रायपुर

साइबर थाने का नोटिफिकेशन जारी हुए एक साल से ज्यादा समय बीता, आज तक सेटअप ही नहीं
14-Feb-2022 6:21 PM
साइबर थाने का नोटिफिकेशन जारी हुए एक साल से ज्यादा समय बीता, आज तक सेटअप ही नहीं

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 14 फरवरी। प्रदेश के पांच पुलिस रेंज में साइबर थाने खोलने के लिए सालभर पहले ही नोटिफिकेशन जारी हो चुका है, लेकिन थाने खुलना तो दूर आज तक सेटअप ही मंजूर नहीं हुआ है। इससे जुड़ी फाइलें पुलिस मुख्यालय, गृह और वित्त विभाग में ही दौड़ रही हैं। साइबर अपराध को लेकर विभाग कितना गंभीर है, यह इसी बात से समझ लें कि एकमात्र साइबर थाना पुलिस मुख्यालय में है, लेकिन वहां भी पूरा स्टाफ नहीं है। कम्प्यूटर कैडर के इंस्पेक्टर और टेलीकॉम कैडर के स्टाफ से काम चलाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ पुलिस में साइबर कैडर से मात्र तीन स्टाफ हैं। इनमें दो इंस्पेक्टर और एक सब इंस्पेक्टर शामिल हैं।

साइबर अपराध जितनी तेजी से बढ़ रहे हैं और हर दिन नए-नए किस्म के अपराध सामने आ रहे हैं, उसके मुकाबले छत्तीसगढ़ पुलिस में फिलहाल कोई तैयारी ही नहीं है। साइबर चोरी या ठगी के शिकार लोगों को एफआईआर लिखाने के लिए भटकना पड़ता है। पुलिस मुख्यालय में करीब डेढ़ साल पहले साइबर थाने की शुरुआत की गई थी। इसी के साथ साइबर लैब भी शुरू किया गया, लेकिन सबसे बड़ी समस्या सेटअप की है। सालभर पहले साइबर फोरेंसिक लैब के लिए 20 पदों का प्रस्ताव तैयार किया गया था। इसमें एसपी, एडिशनल एसपी, डीएसपी और इंस्पेक्टर के साथ सब इंस्पेक्टर के पद मांगे थे। इस पर करीब 132 लाख का खर्च आता, लेकिन मंजूरी नहीं मिली। लिहाजा, साइबर अपराध और उसके रोकथाम की कोशिशों के मामले में छत्तीसगढ़ पिछड़ गया है। इसके विपरीत पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में अलग सेटअप तैयार किया जा चुका है।

क्राइम ब्रांच की तरह काम कर रहे हैं साइबर सेल

कांग्रेस की सरकार बनने के कुछ ही महीने बाद सभी जिलों में क्राइम ब्रांच को भंग कर दिया गया था। इसके बाद साइबर सेल का गठन किया गया। साइबर सेल भी क्राइम ब्रांच की तरह ही काम कर रहे हैं। वैसे भी किसी भी थाने में साइबर अपराध के एक्सपर्ट इंस्पेक्टर नहीं हैं। ऐसी स्थिति में जब सभी पुलिस रेंज में साइबर थाने खुल भी जाएंगे, तब भी जिलों में बेसिक जानकारी रखने वाले इंस्पेक्टर के भरोसे ही काम करना पड़ेगा।

जानकार तकनीकी अफसर कर रहे मदद

विभाग से ही जुड़े कुछ अधिकारियों का कहना है कि जब तक साइबर कैडर में नियुक्ति नहीं होती, तब तक विभाग में ही तकनीकी जानकार अधिकारी-कर्मचारियों की मदद ले सकते हैं। आईपीएस से लेकर कांस्टेबल तक बड़ी संख्या में अधिकारी-कर्मचारी हैं, जो टेक्नीकल बैकग्राउंड के हैं, उन्हें शामिल कर साइबर का अलग सेटअप बनाया जा सकता है। हालांकि विभागीय उदासीनता के कारण इसमें देरी हो रही है। इस बार बजट सत्र में इसे मंजूरी मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news