रायपुर
![6 माह गुजरे टाइगर रिजर्व नहीं बना गुरू घासीदास उद्यान 6 माह गुजरे टाइगर रिजर्व नहीं बना गुरू घासीदास उद्यान](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1644669867astri-udhan.jpg)
एनटीसीए के मंजूरी के बाद भी नोटिफिकेशन नहीं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 12 फरवरी। गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान एनटीसीए की मंजूरी के छह माह बाद भी टाइगर रिजर्व नहीं बन पाया है। कैबिनेट, और फिर वाइल्ड लाइफ बोर्ड की सहमति के बावजूद टाइगर रिजर्व का नोटिफिकेशन नहीं हो पाया है।
पीसीसीएफ (वाइल्ड लाइफ) पी नरसिम्ह राव ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में सिर्फ इतना ही कहा कि टाइगर रिजर्व के नोटिफिकेशन के लिए कोई समस्या नहीं है। यह शासन के पास लंबित है।
कैबिनेट, और फिर वाइल्ड लाइफ बोर्ड के अनुमोदन के बाद एनटीसीए (नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी) ने भी गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान सोनहत-कोरिया (छत्तीसगढ़) को टाइगर रिजर्व बनाने की सहमति दे दी थी। इस पूरी प्रक्रिया को छह माह से अधिक हो चुके हैं। मगर इसके लिए अब तक नोटिफिकेशन जारी नहीं किया जा सका है।
गुरू घासीदास उद्यान का एरिया करीब 14 सौ वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जिसमें बाघ, तेंदुआ, नीलगाय सहित अन्य वन्यजीव प्राणी विचरण करते हैं। कोरिया के गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और सरगुजा के तमोर पिंगला अभ्यारण्य को मिलाकर टाइगर रिजर्व घोषित किया जाना है।
बताया गया कि छत्तीसगढ़ सरकार से नोटिफिकेशन जारी होने के बाद गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान, देश के 53वां टाइगर रिजर्व के रूपए में अस्तित्व में आएगा। वर्तमान में चार टाइगर विचरण करते हैं। प्रदेश में 3 टाइगर रिजर्व अचानकमार, उदंती सीतानदी और इंद्रावती हैं।
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान की सुरक्षा के लिए कैम्पा मद से काफी कुछ काम हुए हैं। सेंसरयुक्त हाइटेक बैरियर व सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। लेकिन विभागीय देरी से अस्तित्व में नहीं आ पाया है।