिखे तो कृष्णा कपूर ने घर छोड़कर एक होटल में रहना शुरू कर दिया था.
बाद में राज कपूर जैसे-तैसे अपनी पत्नी को मनाकर घर लाये. राज कपूर ने एक बार कहा था, "नर्गिस मेरी प्रेरणा है और कृष्णा मेरी शक्ति. जिस तरह मेरी पत्नी मेरी अभिनेत्री नहीं बन सकती, उसी तरह मेरी अभिनेत्री मेरी पत्नी नहीं हो सकती."
बहरहाल राज कपूर की बारात रीवा गई थी. जहां दो-तीन दिन तक शादी का समारोह चलता रहा. जिसमें मुंबई के कुछ कलाकार भी शामिल हुए. यहां एक बात और बता दें कि पृथ्वीराज कपूर और राज कपूर की शादी तो उनके पिता ने तय की. जो पूरी तरह अरेंज मैरिज थीं. लेकिन इसके बाद कपूर परिवार की अधिकतर शादियाँ प्रेम विवाह रहीं.
शम्मी कपूर को घोड़ी पर ना बैठने का अफसोस रहा
पृथ्वीराज अपने बेटों शम्मी कपूर और शशि कपूर की शादी भी धूमधाम से करना चाहते थे. लेकिन ऐसा हो नहीं सका. राज कपूर के छोटे भाई शम्मी कपूर फिल्मों में संघर्ष कर रहे थे.
1955 में फिल्म 'मिस कोका कोला' और 'रंगीन रातें' की शूटिंग के दौरान शम्मी की मुलाक़ात अभिनेत्री गीता बाली से हुई. शम्मी तब सफल कलकार नहीं बने थे और गीता बाली स्टार बन चुकी थीं. लेकिन गीता बाली को शम्मी का मस्त अंदाज़ पसंद आया और दोनों में प्यार हो गया.
हालांकि शम्मी जब भी गीता से शादी की बात करते वह मुस्कुराकर ना में सिर हिला देतीं. उधर कपूर परिवार भी यह नहीं चाहता था कि शम्मी एक अभिनेत्री से शादी करें. गीता, शम्मी से पहले पृथ्वीराज के साथ 'आनंदमठ' में और राज कपूर के साथ 'बावरे नैन' में काम कर चुकी थीं.
उधर शम्मी कपूर, गीता से शादी करने के लिए उतावले थे. एक बार 23 अगस्त 1955 रात को जब शम्मी और गीता रात को 11 बजे मुंबई के जुहू होटल में बैठे थे. तो शम्मी ने फिर से गीता के सामने शादी का प्रस्ताव रखा तो गीता ने हां तो कर दी लेकिन कहा कि शादी अभी करनी होगी.
शम्मी यह बात सुनकर चौंक गए. लेकिन थोड़ी ही देर में शम्मी, गीता को लेकर मुंबई के बाणगंगा मंदिर पहुंचे तो मंदिर के कपाट बंद हो चुके थे. पुजारी ने कहा सुबह 4 बजे आओ.
शम्मी फिर से 4 बजे मंदिर पहुंच गए. उन्होंने वहां अपने मित्र जॉनी वाकर और फिल्म 'कोका कोला' के निर्देशक हरी वालिया को भी बुला लिया. जिससे 24 अगस्त 1955 में यह विवाह बंधन में बंध गए. तब शम्मी 24 साल के थे और गीता 25 बरस की.
दिलचस्प यह रहा कि बस यह शादी हो जाये कि हड़बड़ी में शम्मी अपने साथ सिंदूर तक लेकर नहीं आए. जब पुजारी ने कहा दुल्हन की मांग भरिए तो गीता बाली ने अपने पर्स से लिपिस्टिक निकाल कर दी. तब शम्मी ने लिपिस्टिक से ही गीता की मांग भर दी.
बाद में शादी करके जब शम्मी अपनी पत्नी गीता को लेकर घर पहुंचे तो पृथ्वीराज को अपने बेटे की इस बगावत से दुख हुआ. लेकिन कुछ दिन बाद सब धीरे-धीरे ठीक हो गया.
गीता बाली शादी के बाद भी फिल्मों में काम करती रहीं. शादी के बाद शम्मी का सितारा भी चमक उठा और 'तुमसा नहीं देखा' के बाद वह स्टार बन गए. गीता ने बेटे आदित्य और बेटी कंचन को जन्म दिया. लेकिन शादी के लगभग दस साल बाद 21 जनवरी 1965 को गीता बाली का चेचक की बीमारी के बाद निधन हो गया.
शम्मी इससे बुरी तरह टूट गए. तीन-चार साल बाद शम्मी जब सामान्य हुए तो एक दिन राज कपूर और कृष्णा कपूर ने उन्हें एक फोटो दिखाते हुए कहा तुम इस लड़की से शादी कर लो. यह बहुत अच्छी लड़की है. वह चित्र था भाव नगर के राज परिवार से ताल्लुक रखने वाली नीला देवी का.
नीला देवी से शम्मी पहली बार तब मिले थे जब वह 19 साल के थे और नीला 9 साल की थीं. शम्मी तब अपने पिता के साथ नाटक 'पठान' का शो करने भाव नगर गए थे. बरसों बाद नीला फिर से उनकी ज़िंदगी में आ रही थीं.
शम्मी ने भाई-भाभी के प्रस्ताव पर गौर करने के बाद 26 जनवरी 1969 रात को क़रीब 10 बजे नीला को फोन मिला कर कहा, आप अपने परिवार के साथ कल सुबह मुंबई आ जाओ. दोपहर को हमारे साथ लंच करो. तभी हम शादी कर लेंगे.
नीला पहले इस बात पर चौंक गईं. लेकिन अपने परिवार के साथ बात करके उन्होंने हामी भर दी. तभी रात को शम्मी ने अपने पिता और परिवार के अन्य सदस्यों को भी लंच पर आमंत्रित करते हुए बताया कि मैं कल ही शादी कर रहा हूँ.
27 जनवरी 1969 को शम्मी कपूर ने अपने घर पर ही नीला देवी के साथ फेरे लेकर सादगी से दूसरी शादी कर ली. नीला देवी ने शम्मी-गीता के बच्चों को बिलकुल अपने बच्चों की तरह अपनाया.
नीला देवी आज भी शम्मी कपूर की यादों को बहुत अच्छे से संजोये हैं. कुछ समय पहले जब मैं उनसे मिलने मुंबई में उनके घर गया तो यह देख हैरान हुआ कि शम्मी कपूर पर मेरे लिखे विभिन्न लेख भी उन्होंने एक फ़ाइल में लगाकर रखे थे. उन्होंने बताया, "शम्मी जी पर बरसों से जो भी कहीं प्रकाशित हुआ मुझे मिलता है, मैं उसे संग्रहित कर लेती हूँ."
