छत्तीसगढ़
रायपुर, 30 अप्रैल। हरिद्वार में सम्पन्न कुम्भ मेले के अवसर पर शारदामठ द्वारिका एवं ज्योतिर्मठ उत्तराखण्ड दोनों पीठों के शंकराचार्य पूज्यपाद स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती महाराज के शिविर में प्रतिदिन होने वाली धर्म सभा में स्थानीय मसन्द सेवाश्रम के पीठाधीश साईं जलकुमार मसन्द ने विशेष आमंत्रित वक्ता के रूप में चार व्याख्यान दिए।
वे शिविर के संयोजक ज्योतिर्मठ उत्तराखण्ड के कार्यकारी शंकराचार्य पूज्यपाद स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती महाराज के आमंत्रण पर 8 से 27 अप्रेल तक वहां रहे।
उन्होंने इस अवसर पर भारत व सम्पूर्ण जगत के कल्याण के लिए देश के वरिष्ठ संतों के नेतृत्व में भारत में हर युग में स्थापित रही सनातन वैदिक सिद्धांतों पर आधारित धर्म के शासन की प्रणाली को वर्तमान प्रजातांत्रिक प्रणाली के अंतर्गत ही कुछ वर्षों में ही पुन: लागू कर भारत को फिर से विश्व गुरु बना सकने वाली अपनी 14 सूत्रीय कार्य योजना पर प्रकाश डाला।
साईं मसन्द साहिब ने इस अवसर पर मानव जीवन का मूल उद्देश्य और उसे प्राप्त करने के शास्त्र सम्मत उपाय आदि विषयों पर भी व्याख्यान किए।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 अप्रैल। छत्तीसगढ़ शासन ने शासकीय सेवकों और उनके आश्रित परिजनों के इलाज के लिए राज्य के 87 और राज्य के बाहर स्थित 40 अस्पतालों को मान्यता दी है। शासकीय कर्मियों के इलाज के लिए चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल 127 अस्पतालों को मान्यता मिली है। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा मंत्री टीएस सिंहदेव के अनुमोदन के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मान्यता प्राप्त अस्पतालों की सूची मंत्रालय से जारी की है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने राज्य शासन के सभी विभागों, राजस्व मंडल बिलासपुर के अध्यक्ष, सभी विभागाध्यक्षों, संभागायुक्तों और कलेक्टरों को मान्यता प्राप्त अस्पतालों की सूची प्रेषित की है।
छत्तीसगढ़ स्थित मान्यता प्राप्त चिकित्सालय- बिहान हॉस्पिटल, सड्डू, रायपुर. बाल गोपाल चिल्ड्रन हॉस्पिटल, बैरन बाजार, रायपुर. श्री नारायणा हॉस्पिटल, देवेन्द्र नगर, रायपुर. श्री मां शारदा आरोग्यधाम, डी.डी. नगर, रायपुर. रायपुर स्टोन क्लीनिक, कचहरी चौक, रायपुर. फरिश्ता नर्सिंग होम, कटोरातालाब, रायपुर, मित्तल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, अंवति बाई चौक पंडरी, रायपुर. किम्स सुपरस्पेशियालिटी हॉस्पिटल, अग्रसेन चौक के पास, बिलासपुर. श्री बालाजी मल्टीस्पेशियालिटी हॉस्पिटल, टिकरापारा, रायपुर. धमतरी क्रिश्चियन हॉस्पिटल, रायपुर रोड, धमतरी. चंदूलाल चन्द्राकर स्मृति हॉस्पिटल, नेहरू नगर चौक, भिलाई. श्री मेडिशाइन हॉस्पिटल, न्यू राजेन्द्र नगर, रायपुर. श्री बालाजी सुपरस्पेशियालिटी हॉस्पिटल, मोवा, रायपुर. ओम नेत्र केन्द्र, पंडरी, रायपुर. यशवंत हॉस्पिटल, तात्यापारा चौक, रायपुर. नारायणा हृदयालय एम.एम.आई., लालपुर, रायपुर. विद्या हॉस्पिटल एंड किडनी सेंटर, शंकर नगर, रायपुर. श्री अरबिंदो नेत्रालय, पचपेड़ी नाका, रायपुर. आशादीप हॉस्पिटल, न्यू राजेन्द्र नगर, रायपुर. वी.वाय. हॉस्पिटल, कमल विहार सेक्टर-12, रायपुर. भवानी डायग्नोस्टिक सेंटर, फाफाडीह चौक, रायपुर. लाइफवर्थ डायग्नोस्टिक सेंटर, समता कॉलोनी, रायपुर. अपोलो हॉस्पिटल, सीपत रोड, बिलासपुर. मार्क हॉस्पिटल, ब्रिलिएंट स्कूल कैंपस, बिलासपुर. मूंदड़ा हॉस्पिटल, मंगला चौक, बिलासपुर. श्री बालाजी ट्रामा एंड सुपरस्पेशियालिटी हॉस्पिटल, कोसाबाड़ी, कोरबा. श्री रेटिना केयर सुपरस्पेशियालिटी आई हॉस्पिटल, शंकर नगर चौक, रायपुर. आर.एस. पॉलिक्लीनिक एंड डायग्नोस्टिक सेंटर, टाटीबंध, रायपुर. ओम हॉस्पिटल, महादेव घाट रोड रायपुरा, रायपुर. श्री कृष्णा हॉस्पिटल, न्यू राजेन्द्र नगर, रायपुर. केयर एंड क्योर सुपरस्पेशियालिटी हॉस्पिटल, प्रताप चौक, बिलासपुर. श्रीराम केयर हॉस्पिटल, नेहरू नगर, बिलासपुर. न्यू कोरबा हॉस्पिटल, मंगलम विहार कोसाबाड़ी, कोरबा. वी केयर सुपरस्पेशियालिटी हॉस्पिटल, जीटीबी प्लाजा तेलीबांधा, रायपुर. जैन डेंटल हॉस्पिटल, न्यू राजेन्द्र नगर, रायपुर. रायपुर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, ग्राम गोढ़ी, रायपुर. राजधानी सुपरस्पेशियालिटी हॉस्पिटल, एस.एस. टॉवर, पचपेड़ी नाका के पास, रायपुर. माता लक्ष्मी नर्सिंग होम एंड इन्वेस्टीगेशन सेंटर, अनुपम नगर, रायपुर. अग्रसेन हॉस्पिटल, समता कॉलोनी, रायपुर. संजीवनी सीबीसीसी यूएसए कैंसर हॉस्पिटल, दावड़ा कॉलोनी पचपेड़ी नाका, रायपुर. अपोलो डायग्नोस्टिक सेंटर, कचहरी चौक, रायपुर. सार्वा ट्रामा हॉस्पिटल, तात्यापारा, रायपुर. स्पाइन एंड स्किन क्लीनिक, टी.वी. टॉवर रोड शंकर नगर, रायपुर. डॉ. के. गुरूनाथ हॉस्पिटल, प्रियदर्शिनी परिसर सुपेला, भिलाई. आरबी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइसेस, स्वर्णजयंती नगर, बिलासपुर. श्री शंकराचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस, जुनवानी, भिलाई. गुप्ता हॉस्पिटल, मल्टीस्पेशियालिटी रिसर्च एंड मैटरनिटी सेंटर, रत्नाबांधा रोड, धमतरी. डॉ. जाउलकर ईएनटी हॉस्पिटल, चौबे कॉलोनी, रायपुर. कालड़ा कॉस्मेटिक सर्जरी एंड बर्न सेंटर, राजकुमार कॉलेज के सामने, रायपुर. श्री बालाजी मेट्रो हॉस्पिटल, कौहाकुंदा, रायगढ़. रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल, पचपेड़ी नाका, रायपुर. सुयश हॉस्पिटल, गुढिय़ारी रोड कोटा, रायपुर. विवेकानंद आई हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, बूढ़ा तालाब गार्डन के पास, रायपुर. ए.एस.जी. आई हॉस्पिटल, शक्ति नगर, रायपुर. स्पर्श मल्टीस्पेशियालिटी हॉस्पिटल, सिरसा रोड रामनगर, भिलाई. श्री शिशुभवन, ईदगाह रोड, मध्यनगरी चौक के पास, बिलासपुर. उपाध्याय हॉस्पिटल, महोबा बाजार, रायपुर. सर्वोदय हॉस्पिटल एंड प्रसूति केन्द्र, दुबे कॉलोनी मोवा, रायपुर. कालड़ा बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी सेंटर, पचपेड़ी नाका, रायपुर. अपेक्स सुपरस्पेशियालिटी हॉस्पिटल एंड आईव्हीएफ सेंटर, अटल चौक, रायगढ़. अग्रवाल हॉस्पिटल, आर.के.सी, कॉम्प्लेक्स के सामने जी.ई. रोड, रायपुर. श्री गणेश विनायक आई हॉस्पिटल, लालपुर, रायपुर. विशारद हॉस्पिटल, सुभाष स्टेडियम के सामने, रायपुर. बी.एम. शाह हॉस्पिटल एंड मेडिकल रिसर्च सेंटर, शास्त्री नगर सुपेला, भिलाई. महादेव सुपरस्पेशियालिटी हॉस्पिटल, व्यापार विहार रोड, बिलासपुर. आरोग्य हॉस्पिटल, शंकर नगर, रायपुर. फोर्टिस ओ.