रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 अप्रैल। बीते 4 वर्षों से 1 मई को प्रदेश में श्रमिक दिवस को बोरे बासी दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है। यह दौर कांग्रेस सरकार का था। नई सरकार आने के बाद अब यह दिन केवल अंतरराष्ट्रीय श्रम दिवस के रूप में मनेगा। कांग्रेस ने इस फैसले का विरोध शुरू कर दिया। पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने इस निर्णय को सरासर गलत बताते हुए इसे छत्तीसगढ़ की संस्कृति के विपरीत आचरण कहा है। इस पर पलटवार करते हुए कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि कांग्रेस ही छत्तीसगढिय़ां संस्कृति में रोजाना खाने वाले बोरे बासी को कांटे चम्मच से खिलाने की परम्परा शुरू की थी। वह अफसरों पर दबाव बनाकर उन्हें भी खाने मजबूर किया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिपक बैज ने कहा कि पार्टी इस वर्ष भी श्रमिकों का सम्मान बोरे बासी दिवस मनाएंगी। ताकि मजदूरों को इस भोजन को सम्मान मिल सके। बैज ने सभी कार्यकर्ताओं, नेताओं से बोरे बासी खाते, खिलाते अपनी सेल्फी पोस्ट करने कहा है।