छत्तीसगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग , 17 अप्रैल। जिला भाजपा उपाध्यक्ष संतोष सोनी ने मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री को ट्वीट कर यू पी मॉडल की तर्ज पर प्रदेश में भी कोविड के सन्दिग्ध मरीजों को होम आइसोलेशन की दवा तुरंत उपलब्ध कराने व प्रायवेट तथा सरकारी चिकित्सकों के द्वारा होम आइसोलेशन का प्रिस्क्रिप्शन लिखे जाने हेतु स्टैंडर्ड गाईडलाइंस जारी करने की मांग की है।
ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश में बढ़ते हुए मरीजों की संख्या व आरटीपीसीआर जांच की रिपोर्ट आने में अधिक विलम्ब को देखते हुए वहां के हेल्थ डायरेक्टर ने खाँसी, बुखार व बदन दर्द सर दर्द आदि लक्षण दिखने पर ऐसे मरीजों को संदिग्ध कोविड मरीज मान कर उनके लिए आईसीएमआर व डीसीजीआई निर्देशों व नियमावली के तहत कोविड की प्रारंभिक दवाओं को ऐसे मरीजों को तत्काल देना सुनिश्चित करने हेतु एक स्टैंडर्ड नियमावली तैयार कर प्रदेश के समस्त अस्पतालों व चिकित्सकों को निर्देश पत्र जारी किया है।
संतोष सोनी ने पहले भी बयान जारी कर छत्तीसगढ़ में मरीजों की बढ़ती हुई संख्या व टेस्ट रिपोर्ट में विलंब पर चिंता जताते हुए ऐसे संदिग्ध कोविड मरीजों को तत्काल होम आइसोलेशन वाली दवा शुरू करने हेतु नियम बनाने का आग्रह समाचार पत्रों के माध्यम से व मंत्रियों को मेल भेज कर किया था।
श्री सोनी का कहना है कि यदि उनकी सलाह प्रारंभ में ही मान ली जाती तो आज प्रदेश के अस्पतालों में इतनी बड़ी संख्या में मरीज भर्ती नहीं होते और इतनी मौतें भी नहीं होतीं। अभी भी यदि सरकार इस सुझाव को गंभीरता से ले कर अमल करे तो अस्पतालों में लगातार बढ़ती हुई भीड़ को नियंत्रित किया जा सकता है जिससे मरीजों को मौत व ईलाज के बड़े खर्च से बचाया जा सकेगा। उनके द्वारा जारी किया गया वीडियो भी वायरल हो चुका है जिसे काफी लोगों ने सराहा है।
राज्य के स्वास्थ विभाग के द्वारा कोविड के कन्फर्म मरीजों के लिए ही उपचार की नियमावली जारी की गई है जो कि वर्तमान परिस्थितियों में आरटीपीसीआर रिपोर्ट में देरी की वजह से अनेक संदिग्ध मरीजों की चिकित्सा करने में कोई प्रभावी मदद नहीं कर पा रही है और ऐसे हजारों मरीज प्रभावी दवा के अभाव में कई कई दिन बिना ईलाज के रह जा रहे हैं जो कि आगे जा कर उनके लिए घातक सिद्ध हो रहा है। हजारों मामले ऐसे भी पाए गए जिसमें आरटीपीसीआर की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी कोविड के मरीज की तरह उनके फेफड़े में निमोनिया हो जा रहा है और अन्य लक्षण भी कोविड की तरह पाए जा रहे तो ऐसे मामले में भी इस सलाह को मान लेने से मरीज को ईलाज मिलने में सुविधा होगी जबकि वर्तमान में निगेटिव रिपोर्ट वाले या रिपोर्ट में विलंब वाले गंभीर मरीज को ईलाज पाने हेतु भारी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।
संतोष सोनी ने राज्य सरकार से अपील किया है कि जल्द से जल्द विशेषग्यों से सलाह ले कर इस दिशा में कार्यवाही कर मरीजों को राहत प्रदान करें ।
भाटापारा, 17 अप्रैल। ग्राम मोपका निवासी नरोत्तम प्रसाद वर्मा के सबसे बड़े पुत्र लेखराम वर्मा का निधन हो गया। उनकी उम्र लगभग 52 वर्ष थी। स्व लेखराम वर्मा ग्राम रावन में सूर्या फोटो स्टूडियो का संचालन करते थे। वे पत्रकार संतोष वर्मा, टेकराम वर्मा के बड़े भाई थे। उनका अंतिम संस्कार ग्राम मोपका में किया गया। उनके निधन पर लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की है।
दुर्ग 17 अप्रैल । जिले भर में कोरोना के संदिग्ध मरीजों के पहचान के लिए सर्वे का कार्य किया जा रहा है। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कोरोना के लक्षण वाले लोगों अथवा कोरोना पाजिटिव के निकट संपर्क में आये लोगों को रोगनिरोधी किट तुरंत मौके पर ही दे दिया जाए ताकि त्वरित दवा मिलने पर उनका त्वरित ही इलाज आरंभ हो जाए।
जिला अस्पताल में मरीजों को बेहतर इलाज व राहत देना जरूरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 17 अप्रैल। वरिष्ठ विधायक अरुण वोरा ने कहा कि जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों के इलाज के संबंध में कई तरह की शिकायतें लगातार मिल रही हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से जिला अस्पताल और कचांदुर अस्पताल को लेकर मिल रही शिकायतों के बारे में अवगत कराया गया था जिसके बाद कचांदुर अस्पताल में काफी हद तक व्यवस्थाएं दुरुस्त कर ली गई हैं। अब जिला अस्पताल की शिकायतों को भी फौरन दूर किया जाना चाहिए।
महामारी को देखते हुए यह काम सर्वोच्च प्राथमिकता से करना जरूरी है। ऑक्सीजन बेड की संख्या बढ़ाने के साथ ही पर्याप्त आक्सीजन उपलब्ध रहे ताकि इसकी कमी न हो। इसके अलावा आईसीयू बेड की संख्या भी बढ़ाना चाहिए।
वोरा ने कहा कि जिला अस्पताल में जिम्मेदार नोडल अधिकारी को तैनात किया जाए ताकि किसी भी तरह की अव्यवस्था न हो और मरीज व उनके परिजनों को बेहतर इलाज की सुविधा मिल सके। महामारी के इस दौर में लोगों का जीवन बचाना बेहद जरूरी है। इसके लिए हरसंभव जरूरी कार्य तत्काल पूरे किये जाने चाहिए।
कोविड पेशेंट के बेहतर इलाज की व्यवस्था के साथ ही रोज सुबह व शाम के समय परिजनों से काउंसिलिंग की व्यवस्था होना चाहिए। ताकि मरीजों की हालत के बारे में उनके परिजनों को पूरी जानकारी मिल सके। इसके अलावा सीसीटीवी के माध्यम से सेंट्रल मॉनिटरिंग हाल बनाया जाना चाहिए ताकि मरीजों के परिजन भर्ती मरीजों को सीसीटीवी के माध्यम से देख सकें।
वोरा ने कहा कि रेमडेसिविर की उपलब्धता हमेशा रहना चाहिए। मरीजों व उनके परिजनों के सामने भटकाव की स्थिति नहीं होना चाहिए। कोविड मरीजों की बढ़ती संख्या के अनुरुप कोरोना जांच केंद्र की संख्या में वृद्धि की जाए, जिससे संक्रमित लोग जल्द से जल्द ही स्वास्थ्य लाभ ले सके साथ ही केन्द्रो में पर्याप्त कुसी, पानी की व्यवस्था सहित सभी जरूरी इंतजाम किए जाने चाहिए। जांच कराने आने वाले लोगों को किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े, इसकी पुख्ता व्यवस्था होना चाहिए। जीवनदीप समिति में उपलब्ध राशि के माध्यम से इन सभी जरूरतों को पूरा किया जा सकता है। ये काम तत्काल किया जाना चाहिए।
