रायपुर

छत्तीसगढ़ में स्वास्थ सुविधाओं के अभाव में आदिवासी बच्चों के मृत्युदर बढ़ी-नेताम
16-Feb-2022 4:50 PM
छत्तीसगढ़ में स्वास्थ सुविधाओं के अभाव में आदिवासी बच्चों के मृत्युदर बढ़ी-नेताम

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 फरवरी ।
छत्तीसगढ़ में आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधा को लेकर  भाजपा के वरिष्ठ नेता व सांसद रामविचार नेताम, पूर्व विधायक नवीन मारकण्डेय ने सीएम भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस बाबा पर निशाना साधा।
बुधवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के वनांचल क्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों के स्वास्थ्य सुविधाएं चरमरा गई हैं। अति विशिष्ट पिछड़ी जनजाति पंडो, कमार, बिरहोर आदिवासियों को स्वास्थ सुविधाओं का लाभ देने में कांग्रेस की भूपेश सरकार विफल रही। आज वनांचलों में आदिवासियों की हालत खराब है। स्वास्थ सुविधा नहीं मिल पाने के कारण पिछले तीन वर्षों में राज्य में आदिवासी बच्चों के मौत के आंकड़े बढ़े हैं। 2018 में 6 हजार 848, शिशु मृत्यु दर 1920 और 2020-21 में लगभग 11 हजार 3 सौ बच्चों की मृत्यु दर्ज की है। वनांचलों में स्वास्थ सुविधाओं में कोई सुधार अब तक नहीं किया गया है।

नेताम ने कहा कि तीन सालों में मुख्यमंत्री के द्वारा आदिवासियों के विकास और उत्थान के बड़े-बड़े वादे किए जा रहे हैं। शहरों में आदिवासियों के लिए झूठे वादे भरे पोस्टर लगाकर कांग्रेस सरकार व्र्यथ का प्रचार कर रही है। जबकि आज प्रदेश में आदिवासियों को कोई पूछने वाला भी नहीं है। आदिवासी बच्चों में निमोनिया, पीलिया और कुष्ठ जैसे रोग और खानपान का अभाव होने के कारण मृत्यु हो जाती है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा आदिवासी विकास के लिए राज्य सरकार को प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये देती है। लेकिन प्रदेश के मुखिया की ये योजनाएं अभी तक शुरू भी नहीं हुई है। स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर कागजी कार्रवाई की जा रही है। प्रदेश के जिलों में सरगुजा, बस्तर, राजनांदगांव ऐसे जिले है जहां आदिवासियों को सरकार के द्वारा कोई भी सुविधा प्रदान नहीं की जा रही है, और इनके अभाव में जीवन यापन कर रहे हैं।

सीएम भूपेश बघेल अन्य राज्यों में किसानों की मृत्यु होने पर 50 लाख तक मुआवजा देती है। और आज प्रदेश के वनांचलों में रहने वाले आदिवासियों की बीमारी, भूखमरी से मौत हो जाती है, तो सीएम स्तर शोक भी नहीं जताते।

क्या इन आदिवासियों पर भूपेश बघेल की नजरे नहीं पड़ती या स्वास्थ्य मंत्री इनके विषय में विचार क्यों नहीं करते।
 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news