छत्तीसगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 30 अप्रैल। कलेक्टर टीके वर्मा की अध्यक्षता में गुरुवार को जिला जल जीवन मिशन की बैठक आयोजित की गई। इस अवसर पर सांसद प्रतिनिधि भरत वर्मा एवं सभी सदस्य उपस्थित थे। बैठक में जल जीवन मिशन अंतर्गत किए जा रहे कार्यों के प्रगति की समीक्षा की गई। इस दौरान सदस्य सचिव एवं कार्यपालन अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खंड राजनांदगांव एसएन पांडे द्वारा निर्माण कार्यों की प्रगति के संबंध में जानकारी दी गई।
उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा 1156 शालाओं एवं 1173 आंगनबाड़ी में रनिंग वाटर की आपूर्ति का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। कार्यपालन अभियंता छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण क्रेडा राजनांदगांव द्वारा प्रगति के संबंध में बताया गया कि 195 सोलर स्थापना हेतु राशि प्राप्त हो चुकी है। जिसमें से 18 नग के स्थापना का कार्य हो चुका है एवं 20 नग प्रगतिरत है। लॉकडाउन के कारण कार्य में व्यवधान उत्पन्न हुआ है, जिसे सामान्य स्थिति होते ही पूर्ण कर लिया जाएगा।
अध्यक्ष एवं सदस्यों की उपस्थिति में जल जीवन मिशन अंतर्गत प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त 52 योजनाएं जिनका निविदा आमंत्रण किया जाना शेष है का नए एसओआर के अनुरूप पुनरिक्षित प्राक्कलन की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान किए जाने हेतु अनुमोदन किया गया एवं आमंत्रित निविदा में दर प्राप्त 63 निविदाओं के दर स्वीकृति, अस्वीकृति पर सर्वसम्मति से निर्णय कर 59 निविदाओं को स्वीकृति प्रदान की गई एवं 4 निविदाएं अस्वीकृत की गई।
इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ अजीत वसंत, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी, उप संचालक कृषि जीएल ध्रुर्वे, कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग रेणु प्रकाश, जिला शिक्षा अधिकारी एचआर सोम, उप संचालक जनसंपर्क डॉ. उषा किरण बड़ाईक एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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दुर्ग, 30 अपै्रल। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. सुदामा चंद्राकर ने उन प्रश्नों के उत्तर दिए हैं, जो इन दिनों लोग पूछ रहे हैं। इनमें पहला प्रश्न यह है कि जिन्हें कोरोना हो गया है वह कितने दिन बाद एक वैक्सीन लगवाए? उसे लगवाना जरूरी है या नहीं।
इसके उत्तर में डॉ. चंद्राकर ने बताया कि जो लोग कोरोना बीमारी से पीडि़त हो गए हैं, उनको भी कोरोना वैक्सीन का दोनों खुराक लेना अनिवार्य है, जिससे उसके शरीर में पर्याप्त एवं अधिक अवधि के लिए प्रतिरोधक क्षमता पैदा हो सके। ऐसे लोग कोविड-19 हेतु पॉजिटिव रिपोर्टिंग के 28 दिन बाद वैक्सीन लगवा सकते हैं।
द्वितीय डोज के लिए दो डोज के बीच निर्धारित न्यूनतम अंतराल कोवैक्सीन हेतु 28 दिन तथा कोविशील्ड हेतु 42 दिन का होना चाहिए। दूसरा प्रश्न अमूमन यह पूछा जाता है कि वैक्सीन का पहला डोस लेने के बाद कोरोना हो गया वह दूसरा डोस ले जा नहीं ले या नहीं? ले तो कितने दिन बाद? इसका उत्तर देते हुए डॉ. चंद्राकर ने बताया कि कोविड-19 वैक्सीन का पहला डोस लेने के बाद यदि कोई कोरोना से पीडि़त हो जाता है, तब भी उसको दूसरा डोस लेना अनिवार्य है, जिससे उसके शरीर में पर्याप्त एवं अधिक अवधि के लिए प्रतिरोधक क्षमता पैदा हो सके। पॉजिटिव आने की न्यूनतम 28 दिन बाद द्वितीय डोज वैक्सीन लगा सकते हैं।
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महासमुंद, 30 अप्रैल। जिले में गुरूवार को कोरोना के 585 पॉजिटिव मरीजों की पहचान हुई है। साथ ही 370 मरीज स्वस्थ भी हुए हैं और 3 की मौत हुई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी मेडिकल बुलेटिन के अनुसार महासमुंद ब्लॉक में 201, बागबाहरा में 98, पिथौरा में 118, बसना में 76 और सरायपाली में 92 संक्रमित मिले हैं। कल गुरूवार को जिले में सर्वाधिक 1884 सैम्पल लिए गए। इनमें से रैपिड एंटीजेन के 1443 सैम्पल में 412 कई रिपोर्ट पॉजिटिव मिली। इसी तरह ट्रू नॉट के 107 सैम्पल में 67 और आरटीपीसीआर के 334 सैम्पल में से 106 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