नरेश शर्मा
रायगढ़, 17 अप्रैल ('छत्तीसगढ़' संवाददाता)। वर्ष 2021 की गर्मी रायगढ़ वन मंडल के लिए काफी खतरनाक साबित हो गई। यहां तीन माह मतलब 90 दिनों में 1216 जगह के जंगलों में आग लग चुकी है और इस आकड़े में महज सौ जगह ही ऐसा है, जो जंगल के बाहर का क्षेत्र है, शेष 1116 जगह वनभूमि है।
अगर जनवरी से मार्च माह में दावानल (जंगल की आग) को लेकर रायगढ़ वन मंडल के रेंज स्तर के आकड़ों पर नजर डाली जाए, तो सबसे खराब स्थिति रायगढ़ वन परिक्षेत्र की रही है, जबकि इससे पूर्व ऐसी स्थिति रायगढ़ की देखने को नहीं मिली थी। इसके बाद सारंगढ़, घरघोड़ा, बरमकेला गोमर्डा, तमनार व सारंगढ़ गोमर्डा और अंतिम में खरसिया वन परिक्षेत्र की है। अब स्थिति यह है कि जंगल में आग लगने के लिए कोई खास जगह ही नहीं बची है। जब जंगल धू-धू कर जल रहा था, तो रेंज अफसर से लेकर हर अधिकारी आग पर काबू पा लेने की बात कह रहे थे, पर उन अधिकारियों के सभी दावे आज खोखले साबित हो चुके हैं। अधिकारी उन लोगों पर आरोप लगाने में लगे हैं, जो महुआ बिनने के लिए जंगल जाते हैं और किसी पेड़ के नीचे महुआ के लिए आग लगाते हैं, पर अपने उन कर्मचारियों को दोषी नहीं मानते, जो जंगल जाने से ही परहेज करते हैं। जबकि ईमानदारी से अगर बीटगार्ड जंगल का भ्रमण करे, तो दावानल के साथ ही वन अपराध में काफी कमी आएगी।
एक नहीं बार-बार लगी आग
वन मंडल के हर रेंज में एक से दो बार एक ही जगह पर आग लगी। अगर बात सिर्फ रायगढ़ वन परिक्षेत्र की हो, तो रायगढ़ के गजमार पहाड़ी में चार से पांच बार आगजनी की घटना घटित हुई।रायगढ़ वन परिक्षेत्र के गजमार पहाड़ी, लोईंग, खैरपुर, बोइरदादर, रेगड़ा सहित सभी बीट के जंगल में आग लगने की घटना घटित हुई। यही नहीं रेल कॉरीडोर का कूप जलने व लाम्हीदरहा प्लांटेशन जलने का भी मामला पिछले दिनों सुर्खियों में था।
विभाग की नजर में सूखे खास पत्ते ही जले
विभाग के शासकीय दस्तावेजों में आग से सिर्फ सूखे घास पत्ते ही जलने का उल्लेख किया गया है, लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल विपरित है। जानकारों की माने तो आग से सबसे ज्यादा नुकसान वन व वन्यप्राणियों दोनों को होता है। वन्यप्राणी विचलित होकर इधर-उधर भागते हैं और कुत्तों व ग्रामीणों का शिकार बन जाते हैं। वहीं बांस व अन्य इमारती पेड़ भी जल जाते हैं। साथ ही पक्षियों के अंडे सहित कई प्रकार के छोटे कीड़े मकोड़ों की भी इससे जानें चली जाती है।
फायर वाचर के बाद भी जल रहे जंगल
सभी वन मंडल को शासन द्वारा अग्नि सुरक्षा के नाम पर राशि आबंटित की जाती है। साथ ही हर बीट में फायर वाचर रखने की भी अनुमति मिलती है। जंगल को आग से बचाने के लिए फायर लाईन कटाई की बात कही जाती है तो हर बीट में फायर वाचर रखने के बाद भी दो से चार बार उस बीट में आग लग जाना कई प्रकार के सवालों को जन्म दे रहे हैं।
वर्सन
नाविद सुजाउद्दीन, सीसीएफ बिलासपुर का कहना है कि चार महीने के लिए कैंपा मद से फायर वाचर मिलते हैं। जंगल को आग से बचाने के लिए फायर लाईन कटाई करते हैं। सेटेलाईट से आग की सूचना मिल जाती है। उसके बाद हम भी मानिटरिंग करते हैं। महुआ सीजन में ज्यादा आग की समस्या आती है। स्टाफ जंगल में रहते हैं और अगर कहीं स्टाफ बिल्कुल जंगल नहीं जाता है, तो उस पर विभागीय नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
प्रणय मिश्रा, वन मंडलाधिकारी, रायगढ़ का कहना है कि दावानल को रोकने के लिए प्रारंभ में फायर लाईन कटाई करते हैं। सेटेलाईट से या फिर आग की सूचना मिलने के बाद वन प्रबंधन समति के माध्यम से आग पर काबू पाया जाता है।
वन मंडल, 3 माह -1216 दावानल
रायगढ़ उपडिविजन -556 दावानल
घरघोड़ा उपडिविजन -400 दावानल
गोमर्डा अभ्यारण्य -260 दावानल
जनवरी से मार्च वन परिक्षेत्र दावानल संख्या
रायगढ़ 298
सारंगढ़ 258
घरघोड़ा 176
बरमकेला गोमर्डा 142
तमनार 143
सारंगढ़ गोमर्डा 118
खरसिया 81
झीठ स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 17 अप्रैल। आज कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे झीठ स्थित स्वास्थ्य केंद्र में पहुँचे और यहाँ फीवर क्लीनिक में कोरोना जाँच के लिए आए लोगों से लक्षण पूछे। इनमें से कुछ छात्राएं भी थीं। कलेक्टर ने इनसे पूछा कि आप लोग कोरोना के लक्षण महसूस कर रहे हैं क्या।
उन्होंने कहा, नहीं। फिर पूछा कि क्या किसी कोरोना पाजिटिव व्यक्ति के संपर्क में आए हैं तो इस पर उन्होंने कहा नहीं। फिर पूछा तो टेस्टिंग कराने क्यों आये हो। छात्राओं ने कहा कि गाँव में एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है तो किसी ने सलाह दी कि एहतियात के तौर पर करा लो।
इस पर कलेक्टर ने कहा कि ऐसा नहीं हैं कोरोना का टेस्ट तभी कराना है, जब कोरोना के लक्षण सर्दी-खांसी, बुखार एवं अन्य इसी तरह के लक्षण हों अथवा साँस लेने में दिक्कत हो रही हो या आप किसी ऐसे व्यक्ति के निकट संपर्क में रहे हैं जिसकी रिपोर्ट पाजिटिव आई है। इस तरह केवल यह जानने के लिए कोरोना है या नहीं, फीवर क्लीनिक में आना ठीक नहीं है। उतई में एसडीएम श्री विनय पोयाम एवं बीएमओ निकुम भी उपस्थित थे।
उतई में हर दिन होंगे 100 टेस्ट- कलेक्टर ने कहा कि उतई में पर्याप्त टेस्टिंग किट दे दिये गये हैं। हर दिन सौ लोगों का टेस्ट इससे हो जाएगा। नगर पालिका अध्यक्ष ने कलेक्टर को उतई में कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए हो रहे कार्यों की जानकारी दी। कलेक्टर ने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए अलग-अलग मदों में सात लाख की सहायता राशि नगर पंचायत को दी जाएगी। इस दौरान पार्षद श्री राकेश साहू सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा हास्पिटल का स्टाफ मौजूद था। कलेक्टर ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से कोरोना के लक्षणों वाले मरीजों का व्यापक चिन्हांकन हो। इस तरह के लक्षण वाले मरीजों को रोगनिरोधी किट (प्रोफिलेक्टिक किट ) उपलब्ध कराई जाए। यहां 20 बेड आइसोलेशन के मौजूद हैं। यहाँ उन मरीजों को रखा जाएगा जिनका एंटीजन निगेटिव आया है अथवा आरटीपीसीआर या ट्रूनाट की रिपोर्ट प्रतीक्षित है। आक्सीजन लेवल 93 से कम है। पाजिटिव मरीजों को जिला मुख्यालय रिफर कर दिया जाएगा।
