रायपुर
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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 10 फरवरी। प्रदेश के डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति स्थित एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट (एसीआई) ने एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान कायम की है। एसीआई के हृदय रोग विभाग के विभागाध्यक्ष एवं कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. स्मित श्रीवास्तव एवं उनकी टीम ने 15 वर्षीय बालिका के दिल के छेद वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट (वीएसडी) को एक विशेष प्रकार के जीरो एक्सेंट्रिक बटन डिवाइस का प्रयोग करते हुए बंद किया।
डॉ श्रीवास्तव ने बताया की मरीज के हृदय के वाल्व एक दूसरे से सटे होने के कारण छेद इस प्रकार था कि इसको सामान्य बटन डिवाइस से बंद करना जोखिम भरा था।
सामान्य बटन डिवाइस से दिल के छेद को बंद करने से वाल्व से लीकेज होने की संभावना थी। ऐसे में एक नए ढंग से डिजाइन की गई वीएसडी बटन डिवाइस च्च्जीरो रिम एक्सेंट्रिकज्ज्, जिसका किनारा शून्य साइज का होता है, का उपयोग करते हुए दिल के छेद को बंद किया गया।
बताया गया कि वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट (वीएसडी) दिल के निचले कक्षों (निलय) के बीच असामान्य संपर्क की वजह से होने वाला एक आम हृदय रोग है, जो जन्मजात होता है। इसमें दिल के निचले हिस्से में बाएं और दाएं वेंट्रिकल के बीच दीवार में छेद होना शामिल है। ज्यादातर छेद अपने आप बंद हो जाते हैं, लेकिन कई बार छेद बंद करने के लिए ऑपरेशन या कैथेटर पर आधारित एक प्रक्रिया की जरूरत पड़ सकती है।
इस उपकरण की उपलब्धि दर अब तक 98.91 प्रतिशत है। देश में अब तक इस डिवाइस का इस्तेमाल सिर्फ चार डॉक्टरों ने किया है। इसमें डॉ. स्मित श्रीवास्तव (एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट मेडिकल कॉलेज रायपुर ,डॉ. विशाल चंगेला , डॉ. शिव कुमार (कार्डियोलॉजिस्ट – एमएमएम अस्पताल ,डॉ. राजेश कुमार, (कार्डियोलॉजिस्ट, एमजीएम अस्पताल , के नाम शामिल हैं।