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महासमुंद, 30 अप्रैल। नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर ने नगर के 30 वार्डों के मोहल्ला समितियों को डोर टू डोर कोविड.19 संक्रमण की जांच के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं मितानिनों को ऑक्सीमीटर, थर्मल स्क्रीनिंग गन, हेण्ड ग्लब्स और सैनिटाइजर वितरण किया। कोविड.19 के बढ़ते संक्रमण के प्रभाव एवं बचाव इसके रोकथाम के लिए नगर पालिका द्वारा शहरी सीमा के 30 वार्डों में मोहल्ला समितियों को जांच उपकरण वितरण किया। इस अवसर पर पालिका अध्यक्ष श्री चंद्राकर ने पार्षद, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और मितानिनों का हौसला अफजाई करते हुए कहा कि देशभर सहित छत्तीसगढ़ में भी हालात बहुत ही चिंताजनक है।
ऐसे में घरों घर जाकर कोविड.19 संक्रमण की जांच करना चुनौतियों से भरा है। ऐसे में अपनी सुरक्षा करते हुए दूसरों की जांच कर उनकी सुरक्षा का भी ध्यान रखना होगा। पालिका अध्यक्ष ने कहा कि डोर टू डोर पहुंच कर इस कार्य को सिर्फ कोरोना वॉरियर्स ही कर सकते हैं। पालिका अध्यक्ष ने आगे कहा किए कोई भी संक्रमित जरूरतमंद परिवार के लिए समिति को मददगार साबित होना होगा।
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महासमुंद, 30 अप्रैल। गुरूवार देर शाम जिले के लिए 18 हजार कोविशील्ड की डोज की खेप पहुंची। इससे पहले बुधवार को ही 4500 डोज कोविशील्ड व 870 कोवैक्सीन की डोज भेजी गई थी। जिले में दूसरे डोज का टीकाकरण बहुत प्रभावित था, जिसके चलते राज्य ने तत्परता के साथ लगातार 2 दिन में कोविशील्ड की वैक्सीन जिले को प्रदान की। इन वैक्सीन के साथ जिला टीकाकरण टीम पूरी सक्रियता से जुट गई है और शुक्रवार को जिले के 65 सेंटरों में वैक्सीनेशन प्रोग्राम आयोजित है।
जिले के टीकाकरण कंसल्टेंट डॉ. मुकुंद राव घोड़ेसवार ने बताया कि गुरूवार को 18 हजार कोविशील्ड की डोज प्राप्त हुई है। शुक्रवार से हम पूरी रफ्तार से वैक्सीनेशन के लिए काम कर रहे हैं। इसके तहत आज शुक्रवार को जिले भर के 65 सेंटरों पर वैक्सीनेशन जारी है। इसमें जिले भर के सभी सीएचसीए पीएचसी व अन्य सेंटर्स पर वैक्सीन लगाई जाएगी।
परसों बुधवार शाम जिले के लिए कोविशील्ड का टीका पहुंचते ही टीम ने कल गुरूवार को 30 सेंटरों पर वैक्सीनेशन प्रोग्राम के लिए अपनी तैयारी कर ली थी। इन सेंटर में लगभग 1510 लोगों को टीका लगाया गया। इनमें ज्यादातर लाभार्थी दूसरी डोज लगवाने के लिए सेंटर पहुंचे थे। गौरतलब है कि जिला प्रथम डोज के लिए प्रदेश में प्रथम स्थान पर रहा है। वहीं दूसरी डोज के वैक्सीनेशन प्रोग्राम मेंवैक्सीन की अनुपलब्धता के कारण यह रैंक छिनता चला गया और हफ्तों तक वैक्सीनेशन प्रभावित रही है।
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महासमुंद, 30 अप्रैल। साहू समाज ने कोविड केयर सेंटर बागबाहरा में लगभग 02 लाख तक के सहयोग का बीड़ा उठाया है। इसी क्रम में चौथे चरण में भर्ती मरीजों के लिए एंटीबायोटिक इंजेक्शन का सहयोग किया गया।
सामाजिक पदाधिकारी लगातार स्वास्थ्य विभाग के संपर्क में है। साहू समाज के लोगों ने कहा है कि हमारे समाज की ओर से समय.समय पर इस तरह का सहयोग आगामी समय में भी किया जाएगा। ताकि इस विपत्तिकाल में किसी भी मरीज को कोई परेशानी न हो। इस अवसर पर अनुविभागीय दंडाधिकारी भागवत जायसवाल, तहसीलदार श्री मेहता, नगर पालिका अधिकारी श्री दुबे एवं इंजीनियर शशि प्रताप सिंह मौजूद थे।
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महासमुंद, 30 अप्रैल। कोरोना संक्रमित मरीजों को अस्पताल लाने व शव को गांव तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन ने एंबुलेंस के लिए भले ही कीमत तय कर दी है, लेकिन अस्पताल के ईद-गिर्द रहने वाले निजी एंबुलेंस संचालक अब भी दोगुना किराया वसूल रहे हैं। लोगों का कहना है कि मॉनिटिरिंग नहीं होने की वजह से कोविड के मरीजों व उनके परिजनों को निजी एम्बुलेंस में अधिक किराया देना पड़ रहा है।
ज्ञात हो कि कलेक्टर डोमन सिंह ने बुधवार को ट्रांसपोर्ट भाड़ा तय किया था। इसके बाद भी एंबुलेंस संचालक तय किए गए कीमत से कहीं ज्यादा भाड़ा वसूल रहे हैं। लोगों का आरोप है कि महासमुंद जिला मुख्यालय के डेडिकेटेड कोविड अस्पताल से सरायपाली के ग्राम सागरपाली तक शव ले जाने का किराया साढ़े 4 और 5 हजार रुपए वसूला जा रहा है, जबकि सरायपाली से मरीज को जिला अस्पताल लाने के लिए ढाई हजार रुपए निर्धारित है।
