बस्तर

आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को मिल रहा बढ़ावा
23-May-2024 3:24 PM
आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को मिल रहा बढ़ावा

आयुष विभाग की मोबाइल मेडिकल यूनिट गांव-गांव पहुंच कर दे रही सेवाएं

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 23 मई। 
जिले में आयुष विभाग द्वारा आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति को आम जनमानस तक पहुंचाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। कलेक्टर विजय दयाराम के. के निर्देशानुसार आयुष विभाग के द्वारा 30 बिस्तरयुक्त जिला आयुर्वेदिक चिकित्सालय में जहां बाह्य रोगी कक्ष एवं अन्त: रोगी कक्ष में मरीजों को समुचित उपचार सुविधाएं प्रदान किया जा रहा है। वहीं जिले के अंतर्गत विकासखण्डों में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के 43 आयुष स्वास्थ्य विंग तथा 26 आयुर्वेदिक औषधालयों के द्वारा आयुर्वेदिक पद्धति से उपचार सुविधाएं दी जा रही है। साथ ही जिले के अंदरूनी गांवों में चिकित्सा पहुंचविहीन गांवों में मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से ग्रामीणों तक आयुर्वेद चिकित्सा को पहुंचाने का सकारात्मक पहल किया जा रहा है। जिससे आम लोगों में आयुर्वेदिक पद्धति से उपचार करवाने के प्रति जागरूकता के साथ ही रूझान बढ़ रहा है। यही वजह है कि जिले के अंदरूनी इलाकों में मोबाइल मेडिकल यूनिट के द्वारा विगत एक महीने में 584 से अधिक ग्रामीणों का उपचार किया गया है।

जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. मोहनीश साहू ने इस संबंध में बताया कि जिले में जिला आयुर्वेदिक चिकित्सालय में हृदय रोग मधुमेह, रक्तचाप, चर्म रोग, स्त्री रोग एवं अन्य सभी रोगों का उपचार किया जाता है। वर्तमान में यहां पर आयुर्वेदिक पद्धति से अर्श रोग (बवासीर) का क्षार सूत्र पद्धति से उपचार किया जा रहा है। जिले के ग्रामीण इलाकों में आयुर्वेद चिकित्सा सुविधाओं को उपलब्ध कराए जाने पर ध्यान दिया जा रहा है। 

इसी क्रम में कलेक्टर विजय दयाराम के. के सार्थक प्रयासों के फलस्वरूप रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा आयुष विभाग को एक मेडिकल मोबाइल यूनिट प्रदान किया गया है। मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से प्रत्येक सप्ताह हर विकासखण्ड के अंदरूनी गांवों में आयुर्वेदिक चिकित्सा शिविर लगाकर ग्रामीणों को लाभान्वित किया जा रहा है। 

मोबाइल मेडिकल यूनिट में दो आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी, एक फार्मासिस्ट एवं औषधालय सेवक द्वारा स्वास्थ्य जांच एवं उपचार सेवाएं उपलब्ध करायी जा रही है। इस दौरान विशेष रूप से महिला चिकित्सक द्वारा ग्रामीण इलाकों में सेवाएं देने से ज्यादातर ग्रामीण महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं। मोबाइल मेडिकल यूनिट में आवश्यक दवाइयों की व्यवस्था के साथ ही चिकित्सा उपकरण भी उपलब्ध है। 

आयुष विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. जेआर नेताम बताते हैं कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में चर्मरोग, उदर रोग, स्त्री रोग, वात रोग सहित मधुमेह एवं हृदय रोग से पीडि़त ग्रामीण मिल रहे हैं। इन पीडि़तों का स्वास्थ्य परीक्षण उपरांत ईलाज करने सहित स्वास्थ्य सम्बन्धी आवश्यक परामर्श दी जा रही है। आयुर्वेद चिकित्सा शिविर में वर्तमान में विशेष तौर पर बुखार तथा उल्टी-दस्त जैसी मौसमी बीमारियों से बचाव एवं उपचार संबंधी चिकित्सकीय सलाह दी जा रही है। इस दिशा में घर के समीप साफ-सफाई रखने, घर में कूलर, पुराने टायर, गमले इत्यादि में पानी जमा नहीं होने देने, मच्छरों के पनपने वाले स्रोतों को नष्ट करने के साथ ही सोने के दौरान मच्छरदानी का अनिवार्य रूप से उपयोग करने, हैंडपंप या सोलर ड्यूल पम्प के समीप संग्रहित गन्दे पानी की समुचित निकासी करने सहित शुद्ध पेयजल का उपयोग और गर्म एवं ताजा भोजन का सेवन करने और बीमारियों से पीडि़त होने पर समीपस्थ आयुष स्वास्थ्य केन्द्र अथवा औषधालय में स्वास्थ्य जांच एवं उपचार करवाने की समझाईश देकर स्वस्थ्य जीवनचर्या पर जनजागरूकता लाने का प्रयास किया जा रहा है।

 

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