पी. जिंदल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, खरसिया रोड, रायगढ़. विनायक नेत्रालय, लिंक रोड, बिलासपुर. सिटी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, चौबे कॉलोनी, रायपुर. श्री संकल्प हॉस्पिटल, सरोना, रायपुर. स्टार चिल्ड्रन हॉस्पिटल, अग्रसेन चौक, बिलासपुर. सोनी मल्टीस्पेशियालिटी हॉस्पिटल एंड मैटरनिटी होम, बड़े उरला, अभनपुर. माखीजा हॉस्पिटल, अग्रसेन चौक के पास, बिलासपुर. बालको मेडिकल सेंटर, सेक्टर-36, नया रायपुर. नमन हॉस्पिटल (डेंटोफेसियल ट्रॉमा एंड ओरल कैंसर केयर), शंकर नगर, रायपुर. पेटल्स न्यू बोर्न एंड चिल्ड्रन हॉस्पिटल, समता कॉलोनी, रायपुर. कंवर नर्सिंग होम, अनुपम नगर, रायपुर. आशीर्वाद लेजर फेको आई हॉस्पिटल, नेहरू चौक, बिलासपुर. चंदादेवी तिवारी हॉस्पिटल, भाटापारा रोड, बलौदाबाजार. संजीवनी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, वेयर हाउस रोड, बिलासपुर. सनशाइन मल्टीस्पेशियालिटी हॉस्पिटल, वसुन्धरा नगर भिलाई-3, चरोदा, दुर्ग. एस.आर.एस. हॉस्पिटल, पचपेड़ी नाका, रायपुर. जीवन ज्योति हॉस्पिटल, दर्रीपारा, अंबिकापुर. साईं बाबा आई हॉस्पिटल, फाफाडीह, रायपुर. तिवारी नर्सिंग होम, सिविल लाइन, रायपुर. असीम सुपरस्पेशियालिटी डेंटल हॉस्पिटल संतोषी नगर चौक, रायपुर. चन्द्रानी सरदारी लाल स्पेशियालिटी आई एंट ईएनटी हॉस्पिटल, शांति नगर, रायपुर. एसएमसी हॉर्ट इंस्टीट्यूट एंड आईवीएफ रिसर्च सेंटर, वीआईपी इस्टेट, रायपुर।
छत्तीसगढ़ के बाहर स्थित मान्यता प्राप्त चिकित्सालय
सर गंगाराम हॉस्पिटल, राजेन्द्र नगर, नई दिल्ली. स्पंदन हार्ट इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर, धनतोली, नागपुर. प्लेटिना हार्ट हॉस्पिटल, सीताबुल्दी, नागपुर. शेल्बी मल्टीस्पेशियालिटी हॉस्पिटल, विजय नगर, जबलपुर. मेदांता द मेडिसिटी, सेक्टर-28, गुडग़ांव. जसलोक हॉस्पिटल, मुंबई. सी.एम.सी. वेल्लोर, शंकर नेत्रालय, चेन्नई, अपोलो हॉस्पिटल, चेन्नई. एस्कार्ट हार्ट इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली. बत्रा हॉस्पिटल, नई दिल्ली. अपोलो हॉस्पिटल, हैदराबाद. लीलावती हॉस्पिटल, मुंबई. मेट्रो हॉस्पिटल, नोएडा, दिल्ली. चोईथराम हॉस्पिटल, इंदौर. यशोदा हॉस्पिटल, हैदराबाद. फोर्टिस एंड लाफ्रेस फोर्टिस हॉस्पिटल – दिल्ली तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में स्थित हॉस्पिटल की सभी शाखाएं. मैक्स देवकी हार्ट एंड वास्कुलर इंस्टीट्यूट, सुपरस्पेशियालिटी हॉस्पिटल - दिल्ली तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में स्थित हॉस्पिटल की सभी शाखाएं. प्राईमस सुपरस्पेशियालिटी हॉस्पिटल, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली. मैक्स सुपरस्पेशियालिटी हॉस्पिटल, साकेत, नई दिल्ली. मेडिट्रिना इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, रामदासपेठ, नागपुर. अपोलो हॉस्पिटल्स, हेल्थ सिटी, आरोलोवा, चिनगाधिली, विशाखापटनम. मेदांता सुपरस्पेशियालिटी हॉस्पिटल, इंदौर. शेल्बी हॉस्पिटल सुपरस्पेशियालिटी केयर, इंदौर. शेल्बी मल्टीस्पेशियालिटी हॉस्पिटल, अहमदाबाद, बासवाताराकम इंडो-अमेरिकन कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, बंजारा हिल्स, हैदराबाद. कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल एंड मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट, मुंबई. बॉम्बे हॉस्पिटल, मुंबई. नानावटी हॉस्पिटल मुंबई. इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल, दिल्ली. पंडालिया कॉर्डियो-थोरेसिक फाउंडेशन, चेन्नई. एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी, हैदराबाद, मेडविन हॉस्पिटल, हैदराबाद. सेवन हिल्स हॉस्पिटल विशाखापटनम. केयर हॉस्पिटल, विशाखापटनम. स्योरटेक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, नागपुर. एच.सी.एम.सी.टी. मनिपाल हॉस्पिटल्स, नई दिल्ली. ओमनी आरके सुपरस्पेशियालिटी हॉस्पिटल, रामनगर, विशाखापटनम. नीति क्लिनिक्स, रामदासपेठ, नागपुर. ग्लेनीग्ल्स ग्लोबल हॉस्पिटल्स, हैदराबाद है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 30 अप्रैल। धान खरीदी सीजन को समाप्त हुए तीन महीने बीत चुके हैं, लेकिन उपार्जन केंद्रों में अभी भी करीब 24 लाख क्विंटल धान जाम पड़ा हुआ है। शासन ने इसमें से 23 लाख क्विंटल धान ई नीलामी के लिए ऑप्शन में रखा है। यानी इतने धान का उठाव खरीदने वाले मिलर्स सीधे केंद्रों से करेंगे। लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण धान नीलामी नहीं हो पा रही है। उपार्जन केंद्रों में धान सूखते हुए पड़ा है। केंद्रों में रखे धान में सूखत बढ़ता जा रहा है। यही कारण है कि समिति संचालक इस बार जीरो शार्टेज देने से असमर्थता जता रहे हैं। समिति प्रभारियों की मानें तो अभी से केंद्रों में शार्टेज आना शुरू हो गया है। स्थिति यह है कि 500 कट्टा में 12 से 15 क्विंटल तक कमी आ रही है। इसकी भरपाई कर पाना संभव नहीं है।
इस मामले में जिला विपणन अधिकारी सीआर जोशी का कहना है कि उठाव को लेकर डीओ जारी हो गया है। वहीं नीलामी के लिए धान उपार्जन केंद्रों में रखा है, इसलिए उठाव में देरी हो गई है। धान खरीदी के 72 घंटों में उपार्जन केंद्रों से धान का उठाव किया जाना है। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते समय पर उठाव नहीं हो पाया है। 72 घंटे तो दूर खरीदी पूरी होने के तीन महीने बीतने के बाद भी धान उपार्जन केंद्रों में रखा हुआ है। वहीं इसके देख-रेख में हजारों रुपए समितियों के बर्बाद हो रहे हैं। जीरो शार्टेज का कमीशन भी समितियों को नहीं मिल पाएगा, सो अलग।
ज्ञात हो कि जिले के 1 लाख 36 हजार किसानों से सरकार ने 75 लाख क्विंटल धान खरीदा है। इन 138 उपार्जन केंद्रों में 75 लाख क्विंटल धान था। यहां से 33 लाख 82 हजार क्विंटल धान मिलर्स ने उठाया है, वहीं 16 लाख 86 हजार क्विंटल धान ट्रांसपोर्टरों ने उठाकर संग्रहण केंद्रों में रखा है। इसके बाद 24 लाख 32 हजार क्विंटल धान अभी भी उपार्जन केंद्रों में रखा हुआ है। मिलर्स उपार्जन केंद्रों से धान का उठाव कर रहे हैं, लेकिन एफसीआई में जगह नहीं होने के कारण रफ्तार कम है।
कोण्डागांव, 30 अप्रैल। कोण्डागांव जिले में लगाए गए लॉकडाउन के बीच खाद व कृषि के अन्य सामग्री नहीं मिलने से किसानों के सामने समस्या उत्पन्न हो चुकी है, तो वही जिन किसानों का फसल तैयार हो चुका है, वे भी ट्रांसपोर्ट बंद होने से परेशान हैं।
इस बारे में विकासखंड कोण्डागांव अंतर्गत खेती किसानी कार्य करने वाले किसान खगेश्वर देवांगन ने बताया कि जिन किसानों की फसल तैयार हो चुकी है बॉर्डर लॉक होने के कारण वे फसल ट्रांसपोर्ट नहीं कर पा रहे हैं तो वहीं फसल सामग्री जैसे पेस्टिसाइड व अन्य के लिए भी काफी परेशानी हो रही है, क्योंकि लॉकडाउन में सभी दुकानें बंद हैं। उन्होंने लागत समझाते हुए बताया किसी भी फसल के लिए 1 एकड़ में लगभग डेढ़ लाख रुपए का खर्च आता है। लॉकडाउन में किसानों को इन डेढ़ लाख रुपए का सीधा नुकसान हो रहा है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 30 अप्रैल। कोविड संक्रमण पर नियंत्रण पाने के लिए महासमुंद जिले में 30 अप्रैल को वॉयरोलॉजी लैब का शुभारंभ प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने 11 बजे वर्चुअल प्रक्रिया के माध्यम से किया।