उधर शम्मी कपूर से कई बरस पहले नोएडा फिल्म सिटी में ईगल फिल्म्स स्टूडियो के उद्घाटन पर शम्मी कपूर से मेरी बात हुई तो उन्होंने बातों बातों में अपने एक दर्द को साझा किया.
शम्मी कपूर ने बताया था, "मेरी दो-दो शादियां हो चुकी हैं. लेकिन मुझे अफसोस है दोनों बार मुझे घोड़ी पर बैठने का मौका नहीं मिला."
उधर शशि कपूर की बात करें तो उन्होंने सिर्फ 20 बरस की उम्र में अपने से 5 साल बड़ी जेनिफ़र केंडल से शादी कर ली थी. जबकि शशि तो 18 की उम्र में ही जेनिफ़र से शादी करने के लिए मचलने लगे थे. लेकिन तब घरवालों ने कहा यह कोई उम्र है शादी की.
कपूर परिवार गीता बाली की तरह पहले जेनिफ़र को भी अपने घर की बहू बनाने को तैयार नहीं था. क्योंकि वह अभिनेत्री होने के साथ अंग्रेज़ महिला थीं. उधर जेनिफ़र के पिता ज्योफ़री केंडल भी इस शादी के सख्त ख़िलाफ़ थे.
एक बार शशि कपूर ज्योफ़री के साथ नाटक के लिए सिंगापुर गए हुए थे. तब जेनिफ़र ने अपने पिता से कहा वह शशि के साथ शादी करना चाहती हैं. यह सुनते ही ज्योफ़री भड़क उठे. तब जेनिफ़र ने अपने पिता को छोड़ शशि के साथ भारत आने का फ़ैसला लिया.
शशि और जेनिफ़र एक जुलाई 1958 को जैसे-तैसे मुंबई पहुंचे. उसके बाद अगले ही दिन 2 जुलाई 1958 को पृथ्वीराज के माटुंगा स्थित घर में दोनों का विवाह समारोह बेहद सादगी से मात्र 3 घंटे में सम्पन्न हो गया.
पृथ्वीराज उन दिनों जयपुर में फिल्म 'मुगल-ए आज़म' की शूटिंग में व्यस्त थे. लेकिन 'मुगल-ए आज़म' के निर्देशक के आसिफ़ ने एक निजी विमान की व्यवस्था कराकर पृथ्वीराज को कुछ घंटों के लिए मुंबई भेजा था. शादी होते ही पृथ्वीराज अपने पुत्र और पुत्र वधू को आशीर्वाद देकर जयपुर रवाना हो गए.
रणधीर-बबीता की शादी
राज कपूर ने अपने बेटे रणधीर कपूर को बतौर नायक और निर्देशक लॉन्च करने के लिए फिल्म 'कल आज और कल' का काम शुरू किया तो फिल्म की नायिका के रूप में बबीता को लिया.
फिल्म की शूटिंग के दौरान रणधीर, बबीता के प्रेम में कुछ इस तरह दीवाने हुए कि वह बबीता से शादी के लिए ज़िद कर बैठे. राज कपूर और पृथ्वीराज अपने परिवार में फिर से एक और अभिनेत्री आता देख कुछ परेशान हुए. लेकिन रणधीर की जिद के आगे वह बेबस हो गए.
'कल आज और कल' की रिलीज़ से क़रीब एक महीना पहले ही दोनों की शादी हो गयी. जब 6 नवंबर 1971 को रणधीर और बबीता ने विवाह किया तब वो दोनों 24 साल के थे.
बबीता ने शादी के बाद फिल्मों में काम करना छोड़ एक नयी परंपरा को जन्म दिया. लेकिन हालात कुछ ऐसे बने कि करिश्मा और करीना के जन्म बाद पति-पत्नी में अनबन बढ़ती गई. दोनों ने तलाक तो नहीं लिया लेकिन दोनों आज भी अलग रहते हैं. सिर्फ दुख-सुख या किसी समारोह के दौरान ही रणधीर-बबीता मिल पाते हैं.
ऋषि-नीतू की वह यादगार शादी
जब ऋषि कपूर ने भी अपनी नायिका नीतू सिंह के साथ शादी करने का फ़ैसला अपने परिवार को बताया तो इस बार राज कपूर झट से तैयार हो गए. ऋषि-नीतू फिल्म 'रफूचक्कर' और 'खेल-खेल में' के बाद जब कश्मीर में 'कभी-कभी' की शूटिंग कर रहे थे तब दोनों में प्यार हो गया.
राज कपूर दोनों की शादी से कितना खुश थे उसका अंदाज़ इससे भी लगता है कि दोनों के प्रेम प्रसंग के बावजूद राज कपूर ने नीतू की मम्मी राजी सिंह को अद्भुत अंदाज़ में झुककर कहा था- "अपनी बेटी का हाथ मेरे लड़के को सौंप दो."
राज कपूर का यह अंदाज़ देख राजी सिंह अभिभूत हो गयी थीं.
ऋषि-नीतू के रोमांस की चर्चा 1976 से इसी तरह लगातार सुर्खियों में थी जिस तरह पिछले 4 बरसों से रणबीर-आलिया के प्रेम प्रसंगों की गूंज है.
तब हर कोई सोचता था यह शादी होगी या नहीं. जब 13 अप्रैल 1979 को बैसाखी के दिन दोनों की सगाई हो गई तब लगा कि शादी होगी. लेकिन सगाई के सात-आठ महीने बाद भी दोनों की शादी नहीं हुई तो फिर लगा कि कुछ गड़बड़ है.
इन अटकलों को तब विराम लगा जब 22 जनवरी 1980 को दोनों का विवाह हो गया. ऋषि तब 28 साल के थे और नीतू 22 साल की. शादी के अगले दिन 23 जनवरी को आरके स्टूडियो में शादी का भव्य रिसेप्शन हुआ.
