रायपुर
![प्रदेश को केन्द्र की बड़ी मदद, निकायों के लिए दिए 370 करोड़, पेयजल और अन्य सुविधाएं देनी होंगी प्रदेश को केन्द्र की बड़ी मदद, निकायों के लिए दिए 370 करोड़, पेयजल और अन्य सुविधाएं देनी होंगी](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1644929524al.gif)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 फरवरी। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने शहरी निकायों को अनुदान के लिए आज 4 राज्यों को 1154.90 करोड़ रुपये की राशि जारी की। इन राज्यों में आंध्र प्रदेश 225.60 करोड़ रुपये, बिहार 769 करोड़ , छत्तीसगढ़ को 370 करोड़ गुजरात 165.30 करोड़ और सिक्किम 5 करोड़ रुपए शामिल हैं। आज जारी किए गए अनुदान छावनी बोर्डों सहित ‘नॉन-मिलियन प्लस सिटीज (एनएमपीसी)’ यानी दस लाख से कम आबादी वाले शहरों के लिए है।
15वें वित्त आयोग ने वर्ष 2021-22 से लेकर वर्ष 2025-26 तक की अवधि के लिए दस लाख से कम आबादी वाले अन्य सभी शहर और कस्बे (नॉन-मिलियन प्लस सिटीज)। 15वें वित्त आयोग ने इनके लिए अलग से अनुदान प्रदान करने की सिफारिश की है। नॉन-मिलियन प्लस सिटीज के लिए वित्त आयोग द्वारा अनुशंसित कुल अनुदानों में से 40 फीसदी बुनियादी (बिना शर्त) अनुदान है और शेष 60 प्रतिशत सशर्त अनुदान है। बुनियादी (बिना शर्त) अनुदान का उपयोग वेतन के भुगतान और अन्य स्थापना व्यय को छोड़ स्थान विशेष की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाता है।
वहीं, दूसरी ओर नॉन-मिलियन प्लस सिटीज के लिए सशर्त अनुदान बुनियादी सेवाएं मुहैया कराने में आवश्?यक सहयोग देने और इन्हें मजबूती प्रदान करने के लिए जारी किए जाते हैं। कुल सशर्त अनुदान में से 50फीसदी ‘स्वच्छता ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और आवास व शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचएंडयूए) द्वारा विकसित स्टार रेटिंग प्राप्त करने’ के लिए निर्धारित किया गया है। शेष 50फीसदी ‘पेयजल, वर्षा जल के संचयन और जल पुनर्चक्रण’ से सशर्त जुड़ा हुआ है।
सशर्त अनुदान का उद्देश्य केंद्र और राज्य द्वारा आवंटित धन के अलावा शहरी स्थानीय निकायों को अतिरिक्त धनराशि की उपलब्धता सुनिश्चित करना है, ताकि वे स्वच्छता के साथ-साथ केंद्र प्रायोजित विभिन्न योजनाओं के तहत पेयजल और इसके साथ ही अपने यहां के नागरिकों को विभिन्न गुणवत्तापूर्ण सेवाएं उपलब्ध करा सकें।
राज्यवार राशि निम्नानुसार है-
1 आंध्र प्रदेश 873.00
2 अरुणाचल प्रदेश 0.00
3 असम 0.00
4 बिहार 759.00
5 छत्तीसगढ़ 369.90
6 गोवा 13.50
7 गुजरात 660.00
8 हरियाणा 193.50
9 हिमाचल प्रदेश 98.55
10 झारखंड 187.00
11 कर्नाटक 375.00
12 केरल 168.00
13 मध्य प्रदेश 499.00
14 महाराष्ट्र 461.00
15 मणिपुर 0.00
16 मेघालय 0.00
17 मिजोरम 17.00
18 नगालैंड 0.00
19 ओडिशा 411.00
20 पंजाब 185.00
21 राजस्थान 490.50
22 सिक्किम 10.00
23 तमिलनाडु 741.75
24 तेलंगाना 209.43
25 त्रिपुरा 58.00
26 उत्तर प्रदेश 1592.00
27 उत्तराखंड 104.50
28 पश्चिम बंगाल 696.00
कुल 9172.63