अस्पतालों में लगने वाले एम्बुलेंस, टैंपो, बोलेरो सहित बड़ी वाहनों के तीन श्रेणियों में वाहन किराया तय होने के बाद भी मनमाना किराया लिया जा रहा है।
अपर कलेक्टर जोगेंदर सिंह नायक इस संबंध में कहते हैं कि यदि ऐसा है तो पीडि़त अधिक किराया वसूली के संबंध में शिकायत कर सकते हैं। शिकायत पर कार्रवाई जरूर की जाएगी। अपर कलेक्टर के मुताबिक जिस क्षेत्र में एंबुलेंस किराए पर ले रहे हैं, यदि वहां का निजी एंबुलेंस संचालक शासन द्वारा निर्धारित कीमत से अधिक पर किराया वसूल रहा है तो उस क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एसडीएम व थाना प्रभारी से शिकायत कर सकते हैं।
भाटापारा, 30 अप्रैल। शिवसेना जिला महासचिव भीखम यदु ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से राज्य सरकार के द्वारा लॉक डाउन बढ़ाने को लेकर गरीब, सामान्य वर्ग को हो रहीं परेशानी पर चिंता व्यक्त करते हुए सरकार से राहत की मांग की है यदु ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव व लॉक डाउन के बीच आम जनता न जाने किस परिस्थितियों से जूझ रही है कोरोना संक्रमण जैसे आपदा की घड़ी में जनप्रतिनिधि लोगों का सुध तक नहीं ले रहे है केंद्र व राज्य दोनों को मिलकर बिजली बिल माफ, अप्रैल व मई माह का मकान टैक्स, पानी टैक्स लोन पर लगने वाले ब्याज में छुट दिया जाना चाहिए जिससे मध्यम वर्गीय परिवार को बड़ी राहत मिलेगी साथ ही गरीब परिवार को आर्थिक सहायता देनी चाहिए।
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राजनांदगांव, 30 अप्रैल। बाल विवाह रोकथाम हेतु जिला प्रशासन व महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा समाज में जागरूकता एवं प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
कलेक्टर टीके वर्मा द्वारा बाल विवाह रोकथाम हेतु लॉकडाउन के पहले जिला बाल संरक्षण समिति एवं विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान निर्देश जारी किया गया है। जिसके अनुरूप आंगनबाडी कार्यकताओं, पंचायत प्रतिनिधि, स्वयं सहायता समूह की महिलाएं, पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति के सदस्यगण के द्वारा ग्राम स्तर पर होने वाले प्रत्येक विवाह की जानकारी रखी जा रही है।
जिन लडक़े की उम्र 21 वर्ष एवं लड़कियों की उम्र 18 वर्ष से कम होने की दशा में स्थानीय स्तर पर परिवार को समझाइश दिया जा रहा है कि 21 वर्ष से कम आयु के लडक़े एवं 18 वर्ष से कम उम्र की लडक़ी का विवाह बाल विवाह माना गया है।
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधानों के अनुसार यदि कोई व्यक्ति जो बाल विवाह को बढ़ावा देता है, बाल विवाह करता एवं कराता है अथवा सम्मिलित होता है तो 2 वर्ष तक का कठोर कारावास अथवा जुर्माना जो कि एक लाख रुपए अथवा जुर्माना दोनों से दंडित किया जाने का प्रावधान है।
एक अप्रैल से अब तक 6 बाल विवाह, जिसे बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी सह महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा रोका गया है। लॉकडाउन अवधि के दौरान भी बाल विवाह न हो इस विषय को गंभीरता से लेते जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग रेणु प्रकाश द्वारा जिले के सभी 9 विकासखंडों में बाल विवाह रोकथाम व फॉलोअप हेतु नोडल नामांकित किए गए हैं।
जिसमें छुरिया विनोद जंघेल, अंबागढ़ चौकी किशन देवांगन, राजनांदगांव संतोष केंवट, डोंगरगांव स्मिता ऊके, डोंगरगढ़ गीतांजजी नेताम, छुईखदान पुरूषोत्तम सिदार, मोहला एवं मानपुर अनिल सिन्हा, खैरागढ़ शिखा वर्मा शामिल हैं, जो नामांकित विकासखंडों में आंगनबाड़ी कार्यकताओं, पंचायत प्रतिनिधि, स्वयं सहायता समूह की महिलाएं, पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति के सदस्यगण से प्रतिदिन फॉलोअप ले रहे हैं। बाल विवाह के प्रकरण प्राप्त होने पर उच्च अधिकारियों को सूचित करते पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति एवं नगरीय निकाय स्तरीय बाल संरक्षण समिति के साथ मिलकर तत्काल रोकथाम की कार्रवाई की जाएगी।
महासमुंद। छत्तीसगढ़ एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव व पार्षद निखिलकांत साहू ने कोरोना मरीजों को अस्पताल पहुंचाने ऑक्सीजनयुक्त नि:शुल्क सेवा रथ एम्बुलेंस शुरू की है और जब पीडि़तों उसे सम्पर्क कर जानकारी देते हैं तो निखिलकांत साहू खुद ही एम्बुलेंस चलाकर स्थल पर हाजिर हो जाते हैं औऱ पीडि़त को तत्काल अस्पताल पहुंचाते हैं। पार्षद निखिलकांत साहू का कहना है कि इस संकट की जनप्रतिनिधियो और युवाओं की जिम्मेदारी बनती है कि वे भयमुक्त होकर आगे आएं औऱ जनता की मदद करें।