ज्ञात हो कि कोविड परीक्षण हेतु वॉयरोलॉजी लैब एक विशिष्ठ प्रक्रिया है, ऐसे लैब की स्थापना हेतु एम्स रायपुर तथा आईसीएमआर दिल्ली की स्वीकृति की आवश्यकता होती है। महासमुंद एवं कांकेर जिले में वॉयरोलॉजी लैब की स्थापना करने हेतु आईसीएमआर दिल्ली से स्वीकृति प्राप्त हो गई थी। अब दोनों जिलों के जनमानस को त्वरित ही कोविड जांच रिपोर्ट मिल जायेगी तथा संक्रमित मरीजों को जल्द से जल्द आईसोलेट किया जा सकेगा साथ ही साथ समय पर इलाज भी प्रारंभ किया जा सकेगा।
जानकारी के अनुसार वॉयरोलॉजी लैब विशिष्ठ प्रक्रिया से संचालित होता है, जिसमें वायरस के सैंम्पल से संभावित मरीजों के सैंम्पल का लाईसिस किया जाता है तत्पश्चात् आरएनए को बाहर निकाला जाता है फिर उस आरएनए से आरटी-पीसीआर प्रक्रिया किया जाता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से वायरस का पहचान किया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए माईक्रोबॉयलॉजिस्ट, सीनियर सांईटिस्ट, जुनियर सांईटिस्ट लैब टेक्निशियन एवं लैब अटेंडेट की आवश्यकता होती है ऐसे लैब एक मानक मापदण्डों के अनुरूप संचालित किया जाता हैं।
वर्तमान में प्रदेश में वायरोलॉजी लैब का संचालन एम्स रायपुर के द्वारा सभी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़, राजनांदगांव, जगदलपुर, अंबिकापुर में संचालित किया जा रहा है। वर्तमान में महासमुंद एवं कांकेर जिलें में प्रारंभ हो रहे वॉयरोलॉजी लैब का संचालन अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय के अधिन संचालित किया जाएगा। संबंधित लैब में सेवायें देने वाले लैब प्रभारी एवं सांईटिस्ट को संबंधित चिकित्सा महाविद्यालय के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा चुका है। विषय.विशेषज्ञों के माध्यम से भी निरंतर सहयोग एवं मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा। एसडीआरएफ एवं डीएमएफ मद से मानव संसाधनों की भर्ती की स्वीकृति संचालक, संचालनालय, स्वास्थ्य सेवायें द्वारा दी गई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया पूर्ण कराई जा रही हैं। शासन स्तर से भी वॉयरोलॉजी लैब हेतु मानव संसाधनों की नियमित सेटअप की स्वीकृति दी गई है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कवर्धा, 30 अप्रैल। कबीरधाम जिले की जलवायु को देखते हुए मई माह के पहले सप्ताह में कवर्धा में तेंदूपत्ता संग्रहण 251 फड़ों में शुरू हो जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में तेन्दूपत्ता संग्रहण कार्य के सुचारू संचालन के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं।
कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा तथा वनमंडलाधिकारी व प्रबंध संचालक जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित कवर्धा दिलराज प्रभाकर के द्वारा जिले के सभी फड़ों में फड़ मुंशी और फड़ अभिरक्षकों की ड्यूटी लगाई जा चुकी है। तेंदूपत्ता संग्रहण के इस कार्य को कराने के लिए उप वन मंडल अधिकारी जोनल अधिकारी, परिक्षेत्र अधिकारी बतौर नोडल अधिकारी तथा इन 19 प्राथमिक लघु वनोपज समितियों के लिए 19 पोषक अधिकारी और 19 प्रबंधकों की ड्यूटी लगाई गयी है। कबीरधाम जिले के जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित कवर्धा में तेंदूपत्ता संग्रहण वर्ष 2021 में संग्रहण लक्ष्य 40800 मानक बोरा, 16.32 करोड़ रूपए तथा संग्राहक परिवार संख्या लगभग 34000 निर्धारित किया गया है। वर्ष 2021 तेंदूपत्ता सीजन में कुल 19 समितियों में से 12 समितियों का अग्रिम में निर्वर्तन हो चुका है। बाकी 7 समितियों में विभागीय संग्रह किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ में वर्ष 2021 में तेन्दूपत्ता संग्रहण दर 4 हजार रूपए प्रति मानक बोरा निर्धारित की गई है। राज्य में तेन्दूपत्ता संग्रहण कार्य से लगभग 13 लाख आदिवासी-वनवासी संग्राहक परिवारों को सीधा-सीधा लाभ मिलेगा और इसके संग्रहणकाल माह मई तथा जून में दो माह के भीतर संग्राहकों को 668 करोड़ रूपए की राशि के संग्रहण पारिश्रमिक का वितरण किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने हाल ही में जिलेवार कोरोना संक्रमण की स्थिति के संबंध में ली गई समीक्षा के दौरान निर्देशित किया था कि राज्य में लघु वनोपजों के संग्रहण कार्य को भी निरंतर जारी रखा जाए, ताकि जरूरतमंदों को रोजगार के लिए भटकना न पड़े और उनकी अतिरिक्त आमदनी भी सुनिश्चित हो। इनमें लघु वनोपजों के संग्रहण के दौरान कोविड-19 के गाइडलाईन तथा आवश्यक सावधानियां का पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। इस संबंध में वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने भी प्रमुख सचिव वन मनोज पिंगुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख ाकेश चतुर्वेदी तथा प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ मर्यादित संजय शुक्ला को सभी वन मंडलों में आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। कबीरधाम वनमंडलाधिकारी तथा प्रबंध संचालक जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित कवर्धा दिलराज प्रभाकर ने बताया कि कबीरधाम जिले में विगत वर्षो में तेंदूपत्ता संग्रहण वर्ष 2018 में 42242 मानक बोरा, राशि 10.56 करोड़ रूपए संग्राहक परिवार संख्या 28474; वर्ष 2019 में 35411 मानक बोरा, राशि 14.16 करोड़ रूपए, संग्राहक परिवार संख्या 33031; वर्ष 2020 में 20304 मानक बोरा, राशि 8.12 करोड़ रूपए, संग्राहक परिवार संख्या 29310 रही।
कोरोना से बचने, जारी प्रोटोकॉल के निर्देशों का पालन होगा
वनमंडलाधिकारी तथा प्रबंध संचालक जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित कवर्धा दिलराज प्रभाकर ने बताया कि विगत वर्ष कोरोना की महामारी को देखते हुए राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ मर्यादित रायपुर द्वारा सभी संग्राहक परिवारों को 1.51 लाख मास्क उपलब्ध कराए गए थे। सभी फड़ों पर सैनिटाइजर, बाल्टी-मग पानी, सोशल डिस्टेंसिंग तथा संग्राहक परिवार सदस्य मास्क लगाकर ही फड़ पर अपना तेंदूपत्ता विक्रय करने आएगा, ऐसा सुनिश्चित किया गया था। इस वर्ष भी तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य प्रारंभ होने के पूर्व वन मंडलाधिकारी एवं प्रबंध संचालक, जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित कवर्धा के द्वारा जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य अधिकारी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उप प्रबंध संचालक, समस्त उप वन मंडल अधिकारी, परिक्षेत्र अधिकारी, परिक्षेत्र सहायक, पोषक अधिकारी, प्रबंधक, तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार, तेंदूपत्ता ठेकेदारों तथा उनके मजदूरों को कोरोनावायरस महामारी से बचाव एवं सावधानियां संबंधित शासन और प्रशासन के जारी दिशा-निर्देशों से अवगत कराया गया है। सभी तेंदूपत्ता फड़ों पर कोरोनावायरस के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, सैनिटाइजर, हाथ धोने के लिए पानी साबुन बाल्टी, इत्यादि की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है।