पाटन में भी आइसोलेशन वार्ड तैयार, आक्सीजन कंसट्रेटर की व्यवस्था भी- पाटन में भी आइसोलेशन वार्ड तैयार कर लिया गया है। यहाँ आक्सीजन बेड्स एवं आक्सीजन कंसट्रेटर की व्यवस्था भी की गई है।
इसके साथ ही ट्राइबल हास्टल में ऐसे कोरोना पाजिटिव पेशेंट को रखने की व्यवस्था की गई है जिनके लिए होम आइसोलेशन की व्यवस्था संभव नहीं है। पाटन में एसडीएम श्री विनीत गुप्ता एवं बीएमओ डॉ. आशीष शर्मा मौजूद थे।
सुपेला पहुँचे, यहाँ व्यवस्थाओं की ली जानकारी- इसके बाद कलेक्टर सुपेला अस्पताल पहुँचे। यहाँ उन्होंने मरीजों के ट्रीटमेंट, आक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था जैसी बातों की जानकारी ली। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को मरीजों को सबसे बेहतर इलाज देने के निर्देश दिए।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 17 अप्रैल। कोरोना वायरस की विपदा से निपटने संसदीय सचिव विनोद सेवनलाल चंद्राकर की अपील पर सहयोग के लिए सामाजिक संगठनों के साथ ही दानदाता सामने आ रहे हैं।
उन्होंने जिले में कोरोना से निपटने आवश्यक संसाधन जुटाने जीवनदीप समिति जिला महासमुंद के खाते में राशि दान करने की अपील की है। संसदीय सचिव श्री चंद्राकर ने विभिन्न सामाजिक संगठनों व दानदाताओं से संकट की इस घड़ी में सहयोग की अपील करते हुए विभिन्न दानदाताओं के साथ सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों से चर्चा की। जिस पर चंद्राकर कुर्मी समाज, साहू समाज, सतनामी समाज, पटेल समाज, कांट्रेक्टर्स एसोसिएशन, चंद्रनाहू शिक्षण संस्था, धरमचंद श्रीश्रीमाल, बिरकोनी इंडस्ट्रीज एसोसिएशन सहित विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने कोरोना के इस संकट काल में हरसंभव मदद करने का भरोसा दिलाया है। वहीं कई सामाजिक संगठन के पदाधिकारियों व दानदाताओं ने ऑक्सीजन कंसट्रेटर मशीन दान करने का भी निर्णय लिया है। संसदीय सचिव श्री चंद्राकर ने कहा है कि जीवनदीप समिति जिला महासमुंद के एसबीआई के अकाउंट नंबर 30093297205 में भी सहयोग के लिए राशि दान की जा सकती है। दान की राशि से जीवनदीप समिति द्वारा संसाधन जुटाई जाएगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भाटापारा, 17 अप्रैल। कोरोना वायरस महामारी के चलते हुए लॉक डाउन से गुड़ाखू, तम्बाकू, गुटखा, सिगरेट एवं शराब जैसे नशीली वस्तुओं के प्रेमियों का नशा उतर गया है। शराब तो आमजन के लिए उपलब्ध नहीं है। मदिरा प्रेमी सिर्फ पूछताछ में ही लगे हुए हैं। वही हाल गुटखा प्रेमियों का भी है।
गुटखा लॉक डाउन के कारण उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। 5 रूपये के पाउच को लोग 10 रूपये तक जुगाड़ लगा रहे हैं। वह भी काफी मुश्किल के बाद प्रेमियों को मिल पाता है। गुटखा जिसे प्राप्त हो जाए उसे लगता है कि जैसे वह जंग जीत गया है। सिगरेट का हाल भी इससे जुदा नहीं है। एक तो कम उपलब्धता और बेभाव के चलते नशा प्रेमियों का नशा ही उतर गया है। नशा प्रेमियों की लॉक डाउन में परेशानी बढ़ी हुई है।
लॉकडाउन कारगर साबित होते दिख रहा
एंटीजन के नतीजे बता रहे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 17 अप्रैल। बीते एक हफ्ते में दुर्ग जिले में कोरोना संक्रमण 16 फीसदी घट गया है इसकी जानकारी मिली है एंटीजन टेस्ट के आँकड़ों के विश्लेषण से। 10 अप्रैल को लगभग 2596 लोगों के एंटीजन टेस्ट किये गए, इनमें 1259 पाजिटिव आये। यह कुल आँकड़ों का 48 प्रतिशत थे। 15 अप्रैल यानी गुरुवार को 2723 लोगों की टेस्टिंग एंटीजन के माध्यम से हुई। इनमें 879 पाजिटिव आये। यह कुल आँकड़ों का 32 प्रतिशत है।
बीते चार दिनों के आँकड़े देखें तो संक्रमण का दर क्रमश: 36, 33, 30 एवं 32 प्रतिशत रहा है। इस तरह एंटीजन टेस्ट में हुई क्रमश: गिरावट यह साबित करती है कि लाकडाउन जिले में प्रभावी होता दिख रहा है और कोरोना संक्रमण पर इससे रोकथाम लगी है। चूँकि एंटीजन टेस्ट के रिजल्ट मौके पर ही मिल जाते हैं इसलिए इनके नतीजे हर दिन के संक्रमण की स्थिति स्पष्ट रूप से बयान करती है।
एंटीजन टेस्ट के नतीजों की समीक्षा से स्पष्ट है लाकडाउन नहीं लगाया जाता तो तेजी से बढ़ता संक्रमण- अब उन आँकड़ों पर नजर डालें जिनसे पता लगता है कि लाकडाउन के निर्णय का क्या असर पड़ता। 6 अप्रैल को लाकडाउन लगाया गया। इस दिन 2659 टेस्ट हुए और 529 पाजिटिव हुए। यह कुल मरीजों का 20 प्रतिशत था। अगले दिन यह आँकड़ा 34 प्रतिशत रहा, फिर इसके बाद दो दिनों तक 40 और 41 प्रतिशत रहा फिर अगले दो दिन 48 प्रतिशत तक रहा। इससे यह पता चलता है कि संक्रमण किस तेजी से बढ़ रहा था। लाकडाउन ने इसकी गति पर रोक लगाई। यदि लाकडाउन नहीं लगाया जाता तो यह प्रतिशत कई गुना बढ़ जाता। यह प्रश्न मन में उभर सकता है कि लाकडाउन के दो-तीन दिनों में ही बेहतर नतीजे एंटीजन टेस्ट में क्यों नहीं दिखे। इसका कारण यह है कि कोरोना वायरस संक्रामक बीमारी है और इसके लक्षण दो-तीन दिनों तक उभरते हैं अतएव एकदम से लाकडाउन के बाद संक्रमण नहीं रूकता, इसमें थोड़ा समय लगता है। इसके साथ ही कारण यह भी है कि इस वेव में पूरे परिवार पर संक्रमण का असर देखा गया है। परिवार के एक व्यक्ति के संक्रमित होने पर थोड़ा भी ध्यान नहीं रखने पर पूरे परिवार के संक्रमण की आशंका बनती है। अधिकतर मामलों में यही हुआ। इन आँकड़ों से साफ जाहिर है कि लाकडाउन की टाइमिंग बिल्कुल सही थी और इसके नतीजे प्रभावी रहे हैं। उल्लेखनीय है डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे द्वारा 6 अप्रैल को लॉक डाउन डाउन लगाया गया था।
संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए लाकडाउन है सबसे प्रभावी तरीका- इतिहास संक्रामक बीमारियों का गवाह रहा है। यूरोप में जब अचानक ऐसे किसी वायरस से मौतें होती थीं तो इसे ब्लैक डेथ कहते थे और लोग क्वारंटीन का निर्णय लेते थे। भारत में भी बीमार पडऩे पर चैदह दिनों की अवधि के बाद शुद्धिकरण करते हैं। भगवान जगन्नाथ जब बीमार होते हैं तो चैदह दिन की अवधि गुंडिचा मंदिर में बीताते हैं। दरअसल लाकडाउन से वायरस के प्रसार की क्षमता कम हो जाती है क्योंकि जब उसे संक्रमण के लिए नये शरीर नहीं मिलते तो इसके फैलने की दर घटने लगती है। यही वजह है कि दुनिया के सभी देशों में लाकडाउन का उपयोग बड़े समुदाय तक संक्रमण को रोकने के लिए हुआ है।
व्यवस्था और बेहतर करने की कोशिश-सीएमएचओ
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 17 अप्रैल। कोरोना का संक्रमण अपने चरम पर है। कोविड हॉस्पिटल के सभी ऑक्सीजन बेड फुल हो चुके हैं। वेंटिलेटर से लेकर आईसीयू तक में भी जगह नहीं है। हालात यह है कि जिले में एक्टिव केस 6 हजार से उपर चले गए हैं मगर अस्पतालों में लगभग 600 मरीज ही भर्ती है। यानी 90 प्रतिशत मरीज होम आइसोलेशन में हैं।
जिले में संक्रमण की रफ्तार पहली लहर से दस गुना तेज है तो मौतों के आंकड़े भी डराने वाले हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक नया स्ट्रेन सिर्फ एक मिनट के संपर्क में ही फैल रहा है जबकि कोरोना का पुराना स्ट्रेन 10 मिनट के संपर्क में फैलता था। जिले के कोविड अस्पतालों से लगभग हर दिन मौत की खबरें आ रही हैं। कोरोना की दूसरी लहर का हॉटस्पॉट बने बलौदाबाजार जिले में 20 जुलाई 2020 को हुई पहली मौत के बाद मार्च 2021 तक साढ़े आठ माह में 167 मौत हुई थीं। यानी हर माह औसतन 19 मौत हो रही थीं मगर अप्रैल के 15 दिनों में ही 19 मौत हो चुकी हैं। जिले में संक्रमण की दर भी 17 फीसदी तक पहुंच गई है। एक हजार सैंपलों में 170 पॉजिटिव सामने आ रहे हैं। एक से लेकर 14 अप्रैल तक लिए गए 36987 सैंपलों में 6165 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। डेढ माह पहले जो रिकवरी रेट 92 प्रतिशत तक पहुंचा था अब वह 37 प्रतिशत तक गिर गया है। सीएमएचओ डॉ. खेमराज सोनवानी का कहना है कि मौत के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। जिनकी मौत हो रही है उनमें से अधिकांश को कोरोना के अलावा पहले से ही कई बीमारियां थीं। पहले हजार के आसपास टेस्ट होते थे अब तीन हजार से ज्यादा हो रहे हैं इसलिए टेस्ट किट की कमी हुई है। रेमडेसिविर इंजेक्शन स्टॉक में नहीं है। 600 ऑक्सीजन सिलेंडरों की जरूरत है मगर 300 के आसपास ही मिल रहे हैं, फिर भी हम लगातार कोशिश कर रहे हैं कि व्यवस्था और बेहतर हो ताकि लोगों को परेशानी न सहनी पड़े।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर,17 अप्रैल। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने लगातार दूसरे दिन सीतापुर क्षेत्र के लिये कोविड उपचार, जाँच व सुरक्षा सामग्री भिजवाई।
इन उपचार सामग्रियों को सामुदायिक केंद्रों व कोविड उपचार केंद्रों में भिजवाया जाएगा। इनमें वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर, पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मल स्कैनर, ट्रिपल लेयर मास्क, एन 95 मास्क, ग्लव्स, हैंडसैनिटाइजऱ, इन्फ्यूजऩ पम्प एवं अन्य ज़रूरी सामग्रियाँ हैं। कोविड के लगातार बढ़ते मामलों को बीच मंत्री अमरजीत भगत लगातार परिस्थितियों पर नजऱ रखे हुए हैं। इतना ही नहीं वे हेल्पलाइन नंबर के ज़रिये ज़रूरतमंदों तक मदद पहुँचाने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही लॉकडाउन में किसी के पास खाद्य सामग्री की कमी न हो इसके लिये भी वे प्रयासरत हैं। उन्होंने निर्देश जारी किये हैं कि उचित मूल्य की दुकानों पर कोविड की रोकथाम हेतु समुचित प्रयास किये जाएँ। सामाजिक दूरी के पालन हेतु दुकानों के बाहर जगह को चिह्नांकित करने, दुकानों में सैनिटाइज़ेशन की पूरी व्यवस्था करने के निर्देश दिये। साथ ही कहा कि हितग्राहियों व उचित मूल्य की दुकानों के कर्मचारी मास्क ज़रूर पहनें।
सारंगढ़, 17 अपै्रल। छग क्रांतिकारी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष लैलून कुमार भारद्वाज ने छग के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व मुख्य सचिव अमिताभ जैन से संघ की ओर से मांग की है कि वैश्विक महामारी कोविड के रोकथाम व बचाव कार्य में छग के शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है, हमें प्रसन्नता है। इस विषम परिस्थिति में हमारा योगदान समाज व देश हित में लग रहे है।
हम शासन प्रशासन के साथ इस लड़ाई में साथ है। परन्तु दुख के साथ अवगत कराना पड़ रहा है कि इस युद्ध में हमारे शिक्षकों का निधन हो गया। अन्य कर्मचारियों की भांति 50 लाख बीमा कवर दिया जावे। शत प्रतिशत शिक्षकों का वैक्सीनेशन नहीं हो पाया है, उम्र बंधन को समाप्त कर सबका वैक्सीनेशन कराई जावे। ड्यूटी दौरान दिवंगत शिक्षकों के परिवार को समस्त नियमो को शिथिल कर उनके परिवार को शिक्षक पद पर तत्काल अनुकंपा दी जावे की मांग रखी गई है। सरकार मानवीय संवेदना के साथ मांग पूरा करे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सरसींवा, 17 अपै्रल। संसदीय सचिव एवं बिलाईगढ़ विधायक चंद्र देव राय ने एक महीने के वेतन से 1 लाख 21 हजार सहायता कोष में व अपनी निधि से शासन को 25 लाख दिए।
जनपद पंचायत बिलाईगढ़ के अध्यक्ष भूमिका बोधी कथाकार नगर पंचायत अध्यक्ष बिलाईगढ़ के द्वारिका देवांगन, गोपाल पाण्डेय, जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष तारा चंद देवांगन जनपद पंचायत उपाध्यक्ष राजा अग्रवाल, नगर पंचायत भटगांव के उपाध्यक्ष प्रवेश दुबे ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष बिलाईगढ़ की भागवत साहू, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष सरसीवा के पंकज चंद्रा, इस्माइल खान, दया राम साहू, देव नारायण साहू संजय साहू, विनोद रात्रे सहित क्षेत्र के सैकड़ों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने सहयोग राशि देने पर विधायक चंद्रदेव राय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया है।