पूर्व के भर्ती मरीजों का इलाज जारी रहेगा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 30 अप्रैल। शासन के दिशा-निर्देशों के अनुरूप कार्य नहीं करने के कारण आदित्या हॉस्पिटल महासमुन्द को कोविड.19 मरीजों के उपचार के लिए प्रदाय की गई अनुमति को तत्काल प्रभाव से आगामी आदेश तक रोक लगाई गई है। वहीं दो अस्पतालों को नोटिस जारी किया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. एन.के. मंडपे से मिली जानकारीके अनुसार बीते 10 अप्रैल को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय महामसुन्द के आदेश क्रमांक नर्सिंग होम एक्ट 2021-1560 के द्वारा कोविड.19 के संक्रमण के रोकथाम के लिए आदित्या हॉस्पिटल, पुरानी मंडी रोड, गंज पारा महासमुंद को कोविड.19 से संक्रमित मरीजों के शासन द्वारा निर्धारित दर से उपचार की अनुमति प्रदान की गई थी।
उक्त क्लीनिकल स्थापना के विरूद्ध लगातार शिकायत प्राप्त हो रही थी कि अस्पताल संचालक द्वारा शासन द्वारा निर्धारित दर से अधिक राशि वसूल किया जा रहा है। इस संबंध में संबंधित संस्था को पत्र क्रमांक 1795 दिनांक 23 अप्रैल 2021 एवं पत्र क्रमांक 1889 दिनांक 28 अप्रैल 2021 के द्वारा स्पष्टीकरण जारी किया गया था। लेकिन आज दिनांक तक संबंधित संस्था का जवाब कार्यालय को प्राप्त नहीं हुआ है। नोटिस जारी करने के पश्चात् संबंधित संस्था के विरूद्ध लगातार अधिक राशि वसूल किए जाने संबंधी शिकायतें प्राप्त हो रही थीं।
डॉ. मंडपे ने बताया कि आदित्या हॉस्पिटल द्वारा पूर्व में भर्ती कोविड.19 के उपचाररत् मरीजों का इलाज सुचारू रूप से जारी रहेगा। परंतु कोविड.19 के नए मरीजों की भर्ती के लिए आदित्या हॉस्पिटल में रोक रहेगी। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. एन.के. मंडपे ने बताया कि इसी तरह महासमुन्द जिले के 02 अस्पतालों इनमें आरएलसी हॉस्पिटल महासमुन्द एवं भारती हॉस्पिटल सरायपाली को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसमें आर.एल.सी हॉस्पिटल महासमुन्द एवं भारती हॉस्पिटल सरायपाली को कोविड.19 के मरीजों के कोविड.19 जॉच के एवज में शासन द्वारा निर्धारित दर से अधिक राशि वसूली किए जाने के कारण नोटिस जारी कर तीन दिवस के भीतर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने को कहा गया है।
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बिलासपुर 30 अप्रैल। विकासखण्ड मस्तूरी के ग्राम पंचायत नवागांव, राक एवं बनियाडीह के लोगों ने शत-प्रतिशत टीकाकरण करवा लिया है। इसके अतिरिक्त दस ग्राम पंचायतों में 95 प्रतिशत लोगों ने टीका लगवा लिया है।
विकासखण्ड मस्तूरी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कुमार लहरे ने बताया कि जनपद पंचायत में 45 वर्ष से अधिक आयु के 58 हजार से अधिक लोगों को कोरोना का प्रथम डोज का टीका लगाया जा चुका है। उन्होंने बताया कि तीन ग्राम पंचायतों में शत-प्रतिशत टीकाकरण कर लिया गया है। ग्राम पंचायत नवागांव में 45 वर्ष से अधिक आयु के 464 लोग है। इसी प्रकार ग्राम पंचायत राक में 577 एवं ग्राम पंचायत बनियाडीह में 272 लक्ष्य के विरूद्ध सभी 272 लोगों को टीका लग चुका है।
लहरे ने बताया कि दस ग्राम पंचायतें ऐसी हैं जिनकी उपलब्धि 95 प्रतिशत है। इनमें ग्राम पंचायत सीपत, जयरामनगर, गुड़ी, खोंधरा, खम्हरिया, कर्रा, धनिया, उनी, हिर्री एवं पताईड़ी शामिल है। ग्राम पंचायतों में सचिव, मितानिन एवं रोजगार सहायक द्वारा लोगों को जागरूक करने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है। लोग अब स्वस्र्फूत टीका लगवाने केंद्र तक आ रहे हैं।
भाटापारा, 30 अप्रैल। नयापारा वार्ड निवासी स्व. सनत गौराहा एवं सेवानिवृत्त शिक्षिका शारदा गौरहा के बेटे विजित गौराहा का निधन हो गया। लोगों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।
भाटापारा, 30 अप्रैल। जिला कांग्रेस कमेटी के सचिव सचिन्द्र शर्मा के छोटे भाई मनोज शर्मा का निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार स्थानीय मुक्तिधाम मे किया गया। उनके निधन पर सुशील शर्मा, संतोष सोनी एवं प्रदीप केशरवानी सहित लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की है.