दिलचस्प यह है कि इधर रणबीर-आलिया की सगाई-मेहंदी की रस्म भी 14 अप्रैल को बैसाखी के दिन हुई. जिस तरह ऋषि कपूर ने अपने शादी समारोह में क्रीम कलर का सूट पहना हुआ था, कुछ उसी तरह रणबीर ने भी अपनी शादी में भी क्रीम कलर की ही पोशाक पहनी. (bbc.com)
मुंबई, 14 अप्रैल। अभिनेता रणबीर कपूर और अभिनेत्री आलिया भट्ट बृहस्पतिवार को करीबी संबंधियों और दोस्तों की मौजूदगी में यहां एक समारोह में परिणय-सूत्र में बंध गये। उनके करीबी सूत्रों ने यह जानकारी दी।
शादी समारोह के बाद बांद्रा के उनके अपार्टमेंट से मेहमानों को लौटते हुए देखा गया। परिवार ने इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन परिवार के करीबी लोगों ने बताया कि शाम करीब 5:15 बजे परिणय संबंधी औपचारिकताएं पूरी हुईं।
अपार्टमेंट परिसर से सबसे पहले रणबीर के बहनोई भरत साहनी को निकलते देखा गया। समारोह समाप्त होने के बाद लौट रहे मेहमानों के लिए रास्ता साफ करने के लिहाज से बाउंसरों को सक्रिय देखा गया। (भाषा)
-वंदना
यूँ तो क़िस्सा आलिया भट्ट की शादी का है और ये उनके लिए एक निजी रस्म भर ही होनी चाहिए लेकिन इस शादी के अलग मायने हैं क्योंकि एक दौर था जब हिंदी फ़िल्मों की हीरोइन शादी या करियर में से एक साथ किसी एक को ही चुन पाती थी.
पिछले कुछ सालों में करीना, अनुष्का, दीपिका, प्रियंका, कटरीना और अब आलिया भट्ट की शादी ने इसे बहुत हद तक नॉर्मलाइज़ कर दिया है.
लेकिन 80 के दशक से लेकर नई सदी के पहले दशक का दौर कुछ अजीबोग़रीब सा दौर रहा, जहाँ फ़िल्मी हीरोइन का करियर उसकी शादी और माँ बनने के ग्राफ़ से चढ़ता-उतरता था.
इसकी एक छोटी सी मिसाल 90 के दशक में मिलती है, जब माधुरी और जूही चावल जैसी हीरोइनें करियर की पीक पर थीं.
जूही चावला एक के बाद एक हिट फ़िल्में दे रही थीं लेकिन माँ के अचानक गुज़र जाने के बाद वो निजी ज़िंदगी में बहुत मुश्किल वक़्त से गुज़र रही थीं. उसी दौरान उनकी मुलाक़ात जय मेहता से हुई. दोनों की नज़दीकियाँ बढ़ीं और जूही ने शादी कर ली. लेकिन ये शादी एक सिक्रेट था. जूही ने लंबे वक़्त तक इसे ज़ाहिर नहीं किया.
बरसों बाद जूही चावला ने इस बारे में कई बार बात की. पूर्व पत्रकार राजीव मसंद से इंटरव्यू में जूही ने बताया था, "तब मैंने फ़िल्म इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाई थी और मैं अच्छा काम कर रही थी. उसी दौरान जय मेरी ज़िंदगी में आए. मुझे डर था कि मेरा करियर डूब जाएगा. मैं काम करते रहना चाहती थी और मुझे लगा कि शादी छिपाना बीच का एक रास्ता होगा."
यानी एक सफल अभिनेत्री को सिर्फ़ करियर बचाने के लिए ऐसा सोचना पड़ा? जबकि उनके साथ के हीरो- चाहे वो आमिर हों या शाहरुख़ या कोई और किसी को इस तरह शादी छिपाने की नौबत नहीं पड़ी.
बरसों से फ़िल्मी दुनिया को कवर करती आईं वरिष्ठ पत्रकार भारती दुबे कहती हैं कि 80 के दशक से लेकर नई सदी के पहले दशक तक हिंदी फ़िल्मी एक अजीबोग़रीब दौर से गुज़री, जहाँ ये धारणा सी बनती गई कि शादी के बाद अभिनेत्री का करियर ख़त्म हो जाएगा.
हालांकि 80 के दशक से पहले तक, ख़ासकर 50, 60, 70 के दशक में हिंदी फ़िल्म की हीरोइन इस मायने में ज़्यादा आज़ाद नज़र आती हैं. इसे समझने के लिए हमें थोड़ा अतीत में झांकना होगा.
50 के दशक में नूतन ने नागिन, हम लोग जैसी फ़िल्मों से शुरुआत की और 1952 में वो मिस इंडिया बन गईं. 1955 में आई सीमा और 1959 में आई सुजाता के बाद वो टॉप की हीरोइनों में शुमार हो गईं.
इसी बीच 1959 में नूतन ने रजनीश बहल से शादी की. लेकिन उनके करियर पर नज़र डालें तो उनके करियर की बेहतरीन फ़िल्में शादी के बाद ही रिलीज़ हुईं और वो अंत तक काम करती ही रहीं.
छलिया, बंदिनी, सरस्वती चंद्र, मिलन, सौदागर, मैं तुलसी तेरे आंगन की, मेरी जंग ये सारी फ़िल्में शादी के बाद रिलीज़ हुईं, जिसमें से ज़्यादातर कॉमर्शियल फ़िल्में थीं और नूतन मुख्य हीरोइन थीं और उन्होंने कई फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार भी जीते.
बंदिनी में एक क़ैदी के रोल निभाने वाली नूतन को 1964 में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला था. बिमल रॉय की इस फ़िल्म की शूटिंग के वक़्त तो नूतन गर्भवती थीं और फ़िल्म इसी दौरान शूट भी की गई.
नूतन की ही साथी कलाकार मीना कुमारी ने भी 50 के दशक में कमाल अमरोही से शादी की. अगले 10-15 साल में मीना कुमारी ने फ़िल्मों में एक से बढ़कर एक रोल किए. हालांकि ये अफ़वाहें हमेशा रहीं कि कामयाबी के शिखर पर बैठीं मीना कुमारी के फ़िल्मों में काम करते रहने को लेकर ही कमाल अमरोही और उनके बीच दरार आई.
लेकिन शादी शुदा होना कभी मीना कुमारी और किसी रोल के बीच में नहीं आया चाहे वो कोहिनूर, आज़ाद, साहिब बीबी और ग़ुलाम, आरती या दिल अपना और प्रीत पराई जैसी फ़िल्मों हों. 1972 में आई पाकीज़ा उनका आख़िरी सलाम साबित हुआ.
70 के दशक तक आते-आते शर्मिला टैगोर जैसी अभिनेत्रियों का दौर आ चुका था. सुपरस्टार राजेश खन्ना के साथ उनकी जोड़ी सुपरहिट थी. सितंबर 1969 में रिलीज़ हुई आराधना ने धूम मचाई हुई थी. उसी के तीन महीने बाद शर्मिला टैगोर ने मंसूर अली पटौदी से शादी कर ली.
लेकिन शर्मिला ने अपना बेहतरीन काम शादी के बाद ही किया और सारे बड़े अभिनेताओं का साथ काम किया. अमर प्रेम, मौसम, सफ़र, दाग़, आविष्कार, चुपके चुपके ये सारी फ़िल्में उनकी शादी की बाद की हैं.