संसदीय सचिव चन्द्रदेव राय ने जनता को संदेश देते हुए कहा है कि देश वर्तमान में कोरोना काल के संकट स्थिति से गुजर रहा है। ऐसे समय में हम सभी को एकजुट होकर कर कोरोना की लड़ाई में देश के सभी लोगों को सहयोग करना चाहिए। खासकर व्यापारियों बंधुओं से अपील है कि देश इस समय भारी संकट की स्थिति से गुजर रहा है। ऐसे में देश के लोगों को ऊंची दामों पर अपना सामान ना बेचे बल्कि गरीबों की मदद करें, इस महामारी बीमारी से निजात पाने के लिए सोशल डिस्टेंस व मास्क का प्रयोग करें बार-बार हाथों को सेनिटाइजिंग करते रहे व साबुन से धोते रहें ।अधिक जरूरी कार्य पढऩे पर ही घर से बाहर निकले अन्यथा अपने घर पर ही रहें एवं शासन प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करे तभी कोरोना की चैन को तोड़ा जा सकता है।
बलौदाबाजार, 17 अप्रैल। कल जिले में कोरोना के 809 नये मरीज़ों की पहचान की गई है। वहीं आज 5 मरीज़ों की मौत भी दर्ज की गई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ खेमराज सोनवानी ने बताया कि आज सबसे ज्यादा 257 मरीज़ भाटापारा विकासखण्ड में मिले हैं। इसके बाद 205 मरीज़ बलौदाबाजार विकासखण्ड, 133 मरीज़ कसडोल विकासखण्ड, 90 मरीज़ बिलाईगढ़ ब्लॉक, 80 मरीज़ सिमगा विकासखण्ड और 44 मरीज़ पलारी विकासखण्ड के शामिल हैं। इस प्रकार जिले में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या बढक़र 18094 तक पहुंच गई है। 213 लोगों को आज छुट्टी भी दे दी गई।
आज हुई 5 मौत को मिलाकर जिले में कोरोना से मौत की संख्या 194 पहुंच गई है। डॉ सोनवानी ने बताया कि सभी मौत जिला अस्पताल बलौदाबाजार में अलग-अलग तिथियों पर हुई हैं। यह पाया गया है कि जिस दिन अस्पताल में वे भर्ती किये गए हैं, उसी दिन मौत भी हो गई। बीमारी को छिपाकर और गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचने पर ऐसा हुआ है। जिले में अब सक्रिय मरीज़ों की संख्या 6895 हो गई है, जिनका होम आइसोलेशन और कोविड केयर सेन्टरों में इलाज चल रहा है। उन्होंने बताया कि आज 2120 लोगों के कोरोना जांच के लिए सैंपल लिए गए। टीकाकरण भी 1781 लोगों का आज किया गया है।
उपचार में पारदर्शिता व कमियों को दूर कराने कांग्रेसियों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर,17 अप्रैल।अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज के कोविड अस्पताल में उपलब्ध संसाधनों का पूरा उपयोग करने, मरीजों को बेहतर सुविधा दिलाने व कमियों को दूर करने के लिए श्रम कल्याण मंडल बोर्ड के अध्यक्ष शफी अहमद,अध्यक्ष पादप बोर्ड बाल कृष्ण पाठक, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अजय अग्रवाल,महापौर डॉ अजय तिर्की,सरगुजा कांग्रेस जिला अध्यक्ष राकेश गुप्ता,वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जेपी श्रीवास्तव,द्वितेंद्र मिश्रा ने सरगुजा कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है।
ज्ञापन में बताया गया कि कोविड-19 महामारी भयावह रूप ले रही है।कोरोना के रोज बढ़ते मरीजो को समय पर समुचित उपचार नहीं मिल पा रहा है।उपलब्ध संसाधनों का पूरा उपयोग नहीं हो पाने की शिकायतें आम है।ऐसा प्रतीत होता है कि प्रशासन का नियंत्रण स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं पर से खत्म हो गया है।
व्यवस्था में सुधार हेतु मेडिकल कालेज अस्पताल के कोरोना वार्ड में एक कैज्युलिटी/रिशेप्शन की व्यवस्था हो,जहां पहुचते ही मरीजो को उनकी स्थिति अनुसार दवाइयां देकर सम्बंधित वार्डो में भर्ती किया जाए।
सभी वार्डो में सीसी कैमरा लगाया जाए जिससे मरीजो के परिजन,जनप्रतिनिधि या मीडिया के लोग उपचार की व्यवस्था को देख सकें।कोविड वार्डो सहित सभी कमरों में स्टाफ़ नर्स और वार्ड बॉय की कमी है,इसे तत्काल पूरा किया जाना आवश्यक है।
कोविड ड्यूटी पर डॉक्टरों की तैनाती की गई है,जो कि मरीजो की बढ़ती संख्या के अनुपात में कम है।अकेले डॉ रोशन वर्मा अपनी क्षमता से कहीं ज्यादा कार्य कर रहे हैं,उनके साथ और अनुभवी डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जाए।कोविड वार्ड में हेल्पलाइन नम्बर सार्वजनिक किया जाए जिससे वे किसी आपात स्थिति में बात कर सकें।मेडिकल कालेज अस्पताल के कोरोना वार्ड में ड्यूटीरत स्टाफ और कोरोना कैज्युलिटी में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है,तत्काल वाटर कूलर लगवाना सुनिश्चित करें।कोविड वार्ड में पंखे खराब हो गए हैं उन्हें तत्काल सुधरवा कर मरीजो को राहत दिलाने की पहल करें।
.पीएम केयर से सात महीने पहले मिले 12 में से 11 वेंटिलेटर खराब है,आज तक उसकी मरम्मत नही कराई गई है।तत्काल सुधार करा कर सप्लायर पर कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।सभी सरकार और निजी अस्पतालों, जहां कोरोना के उपचार की अनुमति दी गयी है वहां बाहर उपलब्ध बिस्तरों संख्या/ सुविधाओ, डॉक्टरों की जानकारी बाहर डिस्प्ले की जाए।अस्पतालों में उपचार हेतु निर्धारित शुल्क का डिस्प्ले अनिवार्य रूप से किया जाए जिससे मरीजो को अप्रिय स्थित से गुजरना न पड़े।
कोरोना में मरीजो को नियमनुसार जो सुविधाएं मिलनी है, कोई मरीज उससे वंचित रहता है तो सम्बंधित अस्पताल पर कड़ी कार्यवाही किया जाए।वर्तमान में आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट आने में 3 से 5 दिन का समय लग जा रहा है,इस बीच कई मरीजो की स्थिति खराब हो जा रही है,इससे निपटने के लिए टेस्ट कराने के साथ ही मरीज के लक्षण के अनुसार उन्हें प्रारंभिक दवाइयां दिया जाए जिससे उनकी स्थिति बिगडऩे न पाए।टेस्ट की रिपोर्ट पूर्व की भांति मोबाइल पर मैसेज के माध्यम से उपलब्ध कराएं,साथ ही आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्टिंग समय कम करने की पहल करें।