भाटापारा, 30 अपै्रल। एनएसयूआई प्रदेश सचिव विवेक यदु के नेतृत्व में अनेक युवा कार्यकर्ता द्वारा जरूरत मंद लोगों तक भोजन पहुंचाने के कार्य किया जा रहा है। उन्होंने आगे बताया कि आज महामारी के इस भयावह माहौल में लोग डरे नहीं, एनएसयूआई के कार्यकर्ता आपके साथ है। युवा कांग्रेस के साथी जरूरत मन्द लोगों तक भोजन पहुंचा रहे है, जिसमें अमित मारकंडे, शदाब जालियावाला, महेन्द्र सेन एवं लोकेश मंगलानी आदि शामिल हैं।
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जगदलपुर, 29 अप्रैल। कई विकृति से ग्रसित शिशु को गर्भ में ही रोक दिया गया। मां को होने वाले खतरे को देखते हुए डॉक्टरों ने यह निर्णय लिया। डॉक्टरों के अनुसार उक्त विकृतियों के साथ बच्चे का सामान्य विकास संभव नहीं था। अगर जांच नहीं हो पाती एवं गर्भावस्था आगे बढ़ती तो यह माता के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकता था।
लगभग पांच महीने की गर्भवती महिला सामान्य सोनोग्राफी जांच हेतु महारानी अस्पताल 23 अप्रैल को आई थी। सोनोग्राफी की जांच करते हुए रेडियोलॉजिस्ट डॉ. मनीष मेश्राम ने यह पाया कि बच्चे की दोनों हाथ और दोनों पैरों का विकास पूर्ण रूप से नहीं हो पाया है। केवल दोनों हथेलियां तथा दोनों पैरों के पद ही बन पाए है। इस प्रकार की विकृति को चिकित्सकीय भाषा में फोकोमेलिया (Phocomelia) कहा जाता है।
गर्भावस्था के दौरान बनने वाले बच्चों में पाई जाने वाली यह एक प्रकार की अत्यंत ही दुर्लभ विकृति है। पूर्व में किए गए शोध के अनुसार प्रति 1 लाख जीवित पैदा हुए बच्चों में केवल 3-4 बच्चों में ही इस प्रकार की विकृति होने की संभावना होती है।
इसके अलावा बच्चे में एक दूसरे प्रकार की भी विकृति पाई गई जिसमें बच्चे की खोपड़ी के अंदर और हृदय की परिधि में पानी भरा हुआ पाया गया। इस प्रकार की विकृति को चिकित्सकीय भाषा में हाइड्रॉप्स फेटालिस (Hydrops Fetalis) कहते हैं।
उपरोक्त दोनों प्रकार की विकृति को सर्व प्रथम रेडियोलॉजिस्ट डॉ. मनीष मेश्राम द्वारा पहचाना गया, साथ ही वरिष्ठ रेडियोलॉजिस्ट डॉ गोविंद सिंह द्वारा भी उपरोक्त विकृतियों का सही होना पाया गया। डॉ. मेश्राम पिछले एक वर्ष से रेडियोलॉजिस्ट की कमी के चलते मेडिकल कॉलेज में अपनी सेवाएं दे रहे थे जहां उन्होंने एक वर्ष में लगभग 3000 सीटी स्कैन का निरीक्षण तथा रिपोर्टिंग अकेले ही कर दिखाया एवं डिमरपाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सीटी स्कैन तथा सोनोग्राफी द्वारा रक्त के नसों की जांच करने जैसी बहुमूल्य स्वास्थ्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई। उन्हें अब सिविल सर्जन डॉ संजय प्रसाद ने मौजूदा कलेक्टर रजत बंसल के अनुमोदन द्वारा वापस महारानी अस्पताल में सेवा देने हेतु बुला लिया गया है जो यहां भी मरीजों के लिए लाभप्रद होता दिख रहा है।
डॉ. मेश्राम ने बताया कि अब तक मिली जानकारी अनुसार पूरे बस्तर संभाग में यह अब तक का अनुमानत: पहला प्रकरण है। उपरोक्त विकृतियों के साथ बच्चे का सामान्य विकास संभव नहीं था। अगर जांच नहीं हो पाती एवं गर्भावस्था आगे बढ़ती तो यह माता के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकता था एवं ऑपरेशन द्वारा बच्चे को निकालने की स्थिति बन जाती। विश्व में उचित समय में पता नहीं चल पाने के कारण फोकोमेलिया से ग्रसित जीवित बच्चों का जन्म भी हुआ है किंतु उनका जीवन काफी कष्टपूर्ण एवं असामान्य होता है। महारानी अस्पताल में समय रहते जांच हो जाने से रेडियोलॉजिस्ट एवं स्त्री रोग चिकित्सकों के परामर्श के पश्चात गर्भ को रोक देना सुनिश्चित कर दिया गया एवं मरीज की स्थिति की गंभीरता के बारे में पूरी बात बता दी गई ।
इसी तारतम्य में डॉ गोविंद सिंह द्वारा बताया गया कि इस प्रकार से चिकित्सकीय परामर्श द्वारा गर्भवती महिलाओं को सोनोग्राफी या अन्य जांच करवानी चाहिए ताकि जच्चा एवं बच्चा दोनों के स्वास्थ्य की स्थिति की जानकारी समय-समय पर मिलती रहे।
डॉ संजय प्रसाद का कहना है कि कोरोना जैसी जानलेवा बीमारी के दौर में जहां एक तरफ चिकित्सक इस बीमारी से लडऩे में लगे है ंवहीं दूसरी ओर अन्य बीमारियों का इलाज भी सुचारू रूप से चल रहा।
महारानी अस्पताल में मौजूदा महामारी के दौर में भी रेडियोलॉजी विभाग में एक्सरे, सोनोग्राफी व सीटी स्कैन की सुविधा के साथ दोनो रेडियोलॉजिस्ट डॉ गोविंद सिंह एवं डॉ मनीष मेश्राम द्वारा निष्ठापूर्वक नियमित सेवाएं दी जा रही है।
भाटापारा, 30 अप्रैल। शासकीय गजानंद अग्रवाल स्नातकोत्तर महाविद्यालय के एनएसएस अधिकारी डॉ. शशिकिरण कुजूर एवं राजेश कुमार द्विवेदी के मार्गदर्शन से स्वयं सेवक लीलेश्वर साहू, ओमकार कौशिक, मयंक यादव, सब्बूदास, सुगम निषाद, रूखमणी कौशल, शकुन डहरिया, सुलोचना रजक, एकता साहू, श्रद्धा साहू, निधि यदु, एवं नीरज ध्रुव आदि द्वारा 18 वर्ष से अधिक उम्र वालो को कोरोना के बचाव के लिए टीका अवश्य लगवाने की आव्हान किया तथा अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।