असित सेन की फ़िल्म सफ़र की शूटिंग के दौरान वो माँ बनने वाली थीं. दरअसल, शादी के बाद तो शर्मिला टैगोर पहले से भी ज़्यादा कामयाब होती गईं.
फ़र्स्ट पोस्ट में पत्रकार सुभाष के झा को दिए इंटरव्यू में शर्मिला टैगोर ने कहा था, ''फ़िल्म 'बेशर्म' की शूटिंग जब चल रही थी, तो सबा पैदा होने वाली थी. लोग शायद ऐसा सोचते हैं कि कुछ दर्शक शादीशुदा अभिनेत्रियों को फ़िल्मों में देखना पसंद नहीं करते. पर मैं सोचती हूँ कि अगर आप दर्शकों को एक अच्छी कहानी और अच्छी फ़िल्म देंगे, तो वो आपको नज़रअंदाज़ नहीं कर पाएँगे. उन दिनों समाज ये स्वीकार नहीं करता था कि एक औरत काम पर जाए और बच्चों को घर पर छोड़ जाए.
यहाँ तक कि अपने ग्लैमरस और वैंप वाले रोल के लिए मशहूर बिंदू भी जब फ़िल्मों में आईं तो उनकी शादी हो चुकी थी.
वो उस वक़्त काफ़ी छोटी थीं लेकिन निर्देशक राज खोसला ने उन्हें 1969 में आई दो रास्ते में मुमताज़ के साथ साथ मेन रोल दिया. देखते ही देखते उन्होंने इत्तेफ़ाक, आया सावन झूम के, अभिमान, कटी पतंग साइन कर ली, जिसमें उनका कैबरे ख़ूब मशहूर हुआ.
ये वो भी दौर था जब 1973 में राज कपूर की टीनएज रोमांस वाली फ़िल्म बॉबी रिलीज़ हुई थी. महज़ 16 साल की डिंपल कपाड़िया ने तुरंत राजेश खन्ना से शादी कर ली और फ़िल्मों को अलविदा कह दिया लेकिन राजेश खन्ना से अलग होकर 1984 में ज़ख़्मी शेर मे कमबैक किया. सागर, काश, रामलखन, रुदाली ये फ़िल्में कीं.
लेकिन यहाँ 80 के दशक से लेकर नई सदी के पहले दशक का दौर कुछ अजीबोग़रीब सा दौर रहा जहाँ फ़िल्मी हीरोइन का करियर उसकी शादी और माँ बनने के ग्राफ़ से चढ़ता-उतरता था.
ये वो दौर भी था जहाँ एंग्री यंग मैन वाले दौर में या तो हीरो के आगे बात ज़्यादा बढ़ती नहीं था या हीरोइन बहुत सारी फ़िल्मों में सिर्फ़ रोमांस करने तक ही सीमित रहने लगी.
नीतू कपूर ने भी ऋषि कपूर से शादी के बाद फ़िल्में छोड़ दीं. दरअसल, करिश्मा और करीना कपूर से पहले तक तो कहा जाता था कि शादी के बाद कपूर ख़ानदान की लड़कियाँ फ़िल्मों में काम नहीं करतीं चाहे वो नीतू हों या बबीता.
वरिष्ठ पत्रकार भारती दुबे कहती हैं, "मौसमी चटर्जी का ही उदाहरण देखें. उन्होंने शादी के बाद भी फ़िल्में कीं. लेकिन फिर एक समय ऐसा आया जब अभिनेत्रियों के लिए शादी करना और करियर बनाना संभव नहीं था. उस समय फिल्में एक ऐसा माध्यम था, जिसमें लोग हीरोइन के बारे में एक ख़ास तरह की कल्पना करते थे. उन दिनों अगर आप करियर के दौरान शादी कर भी लेते थे तो एक्ट्रेस 5 से 10 साल तक अपनी शादी को सीक्रेट रखती थीं."
"इसलिए निर्माता ऐसी अभिनेत्री को फ़िल्म के लिए साइन नहीं करना चाहते थे और 2000 तक ऐसा ही चला. कुछ एक्ट्रेस जब वापसी करती भी हैं तो हमेशा उन्हें पॉज़िटिव रिस्पॉन्स नहीं मिलता था. माधुरी दीक्षित ने भी वापसी की लेकिन शुरुआत में उन्हें मनचाही प्रतिक्रिया नहीं मिली."
लेकिन नई दौर की हीरोइनों ने इस पुरानी स्क्रिप्ट के स्क्रीनप्ले को धीरे-धीरे बदल दिया है.
आज अगर विकी कौशल और रणवीर सिंह जैसे टॉप हीरो शादी के बाद करियर को आगे बढ़ा रहे हैं तो कटरीना और दीपिका भी.
प्रियंका चोपड़ा ने भी करियर के ऐसे मकाम पर शादी की जब वो बॉलीवुड ही नहीं हॉलीवुड तक पहुँच चुकी थीं.
बीबीसी मराठी से बात करते हुए भारती दुबे कहती हैं, "अब समाज बदल गया है, शादी का ऐलान खुलेआम किया जाता है. दीपिका पादुकोण की हालिया फिल्म 'गहराइयां' पर नज़र डालें तो आप समझ जाएंगे कि शादी के बाद इंटीमेट सीन देना कोई बड़ी बात नहीं रही है. आलिया की बात करें तो आलिया और उनके फैंस उनकी शादी से प्रभावित नहीं हैं. उल्टे उनके फैंस उनके लिए ख़ुश हैं."
इससे पहले 2012 में करीना कपूर ने शादी की थी और वो लगातार काम कर रही हैं और माँ बनने के बाद भी. आज उनका भाई रणबीर कपूर शादी कर रहा है तो उनकी होने वाली दुल्हन आलिया भटट् सफलता की चोटी पर बैठी है.
हालांकि ये बहुत निजी फ़ैसला है कि शादी के बाद कोई अपने करियर को क्या दिशा देना चाहता है. लेकिन अपनी मर्ज़ी से फ़िल्म न करना और शादी के बाद फ़िल्में न मिलना दोनों में फ़र्क है.
यूँ तो आलिया भट्ट की शादी किसी भी दूसरी लड़की की शादी की तरह एक रस्म भर है और इसमें विश्लेषण करने जैसी कोई बात या गुंजाइश होनी नहीं चाहिए.
लेकिन चाहे-अनचाहे ही सही, हाईवे, राज़ी और गंगूबाई जैसे अपने लीक से हटकर रोल्स की तरह, आलिया भट्ट ग्लैमर वर्ल्ड और औरतों से जुड़े स्टीरियोटाइप को अपने तरीके से दूर तो कर ही रही हैं.
