रायपुर
![लोककला संग्रह व संरक्षण के लिए रामेश्वरी को फैलोशिप लोककला संग्रह व संरक्षण के लिए रामेश्वरी को फैलोशिप](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1644320414anjati.jpg)
रायपुर, 8फरवरी । जनजातियों के लोकनृत्यों के संग्रहण एवं शोध के लिए केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य की वरिष्ठ लोकनृत्य निर्देशिका- रंगकर्मी रामेश्वरी यादव को फैलोशिप दिया है। रामेश्वरी प्रथम चरण में आदिवासी बाहुल्य अंचल बस्तर में जाकर वहां प्रचलित लोकनृत्यों, गीतों, परंपराओं तथा जनश्रुतियों का संग्रहण करेंगी।
इस दिशा में हुई प्रगति पर चर्चा करते उन्होंनेछत्तीस छटा कला परिषद के डायरेक्टर वरिष्ठ लोक रंगकर्मी विजय मिश्रा अमित को बताया कि आदिवासी समाज में प्रचलित नृत्य एवं घोटूलप्रथा का अध्ययन करने घोटूल ग्राम मडक़ाबेरा,दंतेवाड़ा जिला के तमनार जैसे सुदूर वनांचलों का वे दौरा कर चुकी हैं। उनके संग्रहण दल में सर्वश्री पुन्नू यादव,तरूण निषाद, राकेश-अमन देशमुख,रंजीत साहू शामिल हैं।आगे उन्होंने बतायाआदिवासी समुदाय के लुप्त प्राय:नृत्यों जैसे परागेदना,कोंगरेंग,ढोल मांदरी, गौर, छेरका के संबंध में आदिवासी भाइयों से प्रत्यक्ष जानकारी जुटाई गई है।
इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ से लोकसंगीत में उच्च शिक्षा प्राप्त रामेश्वरी ने कहा कि रेडियो,टीवी,मोबाइल जैसे संचार साधनों के कारण आदिवासी समाज के रहन सहन, रीति रिवाजों में भी परिवर्तन परिलक्षित हुआ है।साथ ही ऐसे साधनों के बुते प्रबुद्ध शहरीजनों को आदिवासी समाज की दुर्लभ लोक संस्कृति को जानने देखने सुनने का बृहद अवसर मिल रहा है।वैश्विक रंगजगत पर छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति महकती रहे इसके लिए लोककलाओं, कलाकारों का संरक्षण आवश्यक है। इस दिशा में भारत सरकार की ओर देय सीनियर फैलोशिप कारगर है। विदित हो भारत सरकार द्धारा प्रदत्त उक्त फैलोशिप के लिए छत्तीसगढ़ से एकमात्र अवार्डी रामेश्वरी ही हैं।