रायपुर
![अब बोतल में पानी कहकर बच नहीं सकेंगे शराब के तस्कर, रायपुर में खुला आधुनिक लैब, मध्य भारत का दूसरा अब बोतल में पानी कहकर बच नहीं सकेंगे शराब के तस्कर, रायपुर में खुला आधुनिक लैब, मध्य भारत का दूसरा](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1645185742642416665G_LOGO-001.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 18 फरवरी। अब प्रदेश में जब्त अवैध शराब के तस्कर शराब को पानी ठहराकर जेल जाने से बच नहीं सकेंगे। शराब को शराब साबित करने आबकारी विभाग का आधुनिक लैब राजधानी में शुरू हो चुका है। अब पूरे प्रदेशभर में जब्त होने वाली शराब की टेस्टिंग रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जा सकेगी। ऐसा आधुनिक लैब मध्यप्रदेश के ग्वालियर के बाद मध्य भारत में दूसरा है।
इस लैब की स्थापना में कोई बड़ी लागत खर्च नहीं की गई है। आबकारी विभाग के भवन में ही स्थापित लैब कुछ टेस्टिंग उपकरण और कैमिकल की ही खरीदी हुई। और एक टें्रड केमिस्ट नियुक्त किया गया है। अब तक छत्तीसगढ़ में टेस्टिंग की सुविधा न होने से तस्कर, शराब को पानी कहकर बच जाते रहे हैं। न्यायालयों में भी सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील बोतल में शराब नहीं पानी साबित करने में सफल हो जाते थे। अब इस लैब से शराब होने का प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। इस लैब में अवैध शराब के साथ-साथ हाथ भट्ठी मेंं बने, बॉटलिंग प्लांट और डिस्टलरीज में बनने वाले शराब की भी टेस्टिंग की जाएगी। लैब की स्थापना से जहरीली शराब को भी पकडऩा आसान हो जाएगा।
दिसंबर 2021 से शुरू हुए लैब में अब तक 6 सैंपल टेस्ट हो चुके हैं। आबकारी सचिव निरंजन दास से टेस्टिंग की तादाद बढ़ाने सभी डीईओ से कहा है कि अपने-अपने जिले में पकड़ी जाने वाली शराब के सभी सैंपल भेजे गए।
चलेगा अभियान
छत्तीसगढ़ में अवैध और कच्ची शराब की बिक्री के साथ ही मिलावटी शराब बेचने वालों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी, इसके लिए आबकारी विभाग द्वारा सघन अभियान चलाया जाएगा।
आबकारी विभाग के सचिव निरंजन दास ने विभागीय अधिकारियों की बैठक ली और इन प्रकरणों पर सख्ती से कार्रवाई कर रोक लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन कार्यों में यदि विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों की संलिप्तता पाए जाने पर उनके विरूद्ध भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। दास ने अधिकारियों के साथ विभाग की रेवेन्यु बढ़ाने के मुद्दे पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि देशी-विदेशी मदिरा दुकानों को कम्पोजिट किया जाए। इसी प्रकार मांग के अनुरूप इन दुकानों में संबंधित ब्रांड का स्टॉक रखा जाए।