बस्तर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 8 अगस्त। पूर्व मंत्री केदार कश्यप द्वारा भूपेश बघेल की सरकार को आदिवासियों की जमीन हड़पने एवं पूंजीपतियों को बेचने वाले बयान पर कटाक्ष करते हुए सुकमा जिला पंचायत अध्यक्ष कवासी हरीश ने कहा कि केदार कश्यप लगातार 15 वर्षों तक छत्तीसगढ़ शासन में मंत्री रहे हैं, तब उन्हें कभी आदिवासियों की याद नहीं आयी। आज भूपेश बघेल की सरकार के आदिवासी हितों की नीति को सफलता पाते देखकर पचा नहीं पा रहे हैं। भूपेश बघेल की सरकार ने लोहंडीगुड़ा में टाटा से 1700 हेक्टेयर जमीन लेकर आदिवासी हितग्राहियों को वापस किया। विश्व आदिवासी दिवस पर अवकाश घोषित करने वाले छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ही हैं। बस्तर संभाग के समस्त देवगुड़ी हेतु 5-5 लाख की स्वीकृति की गई है।
भूपेश बघेल की सरकार आदिवासियों की सरकार है, जिसमें सभी वर्ग के लोगों का ध्यान रखा जा रहा है। मात्र ढाई साल की सरकार में लगातार आदिवासी हितों का ख्याल रख रही है और योजनाओं को आदिवासी हितग्राहियों के घर तक पहुंचा रही है। 15 साल तक भाजपा की पूंजीपति सरकार ने बस्तर को द्वीप बना दिया था, जिससे सरकार की मुख्य योजनाएं और लाभ दिलाने वाले निर्णय यहां तक पहुंच ही नहीं सकी। भूपेश सरकार ने सभी वनोपजों का समर्थन मूल्य निर्धारित कर दिया है, पूरे भारतवर्ष छत्तीसगढ़ ही पहला ऐसा राज्य है, जहाँ तेंदूपत्ता का 4000 रुपये रेट भूपेश बघेल की सरकार ही दे रही है, जिसका सीधा फायदा आदिवासी समुदाय को मिल रहा है।
आदिवासी मंत्री होने के बावजूद केदार कश्यप ने कभी पेसा कानून एवं आदिवासियों के लिए जो कानून व्यवस्था बनी हुई है उस पर कभी बात तक नहीं की और कभी गरीब आदिवासियों की सुध तक नहीं ली है।
आज कांग्रेस की सरकार पेसा कानून एवं ग्रामसभाओं को विशेष महत्व देते हुए आदिवासियों के लिए योजनाएं संचालित कर रही है तो इनके पेट में दर्द हो रहा है।
छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल की सरकार में किसी के साथ भी अन्याय नहीं होगा। यह सरकार गरीब, आदिवासी, किसान, महिलाओं की सरकार है, जिसमें सभी वर्गों को उनके अधिकार मिल रहे हैं, और किसी भी योजना से वंचित नहीं किया जा रहा है। भूपेश बघेल की सरकार आदिवासियों को आर्थिक रूप से शसक्त बनाने एवं आदिवासियों को उनके अधिकार दिलाने वाली सरकार है।