आईसीयू में भर्ती जिन मरीजो की स्थिति में सुधार हो रहा है और बाहर निकालने में उनकी जान को कोई खतरा नहीं है, उन्हें प्राथमिकता से आईसीयू से वार्ड में शिफ्ट किया जाए जिससे दूसरे मरीज को आईसीयू का लाभ मिल सके।लॉकडाउन की स्थिति बनने पर कड़ा लॉक डाउन लगाना पड़ा।फल और सब्जी भी लोगो को नहीं मिल पा रहा है,आपात स्थिति में छत्तीसगढ़ के भीतर या दूसरे राज्यों में जाने के लिए अनुमति लेने लोग परेशान हो रहे हैं।तीन से चार दिन में अनुमति मिल पा रही है,अनुमति की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाना आवश्यक है।उपरोक्त बिंदुओं पर तत्काल पहल कर कर व्यवस्था में सुधार करने की मांग प्रशासन से की गई है।
मनेन्द्रगढ़, 17 अप्रैल। सविप्रा उपाध्यक्ष व भरतपुर-सोनहत विधायक गुलाब कमरो शनिवार को अपने विधानसभा क्षेत्र के दूरस्थ वनांचल क्षेत्र भरतपुर विकासखंड पहुंचे, जहां उन्होंने जनकपुर समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए और स्वास्थ्य संबंधी स्थितियों का जायजा लिया।
विधायक कमरो ने समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जनकपुर का निरीक्षण करने के साथ ही वैक्सीन टीकाकरण का जायजा लिया तथा स्वास्थ्य अमले को आपातकालीन स्थिति से निपटने हास्पिटल में अलग बेड व्यवस्थित करने आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
उल्लेखनीय है कि संपूर्ण कोरिया जिले में तेजी के साथ कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ रहा है जिसे देखते हुए सरगुजा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विधायक कमरो ने गहरी चिंता व्यक्त की है। एक ओर जहां जिले की जनता के प्रति संवेदनशील रहकर विधायक स्वास्थ्य सुविधाओं की बढ़ोतरी के लिए जिला प्रशासन से विस्तृत चर्चा कर व्यवस्था सुधारने में अपना सहयोग दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अपने निर्वाचन क्षेत्र भरतपुर-सोनहत विधानसभा क्षेत्र की जनता की चिंता करते हुए स्वास्थ सुविधाओं की चाक-चौबंद व्यवस्था करने में जुटे हुए हैं।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जनकपुर के निरीक्षण के दौरान उन्होंने विकासखंड चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया है कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अस्पताल में अतिरिक्त बेड और इलाज की समुचित व्यवस्था की जाए। उन्होंने कोविड-19 के वैक्सीन टीकाकरण का भी जानकारी लेते हुए कहा कि सावधानी ही बचाव है। विधायक ने 45 साल से अधिक उम्र वाले पात्र सभी व्यक्तियों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में अस्पताल जाकर वैक्सीन टीका लगवाने की अपील की और कहा कि टीकाकरण ही कोरोना से बचने का उपाय है। उन्होंने कहा कि शासन प्रशासन द्वारा जारी कोरोना गाइडलाइन का पालन हम सभी को करना चाहिए।
एक दूसरे से दूरी बनाए रखना, मास्क लगाना, बार-बार हाथ धोने एवं सैनिटाइजर का उपयोग करने से ही कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि कोरोना के इस संकट काल में वे पूरी तरह से अपने विधानसभा क्षेत्र व जिले की जनता के साथ मुस्तैदी के साथ खड़े हैं। उनके द्वारा जरूरतमंद की हरसंभव सहयोग व मदद की जाएगी। इसके लिए उनके द्वारा अपने विधानसभा क्षेत्र में अपने प्रतिनिधि भी नियुक्त कर दिए गए हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद/ राजिम, 17 अपै्रल। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जीडी वाहिले एवं बीएमओ डॉ. परितोष कुदेशिया के निर्देशन में क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य चंद्रशेखर साहू ने अपने निर्वाचन क्षेत्र के विभिन्न गांवों चौबेबांधा, परतेवा, रवेली एवं कोपरा में स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए जा रहे टीकाकरण का निरीक्षण किया एवं टीकाकरण केंद्रों में संबंधित ग्राम पंचायतों के समस्त सरपंचों से छाया व पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
उन्होंने 45 वर्ष से अधिक उम्र के सभी नागरिकों को टीकाकरण केंद्रों में जाकर कोरोना से बचाव हेतु स्वस्फूर्त होकर टीका लगवाने का आग्रह किया एवं टीकाकरण कार्य की प्रगति पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का आभार प्रकट किया।
उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि कोरोना के भयंकर त्रासदी में स्वास्थ्य कर्मी ही सच्चे अर्थों में देवदूत के रूप में कार्य कर रहे हैं जो निश्चित तौर पर प्रशंसा के पात्र हैं। इसके अलावा क्षेत्र के आला अधिकारीगण भी पूरी तन्मयता से टीकाकरण कार्य सहित कोविड महामारी से बचने के लिए दिनरात व्यवस्था बनाने में लगे हुए हैं।
इस दौरान रवेली सरपंच राधा लालजी साहू,पोखराज साहू,परतेवा सरपंच दुर्गा हीरालाल साहू, उपसरपंच सुदामा वर्मा,चौबेबांधा सरपंच दुलीचंद आन्डे, खोमन पाल, सुरेश तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोपरा में डॉ. आर.एस.चंद्रा (आर एम ए), अल्का रानी सुपरवाइजर, पूनम सिन्हा एएनएम, कुमारी दुलेश्वरी साहू,पुरुष कार्यकर्ता भारत भुषण वर्मा, फार्मासिस्ट उत्तम घोघरे, पंचायत इंस्पेक्टर नूतन साहू आदि कार्य संपादन में लगे रहे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 17 अपै्रल। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी निलेश कुमार क्षीरसागर ने फिंगेश्वर और छुरा विकासखंड में चल रहे टीकाकरण और आइसोलेशन केंद्र का सघन निरीक्षण किया। कलेक्टर ने टीकाकरण अभियान का निरीक्षण करते हुए फिंगेश्वर विकासखंड के ग्राम चौबेबांधा, सेन्दर और फिंगेश्वर में बनाए गए आइसोलेशन केंद्र का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने टीकाकरण केंद्र में कोरोना गाइडलाइन के अनुसार लोगो को टीका लगाने के निर्देश दिए। टीकाकरण केंद्र में लोगों को मास्क पहन कर आने तथा दो गज की दूरी बनाये रखने की बात कही।
