रायपुर

प्रदेश में 13 से 15 वर्ष के 8 फीसदी बच्चों में तंबाकू की लत, चिंता का विषय-सिंहदेव
07-Jan-2022 6:09 PM
प्रदेश में 13 से 15 वर्ष के 8 फीसदी बच्चों में तंबाकू की लत, चिंता का विषय-सिंहदेव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 7 जनवरी। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने छत्तीसगढ़ में 13 से 15 वर्ष के बच्चों द्वारा तंबाकू उपयोग का प्रतिशत 8 है। भले ही यह राष्ट्रीय औसत से कम है परंतु बहुत चिंताजनक विषय है। स्कूल और कॉलेज स्तर पर ही तंबाकू के उपयोग से होने वाले दुष्परिणामों की जानकारी दी जानी चाहिए जिससे नई पीढ़ी को तंबाकू के व्यसन से बचाया जा सके। स्वास्थ्य विभाग द्वारा तंबाकू नियंत्रण विषय पर आयोजित राज्य स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यशाला में सिंहदेव ने कहा कि एक बार तंबाकू की लत छोटे उम्र के बच्चों और युवाओं को लग जाए तो उसे छोडऩा काफी कठिन होता है। इसलिए हमें इन्हें तंबाकू के दुष्परिणाम से पहले ही अवगत कराना चाहिए। उन्होंने बताया कि देश में 10 से 22 वर्ष आयु के बीच में तंबाकू का उपयोग प्रारंभ करने वालों का प्रतिशत 90 से अधिक है। साल में लगभग 12.8 लाख मौतें तंबाकू के उपयोग से होती हैं जो टीबी, एचआईवी और मलेरिया को मिलाकर होने वाली कुल मौतों से अधिक है। यह वर्तमान में चल रही कोरोना महामारी में होने वाली मृत्यु से भी कहीं ज्यादा है।

संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं नीरज बंसोड़ ने कहा कि राज्य में तंबाकू के उपयोग पर नियंत्रण के लिए अंर्तविभागीय समन्वय से लक्ष्य निर्धारित करते हुए तेजी से कार्य किए जाने की आवश्यकता है। तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश जैन ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में तंबाकू एवं तंबाकू उत्पादों का उपयोग न केवल कोरोना के वायरस के संक्रमण को फैलने में सहयोग प्रदान करता है, बल्कि उसकी गंभीरता को बढ़ाते हुये मृत्यु का कारण भी बनता है। कार्यशाला में ऑनलाइन माध्यम से जुड़े ‘द यूनियन’ के डॉ. राणा जगदीप सिंह ने तंबाकू के उपयोग पर नियंत्रण के लिए अनेक सुझाव दिए।

कार्यशाला में प्रतिभागियों को कोटपा अधिनियम, 2003 के प्रावधानों एवं राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम व इसके क्रियान्वयन में विभिन्न विभागों के दायित्वों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यशाला में तंबाकू के उपयोग पर नियंत्रण के लिए कोटपा के नियमों को और अधिक प्रभावी बनाने के साथ ही किशोर न्याय अधिनियम, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम और खाद्य सुरक्षा अधिनियम जैसे महत्वपूर्ण कानूनों को भी कड़ाई से लागू किए जाने के सुझाव दिए गए। कार्यशाला में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए स्वास्थ्य विभाग, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, उच्च शिक्षा, पंचायत, श्रम, परिवहन विभाग, सीआईडी, विधि एवं विधायी और उद्योग विभाग सहित अनेक गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news