रायपुर

झारखंड से शुरू ऑन लाइन फ्राड फैला देशभर में, रायपुर पुलिस के लिए अब राजस्थान और पश्चिम बंगाल में भी चुनौती, हर दिन ठगी के केस
16-Feb-2022 4:55 PM
झारखंड से शुरू ऑन लाइन फ्राड फैला देशभर में, रायपुर पुलिस के लिए अब राजस्थान और पश्चिम बंगाल में भी चुनौती, हर दिन ठगी के केस

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 फरवरी ।
  देशभर में ऑन लाइन ठगी करने वालों ने पुलिस के सामने मुसीबत खड़े कर दी है। रायपुर में सामने आ रहे मामलों में एक नए ट्रेंड का पता चला है जिसमें ठग अब इंटर स्टेट सीम का इस्तेमाल कर रहे हैं। एक राज्य का सीम लेकर दूसरे स्टेट जाकर ठगी की वारदात कर रहे हैं ऐसे में ठगों की तलाश पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। हाल में सामने आए कुछ मामले ऐसे हैं जिसमें पुलिस को चिन्हिंत राज्य के अलावा दूसरे राज्यों में भी छानबीन को मजबूर होना पड़ा है। सायबर सेल के पास पहुंचे ज्यादातर मामलों में पश्चिम बंगाल और फिर राजस्थान के भरतपुर लोकेशन से लोगों से ठगी की गई है। झारखंड के बाद पुलिस को अब पश्चिम बंगाल और राजस्थान की ओर मूवमेंट करना पड़ा है। पुलिस जांच में मालूम हुआ है ठगों ने झारखंड के अलावा मालदा और हरियाणा के हिसार भी ऑन लाइन ठगने का जाल बुना है। लोकल पुलिस की जानकारी से दूर एक मात्र फोन नंबर हासिल कर ठग वारदात को अंजाम दे रहे हैं। सालभर में जिस तरह के ठगी के ट्रेंड बदला है उसमें 30 से ज्यादा तरीके अपनाकर लोगों से ठगी की गई है। लॉक डाउन के बाद से ज्यादातर ठग हेल्थ इंश्योरेंस और फिर लॉटरी लगने का झांसा दे रहे हैं। नोटबंदी के बाद बैंक स्टेटमेंट और केवायसी अपडेट कराने ठगी की घटनाएं आम थी लेकिन अब इंश्योंरेंस और फायनेंस की सुविधा का लालच देकर ठग ओटीपी जनरेट करवाने में लगे हुए हैं। टिकरापारा, सिविल लाइंस, पुरानी बस्ती और राजेंद्र नगर में एक महीने के अंदर ऑन लाइन फ्राड के केस सामने आए हैं जिसमें ठगों ने अलग-अलग तरीकों से फोन धारकों को जाल में फंसाया है। एक महीने के अंदर ठग रायपुर जिले से 10 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई कर चुके हैं। बारी-बारी से फोन धारकों के बैंक खातों से पैसे चुराए हैं। पांच साल पहले तक सायबर ठगी के मामले झारखंड या फिर इस राज्य के इर्द-गिर्द से सामने आ रहे थे लेकिन अब ठग देश के दूसरे राज्यों में घूम-घूमकर वारदात कर रहे हैं।

वेलिड वॉलेट के जरिए हेराफेरी
सायबर सेल की जांच में ऑन लाइन बैंकिंग काम करने वाले वेलिड वॉलेट के जरिए रुपयों की हेराफेरी करने का पता चला है।  फोन धारकों से संपर्क करने के बाद बैंक खाते से सबसे पहले वेलिड वॉलेट में रुपये ट्रांसफर किया जाता है।

इसके बाद यहां से रुपये देश या फिर देश के बाहर किसी बैंक के खाते में भेजा जाता है। स्टेट सायबर सेल पुलिस मुख्यालय की ओर से विगत आठ महीनों में ही डेढ़ करोड़ रुपये की ज्यादा राशि ट्रांसफर होने के पहले रोकी गई है। समय पर सूचना मिलते ही रुपयों की हेराफेरी रूकी है।

अलर्ट रहने की  जरूरत
ठग अलग-अलग तरीका अपना रहें है। फोन धारकों को अलर्ट रहने की जरूरत है। सिर्फ झारखंड नहीं अब पश्चिम बंगाल और राजस्थान से भी फोन करके सायबर ठग वारदात को अंजाम देने में लगे हैं।
- गिरीश तिवारी, टीआई सायबर सेल रायपुर

इस तरह से ठगी...पुलिस का अलर्ट
द्य बैंक खाता अपडेट कराना है
द्य आधार कार्ड से लिंक जोडऩा है
द्य हेल्थ इंश्योंरेंस में नई स्कीम है
द्य लॉटरी लगा है
द्य विदेशी मुद्रा का एक्सचेंज करना है
द्य गोल्ड इन्वेस्टमेंट
द्य मनी ट्रांसफर एप्प के विनर
द्य क्रेडिट कार्ड अपडेट करना है
द्य एटीएम कार्ड केवायसी अपडेट

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