टीकाकरण केंद्र में अनावश्यक भीड़ न हो इस बात का ध्यान रखें। कोरोना संक्रमण के रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए सुरक्षा सहित अन्य गतिविधियों पर पर्याप्त सावधानी बरतने के निर्देश संबंधितों को दिए।
इस दौरान कलेक्टर ने कोरोना टीकाकरण केंद्र में टीका लगाने आए लोगों से चर्चा भी की और उनसे घर के आसपास रहने वाले लोगों को भी टीका लगाने प्रेरित करने कहा। टीका लग जाने के बाद भी कोविड के प्रति सतर्कता बरतते हुए कोविड नियमों का पालन करने कहा।
उन्होंने 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों को आवश्यक रूप से टीकाकरण कराने की बात कही। कलेक्टर द्वारा वैक्सीनेशन सेन्टर में वैक्सीन उपलब्धता के संबंध में पूछे जाने पर चिकित्सा अधिकारी ने पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होने की बात कही। कलेक्टर ने आइसोलेशन केंद्रों में गुणवत्ता पूर्ण भोजन, पानी और सभी जरूरी सुविधा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान एसडीएम जीडी वाहिले, तहसीलदार राकेश साहू व बीएमओ कुदेशिया मौजूद रहे।
छुरा विकासखंड के दौरे में कलेक्टर ने कोरोना सेंटर और टीकाकरण केंद्र का निरीक्षण किया। उन्होंने एकलव्य आवासीय विद्यालय को कोविड केयर सेंटर के लिए तैयारी करने के निर्देश एसडीएम अंकिता सोम को दिए।
कलेक्टर क्षीरसागर ने समुदायिक सांस्कृतिक केंद्र छुरा में चल रहे टीकाकरण केंद्र का निरीक्षण भी किया।
वैक्सीनेशन में तेजी, लक्ष्य का 69 प्रतिशत टीकाकरण
जिले में अभी तक 94 हजार 171 लोगों ने टीके लगाए हैं। इनमें सबसे अधिक फिंगेश्वर ब्लॉक में 27963, गरियाबंद 21781, छुरा में 23891 मैनपुर में 12656 और देवभोग में 7845 लोगों ने वैक्सीन लगवाए हैं।
गार्ड रूम से भारी मात्रा में देशी शराब जब्त
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 17 अपै्रल। बरमकेला में लॉकडाउन का फायदा उठाकर शराब के अवैध बिक्री करने वाला देशी शराब भ_ी का गार्ड 37 पाव प्लेन के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया है।
जानकारी के मुताबिक बरमकेला तहसीलदार अनुज पटेल को कुछ समय से सूचना मिल रही थी कि देशी शराब भ_ी के गार्ड के द्वारा लॉकडाउन में शराब की अवैध रूप से बिक्री की जा रही है। जिस पर गार्ड रूम में छापेमार कार्रवाई करते हुए मौके से 37 पाव देशी शराब की जप्ती कर आरोपी गार्ड को पुलिस के हवाले कर दिया गया है, जिसमें विवेचना जारी है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 17 अप्रैल। कोरिया जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण अब जिला अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मी इसके चपेट में आने लगे हंै। वहीं मनेन्द्रगढ़, चिरमिरी, खडग़वां सहित दूसरे केन्द्र से सीधे रेफर के माध्यम से आ रहे मरीजों को बिना कोरोना टेस्ट के भेज दिया जा रहा है, ऐसे ही एक-दो रेफर मामले में कल और आज मिलाकर दो लोगों की मौत भी हो चुकी है।
कोरिया जिला अस्पताल में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मी इन दिनों कोरोना संक्रमित होते जा रहे हंै। अब तक 13 स्वास्थ्य कर्मी संक्रमित है, जिसमें 5 एसएनसीयू, 5 नर्सिग स्टाफ और 3 वार्ड बॉय शामिल हैं। इसके पूर्व एक दो चिकित्सक भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, जो बाद में ठीक होकर काम पर लौट चुके हंै। वहीं जिले भर का कोरोना का प्रभार देख रहे चिकित्सक भी कोरोना पॉजिटिव आ चुके है, उनका इलाज जारी है। बताया जा रहा है कि जिले भर से कोरोना के लक्षण वाले मरीजों को जिला अस्पताल भेजा जा रहा है। ऐसे मरीजों को कोविड टेस्ट करके रेफर किया जाना चाहिए, ताकि ऐसे मामलों को कोरोना अस्पताल में रखा जा सके।
इधर, मनेन्द्रगढ़, चिरमिरी से जिला अस्पताल बैकुंठपुर आने वाले लगभग मरीजों का कोरोना टेस्ट नहीं किया जा रहा है, कोरोना लक्षण वाले मरीज को देखते हुए जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। जब मरीज जिला अस्पताल पहुंचता है तो उसे भर्ती करने जैसी औपचारिकता वार्ड बॉय और नर्स फौरी तौर पर करते हंै, जिसके बाद कोरोना टेस्ट होता है, तब तक स्वास्थ्य कर्मी संक्रमित हो चुके होते हैं। जिला अस्पताल के 13 स्वास्थ्य कर्मियों का इलाज जारी है।
46 से 51 हुआ मौत का आंकड़ा
कोरिया जिले में अब तक 50 लोगों की मौत कोरोना से होना सरकारी आंकड़ा बताया जा रहा है। कल शाम एक कोरोना संक्रमित की मौत जिला अस्पताल में हुई, जबकि आज सुबह एक महिला की मौत हो गई। चिकित्सकों की मानें तो मृत महिला के 35 प्रतिशत से ज्यादा फेफड़े संक्रमित हो चुके थे, जिसके कारण उन्हें बचाया नहीं जा सका। इसके पूर्व जिला अस्पताल में 30 वर्षीय युवक की मौत हो गयी, उसे भी बिना कोरोना टेस्ट के बैकुंठपुर जिला अस्पताल भेज दिया गया था, बाद में जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने उसका कोरोना टेस्ट करवाया, वो पॉजिटिव पाया गया और कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 17 अपै्रल। रजघट्टा के ग्रामीणों को फरवरी माह का पीडीएस राशन भी नहीं मिल पाया है।
यह मामला खरसिया ब्लॉक के ग्राम पंचायत रजघट्टा का है। यहां पीडीएस राशन वितरण को लेकर अक्सर विवाद की स्थिति बनी रहती है। बताया जा रहा है कि पूर्व में पंचायत के रहवासियों को अन्य पंचायत द्वारा राशन वितरण किया जाता था। वहीं पीडीएस संचालक ने किन्ही कारणों से फरवरी माह का राशन लगभग आधे ग्रामीणों को वितरित ही नहीं किया। हालांकि अब राशन वितरण का जिम्मा रजघट्टा पंचायत को ही दे दिया गया है। परंतु यह समझना कठिन है कि जब मार्च और अप्रैल का राशन वितरित कर दिया गया तो फरवरी माह का बकाया राशन ग्रामीणों को क्यों नहीं दिया जा रहा है।
इन विसंगतियों को लेकर जब फूड इंस्पेक्टर शैलेंद्र एक्का से बात की गई तब उन्होंने फरवरी के राशन का वितरण पूर्ण रूप से ना होना स्वीकार किया। वहीं कहा कि प्रयास किया जाएगा कि मई माह में बकाया वितरण कर दिया जाए। साथ ही बताया कि भंडारण के लिए अक्सर सरपंच पति एवं सचिव उपलब्ध नहीं होते, ऐसे में राशन वितरण प्रभावित हो रहा है।