आठ वेंटिलेटर भी एक दो दिनों में आने की संभावना
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 30 अपै्रल। शासन की मंशा के अनुरूप जिला प्रशासन कोविड के मरीजों के उपचार के प्रति काफी गंभीरता से डटा हुआ है। अस्पतालों में भर्ती मरीजों के बेहतर इलाज को सुचारू बनाए रखने के लिए ऑक्सीजन, वेंटिलेटर अन्य आवश्यक व्यवस्था के लिए अथक प्रयास किया जा रहा है। इसी बीच जिले को कल सौ जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर मुंबई की एक उत्पादक संस्था से मिले हैं।
सांसद, विधायकों द्वारा जिले के कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए निधि उपलब्ध कराई गई। इस निधि की राशि का उपयोग करते हुए कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य ने सीधे मुबई की कंपनी को 300 जंबो सिलेंडर खरीदने मांग पत्र पिछले दिनों भेजा था।
इसी तारतम्य में फिलहाल 100 जंबो सिलेंडर जिले को मिले हैं। असल में 150 जंबो सिलेंडर उत्पादक कंपनी ने जिले को अलॉट किया था, मगर बेमेतरा जिले में आवश्यकता को देखते हुए वहां 50 जंबो सिलेंडर भेजे गए, शेष यहां मिले। उम्मीद है शेष जंबो सिलेंडर भी उक्त संस्था से जल्द मिलेंगे।
कलेक्टर श्री मौर्य ने बताया कि इसी तरह डीएमएफ से जिले के मरीजों के लिए वेंटिलेटर खरीदने दिल्ली की उत्पादक संस्था को अप्रैल माह में ही मांग पत्र भेजा गया था। उक्त निजी संस्था ने बताया है कि उन्होंने आठ वेंटिलेटर जिले के लिए डिस्पैच कर दिया है और वह एक-दो दिनों के भीतर धमतरी जिले में आ जाएंगे। उम्मीद है इससे कोविड के मरीजों के उपचार में काफी सहूलियत होगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर, 30अप्रैल। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी वन विभाग द्वारा जिले में तेंदूपत्ता संग्रहण एवं विपणन का किया जाएगा, इसके लिए तैयारी भी पूरी कर ली गई है । तेंदूपत्ता तोड़ाई का कार्य मई के द्वितीय सप्ताह से प्रराम्भ होने की संभावना है।
इस वर्ष जिले को 38 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य मिला है। जिले के 47 हजार 870 वनवासी परिवार तेंदूपत्ता तोड़ाई में शामिल होंगे जिससे उन्हें प्रत्यक्ष रूप से एक से डेढ़ माह रोजगार और अतिरिक्त आय मिलेगा। इस समय वनवासी तेंदूपत्ता तोड़ाई का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।वर्तमान में तेन्दूपत्ता संग्रहण दर 400 रूपए प्रति सैकड़ा है तथा 4 हजार रुपये प्रति मानक बोरा। निर्धारित लक्ष्य के अनुसार तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को करीब 15 करोड़ 20 लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि जिले में तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य 14 समितियों के माध्यम से 15 लॉट में निर्धारित लक्ष्य 38 हजार मानक बोरा तक किया जाएगा। तेन्दूपत्ता संग्रहण के लिए फड़ स्थल का चयन कर वहां कीटनाशक का छिडक़ाव करा दिया गया है। रंग, बोरा, सुतली, सूजा व तारपोलिन की व्यवस्था भी कर दी गई है। इसके साथ ही फड़ अभिरक्षक, पोषक अधिकारी, जोनल अधिकारी, गोदाम प्रभारी, गोदाम सहायक एवं नियंत्रण अधिकारी की नियुक्ति कर दी गई है। तेन्दूपत्ता संग्रहण कार्य के लिए करीब 250 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि तेन्दूपत्ता तोड़ाई के दौरान संग्राहकों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव हेतु मास्क एवं सेनेटाइजर का उपयोग तथा फिजिकल डिस्टेंस का अनुपालन करना होगा।
संक्रमित महिला ने स्वस्थ बच्चे को दिया जन्म
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 30 अप्रैल। जिले के डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल में कल सुबह फिर किलकारी गूंजी। गुरुवार को मैनपुर विकासखंड की रहने वाले नागरबड़ी की 29 वर्षीय रुखमणी ध्रुव ने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया । मां और बच्चे दोनों पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
सीएमएचओ ने बताया कि जिले में यह कोरोना संक्रमित महिला से छठवी डिलीवरी है। सुरक्षित प्रसव के पश्चात डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल के नर्स, स्टाफ और डॉक्टर ने खुशी जाहिर करते हुए रुक्मणी और उनके परिवार को बधाई दी है ।
ज्ञात हो कि विगत 26 अप्रैल को भी गरियाबंद ग्राम कोचबाय की ममता कश्यप द्वारा भी स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया गया है। इस तरह डेडीकेटेड हॉस्पिटल, गरियाबंद में यह छठी डिलीवरी है। इससे ड्यूटी में तैनात समस्त स्टाफ उत्साहित हंै। सुरक्षित प्रसव में डॉ. गीतेश पटेल, डॉ. पंकज जंघेल एवं कंचन कुर्रे, बेरो निका एक्का, अंकिता साहू, ममता, किशन, गीतांजलि एवं पोखराज की विशेष भूमिका रही ।
कोण्डागांव, 30 अप्रैल। इन दिनों भारी गर्मी होने के बाद भी मिट्टी के बर्तनों का व्यापार नहीं कर पा रहें हैं। कोण्डागांव जिला अंतर्गत मिट्टी के बर्तन बनाकर जीवन यापन करने वाले कुम्हारों के समक्ष रोजगार की समस्या उत्पन्न हो चुकी है।
कोण्डागांव के कुम्हारपारा निवासी अशोक चक्रधारी ने बताया कि गत वर्ष के लॉकडाउन समय से कुम्हार अपना उत्पाद बाजार तक नहीं ला पा रहे हैं। बाजार बंद होने के कारण कुम्हारों के सामने जीवन यापन की समस्या आ रही है। किसी तरह से कुम्हार ग्रामीणों के बीच घर घर पहुंचा कर मिट्टी के बर्तन और घड़ा बिक्री का कार्य करते थे, लेकिन वो लॉकडाउन के कारण प्रभावित हो गया। ग्रामीण कोरोना के कारण भयभीत हैं और कुम्हारों को घड़ा बेचने के लिए गांव में प्रवेश करने नहीं दे रहें।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दल्ली राजहरा, 30 अप्रैल। लौह नगरी दल्ली राजहरा सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के कोरोना संक्रमित मरीजों के बेहतर उपचार एवं समुचित देखभाल के लिए क्षेत्र की विधायक व कैबिनेट मंत्री अनिला भेडिय़ा के प्रयास से बहुत ही कम समय में नगर के वार्ड क्रमांक-17 स्थित एकलव्य विद्यालय को 100 बिस्तर ऑक्सीजनयुक्त कोविड केयर सेंटर बनाया गया है।
नगर पालिका अध्यक्ष शीबू नायर सहित विधायक प्रतिनिधि पीयूष सोनी, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अशोक बाम्बेश्वर, स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों, स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों, कोरोना वॉरियर्स की उपस्थिति में पूजा-अर्चना कर नवनिर्मित कोविड केयर सेंटर का लोकार्पण कर क्षेत्र की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने समर्पित किया गया।
नगर पालिका अध्यक्ष शीबू नायर ने कहा कि नगर में 100 बिस्तर ऑक्सीजनयुक्त कोविड केयर सेंटर स्थापित होने से नगर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों को भी कोरोना के उपचार के लिये बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो पाएगा।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोविड केयर सेंटर में चिकित्सकों सहित आवश्यक स्टाफ तैनात कर दिया है, आने वाले दिनों में कोविड संक्रमितों को यहाँ भर्ती कर उपचार किया जाएगा। सेंटर में सभी आवश्यक मेडिकल इक्विपमेंट, मेडिसिन सहित पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन का भी उपलब्धता सुनिश्चित किया गया है।
