दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 15 जनवरी। गोधन न्याय योजना के माध्यम से ग्रामीणों की ऐसी खुशियां भी पूरी हो पा रही हैं जो सामान्यत: विवाह जैसे बड़े आयोजनों के मौके पर ही पूरी हो पाती थीं और उसके लिए भी अमूमन कर्ज का सहारा लेना पड़ता था। आगेसरा में पहाटिया के रूप में काम कर रहे भोजराम यादव ने बताया कि गोधन न्याय योजना के माध्यम से उन्होंने पिछले साल 27 हजार रुपए गोबर बेचकर प्राप्त किये। इस राशि का सदुपयोग किस तरह हो सकता है यह विचार आया। उन्होंने अपनी पत्नी सीता के लिए कान का टाप्स खरीदा, यह चौदह हजार रुपए में आया। भोजराम ने बताया कि निशानी के रूप में मैंने इसे दिया, यह हमेशा के लिए यादगार रहने वाली चीज होती है और स्त्रीधन होता है। भोजराम ने बताया कि मैं ऐसी चीज नहीं लेना चाहता था जिसे मैं खर्च कर खत्म कर दूँ अपितु ऐसी चीज चाहता था जो हमेशा रहे और जिसकी कीमत भी बढ़ती रहे। उल्लेखनीय है कि गोधन न्याय योजना के माध्यम से पहाटियों के आर्थिक स्तर में विशेष बदलाव आया है।
ग्राम आगेसरा में तीन पहाटिया हैं और तीनों ही गोधन न्याय योजना के माध्यम से अच्छी आय प्राप्त कर रहे हैं।