यहाँ अंग्रेज़ी फ़िल्म नॉटिंग हिल का एक सीन याद आता है जिसमें जूलिया रॉबर्टस, ह्यू ग्रांट के पास जाती हैं. फ़िल्म में जूलिया हॉलीवुड की टॉप हीरोइन का रोल कर रही हैं और उन्हें ह्यू ग्रांट से प्यार हो जाता है जो फ़िल्मी दुनिया से नहीं हैं. अपने करियर की ऊँचाई पर बैठी जूलिया के बारे में जब ये ख़बरें फैलती हैं तो काफ़ी हंगामा होता है.
जूलिया ह्यू ग्रांट से अपने दिल की बात कुछ यूँ कहती हैं- ''आई एम ऑलसो जस्ट ए गर्ल, स्टेडिंग इन फ़्रंट ऑफ़ ए बॉय, आस्किंग हिम टू लव हर.'' यानी मैं भी तो एक साधारण सी लड़की हूँ, जो एक लड़के के सामने खड़े होकर बस इतना कह रही है कि वो उससे प्यार करे.
यूँ तो सीधे-सीधे इस सीन का इस लेख से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन जब भी भारत में किसी टॉप हीरोइन की शादी होती है तो चर्चे होने लगते हैं कि शादी के बाद क्या होगा, हीरोइन का करियर चलेगा या नहीं.
तब अक्सर यही लाइन याद आ जाती है कि आख़िर पर्दे के पीछे वो हीरोइन भी तो एक साधारण लड़की है जो अपने निजी ज़िंदगी के फ़ैसले भर लेने की कोशिश कर रही है. (bbc.com)
बॉलीवुड एक्टर रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की शादी की चर्चा के बीच बॉलीवुड अभिनेत्री नीतू कपूर का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वो अपने बेटे की शादी को लेकर मीडियाकर्मियों से बात कर रही हैं.
फ़िल्मफ़ेयर के शेयर किए एक वीडियो में नीतू कपूर से एक मीडियाकर्मी सवाल करते हैं, "मैम शादी कब है, कितने दिन बाकी हैं. 12,13, 14 (अप्रैल) में एक डेट बता दीजिए."
इस पर नीतू कपूर जवाब देती हैं, "आगे बढ़ो यार. आपको क्या है...कभी भी करें. मैं क्यों बताऊं."
कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि रणबीर कपूर और आलिया भट्ट 14 अप्रैल को शादी करने वाले हैं. (bbc.com)
-पराग छापेकर
पहले ओटीटी का हमला और फिर कोरोना की मार, इनकी वजह से बेदम बॉलीवुड के सामने दर्शकों को सिनेमाघरों तक खींचने की जो चुनौती सामने आई है उसने सिनेमा बनाने वालों को गहरी परेशानी में डाल दिया है.
फ़िल्म मेकर्स को ये तो समझ में आ ही चुका है कि हथेली में सिमट चुकी मनोरंजन की दुनिया से दर्शकों को बाहर निकाल कर सिनेमाघरों तक पहुंचाना अब इतना आसान नहीं होगा और इसके लिए किसी 'करिश्मे' की जरूरत होगी, और वो करिश्मा होगा - लॉर्जर दैन लाइफ़ यानी बहुत भव्य फिल्में.
दरअसल, हाल में आई एसएस राजामौली की फिल्म आरआरआर ने ये साफ कर दिया है कि अब अगर दर्शकों को सिनेमाघर तक लेकर आना है तो उसके लिए इस तरह का भव्य सिनेमा बनाना होगा जिसके बारे में दर्शक ये मान लें कि उसे बड़े परदे पर ही देखने में मज़ा आएगा.
तो बड़ा बजट, बड़े स्टार, बड़ा स्केल और भारी भव्यता समय की मांग हैं.
बॉलीवुड वाले समझने लगे हैं कि 600 रुपये का टिकट लेकर थिएटर में जाने वाले को अगर भव्यता के अनुभव के साथ पूरा एंटरटेनमेंट नहीं मिलेगा तो वह ओटीटी के मायाजाल से बाहर नहीं निकलेगा.
ऐसा नहीं है कि बॉलीवुड वालों ने कभी भव्य सिनेमा बनाया ही नहीं. अलग-अलग दौर में भव्यता का पैमाना अलग-अलग रहा है. सत्तर और अस्सी के दशक में मल्टीस्टारर फिल्में खूब बना करती थीं और चलती भी थीं.
लेकिन नाइनटीज के बाद से उसमें कमी आई और फिर एक समय तो ये उंगलियों पर गिनी जाने वाली फिल्मों में शुमार हो गईं. यशराज, करण जौहर, संजय लीला भंसाली और साजिद नाडियाडवाला जैसे फ़िल्मकारों ने लगातार बड़े बजट और बड़े स्केल की फिल्में बनाकर दर्शकों को सिनेमाघरों तक खिंचने का सिलसिला जारी रखा था.
फिर भी हाल के वर्षों में राजामौली की बाहुबली (भाग एक और दो) ही एक ऐसी फिल्म रही जिसे दर्शकों ने जितनी बार भी देखा, थिएटर में ही जाना पसंद किया. इधर सूर्यवंशी, पुष्पा, गंगूबाई काठियावाडी और आरआरआर देखने के लिए सिनेमाघर भरे हैं तो इसमें उनकी मेकिंग और कुछ बड़ा करने की सोच जिम्मेदार है.
जाने-माने ट्रेड एक्सपर्ट तरण आदर्श बताते हैं कि एक समय था जब लोग कह रहे थे कि ओटीटी के आने से ब़ड़े पर्दे का चार्म खत्म हो जाएगा लेकिन कोरोना के बाद अब पुष्पा, गंगूबाई काठियावाडी, आरआरआर और कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्मों की कमाई की वजह से ऐसा लगता है कि बड़े पर्दे का जादू पूरी तरह खत्म नहीं होगा.
ओटीटी आपके घर में है वो आप कभी भी देख सकते हैं लेकिन बड़ी फिल्मों का मज़ा बड़े पर्दे पर ही आता है.
तरण आदर्श मानते हैं कि कम्युनिटी व्यूइंग का जो अनुभव थिएटर में हो सकता है वो घर में नहीं मिलेगा. बड़े पर्दे का मतलब ही होता है कि बड़ी फिल्में. आज जब टिकट महँगे हैं तो दर्शकों को बड़ा मनोरंजन भी चाहिए.
बड़ा स्केल भी चाहिए और बड़े सितारे भी चाहिए. आरआरआर से एक बेंचमार्क सेट हुआ है. 500 या 600 रुपये देकर जो देखने मिला है उससे अब आने वाली फिल्मों को उसी तराजू में तौला जाएगा. और इसीलिए अब बॉलीवुड प्रोड्यूसर्स को बड़ा एंटरटेनमेंट देना ही पड़ेगा. बड़ा स्केल बनाना ही पड़ेगा.