तीन दिनों में दो वन्यप्राणियों की मौत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 30 अप्रैल। कल सुबह एक चौसिंगा सराईपाली गांव के तालाब के किनारे संभवत: पानी पीने के लिए पहुंचा था। तभी आवारा कुत्तों ने उस पर हमला कर दिया। इससे उसकी मौत हो गई।
इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक गुरूवार की सुबह गोमर्डा अभ्यारण्य के सराईपाली उत्तर बीट से एक चौसिंगा जंगल से भटककर सराईपाली गांव के करीब तालाब में पानी पीने के लिए पहुंचा। तभी आवारा कुत्तों के झुंड ने उसे दौड़ाना शुरू कर दिया और उस पर हमला कर दिया। इससे उसकी मौत हो गई।
घटना के बाद मामले की जानकारी वन अमला को दी गई। जहां वनकर्मी मौके पर पहुंचे और मृत चौसिंगा का चिकित्सकीय परीक्षण कराया गया। इसके बाद घने जंगलों के बीच उसे मांसाहारी वन्यप्राणियों के भोजन के लिए छोड़ा गया और आगे की कागजी प्रक्रिया पूरी की गई।
ज्ञात हो कि कुत्तों के हमले से हर साल गोमर्डा अभ्यारण्य सहित पूरे वनमंडल में दर्जनों वन्यप्राणियों की मौत हो जाती है। तीन दिनों में दो वन्यप्राणियों की मौत कुत्तों की वजह से हो गई। करीब दो दिन पहले बोइरदादर बीट में कुत्तों ने एक चीतल को मार डाला तो अब अभ्यारण्य में चौसिंगा पर कुत्तों ने हमला कर उसकी जान ले ली।
पिकनिक स्पॉट के लिए मिली राशि का हो सदुपयोग-वोरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 30 अपै्रल। दुर्ग भिलाई ट्विन सिटी के मध्य स्थित 65 एकड़ के ठगड़ा बांध को एक भव्य एवं समग्र पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित करने के लिए 6 माह पूर्व विधायक अरुण वोरा द्वारा की गई थी। शासन द्वारा 14 करोड़ की राशि स्वीकृत करवा के नवंबर माह में कार्य का भूमिपूजन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा विधायक वोरा व महापौर धीरज बाकलीवाल की मौजूदगी में करवा कर कार्य प्रारंभ कराया गया था।
जहां फूड कोर्ट, चिल्ड्रन पार्क, साईकल एवं रनिंग ट्रैक के साथ ही सुंदर आइलैंड विकसित करने का कार्य प्रगतिरत है। ठगड़ा बांध के पुनरुद्धार के साथ ही आस पास के वार्डों में ग्राउंड वाटर लेवल वढाने के लिए रिटर्निंग वॉल बनाने का कार्य जारी है जिसके निरीक्षण में विधायक वोरा महापौर, आयुक्त व निगम अधिकारियों के साथ पहुंचे।
उन्होंने कहा कि दुर्ग भिलाई के आकर्षण के केंद्र के रूप में आमोद प्रमोद का केंद्र विकसित करवाने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है, जिसमें कार्य की सतत मोनिटरिंग, गुणवत्ता एवं समय सीमा का ध्यान रखना आवश्यक है। बरसात के पूर्व गहरीकरण का कार्य नहीं करवाने से प्रोजेक्ट में अनावश्यक विलंब हो सकता है। ठेका एजेंसी को कार्य के निष्पादन के अनुरूप ही भुगतान किया जाए शासन द्वारा पिकनिक स्पॉट के लिए मिली राशि का सदुपयोग होना चाहिए व सौंदर्यीकरण को पहली प्राथमिकता देते हुए जल्द से जल्द कार्य पूर्ण करवाया जाए।
अधिकारियों ने बताया कि अब तक 3 करोड़ के कार्य कराए जा चुके हैं अगले चरण में बरसात पूर्व ही आइलैंड एवं गहरीकरण का कार्य शुरू कराया जा रहा है। महापौर धीरज बाकलीवाल ने कहा कि बांध के विकसित हो जाने के बाद दुर्ग भिलाई की जनता को स्वास्थ्य लाभ मिलने के साथ ही परिवार के साथ समय बिताने के लिए भी एक बेहतर विकल्प मिलेगा। निरीक्षण के दौरान पूर्व पार्षद राजेश शर्मा, नंदू महोबिया, एल्डरमैन अंशुल पांडेय, सुमित वोरा, संदीप वोरा निगम के कार्यपालन अभियंता मोहनपुरी गोस्वामी, उप अभियंता आर के पालिया मौजूद थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबन्द/राजिम, 30 अप्रैल। पचास हजार के गांजे समेत पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वे लॉकडाउन के दौरान अवैध रूप से गांजा का परिवहन कर रहे थे।
पुलिस के अनुसार शासन द्वारा जारी गाइडलाइन एवं लॉकडाउन के दौरान अवैध रूप से नशीली पदार्थों का परिवहन करने वालों के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई करने का निर्देश प्राप्त हुआ था, जिसके परिपालन में सीमावर्ती क्षेत्र पर नाकाबंदी हेतु ग्राम चौबे बांधा पुल के पास फिक्स चेकिंग पॉइंट ड्यूटी लगाकर आने-जाने वालों पर सतत निगाह रखी जा रही थी ।
गुरुवार को ड्यूटी के दौरान चौबे बांधों की ओर से आ रहे मोटरसाइकिल क्रमांक सीजी 05 एबी 2705 के सवार दो व्यक्ति को रोका गया, जिसके मोटरसाइकिल के बीच में एक सफेद रंग के प्लास्टिक बोरी में सामान रखा था जिसको चेक करने पर प्लास्टिक बोरी के अंदर 10 पैकेट मैं खाकी रंग के टेप से चिपका हुआ मादक पदार्थ को तस्करी करते पकड़ा गया। आरोपियों मुकेश सेन सिवनी कला कुरूद जिला धमतरी एवं रामनाथ कंसारी ग्राम गोबरा कुरूद जिला धमतरी को 29 अप्रैल को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया। आरोपियों से एक सफेद रंग के यूरिया बोरी के अंदर रखे 10 किलो 120 ग्राम मादक पदार्थ गांजा कीमती 50,000 व एक मोटरसाइकिल कीमती 60000 कुल जुमला 110000 जब्त किया गया।
बढ़ाई गई कोरोना अस्पतालों की सुरक्षा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 30 अप्रैल। कोरोना वायरस संक्रमण से जिलेवासियों को बचने जिला प्रशासन द्वारा 14 अप्रैल से पूरे जिले में लॉकडाउन लगाया गया है। 15 दिनों से लगातार दिन और रात शहर में सशस्त्र बल, नगर सैनिकों के साथ जिला पुलिस के अधिकारी व जवान सडक़ किनारे टेंट के सहारे लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने में लगे हुये हैं।
अनुविभागों में पुलिसकर्मियों के साथ शिक्षा विभाग, राजस्व विभाग व अन्य विभागों के अधिकारी, कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है जो पूरी जिम्मेदारी के साथ बैरियर, चेक पोस्ट पर ड्यूटी कर रहे हैं। शहर के साथ ग्रामीण इलाकों में भी पुलिस बेवजह आवाजाही करने वालों पर सख्ती की जा रही है। मुख्य मार्गों के चेक पोस्ट के अलावा ग्रामीण इलाकों में भी गांव वाले पुलिस स्टाफ को व्यवस्था बनाने में पूरा सहयोग प्रदान कर रहे हैं।
पिछले दिनों कोविड हॉस्पिटल में मरीरों के परिजनों द्वारा डॉक्टर्स व मेडिकल स्टाफ के साथ अभद्रता किये जाने पर सभी शासकीय एवं निजी हॉस्पिटलों की सुरक्षा तगड़ी कर दी गई है। वरिष्ठ अधिकारियों के साथ थाना, चौकी प्रभारीगण समय-समय पर पेट्रोलिंग कर सुरक्षा का जायजा लिया जा रहा है। वैक्सीनेशन एवं टेस्टिग सेंटर में संक्रमण के फैलाव को रोकने विशेष रूप से पुलिस व्यवस्था की गई है।
जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है, ड्यूटी में परेशानी जरूर आ रही है जिसे देखते हुए कर्मचारियों की शिफ्ट में ड्यूटी लगाई जा रही है। वायरस की दूसरी लहर में 45 अधिकारी व जवान संक्रमित हुये हैं, स्थिति को देखते हुये विशेष परिस्थितियों को छोडक़र पुलिसकर्मियों की सभी प्रकार की छुट्टियों पर रोक लगा दी गई है।