बच्चों के साथ ग्रीन कमांडो ने की सफाई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 17 अपै्रल। जिंदगी की शुरुआत से ही प्रक्रिति के प्रति प्रेम रखने वाले ग्रीन कमांडो ने एक बार फिर अपने कार्य से लोगों के सामने एक मिसाल पेश की है। एक ओर जहां पूरे बालोद जिले में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते लॉकडाउन लगा हुआ है, जिसके चलते लोग अपने अपने घरों में कैद है, तो वहीं दूसरी और ग्रीन कमांडो वीरेन्द्र सिंह जल संरक्षण की दिशा में अनूठी पहल कर रहे हैं। वे स्थानीय लोगों के साथ मिलकर नालों की सफाई में जुट गए है ताकि माइंस से निकलने वाले कचरे और गंदगी से जल स्रोत बंद न हो, लेकिन साफ-सफाई के दौरान उन्होंने कोरोना गाइडलाइन का विशेष ख्याल रखा।
कभी जल संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने चेहरे पर चित्र तैयार कर जिले व राजधानी का भ्रमण करते हैं, तो कभी पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने छोटे पौधे को कंधे में लगाकर पाइप के जरिए अपने नाक में ऑक्सीजन पहुंचाते दिखते हैं।
दल्लीराजहरा से होकर गुजरने वाली नदियां प्रकृति की सुंदरता पर दोहरी चार चांद लगा देती हैं। ऐसे में राजहरा माइंस से निकलने वाली गंदगी व लाल मलबा उस नदी में समा जाती है। जिसे देखते हुए ग्रीन कमांडो वीरेंद्र सिंह मिसाल पेश की और आसपास के बच्चों को लेकर सफाई करने निकल पड़े।
वीरेंद्र सिंह का कहना है कि दल्लीराजहरा सहित इससे लगे गांव में लाल पानी की पानी की बेहद समस्या है, अगर शासन प्रशासन नदी नालों की नियमित रूप से साफ सफाई करता है, तो जल की समस्या से निजात पाया जा सकता है।
अफसर ने चर्चा कर बढ़ाया हौसला
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 17 अप्रैल। महिला एवं बाल विकास विभाग के मैदानी स्तर पर कार्यरत 9 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कोरोना संक्रमित हो गए हैं। फिलहाल होम आइसोलेशन में उनका इलाज चल रहा है। विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी एल. आर कच्छप ने आज सवेरे इन पीडि़त महिलाओं से चलित दूरभाष के जरिये चर्चा कर कुशलक्षेम जाना और उनका हौसला बढ़ाया। उन्होंने जल्द स्वस्थ होने के लिए शुभकामनाएं भी दी।
गौरतलब है कि जिले की लगभग 2 हज़ार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जिला प्रशासन के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर कोरोना वॉरियर्स के रूप में ग्रामीण इलाकों में काम कर रही हैं। कोरोना संबंधी जनजागरुकता फैलाने के साथ ही कांटेक्ट ट्रेसिंग और टीकाकरण अभियान में खुलकर सहयोग कर रही हैं। आंगनबाड़ी केन्द्रों के बंद रहने पर विभागीय योजनाओं के हितग्राहियों के द्वार-द्वार पहुंचकर पोषण सामग्री वितरित कर रही हैं। इस दौरान 9 कार्यकर्ता कोरोना की चपेट में आ गई। उन सभी से उनके संबंधित मोबाइल में श्री कच्छप ने दूरभाष पर चर्चा की। उन्होंने सभी से अत्यधिक सतर्कता बरतने की अपील की। उन्होंने बताया कि सभी कार्यकता ठीक हैं और जल्दी स्वस्थ हो रही हैं। उन्होंने चर्चा के दौरान उनके घर-परिवार सहित गांव के हालात की भी जानकारी ली। लॉकडाउन में आंगनबाड़ी केन्द्रों के बंद रहने पर ये महिलाएं 1 लाख 45 हज़ार हितग्राहियों को उनके घर तक पोषण सामग्री पहुंचाने का महत्वपूर्ण दायित्व निभा रहीं हैं। इतने बड़े जिला अधिकारी का प्रतिकूल हालात में पूछताछ करने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गदगद हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 17 अपै्रल। रायगढ़ पूर्वी अंचल के वन प्रबंधन समिति महापल्ली के अध्यक्ष शिशुपाल गुप्ता द्वारा जंगल से कटे हुए बल्ली 14 नग लाए जाने की शिकायत पर वनविभाग रायगढ़ के वनपरिक्षेत्राधिकारी आर के साहू व उनकी टीम ने मौके पर जाकर जब्त कर आगे की कार्रवाई कर रही है।
इस संबंध में वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार ग्रामीणों ने वन समिति के अध्यक्ष शिशुपाल गुप्ता को महापल्ली जंगल से अपने टेक्टर में 14 नग बल्ली लोड करते पकड़ लिया जिसे अध्यक्ष ने यह कहकर अपने घर कोठार में ले आया कि यह अज्ञात व्यक्तियों द्वारा काट दिया गया था जिसे वन रक्षक को जानकारी देकर इसे उठवा रहा हूं।
ग्रामीणों ने इसे सिरे से खारिज करते हुए अध्यक्ष द्वारा कटवा कर बेचने का आरोप लगाया। वहीं वन विभाग के कर्मचारियों ने विधिवत कार्रवाई करते हुए ट्रेक्टर सहित 14 नग बल्ली को जब्त कर रायगढ़ डिपो में लाया गया है। वहीं समिति अध्यक्ष के खिलाफ ग्रामीणों में रोष व्याप्त है तथा पद से पृथक कर नए वन प्रबंधन समिति के गठन की मांग भी कर रही है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़/रायगढ़, 17 अपै्रल। गोमर्डा अभ्यारण्य के टमटोरा क्षेत्र के तालाब में कछुआ की मौत हो गई। जिसकी जानकारी लगने के बाद विभाग के अधिकारियों के द्वारा उसे बाहर निकलवाया। पशु चिकित्सकों ने परीक्षण किया और पीएम के बाद उसका अंतिम संस्कार किया गया।
इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक गोमर्डा अभ्यारण्य के टमटोरा के तालाब में कछुआ का शव तैर रहा था। जिसे देखने के बाद विभागीय कर्मचारियों ने मामले की जानकारी अपने उच्चाधिकारियों को दी। इसके बाद अधिकारियों के निर्देश पर उसे बाहर निकाला गया और डॉक्टर ने चिकित्सकीय परीक्षण किया। पता चला कि कछुआ की प्राकृतिक रूप से मौत हुई है।
इस संबंध में गोमर्डा अधीक्षक आरके सिसोदिया ने बताया कि टमटोरा वन परिसर के तालाब में वर्ष 2018 में सारंगढ़ के खाडा बंद तालाब से रेस्क्यू कर इसे टमटोरा तालाब में डाला गया था। मादा कछुआ की प्राकृतिक रूप से मौत हुई है। पशु चिकित्सा अधिकारी सारंगढ़ डॉ.जोल्हे, डॉ.भास्कर एवं विभागीय पशु चिकित्सक की टीम ने मृत कछुआ का पीएम किया। इसके बाद गोमर्डा अधीक्षक सिसोदिया व परिक्षेत्र सारंगढ़ की उपस्थिति में उसका अंतिम संस्कार किया गया।