आने वाली फिल्मों की लिस्ट देखकर कुछ उम्मीद बंधती दिखती है.
रणवीर कपूर- आलिया भट्ट की ब्रहमास्त्र, प्रभास और सैफ की आदिपुरूष, केजीएफ का दूसरा भाग, अजय देवगन-अमिताभ बच्चन की रनवे 34, रणबीर की शमशेरा, टाइगर श्राफ की हीरोपंती 2, शाहरूख खान की पठान, अक्षय कुमार की पृथ्वीराज जैसी कुछ फिल्में होंगी, जो दर्शकों को सिनेमाघर तक खींच लाने में सफल हो सकती हैं, क्योंकि इन फिल्मों को लार्जर दैन लाइफ बनाने की कोशिश की गई है.
अभी हाल ही की बात है जब सलमान खान ने 'लार्जर दैन लाइफ' फिल्मों की वकालत करते हुए कहा था कि "हमारी फिल्मों का साउथ वालों की तरह नहीं चलने का एक कारण ये भी है कि वो लोग हीरोगिरी को खूब बढ़ावा देते हैं. कुछ लोगों को तो ये लगता है कि इंडिया मे जो कुछ है वह बस कफ परेड और अंधेरी के बीच में ही है, बाहर निकलो और देखो."
दरअसल, बॉलीवुड वालों को एक समय गुमान हो गया था कि फ़िल्में सिर्फ स्टार वैल्यू से चलती हैं लेकिन शाहरूख से लेकर अक्षय तक सबने इसका खामियाजा भुगता है.
कोरोना काल के पहले के कुछ वर्षों में छोटे शहरों की मैसेज बेस्ड कहानियों का खूब बोलबाला रहा था लेकिन वह ज़ॉनर अलग है और थिएटर्स को हाउस फुल करने के लिए काफी नहीं है.
निर्देशक संजय पूरन सिंह कहते हैं, "मुझे लगता है कि ऑडियंस ने डिसाइड कर लिया है कि अब हम थियेटर में उसी चीज़ के लिए जाएँगे जिसका मज़ा ओटीटी या छोटी स्क्रीन पर नहीं आएगा, तो अब मेकर्स को लगने लगा है कि अगर फिल्म को एक इवेंट नहीं बनाएँगे, अगर वो लार्जर देन लाइफ वाली फीलिंग नहीं देगी, तो नहीं चलेगा."
उनका कहना है, "एक जमाना था जब हमारे यहां मल्टीस्टारर बड़ी-बड़ी फिल्में बनती थीं, हम इंतजार करते थे, थिएटर्स में जाते थे और फिल्में हिट हो जाती थीं. साउथ तो पहले ही इस दिशा में आगे बढ़ चुका है. हर एक-डेढ़ महीने में उनके पास एक पैन-इंडिया फिल्म है .ऐसे में बॉलीवुड को कमर कसनी होगी. ये ट्रेंड कभी आउट ऑफ फैशन नहीं होगा. 90 के दशक से हमने ऐसी फिल्में बनानी बंद की थी लेकिन अब उनकी वापसी होगी."
देश में जब सोशल मीडिया का बूम आया तो पब्लिसिटी और प्रमोशन को मुख्य हथियार बनाया गया. नए-नए आइडिया और खूब सारे पैसे झोंककर दर्शकों को रिझाने की कोशिश होती रही है.
हालांकि निर्माता और स्टार्स पब्लिक को मूर्ख समझने की भूल कर बैठते हैं और कई बार उन्हें मुंह की खानी पड़ती है. फिल्मी दुनिया में माउथ पब्लिसिटी आज भी सबसे बड़ा जरिया है और इसका उदाहरण हालिया 'कश्मीर फाइल्स' में देखा गया जहां महज 500 स्क्रीन्स से शुरू हुई फिल्म एक हफ्ते में चार हज़ार स्क्रीन्स तक पहुंच गई.
ये बात तो एकदम सच है कि अगर अच्छा कन्टेंट न हो तो दर्शक सिनेमाघरों में फिल्में देखने नहीं जाएँगे लेकिन उन्हें वहां तक लाने के लिए थिएटर वाली फीलिंग तो दिलानी जरूरी ही है.
फिल्में जब तक मास एंटरटेनर नहीं होंगी, ओटीटी तक ही सिमटकर रह जाएँगी. (bbc.com)
KKR की फैन है यह मिस्ट्री गर्ल
मिस्ट्री गर्ल की तस्वीर कैमरे में तब कैद हुई जब रविवार शाम मैच के दौरान उमेश यादव को आउट करने के लिए अपनी ही गेंद पर कुलदीप यादव ने शानदार कैच लपका था.
एक्ट्रेस आरती बेदी हैं यह मिस्ट्री गर्ल
शुरू में यह नहीं पता था कि सफेद टॉप पहने लड़की कौन थी, लेकिन बाद में पता चला कि वह पेशे से अभिनेत्री आरती बेदी थीं.
इंस्टाग्राम पोस्ट से दिखा KKR की फैन हैं बेदी
बाद में दिन में, उन्होंने कथित तौर पर अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर तीन पोस्ट कीं जहां उन्हें श्रेयस अय्यर की अगुवाई वाली केकेआर के लिए अपना समर्थन दिखाते हुए देखा जा सकता है.
कई विज्ञापनों में काम कर चुकी हैं आरती
आरती बेदी ने कई विज्ञापनों में काम किया है. जब कैमरामैन बारबार उनकी तस्वीर स्क्रीन पर दिखा रहा था तो एक फैन ने इंस्टाग्राम पर लिखा, कैमरे वाले भाई साहब, थोड़ा इन मैडम से फोकस हटाकर मैच भी दिखा दो.
कोलकाता के आगे के मैचों में भी करेंगी शिरकत
हालांकि रविवार को केकेआर की इस फैन को मायूस होना पड़ा क्योंकि उनकी टीम दिल्ली के खिलाफ अपना मैच जो हार गई. लेकिन उम्मीद है कि वह केकेआर के अन्य मैचों में भी टीम का मनोबल बढ़ाने के लिए मैच देखने पहुंचेंगी.
वायरल होने के बाद इंस्टाग्राम पर जताया आभार
सोशल मीडिया पर आज आरती बेदी की ही चर्चा है. ऐसे में देर शाम उन्होंने खुद को वायरल करने के लिए फैन्स को इस अंदाज में थैंक्यू कहा (india.com)
-मधु पाल
अभिनेत्री आलिया भट्ट और अभिनेता रणबीर कपूर की लव स्टोरी चर्चा में है. भट्ट परिवार के मुताबिक दोनों शादी करने जा रहे हैं. शादी की तारीख़ भी तय हो गई है.
