रायपुर

ठंडे बस्ते में नए राशन दुकानों का प्रस्ताव
07-Feb-2022 5:23 PM
ठंडे बस्ते में नए राशन दुकानों का प्रस्ताव

500 से अधिक समितियां कतार में खाद्य नियंत्रक कार्यालय में अर्जियों की स्कूटनी का काम ही धीमें गति से

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर,  7 फरवरी।
उचित मूल्य की दुकानों में हितग्राहियों का भीड़ का दबाव कम करने नई दुकान शुरू करने की पॉलिसी फिलहाल ठंडे बस्ते में है। 140 नए उचित मूल्य की दुकानें शुरू करने के लिए प्रस्ताव तैयार होने के बाद अब प्रक्रिया काफी धीमें रफ्तार से चल रही है, इधर दुकान संचालित करने अर्जियों की भरमार लग गई है। बता दें खाद्य विभाग के पास नई दुकानें संचालित करने के लिए 500 से ज्यादा समितियों ने आवेदन प्रस्तुत किया है। नए पॉलिसी में काम ठंडा पड़ जाने के बाद अब समितियों के दस्तावेजों की स्कूटनी का भी काम रूका हुआ है। नए राशन दुकान शुरू करने का लक्ष्य फिलहाल अगले छह से सात महीनों में शुरू करना कठिन लग रहा है। राज्य शासन की मंशा के अनुरूप जिन दुकानों में हितग्राहियों की संख्या ज्यादा है वहां पर नई दुकानें शुरू करने की योजना है। ताकि हितग्राहियों के लिए भीड़ का जमावड़ा कम हो सके। लंबी प्रतिक्षा करने के बजाए हितग्राहियों को जल्द राशन मिल सके, इस लिए नई दुकानों की रूपरेखा तय किया गया। जिले में पहले 130 उचित मूल्य की दुकानें है। नए दुकानें शामिल हो जाने के बाद इनकी संख्या 270 पहुंच जाएगी। घनी आबादी वाले हिस्सों में दुकानें खुलने से हितग्राहियों को इसका लाभ मिल सकेगा। नई दुकानों के लिए आवेदन आमंत्रित किए जाने के बद जिला सहकारी समितियों ने बड़ी संख्या में आवेदन प्रस्तुत किए हैं। स्कूटनी के बाद कई समितियों का नाम काटा  जाएगा। दस्तावेजी परीक्षण के बाद आगे दुकान संचालित करने जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

कमाई के लिए पुराने संचालक चिंतित
नए दुकानों के कांसेप्ट में पुराने दुकानों के संचालक चिंतित है। अभी की स्थिति में कमीशन के पुराने दर से संचालकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। दुकानों के भाड़े और फिर हेल्पर का ही खर्च महंगा है, ऐसे में हितग्राहियों की संख्या बट जाने से संचालकों का कमीशन सीधे कम हो जाएगा। पुराने संचालकों के लिए राशन वितरण प्रणाली की स्कीम में जुडक़र काम करने परेशानी बढ़ेगी। नए दुकानों के लिए संचालक पहले ही आपत्ति जता चुके हैं। संचालकों का कहना है, जिन दुकानों में हितग्राही कार्डधारियों की संख्या

पहले से कम है वहां पर व्यवस्था बिगड़ेगी।
स्कूटनी बाकी है
नए दुकानों के लिए प्रस्ताव बनने के बाद आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। अभी तक पांच सौ से ज्यादा समितियों ने आवेदन दिया है। स्कूटनी का काम बाकी है, इसके बाद प्रक्रिया तेज होगी।
 

तरूण राठौर, फूड कंट्रोलर डिजीटल तौल का सिस्टम बनाकर जांच
राशन सामग्रियों के वितरण के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो इसलिए पुराने दुकानों में डिजीटल तौल का सिस्टम बनाया गया है। पीओएस मशीन के साथ डिजीटल तराजू देने के बाद हितग्राहियों की एंट्री डिजीटल सिस्टम में लॉक किया जा रहा है। फिंगरप्रिंट और फोटो के स्केन करने के बाद हितग्राहियों को राशन दिया जा रहा है।

ऑफ लाइन चलने वाली दुकानों में भी व्यवस्था दुरूस्थ करने के लिए कहा गया है। अफसरों का कहना है, डिजीटल सिस्टम एक बार बन जाने से राशन में हेराफेरी करने की शिकायतों पर अंकूश लगाया जा सकेगा।

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