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दुर्ग, 30 अपै्रल। अपर कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी ने सेक्टर-9 हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। यहां उन्होंने कोविड मरीजों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। उन्होंने यहा गंभीर मरीजों की स्थिति, रेमडेसिविर जैसी दवाओं की उपलब्धता की जानकारी ली। साथ ही उन्होंने वैक्सीनेशन के संबंध में भी विस्तृत समीक्षा की।
सुश्री चौधरी ने कहा कि वैक्सीनेशन की ड्राइव जितनी तेज होगी, कोरोना संक्रमण से निपटने में उतनी ही आसानी होगी। 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कांटैक्ट ट्रेसिंग पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि कांटैक्ट ट्रेसिंग जितनी बेहतर होगी, कोरोना संक्रमण से लडऩे में मदद मिलेगी। सुश्री चौधरी ने हॉस्पिटल मैनेजमेंट से कोविड मरीजों के आइसोलेशन को भी सुनिश्चित रखने कहा। उन्होंने कहा कि मरीजों के परिजनों की काउंसिलिंग की व्यवस्था बेहतर हो ताकि उन्हें समय-समय पर जानकारी मिलती रहे और वे मरीज की हेल्थ के प्रति आश्वस्त रहें। उन्होंने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था को लेकर किसी तरह के समन्वय की आवश्यकता है, तो इसके लिए प्रशासन पूरी मदद करेगा। कोविड संक्रमण का प्रसार रोकने बेहद जरूरी है कि कोविड मरीजों का आइसोलेशन सुरक्षित रखा जाए। इस दौरान डिप्टी कलेक्टर जागेश्वर कौशल सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
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जगदलपुर, 30 अप्रैल । डिमरापाल मेडिकल में समर्पित कोविड अस्पताल एक संवेदनशील क्षेत्र होने के कारण परिसर में मरीज़ों के परिजनों को प्रवेश के लिए प्रवेश पास अनिवार्य किए जाने का निर्णय लिया गया।
यह निर्णय गुरुवार को मेडिकल कालेज के सभाकक्ष में हुई सांसद, विधायकों, प्रशासन और मेडिकल कालेज प्रबंधन की बैठक में लिया गया। बस्तर सांसद दीपक बैज, बस्तर विकास प्राधिकरण अध्यक्ष लखेश्वर बघेल, हस्तशिल्प विकास बोर्ड अध्यक्ष चंदन कश्यप, कलेक्टर रजत बंसल, पुलिस अधीक्षक दीपक झा, सीईओ जिला पंचायत इंद्रजीत चन्द्रवाल, मेडिकल कालेज डीन डॉक्टर यूएस पैकरा, अधीक्षक डॉ केएल आजाद सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में जनप्रतिनिधियों ने समर्पित कोविड अस्पताल में मरीज़ों के इलाज की सम्पूर्ण सुविधा, आवश्यक उपकरण और मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
कोविड वार्ड में मरीज़ों को भोजन उपलब्ध कराने, मास्क का उपयोग तथा सेनेटाईजर का नियमित प्रयोग करने के लिए आवश्यकतानुसार अतिरिक्त वार्ड बाय रखने कहा गया। साथ ही मरीज़ों को डिस्चार्ज करने का निर्धारित समय पर करने को कहा गया, जिससे उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो।
अस्पताल में दवाइयों की पर्याप्त मात्रा, ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता तथा चिकित्सकों की प्रिस्क्रीप्शन के बिना रेमेडेसिविर दवाई किसी भी व्यक्ति को नहीं दिए जाने के निर्देश भी दिए गए। बैठक में जिले में कोरोना टीकाकरण की स्थिति पर भी चर्चा किया गया।
जगदलपुर, 30 अप्रैल । कृषि संबंधी दवाई, कृषि बीज एवं खाद की आवश्यकता होने पर किसानों की सहायता एवं आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए किसानों की मांग पर दवाई पहुंचाने के लिए जगदलपुर के धनलक्ष्मी कृषि संसार और सोनारपाल के भानु कृषि सेवा केंद्र व बस्तर के परिहार कृषि केंद्र को लॉकडाउन अवधि तक कृषि सेवा केन्द्र (दुकान) संचालन की अनुमति दी गई है।
धनलक्ष्मी कृषि संसार को जगदलपुर अनुविभाग और भानु कृषि सेवा केंद्र व बस्तर के परिहार कृषि केंद्र को बस्तर अनुविभाग में कार्य करने की ही अनुमति दी गई है। कार्य के दौरान सोशल-फिजिकल डिस्टेंसिग का पालन, मास्क एवं सेनेटाईजर का उपयोग किया जाना अनिवार्य होगा। दुकान खोलने हेतु प्रात: 8.00 बजे से 10.00 बजे तक एवं सांय 4.00 बजे से 6.00बजे तक का समय निर्धारित किया गया है। कोरोना वायरस के नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु शासन द्वारा दिए गए निर्देशो एवं जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर दिए गए निर्देशों का अक्षरश: पालन करना अनिवार्य होगा।
इन शर्तों की अवहेलना पर अनुमति निरस्त की जाएगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
लखनपुर, 30 अप्रैल। इन दिनों कोरोनावायरस रोकथाम के नजरिए से शासन प्रशासन द्वारा लगाए गए लॉकडाउन नियमों के कारण लोगों एवं वाहनों की आवाजाही अपेक्षाकृत कम होने के वजह से बिलासपुर- अम्बिकापुर निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग के संबंधित अधिकारियों एवं ठेकेदारों ने कार्य में दिलचस्पी लेते हुए सडक़ निर्माण कार्य को गति दे दिया है जिससे नगर लखनपुर- के बस स्टेंड के बीच गुजरने वाली सडक़ की खुदाई करने उपरांत ढलाई कार्य में तेजी लाया गया है।