इनकी प्रेम कहानी की बात करें तो आलिया भट्ट ने अपनी पहली फ़िल्म की रिलाज़ से पहले ही रणबीर कपूर के लिए अपने प्यार को लगभग जग ज़ाहिर कर दिया था. वो साल था 2012 जब आलिया की फ़िल्म ' स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर' आई थी.
लंबे समय से आलिया भट्ट और रणबीर कूपर की शादी की चर्चाएं चल रही हैं. सोशल मीडिया पर साथ में तस्वीर आने पर लोग उनकी शादी की तारीख़ पूछने लगते.
अब शादी की तारीख सामने आ गई है. आलिया भट्ट के चाचा रॉबिन भट्ट ने बीबीसी से इसकी पुष्टि की और बताया, "आलिया और रणबीर की शादी 14 अप्रैल को होगी. शादी का रिसेप्शन पांच दिन का यानी 17 से 18 अप्रैल तक होगा. शादी की रस्में आरके हाउस में होने वाली हैं."
आलिया और रणबीर मुंबई के आरके हाउस में ही शादी करेंगे. शादी समारोह में कपूर और भट्ट परिवार के साथ उनके करीबी दोस्त भी शामिल होंगे. आलिया शादी से पहले अपने खास दोस्तों के साथ एक बैचलर पार्टी भी रखने वाली हैं.
नीतू कपूर की चहेती हैं आलिया
आलिया भट्ट अब कपूर परिवार से जुड़ने जा रही हैं. इसके पहले वो फ़िल्मों में कपूर परिवार के साथ काम कर चुकी हैं.
आलिया ने अपनी पहली फ़िल्म 'स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर' में अभिनेता ऋषि कपूर के साथ काम किया था. उसके बाद आलिया ने ऋषि कपूर के साथ फ़िल्म 'कपूर एंड संस' में भी अभिनय किया.
ऋषि कपूर कई बार आलिया भट्ट की एक्टिंग की तारीफ करते दिखे. उन्होंने कई बार ये बात कही कि आलिया आज के युवा कलाकारों में से सबसे ज़्यादा प्रतिभाशाली अभिनेत्रियों में से एक है.
ऋषि कपूर की तरह आलिया का रिश्ता रणबीर की माँ और अभिनेत्री नीतू कपूर के साथ भी बेहद खास रहा है. आलिया की तारीफ़ करते हुए नीतू कपूर कहती हैं , ''मैं आलिया से बहुत प्यार करती हूँ. आलिया बेहतरीन इंसान हैं. और बहुत प्यारी हैं. वो दोनों एक साथ एक अच्छी जोड़ी बन सकते हैं और अब मुझे भी उनकी शादी का इंतज़ार है.''
आलिया भट्ट ने रणबीर कपूर को लेकर अपने झुकाव के संकेत ''कॉफ़ी विद करण'' शो में दिए थे.
जब वो पहली बार अपनी फ़िल्म 'स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर' के प्रमोशन के लिए शो में गई थीं. शो में निर्देशक और निर्माता करण जौहर ने उनसे ये पूछा, "अपनी शादी के स्वयंवर में आप किन तीन अभिनेताओ को देखना चाहेंगी."
इस पर आलिया ने सबसे पहला नाम रणबीर कूपर का लिया था. उसके बाद सलमान ख़ान और आदित्य रॉय कपूर का था.
फिर करण जौहर ने दो और सवाल किए जिनके जवाब में भी आलिया ने रणबीर कपूर का ही नाम लिया. ये सवाल थे कि आलिया 'स्टीमी सीन' यानी 'कामोत्तेजक सीन' किसके साथ करना चाहेंगी और शादी किससे करना चाहेंगी. उनकी तब कही बात अब हकीकत बनने जा रही है.
आलिया और रणबीर की पहली मुलाक़ात
ये बात बहुत कम लोग जानते हैं कि आलिया भट्ट की लव स्टोरी की शुरुआत संजय लीला भंसाली के सेट पर हुई थी. आलिया भट्ट ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने साल 2005 में पहली बार रणबीर कपूर को देखा था और 'तब मुझे पहली बार रणबीर पर क्रश हुआ था.'
उन्होंने बताया था,'जब मैं संजय लीला भंसाली की फ़िल्म 'ब्लैक' के लिए ऑडिशन दे रही थी तब रणबीर वहां एक असिस्टेंट के तौर पर काम कर रहे थे. यहीं पर उन्हें देखते ही मैं दिल हार गई थी.'
कब दिखे साथ
आलिया भट्ट और रणबीर कपूर के अफेयर के चर्चे तब शुरू हुए जब इन दोनों ने निर्देशक अयान मुखर्जी की फ़िल्म 'ब्रह्मास्त्र' साइन की.
शुरुआत में लोगों को लगा कि ये बात फ़िल्म 'ब्रह्मास्त्र' के प्रमोशन का हिस्सा है लेकिन धीरे -धीरे ये गॉसिप भी शुरू हो गई कि ब्रह्मास्त्र की शूटिंग के वक़्त से वो एक-दूसरे को डेट कर रहे हैं.
अफेयर की खबरों को तब और हवा मिली जब आलिया और रणबीर सोनम कपूर के शादी के रिसेप्शन मेंपहली बार एक साथ एक-दूसरे का हाथ थामे पहुंचे. इसके बाद से कई अवॉर्ड फंशन में भी दोनों एक साथ दिखे थे.
रणबीर कपूर बॉलीवुड के उन हीरो में से एक हैं जिनका नाम कई अभिनेत्रियों जैसे दीपिका पादुकोण, कटरीना कैफ़ और सोनम कपूर के साथ जुड़ चुका है. लेकिन, ऐसा पहली बार हुआ कि रणबीर कपूर के परिवारिक समारोह में उनकी प्रेमिका और परिवार एक साथ शामिल हों.
आलिया भट्ट अपने पिता महेश भट्ट और माँ सोनी राजदान के साथ कपूर परिवार के कई पारिवारिक कार्यक्रमों के अलावा लंच और डिनर में देखी गईं. इतना ही नहीं शशि कपूर और ऋषि कपूर की मौत के बाद भी आलिया भट्ट कपूर परिवार के दुख में शामिल दिखीं.
रणबीर और आलिया कई टीवी विज्ञापनों में भी एक साथ आए हैं. अब शादी के बाद दोनों 'ब्रह्मास्त्र' फ़िल्म में नज़र आने वाले हैं.