जवानों का हौसला बढ़ाते एसपी संतोष सिंह को प्रतिदिन फिल्ड पर देखे जा सकते हंै। उन्होंने जवानों को अनिवार्य रूप से मास्क और ग्लव्स पहनें और ड्यूटी दौरान चेहरा, नाक, कान छुने मना किया गया है तथा ड्यूटी के दौरान एक-दूसरे से एक मीटर की दूरी पर रहने निर्देशित किये हैं। अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था पर तैनात कर्मचारियों को मास्क, सैनिटाइजर व अन्य जरूरी सामग्रियों का वितरण किया गया है।
एनएच में वाहनों की आवाजाही घंटों रोकी ताकि हाथी आसानी से आगे बढ़ जाए
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मैनपुर, 30 अपै्रल। तहसील मुख्यालय मैनपुर में गुरूवार सुबह 15 हाथियों का दल पहुंचा। जंगली हाथियों के दल मैनपुर के नजदीक तीन किलोमीटर की दूरी फुलझर घाटी नाहनबिरी जंगल में सुबह से देर शाम तक अपना डेरा डाले रहे।
मैनपुर नगर के इतने नजदीक पहली बार हाथियों के दल ने दस्तक दी है। जिसके चलते सुरक्षा के लिहाज से वन प्रशासन, राजस्व विभाग एवं पुलिस प्रशासन की टीम सुबह 6 बजे से ही क्षेत्र में सक्रिय हो गये थे और हाथी प्रभावित क्षेत्र में लोगों की आवाजाही पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया था। साथ ही हाथियों के दल ने नेशनल हाईवे मार्ग को पारकर फुलझर की ओर बढऩा चाह रहे थे, लेकिन लगातार नेशनल हाईवे में वाहनों की आवाजाही लगे रहने के कारण हाथियों के दल नेशनल हाईवे के किनारे अपना जमवाड़ा बना लिए।
वन विभाग, राजस्व विभाग, और पुलिस प्रशासन की टीम भी तत्काल नेशनल हाईवे मार्ग फुलझर घाटी के पास दोनों तरफ वाहनों की आवाजाही घंटों रोककर रखा ताकि हाथियों के दल आसानी से नेशनल हाईवे को पार कर निकल जाए और किसी ग्रामीण को कोई नुकसान न पहुंचाएं। अंतत: वन विभाग की रणनिति पुरी तरह कारगर साबित हुई। दोनों तरफ वाहनों को रोक देने से रात 7:10 मिनट में अंधेरा छाते ही हाथियों के दल ने नेशनल हाईवे को पार कर फुलझर जलाशय के तरफ रूख किया है।
ज्ञात हो कि दो दिन पूर्व ही हाथियों के दल ने मैनपुर विकासखण्ड क्षेत्र के ढोलसरई के एक युवक की फोटो खीेंचने के दौरान जान ले लिया था और जमकर फसल को नुकसान पहुंचाकर धमतरी जिला के अरसीकन्हार परिक्षेत्र में चला गया था।
कल पुन:बुधवार शाम 06 बजे के आसपास गौरगांव रिसंगाव के जंगल को क्रास कर इन हाथियों के दल ने तौरेंगा परिक्षेत्र के जंगल को पार कर रात में ही पेंड्रा, खूदूरबाहरा, और झरियाबाहरा के जंगल में पहुच गया और मैनपुर वन परिक्षेत्र के इन ग्रामों में इन हाथियों के दल ने रात में जमकर उत्पात मचाया था। किसानों की फसलों को बुरी तरह से रौंदा है। कई किसानों के खेत में बने झोपड़ी और लारी का तोडक़र फेंका है। इस हाथियों के झुण्ड में 15 की संख्या होने की बात बताई जा रही है, जिसमें एक दो तीन दिन के नन्हें शावक और दो और शावक होने की जानकारी मिली है। जिसके चलते यह हाथियों का दल काफी आक्रमक है। साथ ही अपने शावकों की सुरक्षा को लेकर हाथियों के दल पूरी तरह सजग है।
रात को हाथियों के दल ने धमतरी झरियाबाहरा मुख्य मार्ग को जब पार किया, तो इसकी जानकारी झरियाबाहरा के ग्रामीणों को लग गई थी। उन्होंने वन विभाग को इसकी जानकारी दे दे थी। गुरुवार सुबह से ही मैनपुर नगर सहित पुरे क्षेत्र में मैनपुर नगर के नजदीक हाथियों के दल पहुंच जाने की जानकारी लगती है। लोगों में भारी दहशत देखने को मिली। और दिनभर हाथियों के दल ने मैनपुर नगर से महज तीन किलोमीटर दुर फुलझर घाटी, नाहनबिरी जंगल क्षेत्र में नेशनल हाईवे के किनारे अपना डेरा डाला।
संभावना व्यक्त की जा रही है कि सडक़ के उस पर ग्राम फुलझर में एक जलाशय है और यह हाथियों का दल अपना प्यास बुझाने देर शाम को नेशनल हाईवे को पार कर फुलझर के तरफ बढ़े हैं। साथ ही वन विभाग की पुरा टीम हाथियों के दल पर नजर रखे हुए हैं। उम्मीद जताई जा रही है यह हाथियों का दल ग्राम जिडार, चलकीपारा, रामपारा, सिंहार, लूठापारा, होते हुए सिकासार जलाशय के तरफ बढ़ सकती है।
मजदूर दिवस पर बोले श्रमिक- जीने के लिए संघर्ष बना परंपरागत व्यवहार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 30 अप्रैल। एक मई यानी मजदूर दिवस की खास महत्ता से लेकर मेहनतकश कौम माने जाने वाले मजदूर अंजान है। मजदूरों को इस दिन की खासियत को लेकर जानकारी की कमी है। वहीं एक मई को मजदूर दिवस के रूप में मनाए जाने पर मजदूरों के मन में सरकारों को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। श्रमिकों को इस बात का इल्म नहीं है कि मजदूरों के हितों को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों के पास ढेरों योजनाएं हैं। वैसे तो इन योजनाओं से मजदूरों के जीवन में खास बदलाव नजर नहीं आता, फिर भी सरकारों की दलील में यह बात हमेशा रही है कि श्रमिकों के जीवनस्तर को बेहतर रूप देने के लिए अफसर बिरादरी नीतिगत निर्णय लेता रहा है।
‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा करते कुछ मजदूरों ने कहा कि पेट की आग बुझाने के लिए मेहनत करना परंपरागत स्वभाव में बदल गया है। घर से काम करने के लिए एक निर्धारित वक्त तय रहता है। जबकि वापसी का कोई समय तय नहीं है। एक मजदूर बाबूलाल चंद्राकर पेशे से हाथ ठेला खींचते हैं। वह लॉकडाउन में भी पूर्व दिनों की तरह सुबह 6 बजे निकलकर काम की तलाश करते हैं। लॉकडाउन से उनके कमाई पर स्वभाविक रूप से असर पड़ा है। लॉकडाउन में वह बमुश्किल 50 से 100 रुपए ही दिनभर मेहनत करने के बाद जुटा पा रहे हैं। उनका कहना है कि बिना हाथ-पैर चलाए पेट भरना मुश्किल है।
इसी तरह जंगलपुर निवासी रेवाराम साहू भी ठेला खींचकर दो वक्त की रोटी के लिए मेहनताना जुटाते हैं। शहर में पहुंचकर वह गलियों में सामानों की ढुलाई करते हैं। तब कहीं उन्हें मजदूरी मिलती है। इसी तरह इंदिरा नगर निवासी लक्ष्मी यादव भी मजदूरी करने को अपना किस्मत मानती है। गरीबी से तंग उसके परिवार को अब कोरोना से भी मुकाबला करना पड़ रहा है। जाहिर तौर पर दोहरी मार पडऩे से मजदूरों के जीवन में आफत आ गया है। इस कठिन दौर में वह मजदूरी करने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रही है।
नंदई की मंगला सोनकर इस बात से वाकिफ नहीं है कि सरकारों ने मजदूरों का भला करने के लिए कई योजनाएं बनाई है। उनका सवाल है कि यदि ऐसा है तो मजदूरों के जीवनस्तर में क्यों बदलाव नहीं हो रहे हैं, बल्कि वह यह सवाल करती है कि मजदूरों की आर्थिक स्थिति दिन-ब-दिन कमजोर हो रही है। बहरहाल मजदूर दिवस पर श्रमिकों की जुबान पर दर्द और शिकवा-शिकायतें हैं। सरकारों से उन्हें कोई मदद नहीं मिलने का अफसोस है। वहीं वह अपने जीवन में अब कोई बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं देखते हैं।
