रायपुर
![पुन: लहराएगी भारतीय ज्ञान परम्परा की पताका: डॉ. अजीत डोभाल पुन: लहराएगी भारतीय ज्ञान परम्परा की पताका: डॉ. अजीत डोभाल](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1645362347r.-Ajit-Doval.gif)
रायपुर, 20 फरवरी। छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार संपन्न हुआ। वेबिनार का विषय था भारतीय ज्ञान और संस्कृति का वैश्विक आयाम।
इस अंतरराष्ट्रीय वेबिनार मे देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कीर्तिचक्र प्राप्त डॉ. अजीत डोभाल मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे। किंतु अपरिहार्य कारणों से वे कार्यक्रम में सम्मिलित नही हो पायें। उन्होंने पत्र के माध्यम से कार्यक्रम की सफलता हेतु शुभकामनायें प्रेषित की तथा आशा व्यक्त की भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारत के प्राचीन ज्ञान, साहित्य, कला आदि परम्पराओं को पुन: विश्व पटल पर स्थापित करनें में सक्षम होगी तथा भारतीय ज्ञान परम्परा की पताका संपूर्ण विश्व में पुन: लहरायेगी।
वेबिनार का शुभारंभ सरस्वती वंदना एवं राजकीय गीत के साथ प्रात: 6:00 बजे हुआ जो कि रात्रि 9 बजे तक पंद्रह घंटे तक निरंतर चलता रहा।
इस प्रकार से ऑनलाईन वेबिनार में एक अनोखा विश्व कीर्तिमान स्थापित हुआ जिसे गोल्डऩ बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड द्वारा प्रमाणित कर प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। इसमें छत्तीसगढ़ में स्थापित सभी 15 निजी विश्वविद्यलयों के कुलाधिपतियों, कुलपतियों एवं कुलसचिवों द्वारा अपने-अपने विश्वविद्यालय के विषय में प्रस्तुति दी तथा सभी विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। इस वेबिनार में भारत की 15 केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों तथा अनेक मूर्धन्य विद्वानों ने निजी विश्वविद्यालयों की प्रस्तुति का गहनता पूर्वक अध्ययन कर उनके समग्र विकास हेतु मार्गदर्शन प्रदान किया।
वेबिनार को संबोधित करते हुए महामहिम राज्यपाल सुश्री अनुसूईया उइके ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारतीय ज्ञान और संस्कृति ने भारत ही नहीं पूरे विश्व में अपना पहचान स्थापित किया है। भारत में ही जीवन मूल्यों पर आधारित वेदों, रामायण, महाभारत एवं गीता की रचना हुई हैं। इस अनूठा वेबिनार की रूपरेखा छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष महामहोपध्याय डॉ. शिव वरण शुक्ल द्वारा तैयार की गयी तथा इसे सफल बनाने में छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के सदस्य अकादमिक डॉ. उमेश कुमार मिश्रा, अंशकालिक सदस्या डॉ. सरिता सिन्हा एवं सचिव डॉ. मनीषा शुक्ला तथा विनियामक आयोग के अन्य सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों का सहयोग रहा।
वेबिनार के संयोजक एवं आयोग के अध्यक्ष महामहोपध्याय डॉ. शिव वरण शुक्ल ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत में अनेक महान ऋषियों एवं महापुरूषों ने जन्म लिए है, उनके विचारों और आदर्शो को पूरा विश्व स्वीकारता है। गौतम बुद्ध, चाणक्य, वाल्मीकि, सूरदास से लेकर रविंद्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद के विचार आज भी मौलिक हैं। सभी निजी विश्वविद्यालयों ने वेबिनार में बढ़चढक़र हिस्सा लिया तथा अपने-अपने विश्वविद्यालय की प्रगति रिर्पोट प्रस्तुत की तथा कोविड काल के दौरान ऑनलाईन टीचिंग की चुनौतियों तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर चर्चा की गई।
छत्तीसगढ़ की महामहिम राज्यपाल एवं छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग एवं सभी निजी विश्वविद्यालय की कुलाध्यक्षा सुश्री अनुसूईया उइके जी की अध्यक्षता में वेबिनार अत्यंत गरिमायी रूप से संपन्न हुआ। वेबिनार का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।