रायपुर
![पुरंदेश्वरी ही नहीं नबीन भी हैं नाराज, कुछ जिला अध्यक्ष स्वप्रेरणा से नहीं कर रहे काम पुरंदेश्वरी ही नहीं नबीन भी हैं नाराज, कुछ जिला अध्यक्ष स्वप्रेरणा से नहीं कर रहे काम](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1645535793urndeswari.gif)
बात हाईकमान तक जाएगी, हम तो गुजरात मॉडलअपनाना चाह रहे हैं...
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 फरवरी। प्रदेश भाजपा की प्रभारी डी पुरंदेश्वरी, और सह प्रभारी नितिन नबीन इस बात से खफा हैं कि जिला संगठन स्वप्रेरणा से काम नहीं कर रहा है। पुरंदेश्वरी ने मंगलवार को दिल्ली जाने से पहले कुछ नेताओं से कहा कि बस्तर संभाग में तो अब तक पन्ना प्रमुख नियुक्त नहीं हो पाए हैं।
प्रदेश प्रभारी पुरंदेश्वरी ने बस्तर संभाग के जिलों में संगठन के कामकाज की समीक्षा की है, जबकि पिछले सप्ताह सहप्रभारी नितिन नबीन बलरामपुर, सुरजपुर और कोरिया जिले का दौरा कर चुके हैं। दोनों ने सोमवार को वर्चुअल बैठक में अपने अनुभव साझा किए।
नितिन नबीन ने कोरिया का जिक्र कर कहा कि यहां संगठन ठीक से काम नहीं कर रहा है। बलरामपुर, और सुरजपुर के काम को लेकर भी संतुष्ट नहीं थे। नितिन नबीन ने तो यह तक कह दिया कि प्रदेश द्वारा तय कार्यक्रमों से परे जिले का संगठन स्वप्रेरणा से कोई काम नहीं करता है।
पुरंदेश्वरी तो बस्तर के जिलों के कामकाज से संतुष्ट नहीं है। उन्होंने दिल्ली जाने से पहले एयरपोर्ट पर कुछ नेताओं से वहां संगठन के हाल पर चर्चा की। पुरंदेश्वरी ने बताया कि अब तक पन्ना प्रमुखों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। बूथ स्तर पर अब तक सदस्य नहीं बनाए गए हैं। पुरंदेश्वरी पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष और राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश को जानकारी देंगी।
यहां बता दें कि बीते 2003 के बाद से 2018 के चुनाव में भाजपा को सरगुजा और बस्तर में करारी हार झेलनी पड़ी थी। उस चुनाव के अनुभव को देखते हुए पार्टी ने बूथों को मजबूत करने की योजना बनाई है। इसमें हर बूथ पर 10-10 लोगों की नियुक्ति की जानी है, लेकिन इन दोनों ही संभागों में ऐसी नियुक्तियों को लेकर जिला अध्यक्ष पूरी तरह से ढिलाई बरत रहे हैं। इसी वजह से दोनों प्रभारी नाराज है।
खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के चेयरमैन राजेंद्र तिवारी ने एयरपोर्ट पर प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी से कुछ देर चर्चा की। तिवारी ने कुलपति की नियुक्ति को लेकर राज्यपाल के रूख पर अफसोस जताया।
उन्होंने कहा कि सरकार तो कुलपति की नियुक्ति के मामले में गुजरात मॉडल अपनाना चाहती हैं। गुजरात में सरकार को कुलपति की नियुक्ति का अधिकार है। उन्होंने आगे कहा कि राज्यपाल को काफी पहले से जानते हैं। बहुत अच्छी महिला है, और उनकी बहन समान है। मगर उन्हें राजनीति से दूर रहना चाहिए। पुरंदेश्वरी मुस्कुराते हुए तिवारी की बात सुनती रही, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।