अप्रैल में रिकॉर्ड कोरोना मौतों में मां-बेटे संग भाई-बहन भी शामिल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 30 अप्रैल। कोरोना की दूसरी लहर से मचे तबाही ने इस कदर इंसानों पर कहर ढाया कि अप्रैल के महीने के गुजरने का लोगों को बेसब्री से इंतजार था। अप्रैल के पूरे महीने में कोरोना के उफान में कई परिवारों का जीवन धराशाही हो गया। 30 दिन के महीने वाले अप्रैल में हर दिन 6 से 7 औसतन मौतें हुई। पूरे माह में 196 लोग इस दुनिया को कोरोना से जंग हारने के बाद अलविदा कह गए।
अप्रैल के सप्ताह से शुरू हुआ कोरोना मौतों का सिलसिला रिकॉर्ड तोड़ रहा। दूसरे सप्ताह में मानो कोरोना ने यह ठान लिया था कि इंसानों को किसी भी सूरत में बख्शेगा नहीं। दूसरे सप्ताह में कुछ दिन ऐसे भी रहे जब मौतों की संख्या डेढ़ दर्जन तक पहुंच गई। कोरोना से कुछ परिवारों में सिलसिलेवार मौतें हुई। कहीं मां-बेटे ने एक साथ दम तोड़ दिया, तो भाई-बहन भी इस महामारी के सामने जिंदगी हार गए। इसके अलावा युवा और स्वस्थ माने जाने वाले लोगों की भी कोरोना ने जान लेने में कमी नहीं की। आज स्थिति है कि कोरोना के चलते इंसानी जीवन घरों में समय काट रहा है। कोरोना के खात्मे को लेकर प्रमाणित तौर पर कोई भविष्यवाणी नहीं है।
बताया जाता है कि अप्रैल माह में राजनांदगांव शहर के साथ-साथ कस्बों में भी कोरोना मौतों से श्मशान घाटों में शवों का अंबार लगा रहा। गुजरे एक साल के भीतर कोरोना मौतों की संख्या बेहद कम थी। एकाएक अप्रैल के महीने में शुरू हुए मौतों ने पिछले सभी रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया। बीते एक साल में जिले में 409 लोगों की कोरोना ने जान ले ली। अकेले अप्रैल के महीने में 196 लोगों की जिंदगी खत्म हो गई। यानी अप्रैल माह में 50 फीसदी मौतें हुई। जबकि मई माह को लेकर भी डब्ल्यूएचओ से लेकर कोरोना विशेषज्ञ शुभ संकेत नहीं मान रहे हैं। अप्रैल के महीने से ज्यादा मई में कोरोना के जानलेवा होने की संभावना जताई जा रही है।
राजनंादगांव जिले के डोंगरगांव में दो सगी बहनों की मौत को लोग अब भी याद कर रहे हैं। दोनों शादी के बाद देवरानी और जेठानी बनकर एक ही परिवार में वैवाहिक उत्तरदायित्व का बखूबी निर्वहन कर रहे थे। कोरोना ने इन दोनों को नहीं बख्शा। इसी तरह लखोली के ज्योतिन्द्र श्रीवास्तव की जहां कोरोना से मौत हुई। वहीं एक दिन बाद उनकी मां भी कोरोना के सामने अपनी जिंदगी हार गई।
राजनांदगांव जिले में कोरोना से मची तबाही के ऐसे कई उदाहरण हैं। कुछ परिवारों में तो इकलौते कमाउ पुत्र की भी कोरोना से मौत हो गई। बताया जा रहा है कि अप्रैल के महीने में जिस तरह से कोरोना ने इंसानी जीवन को तहस-नहस कर दिया, उसके बाद लोगों की इस महीने के गुजरने का बेसब्री से इंतजार था। आखिरकार अप्रैल के महीने में 196 लोगों के गुजरने का दर्द हमेशा रिश्तेदार और परिजनों को सालता रहेगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 30 अप्रैल। वैश्विक महामारी के खिलाफ मजबूती से जंग लडऩे में फ्रंटियर वारियर्स माने जाने वाले स्वास्थ्य अमले एक कर्मी ने ऑक्सीजन और आईसीयू के अभाव में दम तोड़ दिया। स्थानीय पेंड्री स्थित कोविड-19 अस्पताल में कोरोना उपचारार्थ के लिए दाखिल स्वास्थ्यकर्मी आखिरी दम तक स्पेशल यूनिट केयर कक्ष के लिए चिकित्सकों के सामने गिड़गिडाते रहा, पर आईसीयू के खचाखच भरे होने के कारण उसे बिस्तर नसीब नहीं हुआ।
डोंगरगढ़ ब्लॉक के मुरमुंदा के पीएचसी में पदस्थ कम्प्यूटर ऑपरेटर सोनेश्वर साहू गुरुवार पूरे दिन ऑक्सीजन के कम लेवल के बीच अपने भाई के जरिये आलाधिकारियों से वेंटिलेटर और आईसीयू में दाखिले के लिए गुजारिश करता रहा, पर बिस्तर नहीं होने का हवाला देकर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए। देखते ही देखते देर शाम को इस नौजवान कर्मचारी ने अपने भाई के सामने दम तोड़ दिया। सोनेश्वर को पल-पल मरते देखकर उसका भाई चाहकर भी कुछ नहीं कर पाया।
बताया जाता है कि स्वास्थ्य अमले को कोरोना वारियर्स का तमगा दिया गया है। कोरोना से जंग में मैदानी अमला सामने आकर लड़ रहा है। इस लड़ाई में कई चिकित्सक और स्टॉफ नर्स, लैब टेक्निशियन तथा अस्पताल में पदस्थ चतुर्थ कर्मचारी भी संक्रमित हुए हैं। मुरमुंदा पीएचसी के कर्मी साहू को बचाने के लिए उसके बड़े भाई ने राजनेताओं से लेकर आला अफसरों से मदद की गुहार लगाई। इसके बावजूद उसकी जान नहीं बच सकी। इधर स्वास्थ्य कर्मियों में अफसरों को लेकर नाराजगी बढ़ रही है। कोरोना वारियर्स का तमगा देकर स्वास्थ्य कर्मियों का मानसिक और शारीरिक शोषण किया जा रहा है। कोरोनाग्रस्त कर्मचारियों की सुध लेने की किसी को फूर्सत नहीं है। बताया जा रहा है कि कर्मचारियों को इस बात का अफसोस है कि दिखावे मात्र के लिए कोरोना वारियर्स का स्वास्थ्य कर्मियों को दर्जा दिया गया है। उनकी जान की चिंता न अफसरों और न ही सरकार को है।
बहरहाल राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज में एक युवा स्वास्थ्यकर्मी की मौत जिस तरह से चिकित्सकीय उपकरणों के अभाव में हुई है। उससे मैदानी अमला डरा हुआ है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 29 अप्रैल। प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग की सदस्य क्रांति बंजारे ने कहा कि भाजपाईयों को धरना देना है तो मोदी और केंद्र के खिलाफ दे, जिन्होंने देश के लोगों को बेसहारा छोड़ दिया है। देश में जिस दल की सरकार हो, जिस देश की राजधानी दिल्ली सहित उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र जैसे अनेक राज्यों में ऑक्सीजन और दवाई की कमी हो और केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग रही हो, वहां पर देश की सत्तारूढ़ दल के एक राज्य इकाई के नेता के राज्य सरकार के खिलाफ धरने पर बैठने की नौटंकी कर रहे है।
उन्होंने कहा कि आज देश के लोगों को ऐसा लग ही नहीं रहा कि उनकी एक केंद्र सरकार भी है। मोदी सरकार अपने संघीय दायित्व को भूल गयी। यही है भाजपा और संघ का राष्ट्रवाद। देश की सारी राज्य सरकारें अकेले के दम पर अपने राज्य की जनता की जान बचाने में लगी है। केंद्र सरकार सिर्फ मीटिंग की औपचारिकता निभा रही है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 29 अप्रैल। जल संरक्षण का संदेश लेकर शिवगंगा महाआरती की 32वीं कड़ी का आयोजन शहर के मोहारा स्थित शिवनाथ नदी तट पर किया गया। प्रति माह के प्रदोष तिथि पर मोहारा स्थित शिवनाथ नदी तट पर आयोजित होने वाली शिवगंगा महाआरती की 32वीं कड़ी का आयोजन किया गया। करोना प्रोटोकॉल के चलते महाआरती में पंडित अनिल आचार्य और आयोजक आलोक शर्मा ही सम्मिलित हुए। वहीं शिवगंगा महाआरती से जुड़े अन्य लोगों के लिए वर्चुअल माध्यम से जुडऩे की व्यवस्था की गई थी। जिसके तहत श्रद्धालु भावनात्मक रूप से अपने-अपने घरों से ही जुड़े और इस भीषण गर्मी में जल बचाने का संकल्प लिया। नदियों के संरक्षण और जल संवर्धन को लेकर आयोजित होने वाली शिवगंगा महाआरती के माध्यम से प्रतिमाह लोगों को धार्मिक आस्था से जोडक़र जल व नदियों के प्रति जागरूक किया जाता है, ताकि नदियों के संरक्षण के साथ ही जल संवर्धन किया जा सके।