इस फ़िल्म की शूटिंग काफी लंबे समय से चल रही थी. कोरोना के चलते फ़िल्म को बनने में काफी वक़्त लग गया. इस फ़िल्म में रणबीर और आलिया के अलावा अभिनेता अमिताभ बच्चन भी नज़र आने वाले हैं जिसका निर्देशन अयान मुख़र्जी कर रहे हैं.
इस फ़िल्म को तीन भाग में दिखाया जाएगा और इसका पहला भाग 9 सितम्बर 2022 को रिलीज़ होगा. (bbc.com)
बॉलीवुड की वेटरन एक्ट्रेस और राजनेता जया बच्चन 9 अप्रैल को अपना 74वां जन्मदिन मना रही हैं। इस खास दिन पर उनके फैमिली मेंबर्स के अलावा आम से लेकर खास तक उन्हें बर्थडे विश कर रहे हैं। जया बच्चन के इस खास दिन पर उनसे जुड़ी कई विवादित बातें आपको बताने जा रहे हैं। एक बार तो जया बच्चन ने शाहरुख खान को थप्पड़ मारने की बात तक कह दी थी। आइए जानते हैं जया बच्चन की कंट्रोवर्सी...
शाहरुख खान को थप्पड़ मारने की बात की
एक बार शाहरुख खान ने सलमान खान की एक्स गर्लफ्रेंड का जिक्र छेड़ा था। इनमें उन्होंने ऐश्वर्या राय का नाम भी लिया था। इस पर जया बच्चन ने रिएक्शन देते हुए कहा था, 'अगर मैं वहां होती तो शाहरुख खान को थप्पड़ मार देती।' Also Read - अमिताभ बच्चन ने खास अंदाज में जया बच्चन को दी जन्मदिन की बधाई
जया बच्चन ने फैन की लगाई क्लास
जया बच्चन ने एक बार एक फैन की जबरदस्त क्लास लगाई थी। दरअसल, एक फैन उनकी मोबाइल से तस्वीर लेने की कोशिश कर रहा था। इस पर जया बच्चन ने उसे खूब सुनया था। जयाा बच्चन ने उससे कहा था, 'क्या तुमने फोन से तस्वीर लेने से पहले मुझसे इजाजत ली, थोड़ी सी तमीज सीख लो।'
जया बच्चन ने पपाराजी को लगाई लताड़
ऐश्वर्या राय बच्चन एक इवेंट से वापस लौट रही थीं और इस दौरान पपाराजी ने उन्हें रोककर उनकी तस्वीर लेनी चाही। पपाराजी ने ऐश्वर्या राय बच्चन को ऐश कहकर आवाज दी। इस पर जया बच्चन ने पपाराजी को लताड़ लगाते हुए कहा था कि वो तुम्हारी क्लास में पढ़ती है क्या।
जया बच्चन ने फोटोग्राफर कह दिया था जंगली
जया बच्चन के एक इलेक्शन के समय फोटोग्राफर उनकी तस्वीर क्लिक कर रह थे। तभी जया बच्चन उन्हें जमकर फटकार लगाई थी। जया बच्चन ने कहा था, 'क्या जंगली की तरह कर रहे हो। फिर अभिषेक बच्चन ने अपनी मां को शांत किया था।'
कंगना रनौत के खिलाफ दिया बयान
जया बच्चन ने कंगना रनौत के खिलाफ संसद में बयान दिया था। जया बच्चन ने गुस्से में कहा था, जिन लोगों ने बॉलीवुड से नाम कमाया है, वही लोग इसे गटर कह रहे हैं। ये बहुत गलत बात है।
अभिषेक बच्चन की फिल्म की आलोचना की
जया बच्चन एक कार्यक्रम में भाषण देने के लिए गई थीं। जब वह स्टेज पर भाषण देने पहुंचीं तो उन्होंने अपने बेटे अभिषेक बच्चन की फिल्म अलोचना कर दी थी। उन्होंने अभिषेक बच्चन की फिल्म को नॉनसेंस कह डाला था। (bollywoodlife.com)
टेरेंस लुईस ने सिर्फ इंडिया ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपने डांस से लोगों का दिल जीत लिया है. मात्र 6 साल की उम्र से डांस सीखने वाले टेरेंस ने बचपन में ही एक डांस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और जीत दर्ज की. इसी जीत ने उन्हें स्टेज का दीवाना बना दिया था. साल 2002 में अमेरिकन कोरियोग्राफी अवॉर्ड जीत चुके टेरेंस आज अपना बर्थडे मना रहे हैं.
टेरेंस लुईस की दीवानगी का आलम ये थे कि उन्हें रॉकस्टार बनने की धुन सवार हो गई थी. हालांकि टेरेंस के पिता हमेशा से चाहते थें कि उनका बेटा पढ़ाई-लिखाई पर फोकस करे. लेकिन यहां तो धुन सवार थी. टेरेंस के पिता ने एक बार उन्हें सलाह भी दी कि जब 15 साल के हो जाना तब डांस पर ध्यान देना.
टेरेंस लुईस चूंकि हर हाल में डांस की हर विधा में महारत हासिल करना चाहते थे, इसलिए घरवालों से छिप-छिप कर कथक सीखने लगे.
टेरेंस ने अपना खर्च चलाने के लिए डांस सिखाना शुरु किया, इससे उनकी ठीक-ठाक आमदनी हो जाती थी. हैंडसम टेरेंस ने सिर्फ ही डांस से ही पैसे नहीं कमाए बल्कि थोड़े बड़े होने पर बतौर फिटनेस इंस्ट्रक्टर भी काम किया.
टेरेंस लुईस, माधुरी दीक्षित, सुष्मिता सेनस बिपाशा बसु, सुजैन खान के अलावा शहारुख खान की वाइफ गौरी खान के फिटनेस इंस्ट्रक्टर रह चुके हैं.
टेरेंस लुईस को आमिर खान की फिल्म ‘लगान’ में पहला ब्रेक मिला. अब तक करीब 25 फिल्मों और म्यूजिक वीडियोज की कोरियोग्राफी कर चुके हैं.
बचपन से ही स्टेज का मोह ऐसा हुआ कि आज डांस रियलिटी शो के जाने-माने जज बन बैठे हैं. ‘डांस इंडिया डांस’, ‘नच बलिए’, ‘इंडियाज बेस्ट डांसर’ जैसे कई शोज के जज रह चुके हैं.
कम लोगों को पता होगा कि टेरेंस लुईस का नाम गिनिज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी दर्ज है. टेरेंस के नाम ‘वर्ल्ड्स लारजेस्ट फोटोबुक’ का रिकॉर्ड अपने नाम किया है.
इसके अलावा साल 2020 में टेरेंस की लाइफ पर बनी बायोपिक ‘Terence Lewis, Indian Man’ को Pierre X Garnier नामक फ्रेंच डायरेक्टर ने बनाई है.