भीड़भाड़ वाले बस स्टेंड में इन दिनों लोगों की आवाजाही कम देखी जा रही है,जिससे लोगों को किसी तरह का गिला शिकवा नहीं हो रहा है। रिहायशी क्षेत्र वाले सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद पड़े हुए हैं। नगरवासियों ने संभावना व्यक्त की है।
लॉक डाउन के दरमियान बसाहट वाले नगर क्षेत्र के सडक़ कार्य को मुकम्मल कर दिया जायेगा और यह जनहित में बेहतर होगा बीजली पोल सिफ्टिग के साथ नल कनेक्शन सुधार पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पिथौरा, 30 अप्रैल। क्षेत्र एवं नगर में लॉकडाउन में कुछ व्यवसायियों द्वारा एक्सपायरी खाद्य सामग्री बेचने का मामला सामने आया है। वहीं किराना समान एवं फल की कीमतें भी अनियंत्रित हो गई है।
कुछ उपभोक्ताओं ने बताया कि लॉकडाउन में अगर आप किसी किराना दुकान, फ़ूड स्टोर और होटल पर खाद्य सामग्री लेने गए हैं तो उसकी जांच अवश्य कर लें। नगर में अनेक दुकानदार एक्सपायरी डेट की खाद्य सामग्री बेच रहे हैं। दुकानदारों को खुद एक्सपायरी डेट का सामान दुकान से हटा देना चाहिए परन्तु मुनाफा के लालच के चलते वे आम जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
इसके अलावा नगर में प्रशासन द्वारा आलू बिक्री का घोषित मूल्य 20 रुपये के स्थान पर 25 रुपये प्रतिकिलो विक्रय किया जा रहा है। इसी तरह अन्य खाद्य सामग्री का मूल्य भी अब समान की उपलब्धता के अनुसार बढ़ रहा है। इसके अलावा अभी संक्रमण के दौरान महत्वपूर्ण फलों के भाव भी आसमान छूने लगे है। अंगूर 150 रुपये एवम संतरा सेव 200 रुपये प्रतिकिलो बेचा जा रहा है। नींबू की कीमत भी संक्रमण में ज्यादा बिक्री को देखते हुए अब तक की सर्वोच्च दर 10 रुपये प्रति नग की दर पर बेचा जा रहा है।
इस संबंध में स्थानीय खाद्य निरीक्षक से चर्चा का प्रयास किया गया परन्तु उनसे सम्पर्क नहीं हो सका।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 30 अप्रैल । वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव को लॉकडाउन तथा सोशल डिस्टेंसिग के अलावा कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। इस क्रम में साफ-सफाई, दवा छिडक़ाव तथा सैनिटाइजेशन की प्रक्रिया जारी है।
लीड बैंक मैनेजर फुलसिंह मरकाम ने बताया कि जिले में 16 बैंकों के 91 एटीएम स्थापित हैं। इनमें ग्राहकों की सुरक्षा के प्रबंध किए गए हैं। उन्होंने बताया कि सभी एटीएम में नियमित तौर पर साफ-सफाई के साथ ही सेनेटाइजेशन का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने ग्राहकों से अपील की है कि वे एटीएम में फिजिकल डिस्टेंस का पालन करें और लेन-देन के पहले और बाद में अपने हाथों को जरूर सेनेटाइज करें। उन्होंने बताया कि सभी एटीएम में सेनेटाइजर की व्यवस्था भी की गई है और फिजिकल डिस्टेंसिंग के लिए निर्धारित दूरी पर गोले भी बनाये गए हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पत्थलगांव (कोतबा), 30 अप्रैल। जब समाज या गरीबों की सेवा करने का जज्बा हो तो अपनी परेशानियों की न सोचकर गरीबों के लिए विजय गुप्ता आगे आए। बड़े भाई की कोरोना से मौत, फिर भी निकल पड़े गरीबों की सहायता करने। राशन, मास्क, पानी, बिस्किट बांटकर उन्हें कोरोना से बचने और सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करने की वे समझाईश दे रहे ।
कोरोना आपदा को जब लोग अवसर बनाकर अवैध कमाई का जरिया बना ले और ऐसे स्थिति में कोई उनकी दिल खोलकर मदद करने को सामने आये तो लोग उन्हें मसीहा ही कहेंगे। ऐसा ही कुछ नजारा बुधवार को नगर पंचायत कोतबा के हाईस्कूल में देखने को मिला। यहां एकत्रित हए 50 परिवारों को सामाजिक कार्यकर्ता और आरपीआई प्रदेश अध्यक्ष विजय प्रसाद गुप्ता ने राशन बांटकर उनकी खुशी दुगुनी कर दी। इस दौरान कुनकुरी से ओम शर्मा, संजीत यादव, सहित नगर के वरिष्ठ पार्षद सुनील शर्मा, पत्रकार सजन बंजारा मौजूद थे।
सभी उपस्थित लोगों को सामाजिक कार्यकर्ता विजय प्रसाद गुप्ता के द्वारा मास्क, पानी, बिस्किट बांटकर उन्हें कोरोना से बचने और सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करने की समझाईश दी गई। इसके बाद उन्होंने प्रत्येक लोगों के हाथों को सेनेटाइजर करते हुये राशन वितरण किया गया। बांटे गए राशन में 5 किलो चावल,1 किलो प्याज,1 किलो आलू,आधा लीटर सरसों तेल,1 किलो सोयाबीन बड़ी,1 किलो नमक, चार साबुन, हल्दी, मिर्च,मशाला सहित अन्य खाद्य सामग्री प्रदान की।