मगरलोड ब्लॉक की हैं ये पंचायतें
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 29 अप्रैल। कोरोना संक्रमण के इस दौर में जहां अनेक लोग भ्रांतियों और अफवाहों की वजह से टीकाकरण से बच रहे हैं। वहीं धमतरी जिले के मगरलोड की पांच पंचायतें मिसाल कायम कर गई हैं। यहां ऐसी पांच पंचायतें हैं, जहां 45 साल से अधिक उम्र के शत-प्रतिशत लोगों ने पहला टीका लगवा लिया है।
इन पंचायतों में हसदा 806, धौराभाठा नवा. 222, अमलीडीह 205, दुधवारा 190 और कुल्हाड़ीकोट 166 शामिल हैं। इन्हीं पंचायतों में सबसे बड़ी मिसाल है ग्राम हसदा। इन लोगों ने खुद आगे आकर टीकाकरण कराया। आज इस गांव के ऐसे सभी 806 लोग, जो 45 साल से अधिक उम्र के हैं वे ना केवल टीका लगवा लिए हैं, बल्कि दूसरे डोज के लिए अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे हैं।
इसके साथ ही ऐसी चार और पंचायतें हैं, जहां प्रशासनिक पहल और जनप्रतिनिधियों की समझाइश असर कर गई और अब ये शत-प्रतिशत टीकाकृत हो चुके हैं। इनमें अब इतनी जागरूकता आ गई है कि दूसरे डोज की बारी आने पर टीका लगाने पूरे उत्साह से इंतजार कर रहे।
मगरलोड के ग्राम धौराभाठा नवा. निवासी सूरज प्रकाश साहू, ईश्वर लाल देवांगन सहित ग्रामीणों ने बताया कि 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग और दिव्यांगजनों को टीकाकरण केन्द्र तक ले जाने के लिए जहां वाहन की व्यवस्था की गई, वहीं दीवार लेखन के जरिए भी लोगों को जागरूक किया गया। इसके सार्थक परिणाम आए।
अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कुरूद सुनील शर्मा बताते हैं कि कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य के सतत मार्गदर्शन से निचले स्तर तक के प्रशासनिक अमले में जोश भर गया है और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, क्षेत्र के चिकित्सक, पटवारी, सचिव, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन, शिक्षक भिडक़र लोगों को टीकाकरण के लिए घर-घर पहुंच कर समझा रहे हैं। दिन-रात और धूप-गर्मी सभी की चिंता छोड़ प्रशासनिक अमला बस इस जुनून के साथ काम कर रहा है, कि लोगों को टीका लगाने प्रोत्साहित किया जाए और टीकाकरण से जुड़ी अगर किसी तरह की भ्रांति फैली हुई है, तो उसे दूर की जाए। इसमें क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, सरपंच-पंच भी आगे बढ़ कर अपनी भागीदारी निभा रहे हैं।
उम्मीद है कि अगर सब इसी मद्दा के साथ टीकाकरण में सकारात्मक भूमिका निभाएंगे, तो जल्द ही पूरे जिले में टीकाकरण हो जाएगा और कोरोना महामारी के प्रकोप से बचना संभव हो पाएगा।
नवनिर्मित वायरोलॉजी लैब की शुरुआत शुक्रवार से
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 29 अप्रैल। महासमुंद के पुराना जिला चिकित्सालय भवन में नवनिर्मित वायरोलॉजी लैब की शुरुआत 0 अप्रैल शुक्रवार को होगी। इसका उद्घाटन स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव वर्चुअल रूप से करेंगे। पिछले दिनों एम्स ने परीक्षा के तौर पर 20 आरटीपीसीआर सैंपल जांच के लिए भेजी थी, जिसे जांचकर एम्स को वापस भेज दिया गया था। कल बुधवार देर शाम एम्स और आईसीएमआर ने वायरोलॉजी लैब को शुरू करने के लिए हरी झंडी दे दी है। जिसके बाद शुक्रवार को इसकी शुरुआत की जाएगी।
मेडिकल कॉलेज महामसुंद के डीन डॉ.पीके निगम ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री इस वायरोलॉजी लैब की शुरुआत करेंगे। प्रदेश के 6 मेडिकल कॉलेज में यह लैब पहले से ही संचालित है। महासमुंद 7 वां मेडिकल कॉलेज होगा। इसके साथ ही कांकेर के वायरोलॉजी लैब को भी शुरू करने के लिए हरी झंडी मिल चुकी है। गत हफ्ते भर से जिले में सभी प्रकार की जांच व्यवस्था प्रभावित रही है। इसका कारण आरटीपीसीआर का सैंपल राज्य में बड़ी संख्या में एकत्र हो जाना और अन्य जांच के लिए किट की कमी रही है। अब 30 अप्रैल से जिले के वायरोलॉजी लैब सुचारू रूप से शुरू होने पर जांच कार्य को रफ्तार मिलेगी। जिससे लोगों को जल्द ही रिपोर्ट मिल जाएगी। जिससे उनका जल्दी उपचार मिल पाएगा।
राजनांदगांव, 29 अप्रैल। पूर्व सांसद करूणा शुक्ला के निधन पर जिला भाजपा ने करोना प्रोटोकॉल का पालन करते वर्चुअल शोकसभा के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित की है ।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, सांसद संतोष पांडेय, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह, जिला भाजपा अध्यक्ष मधुसूदन यादव, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष खूबचंद पारख, लीलाराम भोजवानी, अशोक शर्मा सहित सभी वरिष्ठ नेताओं ने एक स्वर में कहा कि करूणा शुक्ला एक प्रतिभाशाली व्यक्तित्व थी, वे अपनी बात को दमदारी एवं मुखरता से रखती थीं। उनके निधन से राजनांदगांव की राजनीति में रिक्तता आई है। उनके प्रति सभी ने श्रद्धासुमन अर्पित करते दुख व्यक्त किया।
जिला महामंत्री सचिन बघेल एव दिनेश गांधी ने बताया कि पूर्व सांसद करूणा शुक्ला को शोक संवेदना व्यक्त करने वालों में रजिंदरपाल सिंह भाटिया, विनोद खांडेकर, सरोजनी बंजारे, संजीव शाह, खेदूराम साहू, प्रदीप गांधी, संतोष अग्रवाल, सुरेश डुलानी, सुरेश, एच. लाल, भरत वर्मा, नीलू शर्मा, गीता साहू, विक्रांत सिंह, प्रतीक्षा भंडारी, अशोक चौधरी, सौरभ कोठारी, कचरू शर्मा, तरुण लहरवानी, अतुल रायजादा, मोनू बहादुर सिंह, सुमित भाटिया, किशुन यदु, गोलू गुप्ता, पवन मेश्राम सहित सभी नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
लेकिन मितानिनों के पास नहीं पहुंची पर्याप्त किट
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 29 अप्रैल। कोरोना के सामान्य लक्षण वाले मरीजों को किट देने के लिए अभी और वक्त लगेगा। क्योंकि मितानिनों के पास अब तक दवाइयां के किट पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंची है। यही कारण है कि लोग मितानिनों से संपर्क तो कर रहे हैं, लेकिन उन्हें दवा नहीं मिल पा रही है। इसके चलते लक्षण वाले मरीज जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो दवा के शार्टेज के चलते ऐसी स्थिति निर्मित हो रही है। जिले में कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। दवाओं का वितरण शुरू नहीं होने से मरीजों को जिला अस्पताल व कोविड सेंटरों की ओर भागना पड़ रहा है। बेड खाली नहीं होने की वजह से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
कोरोना की चेन तोडऩे के लिए मितानिनों द्वारा सघन सर्वे अभियान चलाया जाएगा। मितानिनों के पास कोविड लक्षण वाले मरीज के परिजन खाली हाथ लौट रहे हैं। नाम न छापने की शर्त पर मितानिनों ने बताया कि कोरोना के लक्षण वाले मरीजों को किट वितरण किया जाना है लेकिन उनके पास किट अभी तक नहीं पहुंची है।
लक्षण वाले मरीजों के परिजन प्रतिदिन घर पहुंचकर किट की मांग कर रहे हैं। मितानिनों ने बताया कि शहर सहित ग्रामीण अंचलों के मितानिनों के पास भी किट नहीं पहुंचा है। वहीं लक्षण वाले मरीजों का सर्वे अभियान शुरू हो गया है।