आर्थिक रूप से कमजोर और एकांकी जीवन जी रही लाभान्वित महिलाओं ने सराहना करते हुए कहा कि लॉकडाउन के बाद उन्हें आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ रहा है। जिससे उनको प्रतिदिन काम नही मिल पा रहा है। हालांकि उन्होंने सरकार के द्वारा चावल मिलने की बात कहीं लेकिन रोजमर्रा दैनिक उपयोग में लिए जाने वाले हर एक चीजों की महंगाई पर आक्रोश जताया। उन्होंने कहा कि जो चीज लॉकडाउन के पूर्व 120 में मिलते थे वह तेल आज 160 से 180 हो गए इसी तरह, नमक, दाल, आलू, प्याज सहित सभी चीजों के कीमतों पर बेहताशा वृद्धि हुई है जिसके लिये प्रशासन कोई कदम नहीं उठा रहा हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता विजय प्रसाद गुप्ता ने बताया कि बीती रात उनके रिश्ते के बड़े भाई की कोरोना संक्रमित होने से मौत हुई है। लेकिन ग्रामीणों को पहले ही वादा कर चुके थे इस कारण उनकी अंत्योष्टि के बाद इस कार्यक्रम में पहुँचे। हालांकि पूरे जिले भर के बगीचा, कुनकुरी, फरसाबहार, कोतबा सहित अन्य क्षेत्रों में प्रशासन से मंजूरी के बाद कोरोना के नियमों के मुताबिक इसका पालन कर लोगों के बीच जाकर लोगो की मदद कर रहे है।
विजय प्रसाद ने कहा कि उनका उद्देश्य पत्थलगांव के ग्राम पंचायत बुलड़ेगा,ग्राम पंचायत झिमकी में बसे बड़ी संख्या के कोरवा बिरहोर परिवार के लोगो को मदद करने की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा कि अब व्हाट्सऐप ग्रुप के माध्यमों से यह अभियान जिले के विभिन्न क्षेत्रों में चलाया जाएगा।
मानसिक बीमार को आर्थिक सहायता
मानसिक रोग से ग्रसित सीता बंजारा को लॉकडाउन में बेहतर उपचार और देखभाल करने के लिये उनके रिश्तेदारों को रुपये देकर बेहतर देखभाल करने की सलाह के साथ आगे आने वाले समय में जरूरत पडऩे पर मदद करने की बात कही है।
अब तक 2 लाख 34 हजार जुर्माना
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
विश्रामपुरी, 30 अपै्रल। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते लॉकडाउन में लोगों को प्रशासन से अनुमति लेकर शादी करना पड़ रहा है। इस बीच उन्हें शादी स्थगित करने से कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
जिले को कंटेनमेंट जोन घोषित करने के पश्चात शर्तों के साथ शादियों पर अनुमति दी गई थी। जिसमें अधिकतम 20 लोगों की उपस्थिति तथा मास्क एवं सैनिटाइजर की व्यवस्था अनिवार्य कर दिया गया था। लाउडस्पीकर एवं बाजे-गाजे की अनुमति नहीं थी, किंतु लोग लगातार नियमों का उल्लंघन कर रहे थे तथा धूमधाम से शादी की जा रही थी। शादियों में 100 से अधिक संख्या में लोगों की उपस्थिति दिख रही थी। कई जगह बाजे-गाजे एवं नाच-गाने के साथ शादियां हो रही थी। प्रशासन की लगातार कार्यवाहियों के बाद भी लोग बाज नहीं आ रहे थे। जिसके चलते कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने 5 मई लाकडाउन अवधि तक के लिए सभी शादियों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी कर दिया था। जिसके चलते उन शादियों पर भी प्रतिबंध लगा, जिनको पूर्व में अनुमति दे दी गई थी।
जिससे कई लोग परेशान हो गए, क्योंकि कई लोगों की शादी का पहला दिन का रस्म पूरा हो गया था तो कुछ लोग के शादी का दूसरा दिन का कार्यक्रम था। कई लोगों ने शादी की पूरी तैयारी कर ली थी और दूसरे ही दिन शादी का कार्यक्रम होना था, ऐसी स्थिति में बाद में कलेक्टर ने प्रतिबंध आदेश पर संशोधन करते हुए पुन: एक आदेश जारी किया जिसमें केवल 10 लोगों की उपस्थिति में शादियों की अनुमति दी गई है जिसमें दोनों परिवार के 5-5 लोग ही शामिल होंगे तथा शादी के लिए अब नयी अनुमति नहीं दी जाएगी।
ग्राम गिरोला में एक परिवार में शादी की रस्म आधा निपट चुका था बाद में बीच में शादी रोकना पड़ गया था क्योंकि प्रशासन का नया आदेश आ गया था। इसी प्रकार प्रतिबंध आदेश के बाद बुधवार की रात ग्राम खलारी में नियमों का उल्लंघन हुआ, यहां अंतिम दिन का कार्यक्रम एवं रिसेप्शन का आयोजन था। यहां प्रशासन के द्वारा 10 हजार रुपये जुर्माना वसूला गया तथा भीड़ को हटाया गया।
शादी के आयोजक दयाशंकर बघेल ने बताया कि हम प्रशासन के द्वारा निर्धारित नियम के अनुसार ही चलना चाह रहे थे, किंतु अनजाने में भीड़ बढ़ जाती है तथा प्रशासन अपने नियम से कार्रवाई करती है। इसी के चलते उनको जुर्माना देना पड़ा। उन्होंने बताया कि शादी के लिए अनुमति मिलता है तो शर्त में यह लिखा रहता है कि विकट परिस्थितियों में शादी का अनुमति को निरस्त भी किया जा सकता है, जिससे उन्हें किसी प्रकार की शिकायत नहीं है।
प्रशासन के द्वारा जिले में कुल 344 शादियों के लिए अनुमति दिया गया था। 141 शादियों का निरीक्षण करने के पश्चात 55 शादियों पर नियमों का उल्लंघन करते पाया गया था। अब तक कुल 2 लाख 34 हजार रुपए जुर्माना किया गया है।
जिला कोविड-19 प्रभारी पवन प्रेमी ने बताया कि शादियों में प्रशासन की कड़ाई के बाद भी लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन हो रहा था। प्रशासन के द्वारा प्रत्येक शादियों में जाकर समझाइश दी गई, किंतु लोग कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे थे। जिससे प्रशासन शादियों में पहुंचकर कार्रवाई के लिए बाध्य हुआ क्योंकि प्रशासन की प्राथमिकता कोरोना संक्रमण को रोकना है।